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हूँ । आप सुन रहे हैं क्योंकि ऍम अमित खान द्वारा लिखी किताब फस जाऊ हूँ मेरे लिए और मैं हूँ पल्लवी भर्ती ऍम मनचाहे हूँ अध्याय हाँ रीटर सान्याल के मुंह से चीख देने के लिए तो उसने अपनी मां शारदा को बुरी तरह चेंज हुआ उसमें आॅफ क्या हो गया तो मैं ऍम मेरा मैं बेटी है अधेड उम्र की शांत ने बहुत धीरे धीरे आंखें खुली मैं ऍम ऍम थी मैं तो बच्चे छोड के नहीं जा सकते हैं ऍम दुनिया में और ऍम चारपाई पर लेटे लेटे का एक शादी को जोर से खांसी का उसका उठाओ फॅमिली हुई है लगातार उसे खून की पांच भी हो वहीं सचिन देवडा भी खडा था जो डॉक्टर भी था और रीता सान्याल का दोस्त था ऍम फॅमिली फौरन पलट कर सचिन देवडा का गिरेबान पकडने और उसे बुरी तरह झिंझोडा हो । तुम कुछ करते नहीं ऍम चाहते हो रही है सचिन देवरानी बेहद असहनीय भाव से अपनी गर्दन नीचे झुका लें । नहीं अब कुछ नहीं कर सकता सचिन देवडा निराश स्वर में बोला इनके पेट में कैंसर का जो क्यों मारता वहाँ छूट गया है । इसी वजह से नहीं खून की उल्टियां हो रही है, था ही नहीं है रीता सानिया का आप कहीं साॅस यहाँ की उल्टी हुई तो उसकी हालत और बुरी हो गए है उसकी सांस और ऍम कभी तो जी कोई सुख नहीं मेरे बच्चे हैं शाहदा कब का पाकिस्तान में भूल जाऊँ वो ही तो एक ऐसी जिंदगी देती है जिसमें कहाँ ही कहते थे तो खेलते थे नहीं हूँ ऍम तो उसे मुझे हमेशा प्यार मिला तो हमारा प्यार मेरी सबसे बडी दौलत है कि लेकिन प्यार ही दुनिया में सब कुछ नहीं होता ना मेरे बच्चे प्यार के अलावा भी तो इंसान को बहुत कुछ चाहिए होता है और प्यार के अलावा मैंने तुझे ही क्या है मुझे तो आज तक की भी नहीं मालूम । ऍम ट्विटर सानिया लिखा है कि इस तरह छटपटाई जैसे उसकी माँ ने उसके जीवन की सबसे ज्यादा दुखती रग कुछ हो गया तो उन्हें मुझसे दर्जन हूँ और ये सवाल पूछा अगर मैंने हमेशा सवाल को टाल दिया । कभी तो पिता का नाम नहीं बताया लेकिन हाँ शाहदरा को फिर खांसी का तेज दस का था । हर महीने से पहले है तो तुझे तेरी फॅमिली बच्चे हो उसका हूँ बीकॅाम पीठ हाँ पीता है वो गोवा का रहने वाला ॅ एक गुवानी जब उसने सालों तक मेरे साथ प्रेम का नाटक क्या हाल तक मुझे चला हर और आखिर में गोवा शहर के एक ब्लाॅक एक बहुत बडी बिजनेस ऍम कंधाल सिश अधिकार नहीं है फॅस रीटर सान्याल के दिमाग में बिजली सीकर कडाई हाँ जी ऍम शारदा के आंखों में आंसुओं की नन्ही नन्ही बूंदें झिलमिला रही थी हूँ । उस समय तो पेट में थी मेरी बच्ची हूँ मुझे जब पीठ ॅ गिरा मेरे ऊपर हूँ मैं शुभ थे बिल रखते हुए फॅमिली में कुछ अच्छी है वहाँ मैंने फूट फूट होते हुए पीटर को ये बताया कि मैं उसके बच्चे की माँ बनने वाली हूँ । उस ऍम और दोस्त नहीं इस बात को मानने से इंकार कर दिया की भी देखा भी । उससे कोई संबंध भी रहे थे । हाँ इतना ही नहीं उस फॅमिली है आपने नौकरी ॅ ऍम भूलते बोलती शहर का बेहद जज्बाती होती थी अब मासी सचिन देवरानी तुरंत आगे बढकर शारदा को संभाला आप वो इस समय में ज्यादा बोलना नहीं चाहिए तो मुझे बोले देते थे तो बोल लेते हैं । शारदा के