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ऍम जबसे रजिया ने रीता सान्याल के साथ मिलकर उस खास प्लानिंग पर काम करना शुरू किया था, तब से उसकी पर्सनालिटी में कई बदलाव आ रहे थे । जैसे अब उसने कॉल कल का पेशा तकरीबन छोड गया था और अब वह शालीमार क्लब के अपने ठिकाने पर भी नहीं जाती थी । अब या तो उसका ज्यादातर वक्त रीता सान्याल के साथ प्लानिंग की उधेडबुन में ही गुजरता या फिर वह जूडो कराटे की क्लब में जाकर प्रैक्टिस करती थी । कुल मिलाकर रसिया काफी पतल गई थी । अब रीटर सान्याल पर भी काफी यकीन करने लगी थी । रीता सान्याल ने रजिया की और ज्यादा नजदीकी हासिल करने के लिए एक अनोखी तरकीब अपनाई । एक दोपहर जब राजी अपने बिस्तर पर सो रही थी तो उसके पास आ कर लेते हैं और उसके साथ होमोसेक्शुअल हरकते करने लगी । जज याने चुकी पिछले कई दिन से किसी पुरुष का संसद घासल नहीं किया था इसलिए जल्दी उसके अंदर से भी वासना क ज्वारभाटा उमड पडा और वही तो आसानी से कसकर लिपट गए । फॅमिली फॅमिली लेट होकर पीता सानिया का चुंबन नहीं डाला । फॅस के मामले में इस वर्ष के लिए उसका ऍम अस पडे । वैसे एक बात बताऊँ क्या तो निकल इस नशेडी लडकी के रोल के लिए जुलिया को जो साइकलॉजिकल ट्रीट मान गया हम बहुत बडे आया । वो आज सुबह भी मुझे खोद खोदकर पूछ रहे थे कि मुझे क्या करना चाहिए । ऐसा रूल करना चाहिए या नहीं । फिर हमने क्या था? मैंने कहा कि उसे फौरन ये रोड करना चाहिए की तो उसकी खुशकिस्मती है कि उसे अपने करियर के स्टार्ट में ऐसा शानदार रोल मिल रहे हैं । फिर मैंने उसे दोबारा अच्छी तरह ये समझाया कि वह सिर्फ नशीली लडकी का रोल तो करेगी । हकीकत में कोई नशीली लडकी थोडी बन जाएगी । ऍम ग्रेटर सान्याल के आंखों में चमक कौन गए? लगता है कि वह धीरे धीरे मेरे बनाया जाल में फंस रही है । सही कहा तुमने रजिया मुस्कुराकर बोली उस पर सचमुच तुम्हारी बातों का असर हो रहा है । फिर क्या बिस्तर से और बैठे और उसने अपनी फॅमिली फिर जब वो अपनी माँ पहन रही थी तो पीछे कमर पर रोक लगाने में से थोडी मुश्किल बिछाई डायलिंग रजानी चंचल अंदाज में मुस्कुराकर रीता सान्याल की तरफ देखा । मेरा हक लगा देना पीछे कमर तक मेरा हाथ नहीं पहुंचा हूँ खेलूँ पीता सान्याल खिलखिलाकर हसते हुए बोली तो जाना अपना ये हो किस अलग रहती हूँ । कोई ना कोई तो फिटकरी देता है । शर्म कहेंगे ऍर से उसकी पीठ पर धोल जमाई तथा फिर खुद लगाने के बाद अपना हाथ आगे उसके पेट पर हाथ ले जाकर ऐसे हरकत की कि वह हस्ते हस्ते लोट पोट हो हूँ । फिरेगा सान्याल ने भी कपडे पहने कुछ भी कहो डालेंगे वजह पुनः गंभीर होते हुए बोली एक बात में अभी भी नहीं समझ पा रही हूँ । क्या तुम यूलिया को जो नशेडी लडकी का रोल करवा रही है उसका मॉडर से क्या संबंध है? तो राज कर नहीं समझेगी । डाले रिकाॅल बडी आधार सेट लाकर होली इस राज को समझने के लिए बहुत माइंड चाहिए । दरअसल आप में पहले इस बेवकूफ खुस मैच की लग डालूंगी । वो तो तुम्हारी प्लानिंग कुछ कुछ भी समझ रही । रजिया बोले लेकिन मुझे ये समझ नहीं आ रहा कि एक्टिंग करते कहते उसे इसमें आपकी लात कैसे पडेगी । यही तो असली कलाकारी क्योंकि भी ऍम तुम देखना मैं बेवकूफ को बडे स्टाइल से पक्का सुना क्या बना दूंगी और एक्टिंग की ट्रेनिंग के दौरान मैसेज इस मैच पिलाऊंगी वो असली होगी उससे इसका अभिनय और सचिव होगा । ॅ होती तालियाँ बचेंगे, लोग तारीफ करेंगे और हर तारीख पर मैं इसकी खूब प्रशंसा करते हुए कहेंगे कि तुमने लाजवाब एक्टिंग किए हैं । मैं उसे ये भी कहेंगे कि तुम जो कर रही हो वो वास्तविकता नहीं है लेकिन अनुभव करो तुम साॅस । तुम्हारे हाथ टूट रहे हैं, तुम्हारी जी बाहर निकल रही है और उस मूर्ख को सच में लगेगा कि वहाँ एक्टिंग कर रही है । जब की इसी तरह एक्टिंग करते करते तो एक अच्छा जैसे कि ॅ क्या बनाकर खत्म किया जाएगा । ऍम हर्षनाथ करती भी बोली लेकिन लेकिन यहाँ कभी कभी लगता था कहीं हम लोग इतना पकडे जायेगा पकडे जाने का तो सवाल ही नहीं उठता । बेवी ट्वीटर सान्याल ने बडी अकीन