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अध्याय तो कस्तूरबा गांधी मुंबई शहर का एक काफी फेमस हॉस्टल था और उस हॉस्टल के अंदर ज्यादातर वर्किंग यानी कामकाजी लडकियाँ रहती थी । बहुत कल्याण के इलाके में बना था । काफी विशाल क्षेत्र भर में बैठ रहा था । मुंबई शहर के अंदर जितना वो हॉस्टल फेमस था उतना ही उस हॉस्टल की वॉर्डन रेणुका चौहाण आपने अनुशासनप्रियता के लिए फेमस थी । रेणुका चौहान की उम्र चालीस के आसपास भी और उसने अभी तक शादी नहीं की थी । उसका रवैया भी हॉस्टल की लडकियों के प्रति काफी कठोर था और इसीलिए वो अनुशासन में बंधे थे । सभा के साढे नौ बज रहे थे जब मीरा सान्याल प्लानिंग के मुताबिक कस्तूरबा गांव हॉस्टल पहुंची और वहाँ जाकर सीधे रेणुका जहाँ से नहीं मैडम आपके हॉस्टल में रहना चाहती हूँ । रीता सान्याल ने बिलकुल दो टूक अंदाज में कहा ऑफिस में बैठे रहने का चौहानने आहिस्ता से चौक करेक्टर सान्याल की तरफ देखा । फिर अपने चेहरे पर लगा मेरी फॅमिली या यहाँ मुंबई शहर में क्या करती हूँ? फिलहाल तो कुछ नहीं करती । डॅाल प्लानिंग के जगह तारों से बंधी शमता बोलती चाहिए ऍम तथा आजकल फिल्मों तथा टीवी सीरियलों में काम पाने के लिए स्ट्रगल कर रही हूँ । कुछ एक फिल्मों और सीरियलों में मुझे छोटे मोटे रोल मिले भी हैं । लेकिन अब इतने बडे शहर में मेरे सामने रहने की प्रॉब्लम आ खडी हुई हो । आप जानते हमारे किसी भी लडकी के लिए कहीं अकेले रहना कितना मुश्किल होता है । इसलिए मैंने इस हॉस्टल का चुना नाम क्या है? तुम्हारा रीता वीटर शर्मा कहाँ की रहने वाली गाजियाबाद की हमारे हॉस्टल का किराया कितना जानती हूँ? अभी तो मालूम में आप बता दीजिए पंद्रह हजार रुपए महीना । इसके अलावा तीन महीने का एडवांस मुझे मंजूर है । फॅमिली फौरन अपना पास खुला और उसमें से निकालकर साढे चार हजार रुपये के नोट एबल पर रखती है । ट्रेनों का चौहान ने फिर भी डॅाल से कुछ छोटे मोटे सवाल और क्या हैं? उसके बाद ऍम भरा और इस तरह वो बडी सहूलियत के साथ कस्तूरबा गर्ल्स हॉस्टल के अंदर घुसने में कामयाब हो गयी । हॉस्टल का जो कमरा उसे दिखाया गया वहाँ दो लडकियाँ पहले से रहती थी । उस समय में तीसरी लडकी वो खुद थी । उससे पहले जो लडकियाँ कमरे में रहती थी । दोनों ही वर्किंग थी और अलग अलग कंपनियों में जॉब किया करती थी । रीता सान्याल की और लडकियों के अंदर कोई दिलचस्पी नहीं थी । कस्तूरबा ऍफ हॉस्टल के अंदर पहुंचते ही उसने अपनी शिकायत जूलिया के बारे में छानबीन शुरू कर दी । जल्दी उसे जूलिया का पता चल गया था । हॉस्टल के कमरा नंबर दो सौ तीन में ठहरे थे । जूलिया के साथ एक और लडकी भी उस कमरे में रहती थी जिसका नाम रख दिया था । फॅमिली रसिया के बारे में छानबीन शुरू की तो