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9 - सख्त उबला अंडा in  |  Audio book and podcasts

9 - सख्त उबला अंडा

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विश्‍व प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखी गई जासूसी कहानियों का अनोखा कलेक्‍शन है ‘बड़ी जासूसी कहानियां’। ओ हेनरी, जी.के.चेस्‍टरटन, आरनॅल्‍ड बेनेट, रॉबर्ट बार तथा अन्‍य लेखकों द्वारा लिखी गईं चयनित जासूसी कहानियां पाठकों को बेहद पसंद आएंगी। रहस्‍य और रोमांच से भरपूर ये कहानियां आपका भरपूर मनोरंजन करेंगी। सुनें पूरी कहानी। writer: भविष्य कुमार सिन्हा Voiceover Artist : RJ Nikhil Author : Bhavishya Kumar Sinha
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सख्त उबला अंडा, तख्ते के चर्च चटाक करने वाले, फर्स्ट से बचने के वास्ते, दीवार से सटकर चलते हुए दीवार पर कागज मरने वाला और रायॅल एजेंसी के कॉरस्पॉन्डेंस स्कूल ऑफ डिटेक्टिंग का छात्र धीरे धीरे उस शयन कक्ष के दरवाजे की तरफ बढ रहा था जो उसका और रहस्यपूर्ण श्री कृष्ण का साझा कमरा था । देखने में मिस्टर गम ऊंचे कद का दुबला पतला आदमी था जो किसी आधुनिक निपूर्ण व्यक्ति या एक मानवीय राज हंस की याद दिलाता था । स्वभाव से मिस्टर कब सज्जनता की मूर्ति और बहुत ही सरल ज्यादा आदमी था । अब अपने लंबे श्रीन बदन को जरूरत से ज्यादा झुकाते हुए उसने अपनी आंखे दरवाजे के चौखट में एक दरार पर ठीक थी । श्री गम की दृष्टि जहाँ तक जा सकती थी, उसी सीमित दायरे के अंदर रोस्को क्रेड अपना काम करते करते रुक गया और ध्यान से सुनने लगता हैं । उसने श्रीमान गजब की सांस की तेज सीटी सुनीता क्योंकि उसके साथ दरार में पहने किनारों से टकरा करा रही थी और वह समझ गया कि कोई उसकी जासूसी कर रहा है । उसने अपने मोटे ताजे हाथ अपने घुटनों पर रखें और दरवाजे की तरफ देखकर मुस्कुराया और उसी समय उसके चेहरे पर जीत की लाली मच्छा गई दरवाजे में दरार के जरिए तेरी कब को हाथ होने की मूवीज का ऊपर का हिस्सा दिख रहा था जिसकी बगल में रिकॉर्ड बैठे हुए थे लेकिन वह श्री क्रेडिट को नहीं देख पा रहा था । किन्तु जैसे ही उसने टका उसने एक मास्टर हाथ को वो स्टैंड पर पडी चीजों को एक एक कर उठाते हुए देखा । ये चीजे इस प्रकार पहली अंग्रेजी अखरोट के सात या आठ आधे आधे खोल, दूसरी रबड के जूते की एक रेडी जिसमें से एक टुकडा काट लिया गया था । तीसरी रबड की एक और छोटी गोली मटर के दाने के बराबर, चौथी एक कागज चढी किताब और अंतिम एक बडी और चमकदार पीले सोने की । जैसे ही हाथ में सोने की ईंट को पीछे क्या श्री कब ने और अधिक देखने के प्रयास में अपना चेहरा दरवाजे के ज्यादा करीब लगा दिया और तभी दरवाजा फटाक से खुला और श्री गब् अपने हाथों तथा घुटनों के बल शयन कक्ष की कालीन पर जाकर देंगे कौन ऑफ श्री? क्रेज ने कहा कौन? हाँ अपराधी को दंड मिला । आशा है कि आपको चोट लगी, गजब धीरे धीरे उठाना और एक जिराफ की तरह उसने अपने घुटनों को झाडा जो उस तरह भेद जानने और चुगलखोरी करना । श्रीकृष्ण ने जिक्र करते हुए कहा, इस तरह डराने की कोशिश की की मैं चक्कर खाकर गिर पडे । मैं कैसे जानूंगा कि ये कौन था । अगर तू मैं अंदर आना है तो सीधे चले आओ । इस तरह चोरी, चोरी, भेद जानने और गिरने की क्या जरूरत है? अच्छा उसके बात करते करते स्वीकृत जिसने बॉल स्टाॅपर से अखरोट के खोल रबर की ईडी, रबड की मटर के दाने जैसी गोली और सोने की पीठ हटा दी, वह गोलमटोल छोटे कद का आदमी था । उसका सिर्फ एक दम गंजा था और एक सफेद बुच्ची दारी यानी बकरे जैसी गाडी थी । उस की बातचीत के चलते उसने अपना सिर नीचे झुका लिया ताकि वो अपने चश्मे के शीर्ष से ऊपर देख सकें और उसके कपटी कुरूद के बावजूद हूँ । इतना दयालु शुभचिंतक मूल है भले मानो जैसा बिल्कुल नहीं लगता था । इस प्रकार का बोर्ड का भला मानुष जो एक छोटे से गांव में छोटी