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शौच समय एक बार योगी दो बार भोगी तीन बार रोगी । भावार्थ कभी कहता है कि शौच के लिए चौबीस घंटे में एक बार जाने वाला व्यक्ति योगी के समान स्वस्थ है । दो बार जाने वाला व्यक्ति भोगी यानी ग्रस्ति होने का संकेत है और शौच के लिए तीन बार या इससे अधिक जाने वाला व्यक्ति रोगी है । स्पष्टिकरण शौच के समय के विषय में कभी का कहना है कि जो व्यक्ति चौबीस घंटे में केवल एक बार शौक जाता है, उसकी दिनचर्या एक योगी के समान है । जो दो बार शोर जाता है उसकी दिनचर्या एक सामान्य व्यक्ति अर्धा ग्रस्ति के समान है तथा जो तीन बार शौच के लिए जाता है उसका स्वास्थ्य सामान्य नहीं है । ऐसा व्यक्ति निश्चित ही किसी न किसी उधर रोग से पीडित है । लाभ इस कहावत के माध्यम से ऐसे लोगों को जो दो बार से अधिक शौच के लिए जाते हैं, उसे सचिव किया गया है । दो बार से अधिक शौच की शंका होने पर तुरंत उपचार करना चाहिए । सारा तीन बार या उससे अधिक शौच की इच्छा या शंका होने पर तुरंत योग चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए ।
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