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भाग - 05 in  |  Audio book and podcasts

भाग - 05

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"विकसित होती टेक्‍नोलॉजी एक दिन इस स्तर पर आ जायेगी कि मनुष्य और रोबोट में अंतर खत्म हो जाएगा। मनुष्य और रोबोट का यह मिलन, भविष्य में सही होगा या गलत, यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन‌ दोनों के मिलन को लेकर जो कहानियां रची गयी है वह आप 'रोबोटोपिया' में सुन सकते हैं। इस कहानी संग्रह में कुल नौ कहानियां है। रोजिना एक रोबोट है, क्या एक रोबोट से बलात्कार संभव है? क्या उसके लिए अपराधी को कानूनी सजा दी जा सकती है? मनुष्य और रोबोट के ऐसे संबधों को उजागर करती है 'रोबोटोपिया'। सुनें इस अद्भूत कहानी संग्रह को केवल कुकू एफएम पर।"
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ऍम आज सेवानिवृत्त जस्टिस राम स्वरूप चौधरी के लिए एक अग्नि परीक्षा का दिन था । वो अपने ही एक फैसले के खिलाफ अपील दायर करके उसी शख्स की पैरवी के लिए कोर्ट में मौजूद थे जैसे कुछ महीने पहले उन्होंने झूठा करार देकर खारिज कर दिया था । ये एक स्पेशल कोर्ट थी क्योंकि मामला भी स्पेशल ही था । वैसे भी अभी भारत में ही हूँ में नाइट रोबोटों का चलन अपने शुरुआती दौर में था । इसलिए इस तरह के केस इसको पब्लिक और मीडिया के पहुंच से दूर ही रखा जाता था । माफ कीजिए हमें बताना चाहिए था कि इस तरह के मामले से हमारा आशय ह्यूमन रोबोट टॉपिक से जुडे मामलों से था जिसके इस की हम बात कर रहे हैं । वह रोजिना नाम की एक युनाइट रोबोट और टेको रामा नाम की कंपनी के सीईओ विक्रम भट्टाचार्य के बीच था । विक्रम पर रोजिना के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध फॅमिली रिलेशन फॉर्म करने का आरोप था । रोजिना के साथ ही हादसा करीब छह महीने पहले हुआ था जिसकी सुनवाई में जज की जगह जस्टिस चौधरी थे और उन्होंने रोजिना के खिलाफ फैसला सुनाया था । उनका तर्क ये था कि एक मशीन के साथ बलात्कार एक हास्यास्पद बात है । जिस पर यकीन कर पाना नामुमकिन है । लेकिन बाद में एक और फैसले की सुनवाई के दौरान उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि रोजना के मामले में फैसला सुनाने में उनसे गलती हुई थी और फिर रिटायर होने के बाद उन्होंने भी फेसबुक पर वो ग्रुप जॉइन कर लिया जिसमें रोजिना के साथ हुई नाइंसाफी के खिलाफ आवाज उठाते हुए उसके लिए इंसाफ की मांग की गई थी । जस्टिस चौधरी की नई नियति के बारे में जानकर रोजिना ने अपनी विशाल हैबता का परिचय देते हुए उन्हें क्षमा कर दिया और उनके साथ कोर्ट रूम में मौजूद थे । जस्टिस चौधरी और रोजिना के अलावा आरोपी विक्रम भट्टाचार्य और उसका वकील निरंजन दासमुंशी भी वहाँ बैठे हुए थे । जस्टिस चौधरी ने अपनी सहायता के लिए रोजिना के वास्तविक कहानी को उनकी जानकारी में लाने वाले युवा वकील रंजन शाश्वत को यहाँ अपने साथ रखने के लिए कोर्ट की परमिशन लेनी थी । इसके से जुडे कुछ गवाहों को इसी कमरे में थोडी दूरी पर बैठाया गया था ताकि जरूरत पडने पर उनसे पूछताछ की जा सके । निर्धारित समय