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सुबह के नौ बज चुके थे । सब लोग जा चुके थे । मैं सोने का भरसक प्रयास कर रहा था । मेरे लडके आज के सबसे मुश्किल काम था । मेरी आंखें बंद हो गई थी । ऐसा नहीं था कि मैं जान बूझ कर ऐसा कर रहा था । मगर अब मेरी आंखें और खुली नहीं रह पा रही थी । पीडा और आघात के कई भयंकर घंटे को जाते के बाद और कई लोगों से मिलने के बाद आखिरकार मैं खेला था । पर मैं सच में अकेला नहीं था । मेरे साथ गौरी की आती थी । मेरे दिल में मेरे मन में मैंने अपना फोन अपने हाथ में पकडा । उसकी खूबसूरत मुस्कान अभी भी मेरे फोन का वॉलपेपर के रूप में उसकी शोभा बना रही है । मैं उसको रह था और अपने आस पास उसे घूमते लगा । आखिरकार मैं किताबों और उपहार के कागजों के बीच में बैठ गया । मेरा फोन बस एक बार बच्चे हैं, ऐसी कामना कर रहे हो । झल्लाहट और घबराहट में मुझे मेरे दिल की धडकन सुनाई दे रही थी । कहाँ चली गई? वो सारे खुश हैं जो वो अपने साथ लेकर आई थी । बोल है अपने साथ लेकर देखो कितना घायल करके वो मुझे मेरे तेल के खाओ, सापुतारा से भी कहते थे । इन सब सवालों के जवाब मैं अपने फोन से पूछ रहा था को बस एक बार मुझे अपने दिल की बात बता देती है । मैं वादा करता हूँ मैं उसे रोने का कोई मौका नहीं होगा । वापस आ क्यों? मेरी इच्छा क्योंकि मैं तुम्हारे बगैर सास भी नहीं ले पा रहा हूँ । अच्छा हॅूं मेरे लिए सब कुछ ऐसा ही था जैसे कि आंख बंद करने पर कभी आपको छोटे छोटे कण आपके मस्तिष्क में घूमते नजर आती हूँ । मानो ये करण आपको चोट पहुंचाने के अरबों की संख्या में आपके दिमाग में चक्कर काटते रहते हैं । मैं समझ गया था किस अपने दिल और दिमाग में गौरी के बारे में सोचने से बात नहीं बनेगी । उस बस में मेरे पास आना होगा तो लडकी आपकी जिंदगी में एक विशेष स्थान रखती हूँ । उसके अचानक गायब हो जाने से पूरा क्या होगा? थोडी देर पहले पुलिस वालों के साथ हुई बातचीत के बारे में सोचने पर तो यही लगता है कि उसका अपहरण हो गया था । हालांकि मुझे पिछले कुछ दिनों की गतिविधियों और उसके विसंगतियों पर ध्यान देने की जरूरत थी । फिलहाल मेरा दिमाग काम नहीं करता था । मेरे गालों पर आंसू उन की धारा बह रही थी? नहीं, मैंने उसे इतना परेशान को नहीं कर दिया कि वो खुद ही मुझसे दूर चली गई हूँ । मुझे ऐसा कुछ याद नहीं आ रहा था । मगर मुझे इस पर और ध्यान से सोचने की जरूरत थी । हर विचार में असम की संभावनाएं थी । किसी भी चीज से उनका नहीं किया जा सकता था । मैंने अपना चेहरा पूछने के लिए अपना हाथ उठाया । अचानक मेरे मन में ये ख्याल आया कि काश गौर इस वक्त मेरी बगल में बैठकर मुझे शांत कर रही होती । उसके जाने के बाद उसका एहसास मेरे लगे और वितरण हो रहा था । अब जब वो मेरे पास नहीं थी तब मुझे उस की कमी खल रही थी । वो मेरे बारे में सब कुछ जानती थी । वो पूरा घर संभाल कर रखती थी । सब सही पडता । मैं उसे प्यार करने लगा था । मैं वाकई उसे अपने दिल के बेहद करें महसूस करने लगा था । वो मेरे मन पर हाफिज हो चुकी थी । मैं जितना ज्यादा उसके बारे में सोच रहा था, उतना ही ज्यादा उसे होता जा रहा था । मुझे खुद में पूरा लग रहा था । मैं कमजोर होता जा रहा था । जबकि इस वक्त मुझे मजबूर होना चाहिए था और कुछ करना चाहिए । था । मैं अपने अलावा किसी और के प्रति जवाबदेह नहीं था । मुझे याद है कैसे जब एक बार मैं बहुत दुखी था तो मेरे पास आई थी जब आपने पिछले विच्छेद के दर्द से कराह रहा था । ये वो वक्त था जब मैं हार या के बारे में सोचकर रोता और टूटता रहता था । जब मैंने ये मान लिया था कि सब कुछ खत्म हो चुका है । मैं अकेले पन के खयाल से ही काम होता था । उस दिन गौरी ने मेरा हाथ थामा था । उसने मुझे अपने पास बिठाया । मैं सोफे पर बैठा हुआ था । उसने जो भी किया दो अनमोल था । उस वक्त मुझे उसका मूल्य समझ नहीं आया था । मुझे वो सब बेहद सामान्य लगा । मुझे लगा कि मेरी साथ ही होने के नाते मुझे बेहतर महसूस कराना उसका काम था । मगर मैं गलत था । उसके पास चुनने के लिए विकल्प थे । वो केवल दूर से ही मुझसे बात कर सकती थी पर मुझे बच्चों की तरफ बताऊ करने के लिए बना कर सकते थे । वो मुझे मुझसे ज्यादा जानती थी । वो भी बिलकुल मेरी माँ की तरह ही संवेदनशील थी । उसका चेहरा बार बार मेरे दिमाग में खून कहा था । उसके मुस्कान मुझे वास्तविकता का एहसास करा रही थी और चिढा रही थी कि अब मेरे पास नहीं थी । उसका अंतर्विषयक आकर्षण, उसका सुभाषित, संतुलन, उसके स्वर्ग से खूबसूरती ये सब मिलकर उसे ऐसी लडकी बनाते थे । अच्छे से मुझसे बेहतर लडका मिलना चाहिए था । किसी भी दिन मैंने अपनी आँखे खोल कर दीवाल घडी की ओर देखा जो बारह बजे का अलार्म बजा रहे हैं । पर सुबह के नौ बज चुके थे । सब लोग जा चुके थे । मैं सोने का भरसक प्रयास कर रहा था । मेरे लिए आज ये सबसे मुश्किल हो ना मेरी आँखे बंद हो गई थी । ऐसा नहीं था कि मैं जान बूझ कर ऐसा कर रहा था मगर अब मैं दिया थे और खुली नहीं रह पा रही थी । पीडा और आघात के कारण कई भयंकर घंटे को साथ ले के बाद और कई लोगों से मिलने के बाद आखिरकार मैं खेला था । पर मैं सच में अकेला था । मेरे साथ गौरी की आती थी । मेरे दिल में मेरे बंद में मैंने अपना फोन अपने हाथ में पकडा । उसके खूबसूरत मुस्कान अभी भी मेरे फोन के वॉलपेपर के रूप में उस की शोभा बढा रही थी । मैं पूरा उठा और अपने आस पास उसे ढूंढने लगा । आखिरकार मैं किताबों और उपहारों के कागजों के बीच में बैठ गया । मेरा फोन बस एक बार बच्चे थे । मैं ऐसी कामना कर रहा । झल्लाहट और घबराहट में मुझे मेरे दिल की धडकन सुनाई दे रही थी । कहाँ चली करुँगी तो वो अपने साथ लेकर आई थी । वो भी अपने साथ ही नहीं देखो कितना घायल कर गयी वो मुझे मेरे दिल के खाओ उस समुद्र से भी कह रहे थे इन सब सवालों के जवाब मैं अपने फोन से पूछ रहा था कहाँ है को? बस एक बार मुझे अपने दिल की बात बता दे । मैं वादा करता हूँ मैं उसे रोने का कोई मौका नहीं होगा । वापस आज हो मेरी इच्छा क्योंकि मैं तुम्हारे बगल फ्रांस भी नहीं ले पा रहा हूँ । मेरी था मेरे लिए सब कुछ ऐसा ही था जैसे की आंखे बंद करने पर कभी आपको छोटे छोटे करना, आपके मस्तिष्क अरे खून देना, सराहते मालूम करना । आपको चोट पहुंचाने के लिए अरबों की संख्या में आपके के बाद चक्कर काटते रहते