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अध्याय अगला दिन कस्तूरबानगर हॉस्टल में काफी सरगर्मी से भरा दिन रहा । रात के उस समय दो बज रहे थे । जाॅन और रजिया थोडा आगे पीछे ही वापस हॉस्टल में पहुंच गए । जूलिया तब कमरे में ही थी और गहरी नींद हो रही थी । वो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर के नहीं होती थी क्योंकि उन दोनों में से जाने का कौन लौटा कमरे में लौटे वह दोनों हरकत में आ गए । रजा ने आनंद आनंद सबसे पहले जूलिया का कबर्ड खोला और उसके अंदर से लेडी आना गोंजाल्वेस के सारे लेकर निकाल नहीं । वहीं जो लिया का पास भी पढा था जिसके अंदर कुछ नोट पडे थे । तजिया ने योजना बद्ध अंदाज में वो नोट भी उस पर उसके अंदर से गायब करते हैं । फिर रीता सान्याल और रजिया ने अपने अपने कवर भी खोले तथा उसी तरह उसके अंदर से भी हो चुका है । सबसे खास काम उन्होंने ये किया था कि किसी भी कबाड का ताला नहीं लगा । वो तीन हुई कबर्ड खुले पडे रहे । फिर वो दोनों अपने अपने बिस्तर पर जाकर लेट गए । जो लिया दीन दुनिया से भी खबर पहले खराटे ले रही थी जल्दी उन दोनों के घर नाते भी वहाँ मुझे सुबह होते ही हंगामा अच्छा और ऐसा हंगामा मचा जिसने पूरे कस्तूरबा गौर हॉस्टल को हिला डाला । सबसे पहले जो लिया क्या खाली और आंख खुलते उसकी नजर बनाया । सपने कबर्ड पर पडी, जिसका एक बल्ला कोई तो इंच खुला हुआ था । जूलिया तुरंत उछल कर खडी हुई तो आपने कबर्ड के नजदीक पहुंची और उसके दोनों पल्ले खोल डाले । सामने उसे अपना पास रखा नजर आया । जो खुला हुआ था । उसने पूरा पास खंगाल डाला । उसके अंदर से नोट विधायक थे । फिर उस की नजर उस जगह पर पडी जहाँ लिफाफे रखे थे । वहाँ के सारे लिफाफे भी गायब थे । क्या? क्या जो लिया तुरंत चलाते हुए रसिया की तरफ हाॅफ रजिया के खर्राटे गूंजते रहे । ॅ जुलाई में रसिया को पूरी तरह झंझोड ऍफ बढाती हुई थी । तब फॅमिली क्या बात है? मेरी कबड्डी चोरी हो गई है । जूलिया आतंकी में बोले, कोई मेरे पास में से सारे नोट चुरा ले गया । हालांकि तमाम चिट्ठियां चला ले गया क्या कॅाल बडी बहुत किसी मुद्रा में खडी हुई था । ऐसा कैसे हो सकता है? ऍम चुकी जहाँ में से लॉक करके हुई थी । रजिया की निगाहें तुरंत अपने कपट की तरह थी । फिर वो लगभग कर अपने कबर्ड के नजदीक पहुंची और उसे झटके से अपनी तरफ खोलकर देखा । कमर खुल गया यहाँ होता चर्चा की मुझे ठीक नहीं है ये तो ये तो मेरा कबड्डी खुला पडा है । अफ्रीका सानिया आगे अपने कबर्ड की तरह छपटी । उसने भी अपना का बहुत अच्छा किया । ऍम भी चल रहा है । जल्दी ही वो खबर पूरे हॉस्टल में फैल गई की रात कमरा नंबर दो सौ तीन के अंदर चोरी हो गए । कोई उस कमरे में रहने वाली तीनों लडकियों के नोट डाला था । अब कमरा नंबर दो सौ तीन के अंदर लडकियों की भीड जमा हो गई है । तभी हॉस्टल की वॉर्डन रेणुका चौहान भी अपनी नजर कार्यानंद