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फॅमिली कुलभूषण की ठीक सुनते ही मंत्रा एक दम उछलकर खडी हो गई । फिर वो आनंद फाइनल में दरवाजा खोलकर बाहर निकली और पेट बना फुर्ती से । पर भूषण के घर की तरफ लगभग पडेंगे । ऍम था मंत्रा दनदनाती हुई भीतर खुसी और नहीं था ही । मंत्रा के काम से भी तेज जी खारिज तो होते बची । वर्ष कब बिल्कुल बीचोबीच? एक लंबे कडियल आदमी की लाश पडी थी । उसकी पड जाती । आधी से ज्यादा खून से लतपत थी । अजनबी की मौत दो गोलियां लगने से हुई थी । उसकी पीठ में धंसी हुई थी । उसके अलावा जो सबसे ज्यादा चौका देने वाली बात थी कोशिश की । अजनबी ने काले रंग के ब्रीफकेस को मरने के बाद कस्टर अपने सीने से चिपका रखा था । तुम क्या क्या लाश को देखते ही मंत्र जिस्म का एक एक रोज खडा होता था मैंने थरा उठा कुलभूषण क्या तुमने उसकी हत्या नहीं थी? ऍम करने लगा । कुलभूषण ऍम बोला मैं तो ये भी नहीं जाता कि कौन है ऍम? कुलभूषण ने बडी तेजी से पूरी घटना बयां कर दी । साॅस हम सब घटना वाकई सनसनीखेज होती है । अगर इसके पीछे पुलिस लगी थी कॅश तब तो संभव है कि पुरुष नहीं से गोलीबारी हो मुझे भी यही लगता है मंत्र की जरूरी से पुलिस ने गोली मारी है । कुलभूषण बोला ये कोई अपराधी है तो पुलिस से बचकर भाग रहा था । इसके अलावा ही पांच और मुमकिन है क्या मौके का फायदा उठाकर हो सकता है इसकी पीजी सहयोगी दही से कोहली मारती हूँ वो क्या सोचने लगी? मंत्रालय ठीक तो सब भयंकर गलती हो चुके भूषण तो फस गया कि क्या कर रही है तो कुलभूषण तो खुश बना हो गए । मैं कुछ कह रहे थे तो दोनों वाकई फंस चुका है और अब इस आदमी की हत्या काॅपर होने वाला है । लेकिन मैं हत्यारा नहीं हूँ । सर तेरे कहने से कुछ नहीं होगा । भूषण है कैसे कुछ नहीं होगा । कुछ फॅस की हत्या की होती तो क्या मैं जुडी इसकी राष्ट्रीय नुमाइश करता हूँ । इसे लेकर अपने घर में आता है और फिर उसकी हत्या गोली लगने से हुई है । सोच मेरी जैसे मामूली आदमी के पास रिवॉल्वर जितना खतरनाक हथियार कहाँ हो सकता है? और अगर रिवॉल्वर जैसा हथियार आ भी गया तो क्या उसे चलाना मेरे बस का है? तो फिर क्या मैं तुझे इतना बडा पागल नजर आता हूँ? कुलभूषण बोला हूँ की तेरी उधारी चुकाने के चक्कर में मैं किसी की हत्या तक करने पर आमादा हो जाऊंगा । गया तो उसी तरह था । मांॅग कहीं से भी लाएगा । किसी का भी गला काटकर लाएगा लेकिन मेरी उधारी जरूर चुकता करेगा । उसको ऍम मुझे खुद मालूम नहीं था कि मैं क्या क्या पक गया हूँ और चंद रुपयों के लिए मैं किसी की हम कैसे कर सकता हूँ । मंत्रा इतना डिलेड दिखाई देता हूँ मुझे अगर मैं नहीं दिल्ली होता ना तो आज शाम रुस्तम सेट उसके कुंडों की ठेके भी ऐसी की तैसी । नागर देता हूँ तो कहना चाहता है मैं सिर्फ ये कहना चाहता हूँ कि ये हत्या मैंने नहीं की और मैं हत्यारा नहीं हूँ । कुलभूषण ने लगभग आठ नाथ करते हुए कहा महत्वपूर्ण भूषण मंत्र एक एक शब्द चबाते हुए हो । नहीं हर हत्या करने वाला यही कहता है जो तू कह रहा है ऐसी हालत