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भाग 05 in  |  Audio book and podcasts

भाग 05

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दिल्ली के एक मामूली ऑटो रिक्शा ड्राइवर की किस्मत ने बड़े ज़बरदस्त अंदाज़ में पलटा खाया और उसके हाथ 24 कैरेट शुद्ध सोने की 6 एंटीक मूर्तियाँ लग गयीं, जिनकी कीमत 10 करोड़ रुपये थी! लेकिन मूर्तियाँ मिलने के बाद उस ऑटो ड्राईवर के जीवन में तबाही, आतंक और बेहद चौंका देने वाली घटनाओं का ऐसा खौफनाक सिलसिला शुरू हुआ कि वह त्राहि-त्राहि कर उठा। जानने के लिए सुने "एक हादसे की रात!" Voiceover Artist : आशीष जैन author : अमित खान
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योगी को देखते ही कुलभूषण के शरीर में भीषण प्रकोप हुआ । महान उसने शिक्षा के अंदर आज के दर्शन कर लिया हो । निश्चय ही उस वक्त योगी ने बडी बडी मूंछों वाले उसका क्योंकि अपराधी को गिरफ्तार किया था और इसी सिलसिले में वो वहाँ मौजूद था । तभी टेलीफोन की घंटी बजी । फोन स्थानीय थानाध्यक्ष निश्चित किया । कुछ देर बडे ध्यान से कोई आदेश सुनता रहा और उन हाँ करता रहा टाॅवर वापस क्रेडल पर रख दिया । किसका फोन था? उस वक्त योगी ने मनपसंद ब्रैंड फोर स्क्वायर के सिगरेट सुलगाते हुए पूछा सर हेडक्वॉर्टर्स फोन था । थानाध्यक्ष ने बताया संग्रहालय से सोने की जो छह नटराज मूर्तियां चोरी हुई थी आज उन्हीं के सिलसिले में दोपहर दो बजे हेड क्वार्टर के अंदर एक मीटिंग है । नटराज नियुक्तियों के नाम से कुलभूषण के कान खडे हो गए । सुना है ऍम बोला उन मूर्तियों की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में दो करोड रुपया की गई है पूछ ये सच है थानाध्यक्ष थोडे ज्यादा स्वर्ग में बोला हूँ । और सबसे बडी हैरतंगेज बात ये कि दिल्ली के विभिन्न संग्रहालयों में से ऐसी दुर्लभ यानी एंटीक वस्तुओं की लगभग आठ चोरी हो चुकी है लेकिन चोर आज तक नहीं पकडा जा सका । दिल्ली पुलिस कोशिश तो बहुत कर रही है उसका क्योंकि बोला कोशिश सिर्फ कोशिश । स्थानीय थानाध्यक्ष ने कसैला समूह बनाया । हमारी उन कोशिशों का आज तक कोई भी रिजल्ट नहीं निकल सका । क्या कर सके हम आज तक सेवा ये पता लगाने के तीन दुर्लभ वस्तुओं की चोरी के पीछे जरूरी कोई बडा अपराधी संगठन सक्रिय है को पहुंचना खडा रह गया हूँ । हूँ तो आप फ्री मूर्तियों की कीमत दो करोड रुपए उन्हें संग्रहालय से चल रहा गया है और और दिल्ली पुलिस में ही मूर्तियों को लेकर इतनी हायतौबा मची है । इतना हर काम बचा है । अब कुलभूषण की हवा खुश होगा । यही वो पल था जब स्थानीय थानाध्यक्ष बडी कडक दार आवाज कुलभूषण के कानों में पडेगी क्या? क्या इसमें फौरन कुलभूषण के विचार श्रृंखला टूटी साहब नहीं खडा । खबरदार बोला ये बस में बिना टिकट यात्रा कर रहा था । रात ही पकडा गया है क्यों मैं थानाध्यक्ष खडा बिना टिकट यात्रा