फौजी सूरज ने एक गरीब घर की लड़की सपना को अपना हमसफर चुना। इस बात से क्रोधित होकर ठाकुर जनरैल सिंह ने अपने बेटे को घर से निकाल दिया और सपना को बहू के रूप में स्वीकार नहीं करते हैं। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। सूरज शहीद हो जाता है और जब यह बात जनरैल सिंह को मालूम पड़ती है तो वे पूरी तरह से टूट जाते हैं। अब सपना के जीवन का क्या होगा? क्या जनरैल सिंह सपना को अपने घर की बहू स्वीकार करेंगे? सुनें पूरी कहानी।Read More