Made with in India
कुछ समय बाद मैं अच्छा अनुभव करने लगा और मैंने आंखें खोली । विनीत और अनुराग ने मुझे आराम करने की सलाह थी और मुझे तब तक वहीं बैठने को कहा जब तक सत्र में मेरी बारी ना आ जाती है । मैंने सिर हिलाया और चुपचाप बैठा रहा और अपना सिर्फ पीछे की ओर खिलाता रहा । मैं उसे अभी भी कुछ दूरी पर खडा देख पा रहा था जो अभी भी चिंतित थी । उसका दिला रुमाल मेरे बगल में पडा हुआ था । क्या उसने रूमाल का इस्तेमाल उस दिन नहीं किया था? वो लगातार पडती रही और मेरे पकल में पडे तो माल को लगातार एक प्रमाण के रूप में देखता रहा तो मेरे लिए चिंतित लग रही हूँ । यही मेरे लिए ऊर्जावान चीज हैं । जब मुझ से बात नहीं कर रही हूँ तभी मैं आप भारत प्यार महसूस कर पा रहा हूँ । मैं तुम्हारी मौजूदगी का एहसास तब भी कर सकता हूँ जब मेरे पास नहीं होगा । कुछ पता है कि तुम भी मेरे बारे में ऐसा ही सोचती हूँ । पर मेरा दिमाग तो भारत छुट्टी देख देख कर खाली हो गया है । रोहन उठो अब सत्र के लिए तुम्हारी बारी है । ऑल द बेस्ट । अनुराग ने मुझे उठने में मदद की और वो मुझे दरवाजे तक ले गया । मैं वाइवा वाले कमरे में गया जहां मेरे साथ रहते ही है और तीन साल पार्टी थे । हम पांचवें एक बडी में इसके आगे कुर्सी पर बैठे थे । हमारे एक्सटर्नल ऑॅल टीचर हमारे सामने बैठे थे । हमारे सामने पेपर और एक रजिस्टर रखा था जिसमें हमारा नाम लिखा हुआ था । हमारे ऊपर जो पंकज चल रहा था वो इतनी ठंडी हवा तो देख ही रहा था की जितनी मुझे जरूरत थी हमारे इंटरनल प्रोफेसर नहीं । पहले हमारी आॅडर मेरा नाम होगा रहा । उन्होंने मुझे अपने चश्मे के अंदर से देखा, फिर व्यंगात्मक ढंग में पूछा क्योंकि तुम कोई नया विद्यार्थियों तो मैंने पहली बार देखा है । मैं बहुत उदास था और नीचे देख रहा था । उन्होंने मुझसे पहला प्रश्न किया, बॉयलर्स क्या है? मैं परेशान था क्योंकि मुझे उसका जवाब नहीं आता था तो वैसे ही नहीं जवाब देना शुरू किया और एक सांस में खत्म कर दिया । एक्सटर्नल प्रोफेसर ने उसकी तारीफ की और दूसरा सवाल वेदान्त से पूछा फोर्स सिस्टम कितने प्रकार के हैं? देहांत जो पढाई में औसत था और पिछले दो सदस्यों में मुझसे तो काफी पीछे था । उसने उसके बारे में बताया और उसके जवाब सुनकर मैं घबरा गया क्योंकि मेरे पास कोई जवाब ही नहीं थे । एक्सटर्नल मेरी तरफ देखा क्योंकि मैं नीचे देखना था और उनसे आंखें मिलने से बच रहा था । उन्होंने मुझसे पूछा अच्छा क्या तुम बता सकते हो? कितने प्रकार के बॉयलर्स होते हैं मैं तुमने शब्द ही हो गया । इसका कारण गे था क्योंकि बायलर्स भी विभिन्न प्रकार के होते हैं । ये मेरे लिए का शरीर की बात की थी । मैंने छत पे लटका पंखा देखा और ये दिखाने की कोशिश की की मैं जानता तो हूँ पर मुझे याद नहीं आ रहा है तो मुझे देखते रहे और फिर मैंने ही के हाथों को