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रहस्मय टापू - 05 in  |  Audio book and podcasts

रहस्मय टापू - 05

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प्रस्तुत उपन्यास "रहस्यमय टापू" अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक रॉबर्ट लुईस स्टीवेंसन के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी उपन्यास "ट्रेजर आइलैंड" का हिंदी रूपांतरण है। उपन्यास का नायक जिम जिस प्रकार समुद्र के बीच खजाने की खोज में निकलता है वो इसे और रोमांचक बना देता है। कहानी में जिम एक निर्जन टापू पर खूंखार डाकुओं का सामना करता है और कदम कदम पर कई कठिनाइयों का सामना भी करता है। इस बालक के कारनामों को सुन कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। सुनें रमेश नैयर द्वारा रूपांतरित ये पुस्तक हिंदी में आपके अपने Kuku FM पर। सुनें जो मन चाहे।
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मुझे डर तो लग रहा था पर मैं ये जानना चाहता था इस समुद्री डाकू क्या करने जा रहे हैं । मेरी उत्सुकता के सामने मेरा भाई छोटा पड गया था । यही कारण था कि मैं बहुत देर तक दुनिया के नीचे दुबक कर बैठा नहीं रह सका । मैं धीरे धीरे सरक कर लिया के किनारे पर पहुंचा और वहाँ से रैंटा हुआ एक झाडी के पीछे जाकर छूट गया । वहाँ से मुझे अपने लॉन्च के दरवाजे तक जाने वाली सडक साफ दिखाई दे रही थी । थोडी देर में वे एक एक कर उस और जाते दिखाई दिए । बेटे अब एक साथ ही घंटे हो गए थे । कुल मिलाकर में सात या आठ लोग थे । अहमदाबाद में उन के बीचोंबीच खडा था । उस अंधे पर नजर पडते ही मेटल से कम नहीं है । जिसे देखकर कप्तान जैसा मजबूत आदमी भी डर के मारे दम तोड बैठा था हूँ । उसे देख कर मेरा काम अपना स्वाभाविक था । अंधे आदमी से कुछ कदम आगे एक व्यक्ति हाथ में लालटेन लिए खडा था । उस की टोली लॉन्च के दरवाजे के सामने जाकर खडी होगी अंधेरे कडकती आवाज में उनसे कहा दरवाजे को तोड तो उन लोगों ने दरवाजे को लटका दिया है तो पहले से ही खुला हुआ था । ये सब लॉन्च के भीतर चले गए । अंदर उनसे कहना था, जल्दी करो, तुम लोग हो कुछ और आगे बढे और एक आवाज आ रही है । बिल्लो मर गया है, उसकी लाश पडी है, अंधेरे क्यों दिया और उसकी तलाशी लोग बाकी के लोगों पर चले जाओ और उस की जोडी पर कब्जा कर हूँ । मुझे कुछ लोगों की सीढियों पर चलती की आवाज ही नहीं है । उनमें से एक आदमी ने खिडकी में से अपनी कर लो । बाहर निकली और उस बन्दे से कहने लेगा सरदार वे लोग हमसे पहले यहाँ पहुंच गए थे की जोडी खुली हुई है । लगता है उसमें से कुछ सामान भी गायब है । दूसरा भी दरवाजे से निकलकर बाहर आया और जोर से जी तो ये लोग घरेलू की तलाशी पहले ही ले चुके हैं । चाबी गायब है । लगता है अब कुछ नहीं बचाते । खिडकी के पास खडा नहीं चल रहा है । यहाँ एक मोमबत्ती भी चल रही है । नीचे से अंधेरी करते हुए कहा जरूरी स्लाॅट लडता सारा माल पार कर गया होगा । अच्छा होता हूँ । मैं उस वक्त उसके घर के बाहर भी कर लेता हूँ । लेकिन अस्तित्व और उसकी बाबा दूर नहीं गए होंगे । हो