हैं । मैं समझ गया था कि सिर्फ अपने दिल और दिमाग पे गौरी के बारे में सोचते से बात नहीं पता है । उसे सच में मेरे पास आना होगा । जो लडकी आपकी जिंदगी में एक विशेष स्थान रखती हूँ, उसके अचानक गायब हो जाने से पूरा होगा । थोडी देर पहले पुलिस वालों के साथ हुई बातचीत के बारे में सोचने पर को यही लगता है तो उसका हो गया था । हालांकि मुझे पिछले कुछ दिनों की गतिविधियों और उसकी विसंगतियों पर ध्यान देने की भी सब थे । फिलहाल मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था । मेरे गालों पर आपको की धारा बढ रही है । कहीं मैंने उसे इतना परेशान तो नहीं कर दिया था कि वो खुद ही मुझसे तो चली गई हूँ । मुझे ऐसा कुछ याद नहीं आ रहा था । मगर मुझे इस पर और ध्यान से सोचने की जरूरत थी । हर विचार में असम की संभावनाएं थी । किसी भी चीज से इनकार नहीं किया जा सकता था । जब मैंने अब तक चेहरा पहुंचने के लिए अपना हाथ उठाया । अचानक मेरे मन में एक खयाल आया । विकाश गौरी इस वक्त मेरी बगल में बैठकर मुझे शाम कर रही है । उसके जाने के बाद उसका एहसास मेरे दिल के और मित्र हो गया था । अब जब मेरे पास नहीं थी तब मुझे उस की कमी खल रही थी । वो मेरे बारे में सबको चाहती थी । वो पूरा घर संभाल कर रही थी, सबसे पडेगा । मैं उससे प्यार करने लगा था । मैं वाकई उसे अपने दिल के बेहद करीब महसूस करने लगा था तो मेरे पर हाफिज हो चुकी थी । मैं इतना ज्यादा उसके बारे में सोच रहा था । उतना ही ज्यादा उसे खोता जा रहा था । मुझे बहुत में पूरा हो रहा था । मैं कमजोर होता जा रहा था जबकि इस वक्त मुझे मजबूत होना चाहिए था और कुछ करना चाहिए था । मैं अपने अलावा किसी और के प्रति जवाबदेह नहीं था । मुझे आप है कैसे? जब एक बार मैं बहुत दुखी था तब मेरे पास आई थी जब मैं अपने पिछले विच्छेद के तत्व में कर आ रहा था । ये वो वक्त था जब मैं आगे के बारे में सोचकर रोता और कोर्ट का रहता था । जब मैंने ये मान लिया था कि सब कुछ खत्म हो चुका है, ऍम के खयाल से ही काम होता था । उसके गौर ही नहीं मेरा खाना खाता था । उसने मुझे अपने पास बिठाया । मैं सूखी पर बैठा हुआ था । उसने जो भी किया वो भूल था । उस वक्त मुझे उसका मूल्य समझ नहीं आया था । कुछ वो सब बेहद सामान्य । मुझे लगा कि मेरे साथ ही होने के नाते मुझे बेहतर महसूस कर रहा था । उसका काम था । मगर मैं अलग था । उसके पास चलने के लिए बहुत निकल पाते । वो केवल दूर से भी मुझसे बात कर सकती थी और मुझे बच्चों की तरह बर्ताव करने के लिए मना कर सकती थी । वो मुझे मुझसे ज्यादा चाहती थी, वो भी बिलकुल मेरी बात की ही तरह संवेदनशील थी । उसका चेहरा । बाहर बार मेरे दिमाग में खून कहा था । उसकी मुस्कान मुझे वास्तविकता का एहसास करा रही थी और चिढा रही थी कि वह मेरे पास नहीं थी । उसका अंतर, वर्ष का आकर्षण, उसका सुभाषित, संतुलन, उसके स्वर्ग से खूबसूरती । इस सब मिलकर उसे एक ऐसी लडकी बनाते थे जिससे मुझसे बेहतर लडका मिलना चाहिए । किसी भी थे मैंने अपनी आंखें खोलकर तिवाल घंटे की होती है जो बारह बजे का अलार्म बजा रही थी । अब नहाने का समय हो चला था । अब भूतकाल की आगे की यात्रा गर्म