शगुन एक नर्स है और लोगों की सेवा करते-करते वह खुद कोरोना पॉजिटिव हो जाती है। ऐसे समय में शगुन के परिवार ने उसका पूरा ख्याल रखा। घर पर सभी एहतियात बरतते हुए शगुन जल्द इस बीमारी से बच जाती है। यह कहानी सिर्फ इतनी हीं नहीं है...इस कहानी में बताया गया है कि एक कोरोना पीड़ित की मानसिक स्थिति क्या होती है...ऐसे समय में ना केवल दवा बल्कि परिवार का मानसिक सहयोग कितना जरूरी है...पास-पड़ोस किस तरह से स्वार्थी हो जाते हैं और कोरोना पीड़ित को एक खौफ के तौर पर समझते हैं, उसे मार देना चाहते हैं। आज के समय में कोरोना महामारी से बचने और कोरोना पीड़ित को किस तरह सहयोग करना चाहिए यह कहानी बताती है। देश का नागरिक और समाज का हिस्सा होने के नाते आपको जरूर यह कहानी सुननी चाहिए।Read More