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आज सुन रहे हैं कुछ पॅन आरजे माय के साथ सुनी जमीन चाहे जिम्मेदारी किसकी लेखक बाली स्तर सी गुज्जर स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत जिम्मेदारी किसकी एक कदम स्वच्छता की ओर हमें इस पर विश्वास करना ही होगा कि जहां स्वच्छता होती है वहां देवता भी वास करते हैं । स्वच्छता का नाम सुनते ही हमारे सामने ऐसा माहौल उपस् थित हो जाता है जहाँ चार और खुशहाली भरा जीवन हो । स्वच्छता एक मायने में जहाँ होती है वो जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं होती है । स्वच्छ जगह पर निवास करने वाले लोगों का जीवन भी स्वर्ग के समान हस्ता खेलता हुआ होता है । हम भी अक्सर नरक और स्वर्ग की व्याख्या स्वयं अपनी ही विमान से करते हुए नजर आते हैं कि जहाँ गंदा माहौल होता है उसकी तुलना हम नरक से करते हैं और जहाँ स्वच्छ माहौल होता है वहां हम उस जगह को तुरंत ही स्वर्ग कहकर सम्मानित किया करते हैं । और वैसे भी हो भी क्यों ना जहाँ स्वच्छ वातावरण होता है वहां स्वच्छ माहौल तो वो नहीं हैं । इसमें कोई संदेह नहीं है कि जहां स्वच्छता पाई जाती है वहाँ पर निवास करने वाले प्राणियों का जीवन स्वस्थ पाया जाता है । वैज्ञानिक दृष्टि से अगर हम देखिए तो ज्यादातर बीमारियाँ तो स्वच्छता के अभाव में ही फैलती हैं । यानि की हमारे आस पास उपस् थित माहौली हमारे स्वस्थ जीवन का आधार हैं । यदि हमारे चार और का वातावरण गन्ना है तो हमारे स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव जरूर ही कहीं न कहीं दिखाई देगा । एक और जहां स्वच्छता हमारी जिंदगी को स्वच्छ बनाती हैं, वहीं दूसरी और हमारे देश की गरिमा को भी गौरवान्वित करती है । अगर हम इस बात को अपने ऊपर ही लेकर समझे तो हम पाएंगे कि यदि हम किसी भी देश में कहीं घूमने के उद्देश्य से जाते हैं और अगर वहाँ पर साफ सफाई हमें दिखाई देती है तो हम यही कहते हैं । तो ये देश वास्तव में ही अच्छा है । ये एक वास्तविक हकीकत ही है कि जहाँ भी साफ सफाई होती है वहाँ पर सुंदरता तो स्वतः ही उत्पन्न हो जाती हैं । अगर हम भारत देश की ही बात करें तो जो जगह साफ सुथरी होती है तो वहाँ पर एक अलग ही माहौल हमें दिखाई देता है । यदि किसी रेलवे स्टेशन पर गंदगी है तो हम यही कहते हैं कि ये स्टेशन बहुत ही बनना है । फिर वो स्टेशन किसी राजधानी का ही क्यों न हो । इसके विपरीत यदि किसी छोटी सी । सी । टी । का रेलवे स्टेशन स्वच्छ है तो हम उसकी जमकर तारीफ करते हैं । यानी कि अगर किसी छोटे से गांव कस्बे में सात सफाई होती हैं तो वह जगह अपनी सुंदरता के कारण हर किसी को अपनी और आकर्षित कर ही लेती है । विदेशी जगहों से आने वाले पर्यटकों की संख्या यही दर जाती है कि जहाँ वह जाते हैं वो तो सिर्फ उस जगह के अच्छे माहौल के कारण ये जाते हैं । भारत देश में जो विदेशी पर्यटक घूमने के उद्देश्य से आते हैं वो तो सबसे पहले हमारे भारत देश में स्वच्छता का माहौल देखते हैं । यदि हमारे देश में हर तरफ साफ सफाई है तो विदेशी लोग अपने देश में जाकर भारत की जरूरी सराहना करते हैं । इसीलिए यही कहा जा सकता है कि किसी देश की सुंदरता उस देश के स्वच्छ माहौल पर ही निर्भर करती है । आज कुछ कुछ जगहों पर हम देखते हैं कि इतनी गंदगी होती है कि वहाँ पर इंसान तो क्या जानवर भी जाने से कतराते हैं । हकीकत तो यही है कि हम लोगों के कारण ही कोई भी जगह स्वर बन जाती है और कोई भी जगह नर्क बन जाती हैं । आजकल तो ये आम बात हो गई है कि हम लोगों की चलती फिरती सडकों पर कोई भी चीज किसी भी जगह फेंक देते हैं । इसका परिणाम यही होता है कि हमें देखकर अन्य लोग भी ऐसा करने लगते हैं । फिर धीरे धीरे गंदगी का ढेर इकट्ठा होने लग जाता है और इस कारण हर जगह दोषी माहौल उभर आता है । उसके बाद कई बीमारियाँ आने को ये ठहरी अभी हाल ही में वर्ष में स्वच्छ भारत के उद्देश्य से भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ही द्वारा शुरू किया गया कार्यक्रम स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत यही दर्शाता है कि हमारे देश में स्वच्छता का माहौल तब तक नहीं बन सकता है जब तक हम जागरूक नहीं होंगे । भारतीय होने के नाते भारत देश