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10 - रहस्यमय रेल यात्री in  |  Audio book and podcasts

10 - रहस्यमय रेल यात्री

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विश्‍व प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखी गई जासूसी कहानियों का अनोखा कलेक्‍शन है ‘बड़ी जासूसी कहानियां’। ओ हेनरी, जी.के.चेस्‍टरटन, आरनॅल्‍ड बेनेट, रॉबर्ट बार तथा अन्‍य लेखकों द्वारा लिखी गईं चयनित जासूसी कहानियां पाठकों को बेहद पसंद आएंगी। रहस्‍य और रोमांच से भरपूर ये कहानियां आपका भरपूर मनोरंजन करेंगी। सुनें पूरी कहानी। writer: भविष्य कुमार सिन्हा Voiceover Artist : RJ Nikhil Author : Bhavishya Kumar Sinha
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रहस्यमय रेलयात्री मैंने अपनी मोटर कार पिछले दिन सडक के रास्ते रोवेन भेज दी थी और मैं ट्रेन से उसे मिलने वाला था । फिर मुझे आगे कुछ दोस्तों से भेंट करने जाना था जिनका सीन पर एक घर है । पेरिस से चलने के कुछ मिनट पहले मेरे डिब्बे में सात भलेमानस घुसाए जिनमें से पांच लोग धूम्रपान कर रहे थे । फास्ट ट्रेन से सफर यदपि छोटा पडता है । फिर भी ऐसे लोगों की संगती में सफर करना मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था । विषेशकर इसलिए भी क्योंकि पुराने चलन की गाडी में कोई गलियारा अर्थात कॉरिडोर नहीं था । अतः मैंने अपना ओवर कोट उठाया, अपने अखबार समेटे अपनी रेलवे गाइड उठाई और पास की बोगियों में से एक में जाकर शरण ली । इस डिब्बे में एक महिला बैठी थी । मुझे देखकर उसमें कुछ खीज प्रकट की जो मेरी नजर से बच नहीं पाई और वह पायदान पर खडे एक भद्रपुरुष की तरफ झुक गई । बेशक वो उसका पति था जो से विदा करने आया था । उस सज्जन ने मुझे बडे ध्यान से देखा और इस तरह मेरा निरीक्षण करने के बाद उसका निर्णय मेरे पक्ष में गया क्योंकि उसमें बहुत धीमे स्वर में अपनी पत्नी को कुछ कहा और मुस्कुराया जो इस बात का संकेत था कि सब ठीक है । चिंता करने की कोई बात नहीं । जिस तरह हम एक भयभीत बच्चे का धानक मानती है, पलट कर वो भी मुस्कुराई और मेरी तरफ उसने एक मित्रवत दृष्टि फेंकी मानो उसने अचानक महसूस किया हो की मैं उन सब है एवं सुशील लोगों में से एक है जिसके साथ कोई महिला छह वर्ग फीट के एक छोटे डिब्बे में एक दो घंटे तक बिना किसी भय के बंद रह सकती है । उसके पति ने उससे कहा, बुरा मत मानना है लेकिन मुझे एक अत्यावश्यक कम है और मैं ज्यादा नहीं रोक सकता । उसने पत्नी को प्यार से चूमा और चला गया । उसकी पत्नी ने भी खिडकी से कुछ चुनियां उसकी तरफ उछाली और अपना रोमांस हिलाया । इसके बाद गार्ड ने सी बीमारी और ट्रेन चल पडी । उसी क्षण और रेल पदाधिकारियों की चीख चिल्लाहट के बावजूद दरवाजा खुला और एक आदमी हमारे डिब्बे में जबरन घुसाया । मेरे साथ यात्रा कर रही महिला जो खडी होकर ऊपर टाइम में अपना सामान व्यवस्थित कर रही थी, डर के मारे चीख पडी और अपनी सीट पर धर्म से गिर गई । मैं कोई कायर नहीं हूँ, उस से बहुत दूर हूँ । लेकिन मैं स्वीकार करता हूँ कि आखिरी शरण में है । अचानक इस प्रकार की घुसपैठ हमेशा खीज पैदा करती है । घुसपैठ की ऐसी घटनाएं बहुत संदिग्ध और अस्वभाविक प्रतीत होती हैं । इनके पीछे जरूर कोई गलत भावना होती होगी । अन्यथा तथापि नवागत कि सूरत शक्ल और उसका आचरण डिब्बे में अचानक घुसाने की उसकी तरीके से उत्पन्न बुरे प्रभाव के विपरीत था । उस की पोशाक बहुत साफ सुथरी और आकर्षक थी । उसकी टाई से उसकी बढिया पसंद का पता चलता था । उसके दस्ताने एकदम साफ थे । उसका चेहरा प्रभावशाली था लेकिन उसके चेहरे की बात करते मुझे ध्यान नहीं आ रहा था कि मैंने पहले ही चेहरा कहाँ देखा था । क्योंकि ये चेहरा मेरा देखा हुआ था । इसमें किसी संदेह की गुजारिश नहीं थी । यह सच कहूँ तो मुझे ऐसा अवश्य महसूस हुआ कि कोई बार बार देखी हुई ऐसी तस्वीर जरूर मेरी याद में बसी हुई है जिसका मौलिक रूप मैंने कभी नहीं देखा । और इसके साथ मैंने ये भी महसूस किया कि ये ऐसी याददाश्त को जब जोडने का कोई भी प्रयास व्यर्थ है जो इतनी बेमेल और अस्पष्ट होगा । लेकिन जब मैंने अपनी निभा वापस उस महिला पर डाली, मैं उसके पीले पडे और बिगडे चेहरे को देखकर हैरान रह गया । वो अपने पडोसी को पूछ रही थी वो सवारी डिब्बे के उसी तरफ बैठा हुआ था । उसकी आंखों में सच्चा भेज लग रहा था और मैंने उसके एक हाथ को समय खाते हुए देखा जब वो अपना हाथो ट्रेवल बैग तक बढाने की कोशिश कर रही थी जो सीट पर उसकी गोद से कुछ इंच दूर पडा था । अंततः उसने बैग पकड लिया और हम राहत में पीसकर अपनी गोद में रख लिया । हमारी आंखें मिली और मैंने उसकी आंखों में इस कदर बेचैनी और फिक्र देखिए कि मैं खुद को ये कहने से रोक नहीं सकता हूँ । मैं आशा करता हूँ की आप ठीक तो है मैडम आप चाहे तो मैं खिडकी खोल लूँ । उसने कोई जवाब नहीं किया लेकिन एक सहमे इशारे से