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muskurane ki wajha tum ho 2 in Hindi

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AuthorMixing Emotions
रनबीर, अदा को चाहता है और उसके लिए दुनिया छोड़ सकता है। उसके पास अच्‍छी नौकरी है, मोटी सैलरी है लेकिन उसकी इच्‍छा कुछ और करने की है। एक दिन काफी सोच-विचार के बाद, वह अपनी नौकरी को छोड़ पूरी तरह से लिखने के काम में जुट जाता है। वह जब इस क्षेत्र में संघर्ष कर रहा होता है, तो अदा उससे दूर होने लगती है। इन सारी उलझनों के बीच, पीहू शर्मा उसकी जिंदगी में आती है, जो उसकी अब तक की पहली प्रशंसक, और पूरी तरह से उसके प्यार में डूबी हुई लगती है। किसका प्‍यार सच्‍चा है अदा या पीहू का? सुनें पूरी कहानी।
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रणबीर अपने परिवार के साथ रहते हुए इंदौर में बडा हुआ था लेकिन कुछ साल पहले कैरियर की तलाश में वह मुंबई आ गया था । रणवीर हमेशा से एक उलझन में रहने वाला बच्चा था और विभिन्न कंपनियों के साथ दो चार नौकरियाँ करने के बाद जिन्होंने उसे बिल्कुल उत्साहित नहीं किया । उसने कई युवाओं की तरह अपने सपने का पीछा करने का फैसला कर दिया । जब एक प्रकाशक उसका उपन्यास छापने के लिए तैयार हो गया । वो एक मशहूर लेखक बनने के बारे में सोचने लगा जो फिल्मों के लिए कहानियाँ लिखता हूँ और इसकी कल्पना जीवन की संभावनाओं के रूप में भी करने लगा । जब पहली बार उसने अदा को बताया की वो उनके रिश्ते पर एक उपन्यास लिख रहा था तो उसे सुखद आश्चर्य हुआ और पहले कुछ सत्याय पडने के बाद वो भावुक हो गई । इस समय यदि उसे किसी चीज का इंतजार था तो वो हाथ में अपने उपन्यास के प्रति लेने का था । एक साल पहले उसने इसी तरह पार्टी दी थी जब उसने अपना उपन्यास पूरा करके एक प्रकाशक के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था जो उसी साल अक्टूबर में उसे प्रकाशित करने को लेकर उत्साहित था । रणबीर खेती के पास खडा हुआ । लक्ष्य को हाउस पार्टी के बाद अपने दोस्तों के साथ चाहता हुआ देख रहा था जो धनवीर की नई नौकरी के उपलक्ष्य में थी । वो अपने आप में मुस्कुराते हुए सोच रहा था कि उन सब ने कितना अच्छा समय बिताया था । उसे अक्सर लगता था की दुनिया में बहुत से लोग दिखावे का अच्छी बन जीते हैं और इस प्रक्रिया में खुद को खो देते हैं । उसे विश्वास था कि लक्ष्य उन लोगों में कभी शामिल नहीं होगा । ऑफिस में पहला महीना रणवीर के लिए बहुत व्यस्त था और वो आधा से बिल्कुल नहीं मिल पाया था । दोनों हर घंटे दो चार मिनट के लिए यही इधर उधर की बातें कर लेते थे और फिर अपने अपने काम में लग जाते थे । नौकरी लगने के बाद से कई बार ऐसा हुआ कि उसकी अदा से मिलने की इच्छा हुई लेकिन वो उस से नहीं मिल पाया । बहरहाल आज की शाम पहले ही पिछले कई शामों से ज्यादा यादगार बन चुकी थी इसलिए उसने उसे और भी बेहतर बनाने का फैसला कर लिया । एक बार फिर वो मुस्कुराया और चाप याद से में रखते हुए मुड गया । चांद की रोशनी में वह सीरिया उतर के और के बाद में कुछ योजनाएं बनाते हुए अपनी बाइक की ओर