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प्रतिशोध - शापित in Hindi

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4 K Listens
AuthorS. Anand
10 हॉरर कहानियां का संग्रह 'प्रतिशोध' आपके रोंगटे खड़ा कर देगा। ये कहानियां अलग-अलग घटनाओं और व्‍यक्ति से जुड़ी हैं। तो देर न करते हुए ट्यून करें कुकूएफएम और सुनें खौफनाक कहानियां।
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शॉपिंग एक महीने पहले ही ऋतु की शादी हुई थी । उसके पति अमित असम के एक सरकारी हॉस्पिटल में डॉक्टर थे । ऋतु भी डॉक्टर थी और शादी के बाद उसने अपना तबादला अमित के हॉस्पिटल में करवा लिया था । अमित की हर हफ्ते में एक दो बार हॉस्पिटल में नाइट ड्यूटि लगती थी । उन रातों को ऋतु की नौकरानी रेशमा उसके साथ उनके घर पर ये रुक जाती थी । रेशमा असम के एक आदिवासी कबीले से थी और कुछ ही दिनों में उसकी ऋतु के साथ अच्छी दोस्ती हो गई थी । एक रात अमित हॉस्पिटल जाने के लिए तैयार हो रहा था । उसकी नाइट ड्यूटी थी । रेशमा दूसरा ऋतु के साथ उसके घर पर हो गई । रात का खाना खाने के बाद अमित हॉस्पिटल जाने के लिए अपनी कार में बैठा लेकिन उसी का स्टार्ट ही नहीं हो रही थी । बहुत कोशिश करने के बाद अमित ने हार मान ली और कार से उतर गया । वैसे ही काफी देर हो गयी थी । अमित को जल्दी से जल्दी हॉस्पिटल पहुंचना था । जंगल के बीच से होता हुआ छोटा सा रास्ता सीधे हॉस्पिटल को जाता था । अमित ने वही रास्ता लेना ठीक समझा । ऋतु को जल्दी हो जाने की और रेशमा को मेम साहब का खयाल रखने की हिदायत देकर अमित घर से निकल पडा । अमित के जाने के बाद ऋतु घर की सारी खिडकियों दरवाजे बंद करके सो गई । प्रदेश मैंने भी रसोई घर में अपना बिस्तर बिछाया और हो गई । कुछ समय बाद ऋतु बाहर के दरवाजे पर दस्तक सुनी जैसे उसकी नींद खुल गई । गहरी नींद में होने की वजह से उसे वक्का कोई होश नहीं था । उसने झट से आगे खोली और चारों तरफ देखा । अभी भी अंधेरा ही था । उसे लगा शायद कोई मरीज आया हूँ । उसने जल्दी से जाकर दरवाजा खोला । दरवाजे के खुलते ही उसने जो दृश्य देखा उससे ऋतु के रोंगटे खडे हो गए । अमित बडी बदहवासी की हालत में उसके सामने खडा था । उसके कपडे तारतार हो गए थे और उसके चेहरे और हाथ खून में डूबे हुए थे । तू समझ गई कि हॉस्पिटल से वापस आते वख्त जरूर किसी जंगली जानवर ने अमित पर हमला किया है । तब तक रेशमा भी वहाँ आ चुकी थी । ऋतु और रेशमा अमित को सहारा देकर उसके कमरे तक ले गई । ऋतु ने रेशमा से सो जाने को कहा और वो हम इसके जख्मों पर मरहम लगाने में जुट गई । अमित तब तक गहरी नींद में सो गया था । ऋतु जब अमित के चेहरे पर लगे खून को साफ किया तो उसकी हैरानी की कोई सीमा ना रही । अमित के चेहरे और हाथों पर तो कोई जख्म था ही नहीं । मतलब ये कि वह खून किसी और का था । ऋतु ने अमित के होठों पर से खून साफ किया तो उसने देखा कि अमित के दांतों के बीच कुछ फसा हुआ था । ऋतु हो और से देखा तो उसे लगा कि वह मांस का टुकडा है । ऋतु हैरानी में पड रही है क्योंकि हमें तो माफ खाता ही नहीं था । फिर उसने सोचा हो सकता है हॉस्पिटल में उसके दोस्तों ने उसे जबरदस्ती खिला दिया हूँ । अमित नमाज खाता था ना शराब पीता था मगर दोस्तों के बहुत आग्रह करने पर उनका दिल रखने के लिए थोडा सा जरूर लेता था । ऋतु ने दूध की मदद से वो मांस का टुकडा अमित के दातों से निकाला । ऋतु ने तो उस टुकडे को करीब से देखा तो उसे घिन आने लगी । वो तो कच्चा माल था । ऐसे मांस के टुकडे उसे अमित के नाखून में भी फंसे मिले । मेरे को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर मानना क्या है । फिर उसने देखा की अमित की उम्मीद से वो हीरे की अंगूठी भी गायब है । जो उसके जन्मदिन