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प्रतिशोध - रहस्यमय कब्रिस्तान in Hindi

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AuthorS. Anand
10 हॉरर कहानियां का संग्रह 'प्रतिशोध' आपके रोंगटे खड़ा कर देगा। ये कहानियां अलग-अलग घटनाओं और व्‍यक्ति से जुड़ी हैं। तो देर न करते हुए ट्यून करें कुकूएफएम और सुनें खौफनाक कहानियां।
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रहस्यमय कब्रिस्तान हूँ । ये उस वक्त की बात है जब मैं इंजीनियरिंग कर रहा था । मैं फाइनल ईयर का छात्र था और हॉस्टल में रहा करता था । मेरे घर मेरे हॉस्टल से पांच घंटे की दूरी पर था । मैं हर हफ्ते रविवार की छुट्टी के दिन अपने घर जाता था । लेकिन महीने में एक बार मैं अपने मामा के घर जरूर जाता था । उनके बेटे चंदन के साथ मेरी बडी घनिष्ठ मित्रता थी । शनिवार की क्लास खत्म होते ही मैंने अपना सामान बांधा और अपने मामा के घर की तरफ रवाना हो गया । मेरे मन में मामा और उनके परिवार और खासकर चन्दन से मिलने की बडी उत्सुकता थी । लेकिन मुझे क्या पता था कि मेरे साथ एक विचित्र घटना होने वाली है, जिस पर विश्वास करना मुझे आज भी बहुत कठिन लगता है । मेरे मामा छोटे से गांव किशनपुर में रहा करते थे । किशनपुर शहर से सात घंटे की दूरी पर था । जब मैं किशनपुर पहुंचा तब तक बहुत रात हो चुकी थी । किशनपुर के बाद ड्रॉप से मामा जी के घर तक पहुंचने के लिए लगभग बीस मिनट तक एक कच्ची सडक से पैदल जाना पडता था । उस दिन अमावस की रात आकाश पर बादल छाए हुए थे । और ठंडी हवाएं चल रही थी । मैं ठंड के मारे कांपने लगा । कुछ मिनट पहले बारिश हुई थी और पेडों की पत्तियों से पानी अभी भी टपक रहा था । मामा के घर की तरफ जाने वाली कच्ची सडक पर टीचर भर गया था । मैंने उस सडक पर बडी सावधानी से कदम आगे बढाए । रात बहुत हो चुकी थी इसलिए सडक सुनसान दी और आस पास भी कोई नहीं था । किशनपुर के लोग ऐसी ठंडी बरसात की रातों में बहुत जल्दी सो जाते थे । मुझे घर पहुंचने की जल्दी थी इसलिए मैंने अपने कदम जल्दी जल्दी आगे बढाए । कहते हैं, अमावस की ऐसी काली अंधेरी रातों में इस रास्ते पर चलना खतरे से खाली नहीं है । क्या तुम्हें डर नहीं लगता? मैंने एक लडकी की आवास में और टक्कर हो गया । मैंने धीरे से पीछे होकर देखा । खूबसूरत सी लडकी मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी । उम्र में मुझसे एक दो साल छोटी होगी । एक ही में वो किसी कॉलेज की छात्रा लग रही थी । मैंने अंदाजा लगाया शायद वो भी मेरी तरह छुट्टियों में अपने घर वापस जा रही थी । मैंने उसकी कहीं बात को मजाक समझा और हसने लगा बला, मुझे डर लगेगा । मैंने उससे पूछा मैं तो मार दूँ डबला तो तो मैं चाहिए क्योंकि तुम लडकी हो यादों में पता नहीं उसने कुछ कदम मेरी तरफ बढाये और पूछा ऐसी अमावस की रातों में कब्रिस्तान से कुछ अतिरिक्त आत्मा बाहर निकलती है और अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए इधर उधर भटक ही रहती है । वो तुम्हारा खून चूस लेती है