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प्यार तो होना ही था - Part 11 in Hindi

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AuthorMixing Emotions
यह प्रेमकथा उन सारे युगल प्रेमियों को समर्पित है, जिनकी प्रेम कहानी हमेशा के लिए अधूरी रह गई... writer: हिमांशु राय Author : Himanshu Rai Script Writer : Shreekant Sinha
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कॉलेज में हुए पूरे दिन के घटनाक्रम के बाद मैं शाम तक बहुत परेशान था । मैंने घडी में देखा तो रात के खाने का समय हो रहा था तो मैंने अपना कमरा बंद किया और मैं इसमें खाने चला गया । तो उस दिन और तीनों की तुलना में मेरे कदम बहुत ही में चल रहे थे । मैं बहुत ज्यादा उदास और दुखी महसूस कर रहा था । मैं वैदेही की सोच के बारे में परेशान था । वो नहीं चाहती थी कि हमारे रिश्ते को दुनिया जाने । परिस्थिति मेरे हाथ से बाहर जा चुकी थी । मैं जब मैं इसमें पहुंचा तो मैंने आकाशवाणी अन्य कुछ दोस्तों को एक साथ देखा तो कुछ सीनियर्स के साथ रात का बोझ कर रहे थे । तीन लंबी मेजों को जोडकर डिनर के लिए एक लंबी टेबुल तैयार की गई थी और उसके दोनों तरफ बेंच लगे थे । विनीत में मेरा स्वागत करते हुए कहा वो वही ऍम एच में तुम्हारा स्वागत है । ये सुनते ही सब जोर से हंसने लगे । मैंने उन सब को नजर अंदाज करने की कोशिश की और अपनी प्लेट मिले । हमारे हॉस्टल में चढाना सप्ताहिक पसंदीदा काम था । अब सभी से पसंद करते थे । आपको इस बात की परवाह नहीं करता था कि छुडाने से किसी की भावना आहत हो सकती है । उस दिन रात में खाने के लिए राजमा चावल और रोटी थी । जब तक मैं अपने खाने के लिए प्लेट लगा रहा था तब तक आकाश ने कहा क्या हुआ? रोहन मुझे लगता है कि अब वह मुझे दिलचस्पी लेने लगी है । है ना । फिर सभी लोग हंसने लगे । मैंने उनकी परवाह नहीं कि अपना खाना लेकर राहुल के बगल में आकर खाने रखा । आकाश मुस्कुराते हुए पूछा क्या हुआ बहुत उदास लग रहे हो क्या उसे कोई लडाई हुई है? मैंने भी झूठी मुस्कान हुकेरी । पर मुझे कोई चीज परेशान कर रही थी । मैंने आराम से अपना खाना खाया और जब तक वो बातें कर रहे थे राहुल भी चुप चाप आपका खाना खा रहा था । तो मैंने धीरे से उससे पूछा तुम सब लोग आज कॉलेज में हम दोनों पर क्यों हंस रहे थे? मेरी आवाज सुनकर और सब लोगों ने बातचीत बंद कर दी और मुझे देखने लगे । विनीत ने तंज कसते हुए कहा हूँ, अपनी भाभी को देखकर मुस्कुराने में कुछ गलत है क्या? मैंने उसे कहा मैंने तुमसे कहा था ना तुम सब उसके सामने कभी ये बात उजागर नहीं कर हो गए कि तुम हमारे रिश्तों के बारे में सब कुछ जानते हो पर उस दिन मैं अच्छे मूड में नहीं था और अन्ना ने मुझे चिढाते हुए आगे कहा आज भाभी ने छूटना नहीं किया । शायद मैंने गुस्से में अपनी प्लेट हवा में भेजते और अन्ना के टी शर्ट भेजकर चिल्लाने लगा हूँ । दोस्ती का मजाक मत उडाओ । अगर मेरे रिश्ते को बिगाड हो गए तो मैं तुम लोगों को छोडो मैं नहीं । मेरी