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Part 6 in Hindi

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AuthorRavi
नाकाम दुश्मन Voiceover Artist : Brijesh Author : Ravi Ranjan Goswami
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अभी अब संदेह को काॅल समय जो मन चाहे और मैं हूँ आपके साथ आपका दोस्त प्रजेश रविरंजन गोस्वामी का लिखा हुआ लघु उपन्यास नाकाम दुश्मन वे आप सुन रहे तेज इस उपन्यास का छठ बाबा एलवर्ट समझता था कि उसका परिवार उसके विचारों या कार्यों का समर्थन नहीं करेंगे । इसलिए उसमें किसी के साथ आगे कुछ भी चर्चा नहीं लेकिन वह मौलाना के साथ ही मिल द्वारा संपर्क में बना रहा । एक पखवाडे के बाद एलवर्ट को मौलाना का एक ही मिल प्राप्त ऍम । जैसा कि मैंने आपको बताया था कि हम पूरी तरह से सरकारी धन और अन्य आंतरिक संसाधनों पर निर्भर नहीं रह सकते । फंड जुटाने के लिए प्रयास करेंगे । कोई भी राशि छोटी नहीं है आपका बहुत इस नहीं भाई ऍम मार कर के साथ इस मसले पर चर्चा के मार्क ने अपने संसाधनों से कुछ धन जुटा दिया । वो लाना की सलाह पर एलवर्ट ने एक छद्म नाम से आपने विचारधारा के प्रचार प्रसार के लिए एक ब्लॉक लिखना शुरू कर दिया था । अलवर टी ये सोच कर खुश था की ये विश्व व्यवस्था को आकार देने में कुछ भूमिका निभा रहा है । उधर ऐसा मौलाना से खुश था क्योंकि वो अमेरिका में एक ताजा लिंक स्थापित करने में कामयाब हुआ था । हेलमेट के ब्लॉक ने विश्व के कुछ क्षेत्रों से भारत के क्षेत्रों के कुछ समूह को आकर्षित किया । उनमें से कुछ हिंदू रहते थे और कुछ ऐसे थे भारत और इसकी सब्जी मुस्लिम आबादी तक से नफरत करते थे । वहाँ से सत्ताइस दो हजार सोलह लाहौर ऍम फिर डीडी करना । मौलाना, रक्षामंत्री टाउन मौलाना के आवास पर इकट्ठा हुआ । संतुष्ट थे की सरकार ने उनकी योजना का विरोध नहीं किया था । जी जी ने कर्नल से पूछता हूँ आपके क्या विचार है? ऍम मैंने प्राइम मिनिस्टर इस बात की है वो सकारात्मक बुलाना मुझे क्या करना घन्ना मौलाना उत्तर दिया जनाब, अपने फॅमिली कर जो शानदार योजना बनाई है हम उसे ही अमल में लाएंगे । लेकिन मैं ऑपरेशन कमान सामान होगा । डाउन से दीदी ने पूछा आप की तैयारी कैसे डॉॅ? हरदम तैयार है । मैंने पहले से ही नशीली दवाओं के के भेज दिए और नकली भारतीय मुद्रा का सैलाब भारतीय बाजार में भेजने की तैयारी है । मौलाना ऍम बोला, हम जानते हैं कि इस साल इंडिया से तुमने कई गुना प्रॉफिट कमाया तो मतदान करना चाहिए । डॉन जनाब, मैंने पहले से ही किया है एक मुस्कान के साथ ऍम से तुम इतने बोले नहीं जाना । मौलाना कोचर अलग इशारा कर रहे डाॅ । इस तरह से एक बारी बोल नहीं कर सकता । कल आप सभी को उपर पैकेट प्राप्त हो जाएंगे । फिर वे विस्तार से योजना पर चर्चा करते हैं । अंत में कर्नल है सबको संबोधित किया । ये सब चर्चा के बाद मेरा निष्कर्ष है कि हम चार लाइनों पर काम करने वाले जैसे हिंदुस्तान के विभिन्न विश्वविद्यालय में दुष्ट तत्त्वों को सक्रिय कर वहाँ शांति पैदा करना । हिंदुस्तान में किसी भी समूह के द्वारा किसी भी शांतिपूर्ण आंदोलन में हिंसा फैलाने के लिए असामाजिक तत्वों