और तुम है मार डालती हैं । उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पडता कि तो मार दो ये और अब उन्हें सिर्फ तुम्हारा खून चूसने से मतलब है वो लडकी देखने में बहुत खूबसूरत थी और उसकी आवाज भी बहुत मीठी ना उसकी खूबसूरती की तरफ आकर्षित होता चला गया । अगर ये जगह ही खतरनाक है तो भला तुम यहाँ क्या कर रही हो? मैंने उससे पूछा तुम्हारा इंतजार कर रही थी ताकि तुम आओ और मुझे मेरे घर पहुंचा दूँ । मुझे उसकी बात पर हंसी आ गई और मीठा के माँ के हसने लगा तो ये बात है । अब उसकी मंशा मेरी समझ में आ गई थी । असल में तुम्हें अकेले अपने घर जाने से डर लग रहा था इसलिए तुम्हें ये उल्टी सीधी कहानी सुनाकर मुझे कराना चाहिए ताकि तुम है मेरा साथ मिल जाए । नहीं नहीं वो मेरे एक दम करीब आ गई और उसने कहा मैं सच कह रही हूँ चलो ठीक है मानी तुम्हारी बात मुझे उसकी बात पर यकीन तो नहीं था फिर भी मैंने उसकी तसल्ली के लिए कह दिया । अब ये बताओ कि तुम्हारा घर कहाँ है । वहाँ उस तरफ उसने अपने हाथ से दक्षिण की तरफ इशारा किया । मैं उसके साथ चल पा । उसके साथ बातें करते हुए मुझे बहुत अच्छा लग रहा था । मन ही मन मैं तो ये भी चाहने लगा था कि अगर उसके साथ थोडा और वक्त बिताने का मौका मिल जाता तो अच्छा था । लोग आ गया मेरा घर । उस कच्ची सडक पर थोडा आगे चलने के बाद उसने कहा मैं यहाँ से थोडा सा आगे जाना है । अब मैं चली जाऊंगी । धन्यवाद क्या मैं तुम्हें तुम्हारे घर तक छोडने आ सकता हूँ । मैंने बडी उम्मीद से पूछा नहीं उस की कोई जरूरत नहीं है । इतना कहकर वह रास्ते पर आगे बढ गई । मैं थोडी देर वहीं खडा रह कर उसे देखता ही रहा तो अंधेरे में वो कहीं ओझल हो गई तो मैं अपने मामा के घर की तरह पडा । चंदन काफी देर से मेरी प्रतीक्षा कर रहा था । डंडा ने दसवीं कक्षा के बाद ही पढाई छोड दी थी । वो मामा के काम काज में उनका हाथ बढाता था । खाना खाने के बाद हम दोनों बाहर बरामदे में बैठे । चंदू क्या तुम किसी लडकी को जानते हो जो उस तरफ रहती है? मेरे हाथ से उस ओर इशारा किया जहाँ उस लडकी का घर था । देखने में तो किसी कॉलेज की छात्रा लगती है । हमारे गांव की कोई लडकी कॉलेज तक पढे ही नहीं है । अभी लडकियों की तो शादी हो गई है और बाकी आधी लडकियों ने बहुत ही पढाई छोड दी । चंदू ना मुस्कुराते हुए कहा अच्छा नहीं । उस लडकी के बारे में जानने की उत्सुकता था इसलिए मैंने उसे फिर पूछा लेकिन तुमने उस लडकी को तो देखा होगा तो देखने में बहुत सुंदर है । लडकी के सुंदर होने की बात सुनकर चंदू को भी उसके बारे में जानने की उत्सुकता हुए । तुमने क्या बताया था? बंदो ने मुझसे पूछा उसका घर किस तरफ है? उस तरफ मैंने उन्ही से इशारा किया हूँ । देश तंदूरी अपना माथा पीट और कहा अरे उस तरफ तो पाकिस्तान है और क्या तुम जानते हो उस पाकिस्तान का कैसे क्या है तो उस कब्रिस्तान में उन लोगों को दफनाया गया है जिनकी मृत्यु के समय या तो कोई अच्छा अधूरी रह गई है या फिर उनकी मृत्यु समय से पहले हो गई है । कहते हैं ऐसी अमावस की रातों में वो अतृप्त