Made with  in India

Get Free TrialBuy CoinsDownload Kuku FM
6 - ईश्वर का फरिश्ता in  |  Audio book and podcasts

6 - ईश्वर का फरिश्ता

3 KListens
Get Free Trial
विश्‍व प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखी गई जासूसी कहानियों का अनोखा कलेक्‍शन है ‘बड़ी जासूसी कहानियां’। ओ हेनरी, जी.के.चेस्‍टरटन, आरनॅल्‍ड बेनेट, रॉबर्ट बार तथा अन्‍य लेखकों द्वारा लिखी गईं चयनित जासूसी कहानियां पाठकों को बेहद पसंद आएंगी। रहस्‍य और रोमांच से भरपूर ये कहानियां आपका भरपूर मनोरंजन करेंगी। सुनें पूरी कहानी। writer: भविष्य कुमार सिन्हा Voiceover Artist : RJ Nikhil Author : Bhavishya Kumar Sinha
Read More
Transcript
View transcript

ईश्वर का फरिस्ता हम मैं हमेशा सोचा करता था कि मेरे पिता नहीं कल लंबा खतरा आपने कर लिया है लेकिन किसी ना किसी को तो जोखिम उठाना ही था और निश्चित रूप से मुझ पर शक जाने की आशंका बिल्कुल ही । ये एक जंगली देश था, वहाँ बैंक नहीं थे । हमें मवेशियों के लिए भुगतान करना था और किसी को तो पैसे लेकर जाना ही था । मेरे पिता और मेरे अंकल पर तो हमेशा नजर रखी जा रही थी । मेरे पिता सही थे, मैं समझता हूँ आपने । उसने कहा मैं मार्टन को भेज रहा हूँ । कोई भी कभी ऐसी कल्पना भी नहीं करेगा कि हम रकम ले जाने की जिम्मेदारी किसी बच्चे पर डालेंगे । मेरे अंकल ने मेज पर ठकठक की जैसे नगाडा बजा रहे हूँ और फर्श पर सीढियों से खटखटाहट की । वो कुमारे हटी अडियल और अल्पभाषी थे लेकिन वो बात कर सकते थे और जब बोलते वो आरंभ से शुरुआत करते और आपको शुरू से अंत तक पूरी बात सुननी पडती हैं और वो जो कुछ भी कह देते हैं उसके पीछे वो अटल रहते हैं । मार्टिन को रोकना मेरे पिता कहते गए मतलब सिर्फ रुपये पैसे का नुकसान लेकिन तुम को रोकने का मतलब होगा किसी की हत्या करवाना । हाँ मैं समझ गया कि मेरे पिता के कहने का भी ट्राय किया है । उनका मतलब था कि अब मेर को लूटने की हिम्मत कोई नहीं करेगा । जब तक उसकी जान में जान उसे जान से मारने के बाद भले ही कोई उसको लोगों के लिए मैं अपने अंकल के बारे में कुछ कहना चाहता हूँ । वो कट्टर नेतान् धार्मिक लोगों में से एक थे जो धर्म आंदोलन की उपज कहलाते हैं । वो अपनी जेब में हमेशा एक बाइबल रखते और जब कभी इच्छा होती उसे निकालकर पडने लगते हैं । एक बार रॉय मदिरालय यानी रॉयल ऍम में भीड ने उनका मजाक बनाने की कोशिश की जब उन्होंने अंग्रेजी के पास बैठ कर अपनी किताब निकली । लेकिन उन्होंने फिर कभी ऐसी कोशिश नहीं जब झगडा खत्म हुआ । अब मेर ने टूटी कुर्सियों और मेज के लिए रॉय को अठारह रजत डॉलर चुका है और उस मदिरालय में वही एक आदमी था जो एक घोडे की सवारी कर सकता था । अब मेरे ईसाई धर्म योद्धा था और उसका ईश्वर एक युद्ध नायक था । अतः इस कारण उन्होंने मुझे भेजने का फैसला किया । हरे हरे नोटों के बंडलों को अखबार में लपेटकर दो खुद रियों में भर दिया गया और मैं अपने सफर पर चल पडा । मैं करीब नौ वर्ष का था नहीं, ये इतना बुरा नहीं था जैसा आप सोचते हैं । नौ वर्ष की आयु में मैं किसी भी प्रकार के घोडे की सवारी कर सकता था और सारे दिन कर सकता था । मैं हिट लेदर की माफिक मजबूत था अर्थात बिल्कुल भी मजबूत नहीं था । और मैं उस देहाती क्षेत्र से भी बात सिर्फ था जिसमें मैं जा रहा था । आप के मन में किसी ऐसे छोटे बच्चे का ख्याल नहीं आना चाहिए जिसे आप पार्क में एक लोचदार घेरा घुमाते हुए अकसर देखते हैं । ये पतझड का मौसम शुरू होने की दोपहर थी । मिट्टी की सडकें रात में जम जाती हैं । दिन में ये नरम और कुछ चिपचिपी हो जाती हैं । मुझे नदी की दक्षिणी और रॉॅकीज और सुबह वहाँ से चल देना था । यदा कदा में मवेशी हांकने वालों के पास से गुजरा लेकिन सूर्यास्त के समय तक कोई मेरे बराबर नहीं आ सका । फिर मैंने अपने पीछे घोडे क्या हटसन और एक आदमी आगे आया । मैं उसे जानता था । वो पशुपालक था और उसका नाम दिख था । वो कभी बहुत वणिक यानी जहाज से माल भेजने वाले और मांगने वाला व्यापारी था । लेकिन दुर्भाग्य से उस पर बडी मुसीबत आ पडी । उसका साझेदार अल कीरा चरवाहों के वास्ते रखी एक बडी रकम लेकर चंपत हो गया । डिक्स बर्बाद हो गया था । उसने अपनी जमीन जो बहुत ज्यादा तो नहीं थी चरवाहों के लिए छोड दी । इसके बाद वो पहाडों पर अपने लोगों के पास चला गया था । वहां उसने सबसे मिलकर एक बडी रकम इकट्ठा की और एक बडी चरवाहा भूमि खरीद ली । विदेशी दावेदारों ने किसी पुराने स्वस्थ तो विलेख को लेकर अदालतों में उस पर मुकदमा भी ठोक दिया और वह पूरी जमीन और उसकी खरीद के लिए चुकाई गई कुल रकम से हाथ धो बैठा हूँ । उसने हमारी दूर के कजन से विभाग किया था और वो हमारे चाचा अपने घर की जमीन से लगी उसकी जमीन पर बसेरा डालकर रहने लगा था । वो डिस्को मुझे सडक पर देख कर कुछ अच्छा हो रहा