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छठा चैप्टर हॅू । राहुल को अस्पताल की कंपाउंड में नर्स के साथ फ्लर्ट करते हुए देखा और कहा उसकी आवाज में सम्मोहन था । हो सकता है कि मैं देखता हूँ लेकिन मैं एलियन नहीं हूँ । चाहूँ तो मेरा टेस्ट कर लो । काॅस्ट मुझे कोई ऐसा सवाल पूछे जिसका जवाब सिर्फ इंसान दे सकता है । ऍम देखना मैं सही जवाब दूंगा । ठीक है । फिर इसका जवाब सिर्फ हाँ नाम दूँ । डाॅॅ राहुल एक एलियन है, हर एक ये तो बडा मुश्किल सवाल है क्या? दोस्तों नेक इरादे तो मेरी मदद कर सकती हूँ । कोई बेईमानी नहीं । इसका जवाब दो, नहीं तो मैं सबके सामने ऐलान कर देंगे कि तुम एलियन हो । इंसान इसका जवाब दे सकते हैं तो उन ने मुझे रंगेहाथों पकड लिया । महरबानी करके किसी को मत बताना कि मैं एलियन हूँ । हाहाहाहा मैं इसकी गारंटी नहीं दे सकती । रह सिपानी में मैं ही नहीं हूँ, सूची नहीं । एक बडी सी मुस्कान के साथ कहा मैं तो चुप रहने के लिए रिश्वत दे सकता हूँ । धरती के लोग रिश्वत में क्या लेते हैं? हमारे गृह पर लोगों के मुस्कुराने भर से कम हो जाता है । मैं रिश्वत नहीं लेती । मैं कुच्छ इंसान हूँ । क्या तुम्हारे पापा जज है नहीं क्यों? दरअसल मेरे एक दोस्त के पापा जज है और वो मुझ से बहुत प्यार से पेश होती है । इसीलिए मैंने सोचा की क्या सभी जजों की बेटियाँ ऐसी होती है । ज्यादा होशियार बनने की कोशिश मत करो क्योंकि तुम जरा भी नहीं हूँ । मैं तुम्हारा इशारा समझ गया । शुक्रिया लेकिन तुम इतने मजाकियां मिलियन हो । उसने रोक तरीका जीव और खूबसूरत मुस्कान के साथ कहा हाँ हाँ, मुझे भी तुम्हारे लिए एक अच्छा नाम सूचना होगा । कुछ अच्छा सूचना क्योंकि वह तुम्हारे ही चरित्र को दर्शाएगा तो मछली की तरफ बहुत चुलबुली हो । इसीलिए मुझे तो मैं फिश कहना चाहिए । तो अगर मैं एक हूँ तो मैं कुत्ते हो । अरे नहीं कुत्ते तो वफादार होते हैं तो मेंडक हो हाँ, ये सही रहेगा । मैं तो मैं फ्रॉक होंगे । जब राहुल से बात कर रही थी तो पूरे समय टिटोली करती रही । उसने अपनी आंखों में काजल लगाया हुआ था और यही एकमात्र श्रृंगार उसने कर रखा था । राहुल उसके हर बार की पर ध्यान दिए बिना नहीं रह सका । शुक्र है कि भगवान में लडकियों को बनाया दोनों बातें करते हुए शुचि के कैबिन में चले गए । तुम्हारे मरीज कैसे हैं? मत पूछो । मुझे ऐसा अजीब मरीज मिला है सिद्धार्थ पूरी तरह से स्वस्थ है । फिर भी बिजली का किसी यहाँ भर्ती है । भगवान का शुक्र है कि उसे आज छुट्टी मिल रही है । हो सकता है कि वह तुम्हारे आस पास रहने के लिए बीमार होने का नाटक कर रहा हूँ । अलग कौन हमारे आस पास ही रहना चाहिए था । वो हस्ती तो मैं पता है । वो बहुत ही असभ्य है । लेकिन दिलचस्प है वो टेडी मगर सही बातें करता है । वो सच में उसकी तारीफ करने लगी । राहुल ने ये बात शुरू करने के लिए खुद को कोसा । उसपे