मेरा ध्यान उसकी बगल में बैठे व्यक्ति की ओर खींचा । मैं उसी तरह से मुस्कुराया जैसे उसका पति मुस्कुराया था । मैंने अपने कंधे उसका और इशारे से उसे समझाया कि डरने की कोई बात नहीं । मैं यहाँ और इसके अलावा ये भी कि वह भला आदमी बिल्कुल भी हानिकारक नहीं लगता । तभी वो हमारी तरफ थोडा हम दोनों में से प्रत्येक को ऊपर से नीचे तक गौर से देखा । कुछ सोच विचार किया और फिर आपने कोने में सिमट कर बैठ गया । इसके बाद उसमें कोई हरकत नहीं । कुछ देर खामोशी छाई रही लेकिन वह महिला शायद अपनी तमाम ऊर्जा को एक निराशा व्यक्त कराने के लिए जुटाने में लगी हुई थी । उसने एक दबी आवाज में मुझसे कहा, आपको पता है वो हमारी ट्रेन में है कौन? क्यों? वहीं वो खुद मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ । आपका इशारा किसकी तरफ है? आज ट्रेन यू पेन उसने यात्री पर से अपनी आंखें नहीं हटाई थी और उसने उस चौंकानेवाले नाम के अक्षय मुझसे ज्यादा उसकी कोई इच्छा लिखे । उसने अपना हैट नीचे खींचकर अपनी नाक पर रख लिया । क्या उसका इरादा अपनी खलबली छुपाने का था या फिर वो केवल सोने की तैयारी कर रहा था? मैंने आपत्ति की फॅारेन यूपी को कल उसकी गैर हाजरी में बीस वर्ष जेल में बिताने की सजा सुनाई गई थी । ऐसी संभावना नहीं थी कि वह खुद को आज सबके सामने प्रदर्शित करने की मूर्खता करेगा । इसके अलावा अखबारों की माने तो वो जब से सेंटर से भागा है तब से सर्दी का मौसम टर्की में बता रहा है । वो इसी ट्रेन में है । महिला ने दो बार जोर देकर इस इरादे से कहा कि हमारे साथी के कान में पड जाएगी । मेरा पति उपजेल गवर्नर है । स्टेशन इंस्पेक्टर ने स्वयं हमें बताया कि वह आज ट्रेन ल्यूपिन की तलाश में हैं । ये कोई कारण नहीं है कि क्यों उसे बुकिंग ऑफिस पर देखा गया था । उसने रॉयन के लिए टिकिट खरीदी उसे वहीं पक्का लेना आसान होता वो गायब हो गया । प्रतिक्षालय के दरवाजे पर टिकट कलेक्टर ने उसे नहीं देखा लेकिन उन्होंने सोचा कि वह उपनगरीय प्लेटफार्मों से घूम घाम करा एक्सप्रेस में चढ गया होगा जो हमारी गाडी के दस मिनट बाद छूटती है उस स्थिति में उन्होंने उसे वहीँ पकड लिया होगा और मान लो के आखिरी शन में वो एक्सप्रेस ट्रेन से बाहर कूद पडा हूँ और इस ट्रेन में यानी हमारी ट्रेन में चढ गया हूँ जैसा कि उसने शायद नहीं जैसा कि उसने निश्चित रूप से क्या यदि ऐसा है तो वो उसे यहाँ पकड लेंगे क्योंकि कुलियों ने और पुलिस ने उसे ट्रेन से उतरकर दूसरे ट्रेन में सवार होते अवश्य देखा होगा और जब हम रोहन पहुंचेंगे वो निश्चित रूप से दबोच लेंगे । उसी कभी नहीं । वो बच निकलने का कोई रास्ता फिर खोज लेगा । उस स्थिति में मैं उसे शुभयात्रा की दुआ देता हूँ लेकिन जरा सोचो इस बीच में वह क्या नहीं कर सकता? क्या मतलब मैं कैसे बता सकती हूँ? व्यक्ति को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए । वह बहुत घबराई हुई थी और सच में उस स्थिति में उनका बेचैनी तथा घबराहट महसूस करना कुछ हद तक वाजिव भी था । मेरी उपस् थिति के बावजूद । अतः मैंने कहा कुछ ऐसी चीजें हैं जो विचित्र संयोग कहलाती है । ये सच है । लेकिन आप स्वयं को शांत रखें, घबराए नहीं । मानवी ले के आस रेंज यूपीएनएस गाडी के किसी डिब्बे में हैं । वो बिल्कुल खामोश रहेगा और अपने ऊपर कोई नहीं । मुसीबत लेने के बजाय उसके पास ये सोचने के सिवा कोई और चारा नहीं होगा कि अपने ऊपर मंडराते किसी भी खतरे को कैसे डाला जाएगा । मेरी बातें उसे आश्वस्त नहीं कर सके । फिर भी उसने आगे कुछ नहीं कहा । शायद इस डर से मैं उसे कहीं परेशान करने वाली ना समझ लूँ । जहाँ तक मेरा प्रश्न है, मैंने अपने अखबार खोले और आस नहीं न्यूपेन के मुकदमे से संबंधित तो रिपोर्ट पढी । उनमें ऐसा कुछ नहीं था जो पहले से पता ना हो । इसके अलावा मैं थका हुआ था । रात में ठीक से सो नहीं पाया था । मेरी आखिरी भारी होने लगी थी और मेरा सिर झूलने लगा । सर आप निश्चित ही सोने तो नहीं लगे हैं । उस महिला ने मेरे हाथ से मेरा अखबार छीन लिया और मुझे गुस्से से देखा था । निश्चित रूप से मेरी सोने की कोई इच्छा रही हैं । मैंने जवाब दिया ये बडी लापरवाही होगी । उसने कहा बहुत बडी । मैंने दोहराया प्राकृतिक दृश्य पर और आसमान में इधर से उधर आते जाते बादलों पर आखिरी गडाए रखना मुझे बहुत भारी पड रहा था और जैसे ही सब अंतराल में गडबड हुआ, उत्तेजित महिला और उन डे आदमी की शवि मेरे मन में मिटा दी गई और मेरे अंदर बहुत अधिक नींद का गहरा सन्नाटा भर गया । प्रकाश और सम्बन्ध सपनों इसे शीघ्र माँ फूल दृश्य बना दिया जिसमें आस रेन्यू पन की भूमिका निभाने वाले और उसका नाम धारण करने वाले व्यक्ति एक निश्चित स्थान पर कब्जा कर लिया । अच्छा वो थोडा और क्षितिज पर छा गया । उसकी पीठ पर बहुमूल्य वस्तुओं का बोझ लगा हुआ था । वो हाथ पैरों के बल दीवार पर चढ रहा था और देहाती घरों का सारा माल मत्ता चुनाव कर ले जा रहा था । लेकिन उस व्यक्ति की रूपरेखा जो अब आॅरेंज यू । पी नहीं रहा था । अधिक स्पष्टता के साथ उभरने लगे । मेरी तरफ आया, बडा और बडा होता गया और विश्वसनीय फुर्ती से उछलकर सवारी डिब्बे में आ पहुंचा और पूरा मेरी छाती पर आ गिरा । एक तीस रुपये एक चुभती हुई चीज मैं जहाँ का बुआ मेरा । साथ ही यात्री एक घुटना में छाती पर रखे मेरा गला पकड रहा था । मैंने ये बहुत स्पष्ट रूप से देखा क्योंकि मेरी आंखें फोन से लाल थी । मैंने उस महिला को भी कोने में भयंकर पीडा से कर रहते । देखा मैंने प्रतिरोध करने का भी प्रयास नहीं किया । अगर करना भी चाहता है तब भी इतनी ताकत बटोर नहीं पाता । मेरी दोनों कनपटी जकड गई थी । मेरा दम घुटने लगा था । मेरा गला घर घर आया । एक मिनट और मेरी सास रुक गई होती है । उस आदमी को ये महसूस हुआ होगा । उस ने पकड ढीली कर रहे हैं । अपनी पकड से मुझे छोडे बिना अपने दाहिने हाथ से उसने एक रस्सी खींची जिसमें उसने एक सख्त गांठ लगाई हुई थी और उसने तीव्र गति से मेरी दोनों कलाइयों को एक साथ बांदिया एक्शन के अंदर ही मुझे बांध दिया गया । मेरा हूँ बंद कर दिया गया । मैं निश्चेष्ट और असहाय हो गया और उसने ये काम बहुत ही स्वाभावित तरीके से क्या इतनी सरलता के साथ जो चोरी और अपराध की दुनिया में कोई उस्ताद माने जाने वाला ही कर सकता है? एक शब्द तक नहीं । किसी प्रकार की विह्वलता नहीं निरी उदासीनता और निर्भिकता और उधर सीट पर मैं पढा था एक मम्मी की तरह रस्सी में बना हुआ है मैं आॅस्टिन ये वास्तव में हासिल पद था और परिस्थितियों की गंभीरता के बावजूद में हालत अथवा स्थिति की विडंबना के कद्र किए बिना और उसका लुफ्त उठाए बिना नहीं रह सका । आस्ट्रेलिया ओपन ने जो किया एक नौ सीखी की तरह क्या अपराध की दुनिया में पहला कदम रखने वाले की तरह चीन झपट की? क्योंकि बेशक उस दुष्ट ने मेरी पॉकेट बुक और मेरा पर्स छीन लिया । आज ट्रेन ल्यूपिन को उसकी बारी आने पर सजा मिल ही गई । वो ना केवल ठगा गया बल्कि मार खानी पडी तो गलत क्या जबरदस्त साहसिक कार्य? उधर जो महिला थी उसकी तरफ उसमें कोई ध्यान नहीं दिया । वो फर्श पर पडा, उसका हैंड बैग उठाकर और उसमें रखे गहने, पर्स, सोने व चांदी की छिटपुट चीजे लेकर संतुष्ट हो गया । महिला ने अपनी आखिरी खोली, डर से कहाँ उठी? उसने अपनी अंगूठियां उतारी और उसके हवाले कर दी । मानों से फालतू की लूट खसोट करने से बचाना चाहती हूँ । उसने अंगूठियां पकड ली और उसकी तरफ देखा । वो बेहोश हो गए । फिर पहले जैसी शांति और खामोशी हमें और अधिक परेशान किए बिना वो दोबारा अपनी सीट पर जा बैठा, एक सिगरेट सुलगाई । इसके बाद वो बेफिक्र होकर उन कीमती वस्तुओं की जांच परख करने लगा जो उसने लूटी थी और जिन्हें देखने पर रखने के बाद वो पूरी तरह संतुष्ट हो गया था । मैं बहुत कम असंतुष्ट था । मैं बारह हजार फ्रैंक की बात नहीं कर रहा हूँ जो मुझसे अनुसूचित रूप से लूट लिए गए थे । इस नुकसान को मैंने हाल फिलहाल के लिए स्वीकार कर लिया था । मुझे कोई संदेह नहीं था कि वह बारह हजार कुछ समय बाद मेरे कब्जे में आ जाएंगे और साथ में वो बहुत जरूरी कागजात भी जो मेरी पॉकेट बुक में थे । योजनाएं, आकलन, विशेष विवरण, पत्ते, पत्रकारों की सूची, सिक्के की विषेशता का ज्ञान रखने वाले एक व्यक्ति के पत्र । लेकिन अभी मुझे अधिक तत्कालिक एवं गंभीर चिंता ने घेरा हुआ था । अब आगे क्या होने वाला है? जैसा कि सहत ही कल्पना की जा सकती है, जिस समय में गैर सेंट लेजर से होकर गुजर रहा था । उस समय जो उत्तेजना उत्पन्न हुई वो मुझसे बच नहीं सके क्योंकि मैं कुछ ऐसे मित्रों के साथ ठहर नहीं जा रहा था जो मुझे घायलों में बर लेट के नाम से जानते थे और जिनके लिए आखिरी न्यूपेन से मेरी सूरत का मिलना अनेक दोस्ताना हसी मजाक का मौका होता था । मैं अपनी आदत के अनुसार स्वयं कुछ पाने में असमर्थ रहा और मेरी मौजूदगी का पता चल चुका था । इसके अलावा एक आदमी नी संधि आसरी न्यूपेन को एक्सप्रेस से उतारकर फास्ट ट्रेन में चढते देखा गया था । मैं कहा ये अवश्यंभावी था हीरोइन में कमिश्नर ऑफ पुलिस जिसे तार द्वारा खबर दी गई होगी वहाँ ट्रेन के आने की प्रतीक्षा करेगा । उसके साथ कई और सिपाही भी होंगे जो किसी भी संदिग्ध यात्री से पूछताछ कर सकते हैं और सवारी डिब्बे की एक सूक्ष्म जांच करने जा सकते हैं । मैंने इस बात का पहले से ही अनुमान लगा लिया था और इस बारे में मुझे बहुत अधिक उत्तेजना महसूस नहीं हुई है क्योंकि मैं निश्चित था केरोलाइन पुलिस पैरिस पुलिस की अपेक्षा कोई बहुत अधिक कुशाग्रता नहीं दिखलाई और ये कि मुझे अदृष्ट निकल जाने योग्य होना चाहिए था । क्या मेरे लिए ये काफी नहीं था कि मैं छोटे दरवाजे पर अपना पहचान पत्र लापरवाही से निकालकर पूरे आत्मविश्वास के साथ दिखा देता है, जिस पर लिखा था डिप्टी कलेक्टर, सेंट्रल इजरी । लेकिन तब से हालात कितने बदल गए थे । मैं अब आजाद नहीं था । मेरे लिए अब संभव नहीं था कि मैं अपने कोई भी सामान्य चाल चलने का प्रयास कर सकता हूँ । पुलिस अधिकारी किसी एक सवारी डिब्बे में फिर आस रेंज ओपन को खोज निकालेगा जिसकी किस्मत में एक मासूम में मैंने की तरह हाथ पैर बांधकर मंडल बना कर ले जाना बना हुआ था । उसे केवल सुपुर्दगी स्वीकार करनी थी । ठीक उसी तरह जैसे आप किसी रेल स्टेशन पर आपके नाम भेजा गया । कोई पार्सल खिलोनों की कोई पोटली, क्या सब्जी एवं फलों की कोई टोकरी प्राप्त करते हैं और इस कष्टप्रद अनर्थ वोट डालने के लिए मैं कर भी कह सकता था क्योंकि मैं रस्सियों में झगडा हुआ था और ट्रेन तेजी से रॉयन की तरफ दौड रही थी जो अगला और एकमात्र ठहरा था । ये वर्णन होकर सेंट होकर जा रही थी । मैं एक और समस्या के कारण उलझन में था जिसमें सीधे तौर पर मेरी कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन इसके समाधान ने मेरी पेशेवर उत्सुकता जगह दी थी । मेरे साथ ही यात्री के इरादे क्या है? अगर मैं अकेला होता तो उसे रॉयन में चुपचाप उतर जाने का बहुत समय या मौका मिल जाता है । लेकिन वह महिला जैसे ही डिब्बे का दरवाजा खुलता, वो महिला जो फिलहाल डरी और सहमी बैठी हुई थी, एकदम चीख पडेगी, छटपटा आएगी और मदद के लिए गुहार लगाएगी । इसी कारण मैं मुंबई में था । उसने इस महिला को भी उतनी ही असहाय अवस्था में क्यों नहीं पहुंचा दिया जिसमें मुझे डाल दिया था क्योंकि उस हालत में उसे गायब होने का समय मिल जाता है और उसके दोहरे दुष्कर्म का पर्दाफाश नहीं होता । वो अभी भी सिगरेट पी रहा था । उसकी आखिर बाहर के दृश्य पर लगी हुई थी, जिसे सकुचाती हुई बारिश लंबी और तिरछी रेखाओं से भरने लगी थी । तथा भी उसने एक बार मुडकर इधर उधर देखा, मेरी रेलवे गाइड उठाई और उसे उलट पलट कर देखने लगा । जहाँ तक उस महिला का संबंध है, उसने बेहोशी कायम रखने का हर प्रयास किया ताकि उसका दुश्मन शांत बना रहे । लेकिन धुएं के कारण खांसी का दौरा पडने से उसकी बेहोशी का स्वांग टूट गया । मैं खुद बहुत कष्ट था । मेरे सारे बदन में दर्द था और मैंने सोचा मैंने योजना बनाई ऍम ट्रेन रफ्तार के नशे में खुशी खुशी दौडे जा रही थी । सेंट ऍम उस एक्शन वो यात्री उठा और उसने हमारी तरफ दो कदम भरे । जिसके जवाब में महिला ने एक नई चीज हमारी और उसे सच में बेहोशी का दौरा पड गया । लेकिन उसका उद्देश्य हो सकता था उसने हमारी तरफ की । खिडकी नीचे सरकारी बारिश बहुत तेजी से गिर रही थी और उसने कोई छाता या ओवरकोट पास में ना होने पर एक चीज भरी प्रतिक्रिया व्यक्त की । उसने ऊपर टांड में देखा । वहाँ उस महिला का छाता पडा था जो उसने उठा लिया । उस ने मेरा कोर्ट भी उठा लिया और पहन लिया । हम सेन पार कर रहे थे । उसने अपनी पतलून की मोहरी ऊपर चढाई और फिर खिडकी के बाहर झुककर उसने बहारी सिटकनी ऊपर कर दी । क्या उसका इरादा खुद को पक्के रास्ते पर फेंकने का था? तो जिस गति से हम जा रहे थे उसमें तो उसकी मौत निश्चित थी । हमारी ट्रेन अब कोटे सेंट कैथरीन के नीचे बनी सुरंग में घुस गए । उस आदमी ने दरवाजा खोल दिया । एक पैर से पायदान की टोली कैसा पागल पन अंधेरा, धुआ कोलाहल सब मिलकर ऐसी किसी प्रयास को एक अजीब शक्ल दे रहे थे, लेकिन अचानक ट्रेन धीमी हो गई । वेस्टिंगहाउस ब्रेको ने वही क्यूकि गति अथवा चाल में अंदर डाल दिया । एक मिनट में गति तेज से सामान्य हो गई और फिर धीमी होती चली गई । बेशक सुरंग के इस भाग पर मजदूर काम कर रहे थे । इसके चलते यहां से गुजरती गाडियों को कुछ दिनों तक बहुत धीमी गति से जाना जरूरी हो गया और उसी बात की इसको जानकारी थी । अतः उसने अपना दूसरा कदम नीचे क्या पायदान पर उतरा और दरवाजा बंद किए बगैर तथा सटक नी वापस लगाए बिना ही आराम से चलता बना । उसे गायब हुए एक्शन भी नहीं पीता था । तो जब दिन के उजाले में हुआ, ज्यादा सफेद दिखाई देने लगा । हम एक और घाटी में पहुंच गए थे एक और सुरंग, फिर हम रोए, इनमें होंगे वो महिला तुरंत होश में आ गई और सचेत हो गई । उसकी पहली चिंता थी आपने गहने चले जाने पर शोक मनाना । मैंने उस पर एक अनुयायी पूर्ण दृष्टि डाली । वो समझ गए और उसने मेरे ऊपर बंदी पट्टी हटा दी जिससे मेरा दम घुट रहा था । वो मेरे बदन पर बंदी रस्सियों को भी खोल देना चाहती थी लेकिन मैंने उसे रोक दिया नहीं नहीं पुलिस को सब कुछ वैसा ही देखना चाहिए जैसा था । मैं चाहता हूँ कि उस काले गार्ड के व्यहवार के बारे में उन्हें पूरी खबर हो । क्या मैं जंजीर खींचकर खतरे का संकेत दे दूँ? उसके लिए अब बहुत देर हो चुकी है । उसके बारे में आपको तभी सोचना चाहिए था जब मुझ पर प्रहार कर रहा था । लेकिन उसने मुझे भी जान से मार दिया होता । सर क्या? मैंने आपको बताया नहीं था की वो इसी ट्रेन में सफर कर रहा है । मैंने उसकी तस्वीर देखी थी । मैं उसे तुरंत पहचान गई और अब्बू मेरे गहने ले गया है । वो उसे पकड लेंगे । डरो नहीं फॅारेन ल्यूपिन को पकड लेंगे कभी नहीं ये सब आप पर निर्भर करता