Made with in India
अनामिका ऍम आपका खाना लगा । दु साहब रामू ने मुझसे पूछा खाना में खा कर आया हूँ । मैंने अपनी मेंशन को और से देखते हुए कहा मुझे बडी खुशी थी ये बडा सा बंगला मुझे बहुत कम दाम में मिल गया । अच्छा हम ये बताओ । मैंने पूछा । ये बंगला इतने कम दामों में क्यू भेजा जा रहा था तो क्या मैंने साहब राम मुँह इसके चाहते हुए कहा । इस बंगले के पीछे एक बावडी है जिसे सब खूनी बावडी के नाम से जानते हैं । लोगों का मानना है कि वहाँ जो दाल रहती है क्या बकवास है? मैं सब नहीं मानता हूँ तो मैं जाऊंगा । हम रात हो गई है । मेरी पत्नी मेरा इंतजार कर रही होगी । रामू ने डरी हुई नजरों से बावडी की तरफ देखते हुए कहा, मेरे यहाँ कहने की डेढ थी कि राम वहाँ से सर पर भाग गया । राम के जाते ही मैं अपने कमरे में चला गया । मेरे कमरे की खिडकी से वो बावडी साफ नजर आती थी । मैं बहुत थक गया था और मुझे नहीं बहुत आ रही थी । मैंने एक बार नजर उठाकर उस बावडी को देखा और फिर अपने बिस्तर पर ले गया । थकावट की वजह से मुझे बहुत जल्दी नहीं आ गयी । थोडी देर बाद मुझे बंगले के पिछवाडे से कुछ आवाजें सुनाई दी । मुझे ऐसा लगा कि बावडी में कोई नहीं आ रहा है । मैंने खिडकी से बाहर झांक कर देखा । एक खूबसूरत सी लडकी बावडी के पानी में नहाकर बाहर आ रही थी । ये कौन है? मैंने मन ही मन सोचा और इतनी रात गए मेरे घर में क्या कर रही है? बात का पता लगाने के लिए मैं जल्दी से बिस्तर से उठा और बावडी की तरफ चल पडा । मैं जब वहां पहुंचा तो देखा कि वो लडकी बावडी के पास वाले बडे से बरगद के पेड के नीचे खडी थी बहुत होता हूँ । मैंने उससे पूछा फिर आपको यहाँ क्या कर रही हूँ? मैं अनामिका हूँ । उसने भी आंखों में आंखें डालकर करूँ और तो मेरा था । इतना कहकर बावडी की तरफ चल पडी और उसके पानी में समा गयी । मैं हम वहाँ पर उठा तो मैंने देखा सुबह हो चुकी थी । मैंने जो कुछ देखा हूँ केवल एक सपना था । ये विश्वास करना मेरे लिए बहुत कठिन था । नाश्ता करने के बाद भी उस लडकी का चेहरा मेरी आंखों के सामने घूमता रहा । क्या वो सच में बावडी वाली छोटी थी? मैंने अपने आपसे पूछा लेकिन अगले ही पल मुझे अपनी सोच पर हंसी आ गई । मैं कब से अंधविश्वासों पर विश्वास करने लगा । मैंने उस बात को मन से निकाल दिया और काम करने के लिए अपना लाभ खोला । लेकिन उस लडकी का चेहरा था कि मेरी आंखों के सामने से हटता ही नहीं था । मुझे उसके बारे में जानने की उत्सुकता हुई । मैंने इंटरनेट पर बनाने का मेंशन टाइप किया । मैं ये जानना चाहता था कि कल रात उसने मुझसे जो कहा क्या वो था? क्या वो सच मुझे कभी उस घर में रहा करती थी? दर्ज के बटन दबाते ही मैंने जो सनसनीखेज खबर बडी उससे मेरे होश उड गए । बनाने का मेंशन में एक बहाना ऍम मैं उस कपिल के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करने पास की । पुलिस स्टेशन में या वहाँ के इंस्पेक्टर ने बताया कि कई साल पहले अपनी मेंशन में एक पति पति रहा करते थे । पति का नाम वरुण मेहता