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रहस्मय टापू - 09 in Hindi

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12 K Listens
AuthorAditya Bajpai
प्रस्तुत उपन्यास "रहस्यमय टापू" अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक रॉबर्ट लुईस स्टीवेंसन के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी उपन्यास "ट्रेजर आइलैंड" का हिंदी रूपांतरण है। उपन्यास का नायक जिम जिस प्रकार समुद्र के बीच खजाने की खोज में निकलता है वो इसे और रोमांचक बना देता है। कहानी में जिम एक निर्जन टापू पर खूंखार डाकुओं का सामना करता है और कदम कदम पर कई कठिनाइयों का सामना भी करता है। इस बालक के कारनामों को सुन कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। सुनें रमेश नैयर द्वारा रूपांतरित ये पुस्तक हिंदी में आपके अपने Kuku FM पर। सुनें जो मन चाहे।
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राजस् पूरी तरह से तैयार खडा था । उसका पहुंचने के लिए हमें समुद्र में कई जहाजों को पार करना था । कई जगह हमें जोकर आगे निकलना पडा और कई बार बाधाओं को फलाना पडा । आखिर में जब हम अपने राजनीति पर पहुंचे तो उस पर खडे व्यक्ति ने हमारा स्वागत किया । लगता था उस व्यक्ति का जमीदार के साथ अच्छा संपर्क था । दोनों थोडी देर में ही घूमी । मिलकर बातें करने लगे हैं । जहाज का कप्तान सोमनाथ बहुत गुस्से में था । कप्तान बहुत तेज तर्रार व्यक्ति मालूम होता था जहाज के नियम कानूनों का । वह स्वयं भी पालन करता और चाहता था कि हर काम नियमानुसार हो । लेकिन उस वक्त बहुत नाराज एक नाविक ने आकर जमीदार को बताया की कप्तान उससे बात करना चाहता है । जमीदार ने फौरन का कप्तान मुझसे बात कर सकते हैं । मैं उन की हर बात मानने को तैयार है । कप्तान उस केबिन में दाखिल हुआ जिसमें जमीदार सहित हम सब बैठे थे । आते ही कप्तान ने कहा सर मैं चाहता हूँ की बातें साफ साफ की जाए । आपने जो लोग मुझे दिए हैं वो मुझे पसंद नहीं है । खास तौर पर वो ठीक नाक अत का असर तो मुझे बिलकुल पसंद नहीं हूँ हूँ । की इस बात पर जमीदार को भी गुस्सा आ गया तो कहने लगा शायद आपको ये जहाजी पसंद नहीं है । जहाज को तो मैंने अभी तक चलाकर नहीं देखा है इसलिए उसके बारे में कुछ नहीं कह सकता । फिर भी वह मुझे ठीक ठीक ही लगता है वो संभव आपको मालिक भी पता करना हो जिसमें आपको इस जहाज का कप्तान नियुक्त किया है । जमीन सामने तो नहीं कर रहा हूँ बात बिगड सी डॉक्टर ने बीच बचाव करते हुए कहा तो किए इस तरह की बातों का कोई फायदा नहीं होगा । इससे तो कटुता ही बढेगी कप्तान आप बताइए आपको ये सब कुछ कहने की जरूरत क्यों पडी सर मुझे नियुक्ति के समय कहा गया था कि एक बहुत ही गुप्त योजना को लेकर ये यात्रा की जा रही है । यहाँ तक तो ठीक है पर मैं जहाज पर जिससे भी मिलता हूँ मुझे लगता है यात्रा के असली देश के बारे में हर कोई मुझसे ज्यादा जानता है कि अच्छी बात नहीं है हूँ कप्तान आपकी शिकायत उचित है । ऐसा नहीं होना चाहिए । डॉक्टर में सहमती से से हिलाते हुए कहा हूँ, कप्तान ने अपनी बात आगे बढाई । मुझे लगता है कि हम किसी खजाने की खोज में निकल रहे हैं । ये खजाने की खोज वाला काम कुछ अजीब होता है । मैं उसे पसंद नहीं करता और यदि तलाश किसी गुप्त खजाने