Made with  in India

Buy PremiumBuy CoinsDownload Kuku FM
3. Shatranj Ki Chal in  |  Audio book and podcasts

3. Shatranj Ki Chal

41 KListens
Buy Now
मिलिए सिद्धार्थ से, एक अच्छा वकील लेकिन एक बुरा इंसान। मिलिए राहुल से, एक अच्छा इंसान लेकिन एक बुरा डॉक्टर। और मिलिए शुचि से, एक अच्छी इंसान और एक बाकमाल डॉक्टर। शुचि सिद्धार्थ को एक अच्छा इंसान और राहुल को एक अच्छा डॉक्टर बनाना चाहती थी लेकिन मुंबई में हुए बम विस्फोट ने उनकी ज़िन्दगियों को उलट दिया। सुनें इस क्रांतिकारी कहानी को यह जानने के लिए कि कैसे सिद्धार्थ अदालत से एक अनोखी जनहित याचिका पारित करवाता है और कैसे राहुल एक बहुत अनोखी सर्जरी करने में कामयाब होता है उस लड़की को बचाने के लिए जिससे वो प्यार करते हैं। Follow Arpit Agrawal to get updates on his next book. • Facebook – arpit194 • Instagram – arpit1904 Voiceover Artist : Ruby Producer : Kuku FM Author : Arpit Agrawal
Read More
Transcript
View transcript

तीसरा चैप्टर शतरंज एकमात्र ऐसा खेल है जिसमें किस्मत से ज्यादा दिमाग का उपयोग होता है और शायद इसीलिए ये सिद्धार्थ का पसंदीदा खेल है । सिद्धार्थ अपने प्रशिक्षुओं तथा एक मेरे दोस्त आकाश के साथ शतरंज खेल रहा था । कुछ साल पहले क्लॉक कॉलेज से पास होने के बाद आकाश ने सिद्धार्थ को उसे अपने इंटर्न के रूप में नौकरी देने के लिए कहा । मैं इंटर नहीं रखता लेकिन मुझे कैसे आती की जरूरत है जो अदालत में मेरी फाइलें उठा सके । क्या तो ये काम करना चाहते हो? सिद्धार्थ ने आकाश का मजाक बनाते हुए कहा अगर हैरानी इस बात की है कि आकाशवाणी गया आकाश किसी भी सूरत में सिद्धार्थ के आसपास रहना चाहता था क्योंकि वही जानता था कि सिर्फ सिद्धार्थ के साथ रहने से गुजरता सीख सकता था, उतना ज्ञान उसे किसी भी किताब में नहीं मिलेगा । आखिर किस किताब में लोगों को ब्लैकमेल करने की उसके बताए गए हैं? सिद्धार्थ के साथ काम करने का सौभाग्य सिर्फ लायक लोगों को ही मिलता था । सिद्धार्थ के राजा की और अपनी रानी को तीन तिरछे कदम आगे बढाने के बाद आकाश को सिद्धार्थ पर जीत दर्ज करने की आस जगी । खुशी और डर के मिले जुले भाव के साथ आकाश ने छह कहा मगर इस साल का आकाश के दिमाग में आने से पहले ही सिद्धार्थ ने इसका अंदाजा लगा लिया था । इस खेल की यही खासियत है । सिद्धार्थ ने अपना हाथ उठा लिया और एक चाला मुस्कान के साथ कहा, तुम्हें पता है कि मैंने अपने राजा को तुम्हारे लिए खुला क्यों छोडा हुआ है । अक्षय शांत रहकर अपने बॉस के बाद को सुनना ही सही समझा । सिद्धार्थ के मुझ से निकले हर शब्द में गहराई होती है । जब लोगों को दूसरों पर हमला करने का मौका मिलता है तो वह अपने बचाव की परवाह नहीं करते हैं । बस यही उनसे चूक हो जाती है । मैं पूरे खेल के दौरान लोगों को एहसास दिलाता हूँ कि वह जीत रहे हैं । इससे वो कमजोर पड जाते हैं । आकाशवाणी तब तक अपनी गलती पकड ली