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Part 5A in Hindi

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591 Listens
AuthorAditya Bajpai
अंधेरी रात में, धमाकों के बीच, अपने ही साथियों की आंख में धूल झोंक कर गंथर भाग निकला… चलने-चलते उस ने पे-मास्‍टर सार्जेंट को घायल कर दिया और रूपयों की तिजोरी अपने साथ ले ली। लेकिन गंथर ने ऐसा क्‍यों किया? एम जर्मन सैनिक की सच्‍ची कहानी जिस ने अपनी सेना के विरूद्ध जिहाद छेड़ा। Publisher - Vishv Books Writer - Ganther Bahneman
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भाग स्पाॅट पर आ गया । मुझे उस विशेष झंडे की याद आई जो मैंने कमांडो की भक्त तरबंद गाडी से उडाया था । यह तिकोना झंडा एक अद्वितीय पासपोर्ट था । डाक ले जाने वाला सैनिक फॅस तथा अन्य चेकिंग पोस्ट है । इसको दिखाकर सरलता से निकल सकता था या झंडा किसी भी परिस्थिति में सैनिक और रोकने पर प्रतिबंध लगा देता है । डाक ले जाने वाला जब कार में यात्रा करता है तो वो नेट पर इसको फहरा दिया जाता है । यहां फीते वाले अफसरों का झंडा युद्धस्थल पर कार के आगे मेलगार्ड पर लगाया जाता है । मोटर साइकिल पर सवार सैनिक इसको अपनी कमीज या कोर्ट के अंदर रखता है और सामने मिलिट्री पुलिस द्वारा चेकिंग होते देखकर उसको निकालकर दिखा देता है । झंडा देखकर सभी उसको रास्ता दे देते हैं । इसको सैनिक भाषा में कोरिया ऍम कहते हैं और ये एक जादू का पट्टा है । मुझे विश्वास था कि मेरे लिए भी यह वही काम करेगा । आप छोटा अभी गांव बंबा दिखाई देने लगा था । मैं इस से लगभग एक मील दूर हो गया । बॉम्बे सहयोग क्षेत्र समाप्त हो जाता था । यहाँ पर एक चेकिंग केंद्र था जहाँ रिजर्व तथा असैनिक क्षेत्रों में जाने वाली प्रत्येक गाडी की जांच होती थी । जो भी सैनिक इस क्षेत्र से जाना चाहता था उसको अपनी छुट्टी का परमिट जोकि डिविजनल कमांडर से प्राप्त होता था या अन्य प्रमाणित कागजात दिखाने अनिवार्य है जिससे उसका क्षेत्र में प्रवेश होना प्रमाणित हो सके । यहाँ पर दो मिलिट्री पुलिस का जवान अक्सर मार्ग पर बैरियर लगाकर रखते थे तथा सडक के दोनों ओर खडे रहते थे । उनके साथ ही एक अरबी झोपडी में रहते थे और समयानुसार अपनी ड्यूटी पर आते रहते थे । मैंने अपनी मोटर साइकिल में पेट्रोल भरा बोतल में से डटकर पानी पिया और मशीनगन की जांच की । मैंने कुछ हथगोले अपनी बैंड में खोज लिए और ल्यूगर पिस्टल तथा मैग्जीन पर लोन की जेब में रखनी मशीन पिस्टल मैंने गले में लटका ली में हथियारों का चलता फिरता भंडार बन गया हूँ क्योंकि ये बन्दों के ही पीछा करने वालों से बचने का एकमात्र साधन थी । मोटर साइकिल के बेकार हो जाने की स्थिति में पहाडों या रेगिस्तान में अधिक से अधिक अडतालीस घंटों तक बिना पानी के गुजारा चल सकता है । फिर क्या होगा ऐसे विचार मनुष्य के मस्तिष्क में आना यहाँ सी आ जाते हैं जब वह विपत्ति कौर साक्षात सामने आता देखता है । फिर भी तहस जन का झंडा मेरी कमी के नीचे था जो किसी सीमा तक मुझे शान्ति प्रदान कर रहा था । अब मैं तैयार होकर अपनी मोटर साइकिल पर तेजी से बॉम बाकी वार बढा । इस तथाकथित गांव के बाहरी क्षेत्र में पहुंचने के बाद मैंने अपनी रफ्तार बहुत तेज कर दी । डाकवाले सैनिक प्रायास तेज ही चलते हैं । छोटी छोटी झोपडियां निकल गई । वहाँ फॅमिली घूम रहे थे । तभी मैंने सडक के बीचोंबीच एक जर्मन मिलिट्री पुलिस मैन को देखा है । मुझ से लगभग एक सौ गज की दूरी पर था । एक अन्य संतरी सडक के किनारे खडा था । उसके बगल में मशीन पिस्टल लडकी हुई थी । वो दोनों मुझे देख रहे थे जी वही मैं उनके पास पहुंचा । पुलिस वालों ने क्रोधित होकर मुझे रोकने का यह नहीं किया । मैंने कमी के नीचे से झंडा निकालकर दिखा दिया । उसे झाड मैं लगभग और सैनिक के पास आ गया । जब सडक के बीच में खडा था दूर से तो वहाँ एक बिंदु के समान देख रहा था । फिर भी मैं ताड गया था कि उसके मुंह ऊपर बोझ लग रहा है । एक भारी ट्रक सामने से आ रहा था और तभी मामला गडबड हो गया । साइड कार में से भयंकर धानी निकली और कोई वस्तु मोटर साइकिल की तेल की टंकी से टकराई हूँ । पेट्रोल की मोटी धार फूट निकलिए जिससे मेरा दाहिना पैर तार हो गया । जब मैंने ट्रक से बचने के लिए मोटर साइकिल मोडी तो टायरों में से एक भयानक चिंघाड निकली । मैंने देखा कि पेट्रोल कहाँ से निकल रहा है । तभी मुझे टंकी में से एक बडा छेडना चलाया । मुझे रफ्तार धीमी करने का साहस नहीं हुआ और मैंने एक हाथ से टंकी का छह बंद कर दिया जिससे गर्म इंजन तथा मेरे कपडों पर तेल की धार रुक जाए । पेट्रोल में आप क्यों नहीं लगी? ये रहस्य मेरी समझ में आज तक नहीं आया । मेरी पतलून पेट्रोल में तार थी और मैं किसी भी समय जलती मशाल के रूप में परिवर्तित होने की प्रतीक्षा कर रहा था । मुझ पर मशीन पिस्टल वाले पुलिस मैंने गोली चलाई हूँ । उसका कारण मुझे गया था क्योंकि बिल्ली ने अब सारा भेद खोल दिया था और रिपेयर डिपो का इस चेकिंग चौकी से टेलीफोन संपर्क था । फॅमिली को तंबू से निकलने में कुछ समय अवश्य लगा होगा । तभी सूचना देर से पहुंचे वरना पुलिस मार्ग पर कुछ ठोस बाधा आवश्यक खडी कर देती । अधिक गोलियाँ भी मुझ तक नहीं पहुंच सकीं क्योंकि बीच में डाॅॅ आ गया था और यह मेरा सौभाग्य था । मुझे गोलियों के चलने की आवाज नहीं सुनाई पडी क्योंकि ऍसे अधिक तेजी से जा रहा था । परंतु तेल की टंकी के मुझे स्पष्ट था कि बॉम्बे में क्या हुआ है । यहाँ से चढाई आरंभ हो गई थी और अब मुझे निशाना बनाना सरल था । आधे घंटे के बाद मैं सडक छोडकर इटालियन कैंप की ओर चल पडा या मिलीजुली ॅ प्रतीत होती थी । संसार भर की सेनाओं में केवल इटालियन सेना में ही मिले जुले सैनिक होते थे जब तक में तंबुओं तथा ट्रकों की पहली पंक्ति तक नहीं पहुंचा हूँ । मैं बराबर पीछे मुडकर देखता रहा कि कोई मेरा पीछा तो नहीं कर रहा है और किसी ने मुझे सडक छोडकर ॅ तो नहीं देखा है । एक तम्बू का चक्कर लगा घर में सैनिकों के एक समूह में आ गया और एक खा के पीछे जाकर रुक गया हूँ तो यहाँ से सडक साफ दिखाई दे दी थी पर सडक से व्यवस्था नहीं दिखाई देता था । मेरा पीछा करने वालों के लिए इस स्थान पर मुझे पहचानना कठिन था । ऍम एक सैनिक में मेरा अभी वादा किया, मैंने अपनी ॅ और मुझ से कपडा हटाकर का । फॅमिली को वो धुएंॅ हूँ । उसने कहा और अपना हाथ आगे बढा दिया । मैंने हाथ मिलाया हूँ । हाँ मैं तुम्हारी भाषा बोल लेता हूँ । मैंने उत्तर दिया । बहुत से जाॅन भाषा सीख गए थे जबकि बहुत कम ॅ पाए थे । उस ने मेरा हाथ जोर से दबाया और ध्यानपूर्वक मेरी ओर देखते हुए कहा क्या तुम घर से आ रहे हो? मैंने उसका बताया कि मैं सीधा वहीं से आ रहा हूँ और मैंने मोटर साइकिल की टंकी का छेद प्रमाणस्वरूप उसको दिखाया । मैं हैरान हो गया । दस सेकंड के अंदर ही मैं प्रशंसक सैनिकों से गिर गया । जब वातावरण को जान हुआ तो मैंने बताया कि एक अंग्रेजी लडाकू विमान ने मुझ पर आक्रमण किया और उसकी मशीन गन की गोलियों से मेरी मोटर साइकिल की तेल की टंकी में या छेद हो गया । ऐसे वीड की प्रशंसा सभावित थी । चारों ओर से विमान और उसके चाला को कोसा जाने लगा । ये बातचीत कुछ समय तक चलती रही । फिर मैंने मोटर साइकिल से उतरते हुए संकेत दिया कि ऐसा वीर जलपान का अधिकारी है । सीसी अम्मी को और किसी ने चियान थी । कॅश शराब की एक बोतल आगे बढा दी । इसके दो चार घंटों ने मुझे ताजा दम कर दिया । यहाँ अभी मैं देखा प्रेमी नहीं हूँ फिर भी मैं दोपहर की कडी धूप में धीरे धीरे इसको पीता रहा हूँ । मैंने बोतल और सैनिक और हम आते हुए पूछा कि क्या कुछ खाने को मिल सकता है । उसने मुझे अपने पीछे आने का इशारा किया । मैं अधिक दूर तक नहीं जाना चाहता था क्योंकि मुझे भावी आपत्ति की आशंका थी । मुझे संदेह ताकि मोटर साइकिल के चारों ओर एकत्र एक समूह दूर से दिखाई पड सकता है और ऐसी अवस्था में कुछ भी हो सकता है । हम एक तम्बू में पहुंचे जो कि लगभग तीस गठजोड था हूँ और मैं एक पेट्रोल के टेन पर बैठ गया । उसी झंड मुझे किसी ढांचों की चमक दिखाई नहीं ये जमा कर लूँ । एक मील दूर पूर्व की ओर इसी सडक पर थी जिससे मैं आया था । मैंने भाग लिया की है, पीछा करने वाले हैं । फिर एक छान के बाद मैंने दो मोटर साइकिलों को जिनमें साइट कार्य भी थी । पहचान लिया तो बहुत तेजी से आ रही थी । एक मिनट के बाद मैंने देखा कि है मिलिट्री पुलिसदल था जिसमें चार सैनिक थे और सभी मशीन पिस्टलों से लैस थे और वो मेरा ही पीछा कर रहे थे । मेरे बॉम्बे से रवाना होने के कुछ घंटों के बाद चले थे । यहाँ ये लोग इसके आंध्र में यह पता लगाने आएंगे कि मैं घर से निकला हूँ । मैं इसी विचार मैनिटोबा हुआ था । रहने कटाते जा रहे थे । पर उन्होंने अपनी रफ्तार बिलकुल धीमी नहीं और सीधे चले गए । उनका यह विचार होगा कि मैं इतना मूर्ख नहीं हूँ कि अपने मित्र राष्ट्र के कैंप में जाकर सहज की विपत्ति में फस जाता हूँ । उसी झंड मुझे ऐसा लगा कि पीछा किए जाने वाले उस व्यक्ति या पशुओं को बच निकलने का अधिक अवसर मिलता है जो कुछ अप्रत्याशित कार्यकारी बैठता है । मैं हमारे खाने को कुछ लाता हूँ । मेरे गाडी वाले मित्र सैनिक ने कहा घाटिया आदमी को मैंने कहा मैं भोजन के अतिरिक्त तुम्हारे अन्य