विषम परिस्थितियों से जूझता हुआ ‘दीपक’ उन सभी बातों को बार-बार याद करता है, जो अब उसके लिए कोई महत्व नहीं रखती, और उन्हीं के चलते उसका दाम्पत्य जीवन बिखर सा जाता है और अपनी पत्नी के प्यार को नजरअंदाज करते हुए अपने आप से नफ़रत करने लगता है।
वक़्त आगे की और बढ़ता जाता है, तथा दीपक के व्यवहार में और भी परिवर्तन आने लगा, वो चाहकर भी अपनी पत्नी को स्वीकार नहीं कर पा रहा था। बेचारा 'दीपक' अंदर से पूरी तरह से टूट चुका था, मानो उसके अँधेरे भरे जीवन का अब कोई अस्तित्व ही नहीं है।
परन्तु अंत में एक ऐसी रात आयी, जो उसके जीवन में एक नया सवेरा कर के चली गयी, और दीपक के जीवन में फिर से खुशहाली छा चुकी थी। सूरज की नयी किरणों के साथ-साथ उसका चेहरा भी खिल उठा था। और अपने दाम्पत्य जीवन को भली भाँति निभाने लगा।
नोट- "दीपक" जो इस कहानी का मुख्य पात्र है, और यह कहानी उसके जीवन पर ही आधारित है।लेखक ने इसमें अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए एक काल्पनिक कहानी का रूप दे दिया है। अतः इस कहानी का सच्चाई से कोई लेना देना नहीं है।
Voiceover Artist : Rahul Singh Rajput
Author : Dharmendra Singh
Script Writer : Dharmendra SinghRead More