आवास टूट टूट कर बिखर रही थी । अगर ये बोझ मेरी सांस संग साथ साथ चला गया है तो मैं अपने बेटे ऍम कभी खुद कुमार नहीं करता हूँ । सचिन सिर्फ अलग कर रहे हो ऍम शारदा ने बे पनाह दुख से भरे लहजे में हाथ आते हुए कहा हाँ तो ये बताओ मैं तुझे कैसे बता थी? कॅश था ना हम रिश्ता तो उनके बताना है जाते हैं जो इंसान हूँ लेकिन ऍम दोनों की भूख ने था बना दिया हो उनके बारे में कोई क्या है? अच्छा ये पीटर नाम का आदमी आप कहाँ है? लेटर सान्याल के चमडी सख्ती के साथ भेज करते हैं । क्या ये आज भी हुआ नहीं देखा है? नहीं अभी घूम हमें नहीं रहता है फिर हूँ । हम ही नहीं ऍन रह गए । सचिन देवडा को भी उस खबर नहीं चौंकाया था । फॅमिली शादी के बहुत पीटर की फॅस कभी नहीं पडती है । शारदा शून्य में निहारते हुए बोली उन दोनों के बीच अक्सर झगडे ऍम शायद मेरा साहब लग गया था उन दोनों की खुशी को ऍम चाहे बहुत रईस औरत भी पीटर कुछ भी नहीं था । शहरी के बाद ऍम लडकी हुई है जिसका नाम उसने जूलिया रखा है कि लेकिन लेकिन क्या फॅस के पास इतना समय भी नहीं था । वो अपनी बेटी को पाल नहीं सकते हैं, हमेशा बिजनेस में बिजी रहती थी । यही वजह है यूलिया काॅपी टर्न नहीं किया । पीटर अब अपनी पत्नी के सामने खुद को काफी ही नहीं भाव करने लग रहा था । जूलिया सात साल की समझता है । लडकी बन चुकी थी खाना पीटर के बीच छोटी छोटी बातों पर है झगडे होने लगी है फॅस का बंगला छोड दिया कोई जूनियर फॅमिली चौंककर पूछा जूनियर का क्या हुआ हूँ? ऍम जूलियर चुकी अपने माँ बाप से ज्यादा गोली मिली थी । शारदा जोर जोर से खाती हुई बोली थी इसलिए उसने भी अपने माँ बाप का साथ दिया । यानी जो लिया ने भी आपने महा लेते आना गुंजाल जिसका बंगला छोड दिया । हाँ, मुंबई आ गए तो फिर लेवॅल हिस बात की पूरी पूरी उम्मीद थी कि बहुत चाॅस जूलिया को लेकर उसके पास वापस लौट आॅल लेकिन लेकिन फिर कभी पीटर उसके पास नहीं था हम उसने यही मुंबई शहर में एक नौकरी कर ली और अपना और अपनी बेटी का पेड लगा । फिर उसमें इतनी सही हो मुझे इसी मुंबई शहर के अंदर कुछ चाहती हूँ । दो साल पहले उसकी इसी शहर में बहुत भी हो गए तो शारदा चाहता पर पडी फिर जोर जोर से खासी हम जूलिया अब कहाँ है खामोश खडे सचिन देवडा ने भी आश्चर्यपूर्वक पूछा हूँ हूँ आज की तारीख में एक हॉस्टल के अंदर रहती है शारदा को खांसी का दस का सा उठा कस्तूरबा ऍम इसके अलावा वो मुंबई के अंदर ही कंपनी में स्टाॅक का काम भी करती है जिससे उसकी गुजर बसर हो रहे हैं । सामान है जब वो कितनी रईस औरत की एकलौती बेटी हैं । सचिन देवडा बोला पीटर के मरने के बाद वापस लेते आना गोन्साल्विस के पास गोवा क्यों नहीं चले गए ऍम जो आपने माॅस् सख्त नफरत करती है शारदा फिर जोर जोर से खास्ते हुई बोली वो समझती है तो उसके बाद आपके सारे दुखों का कारण उसकी माँ थी । फॅस बीमार रहने लगी है । भूख फॅमिली को चिट्ठी लिखते हैं और उस से आग्रह करती है कि वो उसके पास वापस गोवा लौट आए । इतना ही नहीं है वो जो आपको बडी मोटी मोटी रकम के भी बेचते हैं । हो बोलती पुष्टि शारदा को फिर सोर से उबकाई आए और उसमें थोडा उठकर पुनः खून