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हूँ । रिया को एक और से बात किसीसे । ममता भरा प्यार मिला था तो वो अजय की माँ से मिला था । पर रिया की बीमारी वक्त के साथ साथ कहाँ तक बनती जा रही थी । ट्रेन में ही उसके नाक से खून बहना चालू हो गया था । ये देख रिया को मौत उसका इंतजार करते हुए महसूस । इसलिए रिया ने बुर्खा पहनना मुनासिब हो इसलिए रिया ने बुर्खा पहनना मुनासिब होगा । ये सोच कर अपने अंदर की बेटी को उसने भावना की जंजीरों से बांध दिया । उसकी आंखों में भी आंसू थे । माँ की नजरिया पर पडी । उन्होंने अजय की तरफ देखा माँ का मन पढते हुए अजय बुला माॅस् खान है हमारे पब्लिकेशन कि कोई डॉक्टर है । यहाँ म्यूजियम की मुलाकात लेने आई हैं तो हमारे साथ कुछ दिन रहेंगे । मैंने मुस्कुराकर रिया की तरफ देखा । प्रिया ने भी एक हाथ उठाकर अंडा क्या? माँ बोली कैसे हो? बेटा ठीक हूँ । रिया की जी फिसल गई । उसने तुरंत का अंतिम माने हैरानी से रिया की तरफ देखा । अजय ने दिया के हाथ में कि कब बॉक्सिंग कर कहा चलो मम्मी ऍम हाँ । अजय ने दिया के हाथ से बॉक्स लिया और माँ को डाइनिंग हॉल में ले गया । वहाँ तीनों ने माँ का जन्मदिन मनाया । माने के काटा और अजय को खिला रहा और अजय ने पैदा हुए और खिलाया । रिया ये देख मुस्कुरा रही थी कि अचानक गर्म गर्म भी उसकी नाक से बहुत और उसके वोटों पर आने लगा । रिया समझ गए कि ये खून है । उसने तुरंत जैसे कहा वाॅश अच्छे से मौसम का रास्ता बताया । रिया तुरंत दौड कर रोशन की तरफ गई । असल में वो राधिका का ही रूम था जिससे बाथरूम जुडा हुआ था । रिया बातों में घुसी और डोर लॉक किया और आईने के सामने खडी रह गई । उसने बुर्खा हटाया । नाक से नीचे का पूरा हिस्सा खून से लगभग था । रिया का चेहरा डर के मारे सफेद हो गया था । पूरे चेहरे पर भाई की बूंदी थी । वो तुरंत बेसन का नल चालू कर के मुंह साफ करने लगी । डर के कारण पूरी कम रही थी । जल्दबाजी में इसमें पूरी बेसन खून से भरती । उनको देखकर रिया का दिमाग बेर मार गया था । उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था । बीस दिन पर के खून को हाथ से ही साफ करने लगी । उसे व्यवस्था में खुद को पाकर रोना आ रहा था पर वो रो भी नहीं पा रही थी । उसने सब कुछ साफ किया । उसने अपने हाथों को देखा । उस पर खून लगा हुआ था । वो कुछ पल तक निःशब्द होकर अपने हाथों को देखती रही । उसे घूमना रही थी । उस स्कूल को देखकर उसमें तुरंत अपना हाथ हुए या फिर उसने अपने चेहरे पर बार बार पानी डाला । वो चेहरे पर काफी वक्त तक पानी डालती रही । जब तक की वह पूरी तरह स्वस्थ ना हूँ । वही बेसन के पास बैठ गई और फूट फूटकर होने लगी । रियल हाथों से बाहर आई । उसने बुर्खा पहन लिया था । उसने देखा की माँ सामने खडी थी । वो एक नजर से रिया को देखे जा रही थी । रिया को लगा की बातों में जो उन्हें सब पता तो नहीं चल गया । उसके चेहरे पर डर के भाव नहीं । वो डरते हुए बोली अन्य आपको कुछ चाहिए क्या माने कोई उत्तर नहीं दिया । वो आगे