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हूँ जगह आश्रम समय रात के ग्यारह बजकर चौदह मिनट रिया घबराकर जान गए हैं । उसने वहीं बुरा सपना देखा । अपनी माँ की आत्महत्या हाँ पसीने से तरबतर हो चुकी थी । उसने अपने बैग से नींद की गोलियाँ निकली और पानी पीने के लिए रूम के बाहर आई । तभी दायां तरफ से हेलो की आवाज आई । रिया ये आवाज सुनकर चौंक गई और इसी समय के हाथ में जो दवाई की डिब्बी थी वो नीचे गिर गई । जिससे भी खोल गई और सारी दवाइयाँ इधर उधर फैल गई । रिया ने आवाज की तरफ देखा तो अजय हॉल के सोफे पर आपने लैप्टॉप के साथ बैठा था । रिया को इस तरह करते हुए देखा । उसने रिया को सौरी का । रिया ने अजय की तरफ देखा । उसने नंबर वाले चश्में पहने थे । रिया ने आज जैसे कहा तो चश्मा हो दो मिनट अच्छा नहीं बात चित कर रही थी । उसके चेहरे पर चर्चा । राहत देख रिया मुस्कुराई और नीचे झुककर गिरी हुई दवाइयाँ उठाने लगी । ये देख अजय भी उसकी मदद करने के लिए झुका और दवाइयाँ उठाने लगा । तभी उसके हाथ में दवाई की डिब्बी आई । अजय ने उसके ऊपर लगी पर्ची को पढा उसके चेहरे पर गंभीर भाव आये । बोर्ड क्रिया के पास आया और डब्बी को आपकी करते हुए बोला तुम सोने के लिए स्लीपिंग पिल्स लेती हूँ । भइया ने कुछ नहीं कहा । समझने फिर से कहा । हमने कुछ पूछा तुमसे जवाब दो, हाँ बटवाएं तो पता ये कितना हार्मफुल हैं । तुम्हारा से कोई लेना देना नहीं तो मैं इस से दूर ही रहे हैं और मेरी दवाइयाँ दो । रिया ने दवाई लेने के लिए हाथ बढाया । तभी ये जो दवाई वाले हाथ को पीछे क्या और बोला तुम्हारे पास डॉक्टर की रिस्ट्रिक्शन है से यूज करने के लिए अजय को दवाई दे दो । तीन । मुझे तंग मत करो, नहीं लूंगा ऍम नहीं है बस मुझे तो वो तो फॅमिली के बिना देरी हूँ । अब तो तुम्हें ये हरगिज नहीं मिलेगी । रिया दवाई के लिए अजय से छीना झपटी करने लगी । अजय भी दवाई भी नहीं और मौका देखकर दवाइयों को खिडकी से बाहर फेंक दिया । ये देखकर रिया को गुस्सा आया और उसने अजय के गाल पर जोर का थप्पड दे मारा और यह तिलमिलाते हुए अपने कमरे में चली गई । आधे घंटे बाद आधे घंटे बाद रिया को अपनी गलती का एहसास हुआ तो वो अपने कमरे से निकलकर हॉल में पहुंची । वहाँ पर अजय नहीं था उसका लेपटॉप सोफे पर ही पडा हुआ था । रिया ने चारों तरफ देखा वो कहीं नहीं था । रिया हॉल से निकलकर बाहर आई तो उसने देखा अजय सीढियों पर चुप चाप बैठा था । रिया अजय के पास आकर सीढियों पर बैठ गई । उसने की तरफ देखा । उसके चेहरे पर मायूसी साफ दिख रही थी । रिया ने कहा तुम सही है ना । मैं मोहब्बत से नफरत नहीं करती बल्कि डरती हूँ । अजय ने दिया कि सामने देखा मेरे मॉम डरने लव मैरिज की थी और उन्हें कि प्यार के निशान मैं हूँ । शुरुआत में दोनों एक दूसरे पर अपनी जान चलते थे पर वक्त के साथ सब कुछ बदलता गया । रोजगार नशे की हालत में घर आते और मम्मी को पीट और एक दिन मम्मी ने तंग आकर मेरे ही आंखों के सामने रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली और अपनी जान दे दी । सबको लगता है कि उन्होंने डिसाइड किया था पर असल में मोहब्बत में उनकी