की हो तो मुझे और भी ना पसंद है । फिर मजे की बात ये है कि ये सारी बातें होती । कोर्स हटा दी गई है । वैसे हर एक को खुलेआम बता रहा है । कप्तान आपका इशारा चांदीराम थी की ओर है । डॉक्टर पूछता हूँ सर एकदम साफ है । मैं घुमा फिराकर बातें करने का आदी नहीं । मैं समझता हूँ कि आप दोनों को नहीं मालूम कि आप करने क्या जा रहे हैं । ये मामला जीवन और मृत्यु का है । डॉक्टर ने कप्तान को समझाते हुए कहा हमें हर खतरे का अभ्यास है । हम उसका सामना करने के लिए तैयार भी हैं । हाँ, आपने एक बात और कही थी की जहाज में जो चालक रखेंगे हैं वो आपको पसंद नहीं है । क्या वे अच्छे नाविक नहीं? कप्तान सोमनाथ ने तुरंत उत्तर दिया, मुझे पसंद नहीं है । मैं कहना चाहता हूँ चालू को का चुनाव मुझ पर छोड देना चाहिए था । मेरे दोस्त हो ना तो ऐसा ही था लेकिन यदि उसमें कोई झूठ हो गई है तो बस यो ही हो गयी इरादातन नहीं की गई । क्या आपको वापस सर क्या नाम है उसका अमर सिंह पसंद नहीं है । डॉक्टर ने देरी से पूछा नहीं मुझे वो पसंद नहीं । इसमें कोई शक नहीं कि वहाँ एक अच्छा नाविक है लेकिन बहुत अच्छा अवसर नहीं बन सकता है । उसे हर किसी के साथ बैठकर शराब नहीं पीनी चाहिए । कप्तान ने कहा, डॉक्टर ने कप्तान से कहा, अच्छा अब इन बातों को छोडिए और साहब साहब बताइए कि आप क्या चाहते हैं? मैं ये पूछना चाहता हूँ की क्या आप लोग इस यात्रा पर जाने के लिए पूरी तरह से गंभीर हैं? बिल्कुल डॉक्टर सचित्र जवाब दिया, अच्छी बात है । आपने मुझे बहुत देरी के साथ सुना होगा । मुझे उम्मीद है कि आप मेरी एक दो बातें और सुनने का कष्ट करेंगे । जहाज पर कुछ लोग अपनी बंदूकों में गोलीबारूद भर रहे हैं और वे लोग जहाज के सामने के हिस्से पर जम गए हैं । उन्हें जहाज के कैबिन के नीचे क्यों नहीं भेज दिया जाए? दूसरी बात ये है कि जो अपने चार आदमी साथ ले जा रहे हैं उनको भी केबिन के पास नहीं बुलाते हैं । और कोई बात सिर्फ एक बात और मुझे बताया गया की आपके पास उस द्वीप का नक्शा भी है जिसमें खजाना दबा हुआ है । यहाँ तक बताया गया की वह द्वीप अंडमान द्वीपसमूह के निर्जन द्वीपों में से एक है । उस द्वीप के अक्षांश और देशांतर तक लोगों को मालूम है । कप्तान ने सभी दार की ओर देखते हुए कहा जमीदार नहीं । गुस्से में लगभग जीते हुए कहा पहले तो किसी को इस बारे में कुछ नहीं बताया लेकिन लोगों को सब कुछ मालूम है । कप्तान ने कहा ये सुनकर संविधान नीचे परिष्टि और देखकर बुदबुदाया । डॉक्टर ये सब तुम नहीं अजीब नहीं बताया होगा । कप्तान ने अपनी बात जारी रखते हुए था साजन हूँ मुझे नहीं मालूम कि खजाने का नक्शा किसके पास है । लेकिन मेरा निवेदन है कि इस स्वयं मुझसे और अमर सिंह से भी गुप्त रखा जाए । वरना आप मुझे इस जहाज की कप्तानी से मुक्त कर नहीं । कप्तान की धमकी मेरी बात सुन कर डॉक्टर कुछ देर के लिए सोच में पड गए । फिर उससे पूछ रहे थे गोलीबारूद से लैस लोगों को जहाज के सामने वाले हिस्से पर जमे हुए देखकर क्या आपको इस बात का संदेह हैं कि वे लोग कुछ गडबडी कर सकते हैं? मेरा मतलब क्या वो लोग विद्रोह कर सकते हैं? कप्तान सोमनाथ ने जवाब दिया, मैं ये तो नहीं कह रहा हूँ की जहाज में बगावत हो जाने का खतरा है । लेकिन जहाज की सुरक्षा को लेकर मैं चिंतित अवश्य जहाज के एक एक व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुझ पर है । मुझे लगता है कि मामला कहीं न कहीं गडबड जरूर है । मैं आपसे यही कहूंगा कि आप पूरी तरह से चौकस रहे सर, मैंने पहले ही कह दिया है कि मैं अपना हर काम नियम के अनुसार करने का आदी । डॉक्टर चुपचाप कप्तान को देखते रहे । उनकी आंखें बता रही थी कि वह कप्तान की बात से सहमत हैं । कप्तान वहाँ से अपने केबिन में लौट गया । कप्तान के जाने के बाद डॉक्टर ने जमीदार की और मुफ्त में कहा प्यार है तो मुझे लगता है तुम्हें तो अच्छे आदमी चुन लिए हैं । एक तो कप्तान सोमनाथ और दूसरा चांदी रहा हूँ । जमींदार ने कुछ दिन चलाते हुए उत्तर दिया, चांदीराम तो सही में ठीक है पर एक कप मुझे बिल्कुल नहीं चढा । कप्तान का व्यवहार अच्छा नहीं है । इसे इस तरह से पेश नहीं आना चाहिए । इसे अच्छे नाविक की तरह व्यवहार करना चाहिए । ठीक है भाई तुम्हारी बात ही मान लेते हैं । लेकिन ये तो समय ही बताएगा कि कप्तान सोमनाथ के बारे में मेरी राय सही है या तुम्हारी डॉक्टर ने अपनी बात को समाप्त करने के दिए से कहा हम लोग जब जहाज के डेक पर पहुंचे तो देखा कई लोग अपने हथियारों और गोलीबारूद सेलेस हो रहे थे । दूर खडा कप्तान उनकी हरकते देख रहा था । थोडी देर में जहाज का रसोइया पहुंचा । वही बंदर की तरह उछलकर सामने आया तो मुझे ऐसी ही हम लोग अपने अपने काम में जुट गए थे । हमें देखकर रसोइया पूछने लगा आप लोग क्या कर रहे हैं? हम लोग अपने हथियारों में बारूद भर रहे हैं । किसी ने जवाब दिया ठीक है, ठीक है भरते रहो लेकिन तुम तो जाकर खाने पीने का प्रबंध करो । कहीं ऐसा ना हो कि लोगों के पेट में कूदते हुए चूहे लपक कर तुम्हारी गर्दन पकडते । एक नाविक ने तो ये का मजाक उडाते हुए कहा, कप्तान ने रसोई को घूम कर देखा और इशारे से समझा है कि वह नीचे जाकर खाना लगाए । वो सोया आप क्या करी? बच्चे की तरह वहाँ से दूसरी घर की और चला गया । डॉक्टरों ने कप्तान से कहा अच्छा आदमी मालूम होता है । तब सामने संक्षिप्त सा उत्तर दिया हो सकता है । फिर आपने चाहते पर काम कर रहे लोगों से कहने लगा आराम से कोई हडबडी नहीं । कुछ पल बाद एक का एक कप्तान मेरी और पलट करके है । लगा उठाओ तुम भी बहुत जाओरा सही के पास । फिलहाल यहाँ तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है । ये सुनकर मुझे बहुत बुरा लगा । मैं मनी मनी कप्तान से घृणा करने लगा । मुझे लगा इसके बारे में जिम्मेदार की धारणा ही ठीक है ।

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प्रस्तुत उपन्यास "रहस्यमय टापू" अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक रॉबर्ट लुईस स्टीवेंसन के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी उपन्यास "ट्रेजर आइलैंड" का हिंदी रूपांतरण है। उपन्यास का नायक जिम जिस प्रकार समुद्र के बीच खजाने की खोज में निकलता है वो इसे और रोमांचक बना देता है। कहानी में जिम एक निर्जन टापू पर खूंखार डाकुओं का सामना करता है और कदम कदम पर कई कठिनाइयों का सामना भी करता है। इस बालक के कारनामों को सुन कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। सुनें रमेश नैयर द्वारा रूपांतरित ये पुस्तक हिंदी में आपके अपने Kuku FM पर। सुनें जो मन चाहे।
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