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8 - लॉर्ड चिजॅलरिग का लापता खजाना in  |  Audio book and podcasts

8 - लॉर्ड चिजॅलरिग का लापता खजाना

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विश्‍व प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखी गई जासूसी कहानियों का अनोखा कलेक्‍शन है ‘बड़ी जासूसी कहानियां’। ओ हेनरी, जी.के.चेस्‍टरटन, आरनॅल्‍ड बेनेट, रॉबर्ट बार तथा अन्‍य लेखकों द्वारा लिखी गईं चयनित जासूसी कहानियां पाठकों को बेहद पसंद आएंगी। रहस्‍य और रोमांच से भरपूर ये कहानियां आपका भरपूर मनोरंजन करेंगी। सुनें पूरी कहानी। writer: भविष्य कुमार सिन्हा Voiceover Artist : RJ Nikhil Author : Bhavishya Kumar Sinha
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प्लॉट ऍफ का लापता खजाना मेरी भविष्यदृष्टा पैगंबर या आत्मा मेरे हम कर स्वर्गीय लॉर्ड ऍफ का नाम देने मन में तब तक कभी नहीं आता है जब तक कि उसी समय श्री टी एडिसन के नाम का जिक्र ना किया जाए । मैंने स्वर्गीय लॉर्ड ऍफ को कभी नहीं देखा और मैं अपने जीवन में श्री एडिसन से सिर्फ दो बार मिला हूँ और ये श्री एडिसन द्वारा की गई टिप्पणी थी जिसमें मुझे उस रहस्य को सुलझाने में बहुत मदद की जिस रहस्य को स्वर्गीय चिजल रखने अपने कार्यों के इर्द गिर्द लपेटा हुआ था । अभी ऐसा कोई स्मरण ले क्या कोई चिट्ठी मेरे पास नहीं है जिसके आधार पर मैं कह सकते ऑडिशन के साथ ये दो मुलाकात किस वर्ष में हुई थी मुझे पेरिस में इटली के राजदूत से इस आशय की एक सूचना मिली की मैं अंदर ऐसी अर्थात राजदूत कार्यालय में उनकी प्रतीक्षा करने मुझे जानकारी मिली के अगले दिन हम वैसी से एक शिष्टमंडल किसी एक प्रमुख होटल के लिए प्रस्थान करेगा । वहाँ महान पैर के अविष्कारक की शान है, समारोहपूर्वक प्रतिक्षारत रहेगा और फिर उन्हें औपचारिक रूप से विभिन्न तमगे पेश करेगा जिनके साथ कुछ ऐसे सम्मान भी होंगे जो इटली की सम्राट उन्हें प्रदान किए थे क्योंकि इस अवसर पर इटली की अनेक उच्च पदस्थ हस्तियों को आमंत्रित किया गया था और चुकी इन प्रतिष्ठित महानुभावों को न केवल अपनी पद मर्यादा के अनुसार पोशाक पहन कराना था बल्कि उनमें से अनेक हस्तियों को तो आगात मूल्य के जेवरात धारण करने आने की परिपार्टी का निर्वाह करना था । इस कारण मेरी मौजूदगी वांछित थी । विषेशकर इस बात को ध्यान में रखते हुए कि अवसर का लाभ उठाकर अगर कोई चुस्त चालाक व्यक्ति, देश कीमती वस्तुओं पर आज साफ करने का प्रयास करें तो मैं ऐसी दुर्घटनाओं को टाल सकता । उन्हें मुझ पर शायद इतना भरोसा था कि मेरी निगरानी में ऐसे किसी दुर्घटना की आशंका नहीं रहेगी । श्री एडिसन को बेशक काफी पहले इस आशय की सूचना मिल गई थी कि शिष्टमंडल उनकी प्रतीक्षा करेगा । लेकिन जब हम आविष्कारक को दिए गए सुसज्जित बडे वार्तालाप कक्षा में दाखिल हुए तो एक नजर में ही समझ गया कि वो प्रख्यात व्यक्ति समारोह के बारे में बिल्कुल भूल गया है । वो एक अनावरत मेज के पास खडे थे जिससे कपडे उतारकर एक कोने में फेंक दिए गए थे और उस मेज पर मशीनरी के काले और ग्रीस लगे कई पुर्जे पडे हुए थे । दांतेदार जबकि गिरनी बोल्ड एहतियाती । ये पूर्व फ्रांस के कामगार के लगती थी जो मेज के दूसरी तरफ खडा था । कालिक से भरे अपने हाथ में एक पुर्जा ली । ऍम के अपने हाथ भी कोई ज्यादा साफ नहीं थी क्योंकि वह सम्भवता हा उस साज सम्मान की जांच परख कर रहे थे और उस कारीगर से बातचीत भी कर रहे थे जिसमें लोग ही की छोटी मोटी कार्यकारी करने वालों की साधारण लम्बी कुर्ती पहनी हुई थी । मेरे अनुमान के अनुसार उसके पीछे की किसी गली में अपनी छोटी सी दुकान थी जिसमें वो मशीनों एवं मशीनी पुर्जों को सुधारने, मरम्मत आदि करने का काम किसी एक या दो कुशल सहायको तथा कुछ एक शागिर्दों की मदद से करता था । जैसे ही आडम्बरपूर्ण शोभा यात्रा प्रवेश करने लगी, एडिसन ने कडी नजर से दरवाजे की तरफ देखा और उन के काम में विभिन्न पडने के कारण उनके चेहरे पर गुस्से की एक झलक थी और उसमें किंचित उलझन भी थी । कितनी आडंबरपूर्ण जुलूस का क्या मतलब हो सकता है । जहाँ तक समारोह का संबंध है, इटलीवासी और स्पेनवासी पूरी तरह सज धज कराते हैं । आगे आगे वह चल रहे थे और उनके बीच पदाधिकारी था जिसमें बहुत परिश्रम से सजाई हुई संदूकची पकडी हुई थी, जिसके अंदर बिछे मखमली कपडे पर जेवरात थे । ये जो भी धीरे धीरे चलकर आगे आया और उस अचमत अमेरिकी के सामने ठहर गया । तत्पश्चात राजदूत ने बुलंद आवाज में संयुक्त राज्य और इटली के बीच विद्यमान मैत्री के संबंध में कुछ लुभावने शब्द कहे और कामना व्यक्त की कि उनकी प्रतिस्पर्धा से सदैव मानव जाति का लाभ हो और सम्मानित व्यक्ति को संसार का एक ऐसा उत्कृष्ट उदाहरण बतलाया जिसके जैसा कोई दूसरा पैदा नहीं हुआ है और जिसने शांति विषयक कलाओं में सभी राष्ट्रों पर उपकार किया है । भाषण कला में माहिर राजदूत ने ये कहते हुए अपनी वाणी को विराम दिया कि आपने प्रतापी अधिपति के आदेश से आप को ये सम्मान अर्पित करना मेरा कर्तव्य भी है और मेरी खुशी भी आ दिया गया । श्री एडिसन ने सहज दिखने के बावजूद कम से कम शब्दों में एक उपयुक्त उत्तर दिया और छोटे से समारोह के इस प्रकार समापन के बाद उदास पुरुषों का जत्था अपने राजदूत की अगुवाई में लौट पडा और मेरा स्थान उस शोभा यात्रा में सबसे पीछे था । अंतर्मन से मेरी गहरी सहानुभूति उस फ्रैंड कार्य कर के साथ जैसे कल्पना भी नहीं होगी कि अचानक उसे इतनी चमक दमक और ठाट बाट का सामना करना पडेगा । उसने उडती निभा उस पर डाली लेकिन पाया की उसका पीछे हटना मुमकिन नहीं है । इन तडक भडक वाले महानुभावों में से कुछ कुछ जगह से हटाए बिना फिर उसने अपने में सिमटने की कोशिश की और अंतर रहा । एक पक्षाघात की शिकार व्यक्ति के समान लाचार बना खडा रहा । लोकतंत्र के समर्थक संस्थाओं के बावजूद प्रत्येक फ्रांस निवासी के दिल में ऐसे राजकीय समारोह के प्रति गहरा सम्मान और गहरी श्रद्धा होती है । लेकिन वह है दूर से देखना पसंद करता है और अपने साथियों के समर्थन से भद्दे ढंग से ऐसी चीजों के बीच घुसना नहीं चाहता जैसा कि इस भयाक्रांत इंजीनियर के साथ हुआ । जाते जाते मैंने बढकर एक नहीं था, उस विनम्र कार्यकर पर डाली जो हर दिन कुछ फ्रैंक पाकर ही संतुष्ट रहता हैं और उसके सामने मौजूद लखपति आविष्कारक को भी देखा । एडिसन का चेहरा जो भाषण के दौरान उदासी और शांत बना हुआ था और जिसे देखकर मुझे नैपोलियन की एक आवक्ष प्रतिमा की याद आने लगी थी । अपने विनम्र मुलाकाती की ओर होल्कर अब चमक रहा था । उसने खुशी से चीख कर उस कारीगर से कहा एक मिनट का प्रदर्शन ही घंटे के स्पष्टीकरण के बराबर होता है । मैं कल लगभग दस बजे तो तुम्हारी दुकान पर आऊंगा और तुम्हें दिखाऊंगा की किस चीज को काम करने लायक कैसे बनाया जाता है । मैं हॉल में टिका रहा जब तक कि फ्रांसिस आदमी बाहर नहीं आया । फिर उस से अपना परिचय देने के बाद मैंने पूछा कि क्या मैं कल दस बजे उसकी दुकान देखने आ सकता है? उस ने मेरा अनुरोध उसी विनम्रता से स्वीकार कर लिया जो विनम्रता फ्रांस के औद्योगिक वर्गों में हमेशा पाई जाती है और अगले दिन मुझे श्री एडिसन से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ । अपनी बातचीत के दौरान मैंने उन्हें तापूर्ण दीप विद्युत प्रकाश का अविष्कार करने के लिए बधाई दी और उनका ये जवाब था जो मेरी याददाश्त में अब तक बना हुआ है । ये कोई आविष्कार नहीं था बल्कि खोज थी । हमें पता था हम क्या चाहते हैं । एक कार बनी कृत को लगभग एक हजार घंटे तक सहन कर सके । अगर ऐसा कोई इशू नहीं होता तो ये विद्युत प्रकाश जिसकी हम बात कर रहे हैं, संभव नहीं था । मेरे सहायको ने उसकी खोज शुरू कर दी और जो भी चीज हमारे हाथ लगी हमने उसका कार्बनिक रन क्या और एक रिक्तता में उसके जरिए करंट दौडाया । अंततः हमें सही चीज मिल गई क्योंकि हम हार मानकर बैठने वाले नहीं थे और ये चीज