दुरुस्त करती हुई । वहाँ ये सब कैसे हो गया? रेणुका चाहने आती है । तब से पूछा कैसे चोरी हो गई? क्या तुम लडकियों ने कबर्ड लॉक नहीं किए थे? बिल्कुल थे उन्हें । आपने मुझे खूब अच्छी तरह याद है । साथ में मैंने अपना खबर लॉक किया था और फिर हुई थी । लेकिन जब सपोर्ट कर देखा तो मेरा कबर्ड खुला हुआ था । बाद में पता चला कि बेटा और याचिका पर भी इसी तरह खुले हुए हैं और उनके अंदर से भी नोट गायब बडी कमाल की बात है । तीनों का चौहान के स्वर में आश्चर्य ही आशा था, लेकिन चूर रात में अंदर घुसा कैसे? मैं बताती हूँ फॅमिली चोर कमरे के अंदर कैसे घुसा? दरअसल, मैं रसिया रात के दो बजे के आस पास हॉस्टल में आए थे । तब जूलिया कमरे के अंदर अकेली थी और गहरी नींद में सो रही थी । कमरे का दरवाजा जूलिया ने इसलिए अंदर से नहीं लगाया था कि न जाने कब हम लौटाएं नहीं । समझती हूँ कि हम दोनों के आने से पहले चोर कमरे के अंदर रहा था और तीनों का वर्ड पर हाथ साफ कर गया, क्योंकि हमारे यहाँ आने के बाद तो चोर के घुसने का रास्ता बंद हो गया था । हमें दरवाजा जो अंदर से बंद कर लिया था, बिल्कुल ठीक है । जूलिया ने भी नेता सानिया की बात के प्रति सहमति व्यक्त की । जरूर ऐसा हुआ है । इन दोनों के आने से पहले ये छोडने कारनामा किया । मुझे तो अभी भी हैरानी हो रही है । पहले कभी हॉस्टल के अंदर ऐसा गलत काम नहीं हुआ । रेणुका चौहाण पुनः अपना ऐनक दुरस्त करते हुए बोली तुम्हारे कबर्ड से कितने रुपये चोरी हो गए? मेरे कबर्ड में तो दो हजार थे । सबसे पहले रजिया बोले और मेरे खबर में तीन हजार ये पर स्वीट आसानियां था और जो लिया तुम्हारे का पड में कितने रुपये थे । तीनों का चौहानने जूलिया की तरफ देखा रुपए तो मेरे पास में ज्यादा नहीं थी । जूलिया बोली सिर्फ आठ सौ रुपये थी लेकिन चोर रुपयों के साथ साथ मेरे कबर्ड के अंदर से कई सारी चींटियां में ले गया जिसके अंदर छह पहले हुए थे चैक ऍम दरअसल मेरी मम्मी गोवा से चिट्ठियों के साथ साथ अक्सर बडी बडी रखना ओके चेक भी भेज दिए । जिन्हें मैंने कभी कैश नहीं करवा । जहाँ तक मेरा अनुमान है उन सब चिट्ठियों के अंदर कम से कम तीन चार लाख रुपये के चेक होंगे । तीन चार लाख रुपए रेणुका चौहान के नेत्र कहना चंबी से बातें ऍम मेरी मम्मी गोवा के एक बहुत बडी इंडस्ट्रलिस्ट हैं और तीन चार लाख की रकम उनके लिए कोई मायने नहीं रखती । क्या वो सभी चेक अकाउंट पे थे ये ऍम? जूलिया ने रेणुका चौहान का तुरंत जवाब दिया । सभी छह अकाउंट थे फिर चोरों को उन उनको चुराकर क्या मिलेगा? रेणुका चौहाण बोले उनके लिए तो बिल्कुल देखा रह रहा है । ये भी हो सकता है माॅक क्या की राज? जब उस चोर ने खबर खबर में वह चुराए तो उसे उन चेकों पर अकाउंट पे लिखा नजर ना हूँ हूँ । हाँ ये पॉसिबल है । बहरहाल फिर रेणुका चौहानने कस्तूरबा गर्ल्स हॉस्टल की उस नाइटवॉचमैन को बुलाया जिसकी रात के समय में इनकी पर ड्यूटी थी । वो पैंतीस छत्तीस साल का एक नेपाली आदमी था जो हमेशा अपने पास से खुखरी और एक बडा सा रामपुरी चाकू रखता था । वो शकल से काफी चुस्त दुरुस्त नजर आता था और उसकी आंखों में काफी सफलता थी । शर्मा नाम नेपाली वहाँ पुरा सलाम तीन काॅल थी । मालूम है रात तुम्हारे यहाँ ड्यूटी पर तैनात होते कितना बडा हंगामा हो गया । किसी चोर ने इस कमरे के अंदर आकर न सिर्फ तीन लडकियों के कबाड खोल डाले बल्कि कपडों के अंदर से इनके रुपये भी चुरा कर ले गया । ऐसा कैसे हो सकता हूँ? नेपाली घबडाकर ॅ क्या अब उनकी एबॅट की कोई बार का आदमी इस हॉस्टल कहना नहीं आया । अगर रात कोई बाहर का आदमी हॉस्टल के अंदर नहीं आया तो फिर ये चोरी किसी की तीन का चौहान शहर भरे स्वर में बोले आपने एकदम से क्या बोल सकता हूँ? नेपाली यहाँ काफी सहमा संजरानी लगा था लेकिन लेकिन क्या ये भी तो हो सकता मैडम नेपाली धरती धरती बोला कि ये चोरी हॉस्टल की किसी लडकी ने क्यों? नेपाली चौकीदार के वो शब्द न सिर्फ ट्रेनों का चौहान केवल की रीटा सान्याल और रसिया के दिल दिमाग पर भी भीषण बम की तरह गडगडा करके डीटर सान्याल और रजियाणा कल्पना भी नहीं की थी कि उस जैसा साधारण बुद्धि वाला आदमी भेज सटीक बात कह सकता है । ऍम हाँ तो वाकई तुम्हारी काफी हद तक ठीक है ऋण का जहाँ प्रभावित मुद्रा में फूले अगर ये काम हॉस्टल के ही किसी लडकी ने किया है तो फिर आज उसकी खैर नहीं । फिर तो आज उसकी शामत आ गई समझो । रेणुका चौहाण एकाएक काफी बहुत रूप में नजर आने लगी । उसने आनंद आनंद हॉस्टल की सारी लडकियों को एक जगह जमा किया और उन्हें चेतावनी दी कि जिस लडकी ने भी कबर्ड में से रुपये चुराए हैं वो चुपचाप बताते उसे कुछ नहीं कहा जाएगा । लेकिन किसी भी लडकी ने इस बात को कबूल नहीं किया कि कमरा नंबर से रुपए उसमें चुना है । तब वो उस से की प्रचंड आंधी बनी । रेणुका चौहान ने खुद हॉस्टल के एक एक कमरे की तलाशी लेनी शुरू कर दी । कई घंटे तक तलाशी अभियान चला लेकिन रेणुका चौहान को किसी भी कमरे से ना तो रूपये मिले नहीं लेते आना गोंजाल्विस की वो पत्र या चक्की बरामद हुआ हम बरामद भी कहा से होते । रेणुका चौहान ने पूरे हॉस्टल की तलाशी ली थी । सिर्फ कमरा नंबर दो सौ तीन को छोडकर रेणुका चौहाण बेहद दुखी हो थी । उसे इस बात का अफसोस था कि डिसिप्लिन के लिए पूरे मुंबई शहर में मशहूर उसके हॉस्टल के अंदर ऐसी घटना घटी । बहरहाल तीनों का चौहान ने अपने पास से उन तीनों लडकियों को रुपये दिए और जूलिया से इस बात के लिए खासतौर पर माफी मांगी की उसकी चेक चोरी हो गए थे । इस तरह रीटर सान्याल और रजिया ने अपनी चालाकी से संभावना को भी हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर दिया कि जूलिया कभी किसी खत को दोबारा खोलकर देख सकती थी और उसके ऊपर ये राज उजागर हो सकता था की बंद का बोर्ड के अंदर से उसकी चेक चोरी हो रहे हैं । उस बेहद खास काम को अंजाम