Made with  in India

Buy PremiumBuy CoinsDownload Kuku FM
5. Pizza Eating Challenge in  |  Audio book and podcasts

5. Pizza Eating Challenge

22 KListens
Buy Now
मिलिए सिद्धार्थ से, एक अच्छा वकील लेकिन एक बुरा इंसान। मिलिए राहुल से, एक अच्छा इंसान लेकिन एक बुरा डॉक्टर। और मिलिए शुचि से, एक अच्छी इंसान और एक बाकमाल डॉक्टर। शुचि सिद्धार्थ को एक अच्छा इंसान और राहुल को एक अच्छा डॉक्टर बनाना चाहती थी लेकिन मुंबई में हुए बम विस्फोट ने उनकी ज़िन्दगियों को उलट दिया। सुनें इस क्रांतिकारी कहानी को यह जानने के लिए कि कैसे सिद्धार्थ अदालत से एक अनोखी जनहित याचिका पारित करवाता है और कैसे राहुल एक बहुत अनोखी सर्जरी करने में कामयाब होता है उस लड़की को बचाने के लिए जिससे वो प्यार करते हैं। Follow Arpit Agrawal to get updates on his next book. • Facebook – arpit194 • Instagram – arpit1904 Voiceover Artist : Ruby Producer : Kuku FM Author : Arpit Agrawal
Read More
Transcript
View transcript

पांचवां चैप्टर बीर के बीच अस्पताल में प्रवेश करती एम्बुलेंस कोई नई बात नहीं थी, लेकिन सिद्धार्थ के लिए ये एक नया तजुर्बा था । एंबुलेंस साइरन की कर्कश आवाज के साथ अस्पताल में दाखिल हुई । विधायक मेहता जो अस्पताल के ट्रस्टी भी थे, पहले ही डॉक्टर अवस्थी को सिद्धार्थ के बारे में बता चुके थे । नर्स और अस्पताल के अन्य कर्मचारी सिद्धार्थ का इंतजार करते हुए लॉबी में तैयार खडे थे । सिद्धार्थ खास इलाज के लिए उसे स्पेशल केयर यूनिट ले जाया गया, जिसके लिए सिद्धार्थ को कोई फॉर्म भरने या एडवांस पैसे जमा कराने की जरूरत नहीं पडी । अस्पताल के कर्मचारियों ने पहली बार डॉक्टर अवस्थी को किसी व्यक्ति के लिए अस्पताल के नियमों को दरकिनार करते हुए देखा । चिंता न करें वो अच्छे हाथों में है । मेरे श्रेष्ठ डॉक्टर्स उसकी देखभाल कर रहे हैं । चीफ में फोन के बचते ही उठाकर कहा डॉक्टर अवस्थी आपको उस आदमी का खास ध्यान रखना होगा । आपको पता होगा कि वह मेरे लिए कितना जरूरी है । प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ वकील है और मेरे बेटे के लिए अदालत में केस लड रहा है । अगर वो सुरक्षित नहीं होगा तो मेरा बेटा सुरक्षित नहीं होगा और अगर मेरा बेटा सुरक्षित नहीं होगा तो मैं उस अस्पताल में किसी को सुरक्षित रहने नहीं दूंगा । आप जानते हैं मैं क्या कर सकता हूँ । हाँ मेहता साहब मेरा भरोसा कीजिए, चिंता की कोई बात नहीं है । जैसे ही हम उनकी जांच करेंगे मैं आपको उनकी रिपोर्ट बताने के लिए वापस फोन करूंगा । शुचि शुचि चीज चलाया । वो लॉबी में ही थी । पलक झपकते ही उनके पास पहुंच गयी । जाओ और उसकी जांच करो । वो एक नामचीन वकील है । वो अदालत में मुकदमे के बीच में बेहोश हो गया । मैं चाहता हूँ कि तुम अपना सारा वक्त उसे दो और अपने बाकी सभी के इस डॉक्टर राहुल को सौंप तो अगर कुछ भी चाहिए होगा तो मुझसे कहना । अवस्थी ने कहा एक हरे रंग का आइसोलेशन फेसमास्क जैसे सिद्धार्थ के कमरे में पहनना अनिवार्य था । वो बहन का शुचि ने भीतर प्रवेश क्या सिद्धार्थ बिस्तर पर आराम से बैठा था । लगता है ऐसे होश आ गया है । शूटिंग उसे देखकर सोचा और उसके करीब गई हाल हो । मैं आपकी डॉक्टर हूँ । मेरा नाम सूची है । सिद्धार्थ ने कुछ नहीं कहा । वो सूची को मंत्रमुग्ध होकर के देख रहा था और उसके चेहरे के उस हिस्से की कल्पना करने की कोशिश कर रहा था जो मास्क के पीछे