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09-मुट्ठी भर धूप -वीर in  |  Audio book and podcasts

09-मुट्ठी भर धूप -वीर

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वीर की नजर जब पहली बार मीरा पर पड़ी, तो जबरदस्त आकर्षण के जादू ने उसे अपने वश में कर लिया। मीरा को भी कुछ-कुछ महसूस हुआ। देखते-ही-देखते यही उनकी जिंदगी बन गई। दोनों को एक-दूसरे की तरफ खींचनेवाली ताकत ही मानो एकमात्र सच्चाई थी, जिसे बयां नहीं किया जा सकता। हालांकि यही प्‍यार उन्‍हें एक-दूसरे से अलग कर देता है। अचानक एक तबाही उन पर हमला करती है और उनके सपनों को झकझोर देती है। कुछ बाकी रह जाती है तो सिर्फ नफरत, जो उनके प्यार के जितनी ही ताकतवर है। बरसों बाद, किस्मत एक और चाल चलती है और दोनों को आमने-सामने ला खड़ा करती है। एक बार फिर। इस बार फैसला उन्हें करना हैः अपनी नफरत के हाथों बरबाद हो जाएं या प्यार को एक और मौका दें। Voiceover Artist: Ashish Jain Script Writer: Vikram Bhatt
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ऍम गुरुवार की शाम मैंने ऍम देखा । घर मेरे डिजिटल ब्लॉक को देखा तो भावशून्य मेरे टेबल पर चमक रही थी और हिसाब लगाया । हमारी बातचीत को अस्सी घंटे भी चुके थे । अपने आप में एक रिकॉर्ड था । मैंने सारी सावधानियां बरती । फॅमिली हमेशा चार्ज रहती थी । नेटवर्क शानदार और जहाँ भी गया वहाँ पोर्टेबल चार्जर लेकर गया ही नहीं । वो खोलना कर देंगे लेकिन उसमें नहीं किया । लघुरूप ब्रॉडी ने मुझे बताया था कि मैंने मीरा के साथ आप उसकी मीटिंग में सब कुछ गडबड कर दिया था । फॅमिली मुझे अपनी कार से मेरा तो वापस ले गया था और कार के बाद में इंतजार करता रहा हूँ । मैं जैसे ही कार में बैठा ऍफ शुरू कर दीजिए । मुझे बेहद में राष्ट्र और इस नतीजे पर पहुंचा था कि अगर मीरा को इस बारे में कुछ नहीं पता तो वो मुझे कभी कौन नहीं करेगी । तो हम किसी लडकी को टेस्ट के लिए मनाने गए थे । हाँ डिबेट जीतने की कोशिश कर रहे थे । कह रहे बेशन जोशो खरोश में किया गया सवाल था जिसका जवाब मैं लेना नहीं चाहता था । जहाँ तक मैं समझ रहा हूँ तो मैं उससे कहा कि किसी से प्रेम करने के लिए जरूरी नहीं किया । आप उसे चाहते हैं इसका मतलब हुआ यार बहुत कुछ बताना और ये इसकी डेट बहुत बडी गलती थी । इसका मतलब यह बताना हुआ इसकी पसंद कितनी घटिया है और तुम उसके साथ पूरी जिंदगी बताना चाहते हूँ । इसे खारिज करना उसके लिए बेहद आसान है । उस पर ये एक कागज के टुकडे पर अपना फोन नंबर लिख कर तुमने उसे फोन करने के लिए रिझाया भी । डैडी ने अपनी बात करता हूँ लेकिन मुझे अच्छा नहीं लगा कि वह इस हल्के ढंग से मेरी कोशिशों पर पानी । फिर वैसे भी मैं उससे बहस करने के मूड में नहीं था, न बस चाहता