मौजूद थी तो हम उसे खोजने में लगे रहते हैं । चाहे कितना भी समय लगे धैर्य और कडी मेहनत किसी भी बाधा को पार कर लेती है । ये विश्वास मेरे व्यवस्थाएँ, मैं मेरे लिए बहुत मददगार साबित हुआ । मैं जानता हूँ ये धारणा बनी हुई है कि एक जासूस ऐसे सुरागों के जरिए नाटकीय ढंग से आपने समाधान पर पहुंचता है जिन्हें एक साधारण आदमी नहीं दे पाता । बेशक ऐसा बारंबार होता है लेकिन सामान्य तौर पर धैर्य और कठिन परिश्रम, जिसकी सिफारिश श्री एडिसन करते हैं, एक अधिक सुरक्षित सिद्धांत है तो यहाँ बहुत बार ऐसा हुआ कि अच्छे से अच्छे सुरागों का पीछा करने के बावजूद मेरे हाथ कुछ नहीं लगा । दुर्भाग्य के अलावा जैसा की पांच सौ हीरो की पहेली सुलझाने के पद किस्मत प्रयास में मेरे साथ हुआ । जैसा की मैं कह रहा था, मैं कभी स्वर्गीय लॉर्ड ऍम के बारे में सोच भी नहीं सकता, यदि उसी क्षण श्री एडिसन का नाम मेरे ध्यान में नहीं आएगा और फिर भी दोनों एक दूसरे से बहुत भिन्न थे । मैं समझता हूँ कि लॉर्ड्स ऍम कभी इस धरती पर रहे । लोगों में सबसे निकम्मा नाकारा आदमी था जबकि एडिसन उसके एकदम वितरि । एक दिन मेरा नौकर मेरे पास एक कार्ड लेकर आया, जिस पर लॉर्ड ॅ अंकित था । कृपया अंदर तशरीफ लाएं । लॉर्ड बहुत है । मैंने कहा । और फिर जो व्यक्ति मेरे सामने आया वह चौबीस पच्चीस वर्ष का एक जवान आदमी था । उसने बढिया कपडे पहने हुए थे और उसकी चाल ढाल एवं हावभाव अत्यंत लुभावनी थे । यह थापी उसने एक ऐसा प्रश्न पूछकर बातचीत शुरू की जैसा प्रश्न पहले कभी मुझसे नहीं किया गया था और वो अगर किसी वकील या दूसरे पेशेवर आदमी से किया गया होता तो इसका उत्तर उसने कुछ नाराजगी से दिया होता । वस्तुतः मेरा मानना है कि लॉर्ड्स जलरंग ने जो प्रस्ताव मुझे पेश किया, उसे स्वीकार करना अगर साबित हो जाता है, वकील के लिए अपमानजनक होगा और उसे बर्बाद करने वाला होगा । श्रीयुक्त वालमॉर्ट लाॅन्ड्रिंग ने अपनी बात शुरू की, क्या मात्र अनुमान पर आधारित मामले का भी हाथ में नहीं लेते हैं? मात्र अनुमान पर सर नहीं नहीं समझ पा रहा हूँ कि आप क्या कहना चाहते हैं । लॉर्ड बहुत देख लडकी की तरह शरमाई और फिर कुछ कुछ हकलाते हुए सफाई देने लगे । मेरे कहने का मतलब है कि क्या आप कोई केस शर्तिया फीस पर लेते हैं? कहने का अर्थ है महोदय अच्छा, कोई बहुत अच्छा शब्द सूझ नहीं रहा । कैसे कहूं, कोई परिणाम नहीं तो कोई भुगतान में नहीं । मैंने कुछ गंभीरता से जवाब दिया । ऐसा कोई प्रस्ताव मुझे कभी पेश नहीं किया गया है और मैं आपको भी बता दूँ कि ऐसा कोई अवसर मुझे दिया गया होता तो मैं उसे ठीक कराने के लिए बाध्य हो जाता है । जो भी मामले मेरे सामने आते हैं, मैं उन का हल निकालने के लिए अपना समय देता हूँ और उन पर सोच विचार करता हूँ । मैं सफल होने की चेष्टा करता हूँ, लेकिन मैं उस पर अधिकार नहीं हो सकता और चुकी इस बीच मुझे नहीं ना दी है । इसीलिए मैं अपना समय देने के बदले कुछ फीस वसूलने के लिए विवश हूँ । आप मेरी बात से सहमत होंगे कि डॉक्टर आपने बिल भेजना नहीं भूलता । यद्दपि मरीज मार भी जाएगा । वो जवान आदमी असहज रूप से हजार और लगता था कि आगे कुछ कहने में उसे कठिनाई हो रही है । पर अंततः उसने कहा आप का उदाहरण संभव होता है । उस की अपेक्षा अधिक सच्चाई से भरपूर चोट करता है जिसकी कल्पना अपने से व्यक्त करते समय की थी । मैंने अभी अभी उस डॉक्टर को अंतिम बिल का भुगतान कर अपनी ये पूरी खाली कर दी है जिसने मेरे स्वर्गवासी अंकल लॉर्ड ऍफ का इलाज किया था और जो छह महीने पहले मर गए । मैं भलीभांति समझता हूँ कि मैंने जो सुझाव आपको दिया वो आपकी कुशलता पर एक प्रश्नचिन्ह लगाने जैसा प्रतीत होता है या फिर आपकी योग्यता के बारे में संधि करने के समान है । लेकिन श्रीमान अगर आप ऐसी भूल कर रहे हैं तो मुझे बहुत दुख होगा । मैं यहाँ आ सकता था और आपको कह सकता था की मैं एक विचित्र स्थिति में हूँ जिससे स्पष्ट करने की जिम्मेदारी आप उठाए । और मुझे कोई संदेह नहीं है कि आपने अनगिनत काम हाथ में लेने के बावजूद मेरा प्रस्ताव स्वीकार कर लिया होता है । फिर कर आप विफल हो जाते हैं । मैं आपको आपकी फीस चुका नहीं पाता हूँ क्योंकि मैं असल में दिवालिया हो चुका हूँ । पता है मेरी इच्छा पूरी एक ईमानदार शुरुआत करने की थी और आपको अपने बारे में सब कुछ स्पष्ट कर देना चाहता था । अगर आप कामयाब हो जाते हैं तो मैं एक अमीर आदमी बन जाऊंगा । अगर आप सफल नहीं होते तो मैं वहीं रहूंगा जो मैं भी हूँ । असहाय और निर्धन । क्या अब मैंने स्पष्ट कर दिया कि मैंने अपनी बात एक सवाल से शुरु क्योंकि जिस पर कुपथ होने का आपको पूरा अधिकार है बिल्कुल स्पष्ट माॅ और इसका श्रेय आपकी साफ दिल्ली यानी निष्पक्षता को जाता है है । उसके विनम्र एवं सरल व्यवहार और झूठे वाहनों के अंतर का कोई सेवा स्वीकार नहीं करने की उसकी स्पष्ट इच्छा का मैं घायल हो गया । मैं जब अपनी बात समाप्त कर चुका अंकिचन भला आदमी उठ खडा हुआ और उसने सिर झुकाकर धन्यवाद प्रकट किया । श्रीमान मेरी आवभगत करने में आपने जो शालीनता दिखलाई है, मैं उसके लिए आप का बहुत अधिक रही हूँ और मैं व्यर्थ के सवाल पर आपका समय लेने के लिए केवल शाम मान सकता हूँ । सुप्रभात आपका दिन मंगल में हो । एक मिनट ॅ उसकी कुर्सी की ओर दोबारा इशारा करते हुए मैंने प्रत्युत्तर दिया यद्यपि आपके द्वारा सुझाई गई शर्तों पर मैं एक दलाली स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हूँ । फिर भी मैं आपको एक दो संकेत दे सकता हूँ जो आपके लिए काफी उपयोगी साबित होंगे । नए समझता हूँ । लॉर्ड ॅ की मृत्यु की घोषणा के बारे में मुझे कुछ कुछ याद है । कुछ सनकी या झुकी थे? नहीं थे क्या संकेत उस युवक ने कुर्सी पर दोबारा बैठते हुए कहा हल्की सी हंसी के साथ ठीक है । वस्तुतः मुझे धुंधला सा याद पडता है कि उन्हें लगभग बीस हजार एकड भूमि के कब्जे का अधिकार प्राप्त था । तथ्यात्मक रूप से सत्ताईस हजार उसने जवाब दिया, क्या उन जमीनों तथा उन पर हलफनामे के आप वायरस निकल आए हैं? अरे हाँ, संपत्ति का उत्तराधिकारी अपरिवर्तनीय था । वो वृद्ध सज्जन आदमी चाहकर भी उसे मुझ से अलग नहीं कर सका और मुझे बहुत बंदे है की ये बात उसके लिए कुछ चिंता का कारण रही होगी । लेकिन निश्चित रूप से महिला कोई भी कह सकता है कि जिस आदमी के पास इंग्लैंड के इस घने, उपजाऊ एवं मूल्यवान क्षेत्र में जागीर हो वो दर्द या गरीब कैसे कहना सकता है । वो युवक फिर हजार हो अच्छा नहीं । उसने जवाब दिया और झट से अपनी जेब में हाथ डालकर कुछ एक सामने के सके और एक चांदी का सिक्का निकाला । मेरे पास आज का खाना खरीदने के लिए काफी पैसे हैं लेकिन इतने नहीं के होटल्स असल में खाना खा सकता हूँ । आप समझ ये ये इस प्रकार है । मैं किंचित एक प्राचीन परिवार से नाता रखता हूँ जिस के विभिन्न सदस्य तीव्र वेग से चले और उन्होंने अपनी अपनी जमीन पूर्ण तैयार गिरवी रखती । मैं अगर कडी से कडी मेहनत करता तब भी में अपनी संपत्ति पर एक भी पैसा और नहीं उठा सकता था क्योंकि जिसका पैसा उधार दिया गया था । जमीन की कीमत आज के जमीन मूल्य से बहुत अधिक था । कृषक मंदी तथा उससे जुडी अन्य खराब परिस्थितियों ने मुझे अगर मैं ऐसा कह सकूं हजारों के कर्ज तले दबाकर बहुत ही बत्तर हालत में छोड दिया है । इससे तो अच्छा था की मेरे पास कोई जमीन होती हैं । इसके अलावा मेरे स्वर्गीय अंकल की जिंदगी के दौरान संसद ने उन की ओर से एक या दो बार हस्तक्षेप करके उन्हें न केवल मूल्यवान लकडी काटने की मंजूरी दिलाई बल्कि जाॅर्ज के चित्रों को क्रिस्टीज यहाँ बहुत बडी रकम पर भेजने की भी अनुमति दिलाई और उस धन राशि का फिर क्या हुआ? मैंने पूछा भद्रपुरुष मेरे सवाल पर उन्होंने एक बार हम क्या, ठीक ही यही बात जिसे जानने के लिए मैं लेफ्ट में ऊपर आया कि क्या श्रीमान बॉल माउंट पता लगा सकते हैं? महिला आप मुझे दिलचस्प लगते हैं । मैंने कहा सच में एक असहज आशंका के साथ की उसका केस बहरहाल