जान ली थी । वो चाहती तो पापा को डिवॉर्स दे सकती थी पर वो वापस से प्यार करती थी । इसलिए मरते वक्त भी उनकी सुबह पर अलग ही सुनील था । वो दिन सपना बनकर हर रात मुझे सोने नहीं देता । इसी वजह से ये दवाइयाँ लेती हूँ । मुझे मोहब्बत से डर नहीं बल्कि मैं अपनी माँ की तरह मरने से डरती हूँ । अपने दर्द को बयां करते करते रिया की आंखें भर आई तो दूसरी तरफ की सुनकर अजय की कोशिश छोड चुके थे । जिस लडकी को अपनी जान से ज्यादा चाहता था उसके सीने में इतना दर्द भरा था । उसका उस एहसास भी नहीं था । उसका गला भर गया था । कुछ नहीं बोल पाया । कुछ फल दोनों के बीच खामोशी छाई रहेगी । फिर क्या बोली मंसौरी ज्यादा जोर से तो नहीं लगी ना? अच्छा । अजय ये सुनकर मुस्कुरा दिया और नाम इससे रह लाया । रिया कोई ये जीत लगा और वह बोली तो मुस्कुरा क्यों रहे हो? कुछ नहीं । बस मेरे कहे बिना ही मुझे अवसर देखकर अपनी गलती की सफाई दे रही हूँ । अपनी गलती की माफी मांग रही हूँ । रिश्तों को सुधारने की कोशिश कर रही हूँ । ये भी एक तरह का प्यार ही है । कहे बिना ही जो हमारे दर्द को महसूस कर ले, वही हमारा असली हम दर्द होता है । मैं इसमें फेल हो गया और फायदा करता हूँ कि दर्द तुम्हें होगा तो आंसू मेरे बढेंगे । तुम खुश होगी तो तुम्हारी हंसी हम बनेंगे । रिया ये सुन मुस्कुराने लगे और कहा तो हर चीज में कर कैसे ढूंढ लेते हैं । क्योंकि उनमें पहले से मोहब्बत होती बस प्यार को ढूंढने वाली आंखें होनी चाहिए । रिया जी को कुछ पल के लिए देखती रही । जब जी ने ये नोटिस किया तो प्रियानी जल्दी से अपनी आंखें दूसरी तरफ करनी । पर अजय ये देख चुका था वो सिर्फ मुस्कुराया । अचानक से कुछ याद आया और बोला थे कल तुम्हारा ऍम हाँ बट वेट तो मैं कैसे पता? कल मेरा मुद्दे सोशल मीडिया के जमाने में कौन सी बडी बात है? पर जी बात ये है कि तुम लोग में बिलीव नहीं करती और तुम्हारा बर्थडे जालंधन वीक में कहाँ है? पर मुंबई जाने के बाद से कभी मैंने बंद सेलिब्रेट किया । वो कोई बात नहीं । तुम ॅ नहीं करना चाहती हूँ । पर मैं तो अपनी मोहम्मद के जन्म दिन को सेलिब्रेट कर सकता हूँ । चलो सूजी के एक बनाते हैं क्या सूजी का मुझे केक बनाना नहीं आता हूँ तो मैं बनाने के लिए कोई है भी नहीं । मुझे बनाना आता चलो । अजय रिया को हाथ पकडकर रसोई घर में लेंगे और सूजी का केक बनाने का सामान निकालने लगा । तभी रिया ने का ऐसी कोई चीज है जो तुम्हें नहीं आती हूँ । ऍम यूट्यूबर और आपको भी अजय ने मुस्कुराते हुए कहा मेरी मॉम का मानना लडका लडकी तभी समाज में एक समान हो सकते हैं जब उन्हें घर में भी एक समान ट्रीटमेन्ट दी जाए । इसलिए जो मुझे सिखाया जाता है बुरा अधिकारी को सीखना पडता है और जो राधिका भी सीख थी मुझे सीखना पडता है और ये रसोई उसी का नतीजा है । बहुत अच्छी सोच है । अजय सूजी का केक बनाया और उन पर मोमबत्ती लगाए और जब रात के बारह बजे कब भजन एरिया को उस पर फूक मारने को कहा । रियली मोमबत्ती हो जाएगी और काता । फिर उसने केक का टुकडा अजय को खिलाया । फिर उन्होंने गीत पर डांस भी किया । जब दोनों थक गए तो सोफे पर बैठ गए । रिया ने कहा