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यदि वे द्वार एक बार वहाँ से विस्थापित हो जाए तो नदी के जल का प्रवाह सुरंग मेरे अन्दर की तरफ होने लगेगा और कुछ ही पल में सुरंग । अरे चल समाज ही । इसीलिए मैंने कहा था कि यदि शत्रु अंदर आप जाए तब भी चल समाधि बनना निश्चित है, तब था । फिर जब हम लोगों ने उन लोगों को छोड दिया तब प्रवक्ता वो था तो जो प्रकाश के संस् लेशन के कारण पिघल रही थी । जैसे ही प्रकाश का सुरंगा में आना समाप्त हुआ हूँ, वैसे ही पुना हो सकता । हाथों में पुनर्स्थापित हो गई था । उन द्वारों से चिपक गई । तभी तो आपसे कहा था कि प्रभु के आने के दो घडी बात ही इसे छोड देगा । सुरंग व्यवस्था का इतना विश्लेषण सुनने के बाद भुज अंदेश्वर वतन था । दोनों इसमें स्पष्ट पर पहुंचे कि निश्चित ही प्रमुख चीन प्रभु के सर्वश्रेष्ठ सलाहकार वैज्ञानिक क्यों हैं? फिर प्रमुख ने कहा कि आपने अभी आज की सुरक्षा व्यवस्था का एक बार पुनर्निरीक्षण करेंगे, क्या यह उचित होगा? इस बात को सुनकर सभी ने सहमती से हाँ में हा मिलाई । किसी प्रकार चर्चा परिचर्चा में रात व्यतीत हो गई । पॅाल अरुणा श्री आपने सतरंग की रख पर सवार होकर पूर्व दिशा से अवतरित होते हुए दिखाई देने लगे । इधर भगवान भास्कर के दर्शन पे और उधर अंदर से प्रभु बाहर निकले । एक दम स्वस्थ और उर्जावान होकर माँ अभी अंदर ही थी । उनको देखकर सभी में ऊर्जा का प्रवाह हो गया । सभी ने प्रभु के चरणों में प्रणाम किया । प्रभु प्रमुख शी अब क्या किया जाना चाहिए? आप तो जानते ही हैं की पूरी रक्षक सेना जो महल सुरक्षा में आपने महल में नियुक्त की थी अब उसमें से कोई भी नहीं बचा है । हाँ वो विशेष कवर सेना जिससे इस लोग का हर प्राणी पार्ट नहीं पा सकता था वो भी शायद समाप्त हो गई होगी क्योंकि उसको समाप्त किए बिना उस महल में कोई प्रवेश नहीं कर सकता । गौरी अब जब स्वस्थ है तो उनके मातृत्व पूजा अत्यंत बढ गई है । उसके दोनों बच्चे प्रमुख जी काल पर किसी का बस नहीं है । प्रभु आप देखते जाएँ इतना ही रहे थे कि अब तंत्र प्रचंड खानी नदी के उस पार से सुनाई पडेगी । सभी एका एक चौक कर महल की दिशा में देखती लगें । तभी प्रभु जी आगे आए और प्रभु को प्रणाम करके बोले प्रमुख सभी लोग सावधान हो जाएं क्योंकि महल का दौर तोडने में अब सब तो सफल हो गए हैं । प्रभु तो क्या वे अब आप भ्रमण करेंगे? वो इतने शिक्षा आक्रमण नहीं कर पाएंगे । अभी उनको यहाँ आने में समय लगेगा । दंड था परन्तु प्रभु प्रमुख से कह रहे थे कि महल के द्वार के टूटते ही कुछ समय उपरांत पूरा महल समाप्त हो जाएगा । नहीं ऐसा नहीं हो सकता । एक बहुत जोर की आवाज पीछे से आई नहीं, ऐसा नहीं हो सकता । एक बहुत जोर की आवाज पीछे से आई गौरी थी वो गौरी हूँ हूँ मेरे बच्चे कह करना चाहत हो गई महल का नष्ट होना वह कुमारों का पुनर्मिलन माँ के अच्छे होते ही सभी माँ की तरफ दौडे प्रभु गौरी को अपने दोनों हाथों से उठाकर अंदर की ओर चल गई दंड आधार कुछ अंदेश्वर व प्रमुख इनके पीछे पीछे आए । माँ को सुन्दर बिछौने पर लेट आने के बाद प्रभु शयन कक्ष से बाहर आए तो सभी उनकी प्रतीक्षा करते हुए खडे थे । आते ही प्रभु ने सभी को बैठने का संकेत दिया और स्वतः आसन में बैठ गए । सभी एक दूसरे की तरफ देख रहे थे । बाहर तवार टूट चुका था और अंदर माँ अच्छे थी । प्रभु सभी कि मानव स्थिति स्थितियों को समझाते हुए आप सभी