अपने दिल की धीमी झडकर को महसूस किया । सूची को किसी दूसरे आदमी के बारे में बात करते हुए और शर्माते हुए देखने से ज्यादा दर्दनाक कुछ भी नहीं हो सकता था । तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और एक अधेड उम्र की युवती ने भीतर प्रवेश किया । डॉक्टर क्या आप मेरे बेटे का चेकप करेगी? उसके पेट में अचानक से दर्द हो रहा है । अंदर घुसते ही युवती ने आग्रह किया ऍसे बारह साल के बच्चे को उठा लिया और उसे एक बिस्तर पर शिफ्ट कर दिया । शुचि और राहुल बच्चे को इस कमरे में देखने गए, जहां उसे भर्ती कराया गया था । शुचि ने उसे अस्थाई राहत के लिए दर्दनिवारक इंजेक्शन दिया । पांच मिनट में दवाई का असर हो गया और उसे आराम महसूस हुआ । शिवजी ने बच्चे से हाथ मिलाया और उसे शुचि ने बच्चे से हाथ मिलाया और उसे चॉकलेट सी जो कि वह सभी बच्चों के लिए अपनी जेब में रखती है । बच्चों के साथ उसका बर्ताव सबसे अलग है । क्या हो गया तो मैं चैंपियन शुचि ने मजाकिया लहजे में पूछा, मेरे पेट में बहुत दूर का दर्द होता है । कभी कभी ठीक लगता है, लेकिन कभी कभी दर्द बर्दाश्त नहीं होता । कोई बात नहीं बेटा, तुम ठीक हो जाओगे । हम इस दर्द से लडेंगे । फॅमिली उसकी पीठ पर मजाक में मुक्का मारते हुए उम्मीद भरी मुस्कान थी । सूचना ने नोट पेट में कुछ लिखते हुए कहा हमें समस्या पता करने के लिए कुछ टेस्ट करने होंगी । अंश को टेस्ट के लिए ले जाओ । शिव जी ने अपने इंटर्न के दिए हुए चार से मरीज का नाम पढकर कहा । डॉक्टर हमने दूसरे अस्पताल में टेस्ट करवाई थी । मेरे पास सारी रिपोर्ट है । क्या आपसी देखेगी माने कहाँ फाइल रिपोर्ट राहुल को सौंप दी क्योंकि वह सूची के बगल में खडा था । एक मिनट कहीं आप प्रसिद्ध पत्रकार निमिषा था तो नहीं उस चैट शो की मेजबान जिसमें भारत के सबसे प्रभावशाली लोगों को आमंत्रित किया जाता है । राहुल इस के हाथों से फाइल लेते हुए कहा हाँ मैं वहीं हूँ । आपसे मिलकर खुशी हुई । राहुल ने कहा फाइल पडने में लग गया । सूची भी उसके साथ रिपोर्ट पडने लगी । उसे दर्द की शिकायत कब से है? शुरू फाइल पढते हुए पूछा । उसके माथे की रेखाएं बता रही थी कि मरीज की हालत नाजुक है । मेरे कैबिन में आइए, हमें इस बारे में बात करनी है । अनुज को यहाँ आराम करने दो । शिवजी ने कहा और वहाँ से चली गयी मैसेज, सत्ता और राहुल इसके पीछे चलती है । वैसे जानता । मुझे ये बताते हुए अफसोस हो रहा है । लेकिन रिपोर्ट के अनुसार अंश के पेट में गांठ है और इस तरह के ट्यूमर का ऑपरेशन नहीं हो सकता । मुझे लगता है कि उसके पास ज्यादा दिन बचे हैं । आप क्या बैठे? राहुल ने कुर्सी आगे की । उसे डर था कि बुरी खबर सुनकर के कहीं वो जमीन पर गिर ना जाए । मैं जानती हूँ । मैसेज दत्ता ने कहा कमरे में सन्नाटा छा गया । ये भगवान की निर्दयता है कि मेरा एकलौता बेटा कैंसर से लड रहा है । इससे पहले दिन