था कि वो मुझे गौर करें । अस्सी घंटे बाद हालात ऍम मेरा मूड भी वैसा ही था । अस्सी घंटे से सेल फोन के बजने का इंतजार बेहद दुखदाई था और अब इंतजार का क्या? सीमा घंटा शुरू हुआ तो मैं सोचने लगा के शायद फॅमिली ठीक कह रहा था जब मैंने ही सारा खेल बिगाड दिया था । मेरे मन में तस्वीरों फ्री है जिसमें मैंने खुद को किसी एयरपोर्ट के ऍम पर देखा जहां से जांच के एक शीशी खरीदी और अपने भविष्य को आगे बढाता हुआ अपनी से कहा की ओर से लगाए मैं मीरा के साथ जिंदगी बिताने का अनुभव नहीं तो उस खुशी का ही एहसास कर सकते हैं । पैसे ये जिक्र सोच नहीं अचानक मुझे फोन की घंटी सुनाई बडी हो पेडा हो गया । मैं नहीं आ रहा था शैम्पू मेरे सिर से चेहरे की तरफ कसकर बंद की गई आंखों के ऊपर से बह रहा था । मैं भी शाम को कोशिशि पर लिखें । यहाँ न करेंगे का शब्दशः पालन कर रहा था । अपना फोन की तरफ भागा । मेरे गीले पैर पेट्रोल के फर्श पर चल रहे थे और ऍम संतुलन बनाये रखने की भरपूर कोशिश कर रहा था । आंखे बंद होने की वजह से मैं देख ही नहीं सकता था, इसका था लेकिन मैं जानता था कि वहीं होगी क्योंकि मैं जिस कदर पागलों की तरह फोन तक भागा उससे देखकर धाकड आॅडर भी हैरान रह जाता हूँ । मैं फोन उठाया, आवास पर स्तर किया और कहा ऍसे बात कर रही हूँ । आपको मन से आवाज नहीं थी क्या वही थी आवास उसके जैसी थी, कॅश नहीं हूँ । मैं मीरा बोल रही हूँ । उसने कोमल स्वर में कहा वहीं थी उन मेरे हाथ फॅमिली चुपके से मेरी ताई आप में घुस गया तो सेकंड में जलन शून्य से सौ तक पहुंच गई तो हम ने भी मेरे साथ हम मजाक किया था । आंखों में चुभन थी और और दिल भी उसी वक्त गा रहा था । मालूम मीरा मैंने बीजेपी से कहा तो मेरे दोस्त नताशा के घर शनिवार की पार्टी है । मुझे लगता है कि शायद तुम भी आना चाहो गई । जितना मुश्किल मेरे लिए था उतना ही उसके लिए भी एक तरह से अब आप दोनों तरफ लगी थी और मेरा आत्मविश्वास बढ गया था जिसकी मुझे सब जरूरत है । आप क्यों नहीं तो अभी मैं विकेट पर कुछ भी नहीं कर रहा हूँ । अपनी गवार हो जैसी करारी पर मन ही मन में छिप गया । बहुत रे मैं ॅ कर देती हूँ । होना आसान है, ठीक है, कोई दिक्कत नहीं होगी । फिर एक खामोशी जब बॉडी के मुताबिक मुझे उससे पूछना चाहिए था क्या नाम है पार्टी के लिए सब देख कर लूँगा । पर इसके बजाय मैं चुप रह गया और दुआ कर रहा था कि मैं इतना ही आप कहीं शाम को भेजना चढ जाए । मैं उसके साथ अपनी पहली डेट पर किसी समुद्री लुटेरे की तरह नहीं जाना चाहता था तो शनिवार की रात मिलते हैं । हाँ, शनिवार की रात मैंने मुहर लगा दी । उस ने कॉल खत्म कर दी और मैं उछलते कदमों से आंखों को धोने के लिए तौड पडा । मीरा की दोस्त नताशा का वर्ली सीफेस में एक बॅान्डिंग था जिसमें संगमर्मर के घर पे