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अध्याय आठ पूरा काफी तूफानी उस्ताद गोवा में काफी तेज मूसलाधार बारिश हो तो और जोर से बिजली खडखडा आई हुआ की सहायता चाहते हैं । वैसे भी काफी खुश नमा और रंगीन होती है । सचिन देवडा उस समय अपने कॉन्टेक्ट्स में था और मौसम का आनंद नेता वस सोने की कोशिश कर रहा था वो कॉटेज क्योंकि समुद्र के किनारे बना हुआ था इसलिए वहाँ आस पास रहने वाले हवा में शीतलता कुछ और ज्यादा थी ऍम इतनी रात को कौन होगा सचिनदेव अच्छा होगा । फिर उसने बिस्तर से खडे होकर दरवाजा खोला है । अगले ही पल उसके हैरानी काफी बढ गई सामने दरवाजे मूसलाधार बारिश में बुरी तरह भेजती हूँ शांत रिवेरो खडी थी उसके सारे कपडे बारिश के पानी में उतारते ना बाल्कान हर जगह से बारिश की बूंदे टपक रही थी । अब मैडम आप सचिन देवता के स्वर में आश्चर्य छलका । आप इस दरवाजा खुलते शांत रिबैरो तुरंत अंदर आ गई और फिर बदन से चिपके अपने कपडों का मानी छोड नहीं । जब भी आप बताते एक साथ आती हैं । शांत रिबेरो ने उसी तरह वालों का पानी भी नहीं छोडा तथा फिर उन्हें पीछे झटका । ये मूसलाधार बारिश भी आज ही आनी थी और मेरी कार को भी आज ही खराब हो गया था कहाँ सचिन देवडा नहीं इधर उधर ना सकता भाई कहाँ आप के खाते हैं दूर बीच पर खडे ना जाने क्या हुआ चलते चलते अपने आप बंद हो गयी शांत होने लगता है इंजन में कुछ खराबी आ गई वो तो शुक्र है वहाँ मिस्टर सचिन वो कार काटेज के पास ही खराब हुई अगर कहीं और खराब होती तो ऐसे खराब मौसम में मुझे न जाने कहाँ कहाँ भटकना पडता है । ऐसे में टैक्सी वाले भी तो हजार नखरे दिखाते हैं मैं ठीक हूँ अब यहाँ सचिन देवराहट पढा है जी हाँ तब तक शांत रिबैरो अपने कपडों का काफी पानी नहीं छोटी थी वो कपडे अब उसके शरीर से कुछ ज्यादा चिपक गए थे और उसके अंगों का खुला प्रदर्शन करने लगे थे आम मैंने इस वक्त यहाँ पर तो मैं ऍम क्या अज जी नई सचिन देवडा पुनः हडबडाया शांत रिबैरो बडी उन्मुक्त अंदाज में चलते हुए उस कमरे में आ पहुंची जैसे सचिन देवरा ने अपना बैडरूम बनाया हुआ था । पहनने के लिए कुछ कपडे दोगे शांत है । बहन बोले अगर मैं नहीं गीले कपडों को अपने तन से लपेटी रही तो सुबह तक मेरी खुशी जम जाना तय कपडे अलग लेकिन मेरे पास आपके कपडे कहाँ होंगे मेरे पास तो अरे अपने कपडे देता हूँ अगर एक किसी मार के कपडे पहन लूंगी तो मैं मर थोडी बन जाऊंगी । ये बात कहकर वो पडे कुछ सद्भाव से हसी की मैंने क्रिस्ट गलत तो नहीं कहा सचिन देवडा से कोई जवाब नहीं दिया । उसने अपने नजदीकी बनाए क्वाड्रो खुला और उसमें से निकालकर अपनी कॉटन की चकता शर्ट तथा ट्रैक्ट्स और के साथ वाला अपना स्ट्रेस लोन का एक टाइप पजामा उसकी तरह पढा गया ऍम क्या सचिन देवडा कुछ नहीं बोला अगली तुम दो मिनट के लिए बाहर चले जाओ मैं जरा कपडे बदल सचिन देवडा कमरे से बाहर निकल गए इतनी राहत को शांत रिबेरो जैसी औरत का उसे वहाँ मौजूद होना चिंता में डाला था । अब जिंदगी में ऐसा कोई काम नहीं करना चाहता था जिससे कम से कम रीता सानिया के सामने उसे शर्मिंदा होने बडे सचिन ने उडाए कुर्सी पर जाकर बैठ कर बाहर मूसलाधार बारिश आप भी जानते हैं । दो मिनट बाद ही ब्लॅक और वहाँ शांत रहे हो । अपने एक नए रूप में प्रकट हुई सचिन देवता कि नहीं कहा जैसे ही उसके ऊपर पडी है उसका मुझे नाम उसमें देखकर उसका दिल उछलकर हालत में आप उसने स्ट्रेस लोन का वही पजामा पहन रखा था और कॉटन की वही छह का शर्ट पहनी हुई थी । अलबत्ता उसने शहर के निचले सिर्फ उनको पकडकर उन्हें आपस में बांध दिया था जिसकी वजह से उसका ना अभी तक नंगा पेट साफ नजर आ रहा था । शायद शायद उसे नाक में छोटी पड गई नहीं । बहरहाल उसके हर्बल बटन पर शांत रिबैरो के उन्नत उरोजों का ऐसा खिंचाव पड रहा था की हर दो बटनों के बीच एक फायदा का झरोखा पैदा हो गया था । उन घरों को पर एक नजर पडते ही सचिन देवडा समझ गया कि वह नीचे प्रेस इयर नहीं पहली थी । वैसे भी उसके यौवन के उन्मुक्त उठान को प्रेसे जैसे नकली सहारे की कतई जरूरत नहीं थी । मुझे जरा भी अपने कंधे पीछे को खींचती थी तो उसका काली जम्मू कहानी लगता और उस घडी में उसे ऐसा लगता है कि वह सारे बटन अभी तक तड करके टूट जायेंगे तभी जोर से बिजली हो । ऐसा लगता है शांत रिबैरो खिलाते हुए आगे बढ गई । ये बारिश आज थमेंगी नहीं थी का मैं आज रात यहां हजारों की स्थिति में कोई ऐतराज होना होगा । फॅमिली आपका ऍम नहीं शांति रिवेरो फिर उचित मुद्रा में हसी आपका ये तुम्हारा है आखिर ऍम वैसे मैं इसी कमरे में सोचा होंगे । शांत रहे पहले उस कमरे का अवलोकन करते हुए ये मेरा ऍम हैं आप ठीक है फिर मैं यहाँ का बिस्तर किए देता हूँ । सचिन देवडा बिस्तर का इंसान करने अपने मेट्रो की तरफ पड गए । रात के बारह बज रहे थे सचिन देवडा क्या खूबी नींद का दूर दूर तक नामोनिशान था । इस समय वह अपने बिस्तर पर बिल्कुल तन्हा लेता था लेकिन उसका ध्यान भटक कर बार बार बाहर वाले कमरे की तरफ चलना चाहता जहाँ शांत रहे पहले हुई थी आपसे सेक्स का आकर्षण सचमुच कई गुना हो होता है जिससे चार अच्छा कोई भी नहीं बच सकता हूँ । हालांकि आज के इस आधुनिक जमाने में सैलॅरी बन कर रह गया है जो किसी साधन संपन्न स्त्री पुरुष को उतनी ही आसानी से हासिल हो जाता है जैसे बाजार में जाकर किसी दुकान से आपने टाल कम्पाउडर खरीद क्या बॅान्डिंग क्रीम खरीद ली । ऐसे भी ऍप्स का आकर्षण अपना आकर्षण है । उसके खूबसूरत बन्दे से उसकी सुनहरी गिरफ्त से बच पाना आसान बात नहीं जानता । परिवारों के बारे में सोच की सोचते सचिन देवडा को कब नींद आ गई । उसे बताना चाहता हूँ आधी रात को उसकी एकाएक भक्सी हाँ खाली उसने महसूस किया है । पुलिस के शरीर से पूरी तरह चिपटा हुआ है । वो शांत है । पहले में उसका शरीर अंगीठी की तरह चल रहा था । सचिन देवता का हाथ उसके शरीर पर पडा तो उस तब धरे गए उस क्षण वह अपने शरीर पर कॉटन शर्ट भी नहीं पहले थी और ना अभी से ऊपर का उसका जस्ट बिलकुल नंगा था । अब आप सचिन देवराहट बढाया मैं माप तुम ने तो मुझे आज रात यहां रहने की फीस मांगी । नहीं शांत ने बहनों ने उसके बाद अपनी मुट्ठी में कसकर चक्कर है और अपनी होठ उसके सीने पर पूरी तरह रह रहे हैं । मैंने सोचा क्यों नहीं मैं ही तो नहीं वो फीस देती हूँ । लेकिन अब का मान गया कमान शांत रे भैरो ने उसके शर्ट के बटन बेदर्दी के साथ तोडकर खोल डाले और उसके सीने में अपने उन्नत रोज कराने सचिन देवडा का हाल बेहाल होने लगा । उसे अपनी सब्र का बांध छूट डाला था । आज की रात हमारे लिए याद का रात हो गया । आज तुम सेक्स का वो अजीम करीम सुख भूख होगे शायद पहले कभी तुमने भूखा ना हो शांत रिबैरो सचिन देवता का अपनी माहौल में भरी भरी बिस्तर पर कलाबाजी खा गए तथा फिर उसने ऐसी दिलकश फॅमिली की उसके उन्नत उरोजों में और सबर दस्त उठाना । सचिन देवरा कोई बार फिर वीटा सानिया क्या थाई उसकी सच्ची प्रेम क्या आएगा? उसमें छटपटाकर शांत रिवेरो की गिरफ्त से निकल जाना चाहता हूँ । लेकिन जैसे हर आपका और अब की गिरफ्त से निकलना बच्चों का खेलना था वो उसके शरीर पर मछली की तरह को लांच भर रही थी । वो सच मुझे हँसी लवमेकिंग की बडी एक धीरे धीरे सचिन देवडा पर एक नशा सा अच्छा नहीं लगा हूँ वो सब कुछ भूलता चला रहा है सब ये टाइम लग की ही महिमा थी । जो आना तो उसी दिन रात को बुखार चढा ऍम थर्मामीटर से उसका बुखार हो । पूरा एक सौ दो बुखार हैं फॅार अपनी आंखों के सामने कहती थी तो ली है क्या आपके सिर दर्द भी थोडा है । ये लक्षण ठीक नहीं आना । ट्विटर सानिया के चेहरे पर ढेर सारी चिंता की लकीरें उभर आई । पहले नहीं नहीं आवाज सुनाई देना फिर दर्द होना, फिर वजन का घटना और अब बुखार भी होना नहीं नहीं आना ये सब ठीक नहीं हो रहा हूँ । ऍफ काफी परेशान हो गई थी तो सच क्यों? मीठी आना । गोंजाल्विस की आवाज में भी बेचैनी थी । इस बीमारी के बारे में सोच सोच कर अब मैं काफी परेशान रहने लगी हूँ । परेशान था, बिल्कुल मत हो या ना? रीटर सान्याल उसकी सच्ची शुभचिंतक का कि भारतीय बोले बीमारी चाहे कोई भी हो, इस दुनिया में अब हर बीमारी का इलाज है । लेकिन एक बात मुझे खटक रहे हैं । है क्या ऐसा लगता है जैसे डॉक्टर कॉटले आपकी बीमारी को ज्यादा सीटें इसलिए नहीं ले रहे हैं? ऐसी कोई बात नहीं । नहीं नहीं नहीं आना । रीता सानिया ने ये बात जबर्दस्ती उसके दिमाग में ठोस मुझे ऐसा लग रहा है । इसे भी किसी आदमी पर ज्यादा लंबे समय तक भरोसा नहीं करना चाहिए । अब लेकिन आप मेरी बात मानी ऍम इसका हाथ अपने हाथ में ले । किसी दूसरे अच्छे डॉक्टर से अपना इलाज कराइये । यहाँ हम को हमी जीवन होंगे । कुछ मालूम हुआ है कि वहाँ मुंबई से सचिनदेव का नाम का एक बडा काबिल डॉक्टर आए हुए हैं । आप सचिन देवता से अपना च कब कर रहा है हूँ? ठीक है जैसी तुम्हारी मासी ऍम अगर तुम वहाँ चलने के लिए कहती हूँ तो मैं चाहूँगी रेटा सान्याल का चेहरा खेला था हैं
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