दुकान चलता है और लिखने के काम आने वाले कागज भेजता है जिसमें साहब उनकी गंदा आती है और शीशे के ढक्कन वाले शीशे के मर्तबान में से मिश्री की डंडी निकाल कर देता है । मैं कैसे जानूंगा की आप एक जासूस नहीं तो और क्या है । मैं उन जासूस श्री गभने दोनों में से एक पलंग पर बैठते हुए कहा मैं कॅश उसके पास रह रहा हूँ । आप कह सकते हैं घंटी बजाओ । श्री क्रेज नहीं रहा । अब मुझे कोई दूसरा कमरा तलाशने जाना पडेगा । ऍम उसके साथ नहीं रह सकता है । अच्छा अब क्रेज महाशय श्रीगर आपने कहा मैं नहीं चाहता की आप इस तरह पहुंचे ये जानकर की आप एक जासूस हैं । मैं और भी ज्यादा समझाने लगाओ । श्री कृष्ण ने शिकायती लहजे में कहा, और मेरे पेशे में रहने वाले आदमी का हाथ सो स्थिर सादा होना चाहिए । ठीक है या नहीं आपने मुझे अभी तक बताया नहीं है कि आपका पेशा किया है । श्री गर्ग ने कहा आपको ढोंग करने की जरूरत नहीं है कि आपको पता नहीं है । श्रीकृष्ण ने कहा बॉस्टन पर रखी चीजों को देख कर कोई भी महसूस समझ जाता । यही सही श्रीमान गभने कहा मैं अभी तक पूरा जासूस नहीं बनता हूँ । आप मुझसे अपेक्षा नहीं कर सकते कि पूरा जासूस जितनी जल्दी कोई चीज तलाश लेता है मैं उतनी जल्दी वो काम कर सकूँ । निसंदेह वो चमक पीईटी एक सोने की एक जैसी दिखती थी वो सोने की है । इसमें कोई संदेह नहीं । श्री कृष्ण ने कहा सच में श्रीनगर आपने कहा लेकिन मेरा मतलब भावना को आहत करना नहीं था । श्रीमान क्रिकेट जिस दृष्टि से आप देखते हैं, मैं कुछ कुछ सोचता हूँ । ठीक यही वो सोने की है जो आपने खरीदी थी । क्रिट्ज महोदय का चेहरा एक दम लाल हो गया । भला क्या हो गया? अगर मैंने इसे खरीदा तो उसने कहा वो कोई कारण नहीं है कि मैं इसे भेज नहीं सकता । सिर्फ इसलिए कि कोई आदमी एक बार या दो बार अंडे खरीदता है । अंडे बेचने का व्यवसाय करने वाले का ये कोई कारण नहीं बन जाता बनता है क्या? क्या मैं सिर्फ इस वजह से सोने की तो बेचने का काम नहीं कर सकता क्योंकि मैंने अपने जीवन में सोने की ईंट एक या दो ही खरीदी है । ऐसा है क्या? गम महाशय ने श्री ट्रेड्स को प्रकट आश्चर्य से घूरकर देखा । आपको चार बाजे ठंड नहीं है, बताइए हैं वैश्वीकृत उसने पूछा अगर मैं अभी तक नहीं हूँ तो ये इस बात का संकेत तो नहीं है कि मैं ऐसा हो नहीं सकता । श्रीकृष्ण ने दृढता से कहा किसी भी आदमी को इस पर हाथ आजमाने का उतना ही हक है जितना किसी दूसरे को विशेष करता हूँ जब किसी आदमी ने इसमें मेरा तजुर्बा हासिल किया है । श्रीमान कब ऐसी कोई ठग विद्या नहीं है जिससे मेरा पाला नहीं पडा । मुझे विश्वास में लेकर बहुत चला गया है । अपना दूसरों को विश्वास में लेकर चलो ना मैं वही करने जा रहा हूँ और मुझे कोई परेशानी नहीं होगी अगर कोई जासूस एक ही कमरे में मेरे साथ ना रहे । आजकल जासूस और चाल बाज की आपस में पटती नहीं । नहीं सर, अच्छा सर । गर्ग ने कहा, मैं उसका अर्थ समझ सकता हूँ, लेकिन आप को भी अन्यत्र जाने की जरूरत नहीं है । मुझे सच में जासूसी शुरू करने में अभी एक दो महीने और लगेंगे । मुझे कागज, मरने और ऊपर से सज्जित करने के कुछ काम मिले हुए हैं और मैं अपना भाग्य कतारा मिलने तक खुफियागिरी शुरू नहीं कर सकता । किसी भी तरह और मुझे अपना स्टार तब तक नहीं मिलेगा जब तक मैं एक और पांच नहीं पढ लेता हूँ । उसे सीखता नहीं हूँ और परीक्षा पत्र में अपने नाम से भेज नहीं देता हूँ । डिप्लोमा के लिए पांच डॉलर अलग से देने होंगे । फिर में नियमित रूप से अपना ही काम कर सकूंगा । ये एक अच्छा धंधा है । हर रोज नए नए चालबाज निकल करा रहे हैं । शमा करें मेरे कहने का मतलब वो नहीं था । वो सब ठीक है । श्रीकृष्ण ने निर्माही से कहा, साफ साफ बात कहना ठीक होता है अगर मैं अभी तक एक धूर्त नहीं हूँ, जल्दी बन जाऊंगा । मुझे पता नहीं था कि आप इस बारे में कैसा महसूस करेंगे । श्री गन्ने सफाई थी ऍम स्कूल ऑफ डिटेक्टिंग