जिनमें महंगी सिक्योरिटी और ऍम एकदम समझता है । फॅमिली था तो शायद उसी पार्टी के लिए जा रहा था । मैंने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया । अपनी छवि लिफ्ट के चमकते दरवाजे पर देखिए, ऍम हूँ कुछ अपनी छवि बेहद अच्छी लगी थी । शाॅ होते तो मैं अपने बालों को सवार लेता लेकिन ऍम खुल गया और मैं बाहर निकल रहा हूँ । हाँ वो जोडा साथ नहीं आया । शायद वो लिफ्ट में एक बार फिर से नीचे जाकर वापस आना चाहते थे । लाउन्ज में पष्ट, संगीत और जलती मोमबत्तियों ने मेरा स्वागत किया । उस तस्वीर में एक ब्लाॅक था तो किसी नए रईस से छुटकारा दिलाने वाला था जो आपका दिमाग खराब कर रहे हैं । मेरी आंख है आपने पहले कुछ ड्रिंक ले रहे जवान छोडो और किसी साथी की तलाश कर रहे अकेले लोगों के बीच उसे ढूंढ रही थी भी सही पहचाना पीछे से किसी जोशीली आवाज नहीं आ रहा है । मैं पीछे मुडा तो देखा की पत्ती दुबली और लम्बी लडकी खडी थी जिसके बाद लहरा रहे थे उसकी मुस्कान मोहंती । इसके चलते उसने जो हम छोटी काली ट्रस्ट पहनी थी वो उसे भूंखड की बजाय बेहद खूबसूरत बना रही । जिये आएंगे नताशा ऍम उसके हाथ पढाया सब तो हम पकड लिया है । हाँ मैं हूँ ऍम नहीं । हम तुम्हारे बारे में मेरे से सबको सुन चुके हैं । वो भी कई बार । वो बेफिक्र हो रही थी तो मैं भी हंसने लगा । चलो मैं उसके पास से चलती हूँ । उसने कहा मैं तुम्हारे बारे में सब सुन रखा है । इन शब्दों ने मेरे दिमाग में हलचल मचा दी हूँ । दोनों मेरे बारे में बातचीत किया करती थी । मुझे तो उम्मीद नहीं थी शुरू हो क्या तुम सब उस अनोखे इंसान से मिलना चाहूँगी जो मेरा पीछा कर रहा था । एक पल के लिए मैं अपने ही खयालों सेक्टर गया लेकिन मैंने अपने आप को संभाला और उस बात को मन ही मन समझने की कोशिश की । फॅमिली किसी भी कीमत वर्ष का कबाडा मत करो तो ही आखिरी मौका है । मैं नताशा के पीछे पीछे खुली छत तक आ गया । वहाँ से शहर का बेहद धारण करने वाला नजारा देखता था । मंद मंद बहती हवा के बीच पीतल के खूबसूरत कैंडल स्टाॅक धडधडाती लाओ और शहर की चमचमाती रोशनी वहाँ घंटा लोगों पर एक पीला आभामंडल सा बना रही थी और तब नहीं नजर उस पर पडी । वो दूर के उस कोने पर कुछ दोस्तों के साथ थोडी दिलचस्पी से किसी सब्जेक्ट पर बात कर रही थी । वो सब देख नहीं मेरी साँसें थम गयी । फॅमिली फॅमिली उसके पास भले हॉल में हवा में लहरा रहे थे । मोमबत्तियों की रोशनी में उसकी बादामी आखिर ट्राॅमा रही थी । देखो तो को हराया है । नताशा ने ऐलान किया, मीरा बातचीत के बीच में ही रुक गई और मेरी तरफ पडककर देखा । उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई । लोग तुम आ गए । उसने कहा मैंने जवाब दिया उसके दोस्तों ने आप लिया की मीरा के लिए मैं मिस्टर ऍम था और मुझे देख