था तो ये ऍम उसने कहा मेरा ख्याल था कि अपने घर जा रहा होगा । देहाती क्षेत्र में तो इस आयु में भी एक छोटा काफी चला हो जाता है और मैंने किसी को नहीं बताया कि मेरा इरादा क्या है । पिता चाहते हैं कि ढोल डंगर को एक महीने तक नदी के उस तरफ रहने दिया जाए । मैंने सहज रूप से उत्तर दिया और अपने पिता का आदेश शर्मा हो को पहुंचाने जा रहा हूँ । उसने मुझे घूरकर देखा । फिर उसने अपने टखनों से खुद ही हूँ यानी ऍम ठोक बजाकर देखा । तुम काफी सामान ले जा रहे हो मेरे बच्चे, मैं उस पर घोडे का चारा । मैंने कहा आप तो मेरे पिता को जानते ही हैं । घोडे को उसका भोजन डिनर के समय जरूर मिलना चाहिए, लेकिन एक आदमी खाना मिलने तक इंतजार कर सकता है । सडक पर साथ मिल जाना हमेशा सुखद होता है और हम इधर उधर की बातों में मशगूल हो गए । डिक्स ने कहा कि वह दस मील देहाती प्रदेश में जा रहा है और मैं हमेशा उसी सोच में रहता आया कि वास्तव में यही उसका इरादा था । सडक आगे करीब एक मील के बाद मदिरालय की ओर मुड गई । जिस तरह हम मुझे कभी पसंद नहीं था, स्वभाव से वह शमा याचक के सरीखा लगता था, लेकिन उसके चेहरे से धूर्तता हटीला पर ही रहता था । थोडी देर बाद एक आदमी सरपट दौडता हम से आगे निकल गया । वो एक पशु ठीक रहता था जिसका नाम मास्टर मेरे अंकल अपने घर के आगे रहता था और वो रात से पहले पहुंचने की जल्दी में तेजी से जा रहा था । उसने हमें सलाम किया लेकिन वह रुका नहीं । हमारे ऊपर की चढ की बौछार पडी और डिक्स ने उसे बुरा भला कहा । मैंने से अधिक दुष्ट चेहरा कभी नहीं देखा है । मैं समझता हूँ ये इस कारण था क्योंकि उसके मुँह के आसपास समान्यता था । एक प्रकार की धूंध तापूर्ण मुस्कुराहट रहती थी और जब ऐसा चेहरा रहता है तो बहुत भयानक बन जाता है । इसके बाद वो चुप हो गया । वो सिर झुकाए हुए और अपने जबडे पर नोच खसोट मारते हुए खोडी की सवारी कर रहा था । जैसे कोई बडा आदमी बडी उलझन में पडे होकर करता है था चौराहे पर आकर रुक गया और कुछ देर जीन पर बैठे बैठे अपने सामने देखता रहा । मैंने उसे वहीं छोड दिया लेकिन पुल पर उसने पकडा दिया । उसने कहा वाह रात का खाना खाने के लिए रुके का और उसके बाद जाएगा । रॉयल ऍम में एक ही बडा कमरा था और उसके ऊपर सोने की जगह के लिए एक अटारी थी । एक संघ के ढका हुआ रास्ता इस कमरे को उस घर से जोडता है जिसमें रॉय और उसका परिवार रहता था । हम अपनी काठी इस ढक के गलियारे में लकडी की खूंटियों पर टांग देते मैंने वो दिवार देखी है जिसपर भिन्न भिन्न कौन सवार अपनी काठिया टंगा करते हैं और ऐसा मेल कराने वाली जगह है । आपको कहीं और नहीं मिलेगी । लेकिन आज की रात डिक्स और मैं उस मंत्रालय में अकेले थे । उसने मक्कारी भरी नजर से मुझे देखा जब मैं खुजरिया को बडे कमरे मिलाया और उन्हें उठाकर सीढी से ऊपर अटारी मिले गया लेकिन उसने कहा कुछ नहीं । असल में उसने एक बार भी हूँ नहीं खोला था । सर्दी थी जब हम अंदर आए सडक जमने लगी थी । रॉय ने एक बडी अंगीठी जला दी । इससे पहले मैं डिक्स को छोडकर चला गया । मैंने अपने कपडे नहीं उतारे क्योंकि रॉय के बिस्तर ई अथवा बिच होने गेहूं की भूसी के गड्डी थी जिन पर बछडे की चमडी चढी हुई थी जो गर्मियों के लिए तो ठीक रहते हैं लेकिन ऐसी रात में बहुत दर्द हो जाते हैं । भले ही उन पर हाथ के बुने, सफेद और काले चर खाने वाले कपडे का खोल क्यों ना चढा हो । मैंने खुद रियों को अपने सिर के नीचे रखा और लेट गया । मुझे तुरंत नींद आ गई लेकिन अचानक में जाते हैं । मुझे लगा कि अटारी में एक मोमबत्ती है लेकिन ये नीचे चल रही एक आग की रोशनी की किरण थी जो फर्श में एक दरार से चमक रही थी । मैं लेटे लेटे उसे देखता रहा मैंने रजाई अपनी थोडी तक खींचना फिर मुझे इस आश्चर्य ने घेर लिया कि आदमी इतनी चमक क्यों है? कुछ देर में डिक्स को निकलना होगा और ये विवाद था की सबसे बाद में जो आएगा वो आपको कुरेदकर जाएगा । कोई भी आवाज नहीं थी । दरार में से रोशनी बराबर आ रही थी । अचानक मुझे ख्याल आया कि डिक्स आपको कुरेदना भूल गया होगा और मुझे नीचे जाना चाहिए तथा आपको रेत करानी चाहिए । रॉयल्स होने के लिए जाने से पहले आपके बारे में हमेशा आघा कर जाता था । मैं उठ खडा हुआ लिहाफ अपने बदन पर लपेटा और पाँच में जब दरार से नीचे ध्यान से देखने के लिए मुझे तख्ते पर पूरा लेट जाना पडा हूँ । बिक्री यानी अखरोट के वृक्ष की लकडियां बडे अंगारों में बदल गयी थी और लाल कोयले की भट्टी के माफिक चमक रही थी । इस भाग के सामने दिख खडा था । वो अपने हाथ आगे प्रसार कर सीख रहा था मानो उसकी हड्डियां अंदर तक हो गई । लेकिन उस तमाम ठिठुरन के बावजूद जब उस आदमी का चेहरा रोशनी में आया मैंने उसे पसीने में तर देखा हूँ । कुछ चेहरा हमेशा मेरी याद में रहेगा, पर वही धूर्त मुस्कान लेकिन मुस्कान जबरदस्ती खींची गई थी बल्कि अंदर घुसी हुई