देने के बाद उन दोनों खतरनाक लडकियों ने एक और फॅमिली दोपहर के दो बज रहे थे । ऍम हॉस्टल की कैंटीन में बैठे लंच कर रहे थे । वो काफी बडी कैंटीन थी और हॉस्टल की ज्यादातर लडकियाँ वही भोजन करती थी । बाजार से ना सिर्फ है अभी कम दामों पर उन्हें वहाँ भोजन मिल जाता था बल्कि शुद्ध भोजन भी मिल जाना । रीता सान्याल ने जैसे भोजन समाप्त किया तभी वहां रजिया दौडी दौडी आई भागने के कारण उसकी सांस फूल रही थी और चेहरे पर गजब के उत्कंठा के भाव थे । क्या हुआ लाॅकर बोलेंगे तुम इस तरह आप क्यों नहीं हूँ? अभी अभी फॅमिली फॅमिली अपनी मेरी की जेब से एक लेटर निकाल कर लेता को दिखाया तुमने लेकर पढा नहीं, अभी तो खोला भी नहीं है । रजिया पहले की तरह बस बताई लेकर मिलता इससे भाग के भाग की तुम्हारे पास आ रही हूँ तो वहाँ कमरे में पहुंच कैसे पढते हैं? शरीर आसानी और तुरंत कुर्सी छोडकर खडी हो गई और काफी तेज तेज कदमों से चलते हुए हैं । सोफिया के साथ फॅमिली उसके चेहरे पर भी अब काफी बेचने के भाग में कमरा नंबर दो सौ तीन में पहुंचती ही उन दोनों ने वो पत्र खोलकर पढा फॅस का वो पत्र भी काफी मोशन से भरा था । लेकिन उस पत्र में ऐसी कोई बात नहीं थी जिसका जिक्र किया जा सके । बस उस पत्र को पढने के बाद एक ही बात साबित होती थी कि वह बूढी रईस औरत अपनी बेटी से मिलने को बहुत तरफ रही थी । उसकी बेकरारी बढती जा रही थी । फॅसने हमेशा की तरह उस पत्र में भी जूलिया से रिक्वेस्ट की थी कि वह उसके पास लौट आए और पुनः लिखा था कि वह कम से कम अपना एक फोटो भेजे भेजे । पत्र में ऐसे कोई नहीं बात नहीं है । रीता सान्याल ने उसे वापस लिफाफे में डालते हुए कहा की जो बडी आने पहले कभी अपनी बेटी को ना लिखी हूँ । फॅमिली सिर्फ की नहीं बात है । क्या हुआ इस बार लिफाफे के अंदर कोई छह नहीं । हाँ ये बात तो है रीता सानिया की गर्दन स्वीकृति में है लेकिन ये बात गौर करने लायक इसीलिए नहीं क्योंकि अभी कुछ दिन पहले ये तो उस बुढिया ने जूलिया को सिर्फ टी साजन का छह भेजा था । अब ऐसा तो नहीं हो सकता कि अगर वो जूलिया को रोजाना चिट्ठी भेजने लगे तो जाने उसमें मोटी मोटी रकम के चलती रखकर बीच हूँ । सही का बहरहाल पीता । सानिया के आंखों में सहली नागिन जैसी जमा को पढें इसलिए वहाँ पे तो तुम अपने पास और अब तुम मेरे दिमाग का काम हार देखो तो तुम आप क्या करने जा रही हूँ । उसके यहाँ वहाँ देख कर रहा हूँ लेते आना गोंजाल्वेस के पास अब अपनी उस बेटी की चिट्ठी पहुंचेगी जिसके आने का उसे बडे बेसब्री से इंतजार है । चिट्ठी कौन लिखेगा मैं देखूंगी मैं फॅसने बडे दर्द रिश्तों में जवाब दिया जूलिया वाली का रजिया अचंभि सीरीज इंसान को देखते हैं जब की रीटा सान्याल वहीं एक कोने में बडी छोटी सी राइटिंग टेबल पर जहाँ बैठे थे फिर उसने एक प्लेन पेपर पर चिट्ठी लिखनी शुरू करते हैं । क्या मम्मी मुझे आज आप का एक पत्र मिला फॅस पत्र में आगे कुछ लिखती उससे पहले राॅड तुम्हें थी जूलिया की तरफ से लिख होना । हाँ तो फिर तुम्हारे इस पत्र की शुरूआती गलत है क्यूँ रीता सान्याल हैरानी से रसिया की तरफ देखा कॅालिंग जूलिया लेते आना । गोंजाल्विस का मम्मी ने कहती बल्कि सिर्फ आना बोलती है आना खाना खुद अपने आप में एक आदरणीय महा जैसा संबोधन है । इतना ही नहीं कॉलेज के सारे नौकर चाकर ऍफ खाना कहकर ही संबोधित करते हैं । एक बार जूलिया ने बातें बातों में मुझे राज बताया था । ठाना हाँ सिर्फ बढिया जी संबोधन कुछ भी अजीब संबोधन नहीं फैसला बोली बल्कि काफी गौरवशाली संबोधन है और सुनने पर ऐसा लगता है जैसे सचमुच किसी राइस औरत को संबोधित किया जा रहा है । इसके अलावा मैं हुए एक बात और बता दूँ क्या थाना बाला इसके अंदर एक नौकर है जिसका नाम है बूटा । मुझे अक्सर उसका जिक्र भी करती रहती है । बचपन में अगर आपने डाॅट के अलावा सबसे ज्यादा किसी की गोद में खेली है तो बूटा राम की गोद नहीं खेली है । इसीलिए अगर जूलिया के नाम से पत्र लिख रहे हो तो पत्र में बूटा राम का जिक्र भी जरूर करना । इससे ये लगेगा कि ये पत्र सच्ची में जूलिया ने लिखा है रीता सानिया के होठों पर मुस्कान उभर आई । ये तुमने अच्छा क्या रहता है जो इतनी खास बात मुझे बताती । फिर ऍम पुराना कागज फाडकर खेल दिया और एक दूसरे कागज पर चिट्ठी लिखनी शुरू करते हैं । फिर आना आज हमारा फॅमिली साॅस कमाल है । मेरा जवाब न मिलने के बावजूद तो मुझे लगातार चिट्टियां भेजते रहे । कभी निराश नहीं हुई, कभी थकी नहीं । आज नहीं जाने की मुझे इस बात का एहसास हुआ कि मैं आपसे जो इतनी नफरत करती नहीं, मोहलत नहीं सोचती हूँ तो लगता है कि मुझे आपसे बचपन में महाजन क्या इसीलिए नहीं मिला क्योंकि आप दिलोजान से दूसरे कर्तव्य को पूरा करने में लगी थी । आपको बिजनेस आसमान की बुलंदियों पर जो ले जाना था । हाँ लगता है अगर डायरी ने आपको छोडा । तुषार इसमें कुछ गलती गाडी की भी थी । आपसे सही रिलेशन गलत नहीं करता हूँ । बहरहाल ये जानकर दुख हुआ क्या बात की तबियत ठीक नहीं रहती है । बार बार अपने पत्र में ये लिखते हैं कि मैं आपको माफ कर इसमें माफ करने जैसी कोई बात नहीं है । गलती शायद हम सब की थी । हम में से कोई अपने रिश्तों को नहीं समझता हॅूं मैं हर हर मैंने फैसला किया है कि मैं आपके पास लाॅबी आना । मैं फौरन नि इसीलिए गोवा नहीं आ पा रही हूँ कि जिस में मैं काम करती हूँ उससे ॅ चाॅस खत्म आ जाएगा । ऍम फिलहाल में आपका अपना एक फोटो भेज नहीं । मेरा फोटो देकर आप जरूर चौंकेंगे जरूर हैरान होंगी । क्योंकि हाफ किए नटखट बेटी जूलिया चार से पंद्रह साल पहले आपको छोड आई थी । अब तो जवान हो गए ऍम आपकी बेटी छू लिया । दस या नहीं भी ध्यान से उस चिट्ठी पढा ऍम काफी अच्छा लिखा रीता रजिया उसकी तारीफ करते हुए बोली लेकिन इस चिट्ठी में एक गडबड है क्या ये जो कि तुम्हारी राइटिंग में इसलिए इससे कुछ भ्रम