है । मैडम सुनी जब हम पहुंच जाएं खिडकी पर रही चिल्लाइए शोर मचाइए पुलिस और कुली दौडते आए हैं आपने जो देखा है संक्षेप में उन्हें बता देना । हमला जो मुझ पर भी हुआ और असरहीन न्यूपेन का भागना, उसका हुलिया बयान कर देना एक हल्का है एक छाता आपका वाला एक पूरे दिन का फ्रॉक । ओवर कोट आपका । उसने कहा मेरा नहीं, उसका अपना मेरे पास नहीं था तो मुझे लगता है उसके पास भी नहीं था । जब अंदर आया उसके बाद अवश्य रहा होगा बशर्ते वह कोर्ट किसी ऐसे व्यक्ति का ना हूँ जो से ऊपर रखने के बाद उठाना भूल गया हूँ । जो भी हो उसके पास कोर्ट था । जब बाहर गया और वही जरूरी बात है एक भूरे रंग का फ्रॉक ओवर कोट याद रहे तो मैं एक बात बोल रहा था । शुरू में ही उन्हें अपना नाम अवश्य बता दें । आपके पति के व्यवसाय के बारे में जानकर उन लोगों का उत्साह बढ जाएगा । हम पहुंचने वाले थे वो पहले से ही खिडकी के बाहर झुक रही थी । मैंने अपनी बात तेज आवाज में लगभग दबंग आवाज में फिर से शुरू कर दी ताकि मेरे शब्द उसके दिमाग में अच्छी तरह बैठ जाएगा । मेरा नाम भी बता दें गायले में बार्लेट अगर आवश्यक हो तो कह देगी । आप मुझे जानती हैं उससे समय बचेगा । हमें प्रारंभिक पूछताछ से जल्दी निपट ना होगा । जरूरी बात है आज ट्रेन लिए ओपन को पकडना । आपके जेवर गहनों के साथ आप ठीक से समझ रही हैं । नहीं गाय लाॅट आपके पति का एक मित्र बिल्कुल ठीक गाय में बार्लेट । उसने पहले ही चिल्लाना और इशारा करना शुरू कर दिया था । ट्रेन के बिल्कुल ठहर जाने के पहले ही एक भला मानुष चढकर अंदर आ गया । जिसके साथ कई और लोग भी थे । संकट की घडी करीब थी । वो महिला सांस लिए बिना चलना उठे ऍम उसने हमारे ऊपर प्रहार किया । उसने मेरे जेवर चुरा लिए । मैं हूँ ऍम मेरा पति डिप्टी प्रीजन गवर्नर है । अरे मेरा भाई जॉॅब का मैनेजर मेरे कहने का अभिप्राय है उसने एक युवक को चूमा जो अभी अभी ऊपर आया था और जिसमें पुलिस अधिकारी से परस्पर अभिवादन किया । उसने रोना जारी रखा । ऍम के पहले पर झपट पडा । जब हो रहे थे श्रीमान बर लेट ये मेरे पति के मित्र हैं । लेकिन ऍम कहा है हमने जब सेन पार की उसके बाद सुरंग में ट्रेन के बाहर खुद गया कि आपको यकीन है कि ये आदमी वही था तक का । मैंने उसे तुरंत पहचान लिया । इसके अलावा उसे कॅलेज एट में देखा गया था । वो एक हल्का टॉप पहने हुए था । नहीं एक मजबूत ऍम इस तरह का पुलिस अधिकारी ने मेरे हित की तरफ इशारा करते हुए कहा एक मुलायम है, मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ । मैडम रेनॉड ने दोहराया और एग्री फ्लॉप ओवर कोट हाँ पुलिस अधिकारी बुदबुदाया तहार में लिखा है एक काले मखमली कॉलर वाला एक फ्रॉक हो, एक काला मखमली कॉलेज कोई है मैडम रिनोल्ट विजयोल्लास मिचला उठेंगे । मैंने फिर सांस खींची । मैंने उसमें कितना भला शानदार दोस्त पाया है । इस बीच पुलिस कर्मियों ने मेरे बंधन खोल दिए । मैंने जोर से अपने वोट काटे । जब तक की खून ना बहने लगे, मैं अपना रुमाल हूँ से लगाकर दोनों हाथों पर झुक गया । क्योंकि जो आदमी एक ही स्थिति में लंबे समय तक बना हुआ बैठा रहा हूँ और जिसके चेहरे पर ट्वेंटी के रक्तरंजित निशान हो उसके लिए यही उचित लगता है । मैंने स्क्रीन आवाज में पुलिस अधिकारी से कहा, सर, वो फॅमिली था, इसमें कोई संदेह नहीं है । अगर जल्दी करें तो उसे पकडो सकते हैं । मैं समझता हूँ मैं आपके कुछ काम आ सकता हूँ । वो डिब्बा कट गया जिसकी पुलिस द्वारा जांच की जानी थी । बाकी ट्रेन ली होवर की तरफ चली गई । हमें प्लेटफॉर्म पर जमा तमाशबीन की भीड के बीच से स्टेशन मास्टर के ऑफिस ले जाया गया । तभी मुझे झिझक महसूस हुई । मुझे हाजर मैं रहने का कोई बहाना बनाकर अपनी कार का पता लगाकर यहाँ से चलते बनना चाहिए । इंतजार करना खतरनाक था । अगर कुछ हो गया अगर पहले से कोई तार आ गया तो मैं कहीं का नहीं रखूंगा । ठीक है लेकिन मेरे लुटेरे की क्या खबर है? एक ऐसे जिले में जिससे मैं भलीभांति परिचित नहीं हूँ, मुझे अपने सहारे छोड कर चला गया । अब मेरा उससे कभी सामना होगा, ऐसी आशा नहीं रही । वहाँ मैंने अपने आप से कहा जोखिम की परवाह मत करो और रुके रहो । ये चाल जीतना कठिन है लेकिन से खेलने में मजा भी बहुत है और बाजी लगाई है मुसीबत से क्या डरना और चूंकि हम से अंतिम रूप से अपना बयान दोहराने के लिए कहा जा रहा था, मैंने चीखकर कहा हम सभी बहुत देर ऍम हमसे छूट रहा है । मेरी मोटर का यार्ड में मेरा इंतजार कर रही है । अगर आप को मेरी कार में बैठना मंजूर हो तो हम कोशिश करेंगे । उस अधिकारी ने मुस्कुराकर हामी भर कोई बुरा विचार नहीं है । वास्तव में ये तो बहुत ही अच्छी योजना है जिस पर पहले से ही अमल किया जा रहा है । हो । हाँ, हमारे दो अधिकारी साइकल पर चल पडे, कुछ समय पहले ही, लेकिन किधर जाने के लिए सुरंग के प्रवेश तक वहाँ वो सुरागों का पता लगाएंगे, सबूत उठाएंगे और फिर आस्ट्रेलिया ओपन के रास्ते का पीछा