बहुत रात हो गई है अब सो जाते हैं । हाँ, वैसे भी कल सुबह जल्दी निकलना है । हॉकी गुडनाइट अच्छा हुआ । मैंने एक्सप्रेस लिपिंग ले ली थी । रिया सोफे से उठी तभी अचानक ऍफ का हाथ पकडा और कहा सोने के लिए दवाई पीना जरूरी है । हाँ उसके बिना मुझे नींद नहीं आएगी । सिकटिया रियल सोफे पर बैठ गई । मेरे पास एक आईडिया जिससे तो मैं दवाई भी नहीं पीनी पडेगी और तो नहीं दिया जाएगी । कैसे मेरी गोद में सडक के सोचो तुम्हें नहीं आ जाएगी वो हमारा दिमाग खराब हो गया क्या मैं सोने जा रही हूँ । बाय रिया उतने गए तभी वजह से फिर से सोफे पर हाथ पकडकर बैठा दिया और कहा सच्ची कह रहा हूँ देखो जब भी मैं बचपन में डरता था या कोई डरावना सपना देख लेता हूँ और मुझे नींद नहीं आती थी तो मैं अपनी माँ के पास जाकर उनकी गोद में सर रख के सो जाता था तो मुझे नींद आ जाती थी । इस दुनिया की सबसे हिफाजत जगह कोई है तो वह माँ की होती । पर एक बात और भी थी । उनका प्यार मेरे दर को कम कर देता था और मैं निडर होकर सो जाता था । हाँ तो माँ की गोद थी और मेरी माँ वो बोलते हुए रुक गई । ये देखा जय बोला ऍम पर इस कमरे में सच्चे दिल से तो मैं प्यार करने वाला मैं ही हूँ और ये बात तुम भी जानती हूँ । प्रियानी इस बात का कोई विरोध नहीं किया । इसे देख अजय ने आगे कहा तो मेरे को ट्राई कर सकती हूँ और कसम से कोई मस्ती नहीं करूंगा और ना ही कुछ गलत करूंगा । इतना ट्रस्ट तो बनता है रिया । रिया कुछ सोचती रही । उसने अजय की तरफ देखा । उसकी आंखों में रिया को सच्चाई देखी । उसने कहा आई ट्रस्टियों अच्छा ठीक से बैठ गया । जिस एरिया आराम से उसकी गोद में सर रख सके । रियाना अजय की गोद में सर रखकर अपनी आंखे बंद कर ली । अजय रिया के सर पर हल्की से हाथ रख और का आराम से सोचा होना । रिया सोते हुए मुस्कुराई और कुछ ही समय बाद हो गयी । रिया की जब नींद खुली तो उसने देखा कि सुबह हो चुकी थी । उसे यकीन नहीं हुआ था कि वो दवाइयों के बिना हुई थी । आज तक रिया इतनी अच्छी नहीं नहीं हुई थी । एकाएक उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई थी । उसने देखा की अजय वहाँ पर कहीं नहीं था । बोट नहीं गई । तब उसकी नजर सोफे पर गई । वहाँ पर अजय की घडी पडी थी । उसने उसे उठा लिया और तैयार होने चली गई । रिया जब तैयार हो के आई तब अजय को उसने देखा तो वह सोफे के पास कुछ ढूंढ रहा था । रिया जी के पास आई रिया को देखकर वह बोला रिया तो मेरी घडी देखी कब करुँ? मिली नहीं रही है नहीं मैंने नहीं देखी । अच्छा ओके कोई बात नहीं, मैं दूसरी ले लूंगा । ऍम रिया और अजय वासन से मुंबई के लिए कार से रवाना हुए । पूरे सफर के दौरान रिया यही सोच रही थी कि कल रात को नींद की गोलियों के बगैर कैसे हो सके । उसे अभी भी इस बात का विश्वास नहीं हो रहा था । क्या अाॅटो बचकानी हरकत करने को कहीं? क्या वो इतनी सरदार थी या फिर सच में वहाँ से प्यार की वजह से हुआ क्या अजय कपडा इतना मजबूत है कि मेरे डर को खत्म कर गया? क्यों? मैंने उसकी ये बात मानी? क्या मैं भी उसे प्यार करने लगी हूँ या बस? योगी मैंने बात मान ली थी । अच्छा मेरी जिंदगी से दूर जा चुका