पैदा हो सकता है । कुछ भी भ्रम पैदा नहीं होगा । बीता सान्याल तुरंत बोली मत बोलो जूलिया को ले आना गुंजाल जिसके पास से आए हुए आज पंद्रह साल गुजर चुके हैं । फिर जूलिया ने पंद्रह सालों के दौरान कभी कोई चिट्ठी में नहीं देखी जिससे वो बूढी औरत इस राइटिंग को पहचान ले । क्या उसके मन में इस बात का भ्रम पैदा होगा की ये चिट्ठी उसकी बेटी जूलिया के लिखने के बजाय किसी और ने लिखी है । ऍसे चिट्ठी को हंड्रेड परसेंट अपनी बेटी की चिट्ठी समझेगी । इसके अलावा जैसा कि मैंने चिट्ठी में लिखा है मैं खास काम और करने जा रही है । क्या मैं सिटी के साथ साथ लेते आना । गोंजाल्विस को जूलिया का फोटो भी भेज दूंगी । जूलिया का फोटो ऍफ हुई थी । कॅाल बडी आधार से मुस्कराए यही मेरी सबसे खतरनाक ख्याल है । मैं लेवॅल जिसके पास जूलिया का असली फोटो भेजूंगी । फॅमिली में धमाका सा हुआ हूँ । डाॅ । लिया की जगह तुम्हारा फोटो भेजा चाहेगा । ऍम मुस्कान हाथ तरजीत खतरनाक होते चले गए लेकिन लेडी आॅफिस तुम्हारा फोटो देखकर यही समझेंगे कि तुम्हें जो लिया हूँ तो उस की असली बेटी हूँ । पिछले पंद्रह साल से उन्होंने अपनी बेटी के दर्शन नहीं किए और ऐसी हालत में किसी भी लडकी का फोटो ने भेज दिया जाए तो उसे अपनी बेटी मानने लगेगी । किसी भी आदमी को ऐसे हालात का फायदा उठाना चाहिए । हर मैं हालात का बखूबी फायदा उठा रहे हैं । रीता सानिया की वो बात सुनकर रसिया के दिमाग में धमाके पर धमाके होने लगे । इतनी बडी पास इतना बडा फ्री लेकिन मुझे एक बात समझ नहीं आई । पीटा रजिया का कंपकंपाता सारे था क्या? अगर तुम्हें किसी और लडकी का फोटो भेजना है तो तुम खुद अपना फोटो क्यों नहीं भेजी थी? जान ही पीता । सानिया ने बडे प्यार से रजिया के गले में बही । दांती तुम्हारे इन शब्दों से मुझे अविश्वास की गंदा रही है । अगर हम अभी से एक दूसरे पर शक करने लगे तो जरा सोचो हमें कहा मैं अभी कैसे मिलेगी? हाँ, लेकिन मैं हुई थी मैं तो मैं बताती हूँ कि मैं अपना फोटो क्यों नहीं भेज रहे हैं? डॅाल बडे चंचल अंदाज में मुस्कुराते हुए बोली मैं तो मालूम है कि मेरा बडा जबरदस्त पुलिस एक और है । मुंबई पुलिस को छह मार्डर और बैंक डकैती के एक अपराध में मेरी तलाश है । अगर ऐसी परिस्थिति में मैं जूलिया की जगह अपना फोटो ली । डियाना गुंजाल उसको भेजती हूँ । कोई भी खतरनाक हंगामा होने का डर जाता था जबकि तुम्हारा कई कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं । ऐसे भी तो मैं इस बात का डर होना चाहिए की महत्व में करोडों की प्रॉपर्टी की मालकिन बना रही । अब पूरा हम पांच तुम्हारा डालें । अब तो मैं खुद तुम्हारी बहुत आज रहूंगी । रजिया आहिस्ता से मुस्कुराती लेकिन उसके दिमाग में आशंकाओं के ज्वारभाटे अभी भी घूम रहे थे । जानती थी उसकी टक्कर में जो लडकी है वह कोई मामूली दिमाग के मालिक नहीं है । वो शातिर दिमाग है शातिर दिमाग बहरहाल