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रहस्मय टापू - 03 in  |  Audio book and podcasts

रहस्मय टापू - 03

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प्रस्तुत उपन्यास "रहस्यमय टापू" अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक रॉबर्ट लुईस स्टीवेंसन के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी उपन्यास "ट्रेजर आइलैंड" का हिंदी रूपांतरण है। उपन्यास का नायक जिम जिस प्रकार समुद्र के बीच खजाने की खोज में निकलता है वो इसे और रोमांचक बना देता है। कहानी में जिम एक निर्जन टापू पर खूंखार डाकुओं का सामना करता है और कदम कदम पर कई कठिनाइयों का सामना भी करता है। इस बालक के कारनामों को सुन कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। सुनें रमेश नैयर द्वारा रूपांतरित ये पुस्तक हिंदी में आपके अपने Kuku FM पर। सुनें जो मन चाहे।
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कप्तान अपने कमरे में पढा था तो फिर को मैं दवाई लेकर उसके पास पहुंचा । वो बहुत कमजोर लग रहा था । वो मुझसे कहने लगा देखो जो मैंने तुम्हारे साथ हमेशा अच्छा व्यवहार किया है । हर महीने में तो चांदी का एक सिक्का नहीं रहा हूँ । मैं बीमार । यहाँ पर कोई भी मेरी देखरेख नहीं करता हूँ । क्या आ रही मेरे लिए एक गिलास गर्म लादू लाओ कहना मैंने कहा डॉक्टर साहब मेरी बात काटते हुए बहुत बोला । डॉक्टर को मारो गोली । हम नाविकों और मछुआरों के बारे में क्या जानता है? मैं बहुत खतरनाक सागर हो और अंजाम द्वीपों पर रहे चुका हूँ । उन सब के बारे में डॉक्टर को क्या पता? मैं उन स्थानों पर रम के भरोसे ही रहता रहा हूँ । मदिरा और मास दोनों मेरे लिए बहुत जरूरी है । कुछ देर सुस्ता कर कप्तान ने फिर कहना शुरू कर दिया देखो जब मेरी उंगलियां कैसे कम आ रही है । हमारे डॉक्टर ने भी कहा था कि रम के पैक से मुझे कुछ नुकसान नहीं होगा । कृपया मुझे सिर्फ एक काम का पहला तो मैं तुम्हें सोने का सिक्का दूंगा । हाँ, मैंने जवाब दिया मुझे तुमसे कुछ नहीं चाहिए पर तुम मेरे पिता का बकाया किराया अवश्य दे दूँ । मैं तुम्हारे लिए एक कार्यक्रम लेकर आता हूँ । मैं जैसे ही शराब का गिलास उसके लिए लेकर आया उसमें एक ही साथ में पूरी शराब फॅमिली । उसने कहा जेम तुमने उस मछुआरे को आज यहाँ देखा है । मैंने पूछा कौन वो काला कुत्ता खा, वही काला कुछ । वह बहुत ही बदमाश आदमी है । उसके साथ ही तो उससे भी ज्यादा बदमाश है । वे लोग मेरी तिजोरी हथियाना चाहते हैं । ये तिजोरी मुझे फौजदार नहीं दी थी । मैं पहुँच तार का सबसे पुराना साथी था । जाओ । फौरन डॉक्टर के पास पहुंचकर उसे और विस्तार के बारे में बता दूँ । हाँ और एक बात ध्यान रखना यदि काला कुत्ता और लंगडा मछुआरा फिर से दिखाई नहीं पडते तो उनकी चर्चा भी किसी से नहीं करना । उसकी आवाज कमजोर पड गई थी । मैंने उसे दवाई थी तो तुरंत गहरी नींद टूट गया । मैं सारी कहानी डॉक्टर साहब को सुनाना चाहता था और उसी शाम मेरे ताकि मृत्यु हो गई । मैं उनके अंतिम संस्कार और फिर सामाजिक कामों में जा रहा हूँ । उस दौरान मुझे कप्तान के बारे में सोचने तक की फुर्सत नहीं । दूसरे दिन और नीचे उतर कराया । उसमें बहुत कम खाना खाया । शराब ज्यादा भी किया । पिताजी की शवयात्रा के पहले की रात को भी उसने बहुत शराब पी थी । डॉक्टर उस रात कई भी दूर किसी स्थान पर मरीज को देखने गए हुए थे । मेरे पिता की मृत्यु के समय डॉक्टर हमारे कस्बे में नहीं है । मैं अपने लॉन्च के दरवाजे पर खडा कुछ सोच रहा था । मुझे एक अंदाज भी लॉन्च की ओर आता दिखाई दिया । तलाठी टिक टिक