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नमस्कार मैं वो शिवांक और आप सुन रहे हैं तो कोई ऍम सुने जो मन चाहे और ये है । इस कहानी का दूसरा एपिसोड तो चाहिए शुरुआत करते हैं । वो मिला को देखकर । तरीका की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा जितना उसने सोचा था । यह मिला उससे भी अधिक खूबसूरत था, जो उसे सबसे अधिक अच्छा लगा था । वो था डाॅन । उसके बेडरूम का दरवाजा बाकी याद में खोलता था । फॅस की सारिका को बहुत पसंद आया । बीच में खास थी । इसमें एक सुंदर सा झूला लगा था । उसके चारों तरफ पत्थरों का एक रास्ता बना था । किनारे पर सुंदर फूलों के पौधे थे । भाई तरफ कोने में हरसिंगार का पेड था । उसके पास ही पत्थर की एक बेंच थी । सारिका कल्पना करने लगी । फुर्सत के पलों में अपनी नोटबुक लेकर कोई नई कविता लिख रही है । पूरा घर देखकर भर रोमांचक थी । अब वहाँ पछता रही थी कि उसने कलॅर की बात मानकर बेवजह ही चेतन का मूड खराब कर दिया । सात साल हो गए थे उनके शादी को । पर आज तक उसने चेतन को जल्दबाजी में कोई फैसला लेते नहीं देखा । वहाँ पूरी तरह से जांच परख कर ही कुछ करता है । फॅमिली को तो आदत है बेकार की बहुत करने की । उसे चेतन के लिए बुरा लग रहा था । अभी चेतन भी बाकी आज में आ गया । तरीका को झूले पर बिठाते हुए उसने कहा तो हमारी मैडम को ये मिला कैसा लगा? बहुत सुन्दर खुश हूँ । बहुत अभी भी कोई बात है । मन में सारे का कुछ झेल गए नहीं, कोई बात नहीं है । चेतन भी उसके बगल में बैठ गया । कुछ पल दोनों अपने विचारों में खोये रहे । चेतन ने सारी का कहाँ पकडकर पूछा । तुम्हें याद है? शादी के बाद मैंने तुमसे पूछा था कि तुम्हारा सपना क्या है? तब तुम ने कहा था कि मेरा सपना है कि मेरा एक ड्रीम हाउस हो । सारिका ने उसकी तरफ देखकर कहा, हाँ याद है बस तब से ही मैं तुम्हारे सपने को पूरा करने के लिए कडी मेहनत कर रहा था । मैंने अपने विनियोग इस तरह से किये थे कि भविष्य में वो इस उद्देश्य के काम आ सकें । फिर भी लगता था कि मंजिल अभी बहुत दूर है । चेतन ने सारिका के हाथ को हल्के से दबाते हुए कहा, पर भगवान चाहते थे कि तुम्हारा अरमान जल्द पूरा हो । मुझे घोषाल बाबू से मिलवा दिया । लोन भी दिलवा दिया । अब तो बस कुछ ही दिनों में तो मैं इस खूबसूरत मिला की मालकिन बन जाओगी । सारिका चेतन के नजदीक खिसक गई । उसके सीने पर सर रखकर बोली चेतन आज मैं बहुत खुश हूँ । तुमने मेरी इच्छा पूरी कर दी टाइम! क्योंकि चेतन कुछ चौकर बोला जैसे कुछ याद आया हो लोग । एक बात तो मैं पूछना भूल गया । उसकी बात सुनकर सारिका भी सीधे बैठ गए । उसने पूछा कौन सी बात वो ये कि मैडम मुझे इस जिला में रहने की इजाजत मिलेगी या नहीं? उसकी बात सुनकर सारिका ने झूठा गुस्सा दिखाते हुए उसके सीने पर हल्के मुक्के बरसाए । चेतन उठकर खडा हो गया । अंगडाई लेने के बाद बोला, सुबह चलते समय ठीक से नाश्ता नहीं किया । अब भूख लग रही है । लौटते समय रास्ते से कुछ खाकर ही घर चलेंगे । सारिका उसके पास आकर खडी हो गई । मुझे अपने पति की भूख का अंदाजा है । घर से पूरा इंतजाम कर के चली थी मैं । सच हाँ कहा की पिछली सीट पर जो बैग है उसे ले आओ । चेतन फौरन कार से बैग निकाल लाया । सारिका ने उसे झूले पर रखकर खोला । एक डिब्बे में कुछ थे । बैंक में एक थर्मस और दो डिस्पोजिबल कब थे । उसने थर्मस से कप में कॉफी निकली । दोनों वही झूले पर बैठकर खाने लगे । खाने के बाद दोनों कुछ और देर बाहर रुके । फिर घर लौट आए तो दोस्तों अभी के लिए इतना ही बाकी की बातें करेंगे । अगले एपिसोड में आप सुनते रहे तो फॅस सुने जो मंचा है मैं वो शिवांक लेता हूँ विदा
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