क्या विचार कर रहे हैं । आपके विचार से हमें क्या रणनीति अपनानी चाहिए? पर इन सिर्फ प्रमुख दंड था । वह तो चंदेश्वर तीनों ही प्रभु की तरफ देख रहे थे । पहले कौन पूरी इसके लिए भी आपस में एक दूसरे काम देख रहे थे । सामान्यतय व्यक्ति की पहले बोलने की प्रवृति होती है परन्तु यदि विषय गंभीर हो जाए तो फिर वो सबसे बात में बोलना ही कुछ समझता है । यहाँ आप ये भी अर्थ लगा सकते हैं कि यदि सभी एक साथ बोलने की चेष्टा करें तो समझना चाहिए कि विषय सामान्य हैं और यदि आप सही नहीं है तो ज्यादा से ज्यादा आप हंसी के पात्र बनेंगे और कुछ नहीं होगा । परन्तु यदि कोई बोलने को तैयार नहीं है तो आप को समझना चाहिए कि विषय अत्यंत गंभीर है । आपकी एक अदूरदर्शितापूर्ण सलाह पूरे राष्ट्र को भारी पड सकती है । सम्भवता कोई भी प्रथम वक्ता नहीं बनना चाहता था । अंततः परिनीति प्रमुख टिका हूँ । मेरा दोष शमा करें । मैं अपने अंतकरण में आपकी छवि स्थापित करके अपने तन मन बुद्धि से जो सर्वश्रेष्ठ समझ पा रहा हूँ, वही आपसे कहना चाह रहा हूँ । प्रभु आप मेरी छवि इसका प्यार है । चलो ये बात बात में की जाएगी अभी क्या करना चाहिए? पाॅप होगा कुछ नहीं करना है । प्रभु केवल आप यहीं से देखते चाहिए । दंड था देखने से क्या सब तो सब हो जाएगा? ट्रंप जी हाँ मेरा तो यही अनुमान हैं । बस सब मेरे अनुमान से समय आ चुका है । यहाँ से उस तरफ बहल की तरफ देखते रहिए । बाहर सभी निकलकर महल की तरफ देख रहे थे के महल के पूर्व दिशा का भाग भरभरा कर दिया । दूर से देखने पर मिट्टी का बादल जैसा ऊपर उठने लगा । तभी थम कि जोर ताप खानी सुनाई पडेगी । धार धडा हक के साथ कोई बडी वस्तु महल के दिशा से नदी की दिशा की तरफ बढ रही थी । कुछ समझ नहीं आ रहा था । दूर से देखने पर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे अनाज की खेतों में जब कोई पशु तीव्र गति से दौडता है तो एक रेखा जैसी प्रतीत होती है उसी तरह कोई बडी वस्तु पे हूँ । वहाँ पर नस पतियों को रांथी हुई आगे बढती हुई चली आ रही है । किसी को कुछ समझ में नहीं आया । ऐसा प्रतीत हुआ कि महल की एक तरफ से एक अस्त्र का प्रक्षेपण कर दिया गया है । इसके पहले की चारों तरफ हलचल, मस्ती प्रमुख जी आगे आए और बोलें । प्रभु बाहर का पूर्वी भाग टूर करके गया है और एक विशाल गोल अत्यंत जिसको महल निर्माण के समय पूर्वी द्वार के ऊपर स्थापित किया गया था । हमारी ओर नहीं आ रहा है हूँ अपनी ओर नहीं आ रहा है और खास प्रमुख चाहिए क्षमा करें प्रभु अपनी हो रही आ रहा है परन्तु वो अपने लिए नहीं आ रहा है वो नदी में ही गिर जाएगा । किसने के बाद आप स्वतः देखिएगा देखेगा क्या देख तो रहे ही है । इतने ही बडी बात हो पाई थी कि वह विशाल गोला समीप दिखाई पडने लगा और जब तक कोई कुछ समझता वो थरथराता वरना टीमें जाती है । उसका आकार एक विशाल कक्ष से कम नहीं था । इतना विशाल गोलप जो धातु का प्रतीत हो रहा है । जब वह नदी में गिरा तो नदी जिसमें जलस्तर बहुत ज्यादा बढ चुका ना एक आप प्राकृतिक फनी का आभास ऐसा प्रतीत हुआ कि वह बडा गोलक नदी में गिरते ही नदी में समा गया प्रमुख हूँ प्रयोग सफल हो गया । क्या प्रयोग इस गोल्फ में? क्या इतना ही प्रभु कहता है थे की प्रमुख जीने पूना का महाराज यहाँ जो महा जलराशि एकत्रित हुई हैं वह महल को समाप्त कर देगी । इतना कहना मात्र था कि जिस स्थान पर गोला नदी में गिरा था वहाँ से चल