की बडी उल्टी करते हैं । इस बार शारदा की खून की उल्टी में कुछ मोटी मोटी मांस के टुकडे भी नहीं दिए मैं फॅसने आतंकी ठोकर शारदा को पकड लिया तो तुम्हारा काम करो तो मेरी फिकर छोड दे मेरे बच्चे शारदा की सांस उल्टी सीधी चलने लगी तो मेरी बात मेरी बात सुनो ध्यान से सुनो मेरी बात ये मेरे जीवन की हाँ सत्यम इच्छा है तो उससे बोलने जा रही हूँ बोलो रीटर सान्याल का स्वर्ण था जो तुम कहूँ कि मैं करूँ बेटी हो तो तुम पीटर तो अच्छी तरह नहीं है शाहदरा जोर जोर से हफ्ते हुए लेकिन मेरे दिल में है बदले की आग अभी भी धधक रही है पिछले पीते हो ऍम मेरा जो अपमान किया ऍम को आज तक नहीं बोली हूँ पी फॅस के लिए फॅस की जिस डोलत के लिए मुझे क्राॅस तो ॅ तुझे उसी कहना गुडगांव से बदला लेना है, उसकी सौ ही जरूरत हासिल करनी है बोलती बोलती शारदा का चेहरा बाबक नहीं लगा मेरी बच्ची हैं । अगर पीटर की एक बेटी को कहना की दौलत नहीं मिली तो तो उसकी दूसरी बेटी है । जूलिया को भी आना की विशाल दौलत नहीं मिलनी चाहिए । अब शांति को फिर खांसी का तेज दस का था और उसने एकदम से उसका ही लेकर पुणे खून की बडी उल्टी करती है तो हीटर सानिया रूपडी ऍम पी फॅस ज्यादा के समय बुरी हालत उसका पूरा चेहरा पसीने से तर था । वहाँ रही थी सुप्रीम अपनी मरती हुई ऍसे बदला लेगी हो उसकी उसका कुछ दोनों को हासिल करके दिखाए की है जिसके लिए कभी उस उस ऍम ठुकरा दिया था हूँ जो तो वो करा दिया था सहायता की हालत और बुरी हो गई ॅ मेरे पास समय का मैं ऍम हीटर सान्याल की हिचकियां बंद कर मैं तुम्हें वचन देखती हूँ कि पीटर की दूसरी बेटी को भी फॅस की दौलत नहीं मिलती थी वो दौलत अगर आप किसी को मिलेगी तो सिर्फ रीता सान्याल को तुम्हारी बेटी को कुछ कुछ भी हो अच्छे ही है मारते हुई शारदा के होठों पर हल्की सी मुस्कान ओ भली सच मुझे जी जी शारदा की गर्दन बाई तरफ जाना पडेगा उसकी क्षमता अधूरे रह गए ऍम रीटर सानिया ने इतनी जोर से हालत थान कर चलना है कि पूरा कमरा दहल उठा । फिर वो अपनी माँ की मृत देह से लिपटकर फूट फूटकर रोने पूरे कमरे में काम की परछाई तैयार । सचिन देवडा की आंखों नहीं थी आंसू की नदी ननकी बोलती थी इंसान का जीवन सचमुच तब तक वार एक स्थान है जिसमें दुःखी दुःख है क्या फिर इंसान का जीवन खोलते हुए दरिया की तरह है जिसमें अभिलाषाएं और सपने हर पल टूटते हैं । टूट टूट कर बिखर ते हैं । कुछ ऐसा ही जीवन था शारदा सान्याल का और उसकी जवान जहाँ खूबसूरत बेटी रीता सान्याल का दोनों क्रिमिनल थी । मुंबई की पुलिस हाल में उन दोनों के नाम दर्जनों अपराध दर्ज शारदा अपने टाइम की फेमस पॉकेटमार थी । वो कई बार पकडे भी खाई । कई बार पुलिस की चेतावनी देने के बाद छोड भी दी गई । बाद में रेडा सान्याल अपराध्कि इस दुनिया में अपनी माँ से भी कई कदम आगे निकल गए । शुरू शुरू में यू तो रीता सान्याल ने अपनी माँ के नक्शे कदम पर चलते हुए जीत काटने का ही धंधा अपनाया था लेकिन जल्दी वह धन दी से निराश हो गए । रेडर साने आज शानोशौकत की जिंदगी जीने वाली थी इसीलिए उसके खर्चे भी बहुत थे जबकि और धंधे से उसे ज्यादा आमदनी नहीं हो पाती