अपने करियर की उड़ान के लिए सोनम पहुंचती है एक नए शहर, नए लोगों के बीच। नंदकिशोर जी का पूरा परिवार सोनम के सरल स्वभाव और मिलनसार व्यवहार को बेहद पसंद करने लगता है। लेकिन नंदकिशोर जी का बेटा डॉ अमित को बिलकुल नहीं पसंद कि कोई अनजान लड़की उनके घर रहे। गुस्सैल और खडूस अमित, सीधी सरल सोनम को परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ता है। ये लड़ाई कब तक चलेगी? क्या दोनों में दोस्ती होगी या सोनम मान लेगी हार? क्या डॉ अमित का दिल गाएगा, तूने मारी एंट्रीया रे दिल में बजी घंटियां रे? जानने के लिए सुनें पूरी कहानी सिर्फ तुम केवल कुकू एफएम परRead More