देखा । वो एक पेपर लेकर आई हुई थी जिसे उसने मेज के नीचे छिपा रखा था । तो फिर जा के निगाह पडने से पहले मैंने उसे देख लिया । मुझे देखे बिना उसने बडे बडे अक्षरों में रखा था । वायॅर मैं समझ गया कि वह मेरी मदद करना चाहती हैं और मैंने ऊपर लिया तो इतना स्पष्ट तो नहीं था पर मैंने ऐसा दिखाकर उसे पढ लिया । जैसे कि मैं कुछ याद करने की कोशिश कर रहा हूँ । मैंने बहुत ही धीमे से कहा वाटर फाॅर ऍफ का सही है पर वो मेरे जवाब से संतुष्ट नहीं था । उन्होंने मुझसे दूसरा प्रश्न किया, बॉलर्स में मेनहोल से तुम क्या समझते हो? मुझे समझ नहीं आया कि क्या करूँ । मैंने झुककर देखने की कोशिश की कि क्या वह ही कुछ लिख रही है । मैं देख रहा था कि वह कुछ लिख तो रही है पर क्योंकि वह वस्तुनिष्ट प्रश्न नहीं था इसलिए मैंने अपना माथा पोस्ट किया । प्रोफेसर ने मुझे डाटते हुए का फॅस के बारे में नहीं जानते हो तो मैं इधर उधर क्यों देख रहा हूँ । कौन कहेगा की तो मैं इंजीनियर पढने वाले हो । अपने माँ बाप का पैसा बर्बाद करो । बगल में बैठे मेरे दोस्त सुनकर परेशान हो गए क्योंकि एक्सटर्नल गुस्सा हो गए थे और हो अब उनकी क्लास भी लेंगे । पर उसी समय रहते ही बीच में बोल पडे सर ये लडका पढाई में बहुत अच्छा है । सत्र शुरू होने के ठीक पहले तो इतनी गर्मी के कारण बेहोश हो गया । साथ ही से तेज बुखार भी है । मैं उसे एक तक देखता रहा । वो मेरी परवाह करती है । मैंने बहुत दिनों के बाद उसकी आवाज सुनी । उसकी आवाज से मेरी नस नस में कोशिया बहने लगीं । रहते ही ये जानकारी देने के लिए तुम्हारा शक्तियां तो हाल तुम भी तो हमें ये बता सकते थे घर पे आउट हो और अगले बैच को भेजो प्रोवन तुम जाकर आराम करूँ । मैंने उन्हें शुक्रिया कहा और सब बाहर आ गए । हम लोग जैसे ही कमरे से बाहर आए तो उसके करीब जाकर मैंने उससे कहा, शुक्रिया बैठे ही हैं पर उसमें कोई जवाब नहीं दिया और वह चारों के साथ चली गई । मैं वहाँ इस उलझन में खडा रहा कि वह क्या चाहती है । वो मेरे लिए ये सब घूम कर रही थी । मैंने चारों ओर देखा और विनीत को ढूंढने की कोशिश की । मैं उसे बताना चाहता था कि अभी अंदर क्या क्या हुआ था तो उसकी और ढाका और उसका कंधा पकडकर उसे खींचकर किनारे ले गया । क्या हुआ रोहन तुम्हारा वाइवा पैसा रहा? मैं उसे किनारे लेकिन और जो कुछ भी अंतर हुआ मैंने उसे जस का तस बता दिया । मैंने वैदेही के इसपे बाहर के बारे में उसकी प्रतिक्रिया मांगनी चाहिए । उसने मेरी बातें सुनकर कुछ तेज सोच कर के अच्छा बात दिया । रोहन मुझे क्या लगता है कि एक इंसान होने के लाते । वह तुम्हें पसंद करती है, तुम्हारा ध्यान रखती है । वो भीतर से बहुत अच्छी लडकी है और उसने तुम्हारे मदद भी अगर तुम्हारी जगह कोई और होता तो भी शायद उसने यही क्या होता है? इसका ये मतलब नहीं है कि वह तुमसे प्यार करते हैं । अब