के पाठों में चतुराई से काम लेने की बडी सिफारिश की जाती है । स्लो काम वहाँ हूँ । श्रीकृष्ण इतने जल्दी से पूछा, आपने हर सून और फार्म साइड में विज्ञापन नहीं देखा । क्या देखा आपने? वो हूँ स्लो काम ओहायो श्रीनगर ने कहा, और वही अखबार ना जिसमें मैंने वहाँ पर देखा । जासूसी में पैसा ही पैसा एक जासूस बने । हम आपको बारह सबका ने शरलॉक होम्स के बराबर बना देते हैं । क्यों यही वाला ठीक सर श्रीमान? क्रिकेट ने कहा अजीब है वो विज्ञापन उस अखबार के एकदम शीर्ष पर था और मैंने उसे बडे ध्यान से बढा । इससे पहले कि मैं अपना निश्चय कर पाता कि क्या मेरे एक जासूस बनना और उन लोगों को जेल में डलवा कर अपना हिसाब बराबर करना होगा जिन्होंने मुझे धोखे से सोने की तथा अन्य चीजें भी चीज यहाँ ये किताब मंगाकर जो ठीक ऍम स्कूल के नाम तो विज्ञापित की गई थी । हालात एक समान कर दूँ । मैंने जीवन निर्वाह करने के लिए क्या क्या नहीं किया मैं ही जानता हूँ । शुरुआत के लिए मेरे पास को चीजों का छोटा मोटा भंडार था जिसमें बढिया सोने की थी और कुछ मेरी खरीदी गई हरित वस्तुएं थी । और ये किताब सिर्फ एक चौथाई डॉलर की पडी और एक चौथाई डॉलर के लिए । ये किताब एक हमर है एक हमारे उसने कागज चढी । किताब अपनी जेब से निकली और श्री कब को सौंपती? किताब का शीर्षक था भी कम्पलीट ऍम जिसे किंग ऑफ ॅ लिखा था, मूल्य पच्चीस ऍम ये वो किताब है । क्रिट्ज ने इतनी गर्व से कहा जैसे ही उसकी ही लिखी हुई हो ये किताब वो सब कुछ बताते है जो एक आदमी को ठग विद्या पर काम करने के लिए जानना जरूरी है । एक बार में से पूरी पीता हूँ । फिर कोई भी चाल चलने में मुझे डर नहीं लगेगा । बेशक मुझे छोटे छोटे करतबों से शुरू करना पडेगा । आरंभ में मुझे उम्मीद नहीं है कि मैं बाहर में जोड लगाकर सुनने का खेल दिखा सकूंगा क्योंकि उसके लिए मिल कर काम करने वाली एक टोली की जरूरत होती है । क्या तुम किसी को जानते हूँ जिसे तुम टोली में शामिल होने के लिए कह सको । नहीं तो मत करो गम मोहन देने विचारपूर्वक कहा आप मेरा सहयोगी बनने के लिए बिल्कुल ठीक रहेंगे । आप कुछ कुछ इमानदार लगते हैं, बहुत होशियार किस्म की नहीं । और ये बात बहुत महत्व रखती है या इस आसान से छोटे खोल वाली खेल में भी मुझे शिंबुन चाहिए । एक ऐसा शिंबुन चाहिए जिस पर मैं भरोसा कर सकूँ जिससे मैं इस रूप में पेश कर सकूँ कि देखने वालों को लगे कि वह मुझ से पैसे जीत रहा है । आप समझे उसने वो स्टैंड की तरफ बढती हुए स्पष्ट किया । खोल का ये खेल बहुत आसान है जब आप ये जान लेंगे कि ये कैसे खेला जाता है । मैं तीन खोल एक मेज पर इस प्रकार नीचे रखता हूँ और फिर मैं रबड की मटर के दाने जितनी गोली नेट पर रख देता हूँ । इसके बाद में तीन खोल हाथ में लेता हूँ । इस तरह दो एक हाथ में और एक दूसरे हाथ में और मैं उन्हें इस गोली के चारों तरफ खिलाता हूँ । हो सकता है मटर के दाने के बराबर उस गोली को थोडा इधर उधर धकेल दू और फिर मैं कहता हूँ बढो हो हाथ आंख से अधिक तीव्र होती है और मैं अचानक खोलों को नीचे रख देता हूँ और आप सोचते हैं कि मटर का दाना अथवा गोली किसी खोल के नीचे हैं । इस तरह मैं नहीं समझता कि गोली उनमें से किसी एक के नीचे श्री कब ने कहा मैंने उसे फर्श पर लुढकते देखा है ये उस समय फर्श पर लडकी जरूर थी । श्री कृष्ण ने शर्मा पूर्व कहा फिर भी सामान रहा ये अधिकतर मेरा कहाँ मानती है अभी तक इस ने पूरी तरह ठीक से सीखा नहीं । ऐसे इस तरह काम करना चाहिए वो चीज ही ये फिर फर्स पर चली गई । उस वक्त है पलंग के नीचे गई थी । अब यहाँ इसको इसी तरह काम करना चाहिए । लोग ये फिर गायब हो गई । आम लोगों के सामने करतब दिखाने से पहले आपको इस खेल का काफी अभ्यास करना होगा । क्रिकेट बहुत है । गबनी गम्भीरता से कहा क्या ये बात मैं नहीं जानता हूँ? श्री कृष्ण ने कुछ अधिक व्यग्रता से कहा ठीक वैसे ही जैसे आपको भेद लेने का अभ्यास करना