मुझे लेना पड जाए क्योंकि मुझे दिलचस्पी युवक ने पहले ही मुँह लिया था । उसके बिना किसी बहानेबाजी के बाद करना मुझे अच्छा लगा और उसको लपेटे हुई वो सहानुभूति जो मेरे देशवासियों में इस कदर सर्वव्यापक है, जैसा की मैं अपनी निजी स्वतंत्र, अच्छा से कह सकता हूँ । बहुत थी मेरे अंकल लॉर्ड फॅसने कहना जारी रखा है हमारे परिवार में कुछ सिलेक्शन व्यक्ति थे परंपरा के विरुद्ध चलने वाला । वो एक बहुत बहुत पुरानी नीति के विपरीत रहे होंगे । एक ऐसी नीति जिसका हमारे पास कोई लेखा नहीं, वो उतने ही कर पढते जितने उनके पूर्वज उडाऊ अर्थात मुक्त हस्ते जब करीब बीस वर्ष पहले उन्हें जागीर और उसका स्वत्वाधिकार मिला । उन्होंने सारे नौकर चाकरों को बर्खास्त कर दिया और वस्तु रहा । वह कई कानून मुकदमों में प्रतिवादी रहेगा जहाँ हमारे परिवार के सेवकों ने गलत बर्खास्तगी क्या नोट इसके बदले कोई भी मुआवजा दिए बिना नौकरी से निकाले जाने पर उनके खिलाफ मुकदमे होते थे । मुझे कहते हुए खुशी है कि वह सारे मुकदमे हार गए और जब उन्होंने गरीबी की दुहाई दी, उन्हें कुछ कलागत वस्तुएं बेचने की मंजूरी मिल गई ताकि वह मुआवजा दे सकें और कुछ उनके जीवन निर्वाह के लिए भी बचाएं । परिवार की ये मौरूसी वस्तुएं अप्रत्याशित रूप से इतनी अच्छी कीमत पर बिकी की मेरे अंकल को परिवार की पुरानी पुरानी वस्तुएं एवं संपत्ति बेचने का एक चस्का लग गया । वो हमेशा साबित कर देते कि किराया रहन धारको जाता है और उनके पास अपना गुजारा करने के लिए कुछ भी नहीं है । इस प्रकार कई अवसरों पर उन्होंने लकडी कटवाने और चित्रों की बिक्री करने के लिए अदालतों से मंजूरी ले ली जिसका नतीजा ये हुआ की जागीर पूरी तरह कंगाल हो गई तथा पुरानी हवेली एक उजाड कोठार में तब्दील हो गई । वो एक मजदूर की तरह रहने लगे । कभी बढाई बन जाते, कभी लोहार वस्तुत है । उन्होंने लाइब्रेरी को एक लोहार की दुकान में बदल दिया जो ब्रिटेन में बहुत ही श्रेष्ठ कमरों में से एक है और जिसमें हजारों मूल्यवान पुस्तकें भरी हुई थी । उन्होंने इन पुस्तकों को बेचने की मंजूरी के लिए कई बार आवेदन किया लेकिन ये मंजूरी उन्हें कभी नहीं दी गई । ये संपत्ति मेरे अधिकार में आने पर मुझे पता चलता है कि मेरे अंकल ने लगातार कानूनको अंगूठा दिखाया और लंदन में व्यापारियों के जरिए शानदार संग्रह को पूरी तरह खाली कर दिया । चोरी छिपे एक एक पुस्तक निकालकर उनकी मृत्यु से पहले अगर ये बात उजागर हो जाती तो निसंदेह उनके लिए बडी मुसीबत खडी हो सकती थी । लेकिन अब वो मूल्यवान पुस्तकें जो जा चुकी हैं और क्षतिपूर्ति का कोई चारा नहीं रह गया है । उनमें से अनेक पुस्तकें नहीं, संधि अमेरिका में है । क्या यूरोप के म्यूजियमों तथा संग्रहों में आप शायद मुझ से उनकी तलाश करने की अपेक्षा रखते हैं? अरे नहीं, उनको वापस पाने का वक्त बीत चुका उस वृद्ध आदमी ने दस हजार की लकडी बेच डाली और क्षेत्रों को बेच बेचकर भी दस हजार कमा । घर का सारा बढिया पुराना फर्नीचर गायब है जिसकी कीमत का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है । और फिर वह किताबें जैसा की मैं कह चुका हूँ । बहुत बडी कीमत भी की होंगे अगर उसे उनके मूल्य का कुछ अंदाजा रहा हूँ और आपको इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए । क्यों से उनकी असली कीमत का पता नहीं होगा? इस मामले में उसका दिमाग बहुत चलता था । अदालत ने पिछली बार करीब सात वर्ष पहले आगे और राहत देने से मना कर दिया । वह कानून की अवज्ञा करके गुपचुप तरीके से किताबों और फर्नीचर की बिक्री करता रहा । मैं उस समय अवैध था, लेकिन मेरे अभिभावकों ने अदालत में उसकी अर्जी का विरोध किया और उसके हाथ में पहले से आई रकम का हिसाब मांगा । जजों ने मेरे अभिभावकों द्वारा किए गए विरोध को सही ठहराया और जायदाद की आगे लूटपाट करने की इजाजत नहीं दी । लेकिन उन्होंने मेरे अभिभावकों द्वारा की गई हिसाब किताब की मांग नहीं मानी क्योंकि पहले की बिक्री का पूरा निपटान मेरे अंकल पर निर्भर था और अदालत में उन्हें मंजूरी दी थी की वो अपने स्तर के अनुसार जैसे चाहे रह सकते हैं । अगर वह खुले हाथो खर्च करने के बजाय कंजूसी से रहते जैसा कि मेरे अभिभावकों का कहना था तो जजों के अनुसार ये उनका अपना मामला था और बात वही समाप्त हो गई । उनकी आखिरी अर्जी के इस विरोध के कारण वह मुझ से अत्यधिक नफरत करने लगे । यद्दपि सच में उस मामले से मेरा कुछ लेना देना नहीं था । वो तो एक सन्यासी की तरह अधिकतर लाइब्रेरी में रहते हैं और एक बूढा आदमी तथा उनकी पत्नी उनकी सेवा टहल में प्रस्तुत रहते थे और ये तीन व्यक्ति एक इतनी बडी हवेली के बाद शिंदे थे जिसमें सौ लोग आराम से रह सकते थे तो किसी से मिलने नहीं जाते थे और किसी को भी चीज अलग चेंज से मिलने नहीं देती थी इस उद्देश्य से कि जिन लोगों का बदकिस्मती के साथ लेनदेन रहा वो उनकी मृत्यु के पश्चात मुसीबत झेले । उन्होंने एक वसीयत छोडी जिसे मेरे नाम एक पत्र अधिक कहा जा सकता है । उस की कॉपी ये रही मेरे प्यारे तो तो मैं अपनी किस्मत का खजाना लाइब्रेरी में कागज के दो तीन पन्नों में मिलेगा । स्वस्थ नहीं तो भारत अंकल राॅक ऍफ ऍम मुझे कानूनी दृष्टि से वसीयत होने के बारे में संधि है । मैंने कहा किसी कानूनी वसीयत की जरूरत नहीं है । उस युवक ने मुस्कुराकर कहा मैं ही निकटतम संबंधियों और उनके पास जो कुछ भी था उसका एकलौता बारिश भी में यह भी सच में वो अपनी धन संपत्ति अगर चाहते तो किसी अन्य को दे सकते थे । मैं नहीं जानता कि उन्होंने इसे किसी संस्था के नाम क्यों नहीं किया । वो अपने नौकर चाकर उसके अलावा किसी को व्यक्तिगत रूप से जानते भी नहीं थे और नौकरों का कहना है कि उन्होंने भरपूर दुरुपयोग किया, यहाँ तक कि उन्हें भरपेट भोजन भी नहीं लिया । लेकिन जैसा की नौकरी से उन्होंने कहा उन्होंने खुद को इसलिए भूकर का ताकि नौकर चाकर को शिकायत करने का मौका ना मिले । उन्होंने कहा कि वह उनको एक परिवार की तरह मानते हैं । मैं समझता हूँ उन्होंने सोचा होगा की अगर वो अपनी संपत्ति मुझसे छिपाते तो मुझे और ज्यादा तकलीफ, सेवन चिंता होगी और मुझे गुमराह किया । जिसके बारे में मुझे पूरा यकीन है कि उन्होंने अपनी धन संपत्ति, किसी व्यक्ति के नाम करने या खैरात में देने की बजाय मुझे गुमराह करके मुझे कष्ट देने के उद्देश्य से ऐसा किया है । मुझे पूछना तो नहीं चाहिए । क्या आपने लाइब्रेरी में खोजबीन की? लाइब्रेरी में तलाश क्यों? दुनिया शुरू होने के समय ऐसी तलाश कभी नहीं की गई । सम्भवता आपने तलाशी का काम के लिए अकुशल हाथों में सौंपा हूँ । श्रीमान वॉलमॉर्ट आप ये इशारा कर रहे हैं कि मैंने दूसरों को तब काम में लगाया जब तक की मेरा धन चला नहीं गया । फिर में आपके पास एक कल तक प्रस्ताव लेकर आया । मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि ऐसी कोई बात नहीं है । आप अकुशल आयोग गया, हाथों की बात कर रहे हैं । आप ठीक हो सकते हैं लेकिन हाथ मेरे अपने थे । पिछले छह वहाँ से मैं वस्तु रहा उसी दशा में रहा है जिस दिशा में मेरे अंकल रहते थे । मैंने उस लाइब्रेरी को भी तरी छत से लेकर फर्श तक पूरा छान मारा । इस तलाशी ने लाइब्रेरी की हालत बिगाड दी है । हर तरफ पुराने अखबार, बही खाते और न जाने क्या क्या बिखरा पडा है । बेशक लाइब्रेरी में अभी भी कुछ किताबों का भीषण संग रहे हैं । क्या आपके अंकल धार्मिक प्रवृत्ति के आदमी थे? मैं नहीं कह सकता मैं अटकलें नहीं लगता है आप समझ मैं उनसे अपरिचित था । मैंने उनको कभी नहीं देखा । उनकी मृत्यु होने के बाद तक मेरे विचार से वह धार्मिक नहीं थे अन्यथा वो ऐसा व्यवहार नहीं करते जैसा उन्होंने किया । फिर भी उन्होंने खुद को एक ऐसी विकृत मान सकता वाला आदमी साबित किया की कुछ भी संभव है । मुझे ऐसे मामले की जानकारी थी जहाँ एक बडी धनराशि की आस लगाए वार इसको वसीहत में अपने नाम एक पारिवारिक बाइबल मिली जिसे उसने आप के हवाले कर दिया और वो बाद में