क्यों कर रहा था तो पैसे नहीं थे साहब लोग बट थानाध्यक्ष ज्वालामुखी की तरह पडा । ऐसे नहीं थे तो बस में ही क्यों छोडा था । पैदल चलते टाॅयलेट उठती हैं । कुलभूषण चब्बा भी रखा था उच्च सुनता था की वहाँ जेब कटने वाली उसके बाद पर कोई यकीन नहीं करेगा । अगर उसने वो बात अपनी जबान से बाहर निकली तो उसकी प्रभास की जांच पड सकते थे । वो घुटा हुआ मुस्लिम साबित हो जाता है । हम क्या तेरा धान अध्यक्षों से थोडे जैसी फटकार लगाई? कुलभूषण नैक्सट पटाई श्रीनगर योगी पर डाली । उधर क्या देख रहा हरामी थानाध्यक्ष फॅमिली करके चल खडा इधर देख क्या धरा तो कुलभूषण रहता गायब न्यू दिल्ली में अब भूतनी के दिल्ली में कहाँ रहता है? थानाध्यक्ष को रहा । मोहल्ले का भी कुछ नाम होगा आप और भूषण की फॅमिली उसे मालूम था कि इधर उसने किशनपुरा का नाम अपनी जबान से बाहर निकाला । उधर उसमें सहयोगी फौरन हरकत में आ जाएगा । एक काम पहचान लेगा उसे और उसके पास नहीं ऍम जवाब नहीं दिया । थानाध्यक्ष ऍम ऐसा है कुलभूषण जो तो अगले हरामी बोलता नहीं है । कुत्ता समझता है मुझे मुंबई सवाल नहीं लेते रहे आपको उसमें चिंघाडते हुए थानाध्यक्ष कुर्सी सोच चलकर खडा हुआ और फिर बिजली जैसी फुरती सपना ठंडे की तरफ सकता । प्रदूषण का फोर फोर कहाँ था मैं देखता हूँ सूअर थानाध्यक्ष फिर दहाडा मैं देखता हूँ तो कैसे नहीं बोलता हूँ तो आप भी बोलेगा पर अगर आज मैंने बार माल करते ऍम से चमडिया लगना कर दी तो मैं अपने आप से पैदा नहीं । उस समय करते हुए थानाध्यक्ष नहीं झटकर अपना डंडा उठाया । फिर वो जैसे ही उसे मारने के लिए दौडा ॅ नहीं और ऍम क्या क्या नहीं ऍम कुलभूषण खोजत आलम ने बोला मैं बताता हूँ सब कुछ बताता हूँ । चली बता तो किशनपुरा मैं किशनपुरा में रहता हूँ साहब और जिस बहुत कपल ट्यूशन को डर था वही हुआ । किश्नपुरा का नाम लेते धमाका सा हो गया । किश्नपुरा का नाम सुनकर थानाध्यक्ष तो नहीं चौका लेकिन इंस्पेक्टर योगी जरूर मुझे बडा उसकी आंखों में एक का एक अचंभे जैसे भावों भर गए तो तो किशनपुरा में रहता है कुलभूषण तो वही कुलभूषण ऍम योगी झटके से ही छोडकर उठा और पर तेजी से उसकी तरफ बडा । वहीं कुलभूषण जो ऑटो चलता है भूषण की आंखों में बहुत कि छाया डोल गई । उसने अपने हाथ पैर ढीले छोड दिए क्योंकि वो समझ चुका था तमाम कोशिशों के बावजूद वो आखिरकार जोगी के शिकंजे नहीं पहुँच चुका है । जब आप क्योंकि उसका गिरेबान पकडता पूरी तरह से थोडा ऑटोड्राइवर कुलभूषण ही है ना? हाँ कुलभूषण भारी मन से बोला मैं वहीं हूँ और और वो भी तू ही था क्योंकि उत्तेजित हो था जो बुधवार की रात को ऑटो ड्राइवरों की हडताल के बावजूद रीगल सिनेमा के सामने खडा था तो पूर्व नहीं था साहब झूठ बोलता है साले योगी हिंसक लगे में बोला झूठ बोलता है मैंने पूरे टेस्टी खूब अच्छी तरह वेस्टिगेशन की है मेरे पास मौका ए वारदात की दवाइयां और सबूत हैं तो