पर इस केस की सुनवाई के लिए नियुक्त के जज जस्टिस अमर दीप कालरा ने दो जूरी मेंबर्स श्रीमती अनीता हिंगोरानी और श्रीमान अमितेश अग्निहोत्री के साथ शेयरिंग रूम में प्रवेश किया । जस्टिस कालरा एक जिंदादिल और खुशमिजाज इंसान थे और तपाक से रोजिना के केस की पहली वाली है । रिंग में जस्टिस चौधरी की अध्यक्षता वाली जूरी में उनके साथ ही भी रह चुके थे । वो जस्टिस चौधरी की वरिष्ठ था और विद्वत्ता का काफी सम्मान करते थे । लेकिन इस बार वो एक जज की भूमिका का निर्वाहन करने जा रहे थे । इसलिए अपनी गंभीरता बनाए रखना और सभी पूर्वाग्रहों से मुक्त रहना उनके लिए जरूरी था । तो मैं तो चौधरी शैलवी स्टार्ट जस्टिस कालरा ने पहली बार जस्टिस चौधरी को सर की बजाय उनके नाम से संबोधित किया तो उन्हें बेहद अटपटा सा लगा । लेकिन तुरंत ही वह मौके की नजाकत को समझ गए कि अब हालात पहले जैसे नहीं रहे हैं । शाॅ वे समझाते हुए बोले, जैसा की कोर्ट जानती है कि ये धीरे रिंग एक ऐसे केस की ली ओपनिंग के बाद हो रही है, जो अपनी तरह का अनोखा केस था । इसमें एक मशीन ने एक इंसान पर इल्जाम लगाया था कि उसने उसके साथ रेप किया था और आपने इस इल्जाम को हंसी में उडा दिया था । सही कहना निरंजन दासमुंशी उनका मजाक उडाते हुए बोला, शायद आज आप इसे हंसी में उडा देने के इरादे के साथ है । इस अदालत में आए हैं । वो उसके नहले पर दहला मारते हुए बोले जाॅन बेटर होगा कि आप लोग अपनी जगह को सिर्फ इस केस और इससे जुडी बातों तक ही सीमित रखें । जस्टिस कालरा ने उन्हें आगाह किया बाकी और ऑनर मेरे काबिल दोस्त मिस्टर चौधरी शायद इस बात को भूल चुके हैं कि छः महीने पहले मेरे क्लाइंट को इन्होंने ही बेगुनाह करार दिया था । फॅार मैं इस बात को भूलकर एक नए नजरिए के साथ इस अदालत में आया हूँ । लेकिन वकीले सफाई नई से खुद भूलने के ख्वाहिशमंद है और ना ही मुझे ये अदालत को उस बात को भूलने देना चाहते हैं । जस्टिस चौधरी दस साल पहले वाले दौर में लौट चुके थे जब मेरे में अच्छे से अच्छा वकली भी उनके सामने पडने से घबराता था । वकीले सफाई शायद अपने दिमाग की खिडकी उस दिन से ही हमेशा के लिए बंद कर चुके हैं और नई सोच को उसमें घुसने से रोकने के लिए दरवाजे पर लड लिया बैठे हैं । लेकिन मैं अदालत से दरख्वास्त करूंगा कि वह अपना दिल और अपना दिमाग पूरी तरह से खुला रखें और पिछली सुनवाई को अपने फैसले का आधार ना बनाएं । मुंशी उनके इस सीधे हमले से बुरी तरह तिलमिला गया । फॅालो जस्टिस काल्डरन चौधरी से पूछा इतने भी बाॅल जस्टिस कालरा ने चेतावनी देने वाले अंदाज में कहा मैं तो चौधरी यू मॅन ऍम चौधरी ने मोर्चा संभालते हुए बोला, सबसे पहले मैं मिस रोजिना से कहना चाहूंगा कि उस शाम को जो कुछ हुआ वो उसे अदालत को बताएं ताकि इस केस की सुनवाई को आगे बढाया जा सके । शास्वत ने रोजिना की हथेली को धीमे से दबाया । वो अपनी सीट से खडी हो गई । मैं रोज ना आप मुझे विक्रम भट्टाचार्य को कैसे जानती हैं । जस्टिस चौधरी ने पूछा, सर मैं ऑफिस में काम करती थी । ये मेरे एक्स बॉस हैं और ऍम केसीईओ । रोजिना ने जवाब दिया, क्या आप अदालत को बताएंगे कि जनवरी की शाम को क्या