जो वो तुम से बात नहीं कर रही है तो मुझे लगता है कि वो एक महत्वकांक्षी लडकी है और उसके अंदर बहुत घमंड है । वो एक ऐसे लडके के साथ तो कतई नहीं जाएगी जो हर चीज में औसत है । वो जानती है कि वह पत्ति मान है । वह कॉलेज टॉपर है, सुंदर है और इस बारे में कुछ शक्ति नहीं है । वह जिंदगी में अपने भविष्य के लिए सर्वोत्तम चुन सकती है । तुम ये समझने की कोशिश करो उसे भूल जाऊँ । वो तो भारी पार्टनर तो कभी बंद नहीं सकती । वो तुम्हारे साथ एक दोस्त की तरह थी और जस्टिन उसे ये पता चल गया । वो तुम से कहीं ज्यादा आगे है । उस दिन उसने अपने कदम पीछे टेस्टी और यही सच्चाई है । उसने सब कुछ साफ साफ शब्दों में कहा पता वो गलत था । तो पिछले एक साल में हमारे बीच में हुई बातों के बारे में कुछ नहीं जानता था । जैसे कि हमने कितनी बार एक दूसरे को चूमा और हमने अपने भविष्य के लिए क्या क्या सपने संजोत हैं । मैं उसे जाने नहीं दे सकता हूँ । जब तक हम दोनों बात कर ही रहे थे, मैंने उसे मुख्यद्वार से बाहर स्कूटी से जाते देखा । मैं उससे बात करना चाहता था । मैं इस बात का जवाब चाहता था कि जब मुझसे प्यार नहीं करते तो उसने मुझे मदद क्योंकि मैं उसका दामले जोर से चिल्लाया और विनीत को पीछे धक्का मार ठाक गया । उसके मुझे रोकने की कोशिश की पर मैं रुका नहीं । जब उसने मुझे खींचने की कोशिश की तो मेरे शर्ट के बटन टूट गए पर मैं उसके पीछे भागता गया । वो मेरी आवाज नहीं सुन सकती थी । पर मैं पागल आदमी की तरह उसका दामले चिल्लाता रहा । मिल इतने मेरा पीछा किया मैंने थककर अपने बात है का पसीना पूछा । मैंने बढते कदम भी ठेले पड गए । मेरा दिल जोरों से धडकने लगा पर मुझे पता था कि मुझे ऐसा करना जारी रखना पडेगा । मैं उसका नाम चिल्लाता रहा और उसने अपनी स्कूटी की करते बढाती पिने, अपना पैर और पुस्तकें छोडकर मेरी ओर ज्यादा तेजी से मुझे पकडने के लिए वहाँ का मेरे से टूटी जा रही थी । और तभी विनीत ने पीछे से मेरी शर्ट पकडने । उसने मुझे पकडा और मुझे उस कर्म अलकतरे वाली रोड पर धक्का दे दिया । मैं नीचे गिर पडा । मैंने उसे फिर धक्का दिया और अपने को फिर खडा कर पीछे भागने लगा । चोट लगने के कारण मेरे शरीर से खून निकल रहा था । विनीत उठा और मेरे पीछे भागा । पर इस बार उसने मुझे पीछे खींचा और तलाक से जोरों का एक थप्पड मारा । ऍन लाता हुआ होने लगा । बोलूँ वोट वो चार ये वो टू मुझे उसके पास कर दी है । मुझे चार नहीं तो विनीत मुझे होगा । उसने मुझे जोर से करने लगा लिया और मुझे शांत करने की कोशिश की । उसने मुझे छुप कराते हुए कहा रोहन रोहन रुको, वो खर्च जा रही है । तुम्हारी जिंदगी से नहीं जा रही है तो उससे बात भी बात कर सकते हो । ललित ने मुझे गले लगाया और मेरे आंसू पोंछे । मैं उसकी आवाज सुनना चाहता था । उसके सीने से लिपट कर लगातार होता रहा और मेरे हाथ उसके जैकेट को पकडे हुए थे । वो बिना कुछ कहे फिर चली गई थी और मैं अपने उसका फ्रेंड को जो खामोश गर्लफ्रेंड बन गई थी तो याद कर अपने मुख में सिगरेट छुटाए खडा रहा । मैं उसकी यादों में खोया हुआ होस्टल में अपने कमरे में खुद को बंद हुए था । सिगरेट ही अब मेरी पीएस हाथ थी और मेरा सहपाठी आकाश मेरा सडा हुआ चेहरा देखने से बेहतर दूसरे कमरे में पढना पसंद करता था । तीसरे सदस्य की पहले परीक्षा शुरू होने में सिर्फ तीन दिन बचे थे और पहला पेपर गणित का था, जिसके मैंने अभी तक पुस्तक भी नहीं खरीदी थी । मुझे कुछ फर्क भी नहीं पडता है । मैं उसे खुद को हार्थ हुआ दिखाना चाहता था । मैं उसे दिखाना चाहता था कि मैं कितने दर्द हूँ । मैं भी गहरी सोच में डूबा ही था कि किसी ने दरवाजा खटखटाया, दरवाजा खुला । अरे ये तो नीरज थे जो दिल्ली के रहने वाले मेरे सीनियर थे । वो अंदर आया और उन्होंने अंदर से दरवाजा बंद कर दिया । वो हाथ में सिगरेट लिए हुए थे । उन्होंने सिगरेट का एक कश किया और मेरे पास आए । मैं उन्हें देखकर मुस्कुराया और गुड इवनिंग कहकर उनका अभिवादन किया । वही एक ऐसे सीनियर थे जिन्होंने मेरी राइटिंग नहीं की थी । वो आए और मेरे आगे आकर कुर्सी पर बैठ गए और मैं अपने बिस्तर पर बैठ गया । वह मुझे एकटक देखते रहे । मुझे नहीं पता था कि वो क्या सोच रहे होंगे । उन्होंने फिर अपनी सिगरेट फेंकी और मुझसे पूछा था तुम्हारा नाम क्या है? मैं मुस्कुराया सर आप जानते हैं मैं हूँ । उन्होंने मुझे एक सूर्या हाथ थप्पड मारा । मैं हैरान था क्योंकि रैकिंग तो कब की हो चुकी थी और वो तो कभी इन सब में पडे भी नहीं थे । वो छापर इतना करा रहा था कि मेरा माथा और मेरी आत्मा दोनों ठंडक गए । उन्होंने फिर पूछा तुम्हारा नाम क्या है? इस पर मैंने जवाब दिया मेरा नाम रोहन वर्मा है । उन्होंने फिर एक झापड रसीद क्या इस बार का जहाँ पर और जबरदस्त था इससे पहले की वह मुझ से कोई और सवाल करते? मुझे राइडिंग के नियम जाता आ गए सर मेरा नाम रोहन वर्मा है सर वो पीछे झूठे और मेरी तरफ देखते रहे । दर्द होता है रोहन मैंने उन्हें देखा और सहमती में सिर हिलाते हुए हांका । उन्होंने फिर कहा तो मैं इससे इतनी चोट नहीं पहुंची होगी तो में पहले इससे तेज थप्पड मिल चुके हैं तो मैं चोट इसलिए लगी क्योंकि तुमने कभी ये नहीं सोचा होगा कि मैं भी तुम्हें मारूंगा । मेरे आंसू मेरे गालों के रास्ते बहने लगी और फिर उन्होंने कहा काम करते हो क्योंकि तुम ने ये सोचा भी नहीं होगा कि बैठे ही तुम्हें धोखा देगी । उसी तरह तुमने भी उसे दुख दिया होगा जिसकी उसने तुमसे कभी कल्पना भी नहीं की होगी । परीक्षा में फेल हो कर तुम अपने माता पिता को चोट पहुंचा हो गई तो क्योंकि उन्होंने भी तुमसे इसकी अपेक्षा नहीं की होगी । जब कोई ऐसा काम करता है जिससे उस की अपेक्षा न हो तो बहुत दर्द होता है । तो तुम क्या सोच रहा हूँ? क्या तुम ऍसे बाहर निकल पाओगे तो मुझे बुला दोनों हमेशा के लिए बुला दो । वो एक महत्वकांक्षी और बुद्धिमान लडकी है । वो एक ऐसे लडके से कभी प्यार नहीं करेगी जो अपनी ही भावनाओं के आगे घुटने टेकते । अरे आप कोई भी ऐसे लडके को पसंद नहीं करेगी जो खुद अपनी देखभाल नहीं कर सकता । वो तुम पर कैसे भरोसा कर सकती है । वो बोलते रहे और मैं सुनता रहा । इंसानों के बारे में मैंने एक बात सीख ली है । किसी व्यक्ति के काम करने के तरीके से नहीं अपितु उस काम के प्रति उसकी लगन से उस व्यक्ति की ताकत का पता लगा सकते हो । अच्छा है वो काम कितना ही छोटा क्यों ना हो तो नहीं बताओ वो अभी तुम्हारे अंदर कैसी लगन देख रही होगी । मैं चुप रहा, उनके थप्पड नहीं, मेरे दिमाग के रास्ते खोल दिए मुझे पता है उसके वो तुमसे प्यार करती थी । मुझे विश्वास है कि वह अभी भी तुमसे प्यार करती होगी क्योंकि लडकियां लडकों की तथा नहीं होती । अगर वह किसी से प्यार करती है तो वह पूरे मन से प्यार करती है । वो तुम्हें धोखा नहीं दे सकती है । पर हाँ किस तरह तुम उसके सामने ये सब दिखावा कर रहे हो । इस से वो अब जरूर सोचती होगी की क्या वो तुमसे प्यार करके सही कर रही थी । मैं उसे इतने अच्छे से तो नहीं जानता हूँ पर लोग कहते हैं कि वह बहुत भाव खाती है और अगर ऐसा है तो सबसे पहले उसके इस घमंड को तोड डालो । ये जानने की कोशिश करो कि उसमें इतने तेवर इतना घमंड है इसलिए कि वह सुंदर है । तुम बहुत बहुत सुन्दर हो क्योंकि वह आकर्षक है तो भी बहुत आकर्षक थे । क्या वह बहुत होशियार है? वो तो तुम नहीं हूँ क्योंकि वो कॉलेज कहाँ पर है? हाँ रोहन और यही तुम मात खा गए । इसलिए यही एक कारण है कि उसने तो मैं छोड दिया और वन मार तबलों हिम्मत मत छोडो तुमने पिछले छह महीने में उस तक पहुंचने की हर भरसक कोशिश की है पर तुम फेल हो गए । अब दूसरा तरीका इस्तेमाल करो । उसको दिखाता हूँ कि वो क्या है । याद करूँ जस्टिन तुमने कॉलेज में दाखिला लिया था । उसे दिन वो तुम पर आकर्षित हुई थी । अब वो भाव खा रही है । उसे उसी का आईना दिखाओ । मैं तो तुम्हें यही समझा सकता हूँ की अगर उसे वापस लाना चाहते हो तो अपने भीतर वही ऊंचा वही नएपन के साथ उस रोहन को वापस लेकर हूँ । उस रोहन को उतना ही फुर्तीला और सचिव का तो उसे इतना सुन्दर बना तो कि वह उस तक पहुंचने के लिए खुद को रोकना पाए हूँ से इतना होशियार बना दो कि वो उसके पास सीखने के लिए आए और जस्टिन तुमने ऐसा कर दिया ना मेरा ये वादा है कि वो तुम्हारे पास दौडी चली आएगी । ये हमेशा याद रखना के प्यार का सबसे अच्छा सबूत विश्वास है तो खुद पर से उसका विश्वास टूटते मत हो तो भरा प्यार हमेशा तुम्हारे पास ही रहेगा । उनकी बातें मुझे दिलो दिमाग पर घर करके उनका झापड असर कर गया । उनकी सकारात्मक उर्जा मेरी बंदा नस को और