आखिरी गुस्से में लाल और मांसपेशियां हो गई । अन्ना ने मुझे जोर से धक्का दिया और मैं बेंच से नहीं थे । गिर गया और लोग और लोग भी खडे हो गए और मुझे छुडाने लगे । हमारे सीनियर्स जो अभी तक बैठे हुए थे मुझे रोकते हुए चिल्लाने लगे । पर मैं गुस्से से भरा हुआ था और मैंने अपने सामने रखी प्लेटों में से एक प्लेट उठाकर उन परफेटी मैंने अन्ना को पीछे से पकडा जबकि विनीत और आकाश मुझे रोकने की कोशिश करते रहे । मैं गुस्से में पागल था । इस की उनको भी मारने लग गया । आखिरकार विनीत ने मेरे चेहरे पर एक हिंसा जॉॅब गिर गया । मेरी नाक से खून बह चाहता हूँ । मैं किनारे खिसक गया और खून रोकने के लिए अपने नाम दबाने लगा । विनीत और अन्य खडे होकर मुझे देखने लगे । वहीं सीनियर से हमें खींच कर अलग थी और फिर खूब टाटा राहुल ने में इसमें रखे हुए मेडिकल बहुत से थोडी बहुत हुई निकली और मेरी नाक साफ कर दी । मैंने उसका हाथ हटाया और उन लोगों को थोडी देर तक देखता रहा और फिर होते हुए जोर से चिल्लाया तो लोग मुझे प्यार नहीं करते हो तुम सब को शर्म आनी चाहिए तो उन लोगों ने मुझे उस लडकी के सामने आज पे बस कर दिया जिसे मैं अपने जीवन में इतना प्यार करता हूँ तुम लोगों के कारण आज मैंने उसे रुलाते क्या मैं और जोर जोर से चिल्लाने लगा । राहुल अब भी मेरा हाथ पकडकर मुझे रोके हुए था और मेरी नाक से निकलते हुए खून को रोकने की कोशिश कर रहा था जो मेरी गर्दन तक पहुँच चुका था । अन्ना ने एक सिगरेट निकली और मेरे बगल में खडे होकर दूसरी ओर मौ करके फूंकनी शुरू करती है । फॅमिली तो उसकी बाहर दबा रहा था और आकाश टीशर्ट फट गई थी । सीनियर्स ने राहुल को मेरा बहता हुआ खून साफ करने को कहा और मैं होता हुआ अकेला खडा रहा हूँ । मैंने कुछ मिनट पहले जो भी किया था उसके लिए मैं बहुत ही बुरा महसूस कर रहा था क्योंकि मैं अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाया । मैंने फिर कहना शुरू किया तो तुम लोगों ने मुझे अपना दोस्त का था और अब तुम लोग ही मेरा रिश्ता खराब करने पर तुले । मैं उसे बहुत प्यार करता हूँ दुनिया में सबसे ज्यादा और अगर मैंने उसे तुम लोगों की वजह से खो दिया तो मैं तुम लोगों को कभी माफ नहीं करूंगा । विधिक पास में आया और मुझे गले लगा लिया । उसने कहा भाई हमें माफ कर देना यार क्या तुम अपने दोस्तों को माफ नहीं करोगे? मैंने उसे पीछे धक्का देना चाहिए पर उसने मुझे जोर से पकड लिया । उस दिन मुझे इस बात का एहसास हुआ कि अपने दोस्तों से झपटी पादा दुनिया का सबसे खूबसूरत अहसास है । मैंने भी उसे गले लगाया और उसे सौरे का । हमें देखकर आकाश फिर उठकर बीच में चलाया और फिर अन्ना भी फिर राहुल और उस फ्लोर के और लडके भी आ गए । मैं उन लोगों की झपकियों के बीच फंसकर सैंडविच बन गया और अपने बडे हुए खून और दर्द को भूल गया । हम जैसे उठकर खडे हुए, वे नहीं थे मुझे छेड खाते हुए फिर कहा पैसा ही तो तुमने आज प्लेट से बहुत बुरी तरीके से हमला किया है । इस बार मैं मुस्कुराने लगा और समझ गया कि वो