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प्यार तो होना ही था - Part 15 in Hindi

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AuthorMixing Emotions
यह प्रेमकथा उन सारे युगल प्रेमियों को समर्पित है, जिनकी प्रेम कहानी हमेशा के लिए अधूरी रह गई... writer: हिमांशु राय Author : Himanshu Rai Script Writer : Shreekant Sinha
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कुछ देर बाद वो चारु और रीना के साथ अपने हाथों में पुस्तक पकडे हुए बाहर आई । वो चारों से बात करते हुए आ रही थी और मुझे अनदेखा कर रही थी । मेरे लिए सबकुछ रोका हुआ था । मैं कैंपस में किसी को भी नहीं देख पा रहा था और मैं ये भी नहीं देख पा रहा था कि कैंपस में मेरे बारे में लोग क्या सोचते होंगे । मैं किसी की परवाह नहीं करता । ऍम पे बैठा हुआ था । वहाँ से उठा और उसके पीछे जाने लगा । स्पीच कई लोगों द्वारा किए गए हैलो पर मैंने ध्यान ही नहीं दिया और सीधे उसके पीछे चलता रहा । वो अपनी दोस्त के साथ मुख्यद्वार गेट की ओर जा रही थी । मैं उसके पीछे चल रहा था । अब वो उनसे अलग होली और अकेले चलने लगीं । उससे बात करने का यह सुनहरा मौका था । मैं जल्दी जल्दी चलने लगा और उसके पास पहुंच गया । मैंने पीछे से उसका नाम पुकारा । वो मुझे मुझे देखा और फिर चलने लगी । मैंने उसका दायां हाथ का ही चाहिए तो मैंने उसकी कोहनी से पकडा था और फिर उसके सामने आ गया । वो रुकी और नजरेें मिलने से बचती रही । मैंने उसे सीधे कहा मुझे तुमसे बात करनी है तो मुझे गुस्से से देखती रही और बिना कुछ कहे घर जाने को तैयार थी । मैंने फिर उसका हाथ रोकने की कोशिश की और फिर मैंने जोर से चिल्लाकर कहा तो मैं मुझसे बात करनी पडेगी । वैदेही पर उसने मुझसे फिर एक शब्द अभी कुछ नहीं कहा और चलने लगी है । इस बार मैंने उनसे रोका नहीं क्योंकि मैं कोई तमाशा खडा नहीं करना चाहता था तो चली गई और मैं अपनी कमर पर हाथ रख के वहीं खडा रह गया । मैं पीछे से चिल्लाने लगा, अगर तुम किसी को भुलाना चाहते हो तो उससे घृणा मत करो । जिस चीज से और जिन लोगों से तुम घृणा करते हो वो तुम्हारे दिल में घर कर जाते हैं । अगर तुम्हारे बोलना चाहते हो, किसी चीज को भुलाना चाहते हो तो तुम खडा नहीं कर सकते । उस ने मेरी बातें सुन ली थी क्योंकि वो अब धीरे धीरे चलने लगी थी । मैंने उससे कहा मुझे पता है कि तुम मुझसे प्यार करती हो । अगर हम बात करेंगे तो समस्या का समाधान हो पाएगा । वो पीछे मुडे बिना चलती रही । मैं मुख्य दरवाजे के किनारे उसी जगह खडा रहा और फिर चलाया वही । मैं तुमसे प्यार करता हूँ और एक बात याद रक्षा अगर तुमने मुझसे बात नहीं की तो मैं यहाँ से एक इंच भी नहीं लूंगा । मेरे अंतिम शब्दों को सुनकर रुक गई मेरे भीतर । ऐसे में एक आशा की किरण जगी कि वह मेरे पास आएगी और बात करेगी । पर उसने बोल कर मुझे अच्छी तरीके से देखा और फिर चली गई । मैं चिल्लाता रहा, मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ । मैं इस जगह से नहीं जाऊंगा । नहीं यहाँ अपनी आखिरी