बढे हो । रिया के पास आई और गले लगकर बोली मेरी बेटी चाहिए दिया । ये सुनकर या एक दम चौंक गई । पर अगले ही पल इसमें माँ को कसकर गले लगा लिया और फूट फूटकर रोने लगी । यही हाल माँ का भी था । दोनों कुछ फल गले लगे रहे फिर अलग हूँ । मान एरिया के चेहरे से बुर्खा आता है और अपनी रिया को देख कर वो मुस्कुराई । रियाती ये देख मुस्कुराई उसने मां के आंसू पूछे और का आपको कैसे पता चला माने मुस्कुराकर का तुम्हारे हाथ में पहनी घडी ने बताया जब मुझे पहली बार मिली थी तब भी तुम ने यही मेंस वाज पहनी थी । दुनिया में हर लडकी मैन स्पॉट नहीं पहनती है और जब तुमने माँ कहाँ तुम मेरा शक यकीन में बदल गया कि तू ही मेरी दिया है । रिया केवल मुस्कुराई पर अगले ही पल माने धीरे से चाटा भी लगा दिया तो प्रिया ने अपने गानों पर हाथ रखकर डरते हुए देखा । माँ बोली अपनी माँ से भी पर्दा रखेगी । मुझसे मिलना नहीं चाहती थी तो नहीं मां ऐसी बात नहीं है । राधिका हम सबको छोड कर चली गई । अब तो भी अपनी माँ को छोड कर जाना चाहती हूँ । माफी आंख में फिर से आंसू आ गया । ये देख रिया ने माँ को गले लगाया और माँ का सर चूमा और बोली मैं आपको कहीं छोड कर नहीं जाउंगी । मैं हमेशा आपके पास होंगे । दोनों अलग हुए । रिया ने शहरों से माकुर होने से मना किया और उनके आंसू पूछे । माँ बोली पर तू जैसे कैसे कहाँ मिली और ये ऍफ करके आए । रिया के चेहरे पर गंभीरता दिखने लगी । उसने माँ को सब कुछ बता दिया । अजय का ठीक होना भी मैं ये सब सुनकर स्तब्ध रह गई । बहुत दुखी हो गई वो अजय की इस हालत में भी उसके साथ नहीं थी । पर वह खुश भी हो गई थी कि अजब ठीक हो चुका था । अब रिया कहीं नहीं जाएगी, उसके साथ रहेगी । उसे फिर से अपनी बेटी मिल जाएगी । उन्होंने एरिया से कहा तुझे अजय को सब कुछ बता देना चाहिए । बेटी की तू कौन है तो शायद वो फिर से जीने लगे । नहीं मां क्यों बेटा हाँ वो मेरा वाला जो नहीं है वो पूरा बदल गया है । माँ मोहब्बत उसके लिए हराम है । मेरा जूस की नफरत में कहीं चिकित्सा गया है । मुझे पहले अजय को पहले वाला हस्ता खेलता जब बनाना है वहाँ पर मेरे सारे प्रयास फेल हो रहे हैं । उसकी नफरत मोहब्बत के प्रति कई गुना ज्यादा है । माने ये सुन कहाँ? एक तरकीब जिससे अजय को पहले जैसा बनाया जा सकता है । रिया ने माँ के सामने आशा भरी नजरों से देखा । अगली सुबह जब अजय अपने कमरे से बाहर आया तो उसने देखा कि डाइनिंग टेबल पर रिया और उसकी माँ ब्रेड फस कर रहे थे । अजय डाइनिंग टेबल के पास गया और चेयर पर बैठा । मारिया के मना करने पर भी उसको खाना पर उस रही थी । अजय अपनी प्लेट ली और कहा हाँ नाश्ता दो सामने तो रखा हुआ ले ले अपने हाथों से तो बच्चा थोडी रहा । महान एरिया के सामने देखकर का तू ले बेटा ये पापडी काम बहुत अच्छे बने हैं । अच्छे कोई देखकर अंदर ही अंदर जलन महसूस हुई । मेरी है तो इसपर ज्यादा प्यार क्यों बता रही है? अजय एरिया के सामने देखकर का हूँ । पता नहीं की ये बेसन के बंदे तो ज्यादा मत खाना वना खानसामा खराब हो