बढ गया । अब ये था एक सप्ताह हम रणवीर ने अपने आप से कहा उसने अपनी जैकेट पहनी और बाइक सडक पर दौडा नहीं । कुछ शनिवार की रात टाइम में अपने चेहरे को देखकर रणवीर अब भी विश्वास नहीं कर पा रहा था कि उसे एक बार फिर उसकी मुस्कुराहट वापस मिल गई थी । वह दस मिनट में अदा के फ्लैट के नीचे पहुंच गया और वहाँ से इसे कॉल किया । आॅफिस क्या कर रही हूँ? रणबीर मैं इस समय किसी सामान्य इंसान की तरह हो रही हूँ । क्यों क्या हुआ? अदा नहीं जबरदस्ती आंखे खोलने की कोशिश करते हुए पूछा क्या तुम अभी नीचे आ सकती हूँ? नीचे तुम्हारा मतलब तुम यहाँ मेरे अपार्टमेंट में हूँ? हाँ तो मैं कोई परेशानी है । रणवीर की आवाज में उत्साह था । हाँ है तो लेकिन फिर भी मैं ये जानने के लिए नीचे होंगे कि तुम्हारे दिमाग में चल क्या रहा है । मैंने तो मैं कितना में किया था । वो नीचे आई तो रणबीर नहीं उसे बाकू में भरकर उसका माँ खा चुके । वो अपने पहचानों में बेहद खूबसूरत लग रही थी । हाँ मैंने भी तो भी मिस किया लेकिन तो मैं तेरे से हुआ है । मुझे लगता है हमें अपने रोज के बोरिंग कामों से छुट्टी लेकर लोनावाला जाना चाहिए । उसने कहा, हम बस्ती करेंगे । रणवीर जानता था कि ये कोई बहुत शानदार योजना नहीं थी लेकिन उस समय वह इतना ही सोच पाया था बिल्कुल नहीं बताने का । मैं उत्तर तो नहीं होंगे । इतनी दूर सफर करने का कोई मतलब नहीं है और वैसे भी मैं बहुत थक चुकी हूँ । मुझे सुबह जल्दी उठकर पैकिंग करनी ऍफ बदल रही हूँ । अपने यहाँ ऐसा मत करूँ । वैसे भी हम ने काफी दिनों से साथ में ज्यादा समय नहीं बिताया है । मैं सच में आज तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ । मैं भी उस ने कहा लेकिन मुझे कभी और वहाँ जाने में ज्यादा खुशी होगी । उस ने अपनी असहमति जताते हुए अपनी नाक सीखूंगी । पलवल दोनों में से कोई नहीं बोला । बस रणवीर ने सिर्फ मिला था कुछ होना । अदा ने आग्रह किया । वह समझ रही थी कि रणबीर निराश हो गया है गुड नाइट । उसने उदास स्वर में कहा, अब ऐसा मासूम चेहरा मत बनाओ या तुम जानते हो । मुझ पर इसका जादू चल जाता है । उसने अपनी चाहे मोडकर उसके काल को चुना और बाइक पर उसके पीछे बैठ गए । चलो चलते हैं । रणबीर हसने लगा और बोला मुझे खुशी है तो मान गई फॅस मुझे मारना ही था । भाई लडकियों आई लव यू टू रणबीर नहीं नहीं का उसे बहुत खुशी महसूस हो रही थी । वो जानता था की ज्यादा में कुछ था । कुछ ऐसा जो बहुत ही दुर्लभ था । कुछ ऐसा जिसकी उसने पहले भी तलाश थी लेकिन उसे किसी और में नहीं मिला था । अधिकांश समय दुनिया भर की बातें करते रहे और उनका अच्छा हूँ वैसा ही बना रहा । खोपोली के जंगलों में रणवीर पाइप थीमी करके अपना मोबाइल निकाला । उसने फोन को वाइब्रेट होते हुए महसूस किया था और वो सोच रहा था कि इतनी रात को किसने फोन किया होगा । मोबाइल चेक करने के लिए ये जगह सही नहीं है । रणवीर मुझे डर लग रहा है । पता नहीं चारों ओर देखते हुए का उसे अंधेरे से डर लग रहा था । रणवीर को एहसास हुआ कि फोन तो बचा ही नहीं था और आगे कई किलोमीटर तक रोज भी नजर नहीं आ रही थी । ऐसी बात है तो मुझे यहाँ उससे रुकने में खुशी होगी । बाइक के लंबे सफर से ब्रेक लेते हुए दोनों साथ खडे रहे । बिना कुछ बोले और फिर रणवीर ने छोटा कदम आगे बढाया था । आपने नाइट सूट में थी उसके बाद मुझे और देखते हुए थे लेकिन फिर भी वो बहुत प्यारी लग रही थी । इस बार अदा चुम्बन की उम्मीद कर रही थी और वो चाहते थे कि रणवीर पहल कर रही । वो उसके इतने करीब खडे होने की खुशी से खुद को वंचित नहीं कर पा रही थी । रणबीर ने अपना सिर्फ हल्का सा झुकाया और उसके खूबसूरत फोटो को अपने होठों के पास ले आया । वह अदा की आंखों में हैरानी देख सकता हूँ । मस्सों में वो एक प्यार से अभी कुछ नहीं था लेकिन उसके बाद मैं बस एक दूसरे को देखते रहे हैं । ये सोचते हुए कि वो पल कितना था, रणवीर नहीं खुद को पीछे कर लिया और अपनी बाइक स्टार्ट करने के लिए मोड गया । अदा तौर थी हुई उसके पास आई तो उसका खून उबल रहा था । ठीक नहीं है, बिल्कुल ठीक नहीं है तो उसके मुंह के पास बताएँ । अब तो मैं अंधेरे से डर नहीं लग रहा है । रणवीर ने कह रही नजर से उसकी ओर देखा नहीं लग रहा है और क्या हूँ । अब तुम उससे पूछताछ करना बंद कर होगी । उसने कहा और रणवीर नहीं, धीरे से अपनी हो कीजिए । वो सहज रूप से उसके स्पष्ट का मतलब समझ गई थी । कुछ देर के बाद पे रोना हमला तक की यात्रा को जारी रखने के लिए चलते हैं । बोर्ड में तीन बजें लोनावाला के लाइन पॉइंट्स पर कुछ मजेदार खाना खाने के बाद उन्होंने वापसी यात्रा शुरू करती । लौटते समय दोनों में से कोई कुछ नहीं बोल रहा था क्योंकि वे अभी भी उस खूबसूरत पलों में हुए थे जो उन्होंने साझा किए थे और उनके हाथों में भी तो उन्होंने एक साथ बनाई थी । अप्रैल के पहले सप्ताह में गर्मी अपने पूरे शमा पर थी और तापमान चालीस डिग्री सेल्सियस पार कर चुका था । महीने के अंत तक गर्मी बर्दाश्त के बाहर हो गयी । मई की शुरुआत बेमौसम की ठंड के साथ एक ऐसी चीज है जो पिछले एक दशक में नहीं हुई थी । एक सप्ताह का गर्मी की एक बहुत लहराएंगे जिसने मुंबई के लोगों के लिए भी मौसम को असहनीय रूप से गर्म और मात्र बना दिया । पूरी गर्मियों के दौरान रणबीर और अदा का रिश्ता स्वस्थ्य बना रहा है क्योंकि दोनों ने एक साथ अच्छा समय बिताया । दिनचर्या में स्थिरता आ जाने के कारण अभी लंच साथ में करने की कोशिश करते थे । रणबीर का ऑफिस सुबह दस बजे शुरू होना था और शाम सात बजे खत्म होता था क्योंकि वो मार्केटिंग भी बहुत में था और विभिन्न लोगों के साथ मीटिंग करने के लिए ज्यादा समय बाहर रहता था । इसलिए जब भी संभव होता था मीटिंग हूँ और आधा के ऑफिस के बीच शटल करता रहता है । उन चार महीनों के दौरान रणबीर अदा को आप इस छोडने भी जाता था और वहाँ फिर लेने भी जाता था । वो खुद भी दी हुई समय सीमा से पहले अपना काम पूरा करने में व्यस्त था । इस बीच अदा एक नए फ्लैट में शिफ्ट हो गई थी और उसकी अपनी फॅमिली और नीचे हैं और विश विभाग से अच्छी दोस्ती हो गई थी । ऍम थी और विश विभाग जो अमेरिका से लौटी एकल महिला थी, एक स्टार्टअप कंपनी में मार्केटिंग प्रमुख थी । रणबीर ने भी अपना प्रोबेशन पीरियड खत्म कर लिया था और आपने कैरियर