थी । डाॅ आपस में जकडे हुए थे । मैंने स्ट्रेटनिंग से विशाल एक कुत्ते को देखा है जो ऐसा ही दिखता था । मैं महान लेटा हुआ देखता रहा । ऐसा प्रतीत होता था मानो उस आदमी के अंदर बसी कोई ताकतवर एवं बुरी चीज आपने आकृति पर उसका बदला हुआ चेहरा चिपकाने के लिए कडी मेहनत कर रही हो । आप समझ नहीं सकते कि उस पैशाचिक भयानक पीडा नहीं । मुझे किस कदर बांधे रखा चेहरा लगता था जैसे प्लास्टिक का बना हो और उसमें से पसीना टपक रहा हो । फिर वो सर्दी सेट हो रहा था । वो आदमी घुसे जा रहा था, खुद को घूमा फिरा कर से एक रहा था और अपने हाथों को आपके ऊपर फैलाकर ताप ले रहा था । और ये ऐसा था मानो आप की तपिश बर्फ के अंदर घुसकर बर्फ को भले ही पिछला दे लेकिन उससे ज्यादा तपेश ना तो उसके अंदर जा पाएगी और नाम से उससे ज्यादा गर्मी दे पाई । ऐसा लगता था जैसे आपकी गर्मियों से झुलस दी थी और फिर ठंडा छोड देती हूँ और भीषण रूप से तथा अत्यंत निराशा के कारण भावशून्य एवं वेपर वहाँ था । मैं उस पर आपकी झुलसन सोंग सकता था । लेकिन दुर्दांत ठंडक के सामने उसकी कोई शक्ति नहीं थी । मैं स्वयं ऍम महसूस करने लगा । हालांकि मैंने मोटा लिहाफ अपने ऊपर लपेटा हुआ था । स्थिति ने एक चिंता आरक्षक भय का रूप ले लिया था । मुझे लगता था जैसे में किसी भी बहुत प्रसूति कक्ष में नीचे झांक रहा हूँ । कमरा आपकी रोशनी से बराबर भरा हुआ था । उसमें एक भी छाया हिलडुल नहीं नहीं थी और वहाँ सन्नाटा था । उस आदमी ने अपने वोट उतार लिए थे और उन्हें वो बेआवाज आपके सामने झुकना रहा था । ये दृश्य किसी डरावनी प्रेत कथा या किसी ड्रग से रूप परिवर्तन जैसा था । मैंने सोचा कि वह खुद को आग में जलाकर मार डालेगा । उसकी कपडों से धुआं उठ रहा था । वो इतना ठंडा कैसे हो सकता था । फिर अंततः हार रहस्य समाप्त हुआ है । मैं देख नहीं पाया क्योंकि उसका चेहरा आग में था लेकिन अचानक वो स्वस्थ चित्र शांत एवं गंभीर हो गया और वो वापस कमरे में चला गया । मैं आपको बताऊंगा । मुझे देखने में है लग रहा था । मुझे नहीं पता कि मैं क्या देखना चाह रहा था लेकिन मैंने ये भी नहीं सोचा था कि वह डिक्स होगा । ठीक वो टैक्सी था लेकिन वह डिक्स नहीं जिसे मैं क्या आप यह हम में से कोई जानता है । इस दूसरी डिक्स में एक प्रकार की शमा याचना, एक प्रकार का निर्णय एक प्रकार का दास से भाव था और ये सब उसके चेहरे पर झलकती थी । लेकिन इस आदमी में इनमें से कोई कमजोरी नहीं थी । उसका चेहरा दृढता और निश्चय की अवस्था में आ गया था । उस की सूरत शक्ल में जो ढीलापन था वो हट गया था । उसकी आंख की छह लूँगी चंचलता जा चुकी थी । अब वह तनकर अपने पांव पर खडा हुआ था और वो हिम्मत से भरा था । लेकिन मैं उससे डाला हुआ था क्योंकि मैं दुनिया में कभी भी किसी मानव प्राणी से नहीं करा । कुछ नीच प्रवर्ति जो उसमें रही है वो उसकी छदम देश के पीछे छिप गयी थी । उसने छल कपट वधों केबाजी का निवास पहन लिया था और अब वो सामने यहाँ गए थे और उस नीच प्रवर्ति ने आदमी की सूरत शक्ल को उसकी घिनौनी हिम्मत में बदल दिया था । फिलहाल उसने कमरे में इधर उधर तेजी से ताकझांक करना शुरू कर दिया । उसने खिडकी के बाहर देखा और दरवाजे से कान लगाकर सुना । फिर वो धीरे से आठ वाले गलियारे में गया । मैंने सोचा कि वो अपने सफर पड जा रहा है लेकिन फिर ख्याल आया कि वो अपने बूट आपके पास छोडकर कैसे जा सकता है । तो दक्षिण वो अपने हाथ में घुडसवारों के समय काठी बिछाने वाली एक कंबल ये वापस आया और चुपके चुपके कमरे पार करके सीडी तक पहुंचा । तुमने उसका इरादा समझ गया और डर के मारे निश्चित हो गया अर्थात हिलडुल भी नहीं सका । मैंने उठने का प्रयास किया लेकिन असमर्थ रहते मेरे वर्ष में इतना ही था कि लेटे लेटे फर्ज की दरार में पाक गडाए रख सकता हूँ । उसका पैर सीढी पर था और मुझे पहले ही ऐसा महसूस होने लगा जैसे उसका हाथ मेरे गले पर हूँ और वो कम्बल मेरे ऊपर और मेरे अंदर मौत की घुटन । उसी समय मैंने दूर कडी सडक पर एक थोडी की आवाज सुनी । वो आहत उसने भी सुनी क्योंकि वो सीढी पर ठीक थक गया और अपना चेहरा उसने दरवाजे की तरफ मोड लिया । घोडा पुल के आगे लंबी पहाडी पर था और वह चला रहा था जैसे कि काठी पर शैतान सवार हो जी एक कठोर अंधेरी रात थी । जमी सडक चकमक पत्थर जैसी थी । मैं लो ही की नाल की आवाज सुन सकता था । जो कोई भी उस घोडे पर सवार था । वो अपने जीवन की आखिरी सवारी कर रहा था या उसे जिंदगी की परवाह नहीं लिया । वो पागल था । मैंने घोडे को पुल पर चोट करते और बिजली की गति से पुल पार करते सुना था और इतने समय तक अपने हाथ सीडी पर रखे लटका और आहत सुनता रहा । अब वो धीरे से नीचे कूद गया । उसने अपने जूते खींचे और आपके सामने खडा हो गया अपनी चेहरे के साथ जो अपनी पहचान चिक दिलेरी के साथ चमक रहा था । मैं सुन सकता था कि उसने लगाम खींची है और