में कौन तेरी बात पर यकीन करेगा तो तू करेगी । मेरी यकीन करने या ना करने से कुछ नहीं होने वाला । मंत्रा बोली असली बात ये है कि पुलिस तरी बहुत पर यकीन करती है क्या? नहीं तो पुलिस देख लास्ट तेरे घर में बडी हैं । मंत्र फॅमिली है और फिर मेरे कपडे भी उनसे समय हुए हैं । पुलिस को तुझे तरह साबित करने के लिए इससे बडा सबूत और क्या चाहिए? अब कुलभूषण की जान अलग मैं आपको उसी एक को लाश अपनी मौत का वारंट लगने लगी और कैसा वारंट जो सहार पर हर लम्हा बर्बादी की तरफ नीचे जा रही थी । तभी घटना नहीं एक और ऐसा नया मोड दिया जिसके बाद कुलभूषण के ग्रह पूरी तरह संकट में गिर गए और भूषण की नजर एक का एक अजनबी के ब्रीफकेस पर पडी तो उसका दबाव में सवालों का धमाका हुआ । फॅर रखा है क्या इसके अंदर इसमें इसी के खास चीज है जो मरने के बाद भी ऍम नहीं हुआ । अब और भूषण का दवा नहीं, घंटियां बजने लगी, तेज घंटियां हूँ उसमें कुछ खास है उस बेहद खासी पार्टियों की आवाज । अब कुलभूषण दिमाग में तेज होती जा रही थी । उसे एक ब्रीफकेस अपना ऍम करता नजर आने लगा । उसे लगने लगा ऍम बन्दे से बचा सकता है । और ये ऐसा होता ही कुलभूषण तुरंत अजनबी की तरफ लगता । डरते डरते नीचे चुका हूँ उसके हाथ अजनबी के शिकंजे से ब्रीफकेस निकालने के लिए जैसे ही उसके सीने की तरफ पडे हैं क्या है तो मंत्र दहशत से चिल्ला उठी लेकिन तब तब कुलभूषण ड्राॅप अकड चुका था होना पकडता ही उसके ब्रीफकेस अपनी तरफ खींचा और फिर वो उसे लेकर यू अपनी पहले वाली जगह भगा मानो पीछे से उस अजनबी द्वारा पकड लिए जाने का खतरा हूँ । मंत्र फौरन उसके नजदीक पहुंचे ऍम अच्छा । कुलभूषण ने प्रीस्टेस नीचे फर्श पर टिका दिया था और फिर उसके ऍसे खोला हूँ की हलकी आवास हूँ । ब्रिटिश में ताला लगा हुआ नहीं था इसके फौरन वो खुल गया और ब्रीफकेस खुलते ही उन दोनों के दिलोदिमाग पर फॅमिली की छह नटराज की मूर्तियां शुद्ध सोने की मूर्तियां जो पढा मूल्यवान थी सोने की मूर्तियां मंत्रा उन मूर्तियों पर नजर पड रही कुलभूषण के आवास खुशी से कपडा उठी असली सूर्य की मूर्तियां सोने की मूर्तियां उन को भी देश झटका लगा हैं ऍम बोर्ड से भी तेज साढे प्रतिरोध उसके शरीर की तमाम हरकत किस तरह फ्रीज हो गई । मान लो बिजली से चलने वाली मशीन कभी में स्वच्छ बंद कर दिया हूँ । हाँ कि शुद्ध सोने की मूर्तियां हैं । कुलभूषण की आंखों में चमक कौन थी? ठीक ठीक इसके नीचे क्या गुदा है जो ॅ सीता कुहाड मंत्रालय मुझसे तेज, संस्कारी छोटी तब तो ये मूर्तियां बहुत कीमती है था । बहुत कीमती मूर्तियां बेहद कीमती पक्का खुद हमारे दिन बदल गए हैं । मतलब करीब ऍम हमारे मन था चुकी हैं तो क्या कह रहे हो? लेकिन भूषण तो दीवाना हो उठा था । उस वक्त वो कल्पना लोग के सागर में गोते लगा रहा था । ठीक कह रहा हूँ उसने खुशी जाॅन ऐसे में ही कहा तो छे अपनी नौकरी करने की जरूरत नहीं और मुझे अब ऑटो चलाने की जरूरत नहीं । हम तो शादी करेंगे । मंत्रालय तो तो रानी बनकर रहेगी । ऍम तू पागल हो गया है । मंत्रालय के छोड