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प्यार तो होना ही था - Part 10 in Hindi

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AuthorMixing Emotions
यह प्रेमकथा उन सारे युगल प्रेमियों को समर्पित है, जिनकी प्रेम कहानी हमेशा के लिए अधूरी रह गई... writer: हिमांशु राय Author : Himanshu Rai Script Writer : Shreekant Sinha
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फिर उसने कहा कि जब तुम ने मुझे प्रपोज कर दिया है तो आप खत्म हो रहे हो । मैंने पूरे आत्मविश्वास से उससे कहा मैं घबराया नहीं हूँ पर मेरी आवाज कम रहे थे वो और पास आकर कहने लगी तो तुम मुझे भाग क्यों रहे हो? उसकी कुर्ती मेरी शर्ट को छू रही थी और मैं खबरे आ रहा था । मैंने उससे कहा मैं कॉलेज के अंतिम दिन तक सर तुम्हारा तो उस बनकर नहीं रह सकता और तुम्हारे जवाब का इंतजार नहीं कर सकता हूँ । ऍफ तुम्हारा हाथ पकडकर और तुम्हारे खूबसूरत आंखों को निहारकर नहीं बैठ सकता हूँ । नहीं यार, तुम्हारे पालों को सुलझा भी नहीं सकते हैं । मैं कहते कहते रुक गया, समय हो गया पर उत्तेजना अभी भी थी । तभी कुछ सेकंड के बाद तो मुझे लगातार थी, रही और बैंक में से अपना टिफिन बॉक्स निकाला और मेरे हाथ में रख दिया । उसने मेरी तरफ मुस्कुराकर देखा और कहा तुम्हें टिफिन खा सकती हूँ । ऐसा देखकर मैं हैरान हो गया और वो चली गई । जो भी कुछ वो समय हुआ उस पर मुझे विश्वास नहीं हो रहा था । मैं वहाँ पंद्रह मिनट तक वैसे ही खडा रहा और हमारे बीच जो भी हुआ उस पर विश्वास करने की कोशिश करता हूँ । मुझे अपने प्रपोसल का जवाब दे चुका था । अगले दिन लगभग बीस घंटे, नौ मिनट और छत्तीस सेकंड के बाद वैसे ही मेरे सामने क्लास काम में खडी थी जो अभी खाली था । उसने मेरे अंदर पनपते हुए विचारों को अपने मीठी आवाज में जगह कर का रुको फोटो और फिर जवाब देना । मैंने उसे देख कर सिर्फ खिलाया । उसने कहा करीब जो भी हुआ उसे भूल जाऊँ क्योंकि हम लोग यहाँ पढाई करने के लिए है और अपना भविष्य सुनने के लिए है । मैंने बहुत सरलता से उससे पूछा फिर आ गए । उसने मेरे कंधे पर अपने हाथ पर रखी पुस्तक मारते हुए कहा मिस्टर रोहन मुझे पता है तुम्हारी सोई कहाँ अटकी हुई है । पर मैं इस बारे में गंभीर हूँ । उसने हमारे बीच शर्ट रखते हुए हमेशा याद रखना कि हम कॉलेज में अन्य लोगों की तरह अच्छे दोस्त बन कर रहेंगे । किसी को पता भी नहीं चलेगा की हम लोग साथ में हैं और हम अपनी पढाई पर ध्यान लगाए रखे रहें । जब तक मुझे समझा रही थी मेरे पैरों से छूट गए । उसने तभी अपने हाथ मेरी तरफ आगे कर दिए । मैंने उसे देखा फिर उसकी आंखों को देखा । उसने मुझसे कहा क्या आज मैं भी नहीं हूँ? मेरे हाथ छोडो और मुझे गौरेगांव । मैंने बडी मासूमियत से जवाब दिया नहीं । अभी तो तुम ने कहा कि छोडना नहीं है । उसने अपना हाथ पीछे खींच किया और कहा मिस्टर रोहन तीन में सपने देखना बंद करो । ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है । मैं उठा और दरवाजे की तरफ गया और बाहर झांका । कॉरिडोर में कोई भी नहीं था । फिर उसके पास गया और उसके पीछे खडा हो गया । वो एक कुर्सी पर बैठकर पुस्तक खोल रही थी । वो पीछे हटी । उसने अपनी पुस्तकें उठाई और ऍम के दरवाजे की हो चली गई हूँ । वो क्लास के प्रवेश द्वार पर होगी । पीछे मुडी और कहा याद रखना अगर तुमने इसके बारे में आपने किसी दोस्त या किसी और जाने वाले को बताया ना कि हम दोनों एक अच्छे दोस्त के ज्यादा कुछ और भी है तो मैं उनसे बात करना बंद कर दूंगी । मैंने अपने होठों पर अपना अंगूठा रख दिया । क्या समय था वो? मैं उसे देख मुस्कुराया और कुर्सी पर बैठकर मैंने अपने फॅमिली रखती है । हर गुजरते दिन के साथ मेरा प्यार परवान चढने लगा । मेरे जीवन के हर विचार में मैं उसकी मौजूदगी पानी लगा उसके मुस्कुराहट, उसका व्यवहार, उसके होट, उसकी हरकतें सभी मेरे लिए देश कीमती थे और उसका साथ मेरे लिए एक सपने जैसा था, जो मैं सच में ही रहा था । मेरा दूसरा सेमेस्टर बहुत ही अच्छा रहा । मेरे हॉस्टल के दोस्तों को छोड कर मेरे जीवन में सिर्फ एक ही दोस्त थी जो थी रहते ही हर सुबह मैं उसको साथ लेता और कॉलेज चाहता हूँ । फॅस के दौरान भी हम लोग साथ बैठते थे । वो हमेशा मेरे लिए एक अलग टिफिन लेकर आते थे और हम या तो लाइब्रेरी या क्लास रूम में बैठकर टिफिन करते हैं । इस सब को पता था कि हम लोग ए युगल प्रेमी हैं, चाहे हम किसी से कितना ही क्यों ना चुका है । आधी रात का समय था और हम लोग जबलपुर रेलवे स्टेशन के पास फौजी ठाकरे की तरफ जा रहे थे । फौजी ढाबा रात में साढे आठ बजे खुलता था और सुबह पांच बजे बंद हो जाता था । रात में खाना खाने के लिए ये हमारी पसंदीदा जगह थी । महीने की शुरुआत को छोडकर जब हमारी जेबों में पैसे नहीं होते थे, इसलिए फौजी जहाँ हमारे दिलों में राज कर चुका था, उस रात मैं विनीत, अन्ना, आकाश, राहुल, कमल, मजहर और कुछ आप लडकों के साथ फौजी छापा गया । हम लोग हमेशा की तरह ही भूखे थे । मैं अपने बॉक्सर्स पे था और बैठे ही नहीं । वैलेंटाइन डे के दिन उपहार में जो सफेद टीशर्ट थी वो मैंने पहली थी । उसका ये उपहार मेरे दिल के बहुत करीब था और मैंने रात में उसकी मौजूदगी का एहसास करने के लिए वो टीशर्ट पहले थी । हम लोग हॉस्टल से जैसे ही बाहर निकले तो छोटों को कहा कि जब हम लोग वापस आ गया वो हमारे लिए दरवाजा खुला और वार्डन को इसका पता नहीं लगना चाहिए । हम लोग बात कर ही रहे थे कि विनीत ने मुझसे पूछा तो बारह टी शर्ट बहुत ही अच्छी लग रही है तो मैं कहाँ से हो रही थी? मैं उसे बताना नहीं चाहता था कि बैठे ही नहीं । मुझे उपहार स्वरूप होती है । पर उसने फिर जोर देकर पूछा कि तुम नहीं है कहाँ से खा दीदी पर इस समय आकाश नहीं मुझे छेडते हुए कहा अरे भाई, इसका वाॅक है । मैंने छत से उसे बीच में टोकते हुए कहा ऐसा कुछ नहीं है । यह टीशर्ट मेरी माँ ने मुझे दी है । विनीत लंबे लंबे डग भरते हुए मेरे सामने आया और मेरी टीशर्ट को सामने से देखने लगा । विनीत थी मेरी हरकतों को देखता हूँ । अच्छा अगर तेरी मम्मी ने मुझे गिफ्ट किये है तो चल हम आपस में टी शर्ट बदल लेते । मैंने बडे हाथ से उसे कहा मैं रोड पर अपनी टी शर्ट कैसे उतारूँ क्यूँ? तुम लडकी नहीं हो गया । हम राइडिंग के दौरान जब लगे घूम सकते हैं तो यहाँ क्यों नहीं? उस ने जोर देकर कहा आपने टेंशन होता मुझे बहुत पसंद आ रही है । मुझे ये चाहिए आकाश में साथ में मिल गया और कहने लगा हाँ वन आपने ये ऍम ऊं विदेश ने अपनी टी शर्ट उतारी और वो मेरे भी टीशर्ट उतारकर उसे देने का इंतजार कर रहा था । मैं थोडा पशोपेश में था क्या करूँ या तो अपनी टी शर्ट उसे दे दूँ या उसके सामने करार कर उसके बदले में फौजी ढाबे की और तुरंत थोडा विनीत और आकाश मुझे पकडने के लिए मेरा पीछा करने लगे । वहीं और तो तो भी आ गए । मुश्किल से पचास मीटर ही तो खडा था की उन्होंने पकड लिया और मेरी टीशर्ट उतारने लगे । मैं चिल्लाया मोटू ॅ और रुक जाओ मैं ये टी शर्ट नहीं दे सकता और फिर मैंने उनसे अपने इसका एक हजार क्या सारे खुशी से लाए? मैं चाहता तो नहीं था पर अपनी टी शर्ट को बचाने के लिए मुझे इस बात का इकरार करना ही पडता है । यहाँ समझा करो ये रहते ही नहीं मुझे दी है । उन्होंने मुझे छोड दिया । विनीत आकाश दोनों जोर जोर से हंसने लगे और बोले अरे भाई, हम सबको पता है कि ये तो मैं रहते ही नहीं दिए पर हम तो तुम्हारे मुँह से सुनना चाहते थे । हम तुम्हारे दोस्त है और हमें हमारी भावी जान के बारे में जानने का हक है । भाई अच्छा ठीक है, ठीक है । वो मेरी गर्लफ्रेंड है और उसी ने मुझे ये टीशर्ट की है । ऐसा सुनकर वे सारे रोड पर ही चिल्लाने लगे और उसका नाम जोर जोर से लेने लगे । मुबारक खो हमारी एक और भावी है । रोहन की वैदेही मैं उन जैसे दोस्त पाकर बहुत खुश था जो मेरे लिए खुश भी थे और मेरे बारे में सोचते भी हैं । उस रात तो मैं पार्टी बुलाया था और मैंने फौजी ढाबे में सब के बदले का पिल दिया । हम लोग रात में दो बजे वापस आए और अपने कमरों में गए । बिलीव आकाश के साथ हमारे कमरे में आया । हम लोगों ने लाइट बंद करती और बाते करने लगे । हमारे कमरे के ठीक बाहर ऍम पोस्ट से लाइट आ रही थी । विनीत खिडकी खोली क्योंकि वो सीक्रेट भी रहा था । विनीत एक लंबी कष्ट भरते हुए पूछा, तुम हम से ये क्या छुपा रहे हूँ? मैंने कुछ सोच कर उसकी गोद में लेट कर घर जवाब दिया । वो अभी तो इस बारे में खुलकर बात नहीं कर सकेगी और तुम्हारे स्कूल की कल फ्रेंड के बारे में क्या हुआ? क्या नाम है उसका नाम? क्या अपनी टी शर्ट पर हाथ रखकर बहने का? मुझे लगता है कि वह सब आकर्षण था । कुछ और नहीं । मैं अब उसके सपने नहीं देखता हूँ । उसने मुझसे पूछा हूँ तुम हमें फिर कब उससे मिला रहे हो? हमारी भावी की तरह मैं मुस्कुराकर उसे सुनता रहा । पर मैं उन्हें उससे अभी ऐसे तो नहीं मिला सकता । भाई