पानी के टब करने का समय हो चला था । मैं उस से राय ले के सामने खडा रहा । मेरा चेहरा बुरी तरह सोच गया था । मारो मैं आशा करता था मेरी आंखें नजर नहीं आ रही थी । मेरा लाला छुट्टियों से भर गया था । मैं वहाँ पर खडा था । मैंने लास्ट दिन से कुल्ला क्या कुछ पर बढाया और तब में घुस गया जो भाप से भरा हुआ था । किसी अन्य सामान्य दिन में मैंने उसमें थोडा ठंडा पानी मिलाया हूँ और उसे कुछ होना बनाया होता । मैंने उसे वैसे ही छोड दिया । मगर फिर भी मुझे उसका ताप या कोई जलन महसूस नहीं हो रही थी । मुझे तो बस अपनी छाती में हो रहे तक का एहसास हो रहा था । वो मुझे अंदर ही अंदर भी तो रहा था । मेरे आंसू तो पानी में खुल गए मगर मेरा घर बच्चे हैं । मुझे मालूम था कि वो इतनी चलती दूर होने वाला नहीं है । मैं वही ले गया और वापस उसी अवस्था में पहुंच गया जैसा कि दिन की शुभमान सब अचानक पूछे लगा । मैक्सिन डाली में पहला सब कुछ बालों बारिश में आपकी भाग्य गायब हो रहा था । फॅमिली फॅमिली कोई शांति नहीं थी । मेरे शरीर को मुझ से अलग होकर भी शांति नहीं आई । दे । मैं खुद को देखकर पहले सोचा कि मैं था कमजोर था । पीला हो गया हूँ टेस्ट कल्पना ठीक है की वजह से मालूम है । अचानक पडा हो गया हूँ । हमारे किस्मत ताकत दे रही थी । मेरा दिमाग बंद होना चाह रहा था । मैं किसी से बात करना चाहता था । मैं चल लाना चाह रहा था, उसे तो भारी चिंता हो रही है तो उससे प्रेम हो रहा है । गौरी मेरी चान फिर एक बार मेरा हाथ खराब लोग फिर आकर मुझे संभाल लो । में विशान मुझे तुम्हारी इतनी कमी इतनी जरूरत है । छुट्टी पहले कभी नहीं हुई । वहाँ पर साझा की । अब मैं तुम्हें कभी कहीं नहीं जाने दूंगा । मुझे अपने विचार प्रक्रिया फिर से शुरू करनी पडेगी । उस गर्म पानी नहीं । मुझे थोडी राहत थी और मैं एक बार फिर खुद को समेटने मिल छुट गया । मैं बडे आराम से बाहर निकला और धीरे धीरे अपने कमरे की तरफ बढ गया । वहाँ से मैं अपने देकर में बाहर निकला हूँ और सोफे पर बैठकर दरवाजे की घंटी बजी । मुझे कुछ समझ आता उसके पहले वो घंटी कई बार पहुँच गई । मैं दरवाजा खोलने के लिए दौडा नहीं । मैं बहुत ही धीरे धीरे उसकी ओर बढा । मानव किसी ने मुझे चीज दिया । मैंने दरवाजा खोला और वापस मुडकर अपनी जगह पर बैठ गया । कुछ ये जानने में कोई दिलचस्पी नहीं देगी । दरवाजे पर कौन है देवी आखिर ये क्या हो रहा है? मैं चुप चाप बैठा रहा और ऍम मुझे खोल रहा था । मैं बिलकुल हो चुका था और सांस अंदर बाहर करने की कोशिश कर रहा था । नील मैं तुम्हारे लिए खाना लाया । हम मिलकर सब ठीक कर लेंगे । आप तो इसमें अकेले नहीं होगा । मैंने अपने जीवन में सिर्फ लोगों को खोया था । मेरा ख्याल करने वाला या बेदी चिंता करने वाला हर व्यक्ति एक एक कर उसको छोड कर जा रहा था । इसलिए मुझे समझ नहीं आया तो उनसे मैं क्या करूँ । तो मेरा सबसे अच्छा दोस्त था । मगर इस वक्त मैं बहुत कमजोर था और कोई भी मेरा फायदा उठा सकता था । उसमें और भी कुछ का हम उससे जो मैं सुन नहीं पाया । इस वक्त चिंता और देखभाल की जरूरत गौरी को उससे ज्यादा नहीं । मैं किसी और चीज के लिए अपराध पोत नहीं कर सकता था । तुमने मुझे अच्छा छोरा और मुझे को झटका महसूस हुआ । अगले ही पल उसने मुझे कसकर गले से लगा लिया । वो फूटकर रोकते जाता हूँ । मैं उसके कंधे पर सर रखकर रो रहा था । मैं बस रोज ही जा रहा था । मुझे सांत्वना देने के लिए वो बैठे शरीर पर अपना साथ भेजा था । आप कोई भी एक्शन अकेले नहीं जीत सकते । मेरे मित्र को गले लगाने से मेरा बन हल्का लगने लगा था । अब मैं पहले से बेहतर महसूस कर रहा था । मैं तुमसे एक बार फिर कहता हूँ तब खुद को अकेला मत समझो । हमने अपने अंदर जो भावनाएं तबाह कर रखी हुई थी, चाय तुम्हें उसे बाहर निकालने के ही सर प्रति हूँ । बैठे भाई कभी मुझे छोडकर बच्चा ना मैं तुम्हें इस हाल में नहीं देख सकता । तुम तो हमारे कॉलेज में सबके चान्हो अगर तुम अपने आप को मजबूत नहीं रखोगे तो बाकी बच्चों का क्या होगा? पुरच्छिंद थोडी कर सकते हैं । हाँ बिल्कुल, अब तुम खाना खाओ और सो जाओ और कंधे बहुत को सब कुछ पता है । अरे वो सब छोडो मैं सामने से मिला था और पहले उसको इस मामले की पूरी पडताल करने को कहा है ताकि हम गौरी को जल्दी से जल्दी हो सके । हाँ वो बडा ही अचीव परताप कर रही थी । मैं मानता हूँ कि वो अपने साथ ही के साथ ही मगर फिर भी मुझे मालूम है तो बचपन में आंटी की गोद में ही रहती थी और तुम दोनों एक दूसरे को बचपन से जानते हैं । आशा करता हूँ वो कुछ मदद करेंगे । मैं तो बस इतना ही चाहता हूँ जरूर करेगी । उसने मुझे बताया कि वह तो हमारे लिए बहुत परेशान है । पुणे में इस तरह की घटना एक बडी खबर है । दिल्ली में तो ये आम बात है और इस पर कोई ध्यान नहीं देता था । मगर यहाँ उसे बहुत चलती ही मीडिया और राजनैतिक दबाव महसूस होने लगेगा । तहसील के बेहतर होगा की अब तुम थोडा आराम कर लो । इसके पहले की पुलिस फिर से दरवाजे पर दस्तक उसके पहले हम उनसे जाकर मिलने हा भाई जरूर मुझे उस की बहुत याद आ रही है । मुझे तो ये सब तब से पता था जब से वो तुम्हारे साथ रहने आई थी । मैंने उसके अंदर वह बात देखी थी । बस तो भी मानने से इंकार कर रहे थे । मैं कोई भी करो पर नहीं चाहता था । बस से ही बात थी वरना वरना तो मैं तो हम ने मुझे खाना परोस कर दिया और फिर मेरा कमरा भी उसी ने साफ किया साले तेरे कमरे में कितनी तस्वीरें जिसमें तुम और गौरी एक साथ हूँ । मैंने तो आज के पहले ये कभी देखी नहीं थी । जाहिर है जब घर लौट हो, मैंने भी यही देखा । हम कहना क्या चाहते हो हम दोनों ने ये सब मिलकर नहीं किया । मैं उन तस्वीरों के बारे में सोचते लगा । इसके पहले कभी मैंने इस बात पर ऐसा नहीं सोचा उस दिन जब हम कॉलेज गए थे तब ये तस्वीरें वहाँ नहीं थी । इसका मतलब गौरी उसके कॉलेज से घर वापस आती थी और उसने कमरा ठीक किया था । ये तो अजीब था । डेविड मैं तो मैं बता रहा हूँ । किसी ने उसका अपहरण कर लिया है । हमें पुलिस को खबर करनी चाहिए । ये बहुत जरूरी है । थोडी देर चुप चाहूँ मुझे थोडा आराम कर लेने दो । हम इसके बारे में फिर बात करेंगे । हमें खुद भी कुछ सुराग होनी चाहिए । खाना खाने के बाद मैं लेट गया और कौन को अपनी अधिकता की परेशानी के बारे में बताया । मैं बिलकुल भी सोना नहीं चाह रहा था । मैंने इन को