थी । उस की रानी सिद्धार्थ के हाथ से उसके राजा को बचा रही थी । लेकिन विपक्षी राजा को निशाना बनाने के लिए वो अपने राजा का बचाव करना भूल गया । खेल खत्म सिद्धार्थ ने कहा और आकाश के राजा को गिराकर खेल समाप्त कर दिया । सिद्धार्थ आपने न एक लाइन से मिलने के लिए कचहरी पहुंचा । उसने अपने ड्राइवर को अपनी गाडी सडक के किनारे कचेहरी के पास खडी करने के लिए कहा । ये एक प्रभावशाली विधायक अनिमेष मेहता के बेटे का मामला था । मेहता साहब पहले से ही सिद्धार्थ का इंतजार कर रहे थे । उन्होंने सिद्धार्थ की कार को देखा और कार का बायां दरवाजा खोलकर अंदर बैठ गए । उन्होंने ग्रीन कलर के नेहरू जैकेट के साथ एक सफेद कुर्ता पायजामा पहना हुआ था । उनके व्यक्तित्व को निखारने और एक नेता की छवि को बनाए रखने के लिए हमेशा की तरह एक लाल तिलक उनके माथे पर लगा हुआ था । आपकी बेटी ने असल में क्या क्या है? मैदा साहब मुझे सच बताइए । सिद्धार्थ ने उन्हें देखते ही बिना किसी दुआ सलाम के पूछा । सिद्धार्थ वक्त बर्बाद नहीं करना चाहता था । मेरा बेटा निर्दोष है । मेरी छवि खराब करने के लिए विपक्ष से बजाने का हथकंडा अपना रही हैं । आप उसे बचा लीजिए । मैं उसे सलाखों के पीछे जाते हुए नहीं देख सकता । वह गिडगिडाया मेहता साहब मैं जज या फिर मीडिया नहीं हूँ । मैं आपका वकील हूँ । मैं यहाँ पर आपकी मदद करने आया हूं । झूठ मत बोलिए । मुझे सच जानना है । महत्व साहब के व्यवहार पर सिद्धार्थ भाग रहा था । विधायक दोहराते रहे कि उनका बेटा निर्दोष है, जैसे कि वो किसी समाचार चैनल की बहस में बोल रहे हो । मेरी गाडी से बाहर निकलिए । सिद्धार्थ झुंझलाकर चलाया क्या विधायक के चेहरे का रंग उड गया । अगर आपका बेटा बेकसूर है तो आपको मेरी क्या जरूरत है? शरीफ लोगों के लिए नहीं लगता । मैं सच्चाई के लिए नहीं बल्कि जीतने के लिए लडता हूँ । अदालत में ऐसा कुछ साबित नहीं करना चाहता जो पहले से ही साबित हो जाइए । इस काम के लिए किसी साधारण वकील से मिलिए विधायक एक मिनट के लिए छुट रहा और फिर बोला माफी चाहता हूँ । मैं आपको बताता हूँ की उस दिन क्या हुआ था । विधायक ने हाथ जोडकर कहा । उसे अपनी गलती का एहसास हुआ । इससे पहले विधायक एक शब्द भी कह पाते । सिद्धार्थ ने कहा उस दिन करन का जन्मदिन था । वो अपने दोस्तों के साथ जश्न मनाने कब गया था । वो नशे में धुत था । उसने देर रात और शराब मांगे । लेकिन बारटेंडर ने ये कहते हुए इंकार कर दिया कि काउंटर बंद करने का समय है और वे कोई और ऑर्डर नहीं ले सकते । मिस्टर मेहता सिर हिला रहे थे जैसे कोई कहानी सुना रहे हो और फिर आपके प्यारे बेटे करन ने अपनी खाली बियर की बॉटल से बारटेंडर का सिर फोड दिया । क्या मैं सही हूँ? मेहता साहब की चुप्पी सिद्धार्थ की जानकारी की पुष्टि करती थी । अब पहले से ये सब जानते थे । विधायक ने अपना माथा पीते हुए पूछा आपको लगता है कि मैं बिना मामले की तहकीकात किए आपसे मिलूंगा । यही आपको देश का सबसे