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जिनी पुलिस भाग 3 in Hindi

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AuthorArpit Agrawal
लोहित बंसल, एक टेकी है, जो अमेरिका में अपनी कंपनी का हेडक्वाटर खोलकर, दुनिया के अमीर लोगों में शुमार होना चाहता है। तृषा दत्ता बेहतरीन स्कूल टीचर है, जो इंडिया में ही रहकर स्टूडेंट्स को क़ाबिल बनाना चाहती है। दोनों में प्यार हो जाता है, लेकिन उनकी शादी से ठीक पहले वो होता है जिसके लिए दिल्ली बदनाम है। सुनिए, कुकुफम पे आपकी सबसे पसंदिता किताब "है दिल का क्या कसूर" के लेखक अर्पित अग्रवाल की नई ऑडियोबुक “जिनी पुलिस”। ये जानने के लिए की कैसे एक खुशमिजाज लड़का अपनी मिलियन डॉलर कंपनी को दांव पे लगा कर बनता है एक हीरो, और एक विलियन, इस सिस्टम से लड़ने के लिए, और अपराध को जड़ से ख़त्म करने के लिए।
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तीसरा भाग दी रात हो गई थी । लोहित मदहोश था लेकिन वो सोना नहीं चाहता था । वो तृषा को याद करना बंद नहीं करना चाहता था कि शायद वो सो रहा था और उसके बारे में सपने में सोच रहा था । जब प्यार में जिंदगी सपनों से भी बेहतर लगने लगती है तो सो जाना कठिन होता है । अगली सुबह जो लोहित, जग और कमरे से बाहर निकला तो उसने देखा कि घर में मातम जैसा माहौल था । लोहित की माँ लिविंग रूम में रखे सोफे पर बैठे हो रही थी । पिताजी वह को शांत करने की कोशिश कर रहे थे । तुमने इससे भी बुरे हालत देखे हैं । निराश मत हो, सब अच्छा होगा । भगवान हमारी मदद के लिए किसी ने किसी को जरूर भेजेंगे । माँ का हो लिया और रोना देखकर सारे बुरे गया । लोहित के जहन में आए जैसे उसके दादा जी की मृत्यु या उनके घर में चोरी आदि । लोहित हर बढाते हुए पूछा क्या हुआ? हाँ सब ठीक तो है ना । जिस पर पापा ने कहा वहाँ बेटा सब ठीके तुम्हारी माँ तो योगी हो रही है तो तुम जाओ सो जाओ । यूँ ही रो रही है । सं । कर्मा और जोर से रोने लगी । नहीं पापा! मैं ऐसे नहीं हो सकता । माँ बताओ मुझे क्या? अब दोनों के बीच में झगडा हुआ है बेटा ये तो तो अपने पापा से पूछ ले । हाँ, इस तरह बातों को घुमाना बंद करो और मुझे साफ साफ बताओ कि क्या हुआ है । तो थोडे विराम के बाद सिक्स क्या लेती माने हिम्मत जुटाते हुए कहा । कल हमारी नौकरानी मीना बाई सुबह अपने सामान्य समय पर आई । उसने झाडू, पोछा, बर्तन सारे काम किए लेकिन आज वो काम पर आई ही नहीं और जब मैंने उसके मोबाइल पर कॉल किया तो उसने कहा कि अब वहाँ काम नहीं करेगी । उसे उसके घर के पास कहीं और काम मिल गया है । वो कहती है कि हमारा घर उसके घर से बहुत दूर है । ये सुनकर लोहित झल्लाते हुए बोला, माँ क्या तिलका टाडू राई का पहाड बना रही हूँ । सिर्फ एक नौकरानी की वजह से तुम इतनी बुरी तरह से हो रही हो । पापा ने चुटकी लेते हुए कहा मैंने तो पहले कहा था कि तो सोचा बेटा तेरी मा यो ही हो रही है । मान भी बरतते हुए कहा तो ये अंदाजा भी है कि एक नौकरानी ढूंढना कितना मुश्किल काम है । इंजीनियर तो गली गली में मिल जाते हैं । नौकरानी नहीं मिलती ही लोह इतने आहत महसूस किया । चार साल तक दिन रात पढाई करके दुनिया की सबसे प्रसिद्ध डिग्री हासिल की । ऑफिस में काम कर करके कोलू का बैल हो गया । मतलब माँ के लिए कोई जरूरी है तो सिर्फ नौकरानी । लोहित