सांस तक खडा रहूँगा । वो लंबे लंबे कदम भरकर चली गई । मैं वहीं खडा रहा और उसकी तरफ तब तक देखता रहा जब तक वो मेरी आंखों से ओझल हो गई । मैं देख रहा था कि कॉलेज विद्यार्थी अब बाहर निकल रहे थे । कुछ लोगों ने बाइक और स्कूटर से झुककर मेरी तरफ हाथ हिलाया । पर मैं खडा रहा और उसकी वापसी का इंतजार करता रहा । मुझे प्यास लग रही थी पर मैंने वादा कर लिया था कि मैं वहाँ से एक इंच भी आगे नहीं होगा तो मैं वहीं रहा । मुझे पक्का पता था अगर वह नहीं आई तो मैं इसके लिए मर जाऊंगा । वो छोड कर चली गई और उसने जो तेल में खाली जगह करती थी उसे अब कोई भरत ही नहीं सकता था । वो मेरे डीएनए में बस चुकी थी । मुझे पता है कि उसने मेरी किसी गलती के कारण मुझसे बात करना छोड दिया है । पर मैं तीन चलने की भरसक कोशिश कर रहा था की वो गलती क्या थी क्योंकि वो मेरा हाथ पकडने के लिए मेरे साथ खडी नहीं थी तो मैं अकेला खडा रहा और मेरे भीतर कुछ भी करने को कोई दम नहीं था । पर वो हमेशा ही मेरी कल फ्रेंड बनी रहेगी । शाहे वो मेरी खामोश गर्लफ्रेंड ही थी । मैं वहीं खडा रहा । मेरी आंखें रो रो कर के लिए हो चुकी थी और तेल से मैं उसकी वापसी को लेकर नाउम्मीद हो चुका था । कुछ समय बाद आकाश और अनुराग कैंपस गेट से बाहर आए और उन्होंने मुझे वहाँ अकेला खडा देखा । उन्हें अभी तक सही से कुछ पता नहीं था कि मेरे वहाँ फायदा ही के बीच में क्या हुआ है पर वह कुछ अंदाजा तो लगा ही सकते थे । आकाश ने मुझे अनुराग के बाइक सीट पर बैठे हुए कहा अरे रोहन किसी का इंतजार कर रहे हो । आप होस्टल चलें अनुराग तो मैं छोड देगा । मुझे समझ नहीं आया कि क्या जवाब हूँ पर मैं भी था और मैं यहाँ से ही लूंगा । नहीं । मैंने उन्हें कहा तुम चलो मैं किसी का इंतजार कर रहा हूँ । उसने कहा अच्छा ठीक है बाय । अब हॉस्टल में मिलेंगे । वहीं ठाकुर अपना स्कूटर रोड के बाई ओर से चला कर ले गया । वो जैसे ही गए मैंने समय देखने के लिए अपनी कलाई मोडी । उस समय दोपहर के तीन बचा रहे थे । गर्मी की दो भरी थी और कपडा सूरज मेरे पीठ की ओर था । पर वो धूप मेरी पीठ को इतना नहीं चला रही थी जितना मेरा दिल चल रहा था । मैंने चारों ओर देखा और एक बडा सा पत्थर किनारे रखा हुआ देखा । मैं रोड की ओर मुंह करके उस पर बैठ गया । मेरे दिल में शंका तो थी पर मुझे विश्वास था कि वो वापस आएगी । मैंने भी करीब एक घंटा वहाँ बैठे बैठे बिता दिया था । मुझे याद आया दी । मैंने वार्षिक उत्सव की तस्वीरें प्रिंट करवाई थी जो मैंने अपने नए कैमरे से किसी थी और फिर मैं उन्हें उसे दिखाने लाया था । वो फोटो देखने के लिए बेताब थी क्योंकि उसने बहुत ही अच्छा नहीं किया था और वो उस दिन बेहद खूबसूरत लग रही थी जिस दौरान वो एल्बम देख रही थी । उसी समय उसने मुझसे ऐसे सवाल पूछे थे, जिसका मेरे पास उस समय कोई जवाब नहीं था । उसने अचानक नोटिस किया की एल्बम के अधिकांश फोटो उसके द्वारा दी गई प्रस्तुति अब हम गाओं की है । मैंने अनुराग से पहले पूछ लिया था और उसने भी बता दिया था । उसने मेरे खातिर अधिकांश फोटो भाभी के ही