उसे मालूम हुआ कि वो एक जूडो कराटे चैंपियन थी और इसके अलावा किसी कंपनी के अंदर रात के शिफ्ट में काम करते थे । रजिया क्या काम करती थी ये रीता सान्याल को मालूम नहीं हो सका । अलबत्ता यह जरूर मालूम हुआ कि जैसी और यूरिया दोनों बहुत पक्की सहेलियां हैं और दोनों को कमरा नंबर दो सौ तीन में साथ साथ रहते हुए एक साल से भी ज्यादा समय हो गया था । बहरहाल, अब लीटर सानिया का एक यात्रा लक्ष्य था । किसी तरह ऍम कमरा नंबर दो सौ तीन में शिफ्ट हो जाएगा । अपने शिकार के ज्यादा से ज्यादा करीब पहुंचाना कमरा नंबर दो सौ तीन में शिफ्ट होने के लिए भी था । सानिया ने उसी दिन शाम को अपनी तरफ से पत्ता भेज दिया । जूलिया और रजिया उस समय कमरे के अंदर ही थे जब लीटर सान्याल बेघर कहाँ पहुंची । हालांकि अभी बारी डीटर सानिया इस तरह चाहते हुए बोली जैसे उन दोनों सहेलियों को वर्षों से जानती हूँ हूँ । दोनों सहेलियों ने कुछ सब पकाकर उसकी तरफ देखा । मेरा नाम रेखा है रीटर सानिया ने खुद ही अपना परिचय दिया । आज ही हॉस्टल में नहीं नहीं आई हूँ । इधर से गुजर रही थी तो सोचा तुम लोगों से भी मिलती । चलो क्यों नहीं बहुत अच्छा किया । जूलिया बोलेंगे आप बैठो रीडर सान्याल उन दोनों के पास वहीं पडी कुर्सी पर बैठ गई । जूलिया मुश्किल से इक्कीस बाईस साल की एक लडकी थी । उसकी यौवन कलश खूब भरे भरे थे और बहुत खूबसूरत लडकी थी । हालांकि जैसी अपनी सहेली जितनी खूबसूरत नहीं थी, मगर उसके यौवन कलर जूलिया से कहीं ज्यादा बडे थे । खासतौर पर उसके कूल्हे तो काबिलेजिक्र थे, क्योंकि वो इतने विशाल दायरे में फैले हुए थे कि अगर वह किसी एक हरे आदमी के बदन पर बैठ जाए तो उसके प्राण हालत में आपसी मेरा नाम जूलिया रीता सान्याल के बैठने के बाद यूलिया ने भी उसे अपना परिचय दिया । मैं ऑफिस में स्टाॅक्स की सर्विस करती । आज मेरा नाम रजाइयां रतिया मुस्कराते हुए बोले, मैं ऍम तथा मेरी ड्यूटी नाइट शिफ्ट में होती है । जैसे रात के नौ बजेंगे । मैं यहाँ से चली जाऊंगी । हंसी मजाक के बीच उन तीनों का आपस में परिचय हो गया । अब तुम बताओ जूनियर बोली तुम क्या करती हूँ मैं ऍम परिचय दिया । फिलहाल फिल्मों टीवी सीरियल में काम करने के लिए स्ट्रगल कह रही हूँ । कुछ छोटे मोटे रोल मुझे भी मिले हैं । फॅमिली से चाहिए कि तुम्हारी जैसी खूबसूरत लडकी को आॅक्सी बनना चाहिए था । तुम देखना एक हिंदू जरूर दीपिका पादुकोण और माधुरी दीक्षित की तरह हिंदुस्तान के प्रयास ऍम में शुमार हो की कॅाल हसने लगे कह देना बाद आॅल लेकिन वास्तव में हिंदुस्तान की टाॅम बन जाना काफी कठिन काम है । कुछ भी कठिन काम नहीं । दस या बोली तुम देखना तो वहाँ चल दीपिका, करीना, आलिया जैसी हीरोइनों को पछाडकर नंबर एक सिंहासन पर जा बैठ होगी