ये जानकर स्तब्ध रह गया की उसमें बैंक ऑफ इंग्लैंड में कई हजार पौंड के नोट जमा होने की बात लगी थी । वसीयत करने वाले का उद्देश्य यह था कि वसीयत पानेवाला अच्छी पुस्तक पर है या फिर उसकी उपेक्षा का परिणाम होते हैं । मैंने ग्रंथों को भी उलट पुलट कर अच्छी तरह देख लिया उस युवक ने एक हसी के साथ कहा, ले के नैतिक लाभ से ज्यादा कोई बहुत एक लाख नहीं मिला केसहयोग वर्ष ऐसा हो सकता है कि आपके अंकल ने अपना धन किसी बैंक में जमा कर दिया हूँ और उस राशि का एक लिखित किसी पुस्तक के दो पन्नों के बीच रख छोडा हूँ । श्रीमान कुछ भी मुमकिन है लेकिन ये अत्यंत असंभाव्य है । मैंने हर ग्रैंड का एक एक पन्ना देख लिया और मुझे संदेह है कि पिछले बीस वर्षों में बहुत कम पुस्तकों को खोलकर देखा गया है । आपके अनुमान से उन्होंने कितना धन इकट्ठा कर रखा होगा । उन्होंने एक लाख से अधिक इकट्ठा किये होंगे । लेकिन जहाँ तक इन्हें बैंक में रखने का सवाल है, मैं कहना चाहूंगा कि मेरे अंकल को बैंकों पर बहुत अधिक अविश्वास था और उन्होंने अपने जीवन में एक भी चेक नहीं काटा । जबकि मुझे जानकारी है सभी खाते उनके पुराने दिवान अथवा कार्य द्वारा सोने में चुकाए जाते थे जो पहले प्राप्ति का बिल मेरे अंकल खुला कर देता हूँ और फिर सही सही रकम ले जाता । कमरे से निकलने के बाद उसे तब तक इंतजार करना पडता जब तक घंटी बजाकर बुलाया नहीं जाता ताकि उसे पता ना चल सके कि मेरे अंकल ने किस खजाने से अपना भंडार निकाला है । मेरा मानना है कि अगर कभी धन का पता चल जाता है तो ये सोने के रूप में होगा और मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूँ कि ये वसीयत अगर मैं इसे वसीयत का नाम दे सकता हूँ, हमें गुमराह करने के लिए लिखी गई थी । क्या आपने लाइब्रेरी को साफ कर दिया है? अरे नहीं, ये वास्तव में उसी दशा में है जैसा इसे मेरे अंकल ने छोडा था । मैंने महसूस किया कि अगर सफाई के लिए किसी को अन्दर बुलाता हूँ तो अच्छा यही होगा कि नवांगतुक उसे दिशा में पाए अर्थात उसे ऐसा ना लगे कि इससे हाल ही में उत्तर बितर किया गया है । आप बिल्कुल सही थे । महिला आप कहते हैं अपने सभी कागजात ठीक से देख लिए । अवश्य जहाँ तक इस बात का संबंध है, कमरे का बहुत अच्छी तरह निरीक्षण कर लिया है । लेकिन किसी भी चीज को वहाँ से हटाया नहीं गया जो उस दिन तक वहाँ मौजूद थी । जिस दिन मेरे अंकल की मृत्यु हुई, यहाँ तक कि उनका संधान भी नहीं संधान हम मैंने आपको बताया कि उन्होंने लाइब्रेरी में एक लोहार की दुकान बनाई थी और एक शहर कक्ष बनाया था । ये बहुत बडा काम रहा है जिसके एक छोर पर एक काफी बडा अग्निकुंड है जो एक बढिया लोहार खाने का काम देता है । उन्होंने और उनके सेवक ने पूर्वी अग्निकुंड में अपने हाथों से ईंट और मिट्टी की भट्टी बनाई और लोहार की पुरानी धौंकनी खडी कर दी । भट्टी में वो क्या करते थे? अरे कुछ भी जिस काम में भी उसे लगाया जा सकता था । ऐसा लगता है कि वो एक बहुत निपुण त्यौहार रहे होंगे । वह बाग या घर के लिए कभी कोई नया उपकरण तब तक नहीं खरीदेंगे जब तक की कोई पुराना उपकरण नहीं मिल जाता है और वो कभी कुछ भी पुराना नहीं खरीदते । जब तक वो पहले से इस्तेमाल किए जा रहे उपकरण को भट्टी में तपाकर ठीक ठाक करके उस से काम चला सकते हैं । उन्होंने पुराना टट्टू रखा हुआ था जिस पर बैठकर वो पार्क का चक्कर लगाते थे और जैसा की उनके परिचर ने खुद मुझे बताया वो अपने छोटे कद के घोडे अर्थात टट्टू को जूते यानी नाल खुद पहनाते थे ताकि उन्हें लोहारकी ओ हजारों का प्रयोग अच्छी तरह समझाते हैं । उन्होंने मुख्य बैठक खाने को एक बढाई की दुकान बना लिया था । और वहाँ एक बैंक जमा दी थी । मैं समझता हूँ कि जब मेरे अंकल एक अलग अर्थात रियासतदार बन गए, उसी समय से एक बहुत उपयोगी मिस्त्री एक अच्छे कार्य कर खराब हो गया । आपके अंकल की मृत्यु हो जाने के बाद से ही आपको चेस में रहे हैं । अगर आप कहते हैं तो ठीक है । पुराना नौकर और उसकी पत्नी उसी तरह मेरी देखभाल करते आ रहे हैं जैसे मेरे अंकल की करते थे और दिन प्रतिदिन मुझे बिना कोट पहने और धूल मिटटी से ढका देखकर वो शायद यही सोचते हैं कि मैं उस बूढे आदमी का दूसरा संस्करण अथवा दूसरा उतार हूँ । क्या उस नौकर को धन लापता होने की जानकारी है? नहीं मेरे सेवा किसी और को कुछ नहीं पता । ये वसीयत संधान पर छोड दी गई थी । मेरे नाम एक लिफाफे के अंदर आपका व्यक्तित्व एकदम स्पष्ट है ऍम लेकिन मैं स्वीकार करता हूँ कि इसमें मुझे बहुत अधिक रोशनी अर्थात उम्मीद नजर नहीं आ रही । क्या चीज जरूरी चीज के आस पास कोई रमणीय देहाती क्षेत्र है? बहुत विषेशकर वर्ष के सीजन में पतझड और सर्दी के मौसम में घर कुछ ज्यादा ही हवादार रहता है । इसकी मरम्मत आदि कराने के लिए कई हजार पहुंच चाहिए । गर्मियों में हवा के झोंकों से फर्क नहीं पडता है । मैं लंबे समय तक इंग्लैंड में रहा हूँ इसीलिए मेरे देशवासियों का तेज हवा के झोंकों की भय का राग अलापना मुझे अच्छा नहीं लगता । क्या उस बडी हवेली में कोई अतिरिक्त बिस्तर है या मुझे अपने साथ कोई पलंग अथवा कोई हिंडोला उतार कर ले जाना होता है? सच में और फिर से लग जाते हुए हकलाए आप ऐसा मत सूची की मैंने इन सब परिस्थितियों का वर्णन विस्तारपूर्वक इसीलिए क्या क्या प्रभाव में आकर इस बेकार मामले को हाथ में ले ले? मैं बेशक बहुत ज्यादा इच्छुक हूँ और इसी कारण में एक प्रकार से उस समय भावना में बहुत चला जाता हूँ जब मैं अपने अंकल के इसकी पाने की बातें सुनना शुरू कर देता हूँ । अगर आप मुझे अनुमति दे तो मैं ही क्या दो महा में आपके पास फिराना चाहूंगा । आपको सच बताऊँ । मैंने पुराने नौकर से कुछ पैसे उधार लिए और अपने कानूनी सलाहकारों से मिलने लंदन गया । यह आशा लेकर के इन हालातों में कुछ बेचने की मंजूरी मिल जाएगी तो मैं भूका रहने से बच सकता हूँ । घर में अभी भी बहुत सी ऐसी पुरानी चीजें हैं जिनके बदलेगा अच्छी खासी रकम मिल सकती है । मेरे अंदर ये बात बैठ गई है कि मुझे अपने अंकल का सोने का भंडार खोजना ही होगा । थोडे समय पहले ही मुझे संदेह ने घेर लिया कि मेरे अंकल ने सोचा होगा । अब लाइब्रेरी ही एक मूल्यवान संपत्ति रह गई है और इसी कारण उन्होंने अपना वो नोट लिखा ताकि मैं उस कमरे से कोई भी चीज बेचने के बारे में सोचूंगी नहीं । उस बूढे दुष्ट ने उन अलमारियों से किताबों को बीच बेठकर पैसे से घडा भर लिया होगा । सूची से पता चलता है कि इंग्लैंड ऍम द्वारा छापी गई पहली पुस्तक की एक प्रति थी । इसके अलावा शेक्सपियर की कई अनमोल करती थी था । अनेक ऐसी दूसरी पुस्तके थी जिनके लिए कोई भी पुस्तक संग्रह प्रेमी ऊंची से ऊंची कीमत देने के लिए तैयार होगा । ये सभी पुस्तकें गायब है । मेरा ख्याल है जब मैं उन्हें ये सारी बातें बता दूंगा । संबंधित अधिकारी मुझे कुछ बेचने का अधिकार देने से मना नहीं कर सकते हैं और अगर मुझे मंजूरी मिल जाती है, मैं फौरन आपसे भेंट करूंगा । बकवास लाॅन्ड्रिंग अगर आप चाहे तो अपनी अर्जी आगे कर सकते हैं । इस बीच मेरी आपसे विनती है कि आप मुझे अपने पुराने नौकर की अपेक्षा एक अधिक मजबूत एवं भरोसेमंद बैंकर मान सकते हैं । चली आज रात हम एक साथ सिल सिल में डिनर करते हैं बशर्ते कि आपने मेहमान होने का सम्मान मुझे देने को तैयार हूँ । कल हम ऍफ चेंज के लिए प्रस्थान कर सकते हैं । ये कितने दूर है यहाँ से करीब तीन घंटे लग जाएंगे । युवक ने जवाब दिया । जवाब देते समय उसका चेहरा महारानी एन के एक नए बंगले की भर्ती लाल हो गया । सच में श्रीमान वॉलमॉर्ट आपकी अनुकल्प ना से मैं पहले ही अभिभूत हूँ लेकिन फिर भी मैं आप के उदार प्रस्ताव को स्वीकार करता हूँ तो फिर निश्चित हो गया उस पुराने नौकर का क्या नाम है । लेकिन आप निश्चित है उसे इस खजाने को छिपाकर रखने की जगह के बारे में कोई जानकारी नहीं है । वो पूरा यकीन है । मेरे अंकल ऐसे इंसान नहीं थे कि किसी को भी विश्वास पात्र बना ले । लेकिन जैसे किसी बूढे, वाचाल