कर मुस्कराने लगी । मैं पूछ रही हो मामला क्या है? फॅमिली में मिलने की औपचारिकता पूरी की और मैं विनम्रता से मुस्कुराता और आठ मिला था, चला गया । लेकिन मैं एक भी नाम शायद नहीं रख पा रहा था और मुझे उस की परवाह ही नहीं थी । मैं पास नहीं रह से मिलकर खुश था । नताशा दूसरे मेहमानों की खातिरदारी के लिए चलेंगे जबकि दूसरी नाम तो तो नहीं । पहले बातचीत के दौरान दूर हटने की रस्म बनाएगी की और फिर हमें अकेला छोड दिया । मीरा और मैं अजीब ढंग से एक दूसरे के करीब मुस्कराहट लिए । खडे । इससे इंतजार में पांच की शुरुआत कौन करें? क्या तुम नहीं गूगल अर्थ के बारे में सुना है? मानव इतिहास में किसी ऍम सबसे पूरी शुरुआत की थी । आश्चर्य था कि उसे नहीं लगा नहीं क्या है ये? उसने अपनी सच्ची दिलचस्पी जाहिर की । असल में गूगल के सैटेलाइट हैं जो अंतरिक्ष में हैं और धरती के चक्कर लगाते हैं और इस फॅालो किया जा सकता है । फिर देख सकते हैं कि धरती का हर हिस्सा वहाँ से कैसा दिखता है । आप वहाँ से जून कर अपने घर को देख सकते हैं कि वो ऊपर से कैसा दिखता है । मैं उसे देख कर ऐसे मुस्कराया जिसे मैंने गूगल को खरीद रखा था और ये दिलचस्प होता है । उसे हैरानी जताई बिल्कुल भी नहीं । पर आज होगा आज करूं उसकी बहुत सिकुडी और मेरा दिल फिर से उछलने लगा क्योंकि नया सोच रहा हूँ की मोमबत्तियों से रोशन एक था । उसकी छत के गोले ने इस तरह खडे हम वहाँ से कैसे दिख रहे होंगे । अचानक ब्रॉडी की तस्वीर मेरे मन में उभर आएगी । मेरी बातचीत की काबिलियत पर निराशा से बहुत से कोर्ट चुका था तो पक्का यकीन है यहाँ आने से पहले तुमने नशा नहीं किया है । वो खेल खिलाओ नहीं और मैं ठहाके लगाने लगा । तभी जैसे ये सबसे स्वाभाविक से बात थी । उस ने मेरा हाथ पकडा और बोलिंग मिस्टर तो दिमाग चलाने के लिए ड्रिंक्स की जरूरत है और मुझे अपने आप को शांत करने के लिए मैं झट से राजी हो गया तो मुझे बाहर तक लेकर गई । दो ड्रिंक ऑर्डर किए । हमने अपनी क्लास नहीं टकराए, बस उसे गटक लिया । बीस मिनट बाद घबराहट दूर हुई और गूगल चर्चा की पूरी तरह नाकाबिल लगने लगा । अब हम राष्ट्रीय सुरक्षा पर तकनीक के प्रभाव जैसे मुद्दों पर जा चुके थे । मैं समझ गया था कि चीजों को निजी स्तर पर लेने में वो मुझ से एक कदम आगे हैं । मुझे कोई ऐसा मिल गया था जो तकनीक के बारे में भावुक हो सकता है । ऐसा नहीं होता है । हम बातचीत में व्यस्त थी । तभी का एक हमें किसी की आवाज सुनाई पडी ऍम पास के जो जैसी नाम वाले चमकती आंखों वाले मस्तमौला शख्स हो । मीरा की तरफ गर्मजोशी से गले लगने के लिए बढते देखा हूँ । मेरा से और उसके साथ चार लोगों का ग्रुप को देख कर खुश तक रही थी हूँ । खूब जमकर करें मिलना वगैरा वगैरा हुआ सबसे अलग ही रहा है और किसी एक को देखकर