डाला अपनी बर्बादी का सारा प्लांड खुद ही बना रहा है उसमें आभूषण भूषण चौकर मंत्रा को देखा हूँ हूँ सपने देख रहा है मंत्रालय गुस्से में उसे थोडे जैसी फटकार लगाई दिमाग ठिकाने पर नहीं दे रहा हूँ, पूरी तरह ठिकाने पर है नहीं है जी की मंत्रा करते रहते ठिकाने पर होता तो ऐसी बहकी बहकी बातें हर गिरजा करता हूँ तो भूल गया है । एक घर में इस वक्त लाश पडी है, फॅमिली में छूट रहा है और ऐसी हालत मुझे अपने नसीब चाहते हुए नजर आ रहे हैं तो अभी करने की बडी है हूँ । कुलभूषण की नजर उन्हें अजनबी केशव पर जाकर अटक नहीं ऍम तमाम जेबों की तलाशी ले डालेंगे । लेकिन उसमें से उसे कोई भी ऐसा ऍम कार्ड नहीं मिला जिससे अजनबी की पहचान हो । पा नहीं । क्या देख रहे हैं । उसमें इसका नाम क्या घर का एड्रेस तलाशने की कोशिश कर रहा हूँ हूँ नहीं कुलभूषण बेहद आकाश भाव से इनकार में गर्दन हिला दी । अगर प्रीत केस में नहीं है तो जरूर उसकी पेंशन की जेब में कुछ होगा । कुलभूषण की नजर फर्राश की तरफ नहीं । उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वह हाॅट में हाथ डालेंगे हूँ । फॅमिली तो नहीं नहीं थी । कुलभूषण ने अपने अंदर का हौसला पैदा किया और एक बार फिर डरते डरते लाश की तरफ पडा है । नीचे चुका नहीं । उसने कपडा बातें हाथों से आज भी की जेबों की तलाशी ले डाली । वहाँ कुछ नहीं था । तमाम खेलों में कागज का ऐसा एक अगर टुकडा तक नहीं था, जिससे उस जगह की पहचान होगा नहीं । क्या है उसकी पहचान के? बालो बात करने की दिशा में कम से कम सूत्रधार का काम तो करता हूँ । काश कुलभूषण नजदीकी उसी हालत से कोई नतीजा निकाला होता । उसी से उससे खतरे का कुछ अंदाजा लगाया होता हूँ । अगर उसकी जेबों में कुछ नहीं था, लेकिन कुलभूषण के दिलों तो वहाँ पर उस वक्त पूरी तरह लालच सवार हो तो फिर मूर्तियों को संजीदगी के साथ देखने लगा । मैंने इस तरह का देख रहा हूँ । मंत्रिमडल थर्ड ठाठ करके बज रहा था छोड दिया नहीं है । मंत्रालय एक ऊपर बडा क्यों नहीं है? क्या चाहिए जी इस वक्त है इस मामले कानून का खजाना है । कुलभूषण खुशी से कब कपालेश्वर में बोला मैंने आज तक सब सुना था । मंत्रा ऊपर वाला जब देता है पर ठार कर देता हूँ । सच आज अपनी आंखो से ब्रेक लिया । ऍर सास है उससे हमारी बंद किस्मत की तरफ से खोल दिया । मंत्रालय तो हो गया है । मंत्रालय गुजरा उठी बहुत बिस्तर पर मंडरा रही है बेवकूफ और तो भगवान का गुणगान कर रहा है तो उस को देखा है । मंत्रालय आपके टिकट आएगा तो उसको चाॅस तेरे घर में से बरामद होगी तो पुलिस वाले तेरी ऐसी ऐसी धुलाई करेंगे की किस्मत के जो दरवाजे हैं तो उस वक्त घूमते नजर आ रहे ना उस सब के सब एक झटके में बंद हो जाएंगे हैं तो मेरा कुछ नहीं बिगाड सकती । कुलभूषण ऍम सब थोडा क्यों नहीं दिखा सकती क्योंकि पुलिस का मैंने ऍम सोच लिया है । कैसा हूँ हूँ पुलिस उसी हालत में तो मेरा कुछ बिगाड सकती है । जब दिन निकलने पर उसे लाश मेरे घर के अंदर से बरामद होगी । लेकिन अगर इलाज की पुलिस को मेरे घर के अंदर से ना मिले