और पत्नी का नाम बनाने का था एक रहा । दोनों के बीच कुछ बहस हो गयी और अनामिका ने अपने पति की चाकू मारकर हत्या कर दी । अगले दिन सुबह पुलिस को वरुण की लाश बनाने का मेंशन में मिली । स्कूल में लगभग चाकू भी उसकी लाश के पास से मिला जिसपर अपनी की उंगलियों के निशान थे लेकिन अनामिका का कोई पता नहीं चला । अपने पति का खत्म करने के बाद वो फरार हो गई । पुलिस भी उसकी तलाश में है लेकिन अब तक पुलिस के हाथ नहीं आई । इंस्पेक्टर पवार ने मुझे बनाने का और उसके पति वरुण की तस्वीरें भी दिखाई जो पुलिस रिकॉर्ड में भी ये उसी लडकी की तस्वीर थी जिसे मैंने कल रात खूनी बावडी से बाहर निकलते हुए देखा था । मैं पुलिस चौकी से लौटा ही था कि मेरी मुलाकात हमारे पडोसी विशाल से हो गई । इधर उधर की कुछ बातें करने के बाद मैंने उसे वरुण के अखिल के बारे में पूछा । मुझे तो विश्वास ही नहीं होता कि अपनी वरुण का खत्म कर सकती है । तो हम इतना प्यार था वो क्यों अपने ही पति की हत्या करेगी तो तुम्हें क्या लगता है? विशाल मैंने पूछा इसमें क्यूँकि वरुण की हत्या मैं जानता हूँ ऐसा कौन कर सकता है? विशाल ने बडे गंभीर स्वर में कहा और उनका दोसा जिसका नाम था नहीं राजी वो अक्सर यहाँ आया करता था । खासकर उस वक्त भी जब वो घर पर नहीं होता था । मुझे पता था कि अनामिका पर उसकी बुरी नजर थी । मैंने वरुण को ये बात बताई थी । लेकिन वरुण को नीरज पर इतना भरोसा था कि उसने मेरी बात को हंसी माओवादियों । मुझे पूरा विश्वास है कि इस पत्र में नीरज का ही हाथ है । हत्या के बाद वो भी कभी यहाँ दोबारा नहीं आया । मैं सारी रात सोचता ही रहा हूँ । मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं किसकी बात और विश्वास करूँ । इंस्पेक्टर पवार की या विशाल की तो सोचते सोचते मुझे नींद आ रही है । कुछ देर बाद मैंने देखा कि बनाने का जोर से चिल्ला रही है । कोई आदमी उसे जबरदस्ती अपनी बाहों में कसने की कोशिश कर रहा था । अनामिका अपने आप को छुडाने भरसक का प्रयास कर रही थी लेकिन वो अपनी को मजबूती से पकडे हुए था । अपनी मदद के लिए चिल्ला रही थी । इतने में वहाँ वरुण आ गया । नीरज वरुण ओ सादी की तरफ बढते हुए कहा ये तुम क्या कर रहे हो तो उन्होंने कहा को नीरज अपनी कोर्ट के पॉकेट से चाकू निकाला और वरुण के पेट पर दे मारा । वरुण की उसी शब्द मृत्यु हो गई । तुमने मेरे वरुण को मार डाला । अपनी ने रोते हुए कहा मैं तो मैं नहीं छोडूंगी । अनामिका ने वरुण के पेट में घोपा हुआ चाकू निकाला और नीरज की तरफ बडी पर इससे पहले के बनाने का नीरज पर रहा कर दी । नीरज ने एक लोहे की छडी से उसके सिर पर वार किया तो इस प्रकार से अनामिका की भी मृत्यु हो गई । नीरज नाॅक इलाज को बंगले के पिछवाडे की बावडी में डाल दिया । नहीं उनसे हडबडाकर उठा । तभी मुझे भावी से कुछ आवाजें सुनाई दी । अपना बॉडी की तरफ हो । वहां पहुंचकर मैंने अपनी को उसी बरगद के पेड के नीचे खाना पाया । मुझे यहाँ से निकालो । अनामिका ने मुझे देखते ही कहा मेरे साथ बडा