मुझे छुडाना नहीं छोडेंगे परन्तु था । उन्होंने मुझसे वादा किया तो वो तभी भी उसको नहीं बताएंगे कि उन्हें हमारे रिश्ते के बारे में पता है । मैं मेस में कुछ देर तक रहा । राहुल भी वहीं पर था । हम एक बेंच खींचकर छत के किनारे में ले गए और बैठकर रोड को देखने लगे । उसने मुझसे कहा क्या तुम वैदेही के बारे में बात करना चाहते हूँ । मैं आगे देखता रहा और फिर मैंने कहा हूँ आज मैं गलत था । असल में आज मैं तुम लोगों पर गुस्सा नहीं था । मैं खुद से ही नाराज था । मैं अपना ही वादा नहीं नहीं आ पाया । राहुल ने मेरी बात सुनी और फिर सोच का जवाब दिया । जहाँ तक मैं वैदेही को जानता हूँ वो आत्मविश्वास से भरे हुए पोल्टर लडकी है । उसे इस बात से फर्क नहीं पडता कि कोई उसके बारे में क्या सोचता है । हाँ मुझे लगता है कि वह घमंडी है । मैंने कहा घमंडी नहीं, एक दम भी नहीं । वो बहुत ही फ्रेंड है पर उसके लिए आज मैंने एक नहीं बात सुनी । राहुल नहीं इत्मीनान से कहा देखो रोहर वो तुम्हारे साथ बहुत फ्रेंडली है और हम में से अधिकांश के लिए वो एक खम्मन दी लाल की है क्योंकि उसने पिछले एक साल में आपने कई सहयोगी पार्टियों से अभी तक बातचीत भी नहीं है । मैंने जोर देकर का हाँ मैं तुम्हारी बात का समर्थन करता हूँ और वो घमंडी भी नहीं है । राहुल सही नहीं था और मैं रहते ही के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं सुन सकता था । वो मेरा प्यार है और मैं उसका अपमान नहीं सह सकता । उस की सोच हो सकती है । पर मैं दिल्ली वह सबसे प्यारी और फॅमिली इंसान है । वार्षिक उत्सव का दिन था । मैंने डांस में भाग लिया था और चारों में भी पार्टी थी । वहीं वैदेही आकाश के साथ थी । मम्मी और पापा भी जबलपुर से मेरी प्रस्तुति देखते हैं । इस आयोजन में आए थे । मेरे लिए वैदही को मम्मी पापा से मिलने का ये सबसे अच्छा समय था । मैं बैक स्टेज में अपनी प्रस्तुति देने के लिए तैयार हो रहा था । तभी वार्डन ने कहा कि तुम्हारे पापा बगीचे में तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं । मैं दौड कर उनसे मिलने गया तो देखा मम्मी भी उनके साथ खडी थी । मैं होती और लाल कुत्ते के साथ एक पंजाबी पगली पहले था । मैंने उनके पैर हुए और उन्हें खुशी से गले लगा लिया । मैंने उनका शुक्रिया अदा करते हुए कहा, इस आयोजन में आने के लिए आप दोनों को बहुत बहुत धन्यवाद माने । मेरे सिर पर एक थपकी देते हुए कहा की तो आप की प्रस्तुति दे रहे थे तो हमें तो आना ही था पाता जो मुझे प्यार से देखे जा रहे थे । आपने बैंक में से कुछ निकाला जो वह पकडे हुए थे । उन्होंने मुझे गिफ्ट पेपर से लिपटा हुआ एक बात हम आते हुए का रोहन ये तुम्हारे लिए हैं । मैंने उसके को आश्चर्य के साथ खोला तो मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं था तो एक शानदार कैमरा था मैंने छटता वहाँ पाता आई लव यू । मैं हमेशा से यह चाहता था पापा ने मुस्कुराते हुए मेरे पीठ पर थपकी थी । अब मैं कॉलेज लाइफ के अपने हर पल वैदेही के साथ बात कर सकता हूँ । मैंने फिर उन्हें धन्यवाद कहा और उनसे कहा कि अब मैं चलता हूँ क्योंकि मेरी प्रस्तुति अब शुरू होने वाली है । मैंने उन्हें आगे की सीट पर बैठने के लिए कहा जिससे वे मुझे परफॉर्म करते हुए अच्छे से देख सकें । बैक स्टेट में मैं बैठने वाली जगह पर गया जहां सारे विद्यार्थी बैठे हुए थे । मेरी आंखें अनुराग को ढूंढ रही थी । चुकी उसने इस उत्सव में भाग नहीं लिया था तो वो मेरी प्रस्तुति के समय नए कैमरे से मेरी प्रस्तुति की फोटो ले सकता था । मैंने उसे अपना कैमरा थमाया और उससे फोटो ले रहा होगा । जल्दी ही हमारी प्रस्तुति शुरू हो गई और हमारा शो बहुत अच्छा रहा । मैं देख पा रहा था कि पापा शो को बहुत मजे से देख रहे थे । अभी बहुत सारे होते । जैसे ही हमने परफॉर्मेंस पूरे टी हमने कपडे बदल लिए और विद्यार्थियों की बैठने वाली जगह पर चले गए । वैदेही मेरे बगल में आकर बैठ गई और हम लोगों ने पूरा शो अच्छे से चिल्लाकर हसते हुए मजाक उडाते हुए भी देखा । अनुराग ने तब तक बहुत सारी फोटो खींच ली थी और फिर उसने कैमरा मुझे दिया । मैं सामने से मम्मी पापा को बैठे हुए देख रहा था । मैंने वैदेही के पास आकर उसके कान में आकर इसलिए कहा क्योंकि बहुत शोर हो रहा था । मैंने कहा चलो तो मैं मम्मी पापा से मिलाता हूँ । उसने छौक्कर का सच में तो मुझे उनसे मिलाना चाहते हो । मैंने उसे अपने पांच लाख से समझाते हुए का हाँ हूँ क्यों नहीं मैं तो मैं उनसे मेरी दोस्ती की हैसियत से मिलना होगा । आखिरकार जब कॉलेज खत्म होने के बाद मैं उन्हें हमारे बीच के रिश्ते के बारे में बताऊंगा तो उन्हें तुम या तो होगी । वो उस दिन बहुत सुन्दर लग रही थी । एक सुंदर लडकी जो अपने चेहरे पर मेकप किए हुए थी, उस दिन पर इसी लग रही थी । मैं उसे घुटने से अपने आप को रोक नहीं पा रहा था । मैं उसका हाथ पकडा और उसे उठने को कहा और हम मेरे माता पिता से मिलने के लिए आगे की पंक्ति में आ गए । उस समय डरी हुई सी वो और खुबसूरत लग रही थी । उसने मुझसे बहुत धीरे से कहा ऍम मैं मुस्कुराने लगा और कहने लगा ऍम मेरे लिए बहुत मायने रखता है पर उनके पैर छूना तुम्हारी बात है । हम लोग जब पास आए तो मम्मी पापा खडे हो गए और मैंने उन का परिचय कराते हुए कहा माँ ये ज्यादा ही है । वैदेही ने उन्हें पहले हाथ जोड नमस्ते किया और फिर पास होने के लिए छूट गई । पापा ने उसे रोकते हुए कहा अरे रहने दो पेडा इस की कोई जरूरत नहीं है । मांगों से बडी खुशी से देखने जा रही थी । जैसे कि उसे अभी अपने घर ले चलेंगे । वहाँ को ज्यादा कहने को नहीं था तो मैंने पापा को सूचित किया कि मैं अपने दोस्तों के साथ जाऊंगा और हॉस्टल देर से जाऊंगा । वो हमारे रिश्तेदार कहाँ वापस जा सकते हैं जहां वो ठहरे हुए थे । मैं वहाँ से चला गया और बैठे ही भी सहज हो गई । हम लोग अपनी सीट पर वापस आ गए और पूरा शो मजे से देखा । कुछ मिनट बाद उसने मुझे उसके पीछे आने होगा । वो उठी और चिल्लाते हुए बच्चों की भीड को अनसुना कर बाहर चली गई । जब चली गई तब मैं था और