है । श्रीमान कब संभव है आपने सोचा हूँ की मुझे पता नहीं है । कल रात में जिधर भी गया । आप मेरी तो ले रहे थे आपको पता था छुट्टी कब ने पूछा चेहरे पर साफ झलकते । आश्चर्य के साथ मैंने रात नौ बजे से ग्यारह बजे तक एक एक क्षण आपको देखा था । श्रीकृष्ण ने कहा, मुझे ये भी अच्छा नहीं लगा । मेरा इरादा को नाराज करने का नहीं था । श्री गभने क्षमा याचना की मैं सबका चार का अभ्यास कर रहा था । आपको बिल्कुल भी ये जानने की जरूरत नहीं थी कि मैं यहाँ हूँ । फिर मुझे ये पसंद नहीं आया । श्रीकृष्ण ने कहा, पिछली रात तो फिर भी सब ठीक था क्योंकि मेरे हाथ में कोई महत्वपूर्ण काम नहीं था । लेकिन अगर मैं ठाक विद्या का अभ्यास कर रहा होता है तो वो व्यक्ति क्या सोचता जिसका मैं हर जगह पीछा कर रहा था । मेरा इस तरह उसका पीछा करना क्या उसे अजीब नहीं लगता? अगर आप चुपके चुपके और सावधानी अथवा प्रच्छन्न में रूप से काम करते हैं तो मुझे बुरा नहीं लगता । किन्तु अगर कोई ग्राहक सात में होता है और उसने आपको देख लिया होता तो उसे व्यर्थ में घबराहट हो जाती है । वो सोचता है कि एक झक्की आदमी हमारा पीछा कर रहा है । मैं सिर्फ अभ्यास कर रहा था । श्री गभने क्षमा याचना की । ये इतना बुरा नहीं होगा जब मैं इसके गुण सीख लूंगा और उसमें परवीन हो जाऊंगा । कभी कभी हम सबको नौ से क्या बनना पडता है, मैं ऐसा नहीं मानता हूँ । श्रीकृष्ण ने तीनों खोल और रबड की छोटी गोली को पुनर्व्यवस्थित करते हुए कहा, अच्छा अब मैं गोली को इस प्रकार नीचे रखता हूँ और मैं आपको ये बाजी लगाने की चुनौती देता हूँ कि ये गोली किस खोल के नीचे जाने वाली है और बाजी नहीं लगाना चाहते हो तो देखो तहां मैं खोल को नीचे रखता हूँ और आप शर्त लगाने को तैयार है कि आपने मुझे पहला पोल गोली के ऊपर इस तरह रखते देखा है । इसलिए आप अपनी दृष्टि उस फोन पर लगाए रखते हैं और मैं खोलों को इस प्रकार इधर उधर करता हूँ । गोली उसी खोल के नीचे हैं । गप महाशय ने कहा ठीक है वही श्रीकृष्ण ने संजीदगी से कहा लेकिन यहाँ नहीं होना चाहिए था । जिस समय नहीं खोलो को इधर से उधर घुमा रहा था । इसे खोल के नीचे से निकल जाना चाहिए था और मुझे से उंगलियों के बीच पकड लेना चाहिए था और इस तरह का खडे रहना चाहिए था कि कोई उसे देखना पडेगा । फिर जब आप कहते हैं की गोली किस खोल के नीचे हैं । ये किसी भी खोल के नीचे नहीं होती । मेरी उंगलियों के बीच होती इसलिए जब आप अपना पैसा नीचे रखते हैं, मैं आपको वो फोन ऊपर उठाने के लिए कहता हूँ और उसके नीचे कुछ नहीं रहता और इससे पहले क्या पर दूसरे खोल उठाएं । मैं एक फोन उठा लेता हूँ और मैं बोली को मेज पर इस प्रकार गिर जाने देता हूँ । जिस प्रकार ये सारे समय उसको बोल के नीचे पडी रहती थी यही खेल है । अब तक मैं इस में दक्षता हासिल नहीं कर पाए होंगे । गोली उंगलियों के बीच जबकि नहीं रहती है और जब ये उंगलियों के बीच अटक जाती है तो सही समय पर गिरती नहीं । उस बात को छोड दें तो शेष प्रदर्शन में गोली ने आपका सही साथ दिया है क्या आपने मना श्रीनगर आपने पूछा सेवाएँ उसके श्रीकृष्ण ने कहा और मैंने उसे पकड लिया होता । मेरी उंगलियां ही टूट दार हैं । वहाँ आप क्या कहना चाह रहे थे । अगर मैं महसूस नहीं बन पाया तो आप मुझे साथ रखेंगे श्रीनगर । आपने पूछा आपको जो काम करना होगा वो होगा कैम्पिंग का काम । श्रीमान क्रिज ने कहा उसके लिए पेशेवर नाम है क्या? पर आपको कल्पना करनी होगी गोली किस खोल के नीचे दी वो आसान होगा जिस प्रकार आप अब करते हैं । श्री गर्ग ने कहा मैंने आपको बताया मुझे बेहतर ढंग से सीखना होगा क्या नहीं सीखना होगा । श्री क्रिज ने व्यग्रता से पूछा आप क्या पर होंगे और आपको अंदाजा लगाना होगा की गोली किस खोल के नीचे है । आपका अंदाजा चाहे जो मैं इसे उस खोल के नीचे छोड दूंगा ताकि आप जीत जाएगी और आप हर बार बाजी लगाने पर दस डॉलर जीतेंगे लेकिन रखने