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मीरा शनिवार की रात ऐसा लग रहा था जैसे मैं तूफान में तबाह हो चुकी हूँ । उसका नाम वीर रॉयल था । मैंने अपने जीवन में कभी किसी शख्स में अपनी इंटेंसिटी नहीं देखी थी । नहीं ऍम सिटी पर कभी इतनी उलझन में पडी थी । ऍम में जो कुछ हुआ उसे कुछ नहीं तो पूरी तरह से विचित्र कहा जा सकता है । फिर भी मुझे ऐसा लग रहा था जैसे पीर की कई हर पार्ट पर मैं यकीन कर रही थी । मुझे लग रहा था कि वह अपनी बात कितनी समर दस्त, ईमानदारी के साथ कहना चाहता था की दल कचोटता रह जायेंगे । मैंने घरवालों को मन से निकालने के लिए एक गहरी समझ मुमकिन है । वो पागल हूँ जिससे कभी जांचना हुई हो या शायद हुई भी हूँ । मेरे पास जानने का कोई रास्ता नहीं था । एक बार उसकी लगभग से जाहिर थी उस बेचारी पर भावनात्मक तूफान का ऐसा हमला हुआ था । उसका सामना शायद उसने पहले कभी नहीं किया होगा । उसके बाद ट्रेनर रोहित मेरे लिए दर्ज के साथ साथ चेंज करने वाला भी था । जो कुछ हुआ तो सब पुराना और पीठ को आगे बढाना नामुमकिन था । मुझे रोहित पर तरस आ रहा था, जिसने सब के लिए कितना कुछ किया था । उसने दीदी को लेकर एक मजाक भी किया था और मैंने भी घुसने की कोशिश की थी । लेकिन हम दोनों ही नाकाम रहे थे । रोहित नाम उसे कॉफी के लिए कहीं और चलने की बात भी पूछी थी आपने रैली उस घटना के बाद ऐसा करना थोडा विचित्र था । जगह बदल जाने से जो कुछ हुआ था उससे इनकार करना संभव नहीं था । आपको जब उस चीज का एहसास हो जाए, भले ही एक पल के लिए ही सही, तब से खडा कर पाना संभव नहीं होता । रोहित जानता था तो कुछ दिनों बाद दूसरी डेट के लिए मुझे राजी करना उसके लिए आसान नहीं होगा । दूसरी तरफ मुझे नहीं लगता था की कोई भी अगले कुछ दिनों तक मुझे कहीं भी ले जाने में कामयाब हो सकता है । मैं जैसे ही घर पहुंची, अक्षय को लगता है कि कोई गडबड जरूर है । ब्लॅक उससे पूछा, आधी गंभीरता, आधा मजार मुझे नहीं लग रहा था की अक्षय या कोई और भी ये समझ सकता था कि क्या हुआ । इसलिए मैंने बताना जरूरी नहीं समझा । सिर्फ फटा जा रहा है । मैंने छूट बोला मुस्कराया और पास आकर कल ऐसे लगा लिया जाओ सो जाओ भी अगला भी हूँ उसने मेरे फॅमिली क्योंकि वो जान चुका था कि मैं किसी बात को लेकर परेशान है । इसे सुलझाने के लिए मुझे अकेलेपन की जरूरत था । गर्म पानी से नहाने के एक घंटे बाद बिस्तर पर जाती रही हैं । चार । जन पर लगे ऍम फॅार की आवाज आ रही थी । मैं सोच रही हूँ या वीर करोडों लोगों के शहर में ढूंढने की कोशिश करेगा । फिर मैंने आपके बंद था और इस साल बाद अपन के लिए खुद को डांट लगाई भी । फॅमिली के किरदार की तरह था लेकिन जिंदगी रोमेंटिक नॉवल नहीं है । अक्षय सिंगापुर जा रहा