को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी हम सभी नागरिकों की होनी चाहिए, फिर चाहे हम अमीर हो या गरीब । क्योंकि स्वच्छता अस्वस्थता एक तरफ जहां गरीब लोगों के लिए जरूरी है तो उतनी ही इसकी जरूरत एक आमिर इंसान को भी होती है । इसलिए स्वच्छता के लिहाज से हमें अपनी जाति, वर्ग, समुदाय को बीच में नहीं लाना चाहिए कि हम बडे हैं या छोटे हैं । ये तो हर किसी का कर्तव्य है कि अगर हम स्वस्थ रहना चाहते हैं तो स्वच्छता को प्राथमिकता हमें देनी ही पडेगी तभी हमारे देश का और हमारा स्वास्थ्य ठीक रह सकेगा । इसमें कोई संदेह नहीं है कि जो देश स्वच्छ होगा वह जिम्मेदार नागरिकों का देश होगा । इसीलिए अगर हम अपने देश को सुन्दर, स्वच्छ तथा स्वस्थ बनाना चाहते हैं तो हम सबको स्वच्छता को प्राथमिकता देनी ही होगी । स्वच्छता और राजनीति अभी हाल ही में वर्ष में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा स्वच्छ भारत के उद्देश्य से शुरू किया गया अभियान स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत बडा ही सराहनीय कार्य माना गया । ये निश्चित है की ऐसे कार्यक्रम यदि भारत देश में पहले से तय किए जाते तो इसमें कोई संदेह नहीं था कि अभी तक तो भारत का नारा पूरे विश्व भर में गूंजने लगता है । ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय विरासत की एक अलग ही पहचान संपूर्ण विश्व भर में एक अनूठे ढंग से रही है । इसकी सबसे बडी वजह यही है कि भारत ने सारे संसार को शिक्षा का पाठ पढाया और इस तरह संसार के लोगों को जीवन जीने की प्रेरणा भी दी । कहते हैं कि समय के साथ साथ हर चीज बदल जाती है किन्तु फर्क वहाँ पडता है जब हम समय के बदलाव में अपनी जिम्मेदारियों को भूल जाती हूँ । यह कडवी हकीकत ही मानी जानी चाहिए कि जब हम अपने आवश्यकताओं को लगातार बढाते जाते हैं उतनी ही हमारी कई जिम्मेदारियाँ भी बढ जाती है । यदि हम समय के बदलाव की लहर में अपनी जिम्मेदारियों को ठीक ढंग से निभाते जाएँ तो वहाँ बदलाव का होना उचित माना जाएगा और यदि इसके विपरीत ये समय के बदलाव में अपनी जिम्मेदारी से कहीं भटक जाए तो निश्चित ही वहाँ बदलाव को उचित नहीं ठहराया जा सकता है । स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत कार्यक्रम भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू करने का शायद यही कारण रहा होगा कि भारतीय जनता की जितनी आवश्यकताएं लगातार बढ रही है उस हिसाब से जिम्मेदारी बढ नहीं रही है । यदि भारतीय जनता अपनी आवश्यकता के अनुसार अपनी जिम्मेदारियों को निभाती तो आज प्रधानमंत्री को भारतीय जनता को जागरूक करने के हिसाब से स्वच्छ भारत नामक कार्यक्रम नहीं चलाना पडता । आखिर में स्वच्छ भारत के उद्देश्य से जब कार्यक्रम प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया है, उसे हम एक जिम्मेदार प्रधानमंत्री का कर्तव्य ही मानेंगे । ऐसा इसलिए है क्योंकि आज तक किसी भी राजनेता या मंत्री ने भारत देश की छोटी छोटी बातों पर इतना गौर नहीं किया जितना कि तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है । आज ही यदि स्वच्छ भारत के उद्देश्य से जब कार्यक्रम चलाया जा रहा है और यदि उस पर किसी राजनीतिज्ञ द्वारा कोई राजनीतिक की जाए तो वहाँ राजनीति को उचित नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि जब बार देश हित की आती हो तो वहाँ की जाने वाली राजनीति को देश के विकास में अवरोध पैदा करने वाली राजनीति ही मानी जाएगी । एक मानवीय सोच से तो यही कहना उचित होगा कि स्वच्छ भारत अभियान के नाम से जिस कार्यक्रम भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा शुरू किया गया है, उसमें हमें प्रधानमंत्री का साथ देना ही चाहिए । भारत के हर एक नागरिक को और हर एक राजनीतिज्ञ को क्योंकि ये देश अकेले प्रधानमंत्री का नहीं है बल्कि ये देश हर भारतीय नागरिक और हर एक भारतीय राजनेता का भी देश है । इसीलिए हम सभी को भेदभाव की बिना अपने देश को स्वच्छ बनाने में प्रधानमंत्री का साथ तो देना ही चाहिए । ये निश्चित ही है कि इस तरीके से किया गया हरकार ये एक जिम्मेदार नागरिक तक कार्य कहलाएगा । निफ्टी ही दिन प्रतिदिन की भागदौड भरी जिंदगी में हमारे
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