मुस्कुरा नहीं रहा था । मीरा नहीं मुझे उनसे मिलवाया लडकियां और लडके जिससे महंगी खुशबू महक रही थी तो मुँह में ज्यादातर काम इधर उधर हो गए लेकिन मुझे शिव वाले का नाम जान रह गया । तीन कप आप क्या करते हैं? उसने पूछा है लेकिन ये मानते हुए कि मैं काबिल नहीं ज्यादा बातचीत की जाए । मैं कॅर का काम करता हूँ । मैंने धैर्य भरे मुस्कान के साथ जवाब दिया मैंने देख लिया था की मीरा कोई बात पहली बार बना चलेंगे और सुनकर अच्छा लगा और कौनसी उससे थोडी दिलचस्पी जाए? पैसे नहीं मैं उसकी दिलचस्पी जगह चुका था । ॅ दे भी एक फॅमिली जलता है । काले रंग छोटी ड्रेस वाली पीछे पडे तुम्हें बाॅंटी का नाम जरूर सुना होगा । तेज बडे अभिमान के साथ अच्छा हाँ बिल्कुल । दोनों कंपनियों के बीच की होड को देखते हुए मैं थोडा सावधानी बरत रहा था, नहीं चलता हूँ । उसने इस तरह कहा जैसे किसी देश को चला रहा हूँ अगर तुम्हारा मन पालन ड्रेस भर जाए और तुम किसी सच्ची आॅक्सी के लिए काम करना चाहो तो मुझे कॉल कर लेना । मैंने गौर किया कि मेरे को ये बात अच्छी नहीं लगी । मुझे भी नहीं लगे लेकिन रिजल्ट लिया हूँ । हाँ ठीक हूँ । मैंने हफ्ते में कहा सच में अच्छा तो मुझे बताऊँ ऍम काम किया है मैं आप गया कि तेरे को मेरा न कहना बुरा लगा था । मेरा उसके व्यवहार से असहज होती जा रही थी । लेकिन मेरी फजीहत से आकर्षण का बडो और खुशबू वालों खूब लिखवा रहा था । कई सारे ऍम सच में मेरा सबसे नया ऍम था । मुस्कुराते मैंने कहा हमारा मतलब ऍम उसके लिए अपने हसी करो पाना मुश्किल हो रहा था । मुझे खुशी है कि तुम पालन करने के लिए काम कर रहे हैं । उन्हें ही ऐसी कमजोर भी दोबारा देख के चेहरे की हंसी गायब हो चुकी थी और उसके गैंग की है । मीरा के मुस्कान भी जा चुके हैं । उसे ये पास बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी । मैं मुस्कराता रहा हूँ क्योंकि मैं मीरा को असहज नहीं देखना चाहता था और कौन से रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था । कई कमजोर से मैंने छह बताते हुए कहा अरे बताओ भी उसने बनाने की कोशिश मैंने सावन कंपनी फॅमिली तुम्हारे मतलब है तो फॅमिली को लिखा था मुट्ठी भर धूप ऍफ पागलों की तरह रहा था । मैंने मुस्कुराते हुए कहा भगवान तुम बकवास हौतियों की भाषा हो । फिर उसने मीरा को देखा जो अब तेरे को एक तक खुल रही थी । मीरा तुम इस आदमी को डेट कर रही हूँ । मेरा मतलब है बस मजे के लिए ऐसा कर रही हो ना हो मैं जो कर रही हूँ से तुम्हारा कोई मतलब नहीं होना चाहिए । वो फट पडी तो मैं इस पर ध्यान देने की जरूरत है कि तुम क्या कर रहे हो, क्या करने वाले हो? देवकी हसी गायब हो गई और उसके गैंग की भी तो मैंने पिता ने तुम्हें ऍम कंपनी की कुर्सी दे दी क्योंकि उन्हें लगा कि वहाँ तुम सबसे