और फिर हमें बरसों तक वहाँ से लाने वाला कोई नहीं होगा । वो शब्द रजिया ने कुछ ऐसे अंदाज में कहे कि रीटा सान्याल की फिर हंसी छूट गया । उसके साथ साथ जूलिया भी हंसी । वैसे इसमें कोई शक नहीं देता हूँ कि तुम सचमुच बहुत सुन्दर हो और हम तो सिर्फ इसलिए अपने फिल्म में लगे रहो तो सचमुच कम हिंदुस्तान की नंबर ऍफ बन सकती हूँ । यानि अपनी सहेली के साथ साथ तुम भी मुझे जहाँ पर चढाने लगी ऍम ये झाड पर चलने वाली बात नहीं है । जो लिया संजीत किसी बोली बल्कि सच्चाई है । फिर अभी सच्चाई का पांच बनकर की कोई नई बात करो । तभी रजिया अपना स्थान छोडकर खडी हो गए । तुम कहाँ चली तुम दोनों किसी ऍफ करूँ । इतने में में गरमा गर्म चाय बना करती हूँ वहाँ फिर हसी का हलका सा अठारह का गूंज उठा । कुल मिलाकर जल्दी उन तीनों के बीच अच्छी खासी दोस्ती कायम हो गई । इस समय बीता साहने आज इस तरह खिलखिलाकर उन दोनों से बात कर रही थी । उसे देखकर कौन कह सकता था की वो एक खतरनाक क्रिमिनल है और अभी सिर्फ एक दिन पहले उसकी माँ का देहांत हुआ है । रजिया ने चाहे वाकई अच्छी बनाई थी सिर्फ एक खून पीते ही रीता सानिया के दिमाग में ताजगी की लहर दौड भी चले गए । रजिया नौ बजे ड्यूटी पर जाती थी जबकि अभी सिर्फ साढे सात बजे थे । चाय पीने के बाद रजिया एक ताज की गद्दी ने घर लाए । फिर तीनों ने जमकर ताश खेलते हैं । कुछ दिन रीता सान्याल ने भी ताश के पत्तों में आपने ऐसे ऐसे कमाल दिखाएगी वो दोनों पलक झपकते उसकी मुरीद बन गए । साढे आठ बजे तक उन तीनों के बीच काश की बाजियां चलती रहेगी और रीता सान्याल ने लगभग हर बाजी में उन दोनों को मार नहीं । अब मैं तुम लोगों को एक चुटकुला सुनाती हूँ । रसिया ताश के पत्तों को समझाते हुए बोले ना बाबा ना जूलिया ने जल्दी से अपने कानों में उंगलियां गुसाई मुझे नहीं सुना तुम्हारा चकूला क्यों फॅार? हैरान होकर बोली छुट खुला सुनने में क्या हो गया तो मैं ऐसे नहीं जानती । जूलिया मुस्कराई बहुत लडकियाँ है कि हमेशा मुझे नॉनवेज किस्म के जोक सुनाती रहती है नाॅक उनके जो ये ऐसे जो होते हैं वो लोग हो जूनियर खिलखिलाकर ऐसी अभी पहले इसे ये भी बताना पडेगा की नॉनवेज जो क्या होते हैं तो मैं काम करती हूँ जैसे हम मुस्कराकर बोले एक चुटकुला सुनाई डालती हूँ इससे हमारी इस नहीं सहेली को भी मालूम हो जाएगा कि नॉनवेज जो क्या होते हैं । और इसी बहाने से तो मेरा चुटकुला भी सुन लो की लेकिन भी चिंता मत करो जितना ज्यादा नॉनवेज नहीं है । हम ठीक है तो फिर सुना जो लिया ने अपने कानो में से उंगलियां निकली । वैसे भी अब मैं जानती हूँ की तुम अपना चुटकुला सुनाया बिना बात नहीं होगी । लेकिन ध्यान है ज्यादा बदतमीजी नहीं होनी चाहिए । हो कि बाबा रजत खिलखिलाकर हसी ज्यादा बदतमीजी