तो तो कैसा रहेगा । मंत्रा तो तो कहना चाहता है असम से बातें मंत्रा कुलभूषण में विस्फोट । क्या मैं इस वर्ष को आज रात ही गायब कर दूंगा तो इलाज को गैप कर देगा आमंत्रण अब इस मुसीबत से छुटकारा पाने का सिर्फ और सिर्फ एक यही तरीका है । कुलभूषण का दिमाग इस वक्त बहुत तेजी से चल रहा था । मैं उसको आज रात ही किसी ऐसी जगह है करूंगा जहाँ से बरामद होने पर पुलिस को पहले ऊपर किसी तरह का कोई शक नहीं होगा । एक तू करेगा मूॅग हूँ जी मैं करूंगा । ये सब करने की हिम्मत है तेरे अंदर हिम्मत हो मंत्रा कुलभूषण दृढतापूर्वक बोला लेकिन इस काम को मैं करूंगा जरूर क्योंकि तभी मैं पुलिस से बच सकता हूँ और इस लाख से बचा जा सकता है और आप और क्या और सोने की इन कीमती मूर्तियों को पाया जा सकता है । मंत्री तंग रह गई, एक दम हूँ । आज ना सहूलतें तेरी खोपडी खराब हो गई है । फॅमिली तो सोचता है तो लाश को कहीं भी फेंक कर पुलिस के हाथों से बच जाएगा । मूर्तियाँ इतनी आसानी से हल प्ले का तो नहीं? भूषण कि सिर्फ और सिर्फ तेरा बहन है । पुलिस मुझे तलाशते हुए एक ना एक दिन तेरे तक जरूर पहुंच जाएगी और फिर नहीं बचेगा । फिर तो सिर पटक पटक कर कितनी भी तुम्हारी देगा ये हत्या तूने नहीं थी तो उन्हें नहीं की तब भी पुलिस को तेरे परिषद की नहीं आएगा जो रास्ते पर तो अपने बचाव के लिए बना रहा है । भूषण आने वाले दिनों में वही रास्ते तेरी मुकम्मल तबाही के तेल पर बहुत ही के कारन बन जाएंगे हूँ कहना चाहती है देख मैं सिर्फ ये कहना चाहती हूँ अभी भी कुछ नहीं बिगडा है तो सारी मूर्तियां और लास्ट बस कानून के हवाले करते हैं और पुलिस को सब कुछ सच सच बता देंगे । तेरह कुछ नहीं बिगडेगा ऐसे कुछ नहीं बिगडेगा । कुलभूषण उत्तेजित होता पुलिस का इतनी सीधी है वह खामोशी से मेरी हर बात को मान लेगी तो नहीं मानेगी पहले की और अब की परिस्थिति में बहुत फर्क है । भूषण इस वक्त तेरे पास देश तीन तीन मूर्तियां हैं । अब पुलिस भी ये सोचेगी कि अगर तेरे मन में कुछ छलकपट होता तो तू ये मूर्तियां कानून के हवाले क्यों करता हूँ तो नहीं जानते मंत्रालय कुलभूषण के दिमाग पर लालच पूरी तरह हावी हो चुका था । पुलिस मेरी ईमानदारी का भी कोई नया अर्थ निकलेगी । आजकल अपराधियों ने जासूसी उपन्यास पढ पढ कर कानून की आंखों में धूल झोंकने की ऐसी ऐसी तरकीबें ढूंढ ली है कि किसी के लिए भी सही गलत का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल हो गया है । और ऐसी हालत में मेरी ईमानदारी को भी पूरी तरह शक के घेरे में देखा जाएगा । फॅमिली भूषण को देखने लगी मानो वो आज उसका कोई नया रूप देख रही हो । फिर तो ही सोच मंत्र कुलभूषण धाराप्रवाह ढंग से बोलता चला गया । क्या सब्जियाँ हमारी एक धोखे, नंगे बेघर और गंदे गटर में कुलबुलाते जैसी जिंदगी बसर कर रहे हम । जबकि इस समय हम अलग ही धनवान बन सकते हैं कहने की जरूरत नहीं । आज के समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा का अधिकारी सिर्फ और सिर्फ वही व्यक्ति होता है जिसके पास दौलत