जाएगा । रिया नहीं आॅडी अपनी जगह पर वापस रखती है । ये भी एक माँ को भी ऐसी आई । उन्होंने अजय की कंधे पर मारा और बोली क्यों ऍसे रहना भी तुम खाओ, कुछ नहीं होता । अच्छा एरिया के सामने देखकर कहूँ मैंने म्यूजियम की मैंने जैसे बात कर ली है । उन्होंने ऍफ और वीडियो शूट की परमिशन दे दिया तो आप अपना कामकाज आज खत्म कर लीजिए । शाम की ट्रेन से हम दिल्ली के लिए निकल जाएंगे । मैंने कहा अरे अभी तो आया हूँ इतनी जल्दी अपनी माँ को छोडकर जाने का इरादा मैं काम बहुत है तो माॅल मैं तुमसे ज्यादा कुछ भी इंपॉर्टेंट नहीं है । पर तुमने तो सिखाया कर्म सबसे पहले फिर परिवार हाँ पर कुछ दिन तो रुक जा । फिर पता नहीं कि तुझे देखता हूँ या नहीं । कहीं ऊपर वाले का बुलावा आ गया तो अपने बच्चे के साथ वक्त नहीं गुजार पाई । ये इच्छा अधूरी रह जाएगी । अजय तुरंत बोला माँ ये मरने की बात नहीं कर मैं कहीं नहीं जा रहा । बस मैं हमेशा तेरे साथ रहूंगा । पर प्लीज ऐसी बात ना करना । अजय पूरी तरह काम रहा था । कहते वक्त वो छोटे बच्चे की तरह डर गया था । अजय का ये बर्ताव देख रिया भी सहम गई । अजय ठहर गया । परमात्मा जैसे ज्यादा वक्त रिया के साथ गुजारती थी । अजय ने ये महसूस किया की माँ रहना में राधिका की कमी को पूरा कर रही थी । मां पहले से ज्यादा खुश रहने लगी थी । अजय ने भी अपना हुलिया बदल दिया । वो फिर से क्लीन शिफ्ट हो गया । वह खुश रहने लगा था । एक दिन मान्य जैसे कहा रिहाना आपकी अच्छी लडकियां भोली । संस्कारी परिवार को संभालने वाली और ऊपर से सुंदर । फिर क्या ऊँ आजकल ऐसी लडकियाँ कहाँ मिलती है? मम्मी बाहर निकलो ऐसी हजारों लडकिया है । पर अगर हम उनके नजरिये से उन्हें देखें तो बाहर काफी सुंदर, सुशील, संस्कारी लडके आपको मिल जाएंगे । हाँ पर मैं कैदियों की तू अपनी लेंस क्यों नहीं बदल लेता है? क्यों इसमें ये खराब है? तो इतनी सुन्दर लडकी सामने हैं तो भी तो नहीं चल रहा है क्या माँ तुम भी अरे मुझे तो ये बहु के रूप में चलेगी । आप ने शादी कर लेती हूँ मैं भी आजकल ऍम चल बदमाश भी कोई अपनी माँ से ऐसी बात करते हैं । मैं तो ये कह रही हूँ की अगर तुझे कोई लडकी पसंद करनी हो तो रिहाना जैसी लडकी पसंद करना । एक बार उसे उस नजर से देखने की कोशिश तो कर अजय दूर खडी रहना को अपने बाल साफ करते हुए निहारने लगा । उसकी आंख है उसकी टमाटर जैसे गाल पंखुडी जैसे पतले हो । इन सबको देखकर उसका दिल जोरों से नाटक नहीं लगा । पता नहीं क्यूँ जब भी वो रिहाना को कुछ पल के लिए देखता तो सबसे पहले उसका दिल पागल होता । तारीख उन्नीस मई दो हजार उन्नीस दिन मंगलवार जगह अजय के दोस्त का घर अध्यपकों रात के साढे ग्यारह बजे के करीब उसकी मॉम का कॉल आया कि वो रिहाना और माँ को नीरव के घर से पिक करले । नीरव की गरज की मम्मी कि बौद्ध पार्टी थी । अजय अपनी कार लेके नीरव के घर पहुंचा । पूरा घर सजाया हुआ था । लाइट, बलून, पट्टियां वगैरह सब कुछ लगाया गया था । अच्छा घर के अंदर जैसे ही घुसा की सब लाना पडेगा । हाँ बहुत दिया जाए । अच्छे