था तो क्यों में उसके पास गई? क्यों मुझे उसकी कमी महसूस होती है? क्या मेरा दिल हार गया है उसकी मोहब्बत के सामने? क्या मैं उससे प्यार करने लगी हूँ? कभी ब्रेक लगने की आवाज आई । रिया अपने ख्यालों से बाहर है, अधिकार रोक दी थी और वो बोला गाडी से उतरो । आगे हमारा ठिकाना रियली खिडकी से बाहर देखा वहाँ पर हाॅकी रिया बोली हमें तो हॉस्टल जाना था ना । प्रिया कार से उतरी तो उसने देखा कि सामने अजय का घर था हूँ और दरवाजे पर राधिका और पचास साल की लगने वाली एक अधीर और उसने अजय के सामने सवालिया नजरों से देखते है । अजय ने उसकी नजर पढते हुए कहा है कहा था ना तुम्हारे लिए ऍम ये मेरी माँ है, रिया जी को देखते रहेंगे तो मेरी मोहब्बत की जरूरत नहीं बल्कि माँ की मोहब्बत की जरूरत है । वैसे भी जो मेरा है वो तुम्हारा भी तो है । तो बस आज से मेरी माँ का प्यार भी तुम्हारा रिया जी को देखते ही रह गई । तभी अजय की माने आवाज लगाते हुए कहा अब वहीँ खडे खडे बातें करते रहोगे या फिर यहाँ भी आओगे आ रहे हैं । मम्मी ये कहकर अजमेरिया का हाथ पकडा और वहाँ की तरफ चल दिया । रिया बस अजय के कदम से कदम मिलाकर चल रही नहीं । जब माँ के पास पहुंचे तो रिया को माँ के सामने खडा कर के पीछे हट गया हूँ । मारिया को देखकर मुस्कुराई और अजय के सामने देखते हुए कहा तो ये आपकी पसंद अजय ने हमें सर हिलाया । माने भी हाथ से बढिया है का इशारा किया प्रिया जी की मुंबई के पैर पडने के लिए झुकी तबीयत की मम्मी ने मना करते हुए खडा किया और कहा हमारे घर की बेटियाँ पैर नहीं पडती बल्कि उनके सरचू में जाते हैं । ये कहकर माने रिया का सर चूमा । जिस एरिया अंदर से पूरी तरह हो चुकी थी । माने और राधिका ने रिया को हाथ बुद्धि विश किया और मारिया को घर के अंदर ले गई । अच्छा दोनों को जाते हुए देख मुस्कुरा रहा था और उसकी आंखों में आंसू आ रहे थे । राधिका ये देख अजय के पास आई और कहा क्या हुआ हो, क्यों रहे? अजय ने अपने आंसू पोंछते हुए मुस्कुराते हुए नाम से रहे लाया । राधिका ने अपने भाई के गाल पर हाथ रखते हुए कहा हूँ, प्रिया के साथ जो हुआ उसके बारे में सोच रहा । अजय हमें सिर्फ खिलाया और होते हुए अपनी बहन को गले लगा लिया । राधिका ने अजय को शांत कराया और उसके आंसू पूछते हुए कहा मेरे भाई के चेहरे पर मुस्कुराहट अच्छी लगती है या सुने चल रोना बनकर अजय अपने आंसू पूछते हुए कहा था क्योंकि माँ को यहाँ लाने के लिए ऍसे काम नहीं चलेगा बल्कि तुझे मुझे कुछ देना होगा । क्या चाहिए दी बोलिये फिलहाल के लिए तो मुझे किसी ने मेरे गाल रुपए लोवे दी कि आबे तू की बातें कर रहा हूँ । बच्चा थोडे वो देना मेरा भाई है ना । नारा लाना । प्राधिकरण को पकडने गए । कभी अजय घर के अंदर भागा । राधिका भी उसके पीछे भागी । दोनों हॉल में पहुंचे । यहां रिया डाइनिंग टेबल पर बैठी थी और माँ से नाश्ता परोस रही थी । दोनों भाई बहन अपनी माँ को देखकर रुक गए । मैंने कहा ये क्या छोटे बच्चों की तरह उछल कूद कर रहे हो । तो तुम दोनों बस शरीर से बडे हुए दिमाग से अभी भी बच्चे हो । मैं देखना ये किसी नहीं मेरा तो बच्चे हो गया । कितना बडा हो गया गल