का उपयोग करना, कई महान बुद्धिजीवी और मीडिया के लोगों को खरीदकर पेड न्यूज के द्वारा राजनीतिक अस्थिरता, स्टार में कौन मौत बढ गाना और दुनिया में इंडिया की छवि को नुकसान पहुंचाना, भारत फॅमिली पर सेल सक्रिय करना और कश्मीर में आतंकी हमले करवाना हो, हम तुरंत तैयारी शुरू करेंगे और जब मैं आदेश दूंगा हर मोर्चे पर एक साथ एक्शन होगा जब हम इंडिया में माहौल बिगाड देंगे और इंडिया उसे सवाल है, व्यस्त हो जाएगा । हमारी फौज अटैक कर देंगे । आप सभी सहमत हैं, सभी नहीं । अनुबंधन में से रेला बैठक खत्म हो गए । सभी लोग मिशनरी काम की भावना के साथ वहां से रवाना हो । चौबीस मार्च दो हजार सोलह मुंबई । भारत अस्सी धारा भी मुंबई के घनी आबादी वाले जबकि बस्ती में कमरा किराये पर लेकर रह रहा था तो एकांत में और गुमनाम रहना चाहता हूँ । ज्यादातर उससे वहाँ कोई नहीं जानता था और इसमें किसी की खास दिलचस्पी नहीं दी । केंद्र त्योहारों पर पडोसियों से एकांत में रहने के लिए अनुमति नहीं देते । घर की मालकिन चाची से घर में बनी मिठाइयां भेजने नहीं होती कोई लोग । किसी त्योहार के संयुक्त समारोह के लिए उसे आमंत्रित । होली की सुबह उसके कमरे के दरवाजे पर दस्तक हुई । जब दरवाजा खोला तो मिठाई के एक पैकेट के साथ घर के मालिक की जवान बेटी खडे थे । वो होली होली मुबारक वाई । मैंने आपके लिए कुछ मीठा भेजा है । वसीम ने मिठाई को सरकार कर लिया और का धन्यवाद् आपका नाम क्या है? मेरा नाम नेता है । उसमें जवाब दिया और वापस चले । असीन सोच रहा था कितना मुश्किल है यहाँ एक अजनबी की तरह जीना । लोग कितने जल्दी रिश्ते बना लेते हैं । अनीता ने उसे पहली बार मिलने पर ही भाई बना लिया । उसे अपने घर की आसानी शुरू । कुछ समय के बाद फिर किसी ने दरवाजे पर दस्तक दे । उसी मैं चाहती लगाने वाले छह के माध्यम से बाहर देगा और उसके ये वक्त उन सबके चेहरे होते थे और कपडों पर भी रंग लगे थे । उससे याद आया । उस दिन हो लेते । उनमें से कुछ युवकों को पहचानता था लेकिन किसी के साथ कोई दोस्ती नहीं है । असीम ने अंदर से जवाब दिया, माफ करना तो मुझे बुखार है । एक ही वक्त नहीं जोर से पूछा तुम रंगों से बचने के लिए बहाना तो नहीं कर रहे हो? नहीं, मैं वास्तव में बीमार हूँ । उन्होंने ज्यादा परेशान नहीं किसी ने एक फॅमिली की तरह बजाना शुरू कर दिया और वे होली है चलाते हुए वहाँ से चले असीम नहीं । दिनभर कमरे के अंदर ही रहने का फैसला किया तो आपने लेपटॉप को खोल कर बैठ गए और अपने ईमेल पडने लगा । वहाँ उसके लिए एक विशेष संदेश था । कुछ दिनों बाद से गोरखपुर जाने को कहा गया था । तीस मार्च गोरखपुर भारत ॅ अपनी टीम के साथ गोरखपुर में हुए बम विस्फोट के स्थान पर पहुंचे । ब्लाॅस्ट एक संकरी गली में हुआ था । उन्होंने फिर क्रिकेट बम दस्ते और फॉरेंसिक विशेषज्ञों को पहले ही बोला भेजा था । ये एक संकेत लघु अंधी गए नहीं थे । गले के पास भीड जुटी थे । लगभग सभी गली के निवासी बाहर आ गए थे । फायर ब्रिगेड कर्मियों और पुलिस ने गाली को पूरी तरह खाली करा दिया था । कोई बडी आग नहीं थे । गली के अंत में एक दरवाजे की खिडकियों और लकडी के दरवाजों की दरारों के माध्यम से धोना बाहर आ रहा था । निवासी उन्हें खालिद की सूचित किया कि उस मकान में पीछे भी एक दरवाजा था जो पीछे की गली में बोलता था । खालिद ने इलाके को घेर लिया । ऍफ का पानी का टैंकर गली के प्रवेश के पास तैनात किया गया । उस पर एक लंबे रबर के पास की मदद से उस मकान में बची हुई आग बुझाने के लिए पानी लिखा गया । ये निश्चित होने पर की आग बज चुकी है । पहले बम निरोधी दस्ता मकान में प्रवेश हो, वहाँ अंदर कोई भी नहीं तक बम दस दिन है । सुनिश्चित किया कि यहाँ कोई जीवित बम नहीं था । इसके बाद पुलिस और फॉरेंसिक विभाग के लोगों ने अपना काम शुरू कर दिया । वहाँ एक कमरे में विस्फोट द्वारा बना एक छोटा गड्डा और मानव रक्त के निशान मिले । इंस्पेक्टर खालिद को प्रथम दर्शिता ऐसा लगा कि कम तीव्रता वाले बम का गलती से विस्फोट हो गया था । शायद किसी ने वहाँ बम बनाने की कोशिश की थी । एंगर पर टंगे तो अलग अलग काम आप के कपडों से अनुमान लगाया गया कि दो पुरुष इसमें शामिल थे । रक्त की उपस् थिति से ये अनुमान लगाया जा सकता था कि उनमें से एक या दोनों को मामूली चोट लगी थी और वे पिछले दरवाजे से भागने में सफल रहे थे । पुलिस ने एक लेपटॉप और घर से कुछ अतिवादी साहित्य जब्त कर लिया । खाॅ को घटना के विस्तार से जानकारी दी । शहर में नाकेबंदी कर दिए गए । उन दो अज्ञात व्यक्तियों को पकडने के लिए अभियान शुरू किया गया । शहर नेपाल सीमा के पास था इसलिए वहाँ बीएसएफ को भी सतर्क कर दिया गया । खालिद ने दो घंटे के भीतर एक काठमांडू जाने वाली बस से दो युवकों को पकड लिया । एक युवक के एक हाथ में पट्टी बंधी थी । दूसरे युवक का एक हाथ चला था । दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया । इकतीस मार्च दो हजार सोलह दिल्ली भारत संजय ने राजेश से प्राप्त सूचनाओं से निष्कर्ष निकाला कि दुश्मन कुछ अलग करने की योजना बना रहा है । उन्होंने राजेश को लौटने के लिए सन्देश भेज दिया और पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल चीज दवाई और संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने अन्य संपर्कों को सतर्क कर दिया । संजय श्रीवास्तव नरिंदरजीत को भी जानकारी देना ठीक समझा और उनके पास गया हूँ खतरा गंभीर है सर, कितना गंभीर खतरा? दलजीत ने पूछा श्रीवास्तव हूँ पहले से कहीं अधिक क्यों कर हमला बहुआयामी होने जा रहा है और उनकी आंतरिक तत्वों और संसाधनों का उपयोग करने की योजना है । आपका क्या मतलब? मुझे डर है देश में सांप्रदायिक और वर्ग संघर्ष, छात्रों के अशांति, अंतर आतंकवादी हमले हो सकते हैं और उत्तर और पूर्वी सीमाओं पर तनाव पैदा हो सकता है । ये सब क्या कर हूँ? रंजीत ने थोडा जानता तो अगर कुछ हूँ चीफ खतरा वास्तविक है संजय का ठीक श्रीवास्तव मुझे लगता है कि हमें शहनाई और गृहमंत्री को सचित करना चाहिए आंसर संजय का । इससे अच्छा के बाद संजय अपने कमरे में आ गया । इसके बाद की कहानी जानेंगे । अगले अंक में तब तक सुनते रहे ऍम समय जो मन चाहे

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नाकाम दुश्मन Voiceover Artist : Brijesh Author : Ravi Ranjan Goswami
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