था और इसका मतलब था कि मुझे अब जिम्मेदारी लेनी है और मुंबई ऍम की मदद करने की । मुझे एक दम सुबह दस बजे फॅमिली तो ये एकदम सुबह ही थी । उठाने की साजिश है । अच्छे की भूमिका सबसे पडी थी । कॅश कार में धकेलकर बैठाया और ऍम पर जाकर पटक । होश में आने के लिए मेरे पास गरमा गर्म कॉफी का ही सहारा था । डाॅन मुझे बताया कि हो कंपनी की एक्सिक्यूटिव बनने के लिए मेरे अंदर क्या कुछ होना चाहिए । ऐसा काम था किस करने से मैं उस वक्त ही रहती थी । उससे मैंने ऍम ऐसा नहीं था कि मैं बिजनस निंजा नहीं बन सकती है जो मुझे बनाना चाहते थे । लेकिन उसमें मैं मैंने पकाने वाली बातें कुछ ज्यादा ही थी । जब किसी भी कंपनी के लिए ऐसा होना स्वाभाविक । मुझे इसमें बहुत मजा नहीं आता । ॅ जानती थी कि मैं जो कुछ कर रही थी उसके पास साफ साफ नहीं सोच पा रही है । उसका दो हो जाता है और फिर ये हुआ । फॅमिली नाम के व्यक्ति आपसे मिलना चाहते हैं । लाॅकर रही हैं । अच्छा ऍम मैं उनकी मौन प्रश्न को सुन रही थी । कॅश से पूछा हो गए इतना जरूरी है कंपनी का भविष्य कैसे बने इसका स्पोर्ट्स को बीच में रोक दिया जाए । सुख ये था कि ये दुनिया के किसी से ज्यादा सब था और सच्चाई से पहुंॅच तेजी से बढ रहा था । जैसे इसे ग्राँप्री की रेसिंग कार बेकाबू हो गई हूँ । उसने मुझे तो उनकी लिया कैसे मुझे काफी जोड घटाव करना पड रहा था । जबकि इस कमरे ऍम रहे थे । कॅश ऐसा होता तो वह मेरे ऑफिस जाने की हिम्मत नहीं करता । वो रेपिस्ट है, बेकार की बात है और मैं उसे खारिज कर दिया है । तुरंत उनसे लाॅ इंतजार करने के लिए कहा । उसी मैं दो मिनट में आती है मैंने जहाँ तक संभव था संयत स्वर में कहा, जब की मेरा दिल मेरा दिमाग को पीछे छोडने की होड में लगाना नहीं ऍम मेरे बिजनेस स्कूल का दोस्त ऍम मुंबई घूमने आया होगा मैं खुद धारण रेडी की मृत्यु हात में दिल नहीं छिपी सच्चाई को छुपाने के लिए सारी समझदारी को दरकिनार करके टूट स्त्री जल्दी कैसे कर दिया? दस मिनट में आती हूँ । मैंने कहा और कौनसी को रखते हुए तेजी से बाहर की तरफ भागे । मुझे काफी की जरूरत नहीं थी । अच्छा नहीं । मेरी नींद पूरी तरह से दूसरी अपना काम भी किया था और उसे वेटिंग लाउंज का रास्ता पता दिया था । उसमें शीर्षक मेरी छवि देखी है और मेरी तरफ मुड गया । उसने मेरी तरफ देखा और उस करने लगा । मैं देख रही थी कि वो लगातार जाग रहा था उसकी आखिर थकान से लाल थी वो हो सकता है निरॅतर करने वाले दिमाग में तो काम उसने ऍम और चीज पहले और ठीक सारी चिंताएं हो रखी थी । वो ऍम लेकिन अभी चार सौ दे रहा था और मुझे गले लगाने की तीव्र इच्छा को की तरह दबाना बडा भगवान जिस तरह की बातें क्यों सोच रही हूँ उसके बाद शुरू की कल रात छोटी छोडा मुझे इसका