ट्रेन वाला हो गया । अब तो मैं थोडे किसी देगा । ये कहते हुए माँ के पास आई और उसका गाल पकडकर गालों पर पकड ही लेने । मौका देख राधिका ने भी अजय के दूसरे गालों पर पकती ले ली । अजय ने मुंबई का ये देखकर रिया हंसी अजय ने अपने आप को छुडवाया और दोनों गाल हाथों से साफ करते हुए चिढकर का माँ तुम भी ॅरियर जब तब भी देगी तो मना करेगा ये सुनरिया और अजय दोनों जेब के जी ठीक माने जी को नाश्ता करने को कहा । दोनों भाई बहन डाइनिंग टेबल पर बैठे और नाश्ता करने लगे । मारिया को अपने हाथों से खाना खिला रही थी । ये सब रिया के लिए सपने के बराबर था । नाश्ता करने के बाद मान लिया जैसे कहा और जो चलते ऍम क्यों ले? शॉपिंग नहीं है मुझे और रिया को वो हो के हम भाई बहन घर पर अकेले क्या करेंगे? हम भी चलते हैं । हाँ चलो मुझे कहा तो दोनों को गोद में उठाकर चलना है । सब लोग नाश्ता करके शॉपिंग करने के लिए निकले । मैं सबसे पहले रिया को ब्यूटी पार्लर ले गए । वहाँ पर रिया, राधिका और माँ तीनों फेशियल करवाया । मैंने की ओर पैडिक्योर करवाया और अजय बाहर बैठा बैठा । ऍम पड रहा था । उसके बाद सभी शॉपिंग करने गया । वहाँ पर मान एरिया के लिए कुछ कपडे खरीदे । जिस एरिया लेने से मना कर रही थी वो कह रही थी आंटी ये मैं नहीं ले सकती और मेरे और अजय के बीच ऐसा कुछ भी नहीं जानती हूँ । बेटा की तेरे और अजय के बीच कुछ भी नहीं है । अजय मुझसे भी कुछ नहीं छुपा था । तो तुम दोनों के बीच की सारी बातें मुझे पता है और इन बात को तुम दोनों ही कॉल करूँ । पर जब माँ अपनी बेटी को कुछ दे रही हो तो बेटी आनाकानी नहीं करती बल्कि उन पर अपना हक जमाती है और मुझे आती नहीं । माँ हूँ रिया ये सुनकर कुछ बोलना सकती है और उसने वो कपडे ले लिया । फिर सभी ने मिलकर रिया का बुद्धि सेलिब्रेट किया की काटा । रिया को सब ने गिफ्ट दिए । पूरा दिन रिया अजय की माँ के ज्याद रही और खूब सारी मस्ती की । अजय, रिया और राधिका एक बेंच पर बैठे । माफी दिख नहीं रही थी तो राजेंद्र राधिका से माँ के बारे में पूछा हूँ । पर राधिका को भी माँ के बारे में नहीं पता था । अजय चारों तरफ नजर दौडाई तो एक कोने पर माँ चोरी छुपे आइसक्रीम खा रही थी । दरअसल अजय की माँ को डायबिटीज की प्रॉब्लम थी इसलिए अजय राधिका उन्हें मीठा खाने नहीं देते थे । अच्छा तुरंत उठकर माँ के पास पहुंचा । अपनी चोरी पकडी गई है । ये देखकर मकान पकडने लगी । ये दृश्य दूर से रिया और राधिका देखकर मुस्कुरा रहे थे । तभी प्रियानी राधिका से कहा तो हमारे सामने काफी क्यूट तुम्हारी नहीं हमारी काम अब तुम बीस परिवार का हिस्सा हूँ । रिया ये सुन सिर्फ मुस्कुराई और कहा तुम्हारे पापा क्या करते हैं? कभी भी उनका जिक्र जी के मुँह से सुना नहीं है । राधिका नहीं दिया की तरफ देखा और गंभीर होते हुए कहा जो जो आठ साल का था तब उनके पापा और मम्मी का डिवॉर्स हो चुका था । ये सुनकर रिया चौक गई । उसने अजय की तरफ देखा । अजय और मम्मी मुस्कुरा रहे हैं । अजय की मुस्कुराहट के पीछे इतना हम था उस ने आज तक पता नहीं चलने दिया । उस राधिका ने आगे कहा, मम्मी और पापा की अरेंज मैरिज हुई थी । पर कुछ सालों बाद उनके पापा और मम्मी के बीच अनबन शुरू हो गई और ये अनबन वक्त के साथ मारपीट में बदलने लगी और जब मम्मी पेट से थी तो पापा ने मम्मी को इतना मारा कि उनका मिसकैरिज हो गया और डॉक्टर ने बताया कि वो कभी मां नहीं बन सकती तो मम्मी ने अजय के पापा को डिवॉर्स दे दिया और अजय को लेकर बरोडा चली आई और तुम पापा के साथ थी तो मैं शायद मेरी और अजय की सर नेम पर कभी गौर नहीं किया । मेरा पूरा नाम बोल राधिका गुप्ता है और अजय का पूरा नाम अजय चौहान है । ना उसकी सगी बहन नहीं हूँ मैं और जो एक ही स्कूल में पढते थे और मैं उसके साथ अपना कॅरियर करती थी तो मुझे बस दे दी । कहा करता था तो मैं बारह साल की थी तब मेरे माॅस् हो गई और अन्य परिवार वालों ने मुझे अपनाने से मना कर दिया हूँ और मुझे अनाथ आश्रम छोडा है । तब इस पागल ने मम्मी से जित करके मुझे अडॉप्ट करवाया तो मम्मी को भी पहले से एक बेटी चाहिए थी और बस तब से मैं जो की बडी बहन हूँ और मम्मी ने कभी भी मुझे ये अहसास नहीं होने दिया की मैं उनकी बेटी नहीं हूँ । कुछ फल के लिए दोनों के बीच खामोशी रही । इस खामोशी को तोडते हुए राधिका ने कहा तो मुँह एक ही नाव के मुसाफिर हूँ । बस दोनों ने अपने रास्ते अलग अलग चुने । डर दोनों के दिल में एक जैसे हैं पर तुमने जहाँ नफरत का रास्ता चुना तो वहीं अजय ने मोहब्बत का रास्ता चुना । आखिरी बाल में हम ये नहीं सोचते कि हम किन किन से नफरत करते हैं या हम से कौन नफरत करता हूँ । बल्कि हम ये सोचते हैं कि किन्हें हम प्यार करते हैं और हम से कौन प्यार करता है । रिया नफरत के लिए जिंदगी बहुत छोटी है और प्यार के लिए जिंदगी का कोई अंत नहीं । अब दस लाख तो नहीं करना है कि तुम्हें कौन सी जिंदगी चाहिए । राधिका की बात सुनकर रिया पर गहरा असर हुआ । अजय ने माँ को आइसक्रीम खाने दी । ये देखकर राधिका उनके पास चली गई । पूरा दिन खत्म होने के बाद रिया ने अजय की मम्मी से विदाई ली । अजय रिया को हॉस्टल छोडने गया । हँसी पहुंचकर अजय सारे गिफ्ट कि पाकिस् कार से निकले और रिया को थमाएं और रिया को गुड नाइट का और जाने लगा । तभी रिया ने उसे आवाज लगाई अजय रुक गया और मूॅग के पास आई और बोली थैंक्यू सो मच जाए मुझे मेरी जिंदगी का सबसे बेस्ट गिफ्ट देने के लिए । ये गिफ्ट में जिंदगी भर नहीं भूल पाऊँ तो तुम सोच भी नहीं सकते कि आज में कितनी खुश हूँ । मुझे समझ में नहीं आरक्ष में तुम्हारा शुक्रिया अदा कैसे करूँ भरे बस बस मैं कोई जानकारी नहीं तोड लाऊँ तुम्हारे लिए बस वही किया जो सही लगा । तुम खुश होना क्या ने हामिद सर हिलाया बस वही मेरा था क्योंकि तब थैंक्यू बोलना बंद करो और जल्दी अंदर जाओ वरना बॉर्डर घुसने नहीं देगी । वैसे भी काफी देर हो चुकी है । प्रिया ने हमें सिर हिलाया और जाने लगी तभी वो रुक गई । ये ठीक अजय ने का क्या हुआ तो क्यों गई? रिया मुडी और अजय के पास आई अजय ने फिर से पूछा कि क्या हुआ पर यानी कोई जवाब नहीं दिया और अजय के गालों पर किस करते हुए बोली है आप किस जो ये कहकर वो अपने हॉस्टल चली गई और अजय आश्चर्यचकित हो गए क्या को जाते हुए बस देखता रहा हूँ हूँ ।
Writer
Sound Engineer