नीचे की ओर जाने का संकेत सामने दिखाई पडने लगा । उस स्थान पर बहुत प्रबल भवर दिखने लगे । ऐसा होने लगा की संपूर्ण सादा नहीं रात में तीन कच चल नीचे की तरफ गुरुत्वीय आकर्षण से खींचा चला जा रहा है । सभी एक विशेष आकर्षण के साथ उसको देख रहे थे । चल इतनी तीव्रता के साथ उस स्थान पर समाहित हो रहा था कि उसकी ध्वनि कोसो धूम तक सुनाई पड रही थी । तभी प्रमुख जी ने कहा प्रभु अब ध्यान बहल की तरफ पीछे यात्री सब कुछ पूर्वनियोजित रहा तो आप महल उसमें घुसे हुए शत्रुओं समाप्त होने में समय नहीं लगेगा । सभी महल की तरफ एक तक होकर देखने लगे । बस देखते ही देखते अत्यंत अब विहंगम दृश्य दिखाई पडा । ऐसा प्रतीत हुआ जैसे भूमि के भीतर चल से चलकर होता है, वैसा ही दूर से प्राप्त हुआ । पूरा का पूरा महल जल प्रलय सही हवा में तैरता हुआ दिखाई पडा । ऐसा प्रतीत हुआ जैसे नीचे की तरफ से चल रही है । पूरे बहल को तीन की के समान हवा में उछाल दिया हूँ । नहीं नहीं क्या प्रभु ने का भुज अंदेश्वर ये विशाल गोल तो यहाँ था उसी प्रकार का एक विशाल गोलप सामने हवा में प्रसिद्ध हुआ था मेरा दृष्टिभ्रम है हूँ । हाँ मुझे भी ऐसा ही प्रति पूरा का पूरा महल समाप्त हो चुका था । दूर से देखने पर केवल मात्र पर्वत श्रृंखलाएं दिखाई दे रही थी । सभी के मुख पर प्रसन्ना था नहीं । केवल चार लोग अभी भी चिंतित दिखाई दे रहे थे । वे थे प्रभु माँ गौरी । परिनिर्वाण प्रमुख हुआ भोजन देश चारों की दुखी । वह चिंतित होने का कारण एक ही था । दोनों कुमार परिनीति प्रमुख ने प्रभु से कहा हूँ आपसे एकांत में कुछ कहना चाहता हूँ । हाँ, कहीं अब दोनों आपस में कुछ वार्ता लाभ करने लगे । थोडी देर में प्रभु के मुखमण्डल पर एक विशेष प्रकार की भावना अपनी माँ प्रकट हुई । वो समझ पाना अत्यंत तोड लगता था कि वह सबसे सुख प्राप्त की होती थी या सबसे दुःख की । क्योंकि उसमें अभी ना तो पूर्ण तो अच्छा था । नहीं पोर्न नेता था हाँ, ये मिश्रण इस जीवन का आधार प्रतीत हो रहा था क्योंकि पूरी निराशा न होने का था है । अभी आशा की किरण बाकी है । यही जो निराशा में आशा के किरण होती है वो इस प्रकार की होती है कि जैसे मृत्यु के निकट पहुंच गया । जीवन की राह दिख जाए तो व्यक्ति मृत्यु से भी लडने को उत्साहित हो जाता है । ये विषय अलग है कि आप मृत्यु सही विचार ही होते हैं । याद नहीं अभी सब विचार मतलब थे कि अब क्या किया जाए या ये भी हो सकता है कि प्रभु निर्णय कर चुके हैं कि क्या करना है । तभी एक तक कर्कश ध्वनि सुनाई नहीं । जो पर्वत खानदान वोट नहीं की थी उसके बाद उसके लो लाख की नहीं, अस्पष्ट जुलाई पढ रही थी और अंत में चल में गिर नहीं । वह बडी शिलाओं से टकराने की सोता था । नी इस होनी की थोडी ही तीन बार जलस्तर जो पहले ही घट गया था और अधिक तीव्रता के साथ घट गया । पर इंद्रदीप प्रमुख कब हूँ? जो नदी का अवरोध था वह खुल गया । जलस्तर थोडी ही देर में अपने पूर्व स्तर में आ जाएगा और हम अब नतीजे आसानी से बात करके दंड था । हाँ ये तो ठीक है परंतु शत्रु भी तो अब आसानी से आ सकता है । प्रमुख शत्रुवत समाप्त हो चुका है । अब हमें पूर्ण सतर्कता के साथ वहाँ जाना होगा । ये कहने के बाद उन्होंने प्रभु की तरफ देखा । प्रभु ने भी उन का अनुमोदन किया । इसके बाद प्रभु अंदर शरद की तरफ गए और बाहर तैयारी प्रारंभ हो गयी । डंडधार भोजन नरेश्वर वह प्रमुख जी ने अपनी अपनी व्यवस्थाएं