बडा वकील बनाता है । आपको प्यास पास होने वाली हर चीज के बारे में पता होना चाहिए और कभी कभी होने से पहले ही पता चल जानी चाहिए । सिद्धार्थ को हर छोटी से छोटी बात पता थी फिर भी वो ऐसे मेहता साहब से सुनना चाहता था । शायद लोगों को तोडना उसे अच्छा लगता है और मौका मिलने पर वह ऐसा करता भी है । विधायक ने पूरे निवेदन किया वो बारटेंडर गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है । मेरा बेटा बहुत बडी मुसीबत में हैं । उसकी मदद करें । आप अदालत में मेरा इंतजार करें । मैं कार्रवाई के लिए कुछ देर में पहुंचता हूँ । सिद्धार्थ ने कुछ फोन कॉल्स के और केस के लिए कमर कस ली । साल की उम्र में वो एक सुपरस्टार का करियर बना चुका था जो न केवल कानूनी हलचल भी शामिल था बल्कि देशभर में सुर्खियां बटोर रहा था । छह फीट चार इंच की कदकाठी वाला सिद्धार्थ उन वकीलों में से एक था जो हम से कभी कभी टकराते हैं । वो अपने मन की बात बे झिझक कहता था और बहुत बार दूसरों का मन भी पढ लेता था । आप या तो उससे प्यार कर सकते हैं या उससे तुरंत नफरत कर सकते हैं लेकिन आपसे अनदेखा नहीं कर सकते हैं । अपना मोबाइल बंद करें । कचेहरी के प्रवेश द्वार पर चिपके कागज के टुकडे पर लिखा था, संसद के उलट अदालत में शांति की उम्मीद की जाती है । जस्टिस जयशंकर मेनन अदालत आए और बेल इसने अपने फेफडों के जोर पर चलाया । सभी खडे हो जाइए । सुपीरियर कोर्ट ऑफ महाराष्ट्र । माननीय जस्टिस मेनन की कार्रवाई अब शुरू होने वाली है । जस्टिस मेनन के चेहरे पर एक भी पाक चमक थी । दर्शकों में बैठे लोग उनके सम्मान में खडे हो गए थे और फिर से बैठ गई । अदालत की कार्रवाई शुरू हुई माय लॉर्ड ये आदमी करन समाज के लिए खतरा है । उसे कानून और न्याय का कोई डर नहीं है । सभी लोगों के सामने उसके गरीब बारटेंडर के सिर पर बोतल मार दिया और उस गरीब आदमी का क्या दोष था? उन्होंने बार के नियम का पालन किया और करण और उसके दोस्तों को अधिक बियर देने से इनकार किया । क्या ये वजह गरीब व्यक्ति को मारने के लिए काफी है? सरकारी वकील ने मामले को पेश करते हुए मुकदमा शुरू करने के लिए कहा । उसने कमरे बेचेन ऊर्जा से भर दिया । आजकल लोगों को क्या हो रहा है? क्या पुलिस और कानून का कोई भाई नहीं है? माय लॉर्ड मैं करन के लिए कडी से कडी सजा की अपील करता हूँ ताकि आपका निर्णय समाज के लिए एक मिसाल बन जाएगा और लोग सीखे की ऐसा गंभीर अपराध करने पर उन्हें बख्शा नहीं जाएगा । सरकारी वकील ने बैठने से पहले सिद्धार्थ को देखा मुकदमे की प्रस्तावना पर दर्शकों में मौजूद प्रेस और कुछ बाहरी लोगों ने ताली बजाकर समर्थन किया । वहाँ मेरे दोस्त आज आपने क्या शानदार भाषण दिया है? सिद्धार्थ ने खडे होकर के ताली बजाई लेकिन आप ये कैसे कह सकते हैं कि करण ने बॉर्डेन डर के सिर पर बोतल से वार किया । क्या आपके पास अपनी फर्जी कहानी के समर्थन में कोई सबूत या चश्मदीद गवाह है? इससे पहले कि सरकारी वकील कुछ कह सके? सिद्धार्थ ने कहा, माय लॉर्ड मेहताजी एक सम्मानित राजनेता है । वह आगामी चुनाव लड रहे हैं और उन्हें बदनाम करने के लिए उनके विरोधियों ने ये बकवास कहानी गढी है । करन निर्दोष है । मैं सहमत हूँ कि वो उस रात बार में मौजूद था लेकिन उसने बारटेंडर को नहीं मारा । और अगर मैं गलत हो तो वकील साहब किसी भी चश्मदीदों को पेश क्यों नहीं करते? अदालत में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा । सभी की नजर सरकारी वकील पर थी कि वह कोई चश्मदीद गवाह ला सकेगा या नहीं । इस मामले के गवाह को बुलाने के लिए मुझे एक घंटे का समय दीजिए । वकील ने अदालत से दरख्वास्त की, जस्टिस मेनन ने मंजूरी दे दी और वकील साहब को लंच ब्रेक के बाद चश्मदीद गवाह को पेश करने का आदेश दिया । अदालत की कार्रवाई को एक घंटे के लिए मुल्तवी किया जाता है, जो उस ने घोषणा की और चले गए । अगर वो चश्मदीद को पेश करता है तो क्या होगा? विधायक ने सिद्धार्थ से पूछा, उसका चिंतित होना स्वाभाविक था । चिंता मत करो, कुछ भी बुरा नहीं होगा । कम से कम आज तो नहीं । सिद्धार्थ को यकीन था कि वह इससे निपट सकता है । आखिरकारी उसके करियर का पहला लंच ब्रेक नहीं था । विधायक लंच ब्रेक के दौरान बेचैन हो रहे थे और उन्होंने खाना भी नहीं खाया । जब आपका बेटा गिरफ्तार होने वाला हो तो भला खाना कहाँ भाता है । मैं ये दबाव नहीं झेल सकता । मैं जाकर जज को खरीद लेता हूँ । विधायक ने सिद्धार्थ की आंखों में झांकते हुए कहा, जब पैसे और ताकत का गुरु बोलने लगता है तो दिमाग छुट्टी पर चला जाता है । कोई जरूरत नहीं हैं । ये बहुत खतरनाक हो सकता है । अगर वह पैसे लेने से मना कर दे तो क्या होगा? सिद्धार्थ ने पूछा तब मैं उसे और ज्यादा पैसे दूंगा । वो पूरी तरह हताश था । हर किसी की एक कीमत होती है । इस तरह हम कभी भी किस नहीं जीत पाएंगे । सिद्धार्थ ने आग्रह किया, विधायक एक बाल के लिए चुप हो गया लेकिन कुछ ही देर में उसने बेशर्मी से कहा, अगर कुछ भी गलत हुआ तो मैं यह सुनिश्चित कर लूंगा की इस जज को हमारी अगली सुनवाई से पहले इस अदालत से तबादला मिल जाए और एक नया जब हमारे मामले की सुनवाई करें । ठीक है । अगर आपसी खरीदना चाहते हैं तो मैं बात करूंगा, आप नहीं । सिद्धार्थ को यकीन था कि विधायक काम खराब ही करेंगे । सिद्धार्थ को जब से बात करने के लिए मजबूर किया गया था, मैंने उस कोर्ट रूम में तैनात एक नए जज थे और सिद्धार्थ उनके सामने पहला केस लड रहा था । अगर कोई और जज होता तो सिद्धार्थ उसे पैसे देने से पहले दूसरी बार सोचता भी नहीं । जस्टिस मैंने अपनी बीवी का बनाया । लंच खा रहे थे । जब सिद्धार्थ ने उनके कैबिन का दरवाजा खटखटाया । वो औरों की तरह का पार्टी और छुरी से नहीं बल्कि अपने हाथों से खाना खा रहे थे । वह बहुत ही विनम्र और साधारण होकर के भी प्रभावशाली थे । मैंने सुधार उनके सामने रखी । कुर्सी पर बैठने को कहा और उसे खाना खाने के लिए पूछा । इसका स्वच्छक हो । मेरी बीबी अच्छा खाना बनाती है । सिद्धार्थ ने कहा तो जैसे मैंने खाना खा लिया है । बताइए मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ? सिद्धार्थ साहब मेरे आप के बारे में बहुत सुना है । मैंने खाते हुए ही पूछा अगर आप चाहे तो आप बहुत कुछ कर सकते हैं । क्या आप रोजाना एक ही सब्जी के साथ साथ ही रोटी खाना पसंद करते हैं? मुझे लगता है कि आपको तंदूरी चिकन खाना चाहिए । सिद्धार्थ ने संकेत दिए कि वो असल में क्या कहना चाहता था । मंगलवार को मांसाहारी भोजन नहीं खाता । मैंने कहा बेशक वो इशारा समझ गए थे, लेकिन अनजान बने रहे । बाकी सभी दिनों की बात कर रहा हूँ । आप जानते हैं कि एक बडी हस्ती से जुडा मामला है और अगर ये मामला लंबा चलेगा तो ये मेरे क्लाइंट की छवि धूमिल होगी । क्यों ना इस मामले को इस लंच ब्रेक में ही सुलझा ले । ठीक है मैं भी से खींचना नहीं जाता था । जज ने कहा और सिद्धार्थ को ज्यादा महत्व दिए बिना अपना भोजन जारी रखा हरिभऊ मामला सेट हो गया । मैंने जितना सोचा था यह उससे कहीं ज्यादा आसान निकला । सिद्धार्थ ने सोचा और पूछा तो आप क्या चाहते हैं? अकरम से कहिए कि अपना गुनाह कबूल करें । इस तरह से किस दो मिनट में खत्म हो जाएगा? मैंने मुस्कुराकर के जवाब दिया । अगर मेरा मुवक्किल अपने आरोपों को कबूल करता है तो आपको इससे क्या हासिल होगा? आप ये सूखी रोटी जिंदगी भर खाते रहेंगे लेकिन अगर आप चाहे तो आप बिरयानी खा सकते हैं । इस बारे में एक और सूची का सिद्धार्थ साहब आप जानते हैं । ज्यादा मसालेदार और ज्यादा महंगा खाना मेरे पाचन के लिए अच्छा नहीं है । अदालत में मिलते हैं मेहनत की आवाज जरा उठी हो गई थी । एक ईमानदार शख्स के लिए किसी भी तरह की रिश्वत की पेशकश गाली की तरह होती हैं । सिद्धार्थ जज की कमरे से बाहर आया । विधायक दरवाजे पर उसका इंतजार कर रहे थे । वो कितना पैसा मांगता है । विधायक के सिद्धार्थ को देखती पूछा भ्रष्टाचारी को हर कोई भ्रष्ट लगता है । सिद्धार्थ जवाब देने के लिए नहीं रुका । बस इंकार में सिर हिलाकर के चला गया । वो किसी से बात करने की मनोदशा में नहीं था । दर्ज की बात अदालत की कार्रवाई फिर से शुरू हुई । मैंने अपनी कुर्सी संभाली और टाइपराइटर, मीडिया, जनता, वकील और बाकी लोगों ने भी अपनी अपनी जगह ले ली । सरकारी वकील ने एक युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर को सामने आने और कठघरे में खडे होने के लिए कहा । अदालत को बताइए कि आपका नाम क्या है और उस रात अपने पब में क्या देखा सर, मैं लोहित बंसल हूँ । मैंने देखा कि इसमें हाथ में बियर की बोतल लेकर के बारटेंडर के सिर पर मार दी । उसने करन की और इशारा करते हुए कहा तो ये साबित हो गया माय लॉर्ड । सरकारी वकील ने कहा और अपना पक्ष पूरा किया । विधायक का चेहरा फीका पड गया । उसे अपनी हार होती हुई साफ दिखाई दे रही थी । मैं इसका विरोध करता हूँ । सिद्धार्थ ने कहा उसे अब भी कुछ कहना था । उसे किसी भी