समझा करो, अभी नहीं । मैं नहीं चाहता कि वह अभी से हमारे रिश्ते को लेकर सब पता है । एक अच्छा दोस्त होने की वजह से वो मेरी बात समझ गया और मान भी गया । मेरी लव लाइफ एक दम सही जा रही थी । मेरा दिल और दिमाग प्यार के ही ही लगता था । मैं उसके लिए बहुत सारे गाने गाता था और फोन गानों को काफी मन से सुनती भी थी । हम दोनों दिनभर सात होते थे । साथ में चारों भी जो हमें एक समय के बाद कबाब में हड्डी की तरह लगने लगी थी । चारों नहीं पर बैठे ही से कहा बेटा कि वह मेरे प्यार में पडकर दिन पर दिन गोरी भी होती जा रही है । पर हम दोनों इस पे तू के अवलोकन पर हफ्ते लगे । हमारे पहले सेमेस्टर के रिजल्ट आ चुके थे । अनुराग सुबह सुबह हमारे हॉस्टल दौडे चले आ रहा था । मैं अभी तक बिस्तर में करवटें बदलकर वापस में गाने सुन रहा था । वहीं आकाश बातों में पानी बर्बाद कर रहा था । अनुराग ने चिल्लाकर दरवाजे को धक्का मारते हुए का दोस्त रिजल्ट आ गए हैं । तैयार हो जाओ कॉलेज चलते हैं । उसकी बात सुनकर कुछ और लोग भी मेरे कमरे में जमा हो गए । हर कोई उत्साहित और खबर आया हुआ था । अन्ना ने डर्क से कहा मेरा तो पक्का ही रुक गया होगा । एक सबसे अनुराग एक लोकल लडका था और उसे ये सारी खबरें फोन पर मिल गई होगी । उसे परीक्षा परिणाम के बारे में पक्के से पता होगा । तभी तो वह पहले होस्टल आया कि मुझे साथ में ले जा सकें । मैंने बाथरूम का दरवाजा जोर से खटकटाया और आकाश जल्दी से बाहर निकला । हम लोग जल्दी से कॉलेज के लिए तैयार हो गए । मेरा दिल बहुत तेजी से धडक रहा था । मेरे स्कूल की परछाई मेरा पीछा कर रही थी । मुझे लग रहा था की पता नहीं पास भी हो पाऊंगा कि नहीं । हम जैसे ही कॉलेज के गेट के पास पहुंचे तो नोटिस बोर्ड के पास बच्चों की भीड जमा थी । सारे अपना रिजल्ट देखने की कोशिश में चिल्ला रहे थे । हम लोग स्कूटर से उतर गए और उसी तरफ आगे विक्रम ने मुझे बधाई दी क्योंकि वैदेही पहले स्थान पर आई थी । मैं उसके लिए बहुत खुश था । वो इस लायक थी । वो सब देखने में सुंदर नहीं थी । पढाई में भी बहुत अच्छी थी । मैंने चारों ओर देखा पर वो आस पास कहीं भी नहीं थी । मैं थोडी स्पोर्ट की तरफ अपना रिजल्ट देखने के लिए भागा । मैंने भीड के बीच में से अपने लिए रास्ता बनाया जबकि अनुराग ने रास्ता बनाने के लिए पीछे के लोगों को धक्का दिया । हमने परीक्षा परिणाम देखने शुरू किए । मैं सारे विश्व में प्रतिशत अंकों के साथ पास हो गया था । फिर मैंने वैदेही के अंदर देखें उसे मिले थे । नवासी प्रतिशत उसने पूरे कॉलेज में टॉप किया था । मैंने धीरे से कहा ऍम हूँ । मैं किसी तरह भी इसमें से निकलकर आया और अनुराग के साथ खडा हो गया । जो नोटिस बोर्ड के सामने सीढियों पर खडा था । मैंने उससे पूछा रहे ठाकुर क्या हुआ तो रिजर्व जरा ऐसा लग रहा था कि वह अभी धोनी लग जाएगा । उसने कहा एक विषय में फेल हो गया । मैंने उसे सांत्वना देने की कोशिश की और का क्या चिंता मत