हुसैनाबादी सल्तनत की गद्दी पर जो भी विराजमान होता था उसकी मृत्यु हो जाती थी। शहज़ादे मुस्तफ़ा की रूह के कारण हुसैनाबाद की गद्दी खूनी तख़्त बन गई है। नए हवलदार रुस्तम को यह समस्या हल करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। तो क्या रुस्तम हुसैनाबाद के तख्त को मुस्तफा की खौफनाक रूह से आज़ाद करा पाएगा?
Script Writer : Mohil
Author : एकांतRead More
हुसैनाबादी सल्तनत की गद्दी पर जो भी विराजमान होता था उसकी मृत्यु हो जाती थी। शहज़ादे मुस्तफ़ा की रूह के कारण हुसैनाबाद की गद्दी खूनी तख़्त बन गई है। नए हवलदार रुस्तम को यह समस्या हल करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। तो क्या रुस्तम हुसैनाबाद के तख्त को मुस्तफा की खौफनाक रूह से आज़ाद करा पाएगा?
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