ने कहा मीना बारी ऐसे अचानक काम कैसे छोड सकती है? दो महीने का नोटिस देना पडता है । काम छोडने से पहले ये नोटिस देने की मजबूरी तो इंजीनियर लोगों की होती है । बेटा बारी तो जब चाहे काम छोड सकती है । थोडा सोचने के बाद माने सुझाव देते हुए कहा अगर मेरा भाई को हमारा घर दूर पडता है तो क्यों ना हम उसकी बस्ती के पास एक नया घर ले ले । माँ की आंखें अपेक्षा से चमक उठे । इस अजीबो गरीब सुझाव को संकर लोहित और उसके पापा दंग रह गए । लोहित ने माँ को चलाने के लिए कहा । हम ऐसा भी कर सकते हैं कि हम अपनी सोसाइटी में मेरा भाई के लिए एक फ्लैट खरीद लें । माने लोहित के कटाक्ष को न समझते हुए बडी उम्मीद से कहा क्या हम वाकई में ऐसा कर सकते हैं? नहीं माँ ये नामुमकिन है वाला नौकरानी के लिए घर कौन खरीदता है? आपको जल्दी कोई दूसरी भाई मिल जाएगी और जब तक नहीं मिलती है मैं और पापा घर के काम में आपकी मदद करेंगे । अब खुश माँ ने झुंझलाकर कहा बेटा बात सिर्फ काम की नहीं है । हर सुबह तुम दोनों अपने अपने ऑफिस चली जाती हूँ । लेकिन मैं पूरे दिन घर पे अकेले रहती हूँ । अब ऐसे में समय बिताने के लिए मीना वाई है । मेरा एकमात्र सहारा है तुम दोनों से भी ज्यादा वो मेरे साथ समय बिताती थी । लोहित ने सहानुभूति दिखाते हुए पूछा ठीक है तो बताइए मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ? थक गई हूँ में नौकरानियों के साथ समय बिताते बिताते । अब मुझे मेरे अकेलेपन का स्थायी समाधान चाहिए । अब मैं अपनी बहु के साथ ही समय बिताना चाहती हूँ । क्यों न तो शादी करन और घर में एक प्यारी सी बहुत ले आओ । माताएं बेटों को जन्म ही इसीलिए देती है कि एक दिन घर में बहुआ जाए पापा, हमें सच में अपार्टमेंट शिफ्ट करने की जरूरत है । बताइए मीराबाई की झुग्गी कहाँ पर है? मैं अभी शादी नहीं कर सकता और में हमेशा के लिए भारत में नहीं रह सकता । आज नहीं तो कल में अमेरिका में बस जाऊंगा । मैं कैलिफॉर्निया में फेसबुक या गूगल के हेडक्वार्टर की तरफ नहीं कंपनी का हेडक्वार्टर बनाना चाहता हूँ । माने हैरानी से पूछा गूगल और फेसबुक मेरे मोबाइल के एप्स है क्या? इनके ऑफिस भी है अमेरिका में? हाँ ये सिर्फ ऐप से नहीं है बल्कि दुनिया की सबसे बडी कंपनियों में इनकी गिनती होती है । किसी भी अन्य कंपनी की तुलना में ये ज्यादा पैसा कमाते हैं क्योंकि पूरी दुनिया इनके प्रोडक्स का उपयोग कर रही है । मैं भी चाहता हूँ कि एक दिन पूरी दुनिया मेरे बनाए सॉफ्टवेयर का उपयोग करें । मैं भावुक होकर बोली मेरा आशीर्वाद है कि तेरह हर सपना सच हो डेटा लेकिन मेरे सपनों का क्या आपके क्या सपने है? माँ यही कि तुम एक सुंदर, सुशील और घरेलू लडकी से शादी करूँ जो मेरे साथ मेरी बेटी बनकर रहे । मैं अपनी बहु के साथ अपनी बाकी की जिंदगी बिताना चाहती हूँ । मैं चाहती हूँ कि तो मुझे दादी बनाओ । अपने पोतों के साथ खेल कर मैं अपना बुढापा बिताना चाहती हूँ । माँ में वादा करता हूँ कि आप अपने पोते के साथ खेल होगी लेकिन इंडिया में नहीं, हमारी कम है । एक बार जब मैं वहाँ पर सेटल हो जाऊंगा तो मैं आप दोनों को भी ले चल होगा । लेकिन हमारी सभी रिश्तेदार यहाँ पर है में उन विदेशी लोगों के बीच विदेशी भाषा में बात करते हुए और विदेशी खाना खाते हुए नहीं रहना चाहती । और हमारे मरने के बाद तुम हमारी अस्थियों को कहाँ विसर्जित करोगे? अमरीका में तो गंगा नदी भी नहीं है । महाने अपना इमोशनल कार्ड खेला । उस समय लोहित का घर पर रहना खतरनाक था । फटा फट रहा कर वो ऑफिस के लिए रवाना हो गया । ऑफिस पहुंचकर वो अपने सहयोगी और बचपन के दोस्त अमन से मिला । जब भी लोहित की जिंदगी में कुछ भी अच्छा या बुरा होता है तो सबसे पहले अमन के साथ शेयर करता है । मुंबई में उन्होंने स्कूल और कॉलेज की पढाई एक साथ की । अमन गुडगांव की एक मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छा काम कर रहा था । लेकिन जब लोहित ने अपनी नौकरी छोड दी और अपना स्टार्टअप शुरू किया तो हमने भी लोहित की कंपनी जॉइन कर ली । अमन नीललोहित को कभी अकेला नहीं छोडा और छोडना भी क्यूँ घट । फिर दोस्ती का पहला शब्द ही दो है । एक कप कॉफी के साथ लोहित ने अमन को सुबह का किस्सा सुनाया । अमन लोहित की हालत पर जोर से हंसने लगा । दो होते ही ऐसे है आपकी बडी से बडी समस्या का कुछ इस तरह मजाक उडाते हैं की समस्या ही छोटी लगने लगती है । माँ जाती है कि मैं शादी कर लो, हाँ तो कर लेना अच्छा ही तो है कर तो लोगो मगर किससे शादी के लिए कोई लडकी भी तो होनी चाहिए । जिस लडकी से तो बस में मिला था उसी से कर ले अच्छे दोस्त आपकी कहीं बात समझ सकते हैं और सच्ची दोस्त आपको प्लीज मुझे गिलास पानी देना । अमन ने लोहित से अनुरोध किया जोकि फिल्टर के पास खडा था । वे दोनों रोहित की माँ की मदद करने के लिए कुछ सोचने के लिए अपने ऑफिस के कॉन्फ्रेंस रूम में बैठे थे । लोहित ने अमन को पानी दिया और फिल्टर पर लगा हुआ अटैक दिखाकर अमन से कहा तो जानता है ये ब्लॅक कहाँ से आया है । लोहित को लोगों के सामान्यज्ञान की जांच करने का बडा शौक है । अमन ने कोरी ने गांवों से लोहित की और देखा है । इस नाम एक भारतीय आदमी हवेलीराम के नाम पर रखा गया है । वो इस कंपनी के संस्थापक थे । अमन ने चौंकते हुए कहा क्या सच में मुझे तो ये कोई विदेशी नाम लगता था । ये देश ऐसे लोगों से भरा हुआ है । मेरे दोस्त जिनमें और साधारण विशेषताएं हैं और मैं भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके अपनी माँ के लिए कुछ असाधारण करना चाहता हूँ । कुछ ऐसा जिससे यह सिद्ध हो जाएगी एक इंजीनियर कितना खास हो सकता है । अमन ने कहा सही कहा दोस्त इंसानों की मूर्खता से निपटने का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ही एकमात्र ऑप्शन है । हर चीज के लिए हमारे पास मशीनें हैं । कपडे धोने के लिए वाशिंग मशीन, वर्तन साफ करने के लिए डिशवाशर, घर की सफाई के लिए वॅार मगर फिर भी सभी उपकरणों को चलाने के लिए हम इंसानों पर ही निर्भर है । क्यों उन्होंने कैसा रिपोर्ट बनाए जो सभी घरेलु उपकरणों को नियंत्रित कर सके, कंट्रोल कर सके और ग्रहणियों से बात करने में भी सक्षम हो । अमन ने कहा हमारे स्टार्ट अप का बेसिक आइडिया भी तो यही है की मशीन इंसान से इंसानों की तरह ही बात कर सके । हाँ, हमारी रिपोर्ट को बातचीत करने और घरेलू काम करने के लिए आसानी से एनकोड किया जा सकता है क्योंकि रोजाना उसे एक ही काम करना है । ये हमारी कॉल सेंटर प्रोग्राम के कम्पेरिजन में बहुत ही आसान है क्योंकि कॉल सेंटर में बोर्ड को हर बार अलग व्यक्ति के साथ बात करनी होगी लेकिन यह रोबोट को सिर्फ अपने परिवार से ही निपटना है । अमन ने तुरंत उनकी कंपनी के सभी सॉफ्टवेयर