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रहस्मय टापू - 08

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प्रस्तुत उपन्यास "रहस्यमय टापू" अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक रॉबर्ट लुईस स्टीवेंसन के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी उपन्यास "ट्रेजर आइलैंड" का हिंदी रूपांतरण है। उपन्यास का नायक जिम जिस प्रकार समुद्र के बीच खजाने की खोज में निकलता है वो इसे और रोमांचक बना देता है। कहानी में जिम एक निर्जन टापू पर खूंखार डाकुओं का सामना करता है और कदम कदम पर कई कठिनाइयों का सामना भी करता है। इस बालक के कारनामों को सुन कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। सुनें रमेश नैयर द्वारा रूपांतरित ये पुस्तक हिंदी में आपके अपने Kuku FM पर। सुनें जो मन चाहे।
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मैंने सुबह नाश्ता खत्म किया ही था कि जमींदार ने मुझे लंबू चांदीराम के नाम एक पत्र दिया । उन्होंने दूर से ही मुझे चांदीराम का ठिकाना भी दिखा दिया । मैं समुद्र के किनारे की भीडभाड को छेडता हुआ उस और बढा । समुद्र में बहुत सारे जहाज लंगर डाले खडे थे । चांदीराम क्लॉस तक पहुँचने में मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई । उसके लॉन्च का नाम का दूर भी है पहचानने के लिए । छत पर एक दूरबीन भी रखी हुई थी तो लॉन्च हाथो छोटा पर सुन्दर था । उसमें सात सुथरे लाल रंग के प्रति लटके हुए थे । लॉन्च के दोनों और लडकी थी और दोनों को लॉन्च के दरवाजे होते थे । वहाँ कुछ ग्राहक भी थे । इनमें से अधिकतर नाविक थे । बीतने तीस और में बातचीत कर रहे थे कि मैं एक बार तो डर ही गया और दरवाजे पर खडा रह गया । इसी बीच एक आदमी बेटर से निकल कर आया । मैं फोरन समझ गया कि यही चांदीराम उसकी हाइट कम कटी हुई थी और बाय कंधे के नीचे एक वैसा की दबी थे । लेकिन बैसाखी के सहारे वो बडी फूर्ति से चल रहा था । विलम्बित गत का और हट्टा कट्टा था । उसके चेहरे का रंग हल्का पीला था जिसपर भेदभरी मुस्कान फैली हुई थी । वह हस्ता खिलखिलाता हुआ हॉल से बाहर निकल रहा था । अपने परिचितों से घुल मिलकर बातें कर रहा था । आते जाते उनके कंधे तब तक आ रहा था जब पहली बार लंबू चांदीराम पत्र में चर्चा हुई थी । तभी से पता नहीं क्यों मुझे उसे डर लगने लगा था । मेरे मन में आ रहा था कि कहीं ऍफ पूरी ना हो, जिसका जिक्र कप्तान क्या करता था । कप्तान ने मुझे लंगडे नाविक के बारे में चेतावनी देते हुए कहा था कि वह बहुत खतरनाक है, लेकिन जैसे ही मैंने लंगडे चांदीराम को देखा, मुझे लगा कि आदमी समुद्री डाकू नहीं हो सकता है । कप्तान अंधश्रद्धा और काला कुत्ता को में देख चुका हूँ । सही मायने में ढकेल खूंखार नजर आते थे । पर ये व्यक्ति वैसा नहीं था । ये बहुत हसमुख और मिलनसार था । व्यक्ति साफ सुथरा और खुले मन का मालूम होता था । साहस बटोरकर मैं उसके पास पहुंचा हूँ । मैंने जमींदार द्वारा दिए गए पत्र को उसकी और बढाते हुए कहा चांदीराम जी नमस्कार । उसने मेरे गाल को प्यार से सब बताते हुए कहा, बेटे, मैं ही चांदीराम दुकान हो कहाँ से आएगा? मैंने जब बताया कि जमीदार साहब ने मुझे भी देकर उसके पास भेजा है तो बहुत खुश हुआ । फिर जोर से मेरा हाथ हिलाते हुए कहने लगा तो तुम हो हमारे नए कैरॅल । दूसरे मिलकर बहुत खुशी हुई । ठीक उसी समय दूर कोने में बैठे लोगों में से एक व्यक्ति इकाई तेजी के साथ था और दरवाजे की और आपका । मैं एक ही नजर में उसे पहचान गया था । उसके हाथ की दो उंगलियां गायब थी । मैंने