हुआ था? जस्टिस चौधरी ने कहा, उस दिन शाम को मैं ऑफिस की एक अर्जेंट फाइल पर साइन कराने के लिए विक्रम सर के घर गई और उनके दरवाजे की घंटी बजाई । ऍम उन्होंने दरवाजा खोला था लेकिन मुझे देखते ही पता नहीं क्यूँ उन्होंने मुझे सोफे पर धक्का दे दिया और मेरे प्राइवेट पार्ट को छोडने लगे । मैं समझ नहीं पा रही थी कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं । लेकिन मुझे वह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था । मैंने बार बार उनसे रिक्वेस्ट की कि मुझे छोड दें और फाइल पर साइन करके मुझे जाने दे । लेकिन वो मेरी एक भी बात नहीं सुन रहे थे । रोजिना ने अटक अटक कर कहना शुरू किया, मैंने खुद को छुडाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं माने और मुझे घसीटते हुए बेडरूम में ले गए । वहाँ उन्होंने मेरे मुँह कर दिए और मुझे रेप किया । डाॅ । जस्टिस चौधरी ने कालरा की तरफ मुखातिब होते हुए कहा, मेस रोजिना के इस बयान से शक की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती है कि मुलजिम विक्रम भट्टाचार्य ने अपने घर में एकांत का फायदा उठाकर उन्हें रेप किया । ऍम परमिशन मैं मिस रोजिना से कुछ सवाल पूछना चाहूंगा । मुंशी ने कहा और अपनी जगह पर खडे होते हुए रोजिना की ओर देखते हुए बोला, मेट्रो जीना क्या यह सच है कि आप एक मशीन है? रोजिना ने जवाब दिया, जी मैं आपको बता दूँ कि मैंने आपका एक एक लाख बहुत तवज्जो देकर सुना है और मैं ये भी मानता हूँ । आपने अभी जो भी कहा वो सच है और इसमें कुछ भी छिपाया जोडा नहीं गया है । ये सर रोजिना बोली लेकिन आपके बयान में कुछ ऐसे शब्द भी हैं जो एक मशीन के मुझे सुनने की उम्मीद नहीं की जा सकती । जैसे कि आपने प्राइवेट पार्ट्स छेडने लगे और रेप जैसे वर्ड यूज किए । मैं जानना चाहता हूँ कि आप के लिए इन शब्दों के क्या माने हैं? ऍम रोजिना असमंजस भाव से बोली चली डिटेल में ही बात करते हैं । मुंशी बोला आप प्राइवेट फॅमिली हैं । फॅमिली लॉ एंड जस्टिस चौधरी बोले फॅमिली नॉट बॉल शी इज नॉट नॉरमल ह्यूमन अगर मध्यस्ता मशीन ऍम मशीन मुंशी तैश में आकर बोला इसलिए इस मामले में वे रोज रिस्ट्रिक्शन अप्लाई नहीं किया जा सकते हैं, जो एक सामान्य स्त्री के मामले में हो सकते हैं । ऍम ओवररूल्ड जस्टिस कालरा ने कहा मैं समझ गई ऍम ऍम मुंशी फिर रोजिना की और होगा तो मैं रोज लेना बताइए आपके प्राइवेट ऍम कौन से हैं? माडॅल ना रोज, ना बिना सकुचाए बोली आप ये कैसे जानती हैं? मुंशी ने अगला सवाल दागा जिस समय मुझे डवलप किया गया मेरे नॉलेज में इसमें हर वो चीज डाली गई जोकि एक ह्यूमन गढ में हो सकती है और छेडने लगे इससे आप क्या मतलब मतलब उन्हें प्रोपर ढंग से छूना, प्रेस करना और ये भी आपके नॉलेज में । इसमें ये ऍम मुझे उसका मजाक उडाते हुए बोला । और मुझे मालूम है कि जब मैं आपसे रेप का मतलब पूछूंगा तभी आपका जवाब यही होगा । लेकिन आप कैसे कह सकती है कि आपके साथ हुआ हो रहे थे था कि फोन स्टाॅल नाॅक फॅस वो बोला ऍम हाओ कॅाल रोजिना बोली आई फ्रीक्वेंटली ट्राई ॅ और विल वो व्यंग्यपूर्वक बोला ऍफ कोर्ट की क्या आपने कभी विलिंग ली