डॉक्टर से मैंने बात की थी । उन्होंने मुझे बताया लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि उसके बचने की थोडी उम्मीद है । हाँ, लेकिन बचने की उम्मीद सिर्फ पांच प्रतिशत है । इसमें बहुत ज्यादा जोखिम है । मैंने मिसिस दत्ता से कहा अगर जरा भी उम्मीद हो तो में जोखिम उठाना चाहती हूँ । मैं चाहती हूँ कि अब सर्जरी करें । मैं शुचित महिला का खुद पर विश्वास देखकर चौंक गई । देश में कई जाने माने और अनुभवी सर्जन है । केवल मैं ही क्यों? मैंने सारी जांच पडताल की है । मेरे पेशे का एक हिस्सा है । मैंने आप का ट्रैक रिकॉर्ड देखा है । डॉक्टर सूची और मुझे पता है कि आप ये सर्जरी कर सकती है । केवल आपकी उमर को मात दे सकती है और आपको मेरे लिए ये जोखिम उठाना होगा । उसने अपना मन बना लिया था । नहीं, मुझे नहीं लगता कि मैं ये कर सकती हूँ । अगर हम सोच भी नहीं करते हैं तो आपके बेटे के पास दूसरे तीन महीने का वक्त है । लेकिन अगर हम करते हैं और असफल होते हैं तो वह शायद कल ही सूची बोलते बोलते चुप हो गई । क्या को लगता है कि अब सही निर्णय ले रही है । शुर्खियों से सबसे बेहतर सुझाव देने की कोशिश कर रही थी । मैसेज दत्ता के पास कहने को कुछ नहीं बचा था । आखिरकारी उसके इकलौते बेटे का सवाल था, अपने पति के जाने के बाद उसके जीवन में खुशी का एकमात्र जरिया वही था । शुचिः ने चुप्पी तोडने के लिए कहा, अगर आप चाहे तो मैं उसे दवाइयाँ दे सकती हूँ जो से कुछ और दिन दे देगी । लेकिन अगर सर्जरी सफल हो जाती है तो वो हमेशा के लिए मेरी साथ रह सकता है । कम से कम वो मुझ से पहले तो नहीं मरेगा । हैना वो जवाब के लिए सूची को देख रही थी और शू चीनी सिर हिलाया आपने मेडिकल करियर में शुचि ने कभी किसी में इस तरीके का आत्मविश्वास नहीं देखा था । जोखिम उठाना कठिन होता है और वो भी तब जब जीवित रहने की उम्मीद बहुत कम हो । मैं सत्ता मुझे आशा है कि आप जानते हैं कि आप क्या कह रही है । फाइव फोर सेंट का मतलब है कि हंड्रेड में से केवल पांच मरीज ठीक होते हैं । इसका मतलब की बचने की उम्मीद ना के बराबर है । राहुल नहीं होगा । हाँ, उम्मीद बहुत कम है लेकिन फिर भी उम्मीद तो है । मैं सत्ता के चेहरे में बेहद आत्मविश्वास था जिसने शुचि को केस लेने का भरोसा दिया । उस बच्चे की जान बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करने का विश्वास दिया । मैसेज दत्ता ने आगे कहा कि मैं जानती हूँ की जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है । मैं जानती हूँ की मौत को टालना नामुमकिन है । मैंने कई बार लोगों को बढते देखा है लेकिन मुझे विश्वास है कि अंश बच सकता है । मुझे पता है कि हमारे आस पास हर दिन बहुत सारी बुरी चीजें होती है पर मुझे विश्वास है कि हम इससे लड करके जीत सकते हैं । मेरा मानना है कि मेरे पति हमेशा मेरे साहब है और मेरे परिवार की रक्षा कर