करो इसको इतना गंभीरता से मत लो । सिर्फ एक ही विषय तो है तो इस कम्पार्टमेंट परीक्षा में पास हो जाओगे । जहाँ मैं उसे सांत्वना दे रहा था वहीं आकाश दुखी सा चेहरा बनाकर आ गया और उसके साथ में नहीं पी आया जो फस रहा था । मैंने पूछा मैंने किया हुआ तो भारत रिजल्ट का जरा मैंने पूछा तो उसने फिर हसते हुए का होना क्या है? मैं चारो पांचों विश्व में फैल हो गया हूँ और आकाश में अनुराग ने का बकवास और तुम लोग हंस रहे हो । एक दिन इंजीनियर जरूर बनूंगा । हम लोग बातचीत में मसकूर थे कि पहले दूसरे बिगडन से बहुत ही को आते देखा । मैंने खिडकी से देखा कि वो आ रही है, उसकी तरफ भाग कर गया । वो स्कूटी से आ रही थी और मैं दूर से उसे देखकर चिल्लाकर कहने लगा वैदेही मेरा नाम सुनकर वो कई और मुस्कुराकर मेरी तरफ हो नहीं । चारों जो पिछले सीट पर बैठी थी वो नीचे उतर गई । मैंने उसे हल्के से गले लगाते हुए अपनी साफ रोककर का मुबारक हो पर उसने पूछा क्या तुम्हें पता है कि अगले महीने हमारे कैंपस में वार्षिक उत्सव हो रहा है? मैंने उसे वो बताते हुए कहा सच में तुम ऍम ना नहीं चाहिए । मैंने उसे बताया कि अपना डिसाइड देखने से पहले मैंने उसका रिजल्ट देख लिया था और उसने बात जारी रखते हुए कहा पर मैं तो वार्षिक उत्सव के बारे में ज्यादा उत्साहित होगा । मैंने भी शरारती अंदाज पर कह दिया हाँ मैं तुम्हारे साथ डांस करना चाहूंगा, बॉल डांस करोगी । उसने कहा चुप रहो वही पुराने गाने में एकरूपता, आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर जुबान पर और तुम्हें ये सारी जानकारियां किसने दिन मैं अंजुम सबसे मिली थी । उन्होंने कहा कि हमारा बैच इस गाने पर डांस करेगा । वो मेरे काफी करीब आई और धीरे से बहुत गंभीर आवाज में कहने लगी । मैं आशा करती हूँ कि हम कॉलेज में अभी तक एक कपल के रूप में प्रसिद्ध था । ना हुए हो हवा उसके बालों को उसके चेहरे पर उडा गई । मैं थोडा घबराकर आंखे चपटा कर कहने लगा नहीं नहीं, हम तो अभी भी सबसे अच्छे दोस्त हैं । कोई भी नहीं जानता होगा कि हमें कपल हैं । वो रुकी और मुझसे पूछने लगे फिर क्यों तुम्हारे होस्टल का तो पीछे से हमारे ऊपर हंस रहे हैं । मैंने ऐसे सुना तो तुरंत पीछे मोडकर देखा । मजहर, विनीत, अन्ना सब शैतानी चेहरा बना रहे थे और हमें देखकर फंस रहते हैं । मैं उन्हें देखकर चिल्लाया क्या हुआ रेस समझ कर कुछ नहीं, कुछ नहीं आ रहे भाई आप कोई बात नहीं फिर से हंसने लगे और दूसरी तरफ चले गए । इस घटना से बहुत थोडा सकपका गए और उसके चेहरे का रंग बदल गया । उसने फिर पूछा कि रोहन मैं तुमपर पूरा भरोसा करती हूँ और आशा करती हूँ वो हमारे बारे में कुछ नहीं जानते होंगे । मैंने उसके बाद पर हमें भरे और फिर उससे पूछा अच्छा क्या हो जाएगा अगर वो जान जाएंगे थोडी परेशान सी उसने अपनी छह से अपनी लाट हटाई और कहा मैं एक रूढिवादी परिवार से हूँ । मेरे पापा यहाँ के कई फैकल्टी मेंबर्स को जानते हैं । अगर