घोडे से उतरा है । उसकी लो ही के जूते जम गयी । साथ कुछ छीलते हुए आगे बढ रहे हैं । फिर दरवाजा खुला और मेरा अंकल । अब नीर कमरे के अंदर मैं इस कदर खुश हुआ कि मेरे दिल में मेरा सांस लेना मुश्किल कर दिया और एक्शन के लिए मैं कुछ नहीं देख पा रहा था । एक तरह का धुंध आंखों पर छा गया लगता था । अब नीर कमरे में तेज नजर डाली इधर उधर छूकर देखा और फिर गया खुदा का शुक्र है । उसने कहा, मैं समय पर आ गया और उसने अपनी कठोर उंगलियों वाला हाथ अपने चेहरे पर फेरा और अगले ही क्षण उसने कोई चीज जोर से खींचकर हटा दी । समय पर किसी डिक्स ने कहा, अब देर ने उसे नजर भर देखा और मैं उसकी विशाल कंधे की मांसपेशियों को सख्त होता देख सकता था और उसने दोबारा डिक्स पर नजर डाली । फिर वो बोला और उसकी आवाज अजीब थी । डिप्स उसने कहा क्या ये तुम हो? ये मेरे सिवा और कौन होगा? डिक्स बोला ये दोस्त भी हो सकता है । अब नीर ने कहा तुमको पता है तो तुम्हारा चेहरा कैसा लगता है जैसा भी लगता हूँ परवाह नहीं । डिक्स ने कहा और इसलिए अब नीर ने कहा हमें इस नए चेहरे से हिम्मत मिली है । डिक्स ने अपना सिर ऊपर करते हुए कहा अब इधर देखो अपनी तुम्हारी बडी बडी बातें मैं बहुत देख चुका हूँ । तुम घोडे की जान की बाजी लगाकर यहाँ अचानक पहुंचे हो और आखिर तो हमारे साथ क्या गडबड है । मेरे साथ मेरे साथ कोई गडबड नहीं है । अब नींद ने जवाब दिया और उसकी आवाज धीमी थी लेकिन तुम्हारे साथ कोई भीषण गडबड जरूर हैंड्रिक्स तो है, शैतान ले जाए । डिक्स ने कहा, और मैंने उसे अपने घर से आंख मिलाते देखा । ये डर नहीं था । जिसने उसे रोक लिया उसके अंदर का डर निकल गया था । मैं समझता हूँ एक प्रकार की समझदारी थी । अब नीर की आंखे सोलह उठी लेकिन उसकी आवाज धीमी और सुख स्थिर बनी रही । वो बडी बातें उसने कहा ठीक दिख चलाया तो फिर दरवाजा छोडो और मुझे निकलने दो, अभी तो नहीं अभी नहीं । मैंने कहा मुझे तुमसे कुछ कहना है तो कहो दिख सीखा और दरवाजे से बाहर जाओ । जल्दी क्या है अब नहीं ने कहा सुबह का उजाला होने में अभी बहुत देर है और मुझे तुमसे बहुत कुछ कहना है तुम ये मुझे नहीं कहोगे । डिक्स ने कहा मुझे आज रात कहीं जाना है दरवाजे से हटाओ । अब देर नहीं मिला । तुम जो सोचते हो उससे भी कहीं अधिक लंबे सफर पर तुम को जाना है आज की रात लेकिन तो मैं सफर पर निकलने से पहले मेरी बात सुन नहीं होगी । मैंने डिक्स को अपने पंजों पर उठते देखा और मैं समझ गया कि उसकी मंशा क्या है । उसे एक हथियार चाहिए था और वो इतनी ताकत समेट लेना चाहता था कि अब देर का सामना कर सके, लेकिन उसके पास में हथियार था और न ताकत और उसने अपने पंजों पर खडे खडे शुरू आपको गलना शुरू कर दिया । नीट छिछली होती कश्मीर चाकू की चोट के माफिक नहीं । अब मेर ने उसे एक अजीब दिलचस्पी से देखा । ये अजीब बात है मानो जैसे खुद से बात कर रहे हो लेकिन इससे स्थिति स्पष्ट हो जाती है । जो व्यक्ति किसी का दास नहीं है उसके पास किसी की हिम्मत भी नहीं हो सकती । लेकिन जब हम तो कहाँ अपनी इच्छा जाहिर करता है, उसे वो सब मिल जाता है जो उसका मालिक उसे देना चाहता है । तो फिर उसने देख से कहा बैठ जाओ और ये उस गहरी संतुलित आवाज नहीं जिसका प्रयोग आपने तब करता था जब अपने शब्दों के पीछे सटकर खडा होता था । पहाडों में हर व्यक्ति उस आवाज को पहचानता था । उस आवाज को सुनने के बाद व्यक्ति को सिर्फ एक क्षण मिलता था । तय करने के लिए डिक्स को ये मालूम था और फिर एक्शन के लिए वो अपने पंजों पर खडा रहता है । उसकी आंखें िकलकर बंदगी की आंखों की तरह चमक रही थी और उसका बैठा हुआ था । वो भी नहीं था । अगर उसे अपने घर के विरुद्ध कोई मौका मिलने की संभावना होती तो वो उस मौके को छोडना नहीं । लेकिन उसे पता था कि कोई मौका नहीं है और उसने कसम के साथ काठी का कम्बल एक उन्हें में फेंका तथा आज के पास बैठ गया । तब अपने दरवाजे से हट गया । उसने अपना बडा कोर्ट उतारा । आग में लकडी का एक था डाला और डिक्स के सामने बैठ गए । अग्निकुंड के दूसरे सिरे पर लकडी पढते ही चक चक्कर की लगते थे । कुछ देर तक खामोशी रहे दोनों में से किसी ने एक शब्द भी नहीं बोला । अब नहीं लगता था सामने बैठे आदमी के बारे में गंभीर सोच विचार कर रहा हूँ । अंततः उसने चुप्पी तोडी दिख । क्या तुम प्रभु की अनुकंपा में विश्वास करते हैं? दिखने झटके से अपना सिर उठाया । अब देर वो चीज अगर तुम फिजूल की बातें करने वाले हो तो मैं अपनी कसम खाकर तुमसे वादा करता हूँ कि मैं तो सुनने के लिए रुकूंगा नहीं । अभिनिर्णय तुरंत कोई जवाब नहीं दिया । वो किसी और मुद्दे पर बात शुरू करने जा रहा था । डिक्स उसने कहा तो तुम्हारे साथ पहले ही काफी बुरा हो चुका है । शायद तो मुझे दूर रखना चाहोगे । अभी अब मेर तुम सच बोलो मैंने बहुत नारकीय यातना सही है । तुम नारकीय यातना सह चुके हो । अब