छिपा हुआ था । उसे सिर्फ सूची की आंखें दिखाई दे रही थी । बडी काली ज्यादतियाँ शून्य सिद्धार्थ के करीब गए और उसके शरीर का तापमान जांचने के लिए उसके माथे कुछ हुआ । उसके शरीर का तापमान सामान्य था, लेकिन सूची के स्पर्श का उस पर और सामान्य प्रभाव पडा । सिद्धार्थ ने एक सनसनी महसूस की । छुट्टी थी सिद्धार्थ की पालकी उठाकर उसकी आंखों की जांच की । वो लालिमा की जांच करना चाहती थी, जो विभिन्न बीमारियों की और इशारा करती है । सिद्धार्थ भी उसे अलग कारणों से घूमने लगा । छुट्टी ने सिद्धार्थ की छाती पर स्टेथोस्कोप रखा और कहा, लंबी सांस लीजिए । सिद्धार्थ कोई प्रतिक्रिया नहीं कर सका । छुट्टी ने दोहराया लंबी सांस लो बाबा और अपना हाथ सिद्धार्थ की छाती पर रखा । सिद्धार्थ उसकी सुरीली आवाज सुन रहा था । केवल न्यायाधीशों और साथ ही वकीलों को सुनते हुए तंग आ चुके । उसके कानों के लिए ये सुरमई संगीत था । शिवजी ने सिद्धार्थ की जांच की और सब कुछ सामान्य पाया । अब क्या करते हैं? किसी ने पूछा मरीजों की जांच करते समय उनसे बात करना एक अच्छी आदत है । ये उन्हें उलझाए रखता है । में लोगों की जान बचाता हूँ । सिद्धार्थ ने अपनी चुप्पी तोडी । शुचि ने बीपी को जांचने के लिए सिद्धार्थ की वहाँ पर एक पट्टा बांदिया और बात करना जारी रखा । क्या आप भी डॉक्टर है? किस अस्पताल में? उसने उत्साहित होते हुए पूछा, नहीं, मैं वकील हूँ । एक वकील फिर आप जान कैसे बचाते हैं? पहले आप मुझे बताइए आप कैसे जान बचती हैं? में डॉक्टर हूँ । अगर कोई सडक दुर्घटना होती है तो मैं घायलों का इलाज करके उनकी जान बचती हूँ । शुचि ने कंधे उचकाकर और सहज लहजे में कहा । सिद्धार्थ ने गंभीर आवाज में जवाब दिया, मैं दुर्घटना का कारण बनने वाले व्यक्ति की जान बचाता हूँ । शिवजी ने अपने बल्कि झुका ली । उसके पास कहने को कुछ नहीं था । सच में उसमें कुछ तो खास बात थी । सिद्धार्थ उसके चेहरे को देखने के लिए तरस रहा था जो अभी भी नकाब के पीछे छुपा हुआ था । उसका बीबी भी सामान्य था । सूची को किसी भी बीमारी के लक्षण नहीं मिले । आप तो बिलकुल ठीक है । क्या हुआ आपको? जीवन रक्षक जी शुचि ने उसे चलाते हुए कहा मुझे लगा कि यहाँ डॉक्टर तो हो तो मैं बताना चाहिए की मुझे क्या हुआ । बहस करना सिद्धार्थ की आदत थी । वो असभ्य और अहंकारी था । ताकत आपको अहंकारी बना ही देती है तो मैं कुछ नहीं हुआ है तो बिल्कुल ठीक लग रहे हो । शूज उसके व्यवहार से खुश नहीं थी । हो सकता है तुम किसी कमजोरी या तनाव के कारण बेहोश हुए हो । क्या तुम उन लोगों में से हो जो कि हर बात की टेंशन लेते हैं? नहीं, मैं टेंशन लेता नहीं बल्कि देता हूँ । सूची को सिद्धार्थ ने घूरकर देखा । वो ऐसे सहज महसूस कर रही थी । चीज को सिद्धार्थ का हाल बताने के लिए वहाँ से चली थी । सूची के कमरे से बाहर निकलते ही सिद्धार्थ ने विधायक को फोन किया हे भगवान, कैसे हो तो मुझे तुम्हारी चिंता हो रही थी । विधायक ने फोन पर सिद्धार्थ की आवाज सुनते ही कहा, चिंता मेरी या अपने बेटे की सिद्धार्थ जोर से हंस पडा । आप चिंता ना करें । मैं बिल्कुल ठीक हूँ । जैसा कि मैंने आपको बताया, मेरे आस पास जो भी होता है, हमेशा कारण से होता है । मेहता सात जरा कुक उडाए । उन्हें अब तक यकीन हो गया था कि सिद्धार्थ स्वस्थ है । उन्होंने सहजता से पूछा तो फिर आपकी इस हालत का क्या कारण है? मुझे कुछ नहीं हुआ था । कोर्ट में भी वही होना मेरी चंद थी । विधायक उसकी बात सुनकर के