कार्यों के प्रति भी आभारी हूँ । कुछ मिनटों के पश्चात व्यवस्था की ताजी रोटी तथा डब्बाबंद मारो और जी आंटी ले आया हूँ । मेरे इस नए मित्र का नाम तो नहीं था । वे सामने बैठ गया और मैं खाता रहा हूँ । फॅसने तो झावर डब्बा मेरी और बढा दिया हूँ । नहीं नहीं धन्यवाद मैं सिगरेट नहीं पीता । मैंने उत्तर दिया । उसने सिगरेट सुलगा ली और धुआँ उडाने लगा । कुछ फॅस हमारे पास आई हूँ । मैं इसी सोच में था कि अब और अधिक ना हैं और मार्कस आध्यक्ष ओझल ना हो जाए । मेरी दृष्टि बराबर वाले रास्ते पर टिकी हुई थी । एक इटालियन ने सैनिकों के विषय में प्रश्न पूछने आरंभ कर दी है जो कि मोर्चे पर लड रहे थे । उसने सारा मजा किरकिरा कर दिया । हाँ, ऍम डिवीजन को जानता हूँ । मैंने उत्तर दिया मुझे क्या था की तो ग्रुप के मोर्चों पर उन्होंने किस प्रकार हथियार डालकर पीछे मुडकर भी नहीं देखा था । हम इंग्लिश को दिखा देंगे कि मुसोलिनी और उसके सैनिक क्या कर सकते हैं । एक सैनिक नहीं कहा पहले नम्रतापूर्वक सर हिलाकर उस की बात को स्वीकार कर लिया और वो खडा हुआ । मेरे विचार से आप लोग तो ग्रुप से अंग्रेजों को आवश्यक ही निकाल कर भगा देंगे । मैंने कहा जंगली ऑस्ट्रेलियन अपनी लंबी संगीनों से ट्रेंटो डिवीजन का मुकाबला नहीं कर सकते । ये कभी मुझे क्या था कि इसी फॅमिली लें । बीस किलोमीटर हटाकर उनके स्थान पर जर्मन सैनिकों को तैनात कर दिया था तो नी मेरे साथ मेरी मोटर साइकिल तक मुझे पहुंचाने आया । मेरे पास अधिक समय नहीं था । मैंने भोजन के लिए उसे धन्यवाद दिया और जब मैं मोटर साइकिल पर बैठा तो उसने अपनी जेब से तस्वीर वाला कार्ड निकाला और मुझे देते हुए कहा इसे रख लो आदमी को जब तो मोर्चे पर लडोगे यह तुम्हारी रक्षा करेगा । मैंने ले लिया और देखा कि उसमें माँ मरियम तथा बच्चे की तस्वीर बनी हुई थी । धर्म में इनकी कितनी आस्था है? मैंने सोचा जब इनको ज्ञात है की ऐसी तस्वीरें गोलियों और बमों से रक्षा कर सकती है तो ये लोग युद्ध में हथियार डालकर क्यों भाग जाते हैं? मैंने कार्ड अपनी कमीज की जेब में रख लिया तो नी से हाथ में लाने और अन्य सैनिकों से हाथ मिलाकर विधा लेने के बाद में तेजी से सडक पर आ गया और पश्चिम की ओर वीजा बाल विदा की तरफ रवाना हो गया । बेकिस्तान की दाहिनी तरफ कुछ मील की दूरी पर समुद्र था और बाकी और पर्वत श्रृंखलाएं क्योंकि मार्ग से आगे दूर तक दिखाई पड रहे थे । मुझे चलते चलते आधा घंटा बीता होगा कि इंजन में से एक तेज गडगडाहट हुई और मोटर साइकिल झटके के साथ हो गईं । तेल बह रहा था और मुझे तुरंत ही ज्ञात हो गया की गाडियाँ बेकार हो चुकी है । उसकी कॅण्टकी थी और कौन रोड अंदर धंस गई थी । मैं मोटर साइकिल से उधर पढा और चारों तरफ देखने लगा । मुझे कुछ चट्टानें दिखाई थी जो कि लगभग दस फीट ऊंची थी और मार्क कैन इकट्ठे नहीं । इनके पीछे छिपने का स्थान था जहां से सडक पर आने जाने वाली गाडियां मुझे नहीं देख सकती थी । अपनी पूरी शक्ति लगाकर मोटर साइकिल को कोसता हुआ मैं उसको किसी प्रकार चट्टानों के पीछे ले गया । शाम के चार बज