दिमागों को छठ छोड गई । मुझे ऐसा लगा कि मुझे जिंदगी में एक नई उम्मीद मिल गई हूँ तो उसे फिर से पाने के लिए मुझे एक नया रास्ता मिल गया । मेरे चेहरे की मुस्कान वापस आ गई । मैं आंखों में आंसू लिए अपने बिस्तर से उठा और उनके गले लग गया । उन्होंने भी मुझे ऐसे गले लगा लिया जैसे मैं उनका बच्चा हूँ । साथ मैं आपसे वादा करता हूँ कि आप मुझे जिंदगी में कभी अकेला नहीं देखोगे । आज से मेरा उद्देश्य होगा कि उसे अपनी जिंदगी में वापस ले आओ पर किसी गलत तरीके से नहीं । मैंने अपने आंसू पोंछते हुए अपनी पूरी ऊर्जा के साथ ये कहा तो मुस्कुराए और फिर उन्होंने जोर देते हुए कहा, रोहन वार्षिक परीक्षा में सब तीन तीन बच्चे हैं । खुद को साबित करके दिखा दो । वो सोचती होगी कि काम तो इस सेमेस्टर में खेल हो जाओगे, पर उसे गलत साबित कर तो उसे दिखा दो की पुराना रोहन वापस आ गया है । मैंने उनका शुक्रिया अदा करते हुए कहा, मेरा शरीर एक पिंजरे की तरह हो गया था और आपने अपनी बातों से मेरे मन के तले खोल दिए हैं । आपने मेरे अंदर एक ऐसा दरवाजा खोल दिया है जिसके बारे में मुझे पता ही नहीं था । आपने मेरे भीतर के सारे दुख बाहर निकालकर उन्हें सहने लायक कर दिया है और मुझे असली तो वापस दिखा दिया है । सर, अब मैं खुद को आकाश में उडते हुए पाँच इकतारा महसूस कर रहा हूँ जो फिर से खुले आकाश के नीचे आएगा । मेरा हौसला बढाने के लिए मैंने उन्हें बार बार शुक्रिया कहा । अब मेरी बारी थी कि मैं साबित करके दिखाऊँ । मुझे बस अपनी तैयारी शुरू करनी थी और सबको दिखा देना था कि रोहन वर्मा वापस आ चुका है । वो चले गए और मैं वाशरूम चला गया । मैंने अपना चेहरा शीशे में देखा । खुद को महलावत फटेहाल पाया । नया साल तो बिल्कुल भी नहीं था । मैंने अपने चेहरे पर थोडा फोन लगाया और अपने गालों पर फैला लेगा । मैंने ट्रेजर निकाला जो महीनों से बिना किसी उपयोग के अंदर पडा हुआ था । मेरे चेहरे पर चल रहे बुलेट के साथ एक ऊर्जावान रोहन धर से बाहर निकल कर आ रहा था । मैं वही तुमने अभी तक दो तरह के रोहन देखे हैं । अब तीसरा रोहन बाहर निकलेगा जो मेहनत थी, मस्त मौला और दोस्ताना व्यवहार वाला होगा । मैंने अपना चेहरा हो गया और एक नए रोहन का हो चुका था । मैंने साफ सुथरे कपडे पहले और सीढियों से नीचे उतरकर एसटीडी बूथ गया । मेरे अधिकतर दोस्त अपने अपने कमरों में गणित की परीक्षा की तैयारी कर रहे थे । मैं एसटीडी बूथ में कौनसा और अनुराग के घर का नंबर डायल किया । उसने उठाया और मैंने कहा अनुराग भूल गया क्या मुझे? उसने कहा, अरे रोहन, तुम बहुत दिनों के बाद काफी खुश दिखाई दे रहे हैं । मैंने समय बर्बाद न करते हुए कहा मुझे तो भारी मदद चाहिए । क्या तुम हॉस्टल में अभी आ सकते हो? उसने एक सेकंड सोचा और फिर मान गया । मैं नीचे सीढियों पर उसका इंतजार करते रहा । मैंने उसे जैसे ही