नहीं होगी । एक तो मैं तुम्हारा मनोरंजन करती रहती हूँ और ऊपर से नखरे भी दिखाती हूँ । अच्छा ठीक है आप सुनाओ अभी तो अपना चुटकुला ऍम थोडा तनकर बैठे हैं । एक जंगल की बात है जंगल में वहाँ का राजा शेयर अपनी फॅमिली के साथ बैठा दोपहर का लंच कर रहा था । उसने ताजा ताजा हिरण मारा था पर वो बडी मस्ती के साथ हिरण का मांस नोच नोचकर खा रहे थे की फैमिली से कोई सौ डेढ सौ गज तो वो एक गीदर खडा था और उन्हें लंच करते देख रहा था । साले डीडर ऊंची आवाज में बोला अकेले के लिए माल को रेड रहा है । अपने बहनों को पूछता हूँ तुझे थोडी बहुत शर्म आया है की नहीं । शेयर ने नजर उठाकर सौ डेढ सौ दस दूर खडे गीदर को देखा और पहले की तरह मस्ती से हिरण का मांस नोच नोचकर खाने लगा । लेकिन गीता की बात सुनकर शेरनी से ना रहा गया वो शेर से बोली ही पिच तीसरा जानवर में ऐसी बात बोल रहा है तो उसे मारते क्यों नहीं किसे सबक क्यों नहीं सिखाते हैं तो चुप चाप खाना खा लेने से समझा खाना खाते वक्त बोलते नहीं तेरी ऐसी तैसी साले गीदर दूर खडा खडा ही शेर के ऊपर गिर रहा है तेरी मैंने और माँ है नहीं करनी है आखिर तो समझता क्या अपना आपको शेरनी शेर को फिर तो का मैं तो कहता हूँ की तो इस की बातों की तरफ ध्यान मत थे । शेरनी श्रेणी को फिर समझाने की कोशिश की तो चुप चाप खाना था तो समझ के वो पागल और बकवास कर रहा है । अच्छा साले बकवास बता रहे मेरी बात का गीदर पुनः गुरा उठा हरा में तो शर्म लिहाज से बिल्कुल खोल करती है अपनी फॅमिली आप शेरनी का पारा बिल्कुल हाय हो गया तुम मेरे अपने हाथों में बिल्कुल चूडियां । पहली श्रेणी ने शेर से झुंझलाकर कहा मैं स्पीति से जानवर को बताती हूँ । ये कहकर शेरनी गीदर की तरफ छपटी । अब गीदर आगे आगे और शेरनी गुजराती हुई पीछे पीछे दौडते दौडते गीजर जंगल से बाहर निकल गया । कहाँ कुछ सेवा के पाई पडी थी कि डर बचने के लिए एक बाइक में घुस गया । जोश में आकर शेर भी उसके पीछे पीछे पाइप में घुस गयी । गीजर चुकी दुबला पतला था इसलिए वो तो पाइप में से आसानी के साथ बाहर निकल गया । लेकिन श्रेणी का मुंह और आगे के पंजे पाइप के अंदर खासकर लीडर हस्ता हुआ पाइप के आगे से निकल कर पीछे आया और उसने शेरनी की इज्जत लूट ली तथा फिर पहले की तरह हस्ता हुआ वहाँ से चला गया । आज शेर शरू से बहुत पानी पानी हुई ये तो उसके लिए बिल्कुल डूब । मरने की बात थी कि एक गीजर जैसे आपने जानवर ने उसकी सब लूट ली थी । शेरनी ने बडी मेहनत मशक्कत करके पाइप के अंदर फंसा अपना मूह बाहर निकाला । इस प्रयास में स्थित गर्दन काफी छिल भी गई । फिर वो लगभग रोती हुई वापस अपने शहर के पास पहुंचे और उसे सारी बात बताई । मैंने तो उससे पहले कहा था भागवान शेयर उसकी बात सुनकर उसकी बात की तरफ ध्यान मत