के साथ उंगली से अपने दिमाग को ठक ठका । किस टाइम में बहुत ताकत है इसके अंदर ऐसे ऐसे प्लान भरे हुए हैं जिनकी तह तक बडे सिम पडा । धुरंदर आदमी भी नहीं पहुंच सकता हूँ । जितनी स्माइल की रेंज नजर आती है वास्तव में उससे कहीं ज्यादा है । इसके बीच उसी दिन एक और बडी महत्वपूर्ण घटना घटी । लिलियाना गुंजाल जिसका गोवा से जूलिया के नाम पत्र हैं । वो पत्र पिछले तमाम पत्रों से अलग था और इसमें एक एक शब्द के अंदर काफी खुशी झलक रही थी । पांच के संभव है फिर बेटी जूलिया खास पहली बहुत तुम्हारा खत मिला । सच हुई थी मैं खुशी से पागल हो गई । मेरे तरह जमीन पर नहीं पढ रहे हैं । मुझे ऐसा लग रहा है जैसे आज सच में इस दुनिया की सबसे बडी दौलत मुझे मिल गई । मेरे लंबे इंतजार का ये वाकई सबसे ज्यादा सुंदर अंतर हैं । जो भी थी तुम ने लिखा है कि जैसे तुम्हारा गृहमंत्री खत्म होगा तो मेरे पास गोवा चली की लेकिन क्या ऐसा नहीं हो सकता जो लिया तुम तो मूॅग बीच में छोडकर चली या मैं बडी करारी से तुम्हारा वेट कर रही हूँ ये पूरा ऍम तुम्हारे बिना सुना है इसकी दरों दीवारी सुनी है तुम्हारी इस एक पत्र मेरे अंदर बिल्कुल नया जीवन ठोक दिया है वो उधर हम तुम्हें बहुत याद करता है । उसने तुम्हारा कमरा आज भी उसी तरह बहुत सजा सवारकर रखा । हुआ तो जब अपने कमरे को देख होगी तो हैरान रह जाओ की तो मैं ऐसा लगेगा जैसे जिंदगी फिर पंद्रह साल पहले से ही शुरू हो रही हूँ । इस बार तुमने पत्र के साथ अपना फोटो भेजा तो तुम्हारा फोटो काफी सुंदर लगा । नहीं इन पंद्रह सालों में मेरी बेटी का अभी बदल गई है । मुझे खुशी है की अब मैं अपनी बेटी को पहचान सकूंगी । अगर वो मेरे सामने आकर खडी हो गई तो मैं चौंक उनकी नहीं । मेरी जैसी माँ के लिए यही बहुत बडी बात है । कम से कम तस्वीर में ही मैंने अपनी बेटी को जवान होते थे । क्या मैं तुमसे फिर करुँ? इतनी जल्द से जल्द उनको आशा उतना अच्छा होगा तो महात्मा ऍम लाॅस के उस पत्र को पहले रीता सान्याल और फिर रसिया नहीं भी पढा । उस पत्र के साथ फिफ्टी साजन का चैक भी लिफाफे में पढा था । डाॅन की तरह बढा दिया हूँ । तुम्हारी फीस भी आ गई । कॅाल रजिया से मुस्कुराकर होली पिछली बार तुम बडी करारी से इसका वेट कर रही थी । डालेंगे आजकल बिना फीस के तो कुछ नहीं काम नहीं होता । रजिया ने छक्के आंखों से तुरंत मुझे दिल्ली की तरह झपट लिया । दुनिया में कदम कदम पर इस चीज की जरूरत पडती है । पेट की आग बुझाने हो तब भी यह फीस चाहिए । अब अपनी फिलास्फी बंद करो । फॅमिली और मेरी बात ध्यान से बोलो । कल क्या दिन है संदेह घर यानी कल जूलिया के ऑफिस की छुट्टी रहेगी । वो सारा दिन हॉस्टल के अंदर ही गुजारेगी । फिर मेरे को ठीक बात है । फैसला बोली कल वो बेवकूफ लडकी सारा दिन हॉस्टल में रहने वाली है । मैं समझती हूँ ऍम अब हमें अपनी प्लानिंग की अगली चाल और चल देनी चाहिए । ग्यारह ना तुम्हें आप हम दोनों को मिलकर अगली चाल क्या चलना है? बिलकुल यादे डालेंग लडकियाँ चाहते हुए बोली ऐसी चालबाजी की बातें रजिया बिल्कुल नहीं भूलती । कल में अपनी पर्सनल रही बाहरी छोड चाहेंगे । कॅश मुस्कराई यानी पूरी प्लानिंग याद है तो मैं कल तुम्हारे साथ साथ मैं भी अपनी डायरी कवर्ट के बाहरी छोड देंगे । फिर देखना वाॅक उस पर क्या सठा? फिर वो एक ही झटके में हमारी मुट्ठी में होगी और हम दोनों से जो जो कहेंगे वो कठपुतली की तरह वही वही करती नजर आएगी । बाकई तुम्हारे दिमाग का जवाब नहीं देता । ऍम मैंने पहले भी कहा था इस दिमाग की रेंज बहुत ज्यादा होती है । बहुत ज्यादा लेकिन कोई स्ट्रेंज को समझ लेता है और कोई बिल्कुल नहीं समझता । नहीं समझता हॅूं का मूड होता है और जो समझ लेता है वो क्या होता है? जैसे आप बोले हूँ और मसाला होता है । रीता सान्याल खिलखिलाकर हंसी बिल्कुल मेरी तरह एक बार फिर उन्होंने खतरनाक सहेलियों का संयुक्त वहाँ का वहाँ पहुँच गया
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Sound Engineer
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