एवं हडबडी को तो बिलकुल भी नहीं । ठीक मैं चाहूंगा के हिगिन्स को आप मेरा परिचय एक अनजान विदेशी के रूप में नहीं । ये सुनकर वो मुझे तो अच्छा समझेगा और मेरे साथ एक बच्चे जैसा व्यवहार करेगा । अरे मैं कहना चाहता हूँ अर्ल् ने विरोध किया । मुझे मान लेना चाहिए था कि आप इंग्लैंड में बहुत लंबे समय तक रह चुके हैं और इस धारणा को मन से निकाल चुके हैं कि हम विदेशियों को महत्व नहीं देते । वास्तव में हमारा देश की दुनिया में एकमात्र देश है । ट्रिक विदेशी का अमीर हो या गरीब, हार्दिक स्वागत करता है । निश्चित टाॅस मुझे गहरी निराशा होनी चाहिए । अगर आप मुझे उचित महत्व नहीं देते हैं, लेकिन है गेंस जिस तिरस्कार की भावना से मुझे देखेगा, उसके बारे में मुझे मलाल होने वाला नहीं है । वो मुझे ऐसा अनाडी या अ महक समझेगा जिसके प्रति ईश्वर इसीलिए कठोर रहा है क्योंकि मैंने इंग्लैंड को अपनी जन्मभूमि नहीं बनाया । अब है गेम्स को ये विश्वास कराना होगा कि मैं उसकी अपनी श्रेणी का हूँ अर्थात आपका सेवक वसंत की सर्द शामों में है । गेंस और मैं आप के पास बैठ कर आपस में गपशप करेंगे और दो या तीन सप्ताह गुजरने के पहले पहले मैं आपके अंकल के बारे में इतनी अधिक जानकारी हासिल कर लूंगा जिसकी आप कभी कल्पना भी नहीं कर सकते । ऍम अपने मालिक की अपेक्षा एक साथी नौकर से अधिक खुलकर बात करेगा । भले ही वो अपने मालिक का बहुत आदर करता हूँ और फिर क्योंकि मैं एक विदेशी हूँ, वो मेरी समझ में आने वाली बोली में बड बड करेगा और मुझे एक एक बात बताने के बारे में कभी सोचेगा भी नहीं । उस युवा रिसायत दार ने जिस शालीनता से अपने घर का वर्णन किया था उसके बाद तो मैं कल्पना भी नहीं कर सकता था की मेरे सामने इतनी विशाल हवेली होगी जिसके कोने में उसका बसेरा था । ये एक ऐसा स्थान है जैसा क्या मध्ययुग की वीरगाथाओं में पडते हैं । यूस युग का कोई कुंग रेडार या निंदा फ्रेंच महल अथवा किला नहीं बल्कि लाल गुलाबी रंग की सुंदर और काफी बडी पत्थर पर निर्मित हवेली है जिसका गाढा भडकीला रंग इसके वास्तुशिल्प की तीक्षण को एक कोमलता देता हूँ तब होता था । ये एक बहारी और एक अंदरूनी प्रांगण के चारों ओर निर्मित हैं और इसमें करीब एक हजार लोग रह सकते हैं । हालांकि इसके मालिक को केवल सौ लोगों को साथ रखने का अधिकार प्राप्त था । इसमें पत्थरों की छत वाली अनेक खिडकियाँ है और लाइब्रेरी के एक छोर पर बनी विशाल खिडकी जो किसी बडे गिरजाघर का भान करती थी, ये शानदार निवास था । इमारती लकडी के घने वृक्षों वाले पार्क के बीचोंबीच स्थित है और फाटकों पर द्वारपाल की कोठारी अर्थात डीओडी से हमें कम से कम डेढ मील तक का रास्ता गाडी से तय करना पडा और ये रास्ता ओ के विशाल वृक्षों से ढका हुआ था । ये बहुत विश्वसनीय नहीं लगती थी । इतनी जागीर के मालिक की जेब में शहर जाने के लिए किराया चुकाने तक की पूरे पैसे ना हो । बूढा हैकेंस हमें स्टेशन पर लगभग जज्जर गाडी के साथ खिलाते हैं । इस गाडी के साथ वही पुराना टू जुडा हुआ था जिसके हो रोकी नाल दिवंगत होगा करता था । हमने बढिया हॉल में प्रवेश किया जो किसी भी प्रकार का फर्नीचर मौजूद ना होने के कारण ज्यादा बडा लग रहा था । मैं जोर से हजार जब दरवाजा बंद हुआ और आवाज इस तरह मुझे जैसे मेरे ऊपर अंधकारमय लकडी की छत से भूत प्रेत मजा ले रहे हैं । आप किस बात पर हस रहे हैं? ने पूछा मैं आपको अपना आधुनिक, लंबा ऊंचा है । उस मध्यकालीन हेलमेट के ऊपर रखते देखकर हस रहा हूँ तो ये बात है आप अपना है दूसरे पर रख दें । जिस पूर्वज ने ये सूट पहना हुआ होगा मैं उसका अनादर नहीं कर सकता । लेकिन हमारे पास हानिकारक आवश्यक है । ट्रैक की कमी है इसलिए मैंने अपना ऊंचा है तो पुराने हेलमेट पर रखा और छाता यहाँ पीछे अटका देता हूँ और उसके नीचे कर देता हूँ । जब से ये चीजे मेरे कब्जे में आई है तो लंदन से धूर्त किस्म की व्यापारी मेरे पास आने लगा और उसने इन बख्तरबंद परिधानों की बिक्री के बारे में मुझे बताने का प्रयास किया । मैं समझ गया कि वह लंदन निर्मित नए परिधान अंदर रखने के लिए जीवन भर काफी धन देगा । लेकिन जब मैंने ये जानने की कोशिश की की क्या मेरे भविष्यवक्ता अंकल के साथ उसके व्यापारिक संबंध थे तो वो डरकर भाग गया । मुझे ऐसा महसूस होता है कि अगर मेरे पास समय तली बुद्धि होती की मैंने उसको अपने अत्यधिक कष्टदायक खानों में से किसी एक में झांकने के लिए मना लिया होता तो शायद मुझे पता लग जाता है कि परिवार की कुछ बहुमूल्य वस्तुएं किधर गायब हो गई । इन सीढियों से ऊपर शॅर्ट मैं आपको आपका कमरा दिखा देता हूँ । हमने आते समय ट्रेन में लंच खा लिया था इसलिए अपने कमरे में हाथ होने के बाद मैं फोन लाइब्रेरी का निरीक्षण करने चल दिया । वास्तव में ये बहुत ही शानदार प्रकोष्ठ सुद्ध हुआ और पुराने नीट व्यक्ति इसके दिवंगत किरायदार द्वारा इसका निदास पद रूप से इस्तेमाल किया जाता रहा था, जहाँ दो बडे अग्निकुंड यानी फायरप्लेस थे एक उत्तरी दीवार के बीच में और दूसरी पूर्वी सिरे पर । बाद वाली में कच्ची पक्की भट्टी खडी की गई थी और उसके बगल में एक बडी कहा ले रंग की धौंकनी लटकी हुई थी जो इस्तेमाल किए जाने पर धुएं से काली हो गई थी । संधान के ऊपर लकडी का एक ठीहा पडा था और उसके आस पास कई बडे और छोटे हथौडे रखे थे । जान लगे हुए पश्चिमी सिरे पर एक शानदार खिडकी थी । पुराने दागदार श्रीशेष बडी खिडकी जो जैसा की मैं कह चुका हूँ, किसी गिरजे की रही होगी । पुस्तकों के व्यापक संग्रह को देखते हुए इस बहुत बडे कक्ष की वजह से आवश्यक समझ गया । किसी बाहरी दीवार किताबों से ढकी हो और इनके बीच बीच में ऊंची ऊंची खिडकियाँ थी । सामने की दीवार खाली थी । एक का तुक्का तस्वीरें वहाँ महान अटकी हुई थी । और ये तस्वीरें होती जिन्हें पत्थर पर उकेरकर छापा गया था और जो क्रिसमस के दौरान लंदन की साप्ताहिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए थे । इन चित्रों को सस्ती फ्रेमों में चढकर किलों पर लटकाया गया था । पाँच पर जगह है जगह कागजों का ढेर पडा था कहीं कहीं तो वो कागजों का अंबार घुटने तक था और भट्टी से सबसे दूर कोने में अब भी वो पलंग पडा था हूँ जिस पर उस बूढे कंजूस ने दम तोडा था । एक अस्तबल की तरह लगता है नहीं लगता क्या? जब मैं निरीक्षण कर चुका तब ने टिप्पणी की मुझे पक्का यकीन है । बूढी ने कमरे को इसका बार से सिर्फ इसीलिए भर दिया ताकि मुझे एक एक चीज उठाकर या हटाकर देखने की तकलीफ दे सके । लेकिन इसमें मुझे बताया कि उसके मरने के पहले एक महीने के अंदर तमाम कूडे कबाड को बहुत हद तक साफ कर दिया गया था । सच में सफाई करना तो जरूरी था वरना भट्टी से छूट की चिंगारी से आग लग जाती है । बूढी ने हैवेंस को हर जगह से सारे कागज, पत्र, कुराने, वही खाते अखबार आदि यहाँ तक कि पार्सलों से उतारे गए फटे कागज भी खट्टा करके लाने को कहा और उन्हें सुन फर्श पर बिखेर देने के लिए कहा था क्योंकि उसे शिकायत ही के हिगिंस के जूते तख्तों पर बहुत शोर करते हैं और लेगिंस ने जो जरा भी पूछताछ करने लायक दिमाग नहीं रखता, इस सफाई को स्वीकार कर लिया और मामले की दृष्टि से तो बात बिल्कुल साफ हो जाती है लेकिन एक बड बड करने वाला बूढा साथ ही साबित हुआ जिसे दिवंगत जागिरदार के बारे में बात करने के लिए उकसाने की कोई जरूरत नहीं होती थी । वास्तव में उस की बातचीत को किसी दूसरे विषय की तरफ मोडना लगभग असंभव था । सनकी बूढे के साथ बीस वर्ष की घनिष्ठता ने उसके सम्मान की भावना को बहुत हद तक मिटा दिया था । जिस आदर सम्मान के साथ अंग्रेज नौकर अपने मालिक के पास जाता है, एक अधीन अनुचर अथवा छोटा नौकर कुलीनता को इस अर्थ में लेता है । ये वो इंसान होता है जो संभव तैयार कभी भी अपने हाथों से काम नहीं करता है । लॉर्ड्स ऍफ का बढाई की बेंच पर मेहनत करना, ड्रॉइंग रूम में सीमेंट का मिश्रण बनाना, संधान की ॅ आधी रात तक जारी रखना लेकिन उसको कतई रास नहीं आया । इसके अलावा बूढा अमीर