स्कूटर से आते देखा उसे देखकर मैं उस की ओर भागा और छब्बीस रुका तो मैंने उसे गले लगा लिया । उसने खुश होते हुए कहा, वहाँ हमारा रोहन वापस आ गया । मैं वापस मुस्कुराया और कहा क्या तो मुझे हनुमानताल ले जा सकते हो । मुझे तीसरे सेमेस्टर की पुस्तकें खरीदती हैं । अनुराग तुरंत तैयार हो गया और मुझे उसके स्कूटर पर पीछे बैठने को कहा । जब सारी दुनिया साथ छोड देती है तब एक सच्चा दोस्त ही साथ चलता है । अनुराग उन्हें दोस्तों में से एक है । हमने जब पुस्तकें खरीद ली तो उसने मुझे होस्टल में छोड दिया । मुझे अभी भी पता नहीं था कि मैं तीन दिनों में अपना सिलेबस कैसे पूरा करूंगा पर मुझे पूरा विश्वास था मैं अपने कमरे की कुर्सी पर बैठ के और सोचते हुए अपनी आंखें बंद कर लें । अब शुरुआत कैसे करूँ? अब मेरे पास इतना समय नहीं बचा था की एक एक सवाल की तैयारी करूँ मुझे उन्हें पढ लेना चाहिए । यही एक समाधान था । अच्छा यही था की मैं पुस्तक पर लूँ और विभिन्न प्रकार के सवालों और उनके समाधान के तरीको को याद कर लेना चाहिए । इतने कम समय में मेरे सामने इतने सारे सिलेबस को पूर्ण करने का यही एक तरीका था । मैंने गणित की पुस्तक निकली और पडने लगा । अगले तीन दिनों तक मैं सख्त पढ रहा था और सिगरेट पी रहा था । मैं हर दिन लगभग सोलह घंटे पडता था और मेरी आंखें सिर्फ पुस्तकों पर केंद्रित थी और मैं सवाल हल करने के एक एक स्टेप फूल याद कर रहा था जिससे मैं फेल होने से बच्चा हूँ । तीसरे दिन मैं परीक्षा देने के लिए कॉलेज पहुंचा । मैं परेशान था । मुझे पता था कि मैंने सिर्फ थोडी पढाई की है और कुछ भी अभ्यास नहीं किया है । मैंने देखा कि बैठे ही ध्यान से अपनी पुस्तक के पन्ने पलट रही है और सारे फॉर्मूले याद करने की कोशिश कर रही है । पिछले डेढ साल में ऐसा पहली बार था कि उसने मुझे परीक्षा के लिए शुभकामनाएं नहीं । मैं उसके बगल से गुजरता हुआ कक्षा के अंदर आ कर बैठ गया । मैं ही किसी मेरे ठीक बगल में थे । प्रोफेशन ने प्रश्न वितरित कर दिए । परीक्षा बहुत मुश्किल थी । प्रश्न पत्र देखकर मैं जितना वापस याद करने की कोशिश कर सकता था, मैंने उतना किया । मैंने जब उस की ओर आप उठाकर देखा तो वो अपना प्रश्नपत्र हल करने में व्यस्त थी । मैं आराम से लिखता गया और पहले उन प्रश्नों को हल किया जो मेरे लिए आसान थे । पर अगले एक घंटे में मैं खाली हो गया क्योंकि मैं जितने प्रश्नों को हल कर सकता था, उतने मैंने कर लिए थे । मुझे ये नहीं पता था की मैं पास भी होंगा या नहीं, पर मैंने अपना सर्वोत्तम किया था । कुछ समय के बाद मैंने फिर से बैठे ही को देखा । उसने मुझे एक मिनट के लिए देखा और फिर अपनी उत्तरपुस्तिका मेरी ओर खिसकाती और फिर मुझे घूमती रही । बिना एक शब्द कहे उसने मुझे जब क्लास याद की उस ने वो कॉपी मेरे लिए नीचे खिसका आती है ।
Producer
Sound Engineer