बहुत दुख है । मेरा पडता हूँ, पूरी तरह मूर्खतापूर्ण था । उसे श्री दूंगी कि वह सच में ही लग रहा था । मुझे इस बात को दुख नहीं की मुझे कैसा लगा या मैंने क्या कहा । मुझे ठीक है कि मैंने ऍफ कर दी और शायदा फट करा दिया हूँ । उसके बाद बीच में ही रोक और उसकी आंखें मुझे थोडी फॅमिली देख रही थी । मैं हैरान थी और मेरे अंदर ही अंदर कुछ बहुत तीस मार रहा था । लेकिन मैं उसे जानने की कोशिश करने से पहले ही जानना चाहती हूँ की मुझे जाने की जरूरत भी क्या नहीं । इसलिए मैंने बचकर निकलना ही ठीक समझा । देखो इस कनेक्शन को लेकर तुम्हारे अंदर गहरी इच्छा जागी होगी जैसा कि तुम्हें लग रहा है लेकिन मेरी नजर जैसे कि पूरी तरह से संदिग्ध है । मसलन क्या मुझे इस बात के लिए चिंतित होनी चाहिए? एक दिन से भी कम वक्त में तुम्हें मेरे ऑफिस में मुझे ढूंढ का ना ये तो भरे नजर ही पर निर्भर करता है । इसे देखने कहा तो दूसरे नजर यदि है तो मैं कुछ बात बता सकता हूँ । तुम खुश चंद्र शर्मिंदा हो सकती हूँ, शर्मिंदा हूँ जिस तरह की डेट पर तुम कल रात गयी थी, उस पर पकडे जाने को लेकर शर्मिंदा हो सकती हूँ । उसने बिना लाख लपेट कह दिया, मैं देख रही थी कि तुम बस लास्ट कपडों वाली के साथ वहाँ पहुंच गए थे । तो मैंने पलटकर कहा और शक्ति नहीं कर सकी की अभी अभी मैंने की बात कही है । उसकी आंखें हैरानी से कुछ ज्यादा ही हो गई और फिर अगले दिन से चल ही नहीं । उसने गौर किया कि मैंने बहुत लिया है । अब मैं थोडी चर्चा बाहर ऐसा बात कर रही थी । तो मैं बहुत प्रभावित हुई कि तुमने एक कनेक्शन होना मेरी हो चुकी है और जहाँ तक मिलने आएगा फिर बात बहुत ज्यादा पड रही है । सच यह है कि तो मुझे नहीं जानते हैं और यहाँ तुम्हारा आना घुसपैठ जैसा है । इसीलिए ये बेतुका खेल यहीं खत्म होता है । मेरा जवाब ठोस था तो हाँ अंदर से उतना ही कमजोर जितना हवा में उडता हूँ । उसमें कुछ नहीं कहा । मैं पीछे मुडी और जाने लगे । उसके आधे पीठ को भेज रही थी । यहाँ सच में कोई किसी को जानता है । पीछे से उसकी आवाज आई । मतलब तो उसकी तरफ पडती है । चलो पहले एक दूसरे को जान लेते हैं जो बेतुकी बात होती है उसमें क्या रखा है? आप शख्स को कितनी अच्छी तरह जानते हैं जिससे आपको लगता है कि आप जानते हैं जान देन फॅार राशि पसंदीदा खाना, पसंदीदा छुट्टी बिताने कि जगह, पसंदीदा रंग, पसंदीदा गाना ॅ ऐसी जैसे पैर की लंबी लिस्ट होती है जिससे कोई ऍम किसी को जानने का मतलब ये नहीं होता या पीते ही नहीं हो रहा था नहीं बदले में भी किसी भी लडकी को उकसा दिया था । अच्छा तो किसी को जानने का तुम्हारा मतलब है उसे ही बताना कि तुम उसे जन्म जन्म से जानती हूँ और अगले ही पल उसके बारे में सोचना है कि वह मूर्ख है । तो तुम्हारे