बारी तुम्हें उसे तो फिर में दी थी । ऋतु ने जिस रुई से खून साफ किया था उसे संभाल कर रख लिया । उसने अमित के ना होने और दातों से मिले मांस के टुकडों को भी सवाल कर रख लिया । ॅ अगले दिन सुबह अमित उठा और हमेशा की तरह हॉस्पिटल जाने को तैयार हो गया । उसका बढना बिल्कुल सामान्य था । जैसे पिछली रात कुछ हुआ ही ना हो । तैयार होकर वो नाश्ता करते समय तो उसकी तरह अखबार बढने लगा । देश में उसके सामने चाय की प्याली रख भी और बडी हैरानी सपने मालिक को देखा तो उन्हें इशारे से उसे चुप रहने होगा । प्रदेशभर फौरन वहां से चली गई अमित कल क्या हुआ था? रेश्मा के जाते ही तूने पूछा हूँ । कल रात के करीब तीन बजे मुझे बडे जोर से सिर में दर्द होने लगा । अमित ने चाय की चुस्की ली और कहा मैंने हॉस्पिटल की ड्यूटी डॉक्टर गुप्ता से संभालने के लिए कहा और घर वापस चल पडा । जंगल से होते हुए जब मैं आ रहा था तो मुझे चक्कर आने लगे । फिर सच कहूँ तो मुझे कुछ ठीक से याद नहीं और सुबह जहाँ खुली तो मैं अपने घर पर था । इतना कहकर अगर फिर से अखबार पडने लगा फिर उसने अपना नाश्ता खत्म किया और हॉस्पिटल जाने को तैयार होने लगा । ऋतु भी तैयार हो गए और उसके साथ चल पडेंगे । जाने से पहले उसे रेशमा को हिदायत दी थी कि वह कल रात वाली बात का जिक्र किसी से लाकर हॉस्पिटल पहुंची तो ऋतु को बताया गया की पुलिस एक लाख लेकर आई है जिसका पोस्टमार्टम उसे करना है । तूने वो लाश देखी तो उसके होश उड गए । उस ने आज तक किसी इलाज हो इतनी बुरी हालत में कभी नहीं देखा था । वो शव पर हर जगह दांतों और नाखूनों से हुए वहाँ पे दिल दहला देने वाले निशान थे । ऐसा लगता था किसी है वाले बडी बर्बरता से उस पर हमला किया हो । पुलिस को वो लाश आज सुबह जंगलों से मिली थी । दर्द उन्हें पोस्टमार्डम शुरू कर दिया । मोयना करते समय ऋतु को वो शव पर लगे जख्मों से एक हीरे की अंगूठी मिली । वो उसे देखते ही पहचान गई । वो अमित की अंगूठी थी । ऋतु के मन में शक घर कर गया । सच्चाई की तह तक पहुंचने के लिए उसने उस वास खून की जांच की जो से अमित के शरीर से मिले थे । जब रिपोर्ट आई तो ऋतु का शव यकीन में बदल गया । वो खून और मांस उस मृतक के ही थे । ऋतु सोच में पड रही है अगर इस आदमी ने अमित के अंगूठी लूट नहीं कोशिश की थी तो अपने बचाव के लिए अमित लात और घूसों से उस पर वार करता हूँ । ये जानवरों की तरह दातो राहुल से हमला करने की क्या जरूरत है? ऋतु ने सोचा कि जब तक पूरे सच का पता नहीं चलता वो बात को यही गवा देगी । उसने बहुत मोटी छुपा दी और रिपोर्ट में ये लिख दिया कि उस व्यक्ति पर किसी जानवर ने हमला किया था जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई और ऋतु अमित की गतिविधियों पर चोरी छिपे नजर रखने लगी । उसके बर्ताव में कहीं कोई परिवर्तन नहीं दिखाई दिया और हर पूनम की रात को यूँ ही खून में लथपथ और बेहाल होकर घर होता । अगले दिन सुबह पुलिस को जंगल से कोई लाश जरूर मिलती थी जिसका पोस्टमार्टम करते समय ऋतु कोई ऐसा सबूत मिलता जो अमित को बादल ठहराते । इस कशमकश में डूबी ऋतु बहुत उदास रहने लगी । वो घंटो मेडिकल साइंस की किताबें पडती और इंटरनेट पर फॅमिली रहती थी फिर भी उसे समझ नहीं आता कि अमित को आखिर क्या हुआ है । एक दिन उसने वेयरवुल्फ पर लिखा एक लेख पडा, पहले तो उसे बिल्कुल विश्वास ना हुआ लेकिन फिर भी वो सही बात तसल्ली का देना ठीक समझा । अगली पूनम की रात को जब अमित नाईट ड्यूटी के लिए हॉस्पिटल जाने वाला था तो तूने चुपके से उसका पीछा करने की योजना बनाई थी । उस लेख में भी यही लिखा था की अगर वेयरवुल्फ के सामने मांस का टुकडा फेंक दो तो शिकार को छोड देता है । ऋतु ने मांस के कुछ टुकडे साथ रख लिए और अमित के पीछे पीछे चल पडेंगे । अमित तेज कदमों