लेते आना गोंजाल्विस को वक्त उसी दिन पोस्ट कर दिया । योजना अनुसार रीता सान्याल ने उस पत्र के अंदर रजिया का एक सुंदर सा फोटोग्राफी रखकर भेजा था । कमरे में तू बसाना हुआ था । रीता सानिया तथा सचिन देवडा बिस्तर पर एकदम निर्वस्त्र पडे थे और एक दूसरे से खूब थम गुंद हो रहे हैं । तेरह सानिया का गोरा चिट्टा सफेद पता ना अंधेरे में भी शीर्ष की तरह चमचमा रहा था और उसके बदन पर सचिन देवडा के हाथ किसान में सर जा रहे थे । ऍम सचिन देवडा बार बार उसके कान में फुसफुसा रहा था । उन दोनों की सांसे कर्म हो रहे हैं तभी रीता सानिया के मुझसे जोरदार सिसकारी छुट्टी और वह सचिन देवडा से कस करने पड गयी वो खेल शुरू हो गया हो गया पीता सानिया सचिनदेव रह के खुरदुरे काल पर आपने धडक पे हो ट्रक करते हुए बोली पहले मैं आज मैंने अपनी मास्टर इस योजना के अनुसार इंडियाना गुंजाइश इसका पहली चिट्ठी डालते हैं वो चिट्ठी जिसमें मेरी चार सौ चालीस वोल्ट वाली घटना का कारण प्रवाहित हो रहा है । चिट्ठी राउडी समाचार सुनते ही सचिन डेवलॅप और और उसके अंदर फोटो किसका रखकर भेजा ऍफ का फोटो रखकर भेजा है हूँ वो शब्द कहकर पा और जोर से खिलखिलाकर हसी रीता सानिया इस तरह जैसे मुर्दा घट में किसी चुडैल ने अठारह लगा हूँ हूँ वो तो लडकी तो समझ रही होगी कि मैंने उसे करोडों की संपत्ति का मालिक बना दिया है । अब मैं उसकी मौत आज बन गई हूँ हूँ लेकिन रीटा सान्याल के सूप माइन की चाल को समझ पाना उसके लिए बहुत टेढीखीर है । बहुत टेढीखीर सचिन देवरा से और दस करने पडते हैं । इस समय थोडा सानिया के दोनों हाथ सचिन देवडा के कंधों पर थे । वो थोडा नीचे को झुकी और उसने उत्साहित होकर सचिनदेव रखी । गाल की कई सारे चुम्बन लेता है । सचिन देवरा ने भी उत्तेजित अवस्था में अपने होठों को सेना करा हम तुम्हारा आगे क्या करने का प्लान है अब मुझे उस तुष्ट औरत के जवाब आने का इंतजार है । मैं जानती हूँ बहुत जल्द उसकी चित्तियां की और उसकी चित्तियां आती शतरंज के सारे मोहरे में रख कब से मैं हूँ दुष्ट और भी मेरे कब्जे में होगी जो मेरी माँ के दुखों का कारण पडे उसने उसे आपने पहले से धक्के देकर बाहर निकाला तो हिमालयों में रीता सचिन देवरा ने अपने धक्के हो ट्रीट आसानियां के होठों पर रखें तुम इस समय अपनी जिंदगी का सबसे खतरनाक खेल खेल रही हूँ मैं जानती हूँ फॅसने आनंद वर्ष अपनी आंखें मूंद ली लेकिन हैं कोई डर नहीं यार बाढ का गेम है ऐसा अच्छा इसके में मेरा बदला भी पूरा होगा । हर हमारे पास दौलत ही दौलत होगी । ढेर सारी दौलत वो गेम है जिसमे कामयाबी, बातें मेरी जिंदगी की सारी तमन्नाएँ पूरी हो जाएंगे । अब सचिनदेव सामान अपनी सुध खो बैठा था । उसने रीता सान्याल को अपनी बाहों में कब जाये कब जाए पाँच दिखाई तो रीता सानिया नीचे होगा । अब सचिन देवडा अंतिम क्रिया के लिए तैयार था
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