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38. Delhi Chalo Delhi Chalo in Hindi

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AuthorNitin
क्रन्तिकारी सुभाष Author:- शंकर सुल्तानपुरी Author : शंकर सुल्तानपुरी Voiceover Artist : Raj Shrivastava Producer : KUKU FM
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दिल्ली चलो दिल्ली चलो बाॅन पहुंचे । यहां पर उन्होंने सिंगापुर जाने के लिए एक बोर्ड ते की, जिसके चालक फर्नांडिस टीचर ने बडी कुशलता के साथ सुभाष को सिंगापुर तट पर पहुंचा दिया । उसने यात्रा के दौरान सुभाष के अनजाने में उनका एक चित्र खींच लिया । जिस समय सुभाष के सिंगापुर पहुंचने की सूचना भारतीय स्वाधीनता संघ को मिली, समग्र सिंगापुर में उमंग और उत्साह की लहर हो गई । वहाँ पर सुभाष का जब भूतपूर्व स्वागत हुआ, वह सिंगापुर के इतिहास में बी जोड हैं । भारतीय स्वाधीनता संघ की जो जटिल समस्या उलझी हुई थी और जिसे सुलझाने में जापानियों और भारतीयों के बीच रस्सा कशी चल रही थी, उसे सुभाष ने पूर्ण गया सुलझा दिया । यहाँ आकर उन्होंने देखा कि भारतीय स्वाधीनता संघ और आजाद हिंद फौज के बीच मतभेद की शाखाएं पनप रही है । सुभाष ने इस मतभेद को बडी कुशलता के साथ समाप्त कर दिया । उन्होंने भारतीय स्वाधीनता संघ और आजाद हिंद फौज दोनों को एक पेड की दो शाखाओं के रूप में अपने अपने विकास के लिए परस्पर निर्भर बताया और अब ये स्वीकार कर लिया गया कि संघ अभिभावक कमेटी है, किंतु उसका पद पूछा नहीं माना जाएगा । सिंगापुर के प्रथम ऐतिहासिक सम्मेलन के अवसर पर सुभाष के नेतृत्व में दक्षिणपूर्व एशिया की भारतीयों ने भारत के स्वाधीनता आंदोलन का उपयुक्त ढंग से शुभारंभ किया । इस अवसर पर सुभाष ने अध्यक्ष पद से भाषण देते हुए कहा पूर्व एशिया में भारत स्वाधीनता आंदोलन का नेता चुनकर आपने मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा प्रदान की है उसके लिए मैं आप लोगों को अपनी अंतरात्मा से धन्यवाद देता हूँ । मैं ये उत्तरदायित्व स्वीकार करता हूँ किन्तु ऐसा में परम सेवा ही दिया था की भावना से कह रहा हूँ और मैं प्रार्थना करता हूँ कि ईश्वर मुझे अपने कर्तव्य को पूर्ण करने की शक्ति दे जिससे अपने देशवासियों और प्रवासी भारतीयों को पूर्ण सन्तुष्ट कर सकू । किसी दिन आजाद हिंद फौज ने टाउन हॉल के समक्ष शानदार परेड की । इस अवसर पर सुभाष ने फौज को अत्यंत ओजपूर्ण स्वर में संबोधित किया । भारत की स्वाधीन सेना के सिपाहियों आज करेंगे मेरे जीवन का सर्वाधिक गौरवशाली दिन है । आज मुझे समस्त भारत को यह सूचित करते हुए अपार गौरव और अद्भुत आनंद का अनुभव हो रहा है कि भारत की स्वाधीन सेना का निर्माण हो गया है । ये फौज भारत को स्वतंत्र ही नहीं करेगी । वन स्वतंत्र भारत की भावी सेना का निर्माण भी इसी के द्वारा होगा । मेरे साथियों और सैनिकों हमारा नारा होगा दिल्ली चलो दिल्ली चलो सैनिक होने के नाते आपको सजा तीन आदर्श अपने सामने रखने हैं विश्वास, पात्रता, ऍम और बलिदान । मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सदैव आपके साथ रहूंगा । अधिकार और प्रकाश में, दुख सुख में तथा जय पराजय में भी । ये बात महत्वहीन है कि भारत की आजादी देखने के लिए हम में से कौन जिंदा रहेगा । हमारे लिए इतना ही काफी है कि भारत आजाद होगा और इसे आजाद कराने के लिए हम सब अपना सर्वस्व समर्पित कर देंगे । इस समय में आपको भूख, प्याज और संघर्ष के अतिरिक्त कुछ नहीं दे सकता हूँ । भगवान हमारी सेना को आशीर्वाद दे और भावी युद्ध में विजय प्रदान करें । इन्कलाब जिंदाबाद, आजाद हिंद जिंदाबाद, उपस् थित जनसमूहों और सेना के सिपाहियों ने अनुभव किया कि आज उन्हें वास्तविक नेता मिला है जो वास्तव में स्वतंत्रता प्राप्त करा सकता है । आजाद हिंद फौज ने नेताजी को सलामी दी । उस समय जनरल तो जी भी उपस्थित थे । उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा, निश्चय ही सुभाष चंद्र बोस स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति होंगे । जापान को भारत पर किसी राष्ट्रपति को लादने का अधिकार नहीं है । सुभाष ने दक्षिण ही जनरल तो जो के वक्तव्य का खंडन करते हुए अपनी सद्भावना प्रकट की । स्वतंत्र भारतीय जनता जिसे चाहेगी उसे अपना प्रथम राष्ट्रपति चुनेगी । मैं तो स्वतंत्रता का सेवक मात्र हूँ । सुभाष के सारगर्भित वक्तव्य पर उपस्तिथ जनसमूह मंत्र मुग्ध हो था । उत्साह से सराबोर होकर गगनभेदी कर कल ध्वनि की ।

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क्रन्तिकारी सुभाष Author:- शंकर सुल्तानपुरी Author : शंकर सुल्तानपुरी Voiceover Artist : Raj Shrivastava Producer : KUKU FM
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