जुबैदा के पति असलम और सास ने इसलिए उसे घर से निकाल दिया क्योंकि उसने 3 बेटियों को जन्म दिया। उसके बाद पति ने कोई खोज खबर नहीं ली, बल्कि दूसरी शादी कर ली। जुबैदा ने खुद को मजबूती से खड़ा और हर मुश्किलों का सामना डटकर किया। तीनों बेटियां बड़ी हो गई और बेटों की तरह अपने फर्ज अदा करने लगी। सालों बाद पति असलम जुबैदा से मिलने आता है…अपनी गलतियों को सुधारना चाहता है… एक नए रिश्तें की शुरूआत करना चाहते हैं। क्या जुबैदा अपने पुराने जख्मों को भुलाकर इस रिश्तों को स्वीकार करेगी? जुबैदा की बेटियां क्या अपने पिता और सौतेली मां और उनके बच्चों को स्वीकार कर पाएगी? जानने के लिए सुनें पूरी कहानी।Read More