तरह जीतना था । न्यायाधीश ने सिद्धार्थ को गवाह से सवाल करने की इजाजत दी । जब आप दस आदमी को बारटेंडर के सर पे मारते हुए देखा तो आप बार में क्या कर रहे थे? सिद्धार्थ ने गवाह के पास जाकर पूछा, सर मुझे नौकरी में प्रमोशन मिला है इसलिए मैं जश्न मनाने के लिए अपने साथियों के साथ वहाँ पर गया था । आपकी तरह के के लिए शुभकामनाएं । अपने बारे में जश्न कैसे बनाया? जाहिर है शराब पीकर सोचने की रात याद करते हुए हल्का सा मुस्कुराया । क्या आप की मौजूदगी में बाढ की रोशनी कम थी? हाँ सर बार में तो रोशनी आम तौर से कम ही होती है । मलौट अदालत की गरिमा को क्या हुआ? हम किसी ऐसे व्यक्ति के बयान पर किसी को कैसे दोषी ठहरा सकते हैं जो कि बार में नशे की हालत में था और उसे दोषी को कम रोशनी में देखा था । इसके अलावा हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ये व्यक्ति नजर का चश्मा भी पहनता है । कानून के अनुसार हम ऐसे व्यक्ति के बयान को मद्देनजर नहीं रख सकते । क्या म्यूजिक लाइन के लिए उस समय तक जमानत की अपील कर सकता हूँ जब तक की बारटेंडर अस्पताल से आकर खुद गवाही ना देते जज मेनन सच्चाई जानते थे । लंच ब्रेक में उनके साथ सिद्धार्थ की मुलाकात नहीं उनका शक दूर कर दिया था । लेकिन सबूतों की कमी के कारण उन्होंने करण को कानूनी तरीके से जमानत दे दी । जैसे ही जस्टिस मेनन ने जमानत की घोषणा की, सरकारी वकील ने फैसले पर आपत्ति जताई । जज उसे सुनने की कोशिश कर रहे थे कि तभी सिद्धार्थ को सिर में जोर का दर्द हुआ और वह चक्कर खाकर वहीं गिर गया । सिद्धार्थ की बेहोशी ने कोर्ट रूम में तबाही मचा दी । मीडियाकर्मियों ने अखबार के मुख्यपृष्ठ के लिए उनकी तस्वीरें ली और विधायक वाकई अपने नाखून चबाने लगे । जज ने सिद्धार्थ को अस्पताल में भर्ती करने का आदेश दिया और अगले महीने तक के लिए इस केस की कार्रवाई स्थगित कर दी । मेहता साहब ने खुद एम्बुलेंस बुलाये क्योंकि सिद्धार्थ ही एकमात्र ऐसा व्यक्ति था । आज उनके बेटे को उस समय बचा सकता था और वो अपने बेटे की जिंदगी का जोखिम नहीं उठाना चाहते थे ।

Details
मिलिए सिद्धार्थ से, एक अच्छा वकील लेकिन एक बुरा इंसान। मिलिए राहुल से, एक अच्छा इंसान लेकिन एक बुरा डॉक्टर। और मिलिए शुचि से, एक अच्छी इंसान और एक बाकमाल डॉक्टर। शुचि सिद्धार्थ को एक अच्छा इंसान और राहुल को एक अच्छा डॉक्टर बनाना चाहती थी लेकिन मुंबई में हुए बम विस्फोट ने उनकी ज़िन्दगियों को उलट दिया। सुनें इस क्रांतिकारी कहानी को यह जानने के लिए कि कैसे सिद्धार्थ अदालत से एक अनोखी जनहित याचिका पारित करवाता है और कैसे राहुल एक बहुत अनोखी सर्जरी करने में कामयाब होता है उस लड़की को बचाने के लिए जिससे वो प्यार करते हैं। Follow Arpit Agrawal to get updates on his next book. • Facebook – arpit194 • Instagram – arpit1904 Voiceover Artist : Ruby Producer : Kuku FM Author : Arpit Agrawal
share-icon

00:00
00:00