रहे थे परंतु रेगिस्तान में भयंकर गर्मी थी । दस सेकंड से भी कम समय में मैंने अपनी पानी की बोतल समाप्त कर दी । मैं चुप चाप बैठा सोचता रहा कि आप क्या होगा पर मेरी समझ में कुछ भी नहीं आया । इस भयंकर गर्मी में बैठना भी कठिन था । मैंने मोटर साइकिल खींच कर एक उपयुक्त स्थान पर खडी कर दी । उसके हैंडल तथा चट्टान के ऊपर बीच में ग्राउंड शीट रिकवर की दरी बिछा दी । आप छाया हो गई थी पर वह छाया भी बहुत गरम नहीं । मैं उसके नीचे लेट किया और मशीन पिस्टल पास रखते हुए सोने का यात्रा किया । इस गाडी के टूट जाने से मेरे मन में निराशा उत्पन्न हो गई थी और गर्मी ने इस निराशा पर और दबाव डाल दिया था । मैं शाम के समय जहाँ कोठा मक्खियाँ विदा हो चुकी थी । अब हाथों को भी कुछ आराम मिल गया था जब की निरंतर मक्खियों को बढाने में व्यस्त रहे थे । देर ना कई मील दूर था । वहाँ जाने से पहले एक पठार पर बनी लेकिन चौकी पर रोकना आनी बारे था । उसके बाद मोडदार ढालू सडक थी जो कि डेरना पहुंचा दी थी । बेटा जाने का प्रश्न ही नहीं उठता था क्योंकि सम्भवता मार्ग पर चेकिंग चौकी के अतिरिक्त कुछ अन्य बाधाएं भी खडी कर दी गई थी । किसी अन्य व्यक्ति की गाडी में बैठकर निकल जाना भी असंभव था । मुझे स्पष्ट दिखाई दे रहा था कि मैं भयंकर विपत्ति में फंस चुका हूँ और कोई भी आसाधारण कम उठाए बिना समस्या हाल नहीं होगी । मुझे ज्ञात हो गया की मेरा काम किसी गाडी से नहीं चल सकता और मुझे किसी ना किसी प्रकार कोई गाडी उडानी ही पडेगी जिससे मैं सारी रानी का पहुंच सकूं । आपके ढाई चुका था । मैंने साइड कार का सारा सामान उलट दिया और उसमें से बहुत जरूरी सामान, झांकिया, मछली का एक टेन खोलकर मैंने भोजन किया और उसी के साथ कुछ बिस्कुट खायेगा कट कर पानी पिया । जब तक मेरा बेटा नहीं भरा पूर्ण अंधकार छा चुका था । मैं खडा हो गया हूँ । मैंने अपने डॉट डाली और अपनी टूटी मोटर साइकिल के पास आ गया । मैंने उसको धकेलकर आगे ले जाना आराम कर दिया और अंत में एक चट्टान के पास आ गया जिसके सामने गहरा गड्डा था । मैंने अपनी पूरी ताकत लगाकर गाडी को गड्ढे में धकेल दिया और वह गायब हो गई । वापस आ घर मैंने दूर कहीं कुछ मोटरों के आने की आवाज सुनी । कुछ ढक सडक पर से होते हुए निकल गए । अग्रिम मोर्चे पर जा रहे थे मैं पारावुर मैंने अपने सामान को अच्छी तरह मान लिया । वो काफी बडा बण्डल बन गया । उसमें सभी आवश्यक वस्तुएं थी मगर गाडी की कमी मुझे घटक रहे थे । मैंने टॉर्च की रोशनी में मशीन हॉस्टल को तेल डालकर साफ किया । उसी प्रकार दोनों ल्यूगर पिस्टल भी साफ किया । उसके बाद मैंने उनमें गोलियाँ भर दी । आप मुझे विश्वास हो गया कि इन पर निर्भर रहा जा सकता है । मशीनगन कर साइड कार में से उतार का मैंने ग्राउंड सीट में लपेट लिया । गोलियों से भरा हुआ वक्त बहुत भारी था । मैं उसे बडी कठिनाई से भूमि पर उतारकर रख सका । एक पलता विचार आया कि मशीन घंटा था । उस भारी बक्स को यही छोड दो और अंत में मैंने उन को साथ ले जाने का निर्णय किया । मुझे गाडी की आवश्यकता थी इसलिए सभी