आदमी अपने खातों की जांच बडी सूक्ष्मता से करता था और एक एक पाई का हिसाब रखता था । यही कारण था कि विनम्र खिदमतगार स्टेशन से फॅस का सफर गाडी से समाप्त करने के पहले मैंने महसूस किया कि है गेम्स को मेरा परिचय एक विदेशी तथा एक सहयोगी नौकर के रूप में देने का कोई लाभ नहीं है । उस बूढी नौकर की एक बात भी समझने में मैंने खुद को पूरी तरह समर्थन पाया । उसकी बोली मेरे लिए उतनी ही अंजान थी जितना कि चौक । तो भाषा मेरी समझ के परे होती थी और उस युवा को दो भाषीय के रूप में काम करना पडा । जब जब हमने इस बात होनी मशीन को चालू करने के लिए उसमें चाबी घुमाएंगे, फॅमिली के नए अगले एक लडके वाली जोश से खुद को मेरा शिष्य और सहायक घोषित कर दिया और कहा कि उसे जो भी कहा जाएगा वो करेगा । लाइब्रेरी की पूरी और निष्फल छानबीन कर चुकने के बाद उसे पक्का यकीन हो गया था कि चल बसा बूढा एक ऐसा पत्र छोडकर जो उसने लिखा था उसे केवल झांसे में रखने की कोशिश कर रहा था । महामहीम को यकीन था कि धन को कहीं और छिपा कर रखा गया है । शायद पार्क में किसी पेड के नीचे बेशक ये संभव था और दर्शाता था की को मूर्ख आदमी किस तरीके से धन से पाता है । मेरे विचार में यह संभावना नहीं था लेकिन उसके साथ सारी बातचीत से जान पडता था कि अल अर्थात जागीरदार एक बहुत ही शक की आदमी था । बैंकों के बारे में । यहाँ तक कि बैंक ऑफ इंग्लैंड के नोटों के बारे में हर व्यक्ति को लेकर खुद हिगिंस के बारे में भी उसके मन में संदेह रहता था । अतः मैंने उसके भतीजे को कह दिया वो कंजूस आदमी अपने खजाने को कभी भी अपनी नजर से दूर रखने वाला नहीं था । मुझे चौंकाने वाली पहली अजीब बात तो ये लगी कि उसने भट्टी और संधान को अपने शयन कक्ष में क्यों रखा । मैं अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगाकर कह सकता हूँ कि रहते उस भट्टी क्या संधान में या फिर दोनों में छिपा है । आप देखिए वो बूढा आदमी कभी कभी आधी रात तक काम क्या करता था क्योंकि हैकेंस को हथौडा चलाने की आवाज सुनाई देती थी । अगर वह भट्टी में पत्थर के कोयले का इस्तेमाल करता तो आग रात भर ठहरती और चौकियों से चोरों का डर बराबर रहता था । जैसा की ही दिन का कहना है, हर शाम अंधेरा होने से पहले हवेली की घेराबंदी करना लाजमी होता था । जैसे कि ये कोई हवेली नहीं बल्कि किला हो । जो व्यक्ति इतनी चौकसी बरतता हूँ वो खजाने को किसी ऐसी जगह कैसे रखता है जहाँ से कोई चोर उसे आसानी से ले उडे । अब सोचिए कोयले की आज रात भर दो व्यक्ति हो और यदि सोना भट्टी में अंगारों के नीचे दबा हो तो किस की हिम्मत होगी । सोने तक पहुंचने की कोई भी लुटेरा अंधेरे में खोजते हुए एक से अधिक अर्थ में अपनी उंगलियां झूल जानेगा । फिर क्योंकि लॉर्ड बहुत दे अपने तकिए के नीचे चार भरी हुई पिस्तौल रखा करते थे तो किसी चोर के उसके कमरे में प्रवेश करने पर उसे इतना ही करना था कि चोरों को खजाने की तलाश करने देते हो, जब तक कि वह भर्ती के पास ना पहुंच जाएगा । तब निसंदेह वो बिस्तर से उठकर बैठ जाता और एक के बाद एक प्रस्ताव से गोलियाँ राजनेता क्योंकि उसका निशाना बहुत अच्छा था । दिन हो या रात कुल मिलाकर अट्ठाईस गोलियां दागी जा सकती थी । गोलियों की संख्या से दोगुनी सेकंड में । हाँ हाँ, आप समझ सकते हैं कि गोलियों की ऐसी बौछार में लुटेरों के लिए बचने का कोई मौका ही कहाँ रह जाता है । मेरा प्रस्ताव है कि हम भट्टी को ध्वस्त कर दी । लाॅट मेरी तरफ से हैरान रह गया और एक दिन अलग सुबह हमने बडी धोकनी काटकर गिरा दी । उसे चीरकर खोल दिया तो उसे खानी पाया । फिर हमने कल गदाली यानी लोहे की छड से भट्टी की एक एक निकाल डाली क्योंकि उस बूढे आदमी ने अपनी समझ से आगे बढकर उसे पाॅइंट से बनाया था । असल में हमने ईटों के बीच और भट्टी के पेट से कचरा साफ किया तो हमें सीमेंट का ऐसा क्यों बहुत लगता है जो ग्रेनाइट जितना कठोर था लेकिन उसकी मदद से और कुछ बेलेनो तथा लीडरों का इस्तेमाल कर हमें भारी टुकडे को बाहर पार्क में ले जा सके और फिर हमने लोहारों के बडे हथौडे से इसे छूट चूर करने का प्रयास किया जिसमें हम पूरी तरह नाकाम रहे । इसलिए जितना अधिक हमारे प्रयासों को रोका उतना ही अधिक हमें निश्चित हो गया की सिक्के के अंदर मिलेंगे क्योंकि ये इस अर्थ में ने खास निधि अर्थात गडा हुआ धन नहीं कहलाएगा की सरकार इसपर कोई दावा कर सके । गोपनीयता की कोई विशेष आवश्यकता नहीं थी । अतः हमने पास की खदानों से एक आदमी को बरमो तथा डायनामाइट के साथ पर बुलाया जिसमें बहुत जल्द उस ब्लॉक के लाखों टुकडे कर दिए । अब सोच इसके मलबे में मिट्टी के ढेलों में सोने के सिक्के का कोई निशान भी नहीं था । जिस समय डायनामाइट विशेषज्ञ मौके पर था हमने उसे संधान तथा सीमेंट के ब्लॉक को ध्वस्त करने के लिए प्रोत्साहित किया और फिर वो मजदूर नई जागीरदार को निःसंदेह पुराने जागीरदार के बराबर ही पागल समझकर और अपने औजारों को कंधे पर लादकर वापस अपनी खान की तरफ चला गया । अरे अपनी पहली दलील पर लौट आया कि सोना पार्क में ही कहीं छिपा हुआ है । जब की मेरी यह धारणा और भी अधिक मजबूत हो गई कि खजाना कहीं और नहीं बल्कि लाइब्रेरी में खडा है, ये स्पष्ट है । मैंने उससे कहा की अगर खजाना बाहर कहीं गडा हुआ है तो किसी ने अवश्य ही छेद खोदा होगा । आपके अंकल जैसा अत्यंत भीरू और चुप आदमी ये काम किसी दूसरे को कभी नहीं करने देता बल्कि खुद करता है । लेकिन उसके कहे अनुसार सभी खोदनी युवा भावनाओं को उठाकर हर रात को स्वयं उन्हें हजारों वाली कोठरी में रखने के बाद ताला लगा देता था । हवेली की इतनी अधिक सावधानी से घेराबंदी की गई थी कि आपकी अंकल चाहकर भी बाहर नहीं निकल सकते थे । फिर आपके अंकल सरीखे आदमी के बारे में बताया गया है कि वह हर समय अपनी आंखों से देखकर संतुष्ट होना चाहते थे कि उस की बचत सही सलामत है और अगर सोना पार्क में कहीं बार दिया जाता तो उनकी इच्छा का पूरा होना वास्तव में संभव था । मेरा सुझाव है कि अब हमें बल प्रयोग डायनामाइट को छोड देना चाहिए और दिमाग लगाकर लाइब्रेरी में खोजबीन करनी चाहिए । बहुत अच्छा युवा जागीरदार ने जवाब दिया, लेकिन मैं पहले ही लाइब्रेरी में अच्छी तरह हो चुका हूँ । आपने बहुत ही शब्द का जो प्रयोग किया श्रीमान वॉलमॉर्ट वो आपकी व्यावहारिक विनम्रता से मिल नहीं खाता । फिर भी आपसे सहमत हूँ । आप बस आदेश दे मेरा काम आप की आज्ञा का पालन करना है । मुझे जमा करे महिला मैंने कहा मैंने बहुत ही एक शब्द का प्रयोग डायनामाइट शब्द के विपरीत अर्थात उसके विरोध में किया था । इसका आपकी पहली की तलाश से कुछ लेना देना नहीं था । मैंने सिर्फ ये सुझाव दिया कि हमें अब रासायनिक प्रतिक्रिया का प्रयोग छोड देना चाहिए और मानसिक सक्रियता का प्रयोग करना चाहिए जो एक बहुत बडी शक्ति है । क्या आपने अखबारों के हाशिये पर कुछ लिखा देखा हूँ? नहीं, मैंने नहीं देखा क्या ये संभव है कि किसी अखबार के सफेद किनारे पर कोई सूचना रही है । ये भी संदेह संभव है । तब क्या आप प्रत्येक अखबार के हाशिए पर एक नजर डालने का कष्ट करेंगे? प्रत्येक अखबार को अच्छी तरह देख लेने के बाद आप उन्हें दूसरे कमरे में रखते हैं । एक साथ कुछ भी नष्ट मत करें लेकिन हमें लाइब्रेरी पूरी तरह साफ कर देनी चाहिए । मुझे खातों में दिलचस्पी है, उनकी जांच करूंगा । ये गुस्सा दिलाने वाला ढाका हूँ । काम था लेकिन कई दिनों के बाद मेरे सहायक ने बताया कि प्रत्येक हाशिए को गौर से देख लिया गया है किंतु कोई नतीजा नहीं निकला जब की मैंने सारे बिल और महमूद एकत्र कर लिए थे और उन्हें तिथि के अनुसार वर्गीकृत कर दिया था । मैं एक बंधे से छुटकारा नहीं पास कहा कि उस वृद्धि बूढी दुष्ट ने किसी खाते के पीछे या किसी किताब के सादा पन्ने पर खजाना खोजनी संबंधी हिदायतें लिख छोडी हैं । और जैसे ही मैंने लाइब्रेरी में अब भी पडी हजारों किताबों पर नजर डाली । एक एक किताब की बारीकी से जांच करने की सोच कर मेरा धैर्य सहम गया । लेकिन मुझे एडिसन की शब्द याद आ गए कि अगर कोई चीज मौजूद है तो तब तक उस की खोज में लगे रहो जब तक वो मिलना चाहिए । ढेरों खातों में से मैंने कुछ दिए । बाकी खातों को मैंने दूसरी कंपनी में रख दिया । अरे के अखबारों के अंबार के साथ ही तब मैंने अपने सहायक से कहा, अगर आपको ठीक लगे तो हम मुझे गेम्स को अंदर बुलाना चाहेंगे क्योंकि मुझे इन खातों के बारे में कुछ सफाई चाहिए । शायद मैं आपकी कुछ सहायता कर सकती हूँ । लॉर्ड महोद देने उस मेज के सामने कुर्सी खींचते हुए कहा, जिस पर मैंने हिसाब किताब के विवरण फैलाए हुए थे । मुझे यहाँ रहते छह महीने हो चुके हैं और मुझे भी चीजों के बारे में उतनी जानकारी है । जितनी है उसको है । वो एक बार जब बोलना शुरू करता है तो फिर उसे रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है । पहला खाता कौनसा है जिसके बारे में आपको कुछ और जानना है? तेरा वर्ष पहले आपके अंकल ने शेर फिल्में एक पुरानी अलमारी खरीदी थी । यहाँ उस काबिल है । मेरे विचार से उस अलमारी को खोजना आवश्यक है । प्रार्थना है मुझे क्षमा करें श्रीमान वॉलमॉर्ट उस युवक ने अपने पैरों पर उछल कूद करते और हसते हुए चीखकर कहा, अलफायरी! जैसे एक भारी चीज किसी आदमी की यादाश्त से इतनी जल्दी फिसल नहीं नहीं चाहिए लेकिन मेरी आवाज से बदल गई । वो अलमारी खाली है और मैंने उसके बारे में आगे नहीं सोचा । इतना कहकर जागीरदार किताबों की कल मारी के पास गया । जो दीवार से लगी हुई थी उसे ऐसे खींचा मानो कोई दरवाजा हो, उसे किताबों आदि के साथ खींच कर एक तरफ कर दिया और फिर लो ही केक अलमारी दिखाई जिसका दरवाजा भी उसने खींचकर खुला है । अलमारी अंदर से एकदम खाली थी । मुझे इसका पता तब लगा । उसने कहा जब मैंने इन सब किताबों को उतार लिया । ऐसा लगता है कि जिससे समय यहाँ गुप्त दरवाजा रहा होगा लाइब्रेरी से बाहर के कमरे तक जाने के लिए जो बहुत समय से गायब है । दीवार काफी मोटी हैं । मेरे अंकल ने ही निसंदेह इस दरवाजे को निकलवा दिया होगा और खाली जगह के बीच में अलमारी रखकर अगल बगल वाला ऊपर तक ईंटों की चुनाई करा दी । सचमुच यही हुआ होगा । मैंने अपनी निराशा छिपाने का प्रयास करते हुए कहा क्योंकि ये तिजोरी पुरानी खरीदी गई थी, ऑर्डर देकर नहीं बनवाई थी । इसीलिए इसके अंदर कोई गुप्त दरार नहीं हो सकती । ये एक सामान्य बागवानी के अलमानी जैसी लगती है । मेरे सहायक ने कहा लेकिन हमें से बाहर निकाल देंगे । अगर आप कहीं तो अभी बिल्कुल नहीं । मैंने उत्तर दिया हम पहले ही बहुत तोड फोड कर चुके हैं जैसे कि हम सेंधमार हूँ । मैं आपसे सहमत हूँ । कार्यक्रम में अब अगला आइटम गया है । जहाँ तक मैं खातों की जांच से समझ पाया हूँ आपके अंकल ने पुरानी चीजें खरीदने की सडक को तीन बार थोडा है । करीब चार साल पहले डैनी क्रमांक से एक नई किताब खरीदी जो फोन का एक सुविख्यात पुस्तक विक्रेता है । दैनिक कंपनी केवल नहीं पुस्तकों का व्यापार करती है । क्या लाइब्रेरी में अपेक्षाकृत कोई नई पुस्तक है? एक भी नहीं । क्या आप निश्चित रूप से कह सकते हैं? पूरे यकीन से मैंने घर में सारा साहित्य छान मारा । उस पुस्तक का नाम क्या है जो उन्होंने खरीदी मैं नहीं पढ सकता । कुछ जीत नाम है शुरू का अक्सर ऍम जैसा लगता है । लेकिन शेष सिर्फ एक लहर याद आ रहा है । तथापि मैं समझता हूँ कि इसकी कीमत और छह पैंट थी । जबकि पार्सल डाक से भेजने की कीमत छह पैंट थी । इसका मतलब है कि इसका वजन चार कौन से कुछ काम रहा होगा । ये और पुस्तक की कीमत दोनों मुझे सोचने के लिए प्रेरित करते हैं कि कोई वैज्ञानिक कृति थी । भारी कागज पर सशस्त्र छपी हूँ । मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है । अरे ने कहा तीसरा हिसाब दिवारी कागज से संबंधित हैं । महंगे तिवारी कांग्रेस के सत्ताईस रोल और एक सस्ते कागज के सत्ताईस रोल जिसकी कीमत महंगे वाले का आदत से आदि थी । ये कागज फॅमिली गांव में स्टेशन रोड में स्थित एक व्यापारी ने सप्लाई किया प्रतीत होता है । यहाँ पे आपका वॉलपेपर । उस युवक ने अपना हाथ हिलाते हुए चीखकर कहा फॅसने मुझे बताया इसका यादा पूरे घर की दीवारों को कागज से ढकना था किंतु वो लाइब्रेरी का काम समाप्त करने के बाद थक गया । जिसे पूरा करने में करीब एक साल का वक्त लगा क्योंकि वह रुक रुककर काम करता था । अपने निजी कमरे में ले ही बनाने मिलने का काम करता हूँ और एक बार में सिर्फ एक बाल्टी भर नहीं बनाता था । अपनी जरूरत के मुताबिक ये बहुत ही घृणित एवं लज्जाजनक कार्य था क्योंकि कागज के नीचे वो की अत्यंत सुन्दर एवं बढिया पट्टी है । एकदम साधन लेकिन रंग के हिसाब से बहुत चाहता है । मैंने उठकर दीवार पर कागज को ध्यान से देखा नहीं । ये गाढे भूरे रंग का था । बिल में लिए महंगे कागज का हल निकल आया लेकिन सस्ते कागज का क्या हुआ, मैंने पूछा मुझे नहीं पता मैं समझता हूँ । मैंने कहा हम गुत्थी सुलझाने के रास्ते पर हैं । मेरा मानना है कि उस कागज से किसी सरगंवा पट्टी या गुप्त दरवाजे को धक्का गया है । बहुत संभव है । अलका जवाब था मैं कान उसको हटवा देना चाहता था लेकिन इस काम के लिए मजदूरों को देने वास्ते मेरे पास पैसे नहीं थे और मैं अंकल जैसा उद्यमी और खाद मेहनती नहीं हूँ । अब और क्या हिसाब देखना बाकी रह गया है । आखिरी भी कागज के बारे में है लेकिन वह बजरोल लंदन ईसी में किसी कंपनी से आये लगता है । ऐसा प्रतीत होता है उसने करीब एक हजार सीटे मंगवाई और ये कागज ऐसा जान पडता है जैसे बहुत अधिक महंगा है । ये बिल भी दुर्वा अच्छे है अर्थात स्पष्ट है लेकिन मैं इसके एक हजार शील मान कर चल रहा हूँ । हालांकि बेशक के एक हजार दस्ते हो सकते हैं जो वसूली गई कीमत की दृष्टि से अधिक तर्कसम्मत होगा या एक हजार रिम हो । तब तो बहुत ही सस्ता पडा होकर मुझे इस संबंध में कुछ भी नहीं पता है कि उसको बुला लेते हैं । कागज मंगवानी के इस अंतिम ऑर्डर के बारे में फिर उसको भी कुछ जानकारी नहीं थी । दीवारी, कागज की गुत्थी एकदम सोलह गई । प्रत्यक्षतः हा बूढी जागीरदार को आजमाइश से पता चल गया था कि महंगा तिवारी कागज चिकनी पट्टी पर चिपकेगा नहीं । इसीलिए उसने सस्ता कागज खरीदा और उसने पहले ये कागज चिपकाया । लेकिन उसने बताया कि अब उसने पूरी दिलाया बंदी यानी पैनलिंग को पीले से सफेद कागज से ढक दिया और जब वो सूख गया उसके बाद उसने अधिक कीमत का कागज उसके ऊपर चिपकाया लेकिन मैंने आपत्ति जताई । दोनों किस्मत के कागज एक ही समय खरीदे गई थी और यहाँ पहुंचाए गए थे । इसलिए उसने कंपनियों क्या और पाया कि ये महंगा का अगर सकेगा नहीं । मैं नहीं समझता कि इसमें बहस करने लायक कुछ है, मरने अपनी बात कही । भारी कागज पहले खरीदा गया होगा और उपयुक्त नहीं पाया गया होगा और फिर मोटा सस्ता कागज बाद में खरीदा गया । बिल केवल ये दिखाता है कि हिसाब तारीख में भेजा गया था क्योंकि डाॅॅ गांव असल में कुछ ही मील दूर है इसलिए बहुत संभव है । इसलिए बहुत संभव है कि इसका प्रयोग किया गया हूँ और सादा कागज मंगवा लिया हूँ । पर किसी भी स्थिति में ऐसा नहीं हो सकता के ऑर्डर के बाद महीनों बीत जाने पर बिल प्रस्तुत किया जाए । इसलिए दोनों खरीद को एक ही बिल में छोड दिया गया होगा । मुझे मानना पडा ऐसा हो सकता है । अब डैनी कंपनी से मंगाई गई पुस्तक की बात क्या हिगिन्स को इस बारे में कुछ याद है? ये चार साल पहले आई अरे हाँ, लेकिन उसको वास्तव में बहुत अच्छी तरह याद है । एक सुबह वहाँ के लिए चाय लेकर आया था और वो बूढा आदमी बिस्तर में बैठा हुआ इस खिताब को इतनी दिलचस्पी से पढ रहा था कि दरवाजे पर है । गेम्स के दस तक का भी उसे पता नहीं चला और क्योंकि खुद फॅस को कुछ कम सुनाई देता था वो दस तक के जवाब की परवाह किए बगैर अंदर चला गया ने किताब को झट से तकि के नीचे पिस्तौल के बगल में किसका दिया और ऑडियंस को अंदर आने की इजाजत लिए बिना अंदर आने पर बडी हिकारत से देखा । उसने अर्ल् को इससे पहले कभी इतना गुस्से में नहीं देखा