है । ढेड सारी दौलत नहीं होता है । हम क्या है और क्या बंद सकते हैं । तमाम जिन्दगी मेहनत करने के बाद भी हमें समाज में वो पोजीशन हासिल रही होगी जो अब हम पलक झपकते ही हासिल कर सकते हैं । अपने तमाम काम पूरे करने का इससे बेहतर मौका हमारे हाथ फिर कभी नहीं आने वाला । मंत्रा तो कुछ तो कर उसे देखती रही । मैंने क्या कुछ गलत कहा लेकिन कर पुलिस को ये सब कुछ पता चल गया । पूछूँ मंत्रा बोली की मूर्तियां हडपने के लिए तूने ही लाश ठिकाने लगाई थी तब क्या करेगा? हूँ ऍम अगर पुलिस को ये किस तरह पता चलेगा और भूषण नहीं एक एक शब्द चबाते हुए पूछा पुलिस को क्या आसमान से आवाज आएगी हूँ? याद में रीगल सिनेमा के सामने एक का एक मेरी ऑटो रिक्शा में आकर बैठ था और उसके बैठे ही मैंने ऑर्डर फुल स्पीड से सडक पर दौडा भी दी थी । पुलिस की मोटरसाइकिल तो बाद में पीछे लगी लेकिन पुलिस कर्मियों नहीं तुझे रीगल के सामने खडे तो देखा होगा नहीं । कुलभूषण प्रफुल्लित मुद्रा में बोला अरे नहीं देखा मैंने ऑटो ड्राइवरों की हडताल के कारण आज अपनी फोटो खुद अंधेरे में खडी कर रही नहीं क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि किसी की नजर मेरे ऊपर पडेगी । आज सचमुच किस्मत पूरी हो, मेरे साथ थी लेकिन तू एक और बडी बात फूल रहा है । पहुंॅच पुरुष कर्मियों ने पीछा करते वक्त ऑटो रिक्शा का नंबर तो नोट किया होगा नहीं नंबर भी नोट नहीं क्या? कुलभूषण खुश होकर बोला । मैंने कहा ना, किस्मत पूरी तरह मेरे साथ थी । मैंने गली में आते ही नंबर पे देखी थी । उस पर मिट्टी पुती हुई थी । जरूर ऑटो रिक्शा का भैया किसी कारण से भर एक घंटे में पड गया होगा और फौरन ढेर सारी मिट्टी उछल कर नंबर पेट भर फट गई होगी । बहरहाल, जो भी हुआ मेरे हक में हुआ । अगर नंबर प्लेट पर मिट्टी होती तो मेरे फंसने की फुल चांस रहते हैं । अब मंत्रा पीछे हो गए । फॅमिली तो चाहे अपनी बात के पक्ष में कितने ही करते रहेंगे । मंत्रालय संसद स्वर में बोली लेकिन मुझे लगता है कि अगर तुम्हें मूर्तियों को हडपने के लिए कोई भी हालत कदम उठाया तो जरूर तो किसी भारी मुसीबत में फंस जाएगा और कोई आपत्ति रुपए टूटकर गिरेगी । उसके अलावा तो एक बात को और नजरअंदाज कर रहा है । क्या याद में शक्ल से ही कोई गुंडा दिखाई देता है? मुमकिन है कि इसमें मूर्तियां कहीं से चुराई होगा । अगर ऐसा हो ना भूषण तो जब तो इन मूर्तियों को बेचने जाएगा तो फस जाएगा । तो मतलब ये सब बाद की बातें हैं । कुलभूषण मूर्तियां हडपने के लिए था । मूर्तियां बेचने के लिए भी कोई कोई ऐसा रास्ता सोच लिया जाएगा जिसमें कोई खतरा ना हो । फिलहाल हमें अपना सारा ध्यान इस बात पर लगना चाहिए किस को किस तरह ठिकाने लगाया जाए । उन दोनों के बीच थोडी देर और बहस चली लेकिन आखिरकार कुलभूषण ने मंत्रा को इस बात के लिए तैयार कर ही लिया । उस लम्बे कडियल आदमी की लाश ठिकाने लगाने में ही उनका भला है । फिर कुलभूषण ने मंत्रा की मदद से उस अजनबी आदमी के शव को घर के भीतर से निकालकर ऑटो रिक्शा में लाख दिया ।