उन्हें हमारे बारे में पता चलेगा तो बडी मुसीबत हो जाएगी । मैंने उससे कहा रक्षा एक दिन तो उनको पता चल जाएगा । उससे मुझे समझाते हुए गा । हाँ वो तो है ही पर उस दिन तुम पूरी तरह से काम करने लग गए और मेरे पास उन को समझाने के लिए कुछ कारण भी होगा । मैंने उसकी आंखों में देखा और कहा मैं तो मैं भरोसा दिलाता हूँ कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ और कोई ये जान नहीं पायेगा की हम दोनों एक हैं । वो फिर मुस्कुराई और मैं भी । पर मैं थोडा घबराया हुआ भी था क्योंकि मैं उससे झूठ बोल रहा है । हमारे हॉस्टल में हर कोई हमारे प्रेम प्रसंग के बारे में जानता था । मेरे दोस्त जानते थे कि मैं उससे प्यार करता हूँ । मुझे पता है कि मैंने अपने करीबी दोस्तों को ये बात बताकर गलत की है । पर अगर मैं उन्हें नहीं बताता हूँ तो भी सबको पता चल जाता है क्योंकि सबको ये साफ साफ दिख रहा था अगर उसे ये पता चल गया है कि मैंने उससे छूट बोला है तो क्या होगा । पर मैं अपने प्यार के बारे में पक्का था कि मैं किसी भी परिस्थिति में उसे मना ही होगा । अगले दिन डांस के लिए ऑपरेशन शुरू हो गए । अंजुम सर ऑडिटोरियम के स्टेज पर बैठे थे । जहाँ कुछ और लडके उन्हें खेलकर बैठे हुए थे तो हमारे बैच को उस टांस की टीम समझा रहे थे जो हमें परफॉर्म करना था । हम दोनों गए और अन्य लोगों के साथ खडे हो गए । उन्होंने समझाया कि ये फॅस है जिसमें एक लडका और एक लडकी होंगे । ये एक बॉलीवुड फिल्म के कहने पर होगा और हमें अच्छी तरह से तैयारी भी करनी होगी । वैदेही एवं मैं ये सुनकर बहुत उत्साहित थे । ये एक युगल के रूप में भी सबसे बढिया डांस होगा । मैंने उसे छूकर अपनी खुशी जताई । जब अंजुम सर ने अपनी बात पूरी खत्म कर ली तो उन्होंने उन सारे बच्चों के नाम एक छोडी के रूप में मांगे । मैं तुरंत उनके पास गया और हम दोनों का नाम भी लिखने को कहा । अंजुम सर ने हमें देखा और फिर का नहीं । तुम दोनों पार्टनर्स नहीं बन सकते । अपने लिए अलग पार्टी शुरू हो । उन्होंने अचानक ये बात कही जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी । मैंने जोर देकर का सर पर क्यूँ हम दोनों एक पार्टनर की तरह डांस करना चाहते हैं । वहीं बैठे ही एक गंभीर का चेहरा बनाकर उन्हें सुनती रही । उन्होंने मुझसे हसकर का कम से कम उसे परफॉर्म करने तो उन्होंने कहा इस गाने के लिए तुम दोनों एक साथ बच्चों को भी नहीं अपने लिए अलग पार्टनर ढूंढो । मैं उन्हें कुछ भी नहीं करता है और बैठे ही की तरफ थोडा वो गुस्से में खडी थी । उसमें मेरी तरफ देखा और ऑडिटोरियम से बाहर चली गई । मैं उसका नाम पुकारता, दौडा और बाहर चला गया । वो ऑडिटोरियम के बाहर हूँ की और एक खंबे के पास हो गई । मैं उसके बाद पहुंचा तो देखा उसकी आंखों में आंसू पे । मैंने उससे कहा वो रहते ही रोना बंद करूँ । वो सोचते हैं कि हम इस परफॉर्मेंस के लिए ठीक नहीं है । अपना दिल छोटा न करो यार ये उनकी सोच है