उसके पीछे आने लगा । मैं ऐसे ही बाहर गया तो देखा वहाँ खुद पांधे रहा था और रात के साढे आठ बज चुके थे । मैंने चारों ओर देखा पर वो देखी नहीं । मैं बगीचे की तरफ गया हूँ और देखा कि वो लॉन के बीचोंबीच अकेली खाली है । मैं ऊपर गया और उसके पीछे खडा हो गया । उसके करीब जाकर मैंने उनसे पूछा क्या हुआ उस रात में तारों भरे आकाश को देखकर उसने कहा, इतनी रात में एक साथ हम दोनों पहली बार है । मैंने उससे कहा मैंने पहली बार तुम्हें खुले बालों में देखा है । काली आपकी तरह तुम्हारे पाल बहुत खुबसूरत लग रहे हैं । उससे जवाब दिया, उन दो दारों को देखो, कितनी तेज चमक रहे हैं । ऐसा लगता है कि वो हमें अपने प्यार की कहानी सुनाना चाहते हो, पर उनकी आवाज हम तक पहुंच नहीं रही है । उसने अपना सेट नहीं चेटिया और मेरी तरफ मोडकर बोली मैं तुम्हारे साथ समय बिताना चाहती हूँ । मैंने पलट कर रहा हूँ । मैं तुम्हारे साथ मतलब वहाँ बताना चाहता हूँ तो शांति रात में इतनी सुन्दर लग रही थी कि मैं उसे शुरू लेना चाहता था । वहाँ पर बहुत शांति थी और सभी लोग शो देखने में व्यस्त थे और हम प्रेम के पाँच ही एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे । खिले हुए फूलों नहीं । इस पल में औरंगा भारतीय थे । मैंने उससे पूछा हूँ तो मुझे प्यार करती हूँ । क्या ये एक कल्पना है? उसने मेरी आंखों में झांककर का एक बात याद रखा हूँ । भविष्य में जो कुछ भी हो हूँ मैं मौत आने तक तुम्हें प्यार करती रहूंगी । मैंने उसका हाथ पकडा और कहा चलो अंदर चलते हैं । उस ने मुझसे कहा क्योंकि वो तो मैं यहाँ अच्छा नहीं लग रहा हूँ । मैंने भी उसकी आंखों में देखा और कहा मेरे लिए भी रात सबसे ज्यादा रोमेंटिक और याद का रात होगी । पेरिस रात को आखिरी सांस तक याद रखूंगा भगवान ने मुझे तो मैं मेरी जिंदगी में सबसे अच्छे उपहार के रूप में भेजा है । इससे पहले की मेरा दिल्ली इस बात को सुन ले चलो यहाँ से मैंने उसका हाथ पकडा और चलने लगा पर उसने मेरा हाथ पकडा । मुझे वापस खींच क्या मैं जैसे ही उसकी ओर मुडा वह आंखे बंद की हुई खडी थी । उसके खुले बालों को हवा उडाया जा रही थी और उसके दुपट्टे का किनारा भी हवा में उड रहा था । ऑडिटोरियम में वापस जाना नहीं चाहते थे उससे अपनी आंखे खोलते हुए अगले मिनट में धीमे से कहा आई लव यू और मैं तुम्हें हमेशा प्रयास करते होंगे तो तुमने मेरे अंदर जो कुछ भी पाया हो पर मैंने तो मैं पाकर सच्चा प्यार पाया है जिसके बारे में मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी । उस समय मुझे समझ आ गया तो मुझे कितना चाहती है और मैं उसे कितना चाहता हूँ । अगर कोई आपको प्यार करता है तो आपको से ताकत मिलती है और किसी को प्यार करने से आपको उत्साह मिलता है । प्यारे कैसे शर्त है जिसमें अपनी खुशी की ही तरह दूसरे व्यक्ति की खुशी भी उतनी ही जरूरी है । वापस चाहते हुए उसने मुझे एक और बात कही । हालांकि अभी मैं जीवन की अधिकतर चीजों के लिए अनिश्चित हूँ । पर एक बात पक्की है कि मैं तुमसे