था और उसकी नजर में सारा दोष इसका किताब का था । फॅसने वो किताब फिर कभी नहीं देखी थी । लेकिन एक सुबह के निधन से छह माह पहले भट्टी की रात निकालते समय उसकी नजर जिस चीज पर पडी वो उसके अनुमान के अनुसार उस किताब का एक हिस्सा था । उसने विश्वास कर लिया कि उसके मालिक ने किताब जला दी । मैंने उनसे कहा, पहले ये काम करना है कि ये बिल स्ट्रॉन्ग में पुस्तक विक्रेता डैनी कंपनी को भेज देंगे । उन्हें बता दें कि किताब आपसे हो गई है और उन्हें उसकी दूसरी प्रति भेजने के लिए काहे संभव है । उस दुकान में कोई व्यक्ति किताब का नाम जो स्पष्ट अक्षरों में लिखा है ठीक ठीक पढ सके । किताब से हमें अवश्य ही कोई सुराग मिलेगा । अब मैं ब्लॅक बच्चों को लिखूंगा । ये स्पष्ट रूप से कोई फ्रेंच कंपनी है । ये नाम मैंने कहीं देखा या सुना है और किसी कागज बनाने वाली कंपनी से संबंध रखता है । मेरे जहन में तो है लेकिन अभी निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकता हूँ । मैं उनसे पूछूंगा कि ये कागज जो उन्होंने दिवंगत उनको भेजा था, किस काम आता है । तदनुसार ये काम किया गया और जैसा हमने सोचा जवाब आने तक हम दो आदमियों के पास कोई काम नहीं रहा । फिर भी अगली सुबह मुझे ये कहते खुशी होती है और मैं हमेशा सच्चाई को दिल में समय बैठा रहा हूँ । लंदन से जवाब आने के पहले मैंने रहस्य को सुलझा लिया । सच में वो किताब और पेपर एजेंटों का जवाब दोनों को साथ साथ रखकर देखेंगे तो हमें रहस्य की कुंजी अवश्य मिल जाएगी । नाश्ते के बाद मैं लाइब्रेरी में ही यू चहलकदमी करने लगा जिसके फर्श पर भूरे रंग का लपटने वाला कागज, सुतली के टुकडे इत्यादि बिखरे पडे थे । जैसे ही मैंने इन बिखरी चीजों को अपने पांव थोडा इधर उधर क्या जैसे हम जंगल के रास्ते में गिरी हुई पत्तियों के ढेर को उत्तर हटाते चलते मेरा ध्यान अचानक कागज के कई दस्तों की ओर चला गया है जो वैसे की वैसे ही पडे थे और कभी भी इनका इस्तेमाल नहीं किया गया था । कागज के पन्ने मुझे विलक्षण रूप से जाने पहचाने लगे मैंने शीट उठाएगी और तुरंत ब्रॉनसन के नाम का महत्व मेरे मन में कौन गया तो फ्रांस में कागज निर्माता है । वो एक चिकना बहुत मजबूत कागज बनाता है जो महंगा तो अवश्य होता है फिर भी ये उस बढिया ऍम की तुलना में अत्यधिक सस्ता पडता है जिसे इस कागज ने उद्योग की पति पे शाखा में अब दस कर दिया । वर्षों पहले पेरिस मेन पर उन्होंने मुझे जानकारी दी थी कि चोरों के गिरोह ने किस तरह अपने सोने का निपटान किया था । सोने का पन्ना अर्थात वर्क बनाने की घटिया एवं काम चलाऊ प्रक्रिया में प्रॉब्लम के बजाय कागज का प्रयोग किया जाता था । हाँ, थोडे से लगातार चोट को ये विलम के सामान ही सही लेता था और इधर तुरंत मेरे दिमाग में बिजली से कौन गए? जैसे ही मुझे उस बूढी के आधी रात के संधान कार्य के रहस्य का ध्यान आया, वो अपनी स्वर्ण मुद्रा यानी अशर्फियों को सोने के वरक में तब्दील कर रहा था । सोने की ये पन्नी कुछ कुछ मोटी खरखरी रही होगी क्योंकि व्यापारिक दृष्टि से सोने की पन्नी अथवा वर्ग बनाने के लिए उसे अभी भी विलम और एक खाद्य तथा अन्य मशीनरी चाहिए थी जिसका हमें कोई निशान नहीं मिला । माय लॉर्ड मैंने अपने सहायक को पुकारा वो कमरे की दूसरे छोर पर था । मैं आपके निजी ताजा सामान्य बोध के संधान पर सुधान को परखना चाहता हूँ । हथौडा मार करने का लोग अर्गल ने अपने सामान्य सद्भाव चेहरे पर हंसोड मुद्रा लेकर मेरे पास आते हुए उत्तर दिया हम अपनी जांच के दायरे से अलमारी को निकाल देते हैं क्योंकि ये तेहरा वर्ष पहले खरीदी गई थी । लेकिन किताब की खरीद दिवार पर चढाने वाला कागज की खरीद फ्रांस के इस मजबूत कागज की खरीदा दी । कुल मिलाकर ऐसी घटनाएं हैं जो एक ही महीने के अंदर घटी हैं जैसे संधान की खरीद तथा भट्टी का निर्माण । ये जांच के विषय बने रहेंगे क्योंकि मैं समझता हूँ ये सारी घटना एक दूसरे से जुडी हुई है । ये कागज के कुछ पन्ने हैं जो उसने बाजारों से प्राप्त किये । हम अपनी जांच के दायरे से अलमारी को निकाल देते हैं क्योंकि ये तेहरा वर्ष पहले खरीदी गई थी । लेकिन किताब की खरीद, दीवार पर चढाने वाले कागज की खरीद, फ्रांसिस, मजबूत कागज की खरीद आदि । कुल मिलाकर ऐसी घटनाएं जो एक ही महीने के अंदर घटी हैं जैसे संधान की खरीद तथा भट्टी का निर्माण ये जांच के विषय बने रहेंगे क्योंकि मैं समझता हूँ ये सारी घटना एक दूसरे से जुडी हुई है । ये कागज के कुछ पन्ने हैं जो उसमें बाजारों से प्राप्त किए । क्या आपने इसके जैसा कुछ देखा है? कागज के इस नमूने को फाडने की कोशिश करके देखें । ये वाकई काफी मजबूत है । लौट बहुत देने, उसे छीनने की नाकाम कोशिश करते हुए स्वीकार किया हाँ, ये फ्रांस में बना था और उसका प्रयोग सोना कूटने में क्या जाता है? आपके अंकल ने आशार्थियों को कूटकर सोने के वर्क बनाएगा । आप देखेंगे कि डैनी कंपनी से मंगवाई पुस्तक भी सोना कोर्ट ने के बारे में है और अब मुझे ध्यान आ रहा है कि उस पुस्तक का शीर्षक जो पहले पढा नहीं जा रहा था, मेरे ख्याल से मेटालर्जी होना चाहिए । इस पुस्तक में निसंदेह अध्याय सोने की पन्नी अर्थात सोने के वर्क बनाने के बारे में है । मुझे आपकी बातों पर विश्वास है । बादल ने कहा था लेकिन मुझे नहीं लगता कि ये खोज हमें अपने लक्ष्य की ओर आगे ले जा रही है । अब हम आशा रुपयों के बदले सोने के वर्क तलाश रहे । पहले हमें दिवारी कागज की जांच करने मैंने कहा मैंने अपना चाकू फर्श पर इसके कोने के नीचे रखा और बडी आसानी से उसका एक बडा टुकडा बुखार लिया । जैसे कि लेगिंस ने बताया था बादामी काजल सबसे ऊपर था और मोटा हल्के रंग का कागज उसके नीचे लेकिन वो भी वो पट्टी यानी पैनलिंग से इतनी आसानी से निकल आया मानो या आदतन महा लटक रहा हूँ ना कि चिपकाने के कारण । जरा इसका वजन तो देखें । मैं चलाया रविवार से चीरकर निकाला गया । भारी कागज का बडा सा टुकडा उसे सौंपते हुए बाईजू । अरे ने घूर आश्चर्य भरी आवाज में कहा मैंने वो कागज का टुकडा उससे ले लिया । उसे लकडी की मेज पर उल्टा बिछाया थोडा पानी, उसकी पीठ पर छिडका और एक चाकू से छिद्र सफेद कागज सूरज कर हटाया प्रत्यक्षण सोने की अनिष्टकारी सोने की पीली चमक हमारी आंखों को चौधरी आने लगी । मैंने अपने काम भी उसका आएगी और अपने हाथ पसारती आप समझे कि हर तरह थे । मैंने कहा । उस बूढे आदमी ने पहले पूरी दीवार को सफेद कागज से ढक दिया । फिर उसने अपनी अशर्फियों को भर्ती में दबाया और उन्हें संधान परकोटा । तत्पश्चात उसने फ्रांस के कागज के पन्नों के बीच प्रक्रिया को उजडे पन से पूरा किया । संभव है उसने रात में अपना कमरा अंदर से बंद करने के साथ ही दीवार पर सोना चिपकाने का काम शुरू कर दिया और सुबह तक पूरी दीवार को ज्यादा महंगे वाले कागज से रख दिया । लेकिन के आने से पहले । तथापि बाद में हमें पता चला कि उसने सोने की मोटी मोटी पत्रों को दीवार पर वास्तव में कालीन बुनने की बेर एनजीके टांकों से जड दिया था । मेरी खोज के फलस्वरूप लॉर्ड महौल देके जेब में एक लाख बीस हजार पौंड से भी अधिक रनों कम आ गई और मैं इन शब्दों के साथ इस युवक की उदारता की प्रति सहर्ष आभार प्रकट करना चाहता हूँ कि उसने स्वेच्छा से मेरे मेहनताने का निपटान करने में कोई कोताही नहीं की और नगर के एक और मुख्य के रूप में मेरे बैंक खाते को सुदृढ कर दिया हूँ ।

Details
विश्‍व प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखी गई जासूसी कहानियों का अनोखा कलेक्‍शन है ‘बड़ी जासूसी कहानियां’। ओ हेनरी, जी.के.चेस्‍टरटन, आरनॅल्‍ड बेनेट, रॉबर्ट बार तथा अन्‍य लेखकों द्वारा लिखी गईं चयनित जासूसी कहानियां पाठकों को बेहद पसंद आएंगी। रहस्‍य और रोमांच से भरपूर ये कहानियां आपका भरपूर मनोरंजन करेंगी। सुनें पूरी कहानी। writer: भविष्य कुमार सिन्हा Voiceover Artist : RJ Nikhil Author : Bhavishya Kumar Sinha
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