करेंगे । मैं अपने कंधे उचकाकर बिना नहीं रह सका । आप के दो अधिकारियों को कोई सुराग और कोई सबूत नहीं मिल पाएगा । स्वच्छ में आखिरी ल्यूपिन ने पहले ही प्रबंध कर लिया होगा कि कोई उसे उस सुरंग से निकलते ना देख पाए । उसने सबसे करीबी सडक पकडी होगी और वहाँ से वहाँ से रॉयन की तरफ गया होगा जहाँ हम उसे अवश्य पकड लेंगे । वो नहीं जाएगा । उस स्थिति में वहाँ पडोस में रहेगा जहाँ हम और भी अधिक निश्चिंत होंगे । वो आज पडोस में भी नहीं रहेगा । अरे अब वो कहाँ जाकर छिपेगा? मैंने अपनी घडी निकली इस समय आस ट्रेन ल्यूपिन, डर नेटल में स्टेशन के आसपास घूम रहा है दस पचास पर अर्थात अब से बाईस मिनट वो ट्रेन पकडेगा जोरो इनमें गेयर डू नॉट से एमियंस के लिए छूटती है । क्या तुम ऐसा सोचते हो? और तुम कैसे जानते हूँ? अरे ये तो बहुत सरल है । सवारी डिब्बे में आसरंग ओपन ने मेरी रेलवे गाइड देखी थी । किस लिए ये देखने के लिए की? क्या वहाँ उस स्थान के निकट कोई दूसरी लाइन है जहाँ वो गायब हुआ था । उस लाइन पर कोई स्टेशन है और कोई ट्रेन हैं जो स्टेशन पर रूकती है । मैंने अभी अभी गाइड में देखा है और जान लिया जो मैं जानना चाहता था कसम से सर उस अधिकारी अर्थात कमिश्ररी ने कहा आपके पास परिणाम निकालने के आसाधारण सकती है । आप अवश्य ही एक विशेष विद्वान लगते हैं । अपनी निश्चितता के बहाव में आकर मैं अत्यधिक चतुराई दिखाने की भारी भूलकर मैं उसने मुझे आश्चर्य भरी नजर से देखा था और मुझे समझते देर नहीं लगी कि उसके मन में कोई संधि झिलमिला रहा है । केवल अभी अभी ये सच है क्योंकि प्रत्येक दिशा में भेजी गई तस्वीरें इतनी भिन्न थी एक ऐसे आज फ्री न्यूपेन को डर जा रही थी जो मेरे सामने खडे व्यक्ति से बिल्कुल मेल नहीं खाता था । चाहे वो मेरे अंदर असल को नहीं पहचान सका । फिर भी वो शुद्ध बीच है और व्याकुल था । एक क्षण सन्नाटा छाया रहा । ऐसा लगता था जैसे एक प्रकार की दुविधा और एक प्रकार का संधि हमारी शब्दों में विघ्न डाल रहा हूँ । चिंता की थरथराहट मेरे अंदर से गुजर गई । क्या किस्मत मेरे खिलाफ जाने वाली थी । स्वयं को संभाल कर मैंने हटना शुरू कर दिया । ऍम रहे । इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है कि व्यक्ति को एक पॉकेट बुक हो जाने और उसे दोबारा खोजने की इच्छा की खातिर अपनी बुद्धि को तेज करना पडेगा । और मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि अगर आप मुझे अपने दो आदमी देते तो हम तीनों शायद वो प्लीज कमिश्नरी बहुत दें । मैं ऍम वैसा ही करें जैसा श्रीमान बर्लिन का सुझाव है । मेरी सास फिर दे मित्र के हस्तक्षेप में और लडा उलट क्या एक प्रभावशाली व्यक्ति की पत्नी के मुँह से निकला ये नाम बदले हकीकत में मेरी पहचान बन गया । ये नाम मेरी ऐसी पहचान थी जैसे कोई भी संधि छोड नहीं सकता था । कमीश्नरी ने खडे होकर कहा, मेरा विश्वास करें श्रीमान बरलैंड आपकी कामयाबी पर मुझे हद से ज्यादा खुशी होगी । ऍम को गिरफ्तार किए जाने के लिए मैं भी उतना ही उत्सुक हूं, जितने आप हैं । वो मेरे साथ कहाँ तक आया? उसने अपने दो आदमियों का परिचय मुझे दिया और मेहसौल और गैस्टन दिल्ली में वो अपनी अपनी सीट पर बैठकर मैं ड्राइवर के साथ वाली सीट पर मेरे ड्राइवर में इंजन चालू किया । कुछ ही पलों में हमने स्टेशन छोड दिया । मैं बच गया । मैं कबूल करता हूँ कि जैसे ही हम पैंतीस हॉर्स पावर की तेज रफ्तार गाडी मोड्यूल एफ्टन में बैठे मॉड्यूल ऐक्टन में बैठे हुए पुराने नॉर्मन नगर की छायादार चौडी सडक के साथ साथ हवा से बातें करते जा रहे थे । मेरा मन कुछ कुछ गर्व से भर गया था और अब आजाद एवं खतरे से बाहर मुझे कुछ नहीं कर रहा था । सिवा इसकी की कानून के इन दो योग्य प्रतिनिधियों के सहयोग से अपने को छोटे मोटे निजी मामलों को सुल्ताल आज सुबह ल्यूपिन जा रहा था । खास रिन्यू कॉटन की तलाश में आप विनम्र लोग परिस्थितियों की सामाजिक व्यवस्था के मुख्य आधार है । ऍम और और मेहसौल आपकी सहायता मेरे वास्ते अत्यंत महत्वपूर्ण है । आप के बिना मैं किधर निकल गया होता है? आप ने बचा लिया वरना मैंने ना जाने कितने चौराहों पर गलत मोड लिए होते हैं । यदि आप ना होते तो आप फॅमिली ओपन भटक गया होता और दूसरी साफ निकल गया होता है । लेकिन अभी सब कुछ समाप्त नहीं हुआ था । ये तो दूर की बात थी । मुझे पहले तो उसे पकडना था और फिर मुझे वो कागजात अपने कब्जे में लेने थे जो मुझसे लूट कर ले गया था । मेरे दो साथियों की नजर किसी भी हाल में उन कागजात पर नहीं पढनी चाहिए । उनको हाथ लगाना तो दूर की बात है उन को साथ लेकर और फिर भी उन से अलग रहते हुए मेरा काम करने का इरादा था और ये कोई आसान बात नहीं थी । ट्रेन चले जाने के तीन मिनट बाद हम डॅाल पहुंचेंगे । मुझे ये जानकर तसल्ली मिली की एक आदमी जिसने काले मखमली कॉलर वाले एक फ्रॉक ओवर कोट पहना हुआ था, इंडियंस जाने की टिकट लेकर द्वित्तीय श्रेणी के डिब्बे में चढा