कहने का मतलब है कि तुम जानती हूँ मैं चैनल जन्म से बोलता हूँ । शायद में अपना आप हो चुकी है क्योंकि मैंने उसे थोडा सहमते हुए देखा था । ठीक है, मुझे लगता है मैंने जैसा सोचा था वैसा नहीं हो रहा है । लेकिन मुझे बताने की तकलीफ होगी कि जिस लडके के साथ कल शाम तक थी, उसे तुम कितनी अच्छी तरह जानती हूँ । ऐसा लग रहा था कि उसने मेरे सब्र का इम्तेहान लेने का नया तरीका ढूंढ निकाला था । ऐसा लग रहा था जैसे धोखे से तो मैं डेट पर ले जाया गया था ना कि तुम उस डेट पर जाना चाहती थी । कॅश उसकी ये बात हो सकती है । इसके लिए उसकी बातों पर थोडा और किया जा सकता था । लेकिन इसका मतलब था कुछ हद तक क्या डाल देना । फिर फिर भी गाना होता जा रहा था । अपनी ही मौज बेक काटा जा रहा था । मैं अपने मन को भी तरह अनसुना कर रही थी तो किसी बेतहाशा दौडती एंबुलेंस की तरह सायरन बचा रहा था । मुझे इसे यहीं रोकना होगा हूँ । ठीक है आज सोमवार है और मुझे ढेर सारे काम करने हैं । उससे पता हूँ । उनके चाहते हैं तो फॅमिली मेरी आंखों में आंखें डालते हुए कहा हूँ, मेरा मतलब ये था कि तुम उससे क्या चाहते हो तो अपनी पूरी जिंदगी तुम्हारे साथ बताना चाहता हूँ । उसकी बातें कमरे में इस तरह पूंजी ऍम हो नहीं सकता हूँ । ऐसी बातें दूसरे लोगों के साथ होती है तो सब फॅमिली देते हैं और जो कॅरियर में छपे है । धीरे सर पैसा कैसे हो रहा है तो मैं हमेशा सिंह की ही सोचती थी । इस तरह की बातें दर्जनभर तो उससे भी अधिक टेट की बात होती है । मिसाल के तौर पर सितारों से जगमगाती रात में हैं । फॅसे जब चोर देने वाले मुलाकात के बाद पैसा नहीं रह गया था जिसकी मैंने कल्पना कीजिए है और जब मैंने उसके आपको में छात्रा तो मैं देख सकती थी कि वो सच में मेरे साथ अपनी जिंदगी बिताना चाहता था । मुझे लगता है कि मेरे अंदर एक बादल और नापतौल करने वाली मशीन की जो खराब पड देखो और वो मशीन उस वक्त उसके मुंह से निकल रही बेतूकी बातों को पकड नहीं पा रही हूँ । मैं वहाँ खडी रह गई हूँ । वो लाउन्ज के दूसरी तरफ गया, ऍम उठाया और राइटिंग पैड पर एक साल उन का नंबर लिखा हूँ । ये मेरा नंबर है उसमें ऍम दिया । मैं नहीं जानता कि तुम से दोबारा मिलना कैसे संभव होगा । मेरे पास कोई बहाना नहीं है लेकिन मुझे उस की जरूरत ही नहीं है । मुझे लगता है तुम्हारे पास है अगर तुम्हें मिल जाए तो प्लीज कर देना तो मुस्कराया और जाना होगा । फिर वो पीछे बडा उसके ग्राहक अभी भी बरकरार थी । तुम जिस पति का इस्तेमाल करते हो उसमें जिंदगी की वो खुश को है जिसके सबसे मैं देखा करता हूँ । पहुंचाएं ऍम फिर सवाल समझना है चाहूँगा खुले फोटो से मैंने कहा इससे जांच कहते हैं उसमें सीटी बजाएगा । ऍम उसे तो पैसे का ही खुद से कह रहा हूँ ।