साफ साफ तेरी वहाँ मौजूदगी साबित करते हैं । अब चाहे कुछ भी कहे साहब कुलभूषण धड लहजे में बोला मैं बुधवार की रात रीगल सिनेमा के सामने नहीं था तो नहीं था । फिर पूरे दिल्ली शहर में ऑटो ड्राइवरों की हडताल चल रही है । साहब मुझे अपनी आफत पुरानी थी जो मैं यूनियन के नियम तोडकर तो किस और रीगल के सामने जाकर खडा होता है । यानी तूने नियम नहीं थोडा योगी उससे भस्म कर देने वाली नजरों से पूरा तो बिलकुल नहीं । साहब झूठ बोलता है हरामी योगी ने उसका ऍम और पूरी तरह से थोडा झूठ बोलता है मेरी मेरी क्या मजाल साहब जो मैं आपसे झूठ बोलूँगा आप जैसे बडे सरकारी अफसर से झूठ बोलूँ तुम्हें उस पत्र योगी जहरीले आपकी तरफ कार तू बुधवार की रात वाकई रीगल सिनेमा के सामने नहीं था । कुछ साहब अच्छा फिर तो रात मंत्रा के घर से भगा क्यों होगी? जीतता चला गया अगर तू बेकसूर था साले क्योंकि नौं थोडा तो कुछ नहीं किया था तो रात मेरी आवाज सुनकर तरी हवा खराब हुई हैं । ऍम था कुलभूषण ने पूरे तीस पहले शुरू कर दिया की मैं रात मंत्रा के घर से भागा था मैं मैं कहता हूँ जरूर आपको कुछ गलत हो गये साहब मैं मैं मैं नहीं लगा था । टूट फिर झूट अपरोक्ष में चिंघाडते हुए योगी ने अपने लोग हैं जैसे हाथ का एक ऐसा प्रचंड छाप कुलभूषण के ऊपर माना कि वह गलत धारदर चला था । उसकी आंखों के गिर रंग बिरंगे तारीख हो गए । मुझे झूठा साबित करता है । मेरे से जवान दादाजी करता है । योगी ने धडाधड दो झापड और उसके ऊपर जडे और पर्ची कटा हुआ बोला रात बाल लेने एकदम साफ तौर पर मुझे रिपोर्ट दी थी । उसने तुझे अपनी आंखों से मंत्रा के घर में घुसते देखा है और उसकी रिपोर्ट मिल रही ना फौरन ढाका भगाकर पूरा पहुंचा । लेने जरूर आपसे छूट बोला होगा । साहब कुलभूषण कप कपालेश्वर में बोला वो समझता है कि मैंने उसके चाचा का खून किया है । किसी वजह से वो मुझ से बदला लेना चाहता है । उस पर सहयोगी फौरन फौजदार की तरफ कुमार रात टिकट क्या कर सकते स्वच्छ यहाँ पकड कर रहे थे मतदान सकपकाया हाँ तो क्या बाॅस मुझे नहीं मालूम साहब फिर भी अंदाजन ही कोई साढे बारह और एक के बीच का वक्त रहा होगा । सुना सुना योगी फिर करनी की तरह वापस कुलभूषण की तरफ घूम गया । सुना हवलदार क्या कह रहे हैं? क्या कह रहा हूँ ग्रुप के पत्ते योगी कलमला ये कहता है की टिकट जाकर तो साढे बारह और एक बजे के बीच में यहाँ लेकर आए । यानी उन्होंने साढे बारह बजे के करीब जब उसके अंदर पकडा और बारह बजे के आस पास मैंने बल्ले के इन्फॉर्मेशन पर मंत्रा के घर रेड डाली थी । और इन सभी घटनाओं की टाइमिंग से बात पूरी तरह साबित होती है की तू तू मंत्रा के खर्चे फरार होकर सीधे बस पकडी और तभी तूने बिना टिकट यात्रा करने के अपराध में गिरफ्तारी हुई । पुलिस से बचकर रही भागा अगर तू पुलिस समझ कर नहीं भगा । इस पत्र योगी टाॅपिक करता हुआ बोला तो तूने पाँच तो पकडे तो इतनी रात को