से आगे बढ रहा था । जब वो जंगल के बीचों बीच पहुंच गया तो पूरा उनका चंद बाद लोगों के पीछे से निकल आया । चानकी रोशनी पढते ही उसके कदम एक काम से रोक गए । वो जोर से चीखा और उसकी चीजों से सारा जंगल गूंज उठा । धीरे धीरे तो उसके शरीर में कुछ परिवर्तन आने लगे हूँ । एक बडे से पेड के पीछे छुपकर उसे बडी हैरानी से देखने लगी । अमित की आंखे लाल अंगारो सी हो गई उसके ना हूँ लम्बे और खूंखार हो गए । उसके सारे शरीर बडे बडे बाल होगाए उसके दाम भी लंबे और पहले हो गए । अब वो पूरी तरह से वेयरवोल्फ में तब्दील हो चुका था । तभी वहां से एक आदमी गुजरा और अमित उसपर झपटा । लेकिन इससे पहले की अमित उसके टुकडे टुकडे कर डालता । ऋतु ने उसके सामने मांस का टुकडा टाल दिया । हमें बडे चाव से मांस खाने लगा और वहाँ आदमी अपनी जान बचाकर बाहर गया । ऋतु घर की तरफ जाने वाले रास्ते पर उसके सामने मांस के टुकडे डालती रही । अमित उनको खाते हुए घर की तरफ बढा । चार । फिर बाद उनके पीछे छूट गया और अमित का शरीर पूरी स्थिति में वापस आ गया । अमित बेहाल हो चुका था और वहीं समीन पर गिर गया । कितने में रेशमा भी आ गई । ऋतु और रेशमा ने अमित को बिस्तर पर लिटा दिया । हमारे कभी लेके सरदार परमज्ञानी है । इक्कीस हो जाने के बाद रेशमा निर्दोष से कहा अब वही आपकी मदद कर सकते हैं तो मुझे उनके पास ले चलो । ऋतु ने रोते हुए कहा मुझे किसी भी हालत में अमित को बचाना है । सब ठीक हो जाएगा । मेम साहब देशमाने हौसला दिया और अगले दिन वो दोनों सरदार से मिलने गए । क्या तुम्हें कोई ऐसी घटना याद है जब तुम्हारे पति का सामना मेडियो से हुआ हूँ । सरदार ने ऋतु से पूछा हाँ, एक बार अमित मुझे ऐसी घटना के बारे में बताया था । ब्रो तूने याद करते हुए कहा, करीब छह महीने पहले वो अपने दोस्तों के साथ इन जंगलों में घूमने गए थे । उनमें एक मित्र, एक भिंडी की तस्वीरें उसके बहुत करीब चला गया था । तब उस भेडी ने उन पर हमला कर दिया । अमित ने उनकी जान बचाने के लिए उस भेडियों को भी गोली मार दी थी । उस भेडी का शाह भी है जिससे तुम्हारे पति की हालत कर दी, उनकी रक्षा कीजिए । ऋतु यहाँ जोडते हुए कहा, अब तो बहुत देर हो चुकी है । सरदार ने अपना सिर झुका लिया । अगली पूनम की रात को तुम्हारा पति पूरी तरह से भेडिया बन जाएगा और फिर कभी अपने असली रूप में वापस नहीं आ पाएगा । कृपया उन्हें बचाने का कोई उपाय नहीं है । ऋतु लडाई मैं वादा तो नहीं कर सकता पर एक आखिरी कोशिश करके देख लेते हैं । सरदार ने बडे चिंतित स्वर में कहा मैं तो मैं एक मंत्र देता हूँ । पूनम की रात को जब वो भेडी में तब्दील होने लगे तो ये मंत्र जबकि रहना उसका रूप बहुत भयंकर होगा और वो तो मैं डराने की कोशिश करेगा पर तो मंत्रों का जाप मत रोकना । मैं भी तुम्हारे पति के लिए प्रार्थना करूंगा । पूनम की रात को ऋतु मंत्र जपने बैठ गई । करिश्मा भी उस रात वहीं रुक गई । जैसे ही पूरे चांद की किरणें अमित पर पडी वो भेडिये के रूप में तब्दील होने लगा । ऋतु मंत्रों का जाप करती रही । क्रोधित होकर अमित नैऋत् ऊपर हमला करना चाहा और सरदार की प्रार्थना की । शक्ति ने ऋतु के चारों तरफ एक सुरक्षा कवच बना दिया जिससे अमित ना भेज पाया । वो तरह तरह की खौफनाक आवाजें निकालने लगा और गुस्से में पागल होकर घर की चीजें तो नहीं फोडने लगा । रेश्मा का डर के मारे बुरा हाल था, लेकिन ऋतु इन सब की परवाह किए बिना मंदिरों का जवाब करती रही । कुछ देर बाद सवेरा हो गया । अमित का शरीर वापस पूर्व स्थिति में आ गया । मेम साहब रेशमा दौडती हुई आई और ऋतु के गले से लगकर बोली बुरा चला गया है । अब सब बिल्कुल ठीक हो जाएंगे । आपके प्यार और बलिदान की ताकत में उनकी जान बचा ली

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