सकता है कि वह घर के भीतर ही हो । घर का जब पांच पांच हो देखो वो बच करना निकल पाए । अंदाज भी उससे से चिल्लाता हुआ बार बार सडक पर आपने नहीं बैठ कर रहा हूँ । घर के भीतर तो जैसे तूफान आ गया ब्लू हर चीज को उठा उठाकर पटक रहे हैं । दरवाजे को लाखों से पीट रहे थे । क्रॉकरी तोड रहे थे । कुछ देर बाद में चप्पा चप्पा छान चुके थे और भारत कोई । वो अंधा गुस्से में पागल हो रहा था । लेकिन इसमें सीटी की आवाज आ रही है । सीटी आवाज को पल भर बाद फिर हो पाया गया वो शायद के लिए खतरे की चेतावनी । एक आदमी ने कहा तो वारसी की वजह है हमें यहाँ से फौरन चल देना चाहिए । बन्दे ने गुस्से से चीखते हुए कहूँ कहाँ जाओगे? मूर्खो पहले उसको छोकरा को तलाश हूँ । सोचो इस तरह एक महंगे रहना चाहते हो, क्या बजा हूँ की तरह पेश करना चाहते हूँ । मैं कंधार नहीं कुछ दिखाई नहीं देता हूँ वो भी मैंने दिल्ली को तलाश लिया था । तो मैं कोई ये काम नहीं कर पाया । सडक ॅ जाओ उस छोकरे को कहीं से भर पाकड कर लूँ । अगर मेरी आंखें होती तो कम में चुटकी बजाते कर देता हूँ । चाहो कुत्ते के तीन लोग जाओ धुंधु उस लडके को तो सब समुद्री डाकू डरे हुए लग रहे थे । कहने लगे इस तरह सडक पर चलने में खतरा है तो कि सिपाहियों के आने का संकेत मिल चुका है । इस सब वहाँ से फौरन निकलने की तैयारी करने लगे । उनकी हरकतों से बंदे को शंका हो गई थी कि उसके आदेश का पालन नहीं कर रहे थे । अनदेखा पारा आसमान छूने लगता हूँ । उसने अपनी लाठी से उन को पीटना शुरू कर दिया । डाकुओं के शरीर पर बंदे सरदार की लाठी टाॅल पड रही है हूँ । कुछ लोग लाठी के वार को रोकने की कोशिश भी करते हैं । एक दो ने तो लाठी को पकडकर छोडने की कोशिश भी और किसको अंधे को उसने भी लगे थे । उनकी इस झगडे से मुझे मेरी माँ बडी । मैंने देखा चल इस बहाने कुछ देर क्या तो बच्ची वरना वे लोग में तलाशी लेते हैं । इसी बीच पहाडी की ओर से गोली चलने की आवाज सुनाई की शायद अंतिम चेतावनी थी । इससे सुनते ही समुद्री डाकू भाग खडे हुए । जिससे जिधर जगह देखी वो उधर सिर पर पैर रखकर भागता हूँ । बंदा गुस्से में चिल्लाया जानी काला कुत्ता तुडवानी । क्या तुम अपने सरदार को इस तरह तो खाओगे? सोचो क्या बूढे और अन्य सरदार को इस तरह धोखा देना अच्छा है? उस समय चार पांच कुंवार पार्टी सेंटल दिखाइए चली हुई चांदी में बहुत साफ दिखाई दे रहे थे । उधर पुलिस के थोडे पूरी रफ्तार के साथ ढलान पर उतर रहे सरपट दौडते हुए थोडे सडक तक आपको जीतेंगे अंधा अपने आप को बचाने के लिए एक और को थोडा तो तब तक बात देर एक गोली का पैर अंधी के सिर पर पडा अच्छा और वह चीखता हुआ नीचे मिलते हैं । फिर तो बाकी के तीन चार ही उसे बोलते हुए गुजर गए । अंधे का शरीर राहुल हुआ हूँ । उसने एक बार अपना सर हल्का सा उठाया परंतु पल भर बाद ही वह एक और लुढक गया । मैं झाडी के पीछे से उठकर खडा हुआ और मैंने जोर से घुडसवार को आवाज । उनमें से एक तो बस्ती का नौजवान ही था जो डॉक्टर को बुलाने के लिए गया था । रास्ते में ही उसे पुलिस के कुछ अवसर मिल गए और उनके साथ वो हमारी मदद के लिए लौट आया । इस बीच बस्ती के कुछ लोग भी वहां पहुंचे । उन्होंने बताया कि डाकू समुद्र की ओर गए थे और कुछ दूरी पर एक जहाज भी लंगर डाले खडा है । ये जानकारी मिलते ही पुलिस के अब सर उस जहाज की ओर रवाना हो गए । पुलिस के आने के बाद हमारी जान पर आया संकट टल गया था । लेकिन ये संकट केवल तला ही था । पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ था । राहत की बात ये थी कि अब दस हजार मर चुका हो । इन सारी बातों से मेरी माँ को बहुत सपना पहुंच जाता हूँ । वो खबर आई हुई थी । हम लोग उन्हें लेकर लॉज में पहुंचे और आराम से बिस्तर पर लेटा दिया । जब तक पुलिस की टीम समुद्र के किनारे तक पहुंची तब तक जहाज वहाँ से गायब हो चुका हूँ । शायद बंदे के साथ ही उस जहाज में बैठ कर भाग निकले थे । पुलिस के अवसर लाॅज में पहुंचे तो इस बात को लेकर केंद्र थे कि डाकू भागने में सफल हो गए । उन्होंने हमारे मकान का निरीक्षण किया । घर का सारा सामान उलट पुलट दिया गया था । ऐसा लग रहा था जैसे घर में कोई जाल आया हूँ । एक पुलिस सबसे मैंने उससे पूछा अच्छा जी, ये बताओ कि वे लोग घर में किस चीज की तलाश कर रहे थे । अवश्य कोई मूल्यवान वस्तु रही होगी मैंने उनको सारी बात हैं । इस पर पुलिस अफसर मैं कहा ठीक है सारा पैसा उन्होंने अपने कब से मैं कर लिया । पर जिस तरह उन डाकुओं ने घर का एक एक हिस्सा खंगाला है उससे तो लगता है कि उन्हें किसी ऐसी चीज की तलाश थी जो पैसे से कहीं ज्यादा मूल्यवादी वही चीज कहाँ पर है । मैंने पल भर के लिए सोचा फिर उन्हें बता दिया की जिस चीज की तलाश में लोग कर रहे थे वो मेरे पास है, मेरी जेब में है । पुलिस अफसर चाहते थे कि वह महत्वपूर्ण चीज में उन्हें दे दूँ । पर मैंने कहा मैं उसे डॉक्टर साहब को ही दूंगा क्योंकि वो हमारे इलाके के मजिस्ट्रेट हैं । मेरी बात पर पुलिस अफसर भी सहमत हो गए । उन्होंने मुझसे कहा चलो हम तो में मजिस्ट्रेट के पास में चलते हैं । मैंने माँ के पास पहुंचकर उन्हें सारी बात बता दी । ये भी कह दिया कि अब कोई खतरा नहीं इसलिए वह घबराये नहीं । मैंने वहाँ से कहा कि जब तक मैं लौटकर नहीं आता तो आराम से बिस्तर पर लेटी रहे । मैं पुलिस वाले के साथ उसके घोडे पर बैठकर मजिस्ट्रेट की घर की ओर रवाना हो गया

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प्रस्तुत उपन्यास "रहस्यमय टापू" अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक रॉबर्ट लुईस स्टीवेंसन के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी उपन्यास "ट्रेजर आइलैंड" का हिंदी रूपांतरण है। उपन्यास का नायक जिम जिस प्रकार समुद्र के बीच खजाने की खोज में निकलता है वो इसे और रोमांचक बना देता है। कहानी में जिम एक निर्जन टापू पर खूंखार डाकुओं का सामना करता है और कदम कदम पर कई कठिनाइयों का सामना भी करता है। इस बालक के कारनामों को सुन कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। सुनें रमेश नैयर द्वारा रूपांतरित ये पुस्तक हिंदी में आपके अपने Kuku FM पर। सुनें जो मन चाहे।
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