एकदम से चौंक गया । उसे एकाएक याद आया कि कल उसका जन्म देने दो साल से वो अपना जन्मदिन नहीं सेलिब्रेट कर रहा था । जिसके कारण वो आज भी अपना बन्दे भूल गया था । सब के सब आए हुए थे । जिग्नेश पिया, निधि राज और कई सारे लोग आए हुए थे । मान अजय को गले लगाया और उसे बौद्ध देवेश । क्या सब लोग अजय को जन्मदिन की बधाइयां दे रहे थे । अजय ने माँ से कहा आपने ये सारी तैयारी में नाक के नीचे कब की और तो मुझे पता था नहीं चलने दिया । थैंक्यू माँ । यह तैयारियाँ मैंने नहीं किया जो तो किसने की । उस पागल ने माने दूर खडी दिया की तरफ इशारा कर के कहा । ये सारी तैयारियाँ उसी ने किया । देर रात तक जाती रही थी जिससे प्राइस देने के लिए अच्छा एरिया की तरफ देखा । उसने आज रेट पार्टी ड्रेस पहना था । वो दूर खडे अजय को देख मुस्कुरा रही थी और उसे देख शर्मा भी रही थी । अजय के पास आया रिया ने अपने गुलाबी होटल से कहा हाथ पति यहाँ सुनकर उसे अहमद पर आज साहब की नज्म की कुछ पंक्तियां याद आ गयी । सुना है लोगों से आंख भर के देखते हैं तो इसके शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं । अगर वह बोले तो बातों से फूल झडते हैं । अगर ये बात है तो चलो बात करके देखते हैं । अच्छा बोल नहीं जा रहा था की माँ वहाँ गई और उसे केक काटने के लिए गई । अजय केक काटा और सपने सेलिब्रेट किया । कुछ लोग डांस कर रहे थे पर अजय की नजर रिहाना को ढूंढ रहे थे । तभी उसने कोने पर रिहाना को किसी लडकी से बात करते देखा । अजय रहना के पास आया । दूसरी लडकी निधि थी । अजय के आते ही दोनों ने बात करना बंद कर दिया । निधि नहीं जैसे कहा हाफिज दिया जाएगा ऍम क्या मैं अकेले में तुम्हारी दोस्त से बात कर सकता हूँ? निधि रिया की तरफ देखकर मुस्कुराई और अधिक की तरफ देख कर कहा ऍम उसने एक और बढिया की तरफ देखा और आंख मारी रिया ने गुस्से से उसे वहां से जाने को इशारा किया । निधि चली गई । अच्छा एरिया के पास वाले सोफे पर बैठ और मुस्कुराते हुए बोला टाइम क्यूँ! तो मैं कैसे पता चला कि आज मेरा जन्मदिन सोशल मीडिया के जमाने में सवाल नहीं पूछते हैं । पर ये सब करने की जरूरत क्या थी? अरे वाह! जिसके चेहरे से आज खुशी का पकडी है । वह कह रहा है ये सब करने की जरूरत क्या थी? वैसे भी तुम्हारा बद्दी बनाने का मेरे अकेले का प्लान नहीं था । मतलब रियाना की तरफ एक पल के लिए देखा और शुष्क मुस्कुराहट के साथ कहा लगता है तुमने अपने मेहमानों का चेहरा बराबर से नहीं देखा है ना । क्या रिया ने आंखों से इशारा करके सब की तरफ देखने को कहा? अच्छा सारे मेहमानों की तरफ देखा । उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था । बोरिया से पूछने वाला था कि उसके दिमाग की बत्ती जला । वो सूफी से उठकर सबको देखने लगा । दिया भी उठकर अजय के पास आई । अजय ने सवालिया नजरों से रिया की तरफ देखा । वो बोल नहीं जा रहा था कि रिया बोली हाँ तुम सही सोच है । ये वही लोग हैं जिनकी लव स्टोरीज को पूरा करने में तुमने मदद की थी । अच्छा सबको देखने लगा । वो पार्टी में चलने लगा । हर एक कपल के चेहरे पर खुशियां ही खुशियां थी । हर कोई अजय से मिलकर उन्हें बौद्ध विश कर रहे थे । रिया ने फिर से कहा यही लोग तुम्हारा जन्मदिन मनाना चाहते थे । कुल मिलाकर निन्यानवे जोडे को तुम ने मिलवाया है । उन की प्रेम कहानी पूरी की है । यहां केवल जोडे हैं इसलिए हमें नीरव का बंगलो लेना पडा । अजय सभी को देख रहा था । उसके चेहरे पर अजीब सी मुस्कान थी । शायद गर्व की । कभी किसी ने हाथों ने पीछे से उसकी पैंट को खींचा । खर्चने घूम कर देखा तो एक छोटा सा साथियां आठ साल का बच्चा उसे बुला रहा था । वो मासूम बोला क्या आप इयाॅन अधिक जवाब देने से पहले उसके सामने घुटनों के बल बैठ गया जिससे उस मासूम को ऊपर सर करके बात नहीं करनी पडे । अजय ने कहा था आज मेरा जन्मदिन है फॅस अच्छा । कुछ बोल नहीं जा रहा था कि दिया भी । घुटनों के बल बैठकर बोली हाँ । अजय ने दिया की तरफ देखा तभी वो मासूम बोला मुद्दे भी आपकी मदद चाहिए । अजय ने कहा आपको और मेरी मदद जी मेरी फॅमिली लडकी है । मुझे बहुत पसंद है । खासकर उसके बडे बडे गायब एक बाइट करने का मन करता है । पर वह बहुत बहुत आती है । हम ऍम घूमती है । सारी लडकियों को यही दिक्कत है । पापा तो यही कहते हैं क्या आप मेरी मदद कर लेंगे? अच्छा और ऍम मुस्कुरा रहे थे । अजय नहीं कहा आप कौन सी क्लास में पढते हैं? फॅमिली में अजय को हंसी आ रही थी । उसने दबी ऐसी के साथ रिया को देखा । वो नस रही थी कॅश मासूम से कहा आप भी बहुत छोटे हैं तो क्या ख्याल कल नहीं की कोई उम्र नहीं होती है । अरे ये सुनकर रिया कि मुझे ये शब्द निकल गया । अजय भी हस पडा और बोला या आपने कहाँ से सुना? लिटिल रोमियो । उस मासूम को भी ये पता नहीं था कि उसने ये कहाँ सुना । वह सर खुजाने लगा । जिस तरह मधुमक्खी के छत्ते में शहरभर जाने पर वो छत्तीस शहद टपकता है, उसी तरह मासूम के चेहरे से मासूम अच्छे लग रहे थे । उस मासूम को जवाब नहीं सूझ रहा था । वो मासूम बोला कई सुनाता पर या नहीं डाला कोई बात नहीं । लेकिन रोमियो मम्मी कहती है कि आप सभी प्याल करने वाले की मदद करते हैं तो मेरी भी कर लेंगे ना? रिया ने कहा जी बिल्कुल ये आपकी मदद करेंगे वो मासूम । ये सुनकर उसी जगह खुशी से उछल पडा । अच्छी ने मुस्कुराते हुए कहा प्यार करने के लिए बहुत बडा दल चाहिए क्योंकि प्यार इतना बडा होता है । अजय ने अपनी बाहों को खोला और अभी आपका दिल बहुत ही छोटा तो प्यार उसमें फिट नहीं होगा तो आपको अपने दिल के बडे होने का इंतजार करना पडेगा और इंतजार मोहब्बत को बेहतर बनाती है । आखिरी वाक्य मासूम के सर पे से चला गया पर रिया को वही पुराने वाले अजय की झलक देखी । उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गई । तभी पीछे से किसी ने अजय का नाम पुकारा । दोनों ने आवाज की दिशा की तरफ देखा । एक दंपत्ति उनके पास आये और महिला ने उस मासूम को गले लगा लिया और फिर बोली और जो बिता आपको कितनी बार कहा है कि भीड भाड वाली जगहों पर मम्मी का हाथ पकडकर चले । आपको पता है