थी । तब रीता सान्याल ने कुछ छोटी मोटी डकैतियां भी डाली जिसमें वो कामयाब रही । उन डकैतियों में काफी बडी बडी रख में भी रीता सान्याल के हाथ लगी । इस बीच रीता सान्याल कई बार पकडी भी गई । फिर उसने मोटी मोटी सुपारी लेकर कई हत्याएं भी की और एक बिल्कुल ये आरपार का गेम खेलने के लिए एकदम से ढेर सारी दौलत हासिल करने के लिए उसने दान डकैती डालने का प्रयास भी किया जिसमें कि वाह इत्तेफाक से असफल रही और पुलिस द्वारा पकडे जाते जाते बची सर हाल इस बीच रीता सान्याल को इस बात की भी अकुलाई कि अपराध इस तरह भी किया जा सकता है जो कानून के पास कोई सबूत न छोटे बस इसके लिए थोडी बुद्धिमानी की जरूरत पडती है । तब रेटा सान्याल को इस बात का अफसोस हुआ कि उसने किस तरह बेवकूफों की तरह खुलकर कुछ हत्याएं कर डाली थी और आपको हत्याएं उसके गले में फांसी का फंदा बनकर पडी थी । अगर अब क्या हो सकता था आज की तारीख में मुंबई पुलिस को रीटर सान्याल की बडी सरगर्मी से तलाश थी । उसके ऊपर मॉडर के छह और एक सशस्त्र बैंक का कहती का मामला दर्ज था । सचिनदेव बडा की कहानी भी आज की तारीख में रीता सान्याल से कुछ ज्यादा लग नहीं थी । वो भी आज खतरनाक क्रिमिनल बना हुआ था । ये अलग बात है कि सचिन देवडा कभी मुंबई शहर का मशहूर प्लास्टिक सर्जन था । डॉक्टर सचिनदेव बडा अमेरिका से प्लास्टिक सर्जरी का चार साल का स्पेशल कोर्स कर के आया था और कभी न सिर्फ मुंबई शहर के बल्कि भारत वर्ष के भी सर्वश्रेष्ठ प्लास्टिक सर्जनों में उसकी करना होती थी । डॉक्टर सचिन देवडा के बारे में मशहूर था कि वो किसी भी आदमी का प्लास्टिक सर्जरी के द्वारा न सिर्फ चेहरा बदल सकता है बल्कि प्लास्टिक सर्जरी के द्वारा ही किसी आदमी के चेहरे पर किसी भी दूसरे आदमी का परमानेंट में कभी कर सकता है । बिना शक प्लास्टिक सर्जरी में किसी भी डॉक्टर को ऐसी महारत हासिल होना बहुत बडी बात है । डॉक्टर सचिन देवता को अपने पेशे में ऐसी ही महारत हासिल थी । उसके पास दुनिया की हर खुशी ठीक हैं सिवाय एक चीज को छोडकर । उसके बाद अच्छी बीवी नहीं थी और उसकी बीवी की वजह से उसकी जिंदगी में सारा हंगामा हुआ । सचिन देवडा के भी बहुत खुशनसीब थी वहाँ तुम उससे लडती रहती थी । चीज ठीक कर सारा घर से पर उठाए रहती थी । बीवी से तंग आकर ये डॉक्टर सचिन देवडा के घर में एक और बडा हंगामा हुआ । जाने कैसे सचिन देवडा की बीवी को उसके नौ साले अफेयर के बारे में मालूम चल गया । उस रात उन दोनों पति पत्नी के बीच जमकर युद्ध हुआ । उस युद्ध का परिणाम भी बडा भयंकर ने किया । गुजरात सचिन देवडा गुस्से से इतना में काबू हो गया जितना पहले कभी नहीं हुआ था । उसे वहीं रखा, एक सब्जी काटने वाला चाकू उठाया तथा फिर आक्रोश में फॅमिली में जोर जोर से घोषणा चुना है । उसे जब तक होश आया तब तक उसकी पत्नी लाश में बदल चुकी थी और फर्श पर खून ही खून फैला था । अब सचिन देवडा के छक्के छोटे को जानता था । किसी की हत्या करने का क्या अंजाम होता है? फिर उसके अपनी बीवी के साथ कितने कटु संबंध थे ये बात भी सबको मालूम थी । जैसे लोगों को ये बात पता चलना था की उस की बीवी की