ली थी । वैदेही ने शक की निगाह से मुझ से पूछा ढाई सौ फोटो में से कैसे दो सौ मेरी है? मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था । पर मैंने फिर भी कहा ये महज एक संजू भी हो सकता है । हो सकता है कि तुमने सबसे ज्यादा शो में भाग लिया था । इसलिए उससे आगे पूछा, पर मेरी अधिकांश फोटो अकेले की ही है । किसने खुशी ऐसा मैंने इसे हल्के में लेने की कोशिश की । फिर जवाब दिया, मुझे याद आ रहा है अनुराग ने ये किया होगा । पर ये सब जानबूझकर नहीं किया । मैंने उसे विश्वास दिलाने की कोशिश की । मुझे सबके निगाह से देखती रही और उसने कहा मैं उम्मीद करते हुए रोहन तुम सच बोल रहे होंगे क्योंकि अगर मुझे पता चला कि तुमने हमारे बारे में होस्टल में सबको बताया होगा और उन लोगों ने इस बात को अगर मजाक में उडाया तो उस दिन तुम मेरे मौसे अपना नाम अंतिम बात हो गई । उस ने जब मुझे ये चेतावनी दी थी वो सचमुच गंभीर थी । पर मैंने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया । पर क्या मुझसे बात नहीं करने का ये कारण है या कुछ और भी हो सकता है । शाम के छात्र रहे थे और सूरज भी मस्त हो चुका था । तब मैंने देखा के विनीत और आकाश मेरी तरफ बाइक से चले आ रहे हैं । जैसे ही वह मेरी तरफ पहुंचे विनीत ने बाइक किनारे लगा दी । पर कोई फायदा नहीं । ये समझ गए कि कुछ तो चल रहा है । वे बाइक से उतरे और मेरे बगल में आकर बैठ गए । कुछ ही सेकंड के बाद आकाश ने पूछा तो मैं खुद बताओगे क्या? हम तो मैं पीटना शुरू करते हैं । मैंने थोडा रुककर का प्रयास । उसने मुझे अचानक बात करना छोड दिया । विनीत खींचते हुए गा और तुम यहाँ बैठ कर उसका इंतजार करते हो और जैसा फिल्मों में होता है वैसे ही तुम इस भाषा में बैठा हूँ कि वो तुमसे बात करने के लिए दौड कराएगी । मैं भी उत्साह वर्ष मुस्कुराने लगा । उस ने मेरा हाथ पकडता और मुझे खींचते हुए चलो चलो हूँ फॅालो । मैंने मना करते हुए कहा, भाई प्लीज मुझे विश्वास है कि वह मुझ से मिलने के लिए आएगी और वो मुझे यहाँ के लिए बैठे नहीं देख सकती है । आकाश मेरे ऊपर चिल्लाया क्या तुम पागल हो? रोहन तो मैं उसके तेवर के बारे में पता है । उसने अपने सहपाठियों से कभी बात नहीं की और तुम्हें विश्वास है कि वो तुम्हें दिलासा देने के लिए वापस आएगी । मेरे देश कह रहा है कि वो आएगी । मैंने धीरे से विश्वास के साथ कहा और फिर आगे का कम से कम एक बार कोशिश तो कर लेने हो । क्या तुम हम दोनों को एक साथ फिर से देखना नहीं चाहते हैं? उसने कहा, रोहन तुम किसी बुद्धू बना रहे हो, वो कभी भी तुम्हारे पास नहीं थी । उसे कॉलेज के पहले साल खेलने के लिए एक होना चाहिए था और उसने तुम्हारा इस्तेमाल किया । मैंने पलट कर का ये बात नहीं है देखते तेज आवाज में कहा तुम ये जानते हो । अगर ये मामला नहीं है तो उसने तुमसे बिना किसी कारण के बात करना बंद कर दिया हूँ कि मैंने कई ब्रेकअप ठीक हैं पर पीना किसी कारण का ब्रेक अप मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार देखा है । उनकी बातें सुनकर मैं और ज्यादा बढ गया । मैंने फिर हो रहा है कुछ भी हो जाए मैं जगह छोडने वाला नहीं हूँ । आकाश ने पूछा कि अगर वार्ड क्या तुम्हारे माँ पापा में से किसी का फोन आया तो मैं उनसे विनती करके देखता रहा । मैं तुम्हारी मदद करना चाहता हूँ । वार्डन को संभाल लेना और घर से किसी का फोन आया तो उन्हें बता देना कि मैं हॉस्टल में नहीं । विनीत मेरे लिए काफी चिंतित था । उसने आकाश से एक बोतल पानी लाकर मुझे देने के लिए कहा । आकाश कॉलेज कैंपस में से पानी की बोतल लाकर मुझे दिया । विनीत अपने कुल होके पाल बैठ गया और मेरा हाथ पकडकर बोला मुझे पता है कि तुम मुझसे प्यार करते हो और अगर दूर तुमसे प्यार करती है तो मैं समझता हूँ वो तुम्हारे पास जरूर आएगी । पर वादा करो कि अगर वो आधी रात तक वापस नहीं आएगी तो तुम हमारे साथ होस्टल वापस हो गए । मैं उनकी आंखों में एक सच्चा दोस्त देख सकता था । मैं मुस्कुराया और उन्हें इस बात का आश्वासन दिया । इस बीच आकाश पानी लेकर दुखता हुआ आया । उन्होंने मुझे बोतल दी और बाइक पर बैठ गए और जैसे ही बाइक से जाने वाले थे मैंने तभी अचानक उनसे पूछ लिया अगर वह कभी नहीं आई तो बुलेट मेरी आंखों में देखता रहा और फिर आगे बढ गया और मुझे पीछे वहीं बैठा छोड गया । अगर किसी रिश्ते में किसी प्रकार की गडबडी हो तो लोगों को आपस में बात करनी चाहिए । सुलझाने के लिए लडना चाहिए पर वो तू अजीब सा व्यवहार कर रही थी । मुझे उलझा रही थी । मैं समझ नहीं पा रहा था कि उसे कैसे संभालूंगी । मेरा दिमाग उसकी छून, उसके मुस्कान को याद करके परेशान हो जा रहा था । अनजानों को दोस्त बनते सुना था पर दोस्तों को अनजान बनते एक परेशानी हो रही थी । मैं अपनी घडी की ओर देख तरह और हर सेकंड की हुई एक साल की तरह लग रही थी । अंधेरा छा चुका था और रात में अकेले परेशान करने लग गए थे । मुझे बहुत तेज भूख लग रही थी और कमजोरी भी हो रही थी । मेरे अंदर की ओर क्या काम होने लगी थी और मेरी आंखें बंद हुई जा रही थी । मैं उन सुन्दर पलों को याद किये जा रहा था जो मैंने उसके साथ बिताते थे जिस से मेरे अंदर ताकत पर नहीं रहे । पर कहीं न कहीं दिल से मैं सारे ही आशाएं हो चुका था । उसके साथ में बिताए हुए सारे पलों को बुरी तरह याद में बदल दिया था । मैं जब भी उस क्षणों के बारे में सोच रहा था वो आगे से आकर मुझे खाए जा रही थी । उसने मुझे पूरी तरह से तोड दिया था और अगर मैं अब उस की आवाज, कभी सुनना, पाउंड तब भी उस की छूत जिंदगी भर मेरे साथ रहेगी और हमेशा के लिए रहेगी । कुछ रूप से मैंने देखा था की बाइक मेरी तरफ आ रही थी । स्ट्रीटलाइट की चमक में मैंने देखा कि विनीत और आकाश मेरी तरफ चले आ रहे थे । मेरी ऊर्षा अब खत्म हो गई थी तो जैसे ही मेरे पास पहुंचे तो उनके बिना कुछ कहे ही मेरी आंख इधर आएगी । मैं फूट फूटकर होने जगह आंसू मेरे कालों से हॉस्पिटल कहने लगे । पासू की नमकीन बूंदे मेरी छुट्टी पर गिरती गई और मेरी कमीज फिर हो गई । हो सकता है के आंसू मेरे तट को काम करते हैं । मैंने आपका सिर्फ मिनिट के कंधे पर टिकाया और खुद को रोने से रोक नहीं पाया । खाओ अभी हारा था और अच्छा था । मेरे दोस्त मुझे रोड लेने दे रहे थे । उन्हें पता था कि रोने से मेरा दिल हल्का हो जाएगा । उन्हें पता था कि मैं मस्त हूँ । मैं रोज था गया और उनके कंधे पर बेहोश हो गया । मुझे पता है की मेरी कल फिर हैं पर मेरे खामोश कल फ्रेंड मुझे बहुत बता रही थी विदेश मैं ऐसा आती हूँ जिसकी जिंदगी में प्यार के लिए कोई जगह नहीं है । पर उस रात रोहन को पकडकर मुझे प्यार के तरफ का एहसास हो गया । हालांकि मैं भी चाहता था कि मुझे भी ऐसी कोई मिले जैसे रोहन वैदेही को प्यार करता था । उस ने मुझे सिखाया कि प्यार कामुकता से कहीं ऊंचा है और प्यार का सच्चा थक गया है । उस ने मुझे सिखाया की आई लव यू का सही अर्थ कुछ और है । इसका अर्थ है कुछ भी हो जाए, मैं अपनी जिंदगी के साथ तुम्हारी रक्षा करूंगा । इसका अर्थ है कि विपरीत परिस्थितियों में भी महत्व में आराम दूंगा । इसका अर्थ है कि अगर सही समय है तो मैं तुम्हारे साथ नाचूंगा गांव गांव भी । इसका मतलब है कि मैं तो मैं जगह नहीं होगा, तुम्हें छोडूंगा नहीं । तुम जब भी कोई गलती करूँ तो मैं तो मैं माफ कर दूंगा । प्यार का मतलब है कि मैं तुम्हें कहीं अकेला नहीं छोडूंगा । इसका मतलब है कि मैं तुम्हें कभी खतरे में नहीं डालूंगा । वो मेरे बापू में एक बच्चे की तरह होता रहा और मैंने उसे रोड नहीं दिया । मैं चाहता था कि वो उस रात अपने सारे दुखों को बहाते तो होता रहा और मैं उनसे पकडे रहा । फिर वो बेहोश हो गया । आकाश ने सुझाया की मैं उसे थोडा पानी पिता हूँ पर मैंने ऐसा करने से उसे रोक दिया क्योंकि अगर वह फिर उठ गया तो उसे वापस ले जाना मुश्किल हो जाएगा । हमने उसे उठाया और बाइक पर रखा । आकाशवाणी से पीछे से पकडे रखा और हम उसे वापस होस्टल में ले गए । उसका शरीर बुखार से तप रहा था । हमने उसे कमरे में सोने दिया और सारी रात उसकी निगरानी करते हुए चला रहे हैं । वो दर्द में भी बार बार उसका नाम पुकारता रहा हूँ । मैं अपने दोस्त के बारे में चिंतित था और मुझे वैसा ही पर गुस्सा आ रहा था । मैंने हमेशा ही उस पर शक किया था । उसके तेवर नहीं । मुझे हमेशा ही संशय में रखा । कई लोगों के ब्रेकअप हुए हैं पर इसके ब्रेकअप का कारण कुछ और ही था हूँ । मैं उस लडकी को भी दोष नहीं दूंगा । पर रोहन भी बेवकूफ था । उसने नव्या को इतने सालों तक प्यार करने के बाद एक ऐसी लडकी के लिए छोड दिया जो कभी उसकी नहीं बनना चाहती थी । मैंने नव्या को उसकी बहन की शादी के समय देखा था । वह बहुत ही सुंदर थी और उसकी आंखें बडे अच्छे से बता रही थी कि वह उसे कितना प्यार करती थी । मेरा दोस्त रोहन रोहन तो बेहतर ही के प्यार में अंधा था । मेरे अनुसार उसका घमंडी उसके अजीत से व्यवहार का मुख्य कारण था । हमारे दूसरे सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम आया था और वैदेही नहीं फिर प्रथम स्थान प्राप्त किया था । हो सकता है कि वो रोहन को अपना दोस्त कहने में शर्मिंदा महसूस करती हूँ क्योंकि उसे बस ठीक ठाक प्रतिशत ही प्राप्त हुए थे । हो सकता है वो मर्सडीज कार और बंगलो के