पूरी तरीके से चकित हो गया । मुझे जब से कहने के लिए कुछ सूझ ही नहीं रहा था और आपके कहने पर जो मैंने उसे रिश्वत देने की कोशिश की उसके बाद तो पक्का ही वो आपके बेटे को जेल भेज देता । इसीलिए मैंने अगली तारीख लेने के लिए ये नाटक किया । अब ये आप पर निर्भर करता है कि आप कितनी जल्दी उसका तबादला करवाते हैं और कब इसके इसके लिए नया जा जाता है । जैसा कि आपने वादा किया था बहुत बढिया आप एक मास्टरमाइंड सिद्धार्थ साहब मुझे पता है अब अस्पताल के प्रशासन से कहूँ कि मुझे कुछ दिनों के लिए यहाँ पूरा आराम चाहिए । सिद्धार्थ ने विधायक को निर्देश दिया मेरिया आने का एक कारण और है । सिद्धार्थ ने सोचा आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि सिद्धार्थ के दिमाग में क्या चल रहा है और शायद यही सिद्धार्थ को दूसरों से अलग करता है । चिंता मत करूँ, मैं डॉक्टर अवस्थी से कह दूंगा । जब तक हम चाहो तब तक तो एडमिट हो गई । आखिरकार मैं अस्पताल का ट्रस्टी हूँ । उन्हें मेरे पैसों से ही तनख्वाह मिलती है । क्या आपने सिद्धार्थ की जांच की है? कैसा वो विधायक ने डॉक्टर अवस्थी को फोन पर पूछा मेहता साहब उसे कुछ नहीं हुआ है वह कमजोरियाँ नींद की कमी के कारण बेहोश हो गया होगा । आप इस पीढी के युवाओं को जानते हैं । हम आज उसे डिस्चार्ज कर देंगे । वो कल से काम पर वापस जा सकता है । क्या आप जानते हैं कि वो मेरे लिए कितना खास है? मैं उनकी सेहत के साथ कोई भी जोखिम नहीं उठा सकता लेकिन हम ने उसकी जांच की है और हमें यकीन है कि वह बिल्कुल सेहतमंद है । आप चिंता ना करें नहीं । डॉक्टर उसे आप कुछ दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती रखिए और उसका अच्छे से ध्यान रखिए । उस की देखभाल कीजिए । मेहता साहब मेरा यकीन कीजिए उस की कोई जरूरत नहीं है । वो बिल्कुल ठीक है । डॉक्टर को विधायक और सिद्धार्थ की चालाकी का अंदाजा नहीं था । वो अपना काम बहुत अच्छे से कर रहा था । चीफ जैसा मैं कहूँ वैसा करो महकाने । जवाब सुने बिना कॉल काट दिया । यदि आप बॉस है या प्रेमिका है तो आपको बातचीत के बीच में ही कॉल काटी की आजादी होती है । ना चाहते हुए भी डॉक्टर अवस्थी ने सिद्धार्थ को दाखिल किया और सूची से उसे रोजाना जांचने के लिए कहा । राहुल की जिम में सौंपे गए कुछ मरीजों को देखने के बाद वो लंच में शुचि से मिला क्या हुआ? तुम इतनी हैरान क्यों दिख रही हो? राहुल ने उससे पूछा ये मेरा मरीज वो एक वकील है । मुकदमे के बीच में बेहोश हो गया । मैंने उस की बारीकी से जांच की । रिपोर्ट में कुछ भी गलत नहीं पाया । ये कमजोरी के कारण हो सकता है । चलो लंच करते हैं वरना हम भी कमजोर हो जाएंगे । राहुल ने मुस्कुराकर कहा ठीक है चलो कॅरियर चले । वो अब भी परेशान लग रही थी । नहीं, हम आज बाहर जाएंगे । मेरा पिज्जा खाने का मन है । राहुल ने जोर देकर कहा, पिज्जा इतना फैट और पनीर तुम्हारे दिल के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन मेरी जीत के लिए अच्छा है कितना ख्याल से मेरी सेहत का ये सोच कर के राहुल मन ही मन मुस्कुराया । पिज्जा हट पहुंच गए । ये उन दोनों की पहली अनौपचारिक डेट थी । उसने कार में अपना अपन छोड दिया और अपने हैंड बैग में रखा ले ब्रॉस कारकी वैनिटी मेडल में देख कर के लगाया । ये सबसे कम वक्त में मेकप करने का तरीका है जिसे हर लडकी करती है । रेस्टोरेंट में एक ही खाली टेबल थी । शुचि और राहुल वहाँ बैठने के लिए पहुंचे । जब उन्होंने तीन