रहे हैं । सूची चुप रही । वो केस लेने से बहुत डर रही थी । अंश की उन मासूम छोटी छोटी आंखों को याद करके वसूल रही थी कि वह उन्हें हमेशा के लिए बंद करने का कारण नहीं बन सकती । मैं सत्ता ने शुचि के चेहरे के भाव पढते हुए कहा कि तुम ऐसे तक समझोगी जब तुम खुद ना बन नहीं अपनी माँ से पूछता कि क्या वह हमारे साथ दो तीन महीने रहना चाहिए कि या हमेशा के लिए मैं स्वार्थी नहीं होना चाहती थी । मैं जिंदगी भर इसका अफसोस के साथ नहीं जी सकती थी कि मैंने कभी अपने बेटे को बचाने की कोशिश नहीं । मैं उसके साथ कुछ दिनों तक रहकर उसे हर रोज मरते हुए नहीं देख सकती । या तो उसे पूरी तरीके से ठीक कर दिया या उसे इस दर्द से छुटकारा दे तो उनकी आंखों में पानी भर आया । लेकिन किसी तरीके से उन्होंने खुद को संभाल दिया । इस सूची को पूरी तरीके से जब जोड दिया इससे पहले वो सिर्फ एक डॉक्टर की तरह सोच रही थी । वो उनकी भावनाओं को नहीं समझ रही थी लेकिन अब वो उनका दुख महसूस कर सकती थी । शुचिः ने कहा, ठीक है अगर अब जिद कर रही है तो हम अंश को बचाने की पूरी कोशिश करेंगे । आप अच्छी समाचार की उम्मीद कर सकती हैं लेकिन आपको बुरी खबर के लिए तैयार भी रहना होगा । इसमें मैसेज दत्ता के चेहरे पर रंगला दिया वो कुश्ती मानो ऑपरेशन पहले ही सफल हो गया हो । लेकिन डॉक्टर आपको मुझसे एक वादा करना होगा । आप अंश को इस बारे में कुछ नहीं बताएगी । मैसेज दत्ता ने कहा, क्या आपका मतलब है कि उसे अपनी बीमारी के बारे में कुछ नहीं पता? शुचि ने पूछा, नहीं मेरे लिए उसे बताना आसान नहीं था । तो क्या लगता है कि वह यहाँ क्यों आया है? मैंने उसे बताया है कि छोटी सी बीमारी है जिसके कारण उसके पेट में दर्द हो रहा है । डॉक्टर उसे आसानी से ठीक कर देंगे लेकिन हमें उसे बताना होगा । छोटे बच्चे को अंधेरे में रखना ठीक नहीं है तो आप क्या चाहती हैं? आप हर समय छोटे और बोले बच्चे को मौत के खौफ में जीते हुए देखना चाहती है । क्या अपनी जाती है कि वो अपने बच्चे हुए दिनों में खुश रहे? मुस्कराए मुझे लगता कि वह से बर्दाश्त कर सकता है । इससे पहले की वह सच में मर जाए । मैं उसे मारते हुए नहीं देखना चाहती । वो खुद को और संभालना सके और फूट फूटकर के रोने लगी । उसके आंसुओं ने सूची के नरम दिल को पिला दिया और वह मैसेज दत्ता के साथ सहमत हो गई । उसने अंश से सच छिपाए रखने की बात मान ली तो फिर आप सर्जरी कब करेगी? मैसेज दत्ता ने पूछा, लेकिन वो इस सवाल का जवाब सुनना नहीं चाहती थी । ये उनके लिए बहुत ही डरावना था । उनके दिल की धडकनें तेज हो गई थी । जितनी जल्दी हो उतना बेहतर होगा । हमें सर्जरी में देरी नहीं करनी चाहिए की उमर दिन ब दिन बढता जा रहा है । सफलता की उम्मीद घटती जा रही है । कल शुचिः ने अपने कार्यक्रम पर एक नजर डालने के बाद मिसिस दत्ता को बताया, क्या मिसिस दत्ता चौक गई, हाँ, हम कल सर्जरी करेंगे ।