डेवलपर्स और विश्लेषकों के साथ एक मीटिंग का आयोजन किया । उन्होंने भी इस परियोजना के सफल होने की संभावना को प्रमाणित किया । लोह इतने एक्साइटेड होकर अपनी माँ को फोन किया मॉम मेरे पास आपके लिए एक खुशखबरी है । मैंने पूछा अरे वाह क्या? तो मैं नौकरानी मिल गई । आप फिर बहुत मिल गई या फिर दोनों नहीं । मां जो मुझे मिली है वह नौकरानी या फिर बहुत से भी खास है । मैं ये साबित कर दूंगा की एक इंजीनियर चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकता । अगले हफ्ते मैं उसे आपसे मिलने के लिए घर लेकर आऊंगा । लोहित शर्मीले व्यक्तित्व के पीछे वास्तव में एक मसखरा और आकर्षक व्यक्ति है जो किसी भी मसले को अपनी चालाकी से हाल कर सकता है । फिर चाहे वो मसला तकनीकी हो या गैर तकनीकी । वो बोलता कम और संता ज्यादा है । उसके लिए कंप्यूटर में कोडिंग करना इतना आसान है जैसे किसी बगीचे में घूमना, उसे नई नई भाषाएं सीखने का शौक है । वह फर्राटेदार हिंदी, अंग्रेजी और मराठी के साथ स्पैनिश और फ्रेंच भी बोल सकता है । और आश्चर्य के बाद तो ये है कि स्पैनिश और फ्रेंच बोलना सीखने के लिए उसने कभी भी कोई कोर्स नहीं किया । वहाँ की फिल्में देखकर और सोशल साइट्स पर वहाँ के लोगों से बातें करके उसने भाषा सीखी है । वो विकीपीडिया बहुत पडता है और हमारे चारों और के इंटरेस्टिंग फैक्ट्स को बात बात में बता दे रहता है । शुरुआत में आपको ये अजीब लग सकता है लेकिन एक बार आप उसके साथ टाइम बताइए तो आप उसके सादा के कायल हो जाएंगे और उससे आपको काफी कुछ सीखने को भी मिलेगा । वो केवल तीस सेकंड में रूबिक क्यूब को सॉल्व कर सकता है । पैसे कमाने के लिए उसके पास एक बेहतरीन तरकीब है । वो कुछ ऐसा डेवलप करना चाहता है जिससे वह पूरी दुनिया को बेच सकें और इसका सबसे आसान तरीका यह है कि इसे ऑनलाइन करे क्योंकि दुनिया के हर कोने में किसी भी चीज को भेजना बहुत मुश्किल है । यही रीजन है कि दुनिया का सबसे अमीर आदमी वही है जो कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम बनाता है । वो नहीं जो कंप्यूटर का हार्डवेयर बनाता है । बचपन से ही अपने हर काम खुद करने की कोशिश करता है । फिर चाहे वो अपने जूतों की लैस बांधना हो या फिर शर्ट में बटन टांगना वो बहुत ही सिंपल कपडे पहनता है । नीली डेनिम के साथ ढीली हाफ स्लीव्स वाली कंपटी शर्ट उसके पास एक ही रंग के आधा दर्जन टीशर्ट है । आपको लगेगा कि वह एक ही टीशर्ट रूस पहनता है लेकिन वो इसे बदलता है हूँ ।

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लोहित बंसल, एक टेकी है, जो अमेरिका में अपनी कंपनी का हेडक्वाटर खोलकर, दुनिया के अमीर लोगों में शुमार होना चाहता है। तृषा दत्ता बेहतरीन स्कूल टीचर है, जो इंडिया में ही रहकर स्टूडेंट्स को क़ाबिल बनाना चाहती है। दोनों में प्यार हो जाता है, लेकिन उनकी शादी से ठीक पहले वो होता है जिसके लिए दिल्ली बदनाम है। सुनिए, कुकुफम पे आपकी सबसे पसंदिता किताब "है दिल का क्या कसूर" के लेखक अर्पित अग्रवाल की नई ऑडियोबुक “जिनी पुलिस”। ये जानने के लिए की कैसे एक खुशमिजाज लड़का अपनी मिलियन डॉलर कंपनी को दांव पे लगा कर बनता है एक हीरो, और एक विलियन, इस सिस्टम से लड़ने के लिए, और अपराध को जड़ से ख़त्म करने के लिए।
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