मेर ने जवाब दिया, ये अच्छा शब्द है । मैं इसे स्वीकार करता हूँ । तुम्हारा साझेदार नदी के दूसरी तरफ के चरवाहों की सारी रकम लेकर गायब हो गया । मुकदमे में तुम अपनी जमीन हो बैठे और आज रात तुम्हारे पास एक डॉलर भी नहीं है । वो बडी जमीन थी जो तुम्हारे हाथ से निकल गए । तुम्हें इतनी बडी रकम कहां? फॅमिली मैं तुमको सौ बार बता चुका हूँ दिखने जवाब में कहा मैंने वो रकम पहाडों पर अपने लोगों से खट्टा की, तुमको पता है कहाँ से मिली हूँ । अब नहीं कहा मुझे मालूम है तुम्हें वो रकम कहाँ मिलता है था । मुझे एक और बात मालूम है लेकिन पहले मैं तुमको ये दिखाना चाहता हूँ और उसने अपनी जेब से एक कदम तराश अर्थात जी बीज को निकाला और मैं तुमको बताना चाहता हूँ कि मैं ईश्वरीय कृपा में विश्वास करता हूँ । तुम किस में विश्वास करते हो, तुम जानो, मैं उस की जरा भी परवाह नहीं करता । डिक्स ने कहा लेकिन मैं जानता हूँ तो उस की परवाह अवश्य करते हो । अब देर में जवाब दिया तुम क्या जानते हो । डिक्स ने सवाल किया, सही मैं जानता हूँ तो तुम्हारा साझेदार कहाँ है? डिक्स क्या करने जा रहा था? मैं इस बारे में निश्चित नहीं था । लेकिन अंततः उसने ताना मारते हुए जवाब दिया, तब तो तुम कुछ ऐसा भी जानते हो जो कोई और नहीं प्रांत ठीक है । अब निर्णय जवाब दिया एक और आदमी है तो जानता है कौन तुम डिक्स अपनी कुर्सी में कोर्स धन गया और उसने अपने को नजदीक से देखा । आपने मुझे मिला था तो बकवास कर रहे हूँ । कोई नहीं जानता कि हल्की ने कहा है । अगर मुझे पता होता तो मैं उसका पीछा जरूर करता दे । आपने ने जवाब दिया और इस बार फिर वही गहरी संतुलित आवाज की । अगर मुझे यहाँ आने में पांच मिनट की देरी हो जाती है तो तुम उसके पीछे चले गए होते हैं । मैं तुम्हें इसका वादा कर सकता हूँ । अब सब मैं देहाती इलाके में था जब साझेदारी के बारे में तुम्हारा संदेश मिला और मैं वापस आ रहा था । जब एक रन में मुझसे रकात का दस मटूडा हूँ । मेरे पास कोई चाकू नहीं था और मैंने स्टोर में जाकर ये खरीदा । तब स्टोरकीपर ने मुझे बताया कि अल की रहे । आपको मिलने गया था । मैं उसके साथ उलझना नहीं चाहता था और मैं वापस मुड गया । इसलिए मैं तुम्हारा साझेदार नहीं बना और इसी कारण में गायब नहीं हुआ । वो किया था जिसमें रोका रकाब का टूटा दस मई चाहती हूँ । पुराने जमाने में डिस्क लोग इतने अंधे होते थे कि ईश्वर को पहले उनकी आंखें खोलनी पडती थी ताकि वो अपने सामने उसके फरिश्ते को देख सकें । जिस रातल की रे गायब हुए उस रात में तुम्हारे घर के रास्ते मैं उससे मिला था । मैं वहाँ बाहर पुल पर था हूँ । उसका एक रकार दस मार टूट गया था और वो उसे तीन से कसने की कोशिश कर रहा था । उसने मुझसे पूछा कि क्या मेरे पास चाकू और मैंने ये चाकू से दे दिया । तभी लगा कि बरसात आने वाली है और मैं आगे चल दिया उसे । वहीं हाथ में चाकू लिए सडक पर छोड कर अब मेरे बोलते बोलते रुक गया । उसके बडे जबडे की मांसपेशियां सिकुड गई । ईश्वर मुझे क्षमा करें । उसने कहा ये उसका ऑफर रहता था । उसके बाद मैंने लाल किला को कभी नहीं देखा । उसके बाद किसी ने उसे नहीं देखा थे । डिक्स ने कहा वो गुजरात पहाडियों से निकल गया था नहीं अब नहीं इतने जवाब दिया बल्कि रे रात के समय अपनी यात्रा पर नहीं निकला । दिन में निकला था अब मेर डिक्स ने कहा तोमिक मूर्ख की तरह बात कर रहे हो । अगर हल्की रे ने दिन में सडक के रास्ते सफर किया होता तो किसी ना किसी ने उसे अवश्य देखा होता । जिस सडक से वो गया वहाँ कोई उसे देख नहीं सकता था । अब नींद नहीं जवाब दिया कौन सी ऍम टिक्स ने पूछा डेक्स अब नींद नहीं जवाब दिया तो वो भी बहुत जल्दी पता चल जाएगा । अब नीर ने कठोर दृष्टि से उसे देखा । तुमने हल्की रे को देखा था जब उसने अपनी यात्रा शुरू की लेकिन क्या तुमने देखा वह कौन था जो उसके साथ गया उसके साथ कोई नहीं गया? डिक्स ने कहा बल्कि रे अकेले गया था, अकेले नहीं कोई और भी था । मैंने उसे नहीं देखा । दिखने कहा और फिर भी तुमने अल कि मेरे को उसके साथ जाने दिया । मैंने डिक्स के चेहरे में मक्कारी को घुसते देखा । उलझन में पड गया था लेकिन उसने सोचा के अपनी और उसकी मक्कारी भाप नहीं पाएगा और मैंने और मेरे को किसी के साथ चले जाने दिया । क्या मैंने ऐसा है तो वो कौन था क्या तुमने उसे देखा, किसी ने भी उसे कभी नहीं देखा । वो कोई अजनबी रहा होगा नहीं । आपने ने जवाब दिया, हमारे आने से पहले ही वो पहाडियों को चढ चुका था । वास्तव में डिक्स बोला और वो किस प्रकार के घोडे पर सवार था । सफेद अब नहीं ने कहा डिक्स को कुछ अंदाजा हो गया कि अपनी का अब क्या अभिप्राय है और उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया तो क्या कहना चाह रहे हूँ वो लाया तुम यहाँ बैठकर भर उसमें लट्ठा चला रहे हो । अगर तुम कुछ जानते हो तो साफ साफ हो हमें सुनने दो । क्या है वो अब? नीर ने अपना बडा ताकतवर हाथ झटके से आगे बढाया । मानव डिक्स को वापस कुर्सी में खेल देना चाहता हूँ सुनो । उसने कहा उसके दो दिन बाद मैं उस दस मिनट देहाती क्षेत्र यानी तीन माल कंट्री में निकल जाना चाहता था और मैं तुम्हारी जमीनों से होकर गया । मैं तुम्हारे घर के पश्चिम की तरफ घाटी से होकर निकला । उस रास्ते में उधर एक सेम का पेड है । किसी चीज की तरफ अचानक मेरा ध्यान गया और में रुक गए । पांच मिनट बाद में जान गया किसी की उस पेड के नीचे असल में क्या हुआ था । कोई घर सवार वहाँ तक आया था । वो उस पेड के नीचे ठहरा था । फिर कुछ घटना घटी और घोडा भाग गया । उस रास्ते पर किसी घोडे के खोरों के निशान से मैं समझ गया । मुझे पता था कि उस घोडे पर एक सवार था और वो उस पेड के नीचे रुका था क्योंकि एक निश्चित ऊंचाई पर उस पेड से शाखा कटी हुई थी । मुझे मालूम था कि थोडा बाहर का है क्योंकि सेब के पेड की छोटी छोटी टहनियों को ओ एंड की शकल में काटा गया था और वो रास्ते पर एक ढेर में पडी थी । मैं समझ गया कि किसी बात से डरकर घोडा वहाँ से भाग गया क्योंकि झांक छोडेने छलांग मारी थी । वहाँ तृणावर्त मिट्टी खिलाई थी । दस मिनट बाद मुझे ध्यान आया कि घोडे ने जब छलांग मारी उस समय घुडसवारों जीन अथवा काठी पर बैठा हुआ नहीं था । मैं जान गया कि किस बात से थोडा डर गया था । मुझे ये भी समझ आ गया की घटना एक दिन पहले घटी थी । अब मुझे ये सब कैसे पता चला? सुनो मैंने अपने घोडे को उस पेड के नीचे दूसरे घोडे के खुर के निशान में खडा किया और जमीन को बडे गौर से देखा । तत्काल मैंने देख लिया कि रास्ते के बगल में घास बात, हर पथराव किस जगह कुछ ही हुई है और उस क्यारी के बीचों बीच मैंने ताजा मिट्टी का ढेर देखा । विचित्र बात थी देख वो जगह ताजा मिट्टी को होना जहाँ वो पशु लेट रहा हूँ । घोडा जब उठ खडा हुआ उसके बाद ये मिट्टी आई थी अन्य रहा । ये दमकर सपाट समतल हो गई होती । लेकिन ये मिट्टी आई कहाँ से थी? मैंने उतरकर सेब के पेड के इर्दगिर्द और उसके चारों ओर एक बडा चक्कर काटकर देखा । अंततः मुझे छुट्टियों का एक टीला मिला जिसकी छोटी कुछ इस तरह खुरची गई थी, मानो कोई वहाँ से हाथों में उठाकर खुल्ली में टी ले गया हूँ । फिर मैं पीछे गया और कुछ मिट्टी उखाड लेगी । इस मिट्टी के नीचे के ढेले लाल रंग से रंगे हुए थे । नहीं, ये रंगरोगन नहीं था । कुछ पचास गज आगे एक ग्रुप के समान एक झाडी थी या कहना चाहिए कि झाडी का खेला था । मैं उसके पास गया और वो झाडी नीचे जहाँ तक जा रही थी, वहाँ तक चला गया । सीट के पेड के सामने हर पतवार फिर दबी कुछ नहीं मिली जैसे कि कोई वहाँ पशु लेट रहा हूँ । मैं उस जगह बैठ गया और बाडी के कल लट्ठे से लेकर सेब के वृक्ष की एक शाखा तक अपनी आग सेक लकी रखी थी । फिर मैंने अपने घोडे पर सवार होकर उसे दोबारा पेड के नीचे दूसरे घोडे के खुर के निशान पर खडा किया । काल्पनिक रेखा मेरे पेट के गड्ढे से होकर जा रही थी । मैं कद में हल्की रे से चार इंच लंबा हूँ । तभी डिक्स ने कोसना शुरू कर दिया । अब नेट जब बोल रहा था उस समय मैंने उसके चेहरे को हरकत करते देखा था और वो पसीने की फुहार दोबारा प्रकट हो गई थी । लेकिन उसने हिम्मत बनाए रखी है जो उसने पाई थी । प्रभु महाबली है मानव । उसने चिल्लाकर कहा तुमने कितनी खूबसूरती से सन शेप में कह डाला हमें अभी अभी आपने नाम के एक वकील मिले हैं अपने संक्षिप्त विवरण के साथ क्योंकि मेरे पट्टेदारों ने एक बछडा मार दिया है क्योंकि उनका एक घोडा खून देखकर डर गया और भाग खडा हुआ क्योंकि वो इस कारण खून को मिट्टी से ढक देते हैं ताकि उस रास्ते से गुजरने वाले दूसरे घोडे वैसा ना करें । मैंने हल्की रे को उसकी काटी पर ही गोली से एकदम उडा दिया है । क्या काल्पनिक खोज है अब? वकील बनेर आपने स्पष्ट तुच्छ निष्कर्षों के साथ ये भी खुलासा कर दें । हल्की रे की हत्या करने के बाद मैंने उसका क्या क्या? क्या मैंने उसे गंधक सुबह हवा में गायब कर दिया या मैंने जमीन पारदी और हल्की रे को जमीन की अंतडियां निकल गई दे? अपनी जवाब दिया तो तुम्हारी बातें कुछ कुछ सच के आसपास घूम रही हैं । कसम मेरी आत्मा की डिक्स चीखा तो मेरी तारीफ कर रहे हो । यदि मुझे जादू का करता बाता तो सच मानो तो अब तक जमीन के बहुत मीठे होते । अब नीरिक्षण चुप रहा देख उसने कहा जब कोई जमीन का एक खंड घास लगी मिट्टी के ढेरों से दोबारा भरा ढका हुआ पाता है तो उसका क्या होता है? क्या ये कोई पहली है? डिक्स ठीक था ठीक है अगर मैं इसका जवाब न दू तो मुझे परेशान कर सकते हो तो मुझ पर हत्या का आरोप लगाते हूँ और फिर तो मैं चतुर पहेली में डुबकी मारते हो और इस पहेली का क्या उत्तर हो सकता है । अब देर अगर किसी ने कोई हत्या की होती तो ये घास वाली मिट्टी किसी कब्र के ऊपर पडी होती है और हल्की