खुद से तो रख रहा था तो मुझे सुनकर आश्चर्यचकित हुआ और खुश वो जानता था कि मौका मिलने पर मैं खडे खडे हो सकता था तो बदल गया है भाई मुझे ऐसा नहीं लगता । मुझे लगता है कि इस वक्त मैं इतना परेशान हूँ कि सोने के बारे में सोच भी नहीं सकता । अच्छा और पिछली बार जब अंकल ने तुमसे कहा था की बोर्ड परीक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं तब तो तुम बिना अपनी पढाई को दोहरा इस हो गए थे । हासिल नहीं तो मैं अभी तक वो प्रकरण याद है । हमारी बातचीत बाहर वाले कमरे में चलती रही । टॉम अपने फोन के संपर्क सूची को देखता रहा । जब की मैं पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम को याद करने की कोशिश कर रहा था । अचानक तो हम ने मुझसे पूछा क्या तुमने आर्या को इसके बारे में बताया है? मुझे समझ नहीं आया कि डॉन अचानक आर्या के बारे में पूछ रहा है । वो तो शुरुआत से ही उसे ना पसंद करता था । उसे लगता था कि आर्या में इस धरती के लिए कुछ ज्यादा ही तडक भडक थी । उसमें ये विषय तो छेड दिया था? नहीं, मैंने उसे कुछ भी नहीं बताया है । मुझे इसके लिए समय नहीं मिल पाता हूँ तो मुझे लगता है हमें उस से बात करनी चाहिए । अगर ऐसा है तो हमें उन विद्यार्थियों से बात करनी चाहिए जो हम दोनों के दोस्त थे । हम दोनों को इस बात पर बेहद आश्चर्य हुआ कि कुछ लोगों को छोडकर हमारे विद्यालय के बहुत ही कम दोस्तों नहीं सुबह से फोन किया था । मगर उन्हें कोई भी शिक्षक क्या गौरी का साथ पार्टी नहीं था? गौरी के दो दोस्त थे । एक उसके सबसे अच्छी दोस्ती है । उसके बारे में कोई भी नहीं जानता । था । ऐसा हमारा मानना था । ये एक और विचित्र बात थी । पुलिस तो अपना काम करेगी । उच्च पद पर आसीन लोगों को इस प्रकरण की जानकारी मिल चुकी थी । मगर शायद ये जानकारी अभी निचले स्तर तक नहीं पहुंचे थे । आज कॉलेज बंद था और छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थी भी बाहर घूम रहे हूँ । इसीलिए पता नहीं पुलिस की कार्रवाई कैसे आगे बढेगी । हम अपने ही विचारों से दावा पेश कर रहे थे । इससे पहले की हम बाहर जाने के बारे में कुछ सोचते । आर्या ने मुझे फोन कर दिया तो हमने ये देखा और मुझे ऐसे भाव से देखा जिसका कोई आधार नहीं था । मैंने फोन उठाया । आर्या भी परेशान लग रही थी । मैंने उससे पूछा कि उसे इसके बारे में कैसे पता चला । उसने मुझे बताया कि ये तो बडी खबर बन चुकी है । सभी लोग इसके बारे में बात कर रहे हैं । मैंने उसे ठीक ठीक बताने को कहा । पहले तो वह कुछ फॅमिली फिर उसने मुझे बताया कि की खबर दिन के अखबार में भी आ चुकी है । उसने ये भी बताया कि शायद समाचार चैनलों पर भी ये खबर चल चुकी है । आर्या से अलग होने और गौरी के साथ रहने के बाद से उसमें काफी परिवर्तन आ चुका था । अब वो ज्यादा संयमित, शाम और परवाह करने वाली हो गई थी । अब वो वो आर्या नहीं थी जिसे मैं जानता था । मैंने उससे इसके बारे में पूछा भी था तो वो अक्सर उससे कहती कि वह मुझे अपना एक अच्छा तो उसका मानती थी और चुकी हम महान प्रेमी नहीं हो सकते थे । इसीलिए हम अच्छे दोस्त बन सकते थे । तो उनको ये जानकर बहुत हैरानी हुई । उसने मुझे चाहता हूँ तुमने कभी मुझे ये नहीं बताया । तुम और आर्या अभी भी एक दूसरे के संपर्क में हूँ । हाई इसमें बताने वाली कोई बात नहीं थी । कोई खास बात नहीं है । अच्छा और मैं सोचता था कि जब तू अपने जीवन में किसी दोस्ती को बढाएगा क्या घटाएगा तो सबसे पहले इसकी जानकारी मुझे हूँ । मगर इस मामले में तो तुमने मुझे अनदेखा कर दिया । तो हम तेजी मत ये बहुत हाल की घटना है हूँ । पिछले दो तीन महीनों में तुम्हारी जिंदगी काफी बदल गई है । काम का इशारा बेटे और आर्या के अल्पायु संबंध, उसका बिक शाहिद और फिर गौरी के साथ मेरे संबंध होता था तो हम वहीं नहीं रुका । वो लगातार मुझे आश्चर्यचकित और होकर होता रहा । उसका चेहरा देखकर लग रहा था बारह उसमें कोई भूत देखी होगी और उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो भूत मुझे क्यों नहीं दिख रहा था । मैंने उसे फिर समझाया और स्पष्टीकरण भेजती है । इतना तो मुझे करना था । दोस्तों को स्पष्टीकरण तो देना ही पडता है । सवाल उठने पर वे छुप तो नहीं रह सकते हैं । मेरे काफी देर तक पूरे आत्मविश्वास के साथ पास करने के बाद वो मना । वो पल ठहर गया क्योंकि आर्या ने दोबारा फोन करते हैं । वो मुझ से मिलने के लिए मेरे घर आना चाहती थी । ऐसा लग रहा था । मालूम वह बहुत चिंतित थी । उसकी आवाज से घबराहट गलत नहीं थी । ऍम की ओर देखा और उसकी सुन रही थी जान नहीं चाहिए । उसने हमें अपना सेट दिलाया और बस सब तय हो गया । हाँ, घर की छानबीन में लगा रहा । वो सुनने के अंदाज में था । उसे मालूम था कि मैं कुछ आगे भी समझने या सोचने के लिए बहुत थक चुका हूँ । इसीलिए उसने फैसला किया कि वो कुछ भी ढूंढेगा जिससे कुछ मदद मिल सके । कुछ भी उसने कुछ ऐसा ढूंढा जिसने हमें परेशानी में डाल दिया । वो बाहर या के नाम की जिम के प्रस्थान की दस सीट थी तो प्रेस भी ऊपर रखी हुई थी और मुझे लगता था कि यदि कभी मैंने खजाना खोलने वाला खेल जीतने के लिए खेला होता तो वो मुझे बहुत पहले ही मिल चुका होता है । देखो अभी हम ये बात किसी और को नहीं बताएंगे । हाँ, मगर गौरी और आ गया जिम में । साथ ही कंपनी ऐसा भी तो हो सकता है कि वे हमेशा से जिम में साथ रही हूँ । ऐसा नहीं हो सकता । गौरी ने मुझे इसके बारे में बताया होता, मगर उसने नहीं बताया । शायद वो बताना चाहती हूँ, मगर उसके पहले ही किसी ने उसका अपहरण कर लिया । तो अभी क्या सकता है और क्या होगा? सोचो आर्या से अलग होने के बाद मैं और बहुत एक दूसरे से मिल लेंगे । फिर या मेरी पूर्व प्रेमिका से? मेरी तो उसको बंद है और अब ऍम तो इसका मतलब एक तरह से तुम्हारे जिन्दगी बिल्कुल सही चल रही थी । कोई परेशानी नहीं थी । सब कुछ सामान्य था । ये दुनिया तुम्हारे रहने के लिए सर्वश्रेष्ठ बन गई थी । हाँ थे अपनी आंखें मसलते हुए मैंने जवाब दिया क्योंकि अब मैं बहुत थक चुका था तो फिर हमें ये मान लेना चाहिए कि कुछ तो गडबड है । कोई तो है । इस पूरे प्रकरण के पीछे हम किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर सकते हैं । मगर इस वक्त सबसे पहले तो मैं सोने की जरूरत है ।
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