कम नुकसान कर सकते हो । तुम ने स्कूल और कॉलेज के दिन हुए थोडा दिए फिर बिजनेस स्कूल के दिन रहते हैं । बताएँ सामाजिक गंदगी की तुम बनाया आपने? साल हो तो अपने गैंग को किसी ऐसे इंसान का मजाक उडाकर पहुंच करना चाहते हैं । अपनी रोजी रोटी खुद कमाने की कोशिश कर रहा है । बाकी है तुम पर अगर मैं तुमसे तुम्हारी कंपनी के ऑडिटर का फोन नंबर पूछ लूँ तो मैं पता भी नहीं होगा इस लिए मिनिस्टर फिगर है इस बात को समझने की कोशिश करो । वहाँ जहाँ तक मेरी बात है तो तुम अपनी एडवरटाइजिंग एजेंसी को अपने पास रहो । चरणवीर उससे पहले की सस्ते तरह से अमर नाम कुंठाएं कहीं और चलते हैं । मीरा ने मेरा हाथ पकडा और घर से लिफ्ट के दरवाजे की तरफ पड गया । देव कपूर और ऍम पक्का पक्का रह गया । हम जब पार्टी से बाहर निकल रहे थे तो मैंने महसूस किया कि जिस और आपके जरूर सर को आप चाहते हो उसके प्रेम में और भी डूब जाना मुमकिन है । नीरव लिफ्ट बटन को ऐसे दबाया जिससे दीप कपूर कितना लिफ्ट का दरवाजा बंद हुआ और हम हम उसी के साथ नीचे उतरने लगे । आधे रास्ते में उसे एहसास हुआ कि उसने अब तक मेरा हाथ पकड रखा था । अचानक उसने हाथ छोड दिया । एक ऐसा इंसान इसे कुछ दिन पहले अपनी फॅमिली उठा लिया था । उसकी आज ऍम बन गए । आखिरकार उसने कह ही दिया है छोडो ही मैंने सोचा यार क्या फर्क पडता है । मैंने तय किया कि से रहने दिया जाए । मुझे नहीं हुई है । मैं जानती हूँ इस मूर्ति क्यों कुछ कहा उसे तुमने सही लिया क्योंकि तुम मुझे परेशान नहीं देखना चाहते थे, लेकिन तो नहीं । किसी की बकवास को सहने की जरूरत नहीं है । मेरी भी नहीं । मैं कुछ कहता इससे पहले ही लिफ्ट का दरवाजा खुल गया और हम एंट्रेंस में आ गए । पार्टी शुरू होने से पहले ही खत्म हो गई । उसने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराने लगे । मुझे लगता है तो मैं मुझे कॉफी पिलाने ले चलना चाहिए और अपने बारे में कुछ बताना चाहिए क्योंकि देव कपूर तुम्हारे बारे में मुझसे ज्यादा जानता है है । ये मेरे लिए खुशी की बात होगी । मैंने मौके और लगाते हुए जवाब दिया तो चलें । उसने कहा और फिर अचानक गिर गए । मेरी तरफ बडी और इतनी प्यारी से आवाज में कहा जिससे मैंने पहले कभी नहीं सुना था । मुठ्ठीभर हूँ कितना संभाल संभाल के बेहद सुंदर है तो मुझे ऍम पूछ जानना चाहते थे । हम अपनी तीसरी कॉफी पी रहे थे और बातचीत शुरू करने के लिए गूगल अर्थ की जरूरत नहीं थी । मैंने अपने काम के बारे में उसे सब कुछ बता दिया । यही दिल्ली का हूँ । मेरे माँ बाप पनीर है । मैंने अपने परिवार के नेट बोल के बिजनेस के खिलाफ अभद्र हो कर दिया और ये भी है कि मैं कुछ अलग और क्रिएटिव करना चाहता था । वो एक अच्छी श्रोता थी लेकिन मैं ये भी जानता था कि वह मेरे बारे में सब कुछ जान