संभालने । कुछ ही समय में पांच हजार से भी अधिक सैन्यबल पूर्ण रूप से सचित था । तब अंदर शदर से प्रभु वक् और बाहर निकले । दोनों योद्धाओं के देश में थे । फिर उन्होंने शस्त्रागार की तरफ प्रस्थान किया । अब जानते थे कि उनको किस प्रकार के अस्त्रों की आवश्यकता थी क्योंकि एक बार उनका सामना हो चुका था तथा भुजंगेशाय वार का भी अनुभव था । उनको जिस प्रकार के अफसरों की आवश्यकता थी वो उन्होंने अब का मुख्य को बतलाई । प्रमुख भी आश्चर्यचकित ऍम किन्तु वह पूर्ण रूप से समझ नहीं पा रहे थे की किस प्रकार से अस्त्र होने चाहिए । अब आपका होना चाहिए अधिक विलंब की आवश्यकता नहीं है । कब होने का दंड था । पूर्ण उत्साह के साथ प्रभु की जय हो, प्रभु की जय हो, सेना द्वारा खर्चना की गई छह हो चाहे हो ठंड था माँ गौरी की जय हो परम ब्रह्म बाकी जय प्रभु ने कहा परम ब्रह्म भक्ति जय । सभी मिलकर जय जयकार करने लगे । सभी ने तीव्रगति से नदी को पार किया । अब उनके पास दिशा का पूर्णज्ञान था । कुछ ही समय में वे महल के खंडहर के समीप पहुंचने डाले थे । महल अब घंटा हर हो चुका था । उसके अवशेष चारों तरफ बिखरे पडे थे । अब सभी चारों दिशाओं में बट गए । पश्चिम दिशा दंडन हाथ में संभाल लें । पूर्व दिशा कुछ जंगेश्वर नहीं । उत्तर दिशा स्वयं प्रभु । वह माने वह दक्षिण दिशा प्रमुख चीजें । चारों तरफ से वे महल की तरफ बढने लगे परन्तु महल तो वहाँ पर था ही नहीं । मात्र अवशेष थी । बलवान चारों तरफ फैला पडा था । धीरे धीरे आगे पडने लगी और कुछ ही समय में वे बहल के केंद्र में थी । जब सब वहाँ मिले तो सभी ने संतुष्टि के साथ शत्रु हूँ समाप्त हो गए । सभी खुश थी । तब प्रभु ने का जब चल प्रलय से सभी समाप्त हो गए हैं तब उनके शब्द तो मिलनी चाहिए । हाँ, यही मैं भी सोच रहा हूँ । सावधान रहिये । कहीं ऐसा ना हो कि महल समाप्त हो गया हो और शत्रु जीवित हूँ प्रमुख हो सकता है । फिर परन्तु के अत्यंत तो मतलब है सभी चारों तरफ ध्यान से विश्लेषण प्रारंभ करते हैं । धीरे धीरे ध्यानपूर्वक देखते देखते दंड आधार को कुछ आश्चर्यचकित दिखाई पडा कि वह बहुत जोर से चिल्ला पडे प्रभाव चीज हूँ चल तो उधर देखिए सभी उसी तरफ बॉलिंग सभी के बैठक है सभी आप प्रमुख अच्छा तभी कोई नहीं मिला ना कोई अच्छे व्रत और ना कोई ब्रेक । अब जानकारी जुटाना अत्यंत दुष्कर कार्य होगा । प्रमुख ही आगे बढकर पोलें हूँ जी एक प्रमुख चीज आप देख रहे हैं सब ये दृश्य सम्भवता पहली बार देख रहे हैं था परन्तु ये क्या और कैसे हो रहा है ये हमें भी क्या नहीं है परन्तु अनुमान लगा रहा हूँ की हूँ अनुमान लगाई गई कुछ तो ज्ञात हो मेरे अनुमान से लगभग सभी समाप्त हो गए हैं परन्तु निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकता हूँ । ये जो आप देख रहे हैं सामने पडा । मृत शरीर अपने आप तीव्र गति से ही वर्धा में मिलता जा रहा है । इस कारण हमें कोई व्रत शादी नहीं हुआ कुमार गौड ही परन्तु ये अपने आप कैसे संभव है? माँ मैं ये पूर्ण विश्वास के साथ कह सकता हूँ । मेरे तो अनुमानों में से एक अवश्य होना चाहिए । जब हम गए इन सभी के पास कोई ऐसा रसायन जिसको वे बढने की स्थिति में खा लेते हैं जिससे बृहत शरीर तीव्र गति से समाप्त हो तो ये ये हो सकता है कि ये रसायन जीवित व्यक्ति मृत शरीर पटाल दें जिससे शरीर ना आप तो कुछ भी हूँ परन्तु जब हमें चिह्वित या ब्रिज
Sound Engineer
Writer