कहाँ जा रहा था ऍम ऐसी पकडना अच्छा ऐसी ऍम मेरा थोडा सैरसपाटा करने को दिल चाहा था । इतनी रात गए योगी ने उसे भस्म कर देने वाली नजरों से पूरा इतनी रात गए । तेरह सैरसपाटा करने को दिल चाहता साले जेब में एक पैसा नहीं था और तेरह सैर सपाटा करने को फिर चाहा था । वाह! क्या कहानी है कुलभूषण सब लगाकर दाएं बाएं बगले झांकने लगा । उसकी खामोशी ने योगी के गुस्से पर ही डालने जैसा काम किया । योगी ने आवेश में फुफकारते हुए कुलभूषण के शरीर पर लाख घूसे बरसा डाले । हक कारकर उठा कुलभूषण उसके करुणा ऍसे कक्ष की दीवार दहल गई । लेकिन योगी ने उस पर तरस नहीं खाया । उसका कलेजा नहीं कहा । पास तीन चार मिनट नहीं उसने कुलभूषण की वो दुर्गति का डाली । शायद ही उसके जीवन में पहले कभी हुई हो तो अपने शरीर पर तारतार होकर झूलने लगे । कुलभूषण अब जमीन पर चारों खाने चित पडा । जोर जोर से हिचकियां लेकर हो रहा था । अब भी देखता हूँ साले योगी ने भरा उसके एक लाख जडी और द्वारा अपनी देखता हूँ तो कैसे कबूल नहीं करता कि उस रात रीगल सिनेमा के सामने तो ही था । फिर योगी टेलीफोन की तरफ पड गया । स्थानीय थानाध्यक्ष जो अभी तक वस्तुस्थिति से अंजाम था, उसने जिज्ञासावश पूछा अगर बात होगी क्या किया? उसने इसमें इंस्पेक्टर योगी ने हिचकियों से रोते कुलभूषण की तरफ घालय की तरफ उंगली उठाई । इसने चीना पहलवान की हत्या की है । छुट्टी ऍम वहाँ मौजूद प्रत्येक व्यक्ति का मुझसे चीना पहलवान का नाम सुनकर संस्कारी छूट गई । खास तौर पर थोडी बडी मुछे वाला वो हत्यारा तो सुन नहीं खडा रह गया जिसमें कुलभूषण ऍम सब तुम जब कि कुलभूषण अभी भी सोच जोर से हिचकियां लेकर हो रहा था । इंस्पेक्टर योगी ने कहीं फोन किया उन करने के लगभग पंद्रह मिनट जिस व्यक्ति ने पुलिस स्टेशन कदम रखा उसको देखते ही कुलभूषण के होश होना हो गए । ऍम था जिसने बुधवार की रात कुलभूषण की ऑटो रिक्शा को आईटीओ के ओवर ब्रिज सहित थोडा आगे स्पीडिंग के अपराध नेरोका वहाँ मौजूद हवलदार और बडी बडी मुछे वाला हत्यारा । उस सभी अब कुलभूषण से दहशत ज्यादा नजर आ रहे थे । ऐसा ही होना था फॅमिली आते ही कुलभूषण को पहचान लिया । उसने कहा कि बुधवार की रात उसने जिसपे ऑटो रिक्शा को मंडी हाउस जाने वाले मार्ग पर रोका उसका चौदह वही था । उस ने ये भी कहा किसके ऑटो रिक्शा में बडे मोटे पेट वाली लडकी थी । इसके फौरन बच्चा होने वाला था तो उस लडकी पता जान सकते हो । योगी ने सब इंस्पेक्टर से पूछा सब इंस्पेक्टर थोडा हिचकिचाए? जवाब दो सॉरी सर । उस इंस्पेक्टर की आवाज निराशा में डूबी हुई थी । दरअसल रात गहरी थी फिर सडक पर बिल्कुल करीब कोई रोड लैंपी नहीं चल रहा था । इसलिए मैं लडकी का चेहरा बिल्कुल साफ तौर पर ना देख सका । मैंने तो उसके ऑटो का नंबर भी इसलिए नोट कर लिया था सर क्योंकि सभी ऑटो ड्राइवरों की हडताल चल रही थी । अगले दिन मुझे जब मालूम हुआ कि कोई चीज ना पहलवान को ऑटो में लेकर फरार हुआ है और चीन पहलवान की लाश इंडिया गेट पर पडी गयी है तो मैंने इसकी फोटो का नंबर आपको सौंपना ज्यादा मुनासिब समझा । लेकिन क्रिस ये कहाँ अमित होता है पूरी पांच सुनकर कुलभूषण के अंदर हौसला जा गया । चीना पहलवान को मैं ही रीगल सिनेमा से लेकर भागा था । दिल्ली शहर में हजारों की तादाद ऑटो रिक्शा है साहब । हो सकता है कि जो चीना पहलवान को रीगल सिनेमा के सामने से लेकर फरार हुआ वो कोई और ड्राइवर हूँ । इस घटना से मेरा प्राप्त साबित ही नहीं होता होता है । होता है तरह अपराध भी साबित हुआ । उस पत्र योगी गजब का आत्मविश्वास के साथ बोला था तेरह चीना पहलवान की हत्या में इसलिए अपराध साबित होता है कुलभूषण क्योंकि तो उन्हें बुधवार की रात इन सब इंस्पेक्टर साहब को जिस लडकी के बारे में ये बताया था कि पेट से है वो लडकी हकीकत में पेट से थी ही नहीं । कुलभूषण चौका ये बात आप इतने लेकिन के साथ कैसे कह सकते हैं क्योंकि वो एक बेहद पतली दुबली लडकी थी । योगी धमाके पर धमाके करता हुआ बोला और उस समय वो एक लाख के ऊपर लेती थी । आज के ऊपर कुलभूषण के मुझे ठीक नहीं । हाँ जो भी बडे सहज भाव से बोल लाश के पर इस की लडकियों पर जीना पहलवान की लाश किसकी लाश कुलभूषण के दिल दिमाग पर बिजली सी गडबडा कर गिरे उसके नेत्र हैरत से फैल गए या वो कैसे मालूम वो लडकी चीरा पहलवान कैलाश ऊपर लेती थी ये शब्द कहते हैं कुलभूषण अपना फोर्स उससे गलती हो चुकी थी । भयंकर गलती ये सवाल पूछकर उसने लगभग कबूल ही कर लिया था कि हूँ अपराधी है जबकि मुस्कराया योगी बडी खतरनाक ढंग से मुस्कराया मैं तुझे बताता हूँ । योगी बोला कि मुझे ये बात कैसे मालूम हुई वो लडकी एक लाश के ऊपर लेती है । दरअसल अगर वो लडकी सचमुच पेट से होती है और उसकी हालत वाकई उतने ही सीरियस होती जितनी तू बयां कर रहा था । तो उस लडकी को फौरन किसी हॉस्पिटल के मैटर्निटी वॉर्ड में जरूर भर्ती कराया होता है और होता है नहीं । कुपोषण चुका, उसका दिल दूर जोर से धडकने लगा । यही बात अब उन्हें बुधवार की रात उन सब इंस्पेक्टर साहब के सामने भी कही थी क्योंकि आगे बोला तो उन्हें बेहद बौखलाएं हुए अंदाज में कहा था कि लडकी की हालत काफी सीरियस है । भाई ने कहा है कि अगर लडकी की जिंदगी चाहते हो तो फौरन इसे किसी बडे हॉस्पिटल ले जाओ लेकिन हूँ लेकिन क्या? लेकिन तो उस लडकी को किसी हॉस्पिटल में लेकर नहीं गया । योगी ने झटके के साथ कहा क्या सबूत आपके पास कुलभूषण बोला कि मैं उस लडकी को पीछे हॉस्पिटल में लेकर नहीं गया । सभु सबूत मांगता है । मुझे स्पैक्टर योगी को रह था । उसकी आंखों में खून कराया । सोले मुझे समझ स्पैक्टर से जैसे ही तेरी ऑटो रिक्शा का नंबर मिला तो मैंने फौरन तमाम हॉस्पिटलों की चेकिंग के थे । वहाँ के मेटरनिटी वार्डों की भर्ती रजिस्ट्री चाहती थी और मानव मेरी उस सारी भागा दौडी का क्या नतीजा