हत्या हो गई तो फौरन ही सपोर्ट कर इस नतीजे पर में पहुंच जाने थे कि ये काम उसी ने किया है । सचिन देवडा के आंखों के सामने फांसी का फंदा झोले वो पसीना में नहीं गया । शीघ्र ही डॉक्टर सचिन भी उडाने उस आफत से छुटकारा पाने का एक हल्की खोज निकाला उसने । उसने उसका अपने घर बुलाया जिससे उसका आजकल बडा गरमा गरम अफेयर चल रहा था । उसने उसके कदकाठी और राम सबकुछ उसकी बीवी से खूब घूमें । पता चलता था बस खतम बेवडा ने अपने करामाती हाथों का कमाल दिखाया और प्लास्टिक सर्जरी द्वारा उस ना उसका चेहरा बिल्कुल अपनी पत्नी के चेहरे में बदल दिया । अब कोई भी उसे देखता तो यही समझता । वहीं मैं से सचिनदेव है । फिर सचिन देवरानी एक और पहला देने वाला कारनामा किया । उसने अपनी मृत पत्नी की शरीर की बोटी बोटी काट डाली । कितना नहीं उसमें उसके शरीर के सभी हड्डियों के जोड भी खोल डाले क्यूँकि डॉक्टर था इसलिए इस काम को करने में उसे काफी आसानी हुई । उसके बाद सचिन देवरा ने अपनी पत्नी की जैसे की तमाम बोटियों और हस्तियों को तेजाब कैम्पर अच्छी तरह चलाया । अच्छा फिर उन सब को थोडा थोडा करके मुंबई शहर के नालों गंदे कटर हूँ और समुद्र में फेंक दिया । इस तरह उसने अपनी बीवी की लाश बडी चतुराई से ठिकाने लगती । आपने मंझे हुए दिमाग सेवा प्राध् करने के बाद डॉक्टर सचिन देवडा ये सोच रहा था कि अब कानूनों से कभी नहीं पकडता है । अगर जल्दी ही उसे मालूम हो गया कि ऐसा सोचना उसकी भरी थी । दुनिया की नजरों में उसकी बीवी तो जिंदा थी लेकिन ना खराब हो चुकी थी इससे ना उसके परिवारजनों के बीच चिंता की लहर दौड गए । बडे पैमाने पर नर्स की ढूंढ मची । पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराए गए । सबसे बडी आफत ये आई की नस की जमात ही उसने अपनी गुमशुदा बेटी के वियोग में चारपाई पकड ली और उसकी हालत मरने जैसे हो गई । मैं अपनी माँ की ऐसी हालत न देख सकें । वो सचिन देवडा को बिना बताए छुप छाप अपनी माँ से मिलने हस्पताल जा पहुंची और उसने अपनी माँ के सामने सारा राज खोल दिया । यही इसे सचिन देवडा की बर्बादी की शुरुआत हो गई । उस समय हॉस्टल के उस वार्ड में सादी वर्दी के अंदर एक सब इंस्पेक्टर भी मौजूद था । उसने वह सारी कहानी सुन ली । तुरंत वो उसने उसको पकडने के लिए उसकी तरफ झगडा नहीं वहाँ से भाग किसी भागा भागी में बनास काफी ऊपर वाली सीढियों से मिलती गडबडी तथा फिर लुढकती चली गई । नीचे पहुंचते पहुंचते उसका सिर फट गया । सारा भेजा बाहर निकल आया और वह तत्काल मार कहीं फिर पुलिस डॉक्टर सचिन देवता को गिरफ्तार करने उसके घर पहुंची । लेकिन तब तक सचिन देवडा को भी ये मालूम हो चुका था की तमाम चला क्योंकि बावजूद उसका राज खुल चुका है इसलिए पुलिस के पहुंचने से पहले ही वो भी अपना घर छोड भाग खडा हुआ । वो दिन था और आज का दिन है तब से सचिन देवडा पुलिस से बचकर बस भाग ही रहा था । कोई बहुत काबिल डॉक्टर है ये बात अब मानव खुद सचिन देवडा भी भूल चुका था वो अब सिर्फ घूमना था सिर्फ और सिर्फ ॅ अपराध्कि उसी खौफनाक नगर पर चलते हुए एक दिन उस की रीटा सान्याल से मुलाकात हो गए और उसके बाद