प्यार करती हूँ और हमेशा तो उनसे प्यार करते रहोगे । मैं उसके शब्दों को सुनकर मुस्कुरा उठा और मैंने उसके माथे को चूम लिया । वो मेरे मम्मी पापा से मिलकर बहुत विश्वास से भरी हुई थी । हो सकता है उसे अब विश्वास हुआ हूँ कि मैं उसे सच में प्यार करता हूँ । खुले बागान में उसका मुझे चुनना इस बात का सबूत था कि वह मुझे सच्चे दिल से और दिल की पूरी गहराइयों से प्यार करते थे । कभी कभी तो मैं उसे समझ नहीं पाता हूँ । पर मैं बिना कुछ का नहीं ये चाहता हूँ कि उसे सिर्फ और सिर्फ प्यास करता रहूँ । आज का दिन दो हजार दिन रात के साढे ग्यारह बज रहे थे और मैं देहरादून में प्रवेश कर चुका था । मैं वैदेही की यादों में इतना डूब गया था कि मुझे याद ही नहीं की ये चार घंटे कैसे गुजर गए । मुझे ऐसा लगा कि मैं वापस कॉलेज के दिनों को जी आया और वो जबलपुर में मेरा इंतजार कर रही है । पर असलियत कुछ आ रही थी । मैं देहरादून में अकेला था । हम जैसे ही चंद्र बाडी चौक से गुजर रहे थे, मैंने राजेश एक कार रोकने को कहा । उसने सर हिलाया और कार के स्पीड काम करती और पार्किंग लाइट्स जलाकर और कार को रोड के किनारे हो गया । राजेश ने पीछे मुडकर मेरी और देखा और कहा सब कुछ सही है ना साथ । मैंने जवाब दिया, हाँ हाँ, सब सही है । बस सिगरेट का एक पैकेट चाहिए था । मैं नीचे उतारा और किनारे में अब तक खुली हुई उस छोटी सी पान की दुकान के पास गया । मैंने अपना पर्स निकाला और उससे सिगरेट का पैकेट देना होगा । राजेश ने कार का बोनट खुला और उसमें पानी का लेवल देखा । मैंने एक सिगरेट निकली और सीट की तरफ पीछे की ओर छुट गया । मैंने कष्ट खींचा और शाम के बारे में सोचने लगा । जब पापा का फोन आया था, मैं दोस्तों के साथ हॉस्टल में मजे कर रहा था । तभी किसी ने चिल्लाकर मेरा नाम पुकारा । मेरे लिए फोन आया था । मैं फोन उठाने के लिए भागा । एसटीडी बूथ के मालिक जो बहुत ही मुश्किल से मुस्कुराते थे, ने मुझे रुकने के लिए कहा क्योंकि पापा फिर फोन करने वाले थे । मैं हैरान हो गया था कि पापा ने पता नहीं मुझे क्यों कॉल किया होगा । मुझे बहुत कम कॉल करते थे । जैसे ही फोन बजा मैंने तुरंत छुपकर उठा लिया । पापा ने खुशी में मुझे सूचित करते हुए कहा कि रोहन एक खुशखबरी है । मैंने माँ को कुछ बहुत बताते हुए सुना । वो भी मुझ से बात करने के लिए लालायित थी । उनकी खुशी को महसूस करते हुए मैंने अपने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए उनसे पूछा होता था । उन्होंने कहा, सुरभि की शादी का दिन तय हो गया है और शादी दस दिन बाद है । ये तो बहुत अच्छी खबर है । मैं अपनी बहन के लिए बहुत खुश था । वो अब अपनी नई जिंदगी शुरू करेगी । वाह, ये तो बहुत ही अच्छी खबर है । कहाँ है वो? मैंने पापा से पूछा । पापा ने मुझे बताया कि वह अपने खास दोस्तों के साथ शॉपिंग करने गई है और उसे आने में देरी हो जाएगी । मैंने उनसे कहा कि उसे मेरे बदले में बधाई देते रहा और मैं कल उसे फोन करूंगा । माने पापा से फोन छीनते हुए कहा बहुत