मुझे कुछ नहीं चाहिए! दिया ने मुँह फेर लिया और चिल्लाने लगी, चले जाओ यहाँ से| मुझे अकेला छोड़ दो| उसने दिया का हाथ पकड़ा और उसे अपनी और खींच लिया | उसके दूसरे हाथ ने दिया की कमर को अपनी गिरफ्त में ले लिया और उसे अपनी छाती से चिपका लिया | दिया ने अपने आप को छुड़ाने की बहुत कोशिश की पर उसकी पकड़ मज़बूत थी | आखिरकार दिया को मजबूर होकर उसकी आँखों में देखना ही पड़ा | उसके चेहरे पर लगे मास्क के पीछे से बस उसकी विशाल और नशीली, दो नीली ऑंखें ही नज़र आ रही थी | उसकी आँखों में न जाने क्या जादू था की उन आँखों ने दिया को सम्मोहित कर दिया | दिया ने झटपटाना छोड़ दिया और चुप चाप बस उसकी आँखों में देखती रही | वे दोनों थोड़ी देर तक बिना कुछ बोले एक दूसरे को बस देखते ही रहे | जब उस आदमी की गर्म सांसें दिया की सांसों से टकराई तो दिया के दिल की धड़कन तेज़ हो गयी | उस इंसान में जाने क्या नशा था की वो दिया को जितना भयभीत करता था उतना ही लुभाता भी था | दिया मंत्र -मुग्ध सी उसके आग़ोश में पड़ी रही | जब उसने देखा की दिया ने आत्मसमर्पण कर दिया है तो उसने दिया को छोड़ दिया | वो मेज़ की तरफ मुड़ा और जूस का गिलास उठा लिया | पी लो, उसने गिलास दिया की ओर बढ़ाया |
Voiceover Artist : Rj ARV
Author : S AnandRead More