में आगे बढा रहा था । उसने अपने काम में आत्मविश्वास प्राप्त कर लिया था और कुछ ही महीनों में पदोन्नति प्राप्त करके टीम लीटर बन गया था । लेकिन सब कुछ इतना सुखद प्रतीत होते हुए भी रणवीर को अपने रिश्ते में कहीं पे जाने से महसूस हो रही थी जैसे वो पूरी तरह समझ नहीं पा रहा था । वो बच्चा नहीं उसे कभी कभी तरह देती थी और वो कुछ असहज हो जाता था लेकिन फिर को हमेशा की तरह अदा से पूछता है क्या उसे कोई चीज परेशान कर रही थी और वह जवाब देती है की उसे अपनी कल्पना का उपयोग अपने उपन्यासों में करना चाहिए, रिश्ते में नहीं । क्योंकि दोनों के बीच सबकुछ बिल्कुल ठीक था और वो उससे बहुत प्यार करती थी । गर्मी का मौसम खत्म होते होते कंपनी में उसकी जिम्मेदारी बढ गई जिसके कारण वो शनिवार की छुट्टी नहीं दे पाता था और कभी कभार उनकी योजनाओं पर पानी फिर जाता था । वो जो उन की एक शाम थी और रणबीर सोच में कुमार हुआ अदा की बालकनी में खडा था । वो हर प्रकार से आकर्षक लगने की पूरी कोशिश कर रहा था । उसने अपने जीवन में पहली बार टैक्स छोडो पहना था और वो बहुत तेज कर रहा और स्मार्ट लग रहा था । तुम्हें मेरे लिए ये सब करना बुरा तो नहीं लगता है ना । सच्चाई थी कि रणवीर तेईस वर्ष का था और एक मध्यमवर्गीय पृष्ठभूमि से आया था । उसका दिल निश्चित रूप से उन का था जब सिर्फ एक अवसर के लिए ब्लैकबेरी टैक्स फोटो खरीदने में उसके खाते से बीस हजार रुपये निकल गए थे । मैंने तुमसे कहा था ना कि तुम्हारे चेहरे पर ये खुबसूरत बस काम देखने के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ । उसने कहा और ज्यादा का माथा छोड दिया मैं दिल्ली ये बहुत बहुत पहले रखती है और तुम बहुत अच्छे लग रहे हैं । मुझे विश्वास है मम्मी पापा तो में पसंद करेंगे । पता नहीं कहाँ और उसे अपनी माँ की एक बात कहीं बात याद आ गई । एक मत के बारे में राय उसके कपडों से बनाओ, उसके मीठी बातों से नहीं क्योंकि उसमें तो वह पहले से ही अच्छे होते हैं । रणबीर को अदा की मुस्कुराहट अच्छी लग रही थी और आधा को रणवीर का उसे एक लंबे बाल तक लगातार देखते रहना उसने उसने रणबीर की हर बात अच्छी लग रही थी । कभी कभी वो खुद को उन दोनों के सपनों के घर का सपना देखते हुए भी पाती थी जो एक समुद्र तट पर स्थित होता है । उस लिए सोचना अच्छा लगता था कि वे आस पास के लोगों में सबसे अमीर होंगे और उनके पास दुनिया का हर ऐशोआराम होगा । उस भाषा कर सकती थी कि रनवीर भी इन्ही चीजों के बारे में सबसे देखता होगा । तुम परेशान लग रहे हो । अदा ने आॅल का प्रतिबिंब देख कर रहा बोस के कमरे में उसके पीछे खडा था । जब की वो अपने मेकप को अंतिम रूप दे रही थी । मैं परेशान हूँ । लेकिन ये तो सिर्फ मम्मी पापा के साथ एक ट्रेनर है, जिसमें परेशान होने की कौन सी बात है । हाथ में तो अलग रंगों की वो टाई पकडकर वो सोच रहा था कौन सी पहले और फिर उसने काली वाली का चुनाव किया । शायद तुम्हारे लिए नहीं होगी तो मुझे जानती हो आखिर वे तुम्हारे ऍम फॅमिली हूँ । दो साल पहले जब हमने उन्हें एयरपोर्ट से लिया था और ज्यादा बात भी देखी थी अगर उन पर मेरा अच्छा प्रभाव