दे, मत दे तो बहुत हरामजादा । दो बार ऐसी हरकत कर करके तो मेरे साथ भी यही सब कुछ कर चुका है । यूलिया ने जैसे चिटकुल खत्म किया । रीता सान्याल और जूलिया के मुझसे हंसी का फव्वारा छूट पढा हूँ । उन दोनों के हस्ते हस्ते पेट में बाल पड गए । इसमें कोई शक नहीं रसिया ऍफ लडकी थी । ठीक नौ बज कर ही रहे । अपनी नाइट ड्यूटि कर्मी हस्तियों से चली गई । अलबत्ता रीता सान्याल फिर भी जूलिया के पास ही रही और काफी देर तक उससे बातें करती रही । फिर जॅहा रात को वहीं जूलिया के पास हो गई थी । अगले तीन दिन के अंदर रीटर सान्याल ने उन दोनों से खूब सफर । दस दोस्ती का ही आप कमरा नंबर दो सौ तीन में उसकी खूब महफिलें जमती । खूब ताज खेले जाते और रजिया प्रतिदिन नए नए जोक सुनाकर सारे कमरे को ठहाकों से भरती थी । कुल मिलाकर तीन दिन के अंदर या वैसी स्थिति बन गए कि झूले और रजिया खुद ही रेट आसानी से इस बात की जिद करने लगी की वो उनके कमरे में शिफ्ट हो जाये । भेजना ही नहीं चौथे दिन खुद जूलिया हॉस्टल की वॉर्डन ट्रेनों का जहाँ के पास जाकर इस बात की परमिशन लेना है कि वीटा अब उनके साथ कमरा नंबर दो सौ तीन में ही रहेंगे । फॅमिली और अच्छा हुआ के कारण खुद से अपने कथित की दावत दे डाली नहीं । इस तरह बडी आसानी से कमरा नंबर दो सौ तीन में शिफ्ट हो गई । इस बीच रीता सान्याल ने उन दोनों लडकियों के बारे में कुछ नहीं बातें भी नोट की जैसे उसने नोट किया । जूलिया एक सीधी साधी भावुक किस्म की लडकी है । दो बातों ही बातों में अक्सर बहुत जज्बाती हो जाती थी और दूसरों के ऊपर आसानी से तीन भी कर ली थी । नहीं । जब की जो लिया के मुकाबले रजिया जहाँ बहुत चंचल थी वहीं बहुत शाला भी थी । कुछ थोडे दिनों में रीटर सान्याल इस बात को आसानी से भाग गई कि कम से कम जया की आंखों में धूल झोंकना आसान काम नहीं । जिस तरह का शारीरिक ढांचा रजिया का था उस हिसाब से कम से कम दर्जनों बाद सहवास क्रिया से गुजर चुकी थी । जैसे उसके कूल्हे बहुत भारी थे जो आम तौर पर लडकियों के शादी के बाद ही होते हैं । इसके अलावा उसके वक्ष लटके हुए थे । बडा आम तौर पर कुमारी लडकियों के वक्ष बनी हुई और कैसे हुए पाए जाते हैं । इसके अलावा दसिया का पेट थोडा मांसल था और हाल आगे को लडकी हुई थी । कुल मिला ॅ दिया की पर्सनालिटी शुरू से ही काफी फॅमिली लेंगे । एक बार की तो पक्की गारंटी थी कि रसिया को खेले खाए लडकी थी वो जरूर किसी के साथ फंसी हुई नहीं । कोरिया को खूब उदयन था । वो उसका क्या बांचा करता हॅू । उसका नाइट शिफ्ट में काम करना भी काफी सनसनी केस हो । बहरहाल अभी कई रहस्यों के ऊपर से पर्दे उठने बाकी थे और कई धमाके होने शेष थे ।
Writer
Sound Engineer
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