सपने देखती हूँ कि हो सकता है रोहन के घर जाने के बाद वह समझ गई होगी कि उसके सपने वह तो पूरे नहीं कर सकता । इसके वो आगे बढ जाना चाहती होगी । पर मैं सिर्फ अपने दोस्त के बारे में चिंतित था, किसी और के बारे में नहीं । कभी कभी मैं ये सोचता हूँ कि हो सकता है कि लडकों के साथ कैसे बर्ताव करते हैं । ये वैदही को पता ही ना हूँ क्योंकि वो लडकियों के स्कूल में पढे हैं । उसे लडकों के साथ किस प्रकार पेश आना चाहिए ये पता होना चाहिए । हो सकता है लडकों के साथ किस प्रकार पेश आना चाहिए या उसे उन से कैसे बात करनी चाहिए तो उसे सही से आता ही नहीं हूँ । मैं ये मानता हूँ कि रोहन और रहते ही व्यक्तिगत तौर पर बडे अच्छे इंसान होंगे पर वे एक दूजे के लिए नहीं बने थे । रोहन इस बात को जितनी अच्छी तरह से समस्याएँ ये उसी के लिए अच्छा होगा । मुझे पता है कि रोहन के लिए ये बहुत मुश्किल होगा । वो उसकी यादों को भूल जाए । पर एक वही है जो खुद को इस पर स्थिति से निकाल आएगा । दोस्तों के रूप में हम उसकी सर मदद ही कर सकते थे । अभी देहरादून में मैं आधी रात में देहरादून के राजपूरा रोड पर स्थित अपने होटल पहुंचा । मैंने अपने ड्राइवर आदेश को सूचित किया कि हम सुबह मेरठ के लिए निकलेंगे इसलिए रात में वह आराम करें । कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए होटल में ठहरने का बंदोबस्त करती है । हमारी कंपनी द्वारा दी जाने वाली ये सुविधा सबसे बेहतरीन थी । मुझे कभी होटल न मिलने या किसी होटल को पैसे देने की कभी चिंता नहीं करनी पडी है । मैं होटल के स्वागत कक्ष में पहुंचा और अपना कर्मचारी कार्ड दिखाया । उन्होंने दक्षिण मुझे कमरे की चाबियां थमाती । मैं अपने कमरे में घुसा जो बेहद ही सुंदर और सुविधाजनक था । मैंने अपना सामान नीचे रख और होते उठा रहे । मैंने ट्राई उठाई जो सेंटर टेबल पर रखी थी और बिस्तर में घुसकर सहज होलिया । मैंने सिगरेट निकली और भौंकने लगा और साथ में ये सोचने लगा कि उससे कैसे संपर्क बनाया जाए । कुछ कष्ट खींचने के बाद मेरा दिमाग चलने लगा । मैंने टेलीकॉम कंपनी में काम किया है तो किसी यूजर का डाटा निकालना मेरे लिए बायें हाथ का खेल था । मैंने होटल का लैंडलाइन फोन उठाया और मेरा स्थित हज के मुख्य स्विचिंग सेंटर में फोन किया । मुख्य स्विचिंग सेंटर उसी ऑफिस के प्रथम तल में था जहाँ मैं काम करता था । इसलिए वहाँ के अधिकांश कर्मचारी मेरी जान पहचान के थे । टेलीकॉम में हम जो भी अपने मोबाइल में करते हैं वो स्विचिंग सेंटर में सेट हो जाता है । सरकारी विभाग किसी अपराधी को पकडने के लिए इन टाटा का इस्तेमाल करते हैं । मैंने स्विचिंग सेंटर का नंबर डायल किया । हेलो मैं कमल बोल रहा हूँ । आप कौन बोल रहे हैं भगवान आप धन्यवाद् जो कमल नहीं फोन उठाया वह सूटिंग सेंटरिंग था और मेरा बहुत अच्छा मित्र भी है । हेलो कमल मैं रोहन बोल रहा हूँ, तुम किस नंबर से बात कर रहा हूँ और तुम्हारा मोबाइल फोन का महाजन सर तुम से बात करना चाहते थे । उसने बताया, महाजन सर मेरे बॉस थे और कंपनी के सबसे बुद्धिमान एवं