के लिए नहीं । इसलिए मुझे ईमानदार क्या पर की जरूरत होगी मैं समझ सकता हूँ । श्री कब ने कहा लेकिन मुझे जीत नहीं देने का क्या फायदा? अगर मुझे जीती हुई रकम वापस करनी होगी वहीं से बोले वाले लोगों को जाल में फंसाने की शुरुआत होती है । श्रीमान क्रिट्ज ने कहा, वो दो लोग देखते हैं कि आप जीते हुए कैसे लगते हैं और वो भी देखना चाहते हैं लेकिन वो नहीं देते जब वो बाजी लगाते हैं । जीत मेरी होती है । ये कोई खराब खेल नहीं है । श्री गभने गम्भीरता से कहा क्या ऐसा है एक साल बाद से ईमानदार होने की आशा नहीं करनी चाहिए । श्री कृष्ण ने कहा इसके पीछे तर्क है अगर एक ठक ठक बनना चाहता है तो उसे ठग बनना चाहिए क्या नहीं आम देशक श्री कब ने कहा मैंने इसे उस नजर से नहीं देखा था जहाँ तक मैं समझता हूँ । किसने कहा मैं जितना अधिक जानूंगा की एक जासूस किस तरह काम करता है मैं उतना ही अधिक सुखी समृद्ध रहूंगा जब मैं असल काम धंधा करना शुरू करूंगा । क्या ऐसा नहीं है? मेरा अनुमान है जब तक मैं काम की बारीकियों में माहिर नहीं हो जाता तब तक मैं यही ठहरूंगा । आपको ऐसा कहता सुनकर मैं खुश हूँ । श्री गवने राहत महसूस करते हुए कहा तो मुझे अच्छे लगते हो । तुम्हारी सूरत शक्ल अच्छी है और ये करने की जरूरत नहीं । अगली बार मेरा किरायेदार कौन हो सकता है? मुझे कोई ऐसा साथ ही मिल सकता है जो सच्चा नहीं था तो ये करार हो गया और श्री क्रिड बॉस टाइम पर खडे खडे रबड की छोटी गोली तथा तीनों खोल को लेकर कारस्तानी करने में लगे रहे जबकि गम मोहंते पलंग के किनारे पर बैठ के और रॅाव एजेंसी के कॉरस्पॉन्डेंस स्कूल ऑफ डिटेक्टिंग का सातवाँ सबका सीखने में लीन हो गए । श्रीमान क्रिड फिलहाल जिस समय नन्ही गोली को साधने का अभ्यास करने में लगे थे । उसने श्री कब को क्या पर की भूमिका निभाने के लिए कहा और जब जब श्रीमान कब जीते थे वो हर बार उसे पांच डॉलर का नोट पकडा देते । फिर श्रीगर बिक मूर्ख की भूमिका में आ गए और श्री कृष्ण इसने अपना सारा पैसा वापस जीत लिया । एक मूर्ख को हराने की खुशी उसके चेहरे से टपक रही थी और इसी खुशी में हस्ते हस्ते उसे इतनी जोर की खांसी आई कि उस पर काबू करना उसके लिए बहुत मुश्किल हो गया । उसकी खांसी जब तक नहीं रुकी तब तक उसने हाथ होने वाले पानी के घडे में से पानी निकाल कर नहीं पी लिया । वो कभी भी ऐसा नहीं लगा जैसे ये वही दयालू किस्म का बूढा भला मानुस हो जो एक छोटे से गांव में कैंडी काउंटर के पीछे बैठा होता था । वो वो स्टैंड पर झुका हुआ रबर की उस बहुत छोटी गोली को साधने में लगा रहा है । मानव गोली ने उसे मंत्रमुग्ध कर दिया हूँ । क्या यह विचित्र बात नहीं है कि कोई व्यक्ति किसी चीज के आकर्षण में एक बार ही इतनी बुरी तरह फंस जाए? उसने कुछ देर के बाद कहा, अगर ये ऐसा नहीं होता है जिसके लिए मैं इतना अधिक उत्सुक था तो मैं उसके साथ सप्ताहों तक बेवकूफी करता रहता है और कहीं नहीं पहुंच पाता । मेरी दिली इच्छा है कि आप मेरे लिए कुछ समय तक क्या पर का काम करें जब तक की मुझे कोई मिल नहीं जाता । मुझे अपना सारा समय अध्ययन में लगाना है । श्री हमने कहा जासूसी को डाक के जरिए सीखना आसान नहीं है, इस समय हूँ । श्रीकृष्ण ने कहा मुझे सच में आप सोच है हो सकता है अगर मैं आपके समय और कष्ट के लिए आपको एक रात की पांच डॉलर चुका हूँ । क्या कहते हूँ गम महाशियन सोच विचार किया अच्छा मुझे पता नहीं । उसने धीरे से कहा उस तरह की मदद करने के लिए मुझे पैसे लेना अच्छा नहीं लगता हूँ । अब उस तरह सोचने की कोई आवश्यकता नहीं । श्री कृष्ण ने कहा आप के वक्त की मेरे लिए कुछ कीमत है । सोने की ईंट के इस खेल का गुण सीखने के लिए ये मेरे वास्ते बहुत महत्व रखता है । मैं एक बार इसमें कौशल हो जाऊँ फिर इस प्रकार के सोने के हिट भेजने में मुझे कोई तकलीफ नहीं होगी । एक ही एक हजार डॉलर से अधिक में मिलेगी । सीट के लिए मैंने खुद पंद्रह