उन दोनों ने साथ साथ मिलकर कई अपराध किए बॅाडी डालने का प्रयास किया था उस डकैती में उसके साथ सचिन मेरा भी था और ये बात मुंबई पुलिस को भी मालूम हो गई थी । कुल मिलाकर जिस तरह रीता सानिया पुलिस भाई में खतरनाक क्रिमिनल के तौर पर दर्ज थी उसी तरह सचिन देवडा भी खतरनाक क्रिमिनल के तौर पर दर्ज था । मुंबई पुलिस को मॉडर्न और डकैती दोनों ही मामलों में उस की भी सरगर्मी से तलाश थी । रात का समय उस छोटे से कमरे में चारों तरफ हल्का धूल धूसरित प्रकाश दिखा था । खुद किसी के बहुत धीरे धीरे समझने की हवा जिस कमरे के अंदर सिसकारियां भर रही थी अब चुप हो जाओ । रेता सचिनदेव मैंने अपने इसने का हाथ रीता सानिया के कंधे पर रखा । चुप हो जाओ जानता हूँ तो मैं अपनी माँ से बहुत प्यार था लेकिन आज भी मुझे छोड कर चले गए । फॅमिली जोर से सबकी भरे हमेशा हमेशा के लिए तो सारी उम्र पीडा की अग्नि में चलती रहे । राज चिता की आग में जलकर उसकी दुख भरी कहानी सदा सदा के लिए खत्म हो गई तो कभी लौटकर नहीं आएगी । तब कभी उसे अपनी बेटी की चिंता नहीं होगी । हाँ, जिसकी सारी चिंताएं हो गई । ये शब्द बोलते हुए रीटर सानिया मुँह से सुबह नहीं लगी । उसके आंखों से झर झर आंसू बहने हैं । ऍफ का पूरा हाल था जो महा जिंदगी में इस तरह कदम कदम पर उसके साथ उसका यू इकाई चले जाना उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था । जानता है सचिन देवडा धीमी सर मैं बोला तो मैं अपनी माँ की मौत का बहुत अफसोस है लेकिन तरह सोच तो रही हूँ । जिस तरह की बीमारियाँ हो गई थी उस हालत में मौत के सिवा दूसरा रास्ता भी किया था । बहुत उनकी जरूरत बन चुकी थी लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी में देखा भी क्या सच डॅाल दुख से टाॅय टाॅय खुशियों से भरे दिन थे तो पीटर ने उन्हें ठुकराकर उनके हस्ते खेलते जीवन में जहर घोल दिया और उसके बाद तो बिल्कुल अकेली बिल्कुल तरह कानून से भर्ती हुई मेरा पालन पोषण करना ही नहीं सारी जिंदगी उन्हें सिर्फ दुत्कारा जाता हूँ हूँ उसे दूसरों के लिए जीती रही सच कहा टोमॅटो सचिन देवरा ने अफसोस से भरी गहरी लंबी साहब छोडी उसकी आंखों में उदासियों के सारे मंडराने लगे ऍम कुछ लोग बडे बस किस्मत होते हैं जिंदगी उन्हें रास नहीं आती । कदम कदम पर उन्हें इतनी धोक रहे लगती हैं कि जिंदगी एक मोज बन जाते हैं फॅार सुबह होती रहेगी उसकी सुबह नहीं की धीमी धीमी आवाज एक अमरीकी बोझ है माहौल को गमजदा बनाते हो जाओ सचिन देवडा फिर स्नेहपूर्ण स्वर में बोला सुबह से तूने कुछ खाया भी नहीं, बिलकुल भूखी हूँ । मेरे साथ कुछ खा लूँ मेरी इच्छा नहीं कुछ खाओगी तभी तो इच्छा भी होगी । फिर कब तक इसी तरह होती होगी फॅस कहानियाँ फिर भी कमरे में पहुंचती रहे । बहरहाल सचिन देवडा के काफी समझाने बुझाने के बाद रीता सान्याल के आंसुओं का वो प्रवाह रुका था । फिर उसने भोजन भोजन के बाद मीटर सान्याल के चेहरे पर कुछ हमक्योंग । उसके आंखों से उदासियों के सारे कुछ हल्की हुई लेकिन फिर भी वह शून्य में कहीं निहारती रही थी । अब क्या करने का प्लान है? सचिन देवरा ने गौर से उसके चेहरे को