लेफ्टिनेट आराधय के पड़ोस में डॉ.ताश्री रहने आती है। ताश्री के माता-पिता नहीं है। पहली नजर में ही आराधय ताश्री का दिवाना हो जाता है। आराधय की मां नंदनी और पिता हर्षवीर भी ताश्री को पसंद करते हैं। प्यार की कहानी धीरे-धीरे आगे बढ़ती है और दोनों एक-दूसरे से अपनी चाहत का इजहार करते हैं। लेकिन कहानी इतनी आसान नहीं है। आर्मी में लेफ्टिनेट होने के कारण आराधय से खार खाए एक स्मगलर ताश्री को अगुवा कर लेता है। अब कहानी में क्या मोड आएगा, जानने के लिए सुनें पूरी कहानी। Read More
लेफ्टिनेट आराधय के पड़ोस में डॉ.ताश्री रहने आती है। ताश्री के माता-पिता नहीं है। पहली नजर में ही आराधय ताश्री का दिवाना हो जाता है। आराधय की मां नंदनी और पिता हर्षवीर भी ताश्री को पसंद करते हैं। प्यार की कहानी धीरे-धीरे आगे बढ़ती है और दोनों एक-दूसरे से अपनी चाहत का इजहार करते हैं। लेकिन कहानी इतनी आसान नहीं है। आर्मी में लेफ्टिनेट होने के कारण आराधय से खार खाए एक स्मगलर ताश्री को अगुवा कर लेता है। अब कहानी में क्या मोड आएगा, जानने के लिए सुनें पूरी कहानी।