मम्मा कितना डर गई थी । सोलह में उस छोटी और जने अपने छोटे हाथों से अपनी छोटी कानों को पकडा । पर सबसे ज्यादा शौक बडी अजय को लगा था । उस मासूम का नाम जान कर वो संपत्ति को जानता था । मुझे की ग्यारहवीं कक्षा के इतिहास की शिक्षिका तानिया बैठी थी और वो पुरुष हिंदी की उसके शिक्षक बिना करते हैं । दोनों एक ही स्कूल में पढाते थे । समय के साथ साथ दोनों के बीच प्यार पनपने लगा था और तानिया मैडम डिवोर्सी थी । वही समाज के कुछ बंधनों की वजह से उनकी मोहब्बत समाज के आंखों में खलने लगे और उनके प्यार में समस्या आने लगी और एक वक्त ऐसा आया कि उनका प्यार खत्म होने की कगार पर था । तभी अजय ने उन की प्रेम कहानी को पूरा करने में मदद की और उनका विवाह करवाया । ये अजय की जिंदगी का सबसे पहला केस था । अजिन इस मासूम की तरफ देखा जिसका नाम उसके नाम पर दिया गया था । को बोला ऍम क्या इसका नाम तान्या अजय के सवाल को समझ गए और अजय की बात करते हुए बोली हाँ, जिसका नाम तुम्हारे नाम पर रखा गया, हमारी खुशहाल जिंदगी का कारण तुम तो अगर उसको तुमने हमारी मदद ना की होती तो शायद हमारी मोहब्बत कभी पूरी नहीं होती । पर तुमने हमारा उस वक्त साथ दिया जब पूरी दुनिया और समाज हमारी मोहब्बत के खिलाफ हैं । इसलिए हमारे मोहब्बत की निशानी का नाम तुम्हारे नाम पर रखा ताकि तुम हमेशा हमारी जिंदगी का हिस्सा बन के रह हूँ । अच्छे सोच में पड गया कि उसकी छोटी सी मदद किसी की जिंदगी पर ऐसा प्रभाव डाल सकती है । उसने कहा, मैंने कोई बडा काम नहीं किया था । मजाक की आंखों में मुझे सच्ची मोहब्बत की और मैंने अपने हिस्से का रोल अदा किया और कुछ खास नहीं । बिना सर बोले हैं ये तो हमारा बडप्पन है । असल में तुम्हारी मदद ने कई जिंदगियों को रहा दिखाई तुम्हें हम लोगों को वो खुशियाँ दी है जो या तो ऊपर वाला दे सकता था या तो उसका कोई फरिश्ता और तुम हमारे फरिश्ते हो । तुम जितना मोहब्बत को समझते हो शायद ही कोई समझ सकता है । खडे आपको मुझे चने के झाड पर चला रहे है सर मैं कोई फरिश्ता नहीं हूँ । मैं वहाँ से कम इंसान हूँ । ये तो कोई भी आपकी मदद कर सकता था । ये तुम्हारी गलत काम किया जाए तो जो मदद करते हो वैसी मदद कोई नहीं कर सकता । मेरी तुमसे बस एक ही गुजारिश है कि ऐसे ही सब की मदद करते रहना । उनके प्यार को पूरा करने की कोशिश करते रहना क्योंकि तो उनके लिए वह चुनाव हो जो उनके मोहब्बत की ख्वाहिशों को पूरा करता है । युवा रख के ऊपर अजय केवल मुस्कुरा दिया । उस छोटे अजय फिर से अजय का जाकर पकडकर खींचा । अजय ने उसकी तरफ देखा और अपने घुटनों के बल बैठते हुए कहा ऍम वो मासूम बजे के करीब आया और उसने अजय के गाल पर एक छोटी सी किसी दे दी । अजय को राधिका के आखिरी वक्त के समय पर जो गाल को चूमा था वो यहाँ आ गया । उसने आज दूसरी बार अपने गालों को साफ नहीं किया । अजय को अलविदा कहकर को दंपत्ति अपने मासूम को लेकर चले गए । अजय नहीं जाते हुए देखता रहा । अजय महसूस किया की उसके अंदर कुछ निकल रहा है शायद ।
Writer
Sound Engineer