देखते हुए पूछा, घर हमने बदला लूँगा । वीटर सान्याल के मुख्य मंडल पर एक ही भूकम्प जैसे भाव है । अब मैं अपनी माँ के अपमान का बदला लूँगा । फिर नये लेडी आना । गोंजाल्विस की हत्या करूंगी, जो लिया की हत्या करेंगे था । ये तुम क्या कह रही हूँ? सचिन देखना बहुत का रह गया तो मैं देखा नहीं पीता । सानिया शहरी ली नागिन की भारतीय फटकारकर बोले, मैंने अपनी मस्ती बीमा को क्या वचन दिया था? उन्होंने सच कहा । बिल्कुल अच्छा । अगर वो दौलत पीटर की एक बेटी को नहीं मिल सकी तो वो उसकी दूसरी बेटी जूलिया को भी नहीं मिलनी चाहिए । लीडी आना गुंजाल, जिसकी वही दौलत मेरे और मेरी माँ के दुखों का कारण बनी । उसी दौलत के लिए पीटर ने मेरी माँ को ठुकराया । मैं आप उस दौलत को किसी भी स्थिति में हासिल करके रहूंगी, लेकिन उस अदालत को हासिल करने का जो रास्ता है । सचिन देवरा बोला वो काफी खतरनाक है, काफी मुश्किलों भरा है । मैं जानती है वीटर सानिया आपका दृढ स्वर हो गया, लेकिन अब मैं डरने वाली नहीं । अब यही मेरी जिंदगी का इकलौता मकसद है । लेकिन तुम भूल रही हो रहा था सचिन देवरा का सर कम कर पाया । जिस रास्ते पर तुम चलने जा रही हूँ तो अपराध की दुनिया का सबसे खतरनाक रास्ता है । किसी की हत्या करने से ज्यादा भयानक जरूर कोई दूसरा नहीं रेडा सान्याल हसी उसकी वो हंसी बहुत खतरनाक थे, हूँ तो शादी भूल रहे हो गया । मैं हत्या पहले भी कर चुकी और एक नहीं छह छह हत्याएं जानता हूँ । सचिन देवरा ने शशक स्वर में कहा और ये भी जानता हूँ कि उन्हें हत्याओं के कारण तुम कानून से बचकर भागी भागी फैल रही हो । आज तुम्हारे गले में फांसी का जो फंदा झूल रहा है, उन्हें हत्याओं के कारण है और तुम्हारी ही जैसी गलतियां पीठ में मैं भी कर चुका है । बहुत से में आकर अपनी पत्नी की हत्या करके मैं समझता हूँ तो मैं अपनी गलती दोहराने नहीं चाहिए । गलती तो अब मैं हर हाल में दोहराऊंगी टॅाक कार्य मैं अपनी माँ को दिया गया वचन हर हाल में पूरा करेंगे । लेकिन अगर काम नहीं लेडी आना गौर लिया की हत्या करती तो पुलिस में उठाकर जेल में डाल देगी । फिर लेडी आना गोंजाल्वेस की सारी दौलत भी सरकार के पास चली जाएगी । सर सोचो रीता जिस दौलत का तो इस्तेमाल ही नहीं कर सकते कि उस दौलत को हासिल करने का क्या फायदा है? मैं उस दौलत का इस्तेमाल भी कर उनकी ट्रेटा सान्याल के स्वर में दृढता ही बढता थी । हरियाणा गोंजाल्वेस की वो दौलत सरकार के कब्जे में नहीं जाएगी । मगर कैसे सचिनदेव का पूरा कैसे होगा ये करिश्मा ध्यान से सुनो । मेरी बात वीजा सान्याल की आवाजे का एक बेहद सस्ता फल होते हैं । उन दोनों की हत्या में सरूर करूंगी लेकिन इतनी सफाई से करूँ कि जो कानून भी मेरे ऊपर शक न कर सके । इतना ही नहीं उन दोनों की हत्याएं भी इस घायल में होंगी जो कानून हत्याएं ही स्वागत नहीं कर पाएगा । कानून की नजरों में वो सिर्फ नोर्मल चैट के मामले होंगे । सचिन देवडा के होठों पर भास् पूर्ण बहुत और बेटा हर क्रिमिनल लॉयर करने से पहले ऐसे ही बातें सोचता है । सचिन डेवलॅप सोचता है कि उसमें मर्डर का जो प्लान बनाया है वो पांॅच और