अन्याय हुआ है । मुझे न्याय दिलाओ । मैं तुम्हारी मदद करूंगा हूँ । यह कर मैं उसकी तरफ बढा । लेकिन इससे पहले कि मैं उस पर पहुँच पाता, किसी अदृश्य शक्ति ने अपनी को पकडकर खींचा और उसे बावरी के पानी में तो बोल दिया । ऍर को फोन किया । इंस्पेक्टर ऍम हत्याकांड के बारे में आप को कुछ जानकारी देना चाहता हूँ और जल्दी से जल्दी कुछ होता को लेकर जाना चाहिए । इंस्पेक्टर कुछ गोताखोरों को लेकर आ गए और मेरे कहने पर उन्होंने बावडी में भी तलाश शुरू की । सुबह होने ही वाली थी । उन्होंने बॉडी के अंदर से कंकाल मिला । उस कंकाल के सिर के पीछे जख्म का निशान था । ये जख्म ठीक उसी जगह था जहां नीरज ने अनामिका के सिर पर लोहे की छडी से द्वार किया था । कंकाल को जांच पडताल के लिए अस्पताल भेज दिया गया । जब फोरेंसिक रिपोर्ट आई तो उसमें साबित हो गया ये कंकाल अब नहीं आ रही है । अब मुझे वो सबूत की तलाश थी जो नीरज को दोषी करार दे सकता हूँ । मैं सोच में पड गया ये सबूत मुझे कहाँ से मिलेंगे? मैंने चारों तरफ नजर घुमा कर देखा । मुझे पूरा विश्वास है कि हो या ना हो । सबूत मुझे इस बंगले के आस पास ही कहीं मिलेंगे । लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं अपनी तलाश कहाँ से शुरू करूँ । बहुत सोचने के बाद मेरा ध्यान एक बात की फोर गया । मैंने अनामिका को जब भी देखा था उसे उस बडे से बरगद के पेड के नीचे ही खडा देखा था । बनाने का वहाँ क्यों बारबार आती थी । मुझे ऐसा लगा उस बरगद का पेड के नीचे जरूर कोई राज दफन है । मैंने कुल्हाडी उठाई और वहां खुदाई करनी शुरू कर दी हैं । बहुत खुदाई करने के बाद मुझे वहाँ से जमीन मैं खडा हुआ एक पैकेट मिला । मैंने पैकेट खोलकर देखा तो उसमें क्या हो गई की छडी और किसी मार के कुछ कपडे थे जो खून से लगभग थे । ऍफ को पुलिस स्टेशन लेकर गया और उसे इंस्पेक्टर पवार के हवाले कर दिया । उस की जांच पडताल से पता चला कि उसमें जो खून लगा था वो अपनी का था । जब वो कपडे विशाल को दिखाए गए । दोस्त ने फौरन पहचान लिया कि वह कपडे नहीं रखते थे । उन कपडों से नीरज के सिर के कुछ बाल भी मिले थे । पुलिस नीरज को गिरफ्तार कर लिया । कपडों से मिले बालों की फोरेंसिक जांच के बाद ये साबित हो गया । ये कपडे नीरज के ही है और नीरज के पास अपना जुर्म कबूल करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था । उसे दो लोगों की हत्या करने के इल्जाम में भांसी की सजा दे दी गई । आज इस बात को छह महीने बेच चुके हैं । हर रात सोने से पहले मैं उस बावडी की तरफ जरूर देखता हूँ । मेरे मन में अनामिका से एक बार फिर मिलने की बडी होती है लेकिन वो फिर कभी नजर नहीं आई है तो उसकी आत्मा को मुक्ति मिल गई थी । मैंने उसकी अंतिम इच्छा पूरी कर दी थी । उसके और उसके पति के हासिल को सजा दिलाकर मैंने उसे न्याय जो दिला दिया था । मुझे पता है वो कभी वापस नहीं आएगी । लेकिन वहाँ जाने की ओर हर रात में उससे मिलने की इच्छा मन में लेकर होता हूँ ।
Writer
Voice Artist
Sound Engineer