निकला ऍम मुझे होगा योगी तब पिस्ता हाँ बोला । बुधवार के साथ दिल्ली शहर के किसी भी हॉस्पिटल के किसी भी मेटरनिटी वार्ड में उस समय के आस पास डिलीवरी का कोई भी कोई भी केस एडमिट ही नहीं हुआ था । कुलभूषण शन रह गया एक दम सन वॅाटर योगी को इस तरह देखने लगा मानव साक्ष्य आपको तो मिला और उसके सामने आकर खडी हो गई हो । उसने तो कल्पना भी नहीं की थी कि पुलिस इतने मामूली से प्वाइंट को लेकर इतनी छब्बीस तक पहुंचाएगी । बहरहाल योगी ने उसका तमाम सपनों को तोड दिया था । योगी ने साबित कर दिया था कानून के हाथ वाकई बहुत लम्बे होते हैं जिनसे कोई नहीं बच सकता है । अगर तो अब भी यही कहता है । उस वक्त योगी बडी खबर के साथ बोला की तेरी ऑटो रिक्शा की पिछली सीट पर चीना पहलवान की लाश नहीं बल्कि कर धारण किए हुए कोई लडकी थी कुछ कर सकता है मुझे कोई एतराज नहीं लेकिन फिर तो मुझे हॉस्पिटल का नाम बता जिसमें तुम्हें डर धारण किए हुए उस लडकी को एडमिट कराया था । और क्या इसके अलावा मुझे उस लडकी का भी नाम बता योगी बोला जो गरीब से थी । उस लडकी का एड्रेस बताओ ताकि पुलिस उसके घर जाकर उससे पूछताछ कर सके और अपना एक शक दूर कर सकें कि बुधवार की रात तेरी ऑटो रिक्शा में गर्भ धारण किए हुए कोई लडकी थी भी या नहीं । कुलभूषण फिर जो फिर खाना सिर्फ दहशत ज्यादा आपको सिर्फ और बाढ सबके चेहरे देख रहा था । कुछ बोलता था कि वो बहुत बडी मुश्किल में पहुँच चुका है । इन सब बातों के अलावा इसलिए भी तरह अपराध साबित होता है इस बार फॅर क्योंकि बुधवार की रात फ्लाइंग स्क्वॉड दस्तों ने पूरी दिल्ली में सिर्फ दो बार ऑटो रिक्शा देखी । पहली बार ऑॅयल सिनेमा के पास देखी गई जबकि दूसरी बार मैंने मंडी हाउस के करीब देखो क्योंकि रीगल सिनेमा के पास गश्तीदल के गार्डों ने चीना पहलवान को अपने पैरों से दौड कर ऑटो रिक्शा में सवार होते देखा था तो बात भी खुद ब खुद ही साबित हो जाती है कि चीना पहलवान ऑटो में बैठने के बाद मारा और ऑटो रिक्शा ड्राइवर नहीं उसे इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के पास है का । इसके अलावा एक सबसे महत्वपूर्ण बात ये सब इंस्पेक्टर ने अपने शब्दों पर पूरी तरह जोर दिया । इंडिया गेट के आसपास गश्त लगाते फ्लाइंग स्कॉट के और दस्तों ने भी तेरे अलावा किसी दूसरी ऑटो रिक्शा को इलाके में नहीं देखा । अगर वो किसी दूसरी ऑटो रिक्शा को देखते तो हडताल होने की वजह से उन का खास ध्यान जरूर उस तरफ जाता और तुझे बच्चन करानी होगी । कुछ हो जाये इंडिया गेट के आसपास कष्ट लगाते फॅमिली ऐसे दो दस से और हैं जिन्होंने बुधवार की रात मेरी ऑटो रिक्शा उस इलाके में देखी और हडताल होने की वजह से उन्होंने तेरी ऑटो रिक्शा का नंबर भी नोट किया । कुलभूषण के माॅ पटाखे छूटने लगे । उसे अपना दिमाग अंतरिक्ष में चक्कर करता हुआ महसूस हुआ लेकिन ये जरूरी तो नहीं कुलभूषण लगभग हथियार डालता हुआ बोला कि चीना पहलवान की हत्या भी उसी ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने की हो जो ऑटो रिक्शा में चीना पहलवान को रिगल के पास से लेकर भागा था । बिल्कुल जरूरी है योगी दृढ लहजे में बोला बिल्कुल उसी ऑटोड्राइवर नहीं चीना पहलवान की हत्या की है । क्यों जरूरी है क्योंकि कोई और हत्या कर ही नहीं सकता । योगी पहले की तरह ही तृण लहजे में बोला कोई और प्राइम सस्पेक्ट है ही नहीं । तो जब चीना पहलवान सही सलामत अपने पैरों पर भागता हुआ ऑटो में बैठा तो उसकी हत्या ऑटोड्राइवर के अलावा कौन कर सकता है? फिर उसी ऑटोड्राइवर नहीं चीरा । पहलवान की लाश को ठिकाने भी लगाया । यानी दोनों जगह एक ही आदमी मौजूद था चीना पहलवान की सलामती पर भी और उसके इस दुनिया से कूच कर जाने के बाद हैं । इस सारी हकीकत एक ऑटो ड्राइवर की है और ऍम है सर तो नहीं मैं नहीं हूँ । झूठ बोल रहा है स्पॉटर योगी ने लिखा है उसे इतनी जोर से खुद का कि कुलभूषण ऍम हो गई तो मैं निर्दोष हूं । फिर भी कुलभूषण ने आर्तनाद क्या? मैं बिल्कुल बेकसूर साहब कसूर नहीं, तुम्हें दोष भी नहीं क्योंकि उसे कहर बरपा करती । आंखों से खोलता हूँ । बोला सच्चाई ये है की तो बेहद चालाक अपराधी है तो आतंक मुस्लिम है और मुझे तो ये सोचकर हैरानी हो रही है कि तेरे जैसा दुर्दांत अपराधी आज तक दिल्ली पुलिस की नजरों से बचा कैसे रहा? क्योंकि तेरा नाम तो अपराधियों की लिस्ट में सबसे ऊपर होना चाहिए था । देखिए आप मेरे बारे में बहुत खतरनाक अंदाजा लगा रहे साहब मैं बिल्कुल भी ऐसा रही हूँ । कुलभूषण धर धर काॅल अच्छा अब मेरे एक सवाल का जवाब तो पूरा वो भी पूछ रीगल सिनेमा के पास वो दो गोलियाँ किसने चलाई जिनकी आवाज सुनकर आप के मुताबिक गश्ती दल के दोनों पुरुषकर्मी गली में दौडते थे । खुद जीना पहलवान ने वो गोलियाँ चलाई थी । योगी ने एकदम से जवाब दिया जिस चीज ऍम कुलभूषण करना बहुत में एक और बम पडा तो पुलिस कर्मियों ने का चीना पहलवान गोलियां चलाते देखा था । नहीं देखा तो फिर फिर आप कैसे कह सकते हैं कि वो गोलियाँ चीना पहलवान ने चलाई थी । ये भी हो सकता है साहब गोलियाँ चीना पहलवान के ऊपर किसी और ने चलाई हूँ । जी नहीं, ऐसा नहीं हो सकता । योगी ने पूरे यकीन के साथ इंकार ब्लॅक नहीं हो सकता था । कुलभूषण की आंखों में रानी के भाव करने लगे थे । हम मुश्किल है क्योंकि अगर किसी ने वो गोलियाँ चीना पहलवान पर चलाई होती तो चीना पहलवान के दृश्यम पर खून के धब्बे तो होते हैं । कुछ निशान तो होते हैं जिनसे साबित होता कि उसे गोलियाँ लगी है जबकि रीगल सिनेमा के सामने गश्तीदल के जिन पुलिस कर्मियों ने पहलवान के शरीर पर खून कर ऐसा भी कोई धप्पा नहीं देखा था और कुछ नहीं संसद खडा रह गया । उसे फौरन याद आया कि चीन आॅटो में आकर बैठा था तो खून के धब्बे उसे भी नहीं दिखाई दिए थे क्योंकि जीना पहलवान ने ऊपर से नीलम की बढ साथी जो