सौ डॉलर चुका है और मैं समझता हूँ मुझे सस्ती बडी बढिया फायदे का सौदा है क्योंकि इस ईद की कीमत एक सौ डॉलर से एक्सेंट भी ज्यादा नहीं । मैं जानता हूँ क्योंकि मैं से खरीदने के बाद से लेकर बैंक गया था और यही कीमत है जो इसके बदले वह मुझे देने के लिए तैयार थे । सीखने के दौरान मुझे सहयोगी की जरूरत है जिसके लिए कुछ तो डॉलर चुकाना मेरे लिए कोई बडी बात नहीं । मैं आपको आसानी से कुछ डॉलर चुका सकता हूँ और उतने ही आपके किसी दोस्त को भी । खैर श्री कब ने कहा मैं नहीं जानता हूँ लेकिन उस तरह से जो थोडा बहुत मैं कमा सकता हूँ । कोई भी दूसरा काम आ सकता है । मेरा एक दोस्त है वो बीच में ही रुक गया आपका इरादा उसको सोने की तो बेचना तो नहीं क्या यही बात है श्रीकृष्ण की आंखे उनकी चश्मे के पीछे चौडी हो गई कसम से नहीं । उन्होंने कहा था ठीक है मेरा एक दोस्त है शायद वो आपकी मदद करने को तैयार हूँ । श्री गर्ग ने कहा उसे क्या करना होगा आप हूँ । श्री कृष्ण ने कहा वो आगे आगे रहेगा और ही खरीदने का ढोंग करेगा । और आप क्या आपका वो दोस्त ऐसा स्वांग करेगा जैसे ही सीट को बेचने में मेरी मदद कर रहा हूँ, ईद पाने के लिए बेहतर बाजी लगा सकते हैं क्योंकि आप बुद्धू जैसे देख सकते हैं और जिस व्यक्ति के पास ही है उसे सुनिश्चित करना होगा कि आप झांसे में आ जाए हूँ । मैं हर हालत में एक हद से ज्यादा मोर लग सकता हूँ । श्रीगर अपने घर से कहा पक्का होता हूँ । श्री कृष्ण ने कहा । और फिर ये तय हुआ कि सोने के ईद के खेल का पहला अभ्यास अगली शाम होगा लेकिन जैसे ही श्रीनगर वहाँ से हटे श्री कृष्ण ने बडी होशियारी से जासूसी के छात्र की कोर्ट की जेब में कुछ डाल दिया । अगले दिन लगभग दोपहर का समय था जब श्री क्रिड अपने चश्मे के ऊपर से झाकते और लेह की हांडियों से बचते बचाते खाली मकान की बैठक खाने में दाखिल हुए । जहाँ श्रीमान गब् काम कर रहे थे । मैं यूपी घूमते घूमते चलाया । श्री क्रीड ने कुछ अधिक संकोच से कहा आपसे ये कहने की अभी आपने दो से कुछ ना करें । मुझे लगता है वह करार खत्म हुआ । श्रीनगर आपने कहा आप का मतलब ऐसा नहीं है । दो सौ रुपए करने जैसा कुछ भी नहीं आप समझे । श्री कृष्ण ने अच्छा से कहा लेकिन ऐसे छोडना ही बेहतर होगा । बेशक जहाँ तक मैं जानता हूँ आप सही है । मैं नहीं जानता असल में आपका निष्कर्ष क्या है? श्री कब ने कहा आप खुलकर कहते क्यों नहीं? अरे मुझे इतना अधिक और इतनी बार तो किया गया है । श्रीकृष्ण ने कहा लगता है कोई भी किसी भी समय और किसी भी तरीके से मुझ से पैसा हो सकता है और मुझे इसी चीज के बारे में सोच विचार करना है । आप के बारे में कुछ नहीं जानता है क्या मैं जानता हूँ और यहाँ मैं आपको एक सोने की एक देने जा रहा हूँ जिसकी कीमत मैंने पंद्रह सौ डॉलर चुका हूँ और मैं आपको बाहर जाने देता हूँ और इंतजार करने देता हूँ । जब तक की मैं इसके लिए आपके दोस्त के साथ नहीं आता । और हाँ अगर आप सीट को लेकर चले जाते हैं और कभी वापस नहीं आती तो आपको ऐसा करने से कौन रोकने वाला है श्री गम ने श्रीकृष्ण इसको हक्का बक्का होकर देखा । मैं गया था और मैंने तो उसको बता दिया है । उसने कहा वो आने को पूरी तरह तैयार है । मुझे ये कहना अच्छा तो नहीं लगता है । श्रीकृष्ण ने कहा, लेकिन हम में नोट गिनने आया जो मैंने आपको बाजी लगाने के लिए दिए थे तो पाँच डॉलर काम निकले मैं जानता हूँ । गर्ग ने कहा, कहते हुए उसका चेहरा सुख हो गया और अगर आप मेरे कोर्ट तक जाएँ तो आपको मेरी जेब में मिलेगा जो मैं आपको वापस करने वाला था । मुझे नहीं पता ये किस तरह मेरे जेहन में पहुंच गया । शायद मुझ से चूक हो गई जब मैंने बाकी नोट आपको वापस किए । ठीक मुझे अनुमान था कि ऐसा ही हुआ होगा । श्री कृष्ण ने नम्रतापूर्वक कहा आप ईमानदार हैं, आप ऐसे लगते नहीं है श्रीमान कब? लेकिन एक हजार डॉलर मूल्य के सोने की जिसके लिए बैंक एक सौ डॉलर देगा । मुझे किसी पर भी इतना विश्वास करने से बचना होगा । श्री क्रीड सच में परेशान था अगर आप के सिवा कोई और होता । उसने सायास कहा मैं एक ईटकी लागत वसूलने के लिए उससे सौ डॉलर पहले ही रखवा लेता हूँ । मैंने कह दिया और मुझे लगता है कि आप पागल है । मैं पागल नहीं हूँ । श्री कब ने विरोध किया जब तक आप मुझे और बेटे को पैसे देते रहेंगे ये कारोबार चलता रहेगा । मैं इस बात के पीछे नहीं पडा हूँ की ईद की कीमत कितनी है । श्रीकृष्ण ने राहत की गहरी सांस ली । आप नहीं जानते मुझे ये सुनकर कितना अच्छा महसूस हो रहा है । उसने कहा मानव जाति में मेरा बच्चा कुछ विश्वास भी उठने लगा था । श्री कब ने वॉलस्ट्रीट पर मुख्य सडक से दूर पाई वैगन में शाम का अपना किफायती खाना खाया जहाँ दिन में पाई वैगन पेटी हल्की भोज्य पदार्थ वितरित करता था और ऍम पेटी वो दोस्त था जिसे उसने श्रीकृष्ण की उदारता में हिस्सा लेने के लिए न्योता दिया था । चूडी गब् उसके सामने काम का प्रस्ताव रखने और वो उसे स्वीकार या अस्वीकार करता उससे पहले ही पाई । बैगन बेटे के होठों पर गोपनीयता की सील जहाँ भी गई थी और जब श्रीगर आपने संध्या भोज के लिए रुके आॅप्रेटिंग काम से निजात पाकर अब उसका ही इंतजार कर रहा था श्रीकृष्ण और उसके ठग विद्या संबंधी शौकिया कारोबार का किस्सा सुन कर आई वजन बेटे का मन गदगद हो गया । उसे विश्वास नहीं हुआ कि कितनी अधिक मासूमियत भी मौजूद है । शायद उसे विश्वास नहीं हुआ के ऐसा भोलापन भी मौजूद है क्योंकि वो शहर से था और रिवर बैंक में बस ने से पहले उसके संगी साथियों का चाल चलन अच्छा नहीं था । वो पहनी आंख रखने वाला आदमी था । उसका सर लाल था । मुठ्ठी कठोर थी और उसके चेहरे पर एक लंबा चोट का निशान था और श्री गन्ने उसे श्री क्रिड तथा उसके कार्य के बारे में बताया था तो उसे इसमें एक देहाती में हमने को मूंडने का एक अच्छा अवसर नजर आया । आज रात क्या होने वाला है । फिर वो उसने श्री गजब के नजदीक स्कूल पर बैठते हुए पूछा । बिल्कुल ठीक श्री कब ने कहा सारा बंदो बार संतोषजनक हो गया है । ठीक नौ बजे घाट बाडा चौकी के पास पुरानी हाउस बोट पर रहूंगा । इसके साथ ही श्री गभने जमादार की पीठ पर नजर डाली और अपनी आवाज धीमी करके और श्री क्रेड तुझे वहाँ लेकर आएंगे । नौ बजे ऍम बोला मैं उसे आपके कमरे में मिलता हूँ क्या ये ठीक नहीं रहेगा तो उसे नौ बजे रिवर बैंक होटल में मिलूं । श्री कब ने कहा ऐसा समझो जैसे हकीकत में होता है । मैं अपने कमरे की तरफ जा रहा हूँ । उसे पैसे देने के लिए कौन से पैसे पाई? वेगन बेटे ने तुरंत पूछा ही तुम समझा करूँ? श्रीगर आपने कहा वो ऐसा आदमी है जो विश्वास नहीं करता हूँ । उसके हाथ में जब तक पैसा नहीं पहुंचेगा वह भरोसा नहीं करने वाला । उसके लिए पैसा ही सब कुछ है । इसलिए मैंने सोचा मैं एक सौ डॉलर रख देता हूँ । बिल्कुल ठीक है । फॅमिली ऍम उसने श्री गप पर नजर डाली जो सेब का समोसा भुक्कड की तरह खा रहा था और उसके बारे में एक नई दृष्टि से विचार क्या एक्सॅन आप इसी समय सौ डॉलर जमा रखने के लिए देंगे और वो आपको नौ बजे मिलेगा और मुझे पौने नौ बजे शिकागो के लिए आठ टाॅपर छोडती है । हाउस बोट और होटल के बीच आधे रास्ते बोलो तो कभी ये बूढा आदमी दिखता कैसा है? श्री गजब की जुबान यदपि वर्णन करने की अभ्यस्त नहीं थी । फिर भी उसने श्री कृष्ण जी के व्यक्तित्व का ब्यौरा देने की भरसक कोशिश की और जिस प्रकार उसने बोलना शुरू किया ऍम बेटे को सुनने में मजा नहीं लगता । गुलाबी और गंजा उसका फिर एकदम ऊपरी हिस्सा यानी खोपडी सकता । उबले अंडे जैसी है । उसके चेहरे पर चोट का निशान नहीं है, उस शैतान के बारे में और क्या कहूँ? हाँ, छोटा कद और थुलथुला बदन और सच मुझे बूढा बिहार से ज्यादा नीली आंखें उसे खासी का दौरा पडता है । कहता है और खास खास चेहरा भी हो जाता है । बिल्कुल ठीक सर एक बिलकुल नए नवेले जासूस के वास्ते आपने बहुत