आत्माएं अपनी खबरे से बाहर निकलती है और अपना अधूरा काम पूरा करती हैं । लेकिन अक्सर ये आत्माएं अपना रास्ता भटक जाती हैं और वापस अपनी कब तक नहीं पहुंच पाती । ऐसे में वो इंसानों का इंतजार करते हैं जो उन्हें वापस उन की कब तक पहुंचा सकें । यार मैं इंसान का रूप धरकर हमारे सामने प्रकट हो जाती है और हमसे मदद मांगती है । उनकी मदद न करने पर वो इंसानों का खून चूस कर उन्हें मार डालती है । तुम ने ऐसे ही किसी अतृप्त आत्मा को देखा होगा क्योंकि कोई भी जीती जागती लडकी खबर स्थान में तो नहीं रहती ना । चंदू की बात सुनकर मुझे हंसी आ गयी क्योंकि मैं भूत प्रेत में विश्वास नहीं करता था वो उस लडकी ने भी मुझे यही कहकर मुझे बेवकूफ बनाने की कोशिश की थी । मैंने हसते हुए कहा । मेरी बात सुनकर चंदू डर के मारे कांपने लगा । उस ने मेरा हाथ पकडा और खींचते हुए घर के अंदर ले गया । कल सुबह मैं साबित कर दूंगा जो लडकी जिसको तुमने देखा था वह भूलती थी । चंदू ने घर के दरवाजों को ठीक तरह से बंद करते हुए कहा, वो भला जैसे मुझे भी उसकी बात पर विश्वास नहीं हो रहा था क्योंकि भूतों के नाक कदमों के निशान मंत्री हैं और नई उनकी परछाई बनती है । चंदू की ये बात सुनकर मेरी हंसी गायब हो गई । मुझे उस लडकी के बारे में एक विचित्र बात याद आ गई । मैं उसके साथ कच्ची सडक पर चल रहा था । तब हम भी क्लाइंट के पास से होते हुए हो रहे हमारे पीछे से आती स्वीट लैंप की रोशनी से सडक पर मेरी परछाई तो बन गई, पर उसकी नहीं बनी । लेकिन उस समय मैं उसकी खूबसूरती में और उसकी बातों की मिठास में इतना खोया हुआ था कि मैंने उस बात पर ध्यान ही नहीं दिया । मैंने टॉर्च हाथ में लिया और चंदू को साथ लेकर उसी कच्ची सडक की तरफ चल पडा । उस रात क्योंकि बरसात हुई थी और कच्ची सडक पर की जब भरा था इसलिए किसी के भी पैरों के निशान साफ नजर आती । रात बहुत हो चुकी थी इसलिए हमारे बाद कोई भी उस सडक से नहीं गुजरा था । मैं और चंदू जब सडक पर पहुंचे तो जो नजारा हमने देखा उसे देखकर हमारे होश हो रहे उस पूरी सडक पर मेरे जूतों के निशान दो साफ नजर आ रहे थे । पर उन के अलावा और कोई निशान वहाँ नहीं थे । हम आश्चर्य के साथ एक दूसरे को देखते ही रह गए । कभी उस रात के सन्नाटे में किसी के जो उसे हसने की आवाजे आई । मैंने पहचान लिया कि वो आवाज उसी लडकी की है । जल्दी भाव चंदू ने में रहा पकडा और मुझे वापस घर ले गया । उस दिन मैं समझ गया कि हमारे आस पास कई ऐसे रहस्य छुपे हैं जो हमारी समझ पा रहे हैं । उस दिन के बाद से मैंने कब्रिस्तान वाले रास्ते से जाना छोड दिया । खासकर अमावस की काली रातों में मेरे लिए तो उस रास्ते से जाने की बात पूछना भी और संभव है । हूँ ठीक है ।

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10 हॉरर कहानियां का संग्रह 'प्रतिशोध' आपके रोंगटे खड़ा कर देगा। ये कहानियां अलग-अलग घटनाओं और व्‍यक्ति से जुड़ी हैं। तो देर न करते हुए ट्यून करें कुकूएफएम और सुनें खौफनाक कहानियां।
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