बेहद शांत इंसान थे और मैं अपनी जिंदगी में इस तरह के इंसान से पहली बार मिला था । वो अपनी कनिष्ठ कर्मचारियों के लिए बहुत ही मददगार थे और अच्छे बॉस के रूप में एक सटीक उदाहरण थे । मैंने कमाल से अपने मोबाइल के बारे में बताया कि वो टूट गया है । मैंने उससे पूछा, मैं किस प्रकार से एक नया सिम, वही नंबर और अपना डाटा फिर से प्राप्त कर सकता हूँ । उसने कुछ सोचा और फिर उसका समाधान बताया । कल सुबह तुम देहरादून के वितरण प्राइम पर जाना और वहाँ एक सिम ले लेना और मुझे उसका रजिस्ट्रेशन नंबर बता देना । मैं उसी में वह नंबर डाल दूंगा । मैंने बहुत उत्सुकता से उससे पूछा, अच्छा मेरे सिम में जो डाटा है उसका क्या होगा क्योंकि मेरे लिए वह डाटा बहुत हो रही थी । उसने बताया कि वह तुम्हारे पुराने से मिक्स हो गया है । मैंने उस से प्रार्थना की । नंबर के बारे में तो कोई बात नहीं, वो तो मैं वापस ला सकता हूँ पर मुझे तुम्हारी मदद चाहिए क्या? मैंने उससे विनती करते हुए कहा, मेरे फोन टूटने से पहले मेरे मोबाइल पर एक मैसेज आया था । मुझे वन नंबर जल्द से जल्द चाहिए तो मैं जानता हूँ कि तुम मेरे लिए ये काम कर सकते हैं । उसने कुछ देर सोचकर जवाब दिया, अगर महाजन सर को पता चलेगा कि मैंने तुम्हारे लिए डाटा निकाला है तो मैंने उससे फिर अंतिम बार याचना की एवं प्रार्थना की प्लीज प्लीज प्लीज अच्छा ठीक है । मुझे कुछ देर में फोन करुँ । मैं तुम्हारा वो नंबर निकालने की कोशिश करता हूँ । फिर तो मैं बताता हूँ । मैंने उसे बार बार धन्यवाद कहाँ और फिर फोन काट दिया । मैंने भगवान को धन्यवाद दिया कि उन्होंने मुझे टेलीकॉम उद्योग का कर्मचारी बनाया । मैंने दूसरी सिगरेट निकली और फिर सुलगाने लगा । मेरे लिए हर एक सेकेंड बरसो सा लग रहा था । मैं उसका नंबर चाहता था और उसे फोन करना चाहता था । मैं उसकी आवाज करीब पांच साल बाद छोड दूंगा । कुछ मिनट के बाद कमाल ने मुझे वापस फोन किया और मैंने उस से पूछा कि शाम के करीब छह बजे उस अंतिम मैसेज का लाभ नंबर किया था । उसने मुझे रुकने के लिए कहा और खोजने के बाद मुझे वह नंबर दे दिया जिससे मैंने तुरंत एक नोटपैड पे लिख लिया । मैंने उसे धन्यवाद देते हुए कहा धन्यवाद कमल, तुमने मेरी जिंदगी बचा ली । उस समय रात के सवा सात बजे थे । क्या मुझे उस समय फोन करना चाहिए या सुबह का इंतजार करना चाहिए? मैं थोडा परेशान था । मेरा मन कह रहा था कि आगे बढो फोन करुँ । मैंने रिसीवर उठाया और तेज सांस लेने जगह मेरे दिल की धडकन बहुत हो गई थी । मैंने अपनी सांस कर काबू रखते हुए उसका नंबर टाइम क्या मोबाइल में पहले से ही रिकॉर्ड आवाज घोषणा करने लगी । आपके द्वारा डायल किया गया नंबर या तो अभी बंद है, क्या कपडे क्षेत्र से बाहर है?

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यह प्रेमकथा उन सारे युगल प्रेमियों को समर्पित है, जिनकी प्रेम कहानी हमेशा के लिए अधूरी रह गई... writer: हिमांशु राय Author : Himanshu Rai Script Writer : Shreekant Sinha
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