सेक्स किया है? ऍम जस्टिस चौधरी गुस्से से बोले हैं ऍम जस्टिस कालरा ने कहा मिस्टर मुंशी, आपने सौं ना की पर्सनल लाइफ में दखल देने वाले सवाल ना पूछे तो बेहतर होगा । सौरी और अगर बडे सवाल पूछने के पीछे मेरा मकसद ये साबित करना था कि मिश्रा जी ने जो भी आरोप लगाए हैं वो बेस्ट प्लेस है । और उन्होंने ये सब जाने अनजाने मेरे क्लाइंट्स से दुश्मनी रखने वाले किसी शख्स टी कॉन्स्पिरेसी का हिस्सा बनते हुए क्या है? वायॅस? जस्टिस चौधरी बडबडाए इसके लिए कोई किसी मशीन को क्यों यूज करेगा? आपने कुछ कहा मुझे उनकी ओर घूम कर बोला ऍम इस रोजिना के नॉलेज बेस्ट में ऑॅपरेशन पॉसिबल नहीं है वो मुझे की बात को अनसुना करते हुए बोले, इनकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मॉडिफाई नहीं किया जा सकता । हाँ, अगर कोई चेंज हो सकता है तो उसका सिर्फ एक ही तरीका है इसे फॉर्मेट करना । इस बात की तस्दीक के लिए यहाँ रोजना को डेवलप करने वाली कंपनी रॉबर्ट रीना के कॅर मौजूद हैं । उन्होंने गवाहों की तरफ देखा तो एक गवाह ने उठकर उनकी बात से सहमती जताई । ये भी तो हो सकता है कि मैं इस रोजिना के एआई को पहले ही इस तरह से डेवलप किया गया हो । टीवी जनवरी को मेरे ऑनलाइन के घर इस पर्पस से जाएँ कि उस पर रेप का इल्जाम लगाकर उसकी इज्जत और उनके करियर को तबाह करने की साजिश को कामयाब बना सकें । मुंशी ने गवाह पर ध्यान दिए बिना अपनी राय जाहिर की । आखिर मिस रोजिना ने एक महीना पहले ही तो टेको रामा ज्वाइन की थी । आपको तो वकील की बजाय एक एक्शन राइटर होना चाहिए था । जस्टिस कालरा ने चुटकी ली तो मुझे मैंने इसकी इसकी पूरी स्वाइल बडे ध्यान से पडी है । अगर आपके इस तरफ को सीरियस लिया जाए तो क्या मिस रोजिना को सपना आया था की घर पर मिस्टर भट्टाचार्य अकेले होंगे? ये हुए होंगे और उन्हें से न्यूज करेंगे । जस्टिस कालरा की इस टिप्पणी पर मंशी बगले झांकने लगा योर ऑनर अगर मिस्टर मुंशी की जगह खत्म हो गई हो तो क्या मैं मुझे मिस्टर विक्रम से कुछ सवाल पूछ सकता हूँ? यू प्लीज । जस्टिस कालरा ने बडी अदा से सिर नवाते हुए कहा और विक्रम की ओर देखा वो अपनी सीट से उठकर खडा हो गया तो मिस्टर विक्रम मिस रोजिना जो कह रही है क्या वो सच है? जस्टिस चौधरी ने पूछा क्या विक्रम ने अनजान बनने की कोशिश करते हुए कहा शायद आप कुछ ऊंचा सुनते हैं । जस्टिस चौधरी बोले, लेकिन मुझे दोहराने में कोई प्रॉब्लम नहीं है मेरी क्लाइंट मिस रोजिना का कहना है कि जनवरी को आप ने उनके साथ रेप किया है । लेकिन आप खुद ये मान चुके हैं कि एक मशीन के साथ मैं क्या मानता हूँ । अब इस बात से कोई मायने नहीं है । जस्टिस चौधरी बोलेंगे, आप जो अहम है वो ये है कि कोर्ट क्या मानती है? इसलिए मेरे सवाल का जवाब दीजिए नहीं । विक्रम बोला हूँ क्या नहीं आपने इन्हें रेप नहीं किया था या इनके साथ सेक्स नहीं किया । जस्टिस चौधरी ने देखा कि वह नर्वस होने लगा था, रेप नहीं किया । उसने संभलकर कहा, यानी आप मानते हैं कि आपने इसके साथ सेक्स क्या? जस्टिस चौधरी उसकी हालत का मजा लेते हुए बोले क्यों?

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