सारे काम करने हैं । तुम कम से कम एक हफ्ता की छुट्टी लेकर पहले गहरा जाना । मैंने कहा हाँ हाँ, मैं जरूर जल्दी आ जाऊंगा तो जोश में कहाँ जा रही थी? अच्छा मैं तुम्हारे होस्टल के लिए भी शादी के कुछ निमंत्रणपत्र कोरियर कर दूंगी तो मैं अपने दोस्तों को भी शादी में आने के लिए आमंत्रित करता हूँ । ऐसा सुनकर मेरे दिमाग में एक विचार आया । मैंने उनसे कहा कि वह फोन का रिसीवर पापा को दें । मैंने पापा से गुजारिश की कि आप सिविल लाइंस के संगम होटल में मेरे कुछ दोस्तों के लिए कमरे बुक कर सकते हैं । मैं ये सोच रहा था कि अपने कुछ करीबी दोस्तों जिसमें वैदेही भी शामिल है । कुछ सुरभि दी की शादी में बुला मेरा विचार था कि इसी बहाने मैं उसे अपने पूरे परिवार से भी मिला तो उसे भी मेरे पूरे परिवार से मिलने और उन्हें समझने के लिए समय मिल जाएगा । हो सकता है कि इससे हमारे रिश्ते के बीच थोडी बर्फ और पिछले और वह खुलकर हमारे रिश्ते को स्वीकार कर पाए । पाल के भी पता नहीं था कि वो शादी में भाग लेने के लिए आएगी भी या नहीं । उसके तेवरों को समझ पाना बडा कठिन होता है । मुझे पता था कि अगर मैं उसे शादी में आने को कहूंगा तो वो लोगों के नजर में आने के चक्कर में ना कहते कि इसलिए मैंने उसे इस बाबत मनाने के लिए एक टाइम सोचा । मुझे जैसे ही निमंत्रण पत्र मिले मैंने उसे नजर अंदाज कर उसके कुछ करीबी दोस्तों के बीच निमंत्रण पत्रम । पार्टी है । मुझे पता था कि अगर मुझे उसे जलाना है तो मुझे चारों के साथ फ्लर्ट करना होगा । वार्षिक उत्सव के बाद से वो बहुत ही सुरक्षित सा महसूस कर रही थी । इसलिए मैंने चारों के साथ मिलकर ये प्लान बनाया कि ये प्लान कहीं काम कर जाए । उस दिन मैं कॉलेज पहुंचा । वहाँ चारों और रीना वैदेही के साथ बाहर खडी थी । रैना भी हमारी पार्टी थी जो एक पढाकू और चुपचाप रहने वाले लडकी थी । चार हुआ बिना कुछ पढाई के बारे में बात कर रहे थे । वहीं बैठे ही मेरी डायरी में लिखी कविताओं को पढने में मशगूल थे । उसने वार्षिक उत्सव वाले दिन मुझ से मेरी फॅमिली हुई थी । जब मैंने शो के दौरान अपनी कविताओं की कुछ पंक्तियां उसमें से पढी थी । उसे पता नहीं था कि मैं उसके पास पहुंच गया हूँ और उसके पास खडा हूँ । मैं उसे जलाने के लिए अपनी योजना शुरू करने ही वाला था । मैंने अपने बैग में से शादी के निमंत्रण कार्ड निकले और कहा, खाए चारु और इलाके । उन्होंने भी मुस्कुराते हुए मुझे जवाब दिया । वैदेही ने भी मेरी तरफ मुस्कुराकर देखा तो मैं भी उसे देख मुस्कुराया और फिर मैंने अपना चेहरा अच्छे तरीके से बनाते हुए चारों की ओर देखकर का चारु ये तुम्हारे लिए मैंने एक कार्ड उसे और दूसरा महीना को दे दिया ।

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यह प्रेमकथा उन सारे युगल प्रेमियों को समर्पित है, जिनकी प्रेम कहानी हमेशा के लिए अधूरी रह गई... writer: हिमांशु राय Author : Himanshu Rai Script Writer : Shreekant Sinha
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