हथियार आवश्यक है क्योंकि मेरी स्थिति में फसा हुआ व्यक्ति केवल अपने हथियारों पर ही निर्भर है सकता था । मैं आधे घंटे तक किसी गाडी के आने की प्रतीक्षा करता रहा हूँ । तभी मुझे दूर उसी दिशा से जैसे मैं आया था । धीनी सी ध्वनि सुनाई दी । इंडियन का शब्द संताने में काफी समय लगा । रात को रेगिस्तान में कई मील दूर से आती हुई गाडी की आवाज सुनाई पड जाती है मैंने अपनी अगर पिस्टल आपने बोट में ठोस ली और टॉर्च हाथ में लेकर मैं सडक बढा गया । मैं उत्सुकता से मोटर का शब्द सुनता रहा हूँ नहीं ये जानने को उत्सुक था की आने वाली गाडी ट्रक है या कार जर्मन है या इटालियन । अनेक अंग्रेजी पकडी गई गाडियाँ भी इटालियन तथा जर्मनों द्वारा प्रयोग की जा रही थी । ऍम रहे थे तथा रात स्वच्छ थी । मैं काफी दूर तक देख सकता था । मेरे मस्तिष्क में या विचार कौन चुके थे कि इटालियन गाडी होने पर मुझे क्या करना है जर्मन होने पर क्या यदि वास्तव में मिलिट्री पुलिस हो तो क्या करना है? अंतिम विचारों ने एनआईआरसी मुझे अपने सामान के पास पहुंचा दिया तो मैंने एक हथगोला निकाल लिया और दौड कर सडक पर आ गया । मैंने उसकी क्या बता दी और उसको पतलून की जेब में रख लिया । आने वाली गाडी एक ट्रक था, फॅमिली है । मैंने उसे इंजन की तीखी धनी से पहचान लिया हूँ । मैंने टॉर्च जला दी और उसको अपने बगल में खडा होने का संकेत दिया । एक विशाल फीएट रख तुरंत ही सामने आ गया । सामने की बत्तियां बहुत ही हुई थी परंतु पीछे एक लाल बल्ब चल रहा था । ट्रक आगे जाकर हो गया और ड्राइवर ने बाहर जाएगा । तुरंत मेरे मुंह पर प्रकाश पडा जिसमें नीले रंग की कार्बाइन की नाल मेरी और तनी हुई थी । ड्राइवर ने फिर टॉर्च मेरे मूड पर डाली जिससे मैं कुछ दिनों के लिए बिल्कुल गंदा हो गया । फॅस को मैंने ड्राइवर से कहा मुझे चाहिए मेरी मोटर साइकिल टूट गई हैं । राष्ट्रीय बच गई । धवार खुला और एक भारी भडका मेडालियन गाडी से नीचे उतर आया । मैं मुझे से दो फिर दूर आकर खडा हो गया ना । मम्मी को उसने डाटते हुए प्रश्न किया और कार्रवाई ने अपनी बगल के नीचे दबा ली । फिर उसने अपनी जेब से कागज निकाला और टॉर्च की रोशनी में उसे दिखाने लगा । उस ने मेरा नाम पूजा एक साल में मेरे मस्तिष्क में ही है । विचार दौडाया की बम बाकी चेक चौकी पर उस को चेतावनी दी गई है कि मुझे पकडेंगे तो सबको इस बात का पता लग चुका है और ये बात भी सभी जन गए हैं कि जो मेरे साथ नहीं है, मेरा नाम उस कागज पर लिखा हुआ था जिसको इटालियन देख रहा था ।

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Voice Artist

Sound Engineer

अंधेरी रात में, धमाकों के बीच, अपने ही साथियों की आंख में धूल झोंक कर गंथर भाग निकला… चलने-चलते उस ने पे-मास्‍टर सार्जेंट को घायल कर दिया और रूपयों की तिजोरी अपने साथ ले ली। लेकिन गंथर ने ऐसा क्‍यों किया? एम जर्मन सैनिक की सच्‍ची कहानी जिस ने अपनी सेना के विरूद्ध जिहाद छेड़ा। Publisher - Vishv Books Writer - Ganther Bahneman
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