पर वो तो कि नहीं उसने अपना रुमाल निकाला और रोती ही रही है । मैंने उसे चुप कराने की कोशिश करते हुए वो प्ले ही सुनो ना बंद कर हूँ । ऍम इससे कुछ फर्क नहीं पडता कि हम साथ में डांस न करें पर हम दोनों साथ में ही है । उसने मेरी तरफ देखा मैं उसे पकडना चाहता था । पर उस ने कहा मैं डांस के बारे में चिंतित नहीं हो रहा हूँ । अंजुम सर ने ये क्यों का कि कम से कम उसे परफॉर्म करने दो । क्या इस से ये पता नहीं चलता की हम दोनों साथ हैं । मुझे पता है कि वह मुझसे प्यार करते हैं पर उसका ये सोचना की किसी को इस बारे में पता ना चले । इसके बारे में सोचकर मुझे परेशानी हो रही थी । मैंने थोडा होकर उससे पूछा तुम इस बारे में इतना क्या सोच रही हो तो मुझे प्यार करती और मैं अरे हाड में जायेंगे तो नहीं हूँ । मैं किसी से डरता नहीं । उसने अपने आंसू पोंछते हुए जोर से कहा, और मेरे लिए ये बहुत मैंने रखता है । रोहन मैंने उसे समझाने की कोशिश की और कहा अब तुम ही बताओ मैं उन्हें कैसे रोक सकता हूँ । हम दोनों साथ में है और यही सच है । एक दिन ये सब को पता चल जाएगा तब हम कैसे छुपा पाएंगे । उसने अपना चेहरा मेरी ओर से घुमाया और दूसरी तरफ देखने लगी तो उसके पीछे खडे होकर उसके जवाब का इंतजार करने लगा । वो मेरी तरफ देखे बिना दूसरी तरफ चली गई जहाँ आकाश अन्य पार्टियों के साथ खडा था । उसने आकाश के कंधे पर हाथ रखकर उससे पूछा, आकाश क्या तुम वार्षिक उत्सव पर टाइम इसके लिए मेरे पार्टनर हो गए? आकाश उसकी तरफ मुडा और फिर उसने मेरी तरफ देखा । मैं उसे और होता नहीं देख सकता था । इसलिए मैंने उनसे इशारा किया । वहाँ बोलते हैं । उसने मुस्कुराते हुए उसे कहा हाँ हाँ जरूर क्यों नहीं । मैं भी एक क्वार्टर के ही तलाश में था । मैं उसके पीछे चुपचाप खडा रहा । सीने में हाथ रख के और टूटे हुए दिल किसान । उसने आकाश को धन्यवाद कहा और उसे बताया कि वो अंजुम सर के पास डांस पार्टर के रूप में उसका नाम लिखकर दे रही है । मैंने उसका हाथ पकडकर उससे पूछने की कोशिश की । मैं वही तो इस बारे में पक्की हो पर वो आगे पड गई क्योंकि वो अपने विचारों में स्पष्ट थी इसलिए उसने कहा ये जरूरी है । रोहन हमें लोगों को दिखाना है कि हम लोग कोई कपल रही हैं और इससे हमें मदद ही मिलेगी । मैंने उसे सुना और उससे एक अंतिम प्रश्न किया क्या तो मैं पक्का पता है । यहाँ सब कोई जानता है कि हमें कपल हैं । उसने जवाब दिया कि मैं इस समय सतर्क हूँ और मैं सोचती हूँ कि यही सही है । हो सकता है कि वह सही हो और मैं चीजों को अलग तरीके से देखता हूँ पर वह उसी चीज को एक नजरिये से देख रही होगी ।

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यह प्रेमकथा उन सारे युगल प्रेमियों को समर्पित है, जिनकी प्रेम कहानी हमेशा के लिए अधूरी रह गई... writer: हिमांशु राय Author : Himanshu Rai Script Writer : Shreekant Sinha
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