कराने बढ रहा था । उसकी कमर झुकी हुई थी । उसमें किसी पुराने नाविक का कोर्ट पहन रखा था । मैंने अपने जीवन में कभी इतना टाइम व्यक्ति नहीं देखा था । वो लॉन्च के कुछ दूर हो गया और लडखडाती आवाज में कहने लगा क्या कोई भला मनुष्य मुझे बताएगा कि मैं देश के किस भाग नहीं हैं । मैं गरीब दौरन हाथ में अपने देश के लिए लडते लडते मैंने अपनी दोनों आपके गवा दिए और आज दर दर भटक रहा हूँ । मैंने कहा बाबा तुम बस्ती कालापहाड में हो । बच्चे मुझे तुम्हारी आवाज सुनाई दे रही है । क्या तुम आगे आकर मेरा हाथ थामकर मुझे अपने घर ले चलो । ओके मैंने हाथ बढाया जिसे उसने लगभग कर पकड लिया । पल भर में ही मेरी कलाई पर उसकी पकड मजबूत हो गई । मैंने झटका देकर अपना हाथ छुडाना चाहते तो वो बहुत तगडा निकला । मुझे लगा जिससे मेरा हाथ किसी फलादि शिकंजे में फस गया हूँ । मुझे अपने पास खींचते हुए उसने कहा लडके मुझे ऍम के पास ले चल पडना ही होगा । ये कहते हुए उसने मेरी भाव को हल्का सा झटका दिया और फिर दर्द के बारे मेरी चीख निकल गई हो तो कहने लगा हूँ चलो जब जब मुझे कप्तान के पास नहीं चलो उस बंदे आदमी जैसी क्रूर ठंडी आवाज मैंने पहले कभी नहीं । मैं शोरूम से लेकर कप्तान के पास पहुँच गया । कप्तान में उस समय भी भी रखी थी । नशे में उसकी आखिर चढी हुई थी । उस ने नजर उठाकर उस व्यक्ति को देखा । उसे देखते कप्तान का साबा, नशा हिरन होगा । उसने उठने की कोशिश की लेकिन वो कुछ नहीं सकता हूँ । पूरे अधिकारी नहीं सकता । आवाज में कहा बिल्लो जब जब है चाहूँगा, ठीक है, मुझे दिखाई नहीं देता । पर अगर कही घूमने भी मिलती है तो मुझे उसकी हरकत सुनाई आती है । अपने बायें हाथ को आगे करूँगी । मैंने देखा उसने कप्तान के हाथों में कोई वस्तु दवा दी है । अधिकारी कुछ मेरा हाथ छोड दिया और मैं लॉन्च के बाहर निकल कर सडक पर पहुंच गया । उसकी लाठी की आवाज जंतर दूर होते होते है । कप्तान काफी देखता हूँ । फिर उसने अपनी ही खोली है और उसमें रखे कागज के टुकडे को देखते देखते ही वह चिल्लाया उन लोगों ने मेरे नाम काला रुख का भेज दिया है । खाला ग्रुप का या ने बात का ऍम कुछ पल सोचने के बाद अपने आप से कहने लगाते हैं । दस बजे छह घंटे बाद अभी भी समय ये कहते ही वो एक झटके के साथ खडा हुआ । लेकिन एक का एक उसकी सांस उखडती गई और वो हम से फर्श पर गिर पडा । मैं तत्काल उसकी और दौडा लेकिन तब तक सारा खेल खत्म हो चुका था । कप्तान के प्राण पखेरू हो चुके हैं । मुझे वो आदमी कभी भी अच्छा नहीं लगा । पर आज उसकी हालत देखकर मुझे उस पर दया आ रही थी । उसे फर्श पर मारा हुआ पडा देखकर मेरी आंखों से आंसू बहुत है । अपने छोटे से जीवन में मैंने ये दूसरी मृत्यु देखी थी । अभी तो पहले मृत्यु का दुबई मेरे मन में समाया हुआ था हूँ ।

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प्रस्तुत उपन्यास "रहस्यमय टापू" अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक रॉबर्ट लुईस स्टीवेंसन के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी उपन्यास "ट्रेजर आइलैंड" का हिंदी रूपांतरण है। उपन्यास का नायक जिम जिस प्रकार समुद्र के बीच खजाने की खोज में निकलता है वो इसे और रोमांचक बना देता है। कहानी में जिम एक निर्जन टापू पर खूंखार डाकुओं का सामना करता है और कदम कदम पर कई कठिनाइयों का सामना भी करता है। इस बालक के कारनामों को सुन कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। सुनें रमेश नैयर द्वारा रूपांतरित ये पुस्तक हिंदी में आपके अपने Kuku FM पर। सुनें जो मन चाहे।
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