उसके पास एक प्लान पर काम करके वो आसानी से कानून के आंखों में धूल झोंक देगा । लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है । मैंने भी अपनी बीवी की हत्या करने के बाद ना आज के चेहरे पर प्लास्टिक सर्जरी करते समय यही सोचा था कि अब कानून को कभी पता नहीं चल सकेगा । मैंने हत्या की मगर हुआ क्या? मेरी इतनी फाॅगिंग के बावजूद सारा राज खुल गया था तो मैं एक बात बोल रहे हो सचिन रेटा सान्याल कोराई क्या बात वो तुम्हारा पहला कत्ल था कानूनको तब तो मैं इतना नहीं जानते थे । जब था आज जानते हो आज तो गुनाह के रास्ते से बहुत बार गुजर चुके हो और यही स्थिति आठ मेरी है कानून की क्या क्या कमजोरियां है उसमें? कहाँ कहाँ छह है वह सब आज की तारीख में मैं जानते हैं । सोचो सचिन जब तुमने नर्स के चेहरे पर अपनी बीवी के चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी की थी अगर तभी तो मुझे ना उसके साथ ही शहर भी छोड देते । तो क्या फिर कभी ये राज खुल पाता कि तुमने अपनी बीवी की हत्या की थी? लेकिन नहीं तुमने ये शहर नहीं छोडा । तुम यकीन के साथ इसी शहर में डटे रहे और यही एक बात तुम्हारी बर्बादी का कारण । उसी तरह शुरू में मैंने भी कुछ हत्याएं मूर्खतापूर्ण ढंग से की । लेकिन आज अगर मैं कोई हत्या करेंगे मेरी है कि वह फूलप्रूफ मॉडर होगा । भारतीय दंड संविधान की किसी भी धारा में नहीं होगी । सचिन बेवडा हैरानी से रीता सान्याल को देखता रह गया । रेडा सान्याल के चेहरे पर समय या तीन ही अकेला था लेकिन तो मैं एक और महत्वपूर्ण बाद नजर अंदाज कर रही हो रही था । सचिन देवरा काफी सोच विचारकर खोला कौन सी बात? मैं थोडी देर के लिए माल लेता हूँ कि चलो तुम लेडी आना गुलडागर और जूलिया का मर्डर किस ढंग से करने में कामयाब हो जाती हो, जो कानून हत्याओं के अभियोग में तो मैं नहीं कर सकते । कानून की नजर में तो स्वाभाविक मृत्यु हुई हूँ, मगर फिर भी तुम लेडी आना ॅ की दौलत का किस तरह इस्तेमाल कर सकती हूँ । क्योंकि पुलिस तो तब भी तुम्हारे बीच है पूरा हत्याओं के सामने ना सही । छह । दूसरी हत्याओं के इल्जाम में ही सही और हत्याओं की सजा एक ही फांसी, मौत उसके भीतर की मैंने सोच है क्या? पुलिस फाइल में मेरा जो पिछला रिकॉर्ड दर्ज है, मैं बुद्धिमानी से उस पूरे रिकॉर्ड कोई नष्ट करता हूँ । सचिन देव का बहुत छक्का रह गया । उसके दिमाग में बम फटा तो रिकॉर्ड को कैसे नष्ट करोगे तुम बस मेरे दिमाग का कमाल देखते जा सचिन रीता सान्याल ने दादा कितना है? वक्त के साथ साथ तो मैं अपने सवाल के जवाब मिलते चले जाएंगे । फिलहाल मेरा सबसे पहला निशाना जो लिया है मैंने उसे कस्तूरवा गांव हॉस्टल में जाकर अपना निशाना बनाना है । ध्यान ियाँ हत्याएं होकर रहेंगे बिल्कुल ट्विटर सानिया पुख्ता स्वर्ण में बोले, हत्याएं तो होंगी और खुले मैदान में होंगे । अलबत्ता को ये नहीं समझ पाएगा की ये हत्या हुई है । सचिन देवडा के चेहरे पर सनसनी के भाव भरा है । भयंकर भूकंप के आसार अनुभव कर रहा था । उसे लग रहा था कोई बडा तो सान आने वाला है ।
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