अच्छा किया है सुनु जिम गब्बी के पास एक सख्त उबला अंडा है । जमादार का कॉफी का प्याला गिरते गिरते बचा जाॅन आपने नहीं ये ठीक है और सामान के साथ उसे पकड लिया । कहने दो सुनो गंभीर पाई रेगन पेटी ने पांच मिनट तक बात की जबकि श्री कब चौडा हो खोले बैठा रहा । देखो स्पाईवेर गन्ने अंत में कहा आप मेरा जिक्र बिल्कुल ना करें, किसी का भी नाम ना ले सिर्फ उस चीज को कहीं और । यहाँ तक उसका पीछा करने और माल के साथ उसे पकडवाने का इंतजाम करने के बाद श्री विटेकर । अब आपको देखना है देखिए और आप की बात कहते हैं उसे आपके साथ दो चार साल भेजने का आग्रह करें और अगर वो ये कर सकते हैं तो वो उस कठमुल्ले को नकदी लेते पकडेंगे कल जब सुबह के अखबारों में खबर छपेगी तब पुराने खुफिया और शरलॉक होम्स उसमें नहीं होंगे । समझे गभने समझ लिया जब वो उसकी शयन कक्ष में दाखिल हुआ क्रिड उसका इंतजार कर रहा था । समय आठ बजे के थोडा ऊपर था शायद सवा आठ बजे होंगे । श्री कृष्ण ने ऐसा लगता था सोने की ईद अखबार में अच्छी तरह से पेट रखी है और उसने अपनी सोम में नीली आंखे उठाकर देखा था । वो कम्पलीट कॉनमैन पड रहा था और श्री गब् के अंदर आते ही उसने अपना चश्मा माथे पर चढा लिया । मैंने वही तो कागज में अच्छी तरह लपेटकर आपके लिए तैयार रखी है । उसने अपने हाथ से उस तरफ इशारा करते हुए कहा ताकि आप जब सडक से जा रही हूँ ये चमके नहीं । अगर शहर में सोने की ईंट होने की खबर फैल गई तो लोगों को कुछ कुछ बंदे हो सकता है । सुभाव नहीं रह सकते । बाहर निकलने के लिए है ना । आज दोपहर मुझे अपनी पत्नी से खत्म मिला वो भी बंद कर के हजार किसकी । वो कहती है इससे उम्मीद है कि मेरा काम अच्छा चल रहा है । रैली का दौरा पड जाएगा अगर उसे पता चल गया कि मैं क्या कारोबार कर रहा हूँ । खैर तो समय निकल रहा है मैं काम लेकर आया हूँ । श्री कब ने अपनी जेब से पैसा निकालते हुए कहा ये जरूरी तो पता ही नहीं लगता । लगता है क्या । श्रीकृष्ण ने सौम्यता पूर्व कहा लेकिन मैं समझता हूँ कि ये भी है ऍम मैं जैसे अभी आपने कोर्ट में रख कर आता हूँ । श्री गभने सोने की ईंट उठा ली थी और संरक्षण उसने ईद को डेढ जाने दिया । एक बार फिर झट से दरवाजा खुला था लेकिन इस बार ये तीन तगडी पुलिस वालों के लिए खुला है जिन्होंने अपनी पिस्तौल श्री कृष्ण पर तांदी उस गोलमटोल नाते आदमी ने एक निभा डाली और अपने हाथ खडे कर दिया । ठीक है बच्चों आखिर तुमने मुझे पकड नहीं लिया । उसने बिलकुल दूसरी आवाज में कहा और उन्हें अपनी बाहें पकडने दी । उसने पुलिस की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया लेकिन श्री कब को नजर भर देखा जो हीट पर निपटा कागज हटा रहा था ईद को अच्छी तरह देखा तो वही साधारण ईद निकली जो खरंजे लगाने के काम में आती है वो सुस्त और भावशून्य लग रहा था कहूँ श्री कृष्ण ने श्री कब से कहा मैं दुराचारी व्यक्ति हूँ । आपने मुझे सही ढंग हमारा । मुझे नष्ट करने में आपने कडी मेहनत की और अच्छा चल बिछाया । मैं समझता था की मैं आप सबको बर्नर से यहाँ तक भली बातें जानता हूँ लेकिन आप मेरे लिए बिल्कुल नए हैं । वैसे आप कौन हैं? श्री गभने ऊपर देखा मैं । उसने गर्व से कहा क्यों? किस लिए मैं कब रिवरबैंक आईओवा का सर्वोत्तम जासूस?

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विश्‍व प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखी गई जासूसी कहानियों का अनोखा कलेक्‍शन है ‘बड़ी जासूसी कहानियां’। ओ हेनरी, जी.के.चेस्‍टरटन, आरनॅल्‍ड बेनेट, रॉबर्ट बार तथा अन्‍य लेखकों द्वारा लिखी गईं चयनित जासूसी कहानियां पाठकों को बेहद पसंद आएंगी। रहस्‍य और रोमांच से भरपूर ये कहानियां आपका भरपूर मनोरंजन करेंगी। सुनें पूरी कहानी। writer: भविष्य कुमार सिन्हा Voiceover Artist : RJ Nikhil Author : Bhavishya Kumar Sinha
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