नहीं पढता हूँ, चिंता मत कर मैं खुद भी पिछले कुछ सालों में उनसे ज्यादा नहीं मिली हूँ । वो लोग वैसे भी अपने जीवन में बहुत व्यस्त हैं । पता नहीं उसके गले लगाते हुए कहा मुझे विश्वास है मैं तो मैं पसंद करेंगे लेकिन अगर मैंने उन पर पूरा प्रभाव डाला हूँ, उन्हें कोई फर्क नहीं पडेगा । वो मुझे अच्छी तरह जानते हैं । अंतिम निर्णय मेरा होगा उन का नहीं । ये सब मेरे लिए इतना तनाव पर नहीं होता हूँ । अगर तो मुझे उनसे मिलने पहले लेकर होती तो मैं अपने फॅमिली ले जाने में बहुत लंबा समय लगा दिया । मुझे दोष मैं तो दिसंबर में आए थे और उस समय तुम बिना शेप क्या चेहरा और लंबे बाल लेकर बेरोजगार बैठे थे तो मैं उस समय उनसे मिलाकर मैं अपने भविष्य के साथ जो कि नहीं ले सकती थी तो तुम कभी भी उस बात को लेकर शर्मिंदा हो गया । उसे भूल चुकी हो । बेकार की बात करुँ, मेरा विश्वास करो । मेरा इरादा पूरी तरह स्वार्थी था क्योंकि उनके सामने मैं तुम्हें हमेशा तो भारत सबसे अच्छे रूप में देखना चाहती हूँ । क्या मुझे हमेशा इस बात की चिंता करनी पडेगी और उन अनकहे नियमों और शर्तों पर चलना पडेगा जो तुमने मेरे लिए बनाए? ज्यादा नहीं । आप ही अच्छा ठीक है, ये पहली और आखिरी बार होगा । पिछले कुछ सालों में तुम्हारे बारे में बहुत सारी बातें करके मैं पहले ही उन्हें काफी प्रभावित कर चुकी हूँ और वो इतने ना समझ नहीं है कि उनका इस पर ध्यान नहीं गया हूँ । लेकिन मैं तो बता रही हूँ हम भविष्य में बहुत शानदार समय बिताने वाले तो बात बदल रही हुआ था । मैं जानती हूँ रनवीर लेकिन तुम समझ क्यों नहीं रहे हो? मैं तो बहुत प्यार करती हूँ और चाहती हूँ कि तुम सहज और आत्मविश्वासी महसूस करूँ । हमें पांच मिनट पर निकलना है । अगले कुछ पल दोनों में से कोई नहीं बोला तो मुझे बहुत अच्छी लग रही हुआ था । उसने मुस्कुराकर अदा की आंखों में देखा । मुझे खुशी है कि तुम मुस्कुरा रहे हो । इसके लिए थैंक्स और ये सब करने के लिए दे । घर के बाद हमारे पास दुनिया भर का समय होगा । खयाल अच्छा है । वो उसने कहा और एक मिनट बाद नीचे जाने के लिए लिफ्ट में थे । ये सोचते हुए कि सब कुछ ठीक होगा या नहीं । रणवीर ने रास्ते में रुककर राधा के मम्मी पापा के लिए खूबसूरत साबू के ले लिया । अदा ने संतुष्टि के साथ उसकी ओर देखा और वे लक्ष्य की वॉक्स वैगन पोलो में बैठ गए, जो रणवीर ने एक दिन के लिए उधार ली थी ।

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रनबीर, अदा को चाहता है और उसके लिए दुनिया छोड़ सकता है। उसके पास अच्‍छी नौकरी है, मोटी सैलरी है लेकिन उसकी इच्‍छा कुछ और करने की है। एक दिन काफी सोच-विचार के बाद, वह अपनी नौकरी को छोड़ पूरी तरह से लिखने के काम में जुट जाता है। वह जब इस क्षेत्र में संघर्ष कर रहा होता है, तो अदा उससे दूर होने लगती है। इन सारी उलझनों के बीच, पीहू शर्मा उसकी जिंदगी में आती है, जो उसकी अब तक की पहली प्रशंसक, और पूरी तरह से उसके प्यार में डूबी हुई लगती है। किसका प्‍यार सच्‍चा है अदा या पीहू का? सुनें पूरी कहानी।
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