था । इसमें संदेह की कोई गुजारिश नहीं थी । एक जासूस के रूप में मेरी पहली उपस् थिति आशाजनक थी । डाॅ । ये एक्सप्रेस ट्रेन है और ये मोंटेरो लियर मुच्ची से पहले नहीं रखती है जहाँ पहुंचने में अब से नब्बे मिनट लगेंगे । अगर हम ऍम से पहले वहाँ नहीं पहुंचते हैं तो वो एशियन्स की तरफ जा सकता है । उधर से क्लैरिस का रास्ता पकड लेगा और वहाँ से डाइट पे क्या पेरिस चला जाएगा? मोंटेरो नियर कितनी दूर है? साढे चौदह में साढे चौदह मिनट में हम उससे पहले वहाँ पहुंच जाएंगे । ये एक उकसाने भडकाने वाली दौड थी । मेरी विश्वसनीय मॉड्यूल एफ्टन ने कभी भी बहुत अधिक जोश और नियमितता के साथ मेरे अधैर्य मेरी व्याकुलता के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखाई थी । ऐसा प्रतीत होता था मानो मैंने लेवर्स क्या हैंडर्स की मध्यस्थता के बिना अपनी इच्छा सीधे उसके कान में डाल दी हो । उसने मेरी इच्छाओं का स्वागत किया मेरी दृढता को पसंद किया वो बदमाश आस रन ल्यूपिन के प्रति मेरी दुश्मनी समझ गयी । वो गुंडा बूत नीच आदमी क्या मुझे उसकी सारी तडी निकाल देनी चाहिए? क्या वो एक बार फिर सत्ता का चकमा देगा । वो सत्ता जिसका मैं बताता हूँ डाॅ लाया बाइक सीधे आगे हम जमीन पर उडते चली गई । मील के पत्थर छोटे सहमे जानवरों जैसे लगते थे जो हमें देखते ही भाग खडे होते थे और एक सडक के मोड पर अचानक धुएं का एक बादल नॉर्थ एक्सप्रेस जिसका परिणाम निश्चित था । हमने बीस कदम से ट्रेन को पराजित कर दिया । तीन सेकंड के अंदर हम प्लेटफॉर्म पर थे । सेकंड क्लास के सामने दरवाजा भडा से खुला । दो चार लोग बाहर निकल कर आए । मेरा चोर उनमें नहीं था । हमने बोगियों की जांच की । आज दिन न्यूटन का अता पता नहीं । खुदा की कसम मैं चिल्लाया । उसने मुझे मोटर कार में पहचान लिया होगा । जिस समय हम ट्रेन के साथ साथ जा रहे थे और टूट गया होगा । ट्रेन के गार्ड ने मेरे अनुमान की पुष्टि कर दी । उसने एक आदमी को स्टेशन से दो सौ गज की दूरी पर तटबंध से बेढंगे तरीके से नीचे आते देखा था । वो वहाँ है देखो ऍम मैं तीन की तरह भागता । पीछे मेरे दोनों सहायक या शायद उन में से ही था क्योंकि दूसरा मेहसौल एक असामान्य तीव्र धावक निकला जिसे गति और सहनशक्ति वरदान में मिली थी । कुछ ही पल में उसके और भगोडे के बीच पास लाभ बहुत कम रह गया । उसने धावक को देख लिया । वो एक बाडी के पहाड टूट गया और एक ढलान की तरफ बेताहाशा भाग का और ऊपर चढ गया । हमने उसे दूर से देखा । वो एक छोटे जंगल में घुस रहा था जब हम जनरल के निकट पहुंचे हमने मैं सोल को हमारी प्रतीक्षा करते पाया । उसने सोचा चलते जाने का कोई लाभ नहीं है वरना वो हमसे बिछुड जाएगा । आप बिल्कुल सही हैं । मेरे प्रिय साथी मैंने कहा इस तरह के दौर के बाद हमारे मित्र का थक जाना स्वाभाविक है । हम ने उसे घेर लिया है । मैंने जंगल की ऊर छूट का निरीक्षण किया । ये सोच विचार करते हुए कि मैं अकेला किस प्रकार उस भगोडे को गिरफ्तार करने आगे बढ सकता हूँ ताकि में उन चीजों को बरामद कर सकूँ जिन्हें कानून नहीं, संधि कुछ अप्रिय पूछताछ, सवाल जवाब के बिना ले जाने की आज्ञा नहीं देगा । फिर में अपने साथियों के पास लौट आया । उधर देखो ये बहुत आसान है तुम मैं कॉल बाई तरफ अपना क्या ले लो और डाॅट तुम दायां तरफ दर्जा हूँ । वहाँ से तुम जंगल का पूरा पिछला हिस्सा देख सकते हो और वहाँ से नजर में आए बिना निकल नहीं सकता । उसके निकलने का एक ही रास्ता बचता है ये खाली जगह जहाँ मैं उसकी तो हमें रहूंगा । अगर वो बाहर नहीं आता है मैं अंदर चला जाऊंगा और उसे मैं तुम दोनों में से किसी एक की तरफ जाने के लिए बाध्य कर दूंगा । हताहत उनको सिर्फ इंतजार करना है और कुछ नहीं तो मैं एक बात बोल रहा हूँ । खतरा होने पर मैं गोली जाऊंगा । मैं ऍम अपने अपने स्थान की ओर चले गए । जैसे ही वो मेरी नजर से ओझल हुए, मैं पूरे एहतियात के साथ जंगल में अपना रास्ता बनाते हुए घुस गया ताकि मुझे कोई न तो देख सकें और ना मेरी आहट सुन सके । जंगल में घनी झाडियां थी । शायद शिकार करने के लिहाज से उनको ऐसी शक्ल दी गई थी और बीच बीच में घनी झाडियों को काटते तंग रास्ते अर्थात पंगडंडियों थी जिनमें नीचे झुक कर ही जाया जा सकता था । मानव किसी पाटीदार सुरंग में घुस रही हूँ । उनमें से एक संकरा रास्ता खुले मैदान में जाकर समाप्त हुआ, जहाँ नर्मदा गीली घास पर पैरों के निशान थे । मैंने उन पदचिन्हों का पीछा किया । तल झाडी से बचते बचाते चलते चलते मैं छोटे टीले की तलहटी पे जा पहुंचा, जिसके शिखर पर फट्टे का प्लस्तर क्या हुआ? एक छोटा सा उजाड मकान था, वो वहीं होना चाहिए । मैंने सोचा उसकी चौकसी के लिए एक अच्छा अड्डा चुना । मैं सरकता हुआ उस मकान के पास पहुंचा । एक हल्की सी आवाज ने मुझे उसकी मौजूदगी के बारे में बातचीत कराया और वास्तव में एक छह से मैंने देख लिया । उसकी पीठ मेरी तरफ थी । दो छलांग मारकर में उसके ऊपर चढ बैठा था । उसने अपनी पिस्तौल से मुझ पर निशाना साधने की कोशिश की जो उसके हाथ में थी । मैंने उसे कोई मौका नहीं दिया बल्कि उसे इस तरह खींच कर जमीन पर गिरा दिया कि उसकी दोनों बाहें जिन्हें मैंने पीछे मोड दिया था, उसकी पीठ के नीचे दब गई और मैंने अपना घुटना उसके सीने पर टेक दिया ताकि वो उठना सके हूँ मेरी पांच सौ पुराने खिलाडी मैंने धीमे से उसके कान में कहा मैं आज सुबह ल्यूपिन हूँ, तुमको अभी अभी और कुछ भी खलबली किए बिना मेरी पॉकेट बुक और उस महिला का ऍम वापस करना होगा । उसके बदले में मैं तुझे पुलिस के शिकंजे से बताऊंगा और अपने मित्र मंडली में शामिल कर लूंगा । क्या कहता है हाँ या ना? हाँ हाँ वो बुदबुदाया ये ठीक है । तुम्हारी सुबह की योजना बडी होशियारी से बनाई गई थी । हम अच्छे दोस्त बनेंगे । हम अच्छे दोस्त बनेंगे । मैं उठ गया था । उसने अपनी जेब टटोली और एक बडा चाह को निकाला । उस चाकू से उसमें मुझ पर वार करने की कोशिश की । वो गए थे । मैं चिल्लाया एक हाथ से मैंने हमला रोका और दूसरे हाथ से मैंने उसकी गर्दन की पेशी पर इतना जबरदस्त घूसा मारा कि वह स्तब्ध होकर पीछे गिर पडा । इस वार को कैडिट ठीक कहा जाता है । ऍफ में मुझे मेरे कागजात और बैंक नोट मिलेगा । मैंने उत्सुकतावश उसके कागजात भी निकली । उस को संबोधित एक लिफाफे पर मैंने उसका नाम पढा ऍम मैं चौंक उठा । पि ऍफ ऑॅल में रोल फोंटेन में हत्या को अंजाम देने वाला पीयरे ऑन फ्री वो आदमी जिसमें मैडम दाल, बॉस और उनकी दो बेटियों के गले कार्ड दिए थे, मैं उसके ऊपर झुक गया । हाँ यही चेहरा था जिससे रेल डिब्बे में देखकर मुझे वो नाक नक्श याद आ गए । वो पूरी शक मेरी आंखों के सामने आई जो मैंने देखी थी । लेकिन समय निकला जा रहा था । मैंने दो सौ फ्रैंक एक लिफाफे में रखे और एक विजिटिंग कार्ड भी रख दिया । जिस पर लिखा था आज सदन ल्यूपिन की फोर्स, उसके योग्य सहायको ऍम और गैस्टन इलेवेट के लिए शुभकामनाओं सहित मैंने इसी कमरे के मध्य में ऐसी जगह रख दिया जहां से इसे आसानी से देखा जा सकेगा । इसकी बगल में मैंने मॅूग रख दिया । जी जिस की चीज है उसे वापस देने में क्या हाल है और फिर वो महिला तो मेरी दयालु मित्र है जिसने मेरी जान बचाई । फिर भी मैं कबूल करता हूँ की मैंने उस बैग में से सभी दिलचस्प चीजें निकली । सिर्फ कछुए के खोल की तंगी, लिप्स्टिक का लेप लगाने की एक सलाह और एक खाली पर छोड कर कुछ भी हो या करो, धंधा तो धंधा है और इसके अलावा उसके पति ने कितना बुरा पेशा अपना अब रहा । वो आदमी आपको हाथ पहुंच चलाने की कोशिश कर रहा था । मुझे क्या करना था? उसे बचाना या दंड देना मेरा काम नहीं था । मैंने उसके हथियार ले लिए और हवा में अपनी पिस्तौल ताकि गोली की आवाज सुनकर दूसरे भी चले जाएंगे । मैंने सोचा उसे अपनी निजी मुश्किलों से निकलने का कोई उपाय आवश्यक होना चाहिए । किस्मत को अपना काम करने दो और मैं दौड कर नीचे खाली सडक खून नापता चला गया । बीस मिनट बाद एक कतार अर्थात क्रॉसरोड ने मुझे वापस मेरी कार तक पहुंचा दिया । करीब चार बजे मैंने रॉयन के अपने दोस्त को तार द्वारा सूचित किया । एक अप्रत्याशित घटना के फलस्वरूप मुझे वहाँ आने का कार्यक्रम रद्द करना पड रहा है । ये बात हमारे बीच ही रहे तो अच्छा है । मुझे भयंकर आशंका है कि वह अब तक जान चुके होंगे । उसे ध्यान में रखते हुए मुझे अपना कार्यक्रम अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पडेगा । उनके लिए ये भीषण निराशा होगी । छह बजे मैं ऍम इंजीन और स्पोर्ट बिना होता हुआ पेरिस लौट गया । सांध्यकालीन अखबारों से मुझे पता चल गया कि पुलिस अंततः पि ऍफ रे को पकडने में कामयाब हो गई । दूसरे दिन सुबह हमें बहुत ही एक विज्ञापन के फायदों का तिरस्कार क्यों करना चाहिए? ईको डिफरेंस मैं अलग छपा हुआ ये सनसनीखेज परिच्छेद था । कल बूची के निकट कई एक घटनाओं के बाद आज सरे न्यूपेन ने पि ऍफ रे को गिरफ्तार करा दिया । ऑटो ट्यून हथियाराें नेरेन और नाम की एक महिला डिप्टी प्रीजन गवर्नर की पत्नी से पेरिस और ली है । वर के बीच ट्रेन में लूटपाट की थी । ऍम लौटा दिया है जिसमें उनके जेवर थे और उन दो जासूसों को भी उदारता से पुरस्कृत किया है जिन्होंने स्नातक की गिरफ्तारी के मामले में उसकी सहायता की थी । समाप्त

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विश्‍व प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखी गई जासूसी कहानियों का अनोखा कलेक्‍शन है ‘बड़ी जासूसी कहानियां’। ओ हेनरी, जी.के.चेस्‍टरटन, आरनॅल्‍ड बेनेट, रॉबर्ट बार तथा अन्‍य लेखकों द्वारा लिखी गईं चयनित जासूसी कहानियां पाठकों को बेहद पसंद आएंगी। रहस्‍य और रोमांच से भरपूर ये कहानियां आपका भरपूर मनोरंजन करेंगी। सुनें पूरी कहानी। writer: भविष्य कुमार सिन्हा Voiceover Artist : RJ Nikhil Author : Bhavishya Kumar Sinha
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