लेना चाहती थी । ऍम मैंने नहीं, ट्रॉफी ने ढूंढा था । अच्छा बताओ भी जाना चाहती हूँ मैं और ऍम जो में गए थे । हमने वेटर को दो हजार रुपये जानने के लिए दिए हैं कि जिस आदमी से मेरी लडाई हुई थी उसका नाम और नंबर क्या है? एक बार में रोहित का नाम मिल गया तो हम उसके फेसबुक पेज पर गए और देखा कि तुम उसकी फॅमिली । अपने पेज पर तुमने अक्षय को अपने भाई के तौर पर लिस्ट कर रखा है । इसके हमने अक्षय और मीरा को गूगल क्या हो मिल गया? इंडियन फूट कंपनी दिखा उठाती तो सब जानती हूँ । मैं अपने आप से खुश होकर मुस्कराने लगा । ऍम उसे मानना ही पडा था मैं मुस्कराया और वो भी मुस्कराने लगे क्योंकि हम पूछताछ के दौर में है तो मैं जानना चाहता हूँ कि तुमने मुझे क्या सोचकर इनवाइट किया । मुझे लगा वो मेरे लिए ऍम तहाँ महावत का इजहार करें । मैं ये भी जानता था कि ऐसा कुछ भी नहीं था । कोई सवाल का एक ही ईमानदार जवाब है और एक बेईमान भी । वो मीरा ने नटखट मुस्कान के साथ कहा ईमानदार वाला अभी के लिए कुछ ज्यादा ही बंदा है और बेईमान में बनना नहीं चाहती है । इसलिए अभी तो बिना किसी जवाबदेही काम चला लो तो किसी दोषी बच्चे की तरह हाॅग और अपना चेहरा भी दूसरी तरफ कमा लिया है तो मैं मान लेता हूँ मुझे तुम्हारी दिलचस्पी है । थोडी बहुत तो है ही । मैं जोर देकर कहा है जैसे किसी भी आदमी के साथ कॉफी नहीं थी । पहले इस मामले में सबकुछ बिना जाने समझे ही हुआ है । इतना कहने के बाद वो चुप हो गई । शायद वो हम दोनों की कुछ मनमानी बातों पर गौर कर रही थी तो फिर उसने मेरी तरफ देखा । कुछ सोच कर उस कराने लगे । मैं देख कर रहा हूँ और मेरे अंदर एक अजीब सी करवाहट । हमने हडबडाहट में नजरे नहीं हटाई लेकिन चल हटाए तो दोनों के मन में एक ही खाया था । हमें फिर से मिलना होगा और ही मुलाकात जल्दी ही होनी चाहिए ।

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वीर की नजर जब पहली बार मीरा पर पड़ी, तो जबरदस्त आकर्षण के जादू ने उसे अपने वश में कर लिया। मीरा को भी कुछ-कुछ महसूस हुआ। देखते-ही-देखते यही उनकी जिंदगी बन गई। दोनों को एक-दूसरे की तरफ खींचनेवाली ताकत ही मानो एकमात्र सच्चाई थी, जिसे बयां नहीं किया जा सकता। हालांकि यही प्‍यार उन्‍हें एक-दूसरे से अलग कर देता है। अचानक एक तबाही उन पर हमला करती है और उनके सपनों को झकझोर देती है। कुछ बाकी रह जाती है तो सिर्फ नफरत, जो उनके प्यार के जितनी ही ताकतवर है। बरसों बाद, किस्मत एक और चाल चलती है और दोनों को आमने-सामने ला खड़ा करती है। एक बार फिर। इस बार फैसला उन्हें करना हैः अपनी नफरत के हाथों बरबाद हो जाएं या प्यार को एक और मौका दें। Voiceover Artist: Ashish Jain Script Writer: Vikram Bhatt
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