बदसूरत दिखने वाले लोगों को उसी टेबल के पास खाते देखा । वो थर्ड क्लास सिनेमाघरों के सामने ब्लैक में टिकट बेचने वाले दिख रहे थे । ये हमारी सीट है, हम यहाँ बैठेंगे । एक बदसूरत लडके ने कहा क्यों? क्या आप का नाम याद छपा है? राहुल ने इस बात की अनदेखी करते हुए कहा कि वे तीन थी और वो अकेला । मेरा नाम यहाँ तो नहीं छपा है लेकिन तेरे गाल पर छत जाएगा । अगर तूने मुझसे बहस की तो वो हिंसक हो रहा था । पहली बार राहुल ने किसी को पिज्जा के लिए हिंसक होते हुए देखा तो एक मिनट शूटिंग टोका । इतनी छोटी सी बात के लिए लडने की जरूरत नहीं है । मेरे पास एक सुझाव है चलो खेल खेलते हैं और जो टीम जीतेगी वहाँ बैठेगी । वो बदसूरत देखने वाले लोग थोडी देर के लिए एक दूसरे को देखते हैं और फिर सूची को देखते हैं । मैं हैरान थी और विडंबना ये थी कि राहुल भी हैरान था लेकिन हमें करना क्या होगा । सबसे बुरा देखने वाले लडके ने पूछा । हम सभी यहाँ फिर जा के दीवाने हैं । ऐसा करते हैं । हम सभी लोग एक एक पिज्जा खाएंगे । जो टीम अपना पिज्जा पहले खत्म करेगी वो यहाँ बैठेगी । कुछ समय में उन्होंने सभी के लिए एक फॅमिली लिया । बदसूरत लोग इसे देखकर के खुश लग रहे थे । आखिरकार खाने से ज्यादा आसान खेल क्या हो सकता है । उनके लिए सभी लोग मेज के चारों और गोल घेरा बनाकर खडे थे । सभी लोग एक टुकडा उठाने ही वाले थे । की सूची ने कहा लेकिन नियम ये है कि हम अपने हाथों से पिज्जा को नहीं हो सकती । हमें इसे सीधे आपने मुझसे खाना होगा । हमें अपने हाथों को इस तरह पीछे की और रखना है । उसने सभी को दिखाने के लिए अपने हाथ पीछे कर लिए । ये कहते हुए सूची ने राहुल को आंख मारी । इस दौरान फूट कोर्ट में मौजूद भीड फ्री शो का आनंद लेने के लिए वहाँ पर जमा हो गई । बदसूरत लोग जी जाग रहे थे लेकिन फिर उन्होंने इस नए नियम को मान लिया । ठीक है एक, दो, तीन और शुरू करूँ । सूची चिल्लाई । सभी ने अपने हाथ पीछे रखे और पिज्जा की तरफ झुक गए । बदसूरत लोगों ने पिज्जा खाने के लिए अपना चेहरा पिज्जा में डाल दिया । शुचि और राहुल ने ऐसा नहीं किया । पनीर और पिज्जा की परत से उनका पहले से ही बदसूरत चेहरा और भी ज्यादा बदसूरत दिखने लगा । ये उन्हें मजा चखाने का एक मजेदार तरीका था । पिज्जा से सजे उनके चेहरे को देखकर भीड में मौजूद लोग हस पडेगी जल्दी और इसका एहसास हुआ और वह खडे हुए आप जीत गए, आप यहाँ बैठ सकते हैं । शिव जी ने कहा हर मुस्कुरा दी भीड ने उनका मजाक उडाया । वे शर्मिंदगी महसूस किए और वहाँ से चले गए । हम यहाँ बैठ गए और अपने हिस्से का पर रखाया यकीनन हाथों से ।

Details
मिलिए सिद्धार्थ से, एक अच्छा वकील लेकिन एक बुरा इंसान। मिलिए राहुल से, एक अच्छा इंसान लेकिन एक बुरा डॉक्टर। और मिलिए शुचि से, एक अच्छी इंसान और एक बाकमाल डॉक्टर। शुचि सिद्धार्थ को एक अच्छा इंसान और राहुल को एक अच्छा डॉक्टर बनाना चाहती थी लेकिन मुंबई में हुए बम विस्फोट ने उनकी ज़िन्दगियों को उलट दिया। सुनें इस क्रांतिकारी कहानी को यह जानने के लिए कि कैसे सिद्धार्थ अदालत से एक अनोखी जनहित याचिका पारित करवाता है और कैसे राहुल एक बहुत अनोखी सर्जरी करने में कामयाब होता है उस लड़की को बचाने के लिए जिससे वो प्यार करते हैं। Follow Arpit Agrawal to get updates on his next book. • Facebook – arpit194 • Instagram – arpit1904 Voiceover Artist : Ruby Producer : Kuku FM Author : Arpit Agrawal
share-icon

00:00
00:00