रे उसके अंदर अपनी खूनी कमीज में होता है क्या? मैं जवाब दूर तो जवाब मंजूर अपनी ने कहा है नहीं डिक्स टीका तुम्हारा घास फूस मिटटी से भरा वह गड्ढा कोई काम नहीं है और न हल्की रे उसके अंदर लेटा हुआ गैब्रियल के दूर याद की प्रतीक्षा कर रहा है । क्यों जवान तुम्हारे वो तुच्छ ग्राहक निष्कर्ष कहा है? डेट अपनी बोला तो मुझे जरा भी धोखे में नहीं रख सकते देंगे हल्की रे किसी कमरे में नहीं हो रहा है । तो फिर हवा में डिक्स ने कटाक्ष किया सफर की गंध से धवा में भी नहीं । अपनी ने कहा है तब आप खा गई होगी बाल के पुरोहितों की तरह आदमी भी नहीं खाया । अब नहीं नहीं बोला ब्रिक्स के चेहरे की शांति लौटाए । इस ठिठोली ने उसको वहीं पहुंचा दिया जहाँ वो समय था । जब पनीर अंदर आया ये सब मूर्खों वाली बातें उसने कहा था अगर मैंने हल्की रे को मारा होता तो मैं उसकी अर्थी को लेकर क्या कर सकता था और वह थोडा मैंने घोडे के साथ क्या क्या होता है । ध्यान रहे किसी भी आदमी ने हल्की लेके घोडे को अलग मेरे से ज्यादा कभी नहीं देखा और इसका कारण ये है कि अल की रे उस पर सवार होकर उस रात पहाडों से निकला था । अब इधर ब्लॅक तो मुझे बहुत सवाल पूछ चुके हो । मैं तुमसे एक सवाल पूछूंगा तुम्हारे जितने भी तो अच्छे निष्कर्ष है क्या? तो उनमें से किसी भी निष्कर्ष के आधार पर कह सकते हो कि मैंने ये काम अकेले किया था क्या दूसरों की मदद से देख अब नींद नहीं जवाब दिया मैं इसका उत्तर अपने निजी विश्वास पर दूर है तो तुम्हारे अपराध में कोई और शामिल नहीं था । तब मैं घोडे को कैसे ले जा सकता था बल्कि मेरे को मैं उठा सकता था लेकिन उसके घोडे का वजन तेहरा सौ पौंड था दे ये काम करने में किसी ने तुम्हारी मदद नहीं की लेकिन कुछ लोग थे जिन्होंने इसे छिपाने में तो भारी सहायता की और अब डिक्स ने कहा ये आदमी पागल हो रहा है । मैं ऐसे काम में किस पर भरोसा करता है । मैं तुमसे पूछता हूँ क्या मेरा कोई पट्टेदार है जो किसी और की जमीन पर काम करने के लिए आकर भी इस बारे में नहीं बताएगा । जब शराब का एक पहुँचा उसके गले के नीचे उतर जाएगा । कहाँ है वो लोग जिन्होंने मेरी मदद की देख अब नींद में कहा, उन्हें मरे हुए पचास साल हो चुके हैं । मैंने डिक्स को तब हंसी उडाते सुना और उसका दुष्ट चेहरा ऐसे दमक उठा जैसे उसके पीछे कोई मोहम्मद की चल रही होगी । और सच में मैंने सोचा उसने अपने काम बंद कर दिया । ऍम ठीक हूँ, ऐसे सबूतों के बावजूद हैरानी की बात है । तुम्हें पूछे फांसी नहीं दिलवाई और तुम फांसी चढ गए होते अब नहीं । मैंने कहा अच्छा जाओ और शरीर को बता दूँ और इन तुच्छ खरे निष्कर्षों को उसके सामने रखना मत भूल जाना । किस तरह तुमने घोडे के खुरों के निशान और उस जगह का हवाला देकर यहाँ एक बछडा काटा गया था बल्कि रे की हत्या का निष्कर्ष निकाला है और शव तथा घोडे कुछ पाने के लिए तुमने अपने तर्क में उन लोगों से मदद मिलने को आधार बताया जो उस वक्त अपनी कब्र में सड रहे थे । जब मैं पैदा हुआ था और फिर देखना वो किस तरह तुम्हारा सत्कार करेंगे । अब नीर में उस आदमी के शूद्र भाषण पर कोई ध्यान नहीं दिया । उसने अपनी जेब से चांदी की घडी निकले, डंडी दबाई और देखा । फिर वो अपनी गंभीर और संतुलित आवाज में बोला देख करीब करीब आधी रात का समय है । एक घंटे में तुम्हें अपनी यात्रा पर निकलना होगा । इसके अलावा मुझे कुछ और भी कहना है । सुनो मुझे पता है ये काम पिछले दिन किया गया था क्योंकि जिस रात अल की रे से मेरी भेंट हुई उस रात बारिश हुई थी और चीटियों केस टीले की मिट्टी उसके बाद उलट पुलट की गयी थी । इसके अतिरिक्त ये मिट्टी जल गई थी और उससे पता चलता है कि मिट्टी को वहाँ डाले हुए एक रात बीत गई थी और मैं जानता था कि उस घोडे पर हल्की रे सवार था क्योंकि रास्ते की बगल में काटी गई टहनियों के पास मेरा चाह को पडा हुआ था जहाँ ये उसके हाथ से गिर गया था । ये सब मैंने करीब पंद्रह मिनट में जान लिया । बाकी जानकारी इकट्ठा करने में कुछ अधिक समय लगा । घोडे के रास्ते का पीछा करते करते उस निचली छोटी घाटी तक पहुंच गया जहाँ वो रुका था । घोडा जहाँ तक दौड कर गया हो उस रास्ते का पीछा करना आसान होता है क्योंकि घोडा पैरों के निशान छोडना जाता है लेकिन जब थोडा रुक जाता है तो आगे के रास्ते की पहचान के लिए कोई निशान नहीं मिलता । मेरे साथ भी यही हुआ घाटी में टेढे मेढे रास्ते बनाकर भेजती । एक छोटी नदी थी और मैं जंगल से शुरू होकर धीरे धीरे वहाँ तक पहुंच गया ये पता लगाने के लिए कि घोडे ने कहाँ से उसे पार किया था । अंततः मुझे घोडे के जाने का रास्ता मिल गया और वहाँ आदमी के चलने का भी एक मार्ग था जिसका मतलब था कि तुम थोडी तक पहुंच गए और उसे दूर लेकर वहाँ ऊपर उठते मैदान पर एक पुराना बगीचा था । जहाँ कभी घर हुआ करता था । उस घर का निर्माण करीब सौ वर्ष पहले हुआ था । ये बुरी तरह टूट फूट गया था और पूरी तरह उठ गया था । तुम नहीं बगीचा चरागाह में खोल दिया था । मैंने इस पहाडी के सबसे ऊपर हिस्से को पार किया और अंत में मैं उस बगीचे में दाखिल हो गया जहाँ वो घर खडा था । उस से कुछ ही कदम पर एक बडा चौरस काई से ढका पत्थर पडा था । जैसे ही मैंने उस पर नजर डाली, मेरा ध्यान दिया कि इससे मिट्टी में उग्र ही काई पत्थर के किनारे के साथ साथ टूटी हुई थी और फिर मैंने गौर किया कि उस पत्थर के आस पास कुछ पीठ तक जमीन को आस पास लगी मिट्टी के ढेरों से दोबारा ढका गया है । इसके नीचे की मिट्टी उस लाल रंग से सराबोर थे । वो डाॅ तुमने जमीन को दोबारा घास पात और मिटटी से ढककर बडी होशियारी दिखाई । इसमें बहुत कम समय लगा होगा और इसमें उस स्थान को पूरी तरह ढक भी दिया जहाँ हमने घोडे को मारा था तो लेकिन तुमने ये भूल जाने की बेवकूफी की की उस बडे चौरस पत्थर के किनारे पर चारों टूटी काई को फिर से ठीक नहीं किया जा सकता है । आपने बस करूँ और मैंने उसके चेहरे से पसीना ही देखा । उसका चेहरा खुद ही हुई रोटी की तरह हरकत कर रहा था और उस पर वही जगन ने उदासी भरी । सिर्फ अच्छाई हुई थी । अब्रीनी क्षण के लिए चुप रहा और फिर शुरू हो गया लेकिन एक दूसरे पहले से दो बार अब नहीं । आपने कहा ईश्वर का फरिश्ता मेरे सामने आया लेकिन मैंने उसे जाना नहीं लेकिन तीसरी बार में उसे समझ गया ये ना तो हवा के कारण में होता है और ना अनेक नदियों समुद्र की आवाज की, हमें उसकी मौजूदगी का भान हो सके । इजराइल में उस इंसान को केवल संकेत मिलता था कि उसके अधीन शत्रु अब और लज्जाजनक आचरण नहीं करेगा । मुझे दो बार ऐसा शुभसंकेत मिला और आज रात जब माँ ने मेरे घर के सामने खराब चश्मा तोड दिया और मुझे दरवाजे तक आने की पुकार लगाई थी तथा मुझसे चार को मांगा ताकि वो दस में को ठीक कर सके । तब मैंने देखा और मैं आया । अब नीर में जो लकडी का लगता भट्टी में डाला था वो जल कर राख हो गया था और आप फिर अंगारों का एक ढेर बन गई थी । कमरा उसमें स्टेज नीरज लाल रोशनी से भर गया । एक उठकर खडा हो गया और अब वह आगे सामने हटकर खडा था । उसने अपने हाथ आगे तक फैला दिए जैसे सर्दी उसकी हड्डियों में घुसी जा रही हो तथा की गंद उस पर चढ गई थी । अब नहीं उठा और वो ऐसी आवाज में बोला जिसमें गहराई होती है और वजन होता है डेक्स उसने कहा तुमने चरवाहों को लूटा । तुमने हल्की रीको काठी से उतारकर गोली मार दी और तुमने एक बच्चे की हत्या कर दी होती है और मैंने अपनी र्की कोर्ट की आज तीन को हरकत में आते देखा फिर ये रुक गयी । वो दीवार पर कुछ बडे गौर से देखते हुए खडा रहा । मैंने दिखाना चाहा कि क्या चीज है लेकिन नहीं उसे नहीं दिखाया । अपनी रविवार के आगे देख रहा था मानो वो चीज आगे खिसक गई हो । और इस पूरे समय डिक्स उस भीषण ठंड से कापता रहा । अंगीठी पर अपने हाथों से देखने और आग में घुस जाने की कशमकश करता रहा । फिर वो पीछे झुक गया । उसकी आंख में अच्छा था और बुरी तरह ठहरा भी हुआ था । यूसी शेर की कर रहा थी, जिसने अपनी को जगह दिया । उसने अपना हाथ उठाया और अपनी उंगलियों को कठोरता से उसके चेहरे पर रखा । फिर उसने इस नई प्राणी पर नजर डाली जो खुशामद पर उतर आया और बहुत घबराया हुआ था । डेक्स उसने कहा, अल कीर एक ईमानदार आदमी था । वो उस परित्यक्त हुए में अपने घोडे के नीचे उतनी ही शांति से सोया हुआ है जैसे वो कब्रिस्तान में सोया होता । मैंने अपना हाथ पीछे खींच लिया है तो जा सकते हो । प्रतिशोध मेरा है । मैं चुकाउंगा । प्रभु का कहना है, लेकिन मैं जाऊंगा किधर? अब नहीं । उसने विलाप किया, मेरे पास कोई पैसा नहीं है, ठंड से मर रहा हूँ । अब नहीं । घर में अपने चमडे के बातें हुई, को निकाला और उसे दरवाजे की तरफ फेंक दिया । उसमें पैसे हैं । उसने कहा था एक सौ डॉलर और ये रहा में रखूँ जब लेकिन अगर मैंने तुझे कल पहाडियों में पाया या अगर कभी तो मुझे मिलेगा तो खुदा की कसम मैं तेरी जान ले लूंगा । मैंने उसको दस्त आदमी को अपनी की कोर्ट में लिपटे हुए और पर्स उठाते हुए तथा दरवाजे से बाहर निकलते देखा और एक्शन के बाद मैंने थोडी की आवाज सुनी तो प्रचार मैं लिहाफ में घुस गया । जब मैं दिन के उजाले में नीचे आया मैंने अपने अंकल अपने को आज के पास पढते हुए पाया नहीं ।

Details
विश्‍व प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखी गई जासूसी कहानियों का अनोखा कलेक्‍शन है ‘बड़ी जासूसी कहानियां’। ओ हेनरी, जी.के.चेस्‍टरटन, आरनॅल्‍ड बेनेट, रॉबर्ट बार तथा अन्‍य लेखकों द्वारा लिखी गईं चयनित जासूसी कहानियां पाठकों को बेहद पसंद आएंगी। रहस्‍य और रोमांच से भरपूर ये कहानियां आपका भरपूर मनोरंजन करेंगी। सुनें पूरी कहानी। writer: भविष्य कुमार सिन्हा Voiceover Artist : RJ Nikhil Author : Bhavishya Kumar Sinha
share-icon

00:00
00:00