चांदीराम से का इसे रोको । ये काला कुत्ता है चांदी । हमने अपने साथ ही फॅमिली को पकडकर मेरे पास लाओ । दरवाजे के पास खडा चांदीराम का एक आदमी उसके पीछे दौडा मेरा हाथ छोडकर । चांदीराम ने पूछा क्या कहा तुम्हें क्या नाम बताया इसका? मैंने कहा काला कुत्ता भी समुद्री डाकू इसी नाम से जाना जाता है । क्या आप को जिम्मेदार साहब ने समुद्री डाकुओं के बारे में नहीं बताया? ये उसी की रोक आदमी हैं । चांदीराम ने अपने लोगों को डांटते हुए पूछा, क्या तुम में से कोई नहीं जानता कि ये काला कुत्ता था? सब ने इंकार मैं सर हिला दिया । चांदीराम अपने लॉन्च के सभी लोगों को डाट नहीं लगा । एक कर्मचारी ने बताया, वक्त सर एक बंदे भिकारी के साथ लॉन्च में आया करता था । चांदीराम नहीं का आदमी की ओर इशारा करते हुए कहा, तुम सबसे तेज दौडने वाले हो जाओ । किसी भी तरह काला कुछ को पकडकर हमारे सामने पेश करो, उसे पकडना बहुत जरूरी है । कुछ ही देर में चांदीराम के आदमी खाते हुए वापस लौटे । सिर झुकाए हुए कहने लगे काला कुत्ता भाग निकलने में सफल रहा हूँ, उसे नहीं पढ सके । काला कुत्ता को चांदीराम के लॉज में देखकर मेरा संदेह लौट आया था । मैंने लॉन्च के खानसामे को देखा है । वो भी कुछ विचित्र सा व्यक्ति लगा । चांदीराम के चेहरे पर उदासी छा गई । वह काला कुत्ता के बच निकलने पर बहुत दुखी था । वो कहने लगा, संविधान साहब क्या सोचेंगे, उनको क्या जवाब दूंगा? रामास्वामी क्या सोचेंगे ऍम इस काम में? कृपया तो मेरी मदद करो । मेरे तो कुछ समझ नहीं आ रहा हूँ । मुझे चांदीराम पर दया आती है । हम दोनों बातें करते हुए चलने लगे । चांदीराम बहुत दिलचस्प नहीं था । वो मुझे अपनी समुद्री अनुभव सुनने लगा । उसने अनेक रोचक और रोमांचक घटनाएं मुझे सुनाई । बातें करते करते हम लॉन्च पर पहुंच गए । डॉक्टर और जमीदार ठहरे हुए थे । डॉक्टर रोड जमीदार एक कमरे में बैठे नाश्ता कर रहे थे । मैं कुछ बोलता हूँ उसके पहले चांदीराम ने उन्हें काला कुत्ता वाली सारी घटना विस्तार के साथ सुना । जमीदारों डॉक्टर को काला कुत्ता के बच निकलने पर बहुत दुःख हुआ । अब क्या भी किया जा सकता था । चांदीराम ने अपनी वैसा की उठाई और वापस मिल गया । जमीदार ने कहा, शाम चार बजे जहाज के रवाना होने की सारी तैयारी हो जानी चाहिए । जहाज के खानसामा ने बताया है कि उसकी ओर से पूरी तैयारी हो चुकी है । डॉक्टर से पूरे विश्वास के साथ का ये आदमी हीरा है हीरा आप खुद कहेंगे कि मेरा चुनाव सही था । डॉक्टर ने अपनी बात आगे बढाते हुए कहा, क्या जिनको भी हम साथ रख सकते हैं, जमीदार ने हमें सिर्फ हिलाते हुए का बिल्कुल जी आप हमारे साथ रहेगा । फिर मेरी और देखते हुए जमीदार ने कहा चलो जिम उठाओ, अपना है और कस लो अपनी कमार ।

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प्रस्तुत उपन्यास "रहस्यमय टापू" अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक रॉबर्ट लुईस स्टीवेंसन के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी उपन्यास "ट्रेजर आइलैंड" का हिंदी रूपांतरण है। उपन्यास का नायक जिम जिस प्रकार समुद्र के बीच खजाने की खोज में निकलता है वो इसे और रोमांचक बना देता है। कहानी में जिम एक निर्जन टापू पर खूंखार डाकुओं का सामना करता है और कदम कदम पर कई कठिनाइयों का सामना भी करता है। इस बालक के कारनामों को सुन कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। सुनें रमेश नैयर द्वारा रूपांतरित ये पुस्तक हिंदी में आपके अपने Kuku FM पर। सुनें जो मन चाहे।
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