पहन रखी थी, जरूर चीना पहलवान ने वो बरसाती गोलियां लगने के बाद ही होगी । कुलभूषण को अपने हाथ पैरों की जान निकलती महसूस हुई । उसे लगा जैसे वो किसी भयानक षडयंत्र का शिकार होता जा रहा है । लेकिन छीना पहलवान ने रीगल सिनेमा के पास वो वो दो गोलियाँ क्यों चलाई थी? जरूर जरूर उसने किसी से काले रंग का वो ब्रीफकेस छोडने के लिए उस पर गोलियां दागी होगी । इसे लेकर वो भगते देखा गया । योगी ने कल्पना की एक नई उडान बडे खूबसूरत ढंग से पेश जब किसी ने छीना झपटी की ऐसी कोई रिपोर्ट कहीं पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है नहीं अगर किसी के साथ ऐसा हादसा हुआ था कुलभूषण बोला तो उसने रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं कराई और खाद नहीं तो क्या समझते होंगे । फॅमिली किस्म के लोग ऐसी वारदातों की रिपोर्ट पुलिस स्टेशन में दर्ज कराते हैं । यानी आपका मतलब प्रोफेशन चक्कर बोला जिससे चीना पहलवान की झडप हुई । वो भी चीना पहलवान की तरह ही कोई बडा बदमाश था, हिस्ट्रीशीटर वाली था एक शक्ति वो भी कोई वाली ही था । योगी बोला और उस ब्रीफकेस को हथियाने के लिए तुम चीना पहलवान के मददगार के तौर पर उसके साथ थे । चीन पहलवान को ब्रीफकेस छीना था और तुम्हें चीना पहलवान ऑटो में बैठाकर घटनास्थल से फरार होना था । लेकिन लेकिन तुमने मौके पर चीनी पहलवान के साथ विश्वास घात कर दिया । पीछे वो क्यों? दरअसल चीना पहलवान जो प्रीति किसी से हत्याकर भागा था उसमें जरूर कोई बहुत मूल्यवान वस्तु थी । ऍम योगी बोला कोई बडा माल बता था उस मूल्यवान वस्तु को देखकर तुम्हारी नियत खराब हो गई और इसीलिए तुमने उस ब्रीफकेस को हडपने की खातिर सबसे पहले चीज ना पहलवान कि चुप चाप हत्या कर दी है और फिर उसकी लाश इंडिया गेट के सुनसान झाडियों में डालना है और यही वजह है कि वह ब्रीफकेस झाडियों में चीना पहलवान की लाश के नजदीक ना पाया गया और ऍम नहीं पाया जाना ही इस की शहादत देता है । उसके अंदर जरूर कोई खास फर्स्ट थी । प्रदूषण का दिमाग नहीं और तेज धमाके होने लगे जब की उसके बाद इंस्पेक्टर योगी ने कुलभूषण पर सीधे सीधे चीना पहलवान की हत्या का इल्जाम लगाते हुए जो मनगढंत कहानी सुनाई उसने कुलभूषण के रहे सही होश भी फोन कर दिए ।

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दिल्ली के एक मामूली ऑटो रिक्शा ड्राइवर की किस्मत ने बड़े ज़बरदस्त अंदाज़ में पलटा खाया और उसके हाथ 24 कैरेट शुद्ध सोने की 6 एंटीक मूर्तियाँ लग गयीं, जिनकी कीमत 10 करोड़ रुपये थी! लेकिन मूर्तियाँ मिलने के बाद उस ऑटो ड्राईवर के जीवन में तबाही, आतंक और बेहद चौंका देने वाली घटनाओं का ऐसा खौफनाक सिलसिला शुरू हुआ कि वह त्राहि-त्राहि कर उठा। जानने के लिए सुने "एक हादसे की रात!" Voiceover Artist : आशीष जैन author : अमित खान
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