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भारतीन मेरे माता पिता कुछ दिन मेरे साथ रखना चाहते हैं और यहाँ तक की उन्होंने अपने साथ कुछ दिन मेरे होमटाउन गुवाहाटी में चलने के लिए जोर डाला । पर मैंने उन्हें बताया कि इस वक्त मेरे पास बहुत काम करने के लिए हैं । मुझे नहीं जॉब की तलाश करनी है या फिर गंगा से मिलकर उसी कंपनी में फिर से कोशिश करनी पडेगी । फिर मुझे अपने वकील, दोस्त और इन यारों से भी मदद लेनी है । मेरे डाॅट रखना चाहते थे और अपने प्रभाव का प्रयोग करना चाहते थे परन्तु मेरे दोस्तों ने मुझे पूरी मदद करने का वादा किया । सीनिया काम से विदेश कहीं हुई थी इसलिए टॉम हमारे साथ ही रह रहा था । हाँ और श्री न्यायिक नए अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गए थे । सिंधी और जेम्स यहीं पर साथ में रह रहे थे । हिंदी ने लिया बहुत ही स्वादिष्ट पास्ता बनाया । मैंने पे घर खाया । उन्होंने मेरी खूब खातेदारी की । मुझे उनकी इस आप भगत से बहुत खुशी हुई । जैरी को महर के बिना अच्छा नहीं लग रहा था । अभी उसे विदेश से आने में कुछ वक्त था । तुरंत गौरी के बारे में सोचने लगा । फिर से मैं काल्पनिक दुनिया में खोने लगता । पता नहीं ऐसा क्या हुआ कि मुझे महसूस होने लगा कि नवेद मेरे साथ हैं । प्यार में किसी भी हद तक पागल पंथी की जा सकती हैं । जल्द ही मेरा तलाक होने वाला था और मैं था कि वो उसे वापस लाने के सपने देख रहा था । पता नहीं क्यों मुझे ऐसा लग रहा था वो मेरी जिंदगी में जरूर वापस आएगी । मैंने खुद से वादा किया कि मुझे बहुत मूर्ति बनाया गया, पर अब नहीं । ठीक है मेरे साथ बहुत गडबड हुई । पर यह सब प्यार के लिए ही तो था । मुझे अभी तक ये नहीं पता था कि आखिर ट्रस्टी नहीं, क्रिकेट की भांति रंग क्यों बदल लिया । मुझे ऐसा लग रहा था । सोमेश ने उसे जो डाला होगा, पर उसी के विपरीत उन दोनों का भी तो हाल कम हो गया था । शायद कुछ ऐसा था जो मेरी नजरों के सामने नहीं आ रहा था या फिर जिसके बारे में मुझे जानकारी नहीं थी । मैंने पास्ता खा लिया था और सबसे खास बात मैंने सिंडी को पहली दफा हिंदी भाभी कहकर पुकारा था । उसे बहुत पसंद आया । जेम्स मुझसे नाराज था क्योंकि जब अमेरिका में था तो मैंने उसे कुछ भी नहीं बताया था और मुझे सब कुछ अकेले ही सहन करना पडा । उसने मुझसे वादा किया, अबे मेरी तरफ रहेगा और मेरी भरसक मदद करने की कोशिश करेगा । जेरी काम पर बाहर गया हुआ था । टॉम और जेरी हर तरह की कॉंटैक्ट खोज रहे थे जिस वजह से केस को जल्दी से जल्दी अपने पक्ष में किया जा सके । अगर पुलिस का कोई कॉन्ट्रैक्ट मिल जाए तो सोने पे सुहागा जैसा था । तभी टॉम खुशी के मारे चलना उठा । तभी उसने बताया कि डीआईजी विद्यानाथन हैं जिन्हें हमने केदारनाथ में बहने से बचाया था । मैं भी खुशी के मारे उछल नहीं लगा । हाँ, तैयार हुआ तो अपने दिल जीत लिया ऍम वहाँ मुझे आज है । उसने साफ तौर पर कहा था जब हमें उसकी मदद की जरूरत हो, हमारी मदद करेगा । मैंने कहा था पुलिस वालों की ना दोस्ती अच्छी है और न ही दुश्मनी । तो मैं याद है । तब उसने तुम्हारा जवाब क्या दिया था तो हमने हसते हुए पूछा । अरे हाँ बोला था जब जरूरत पडेगी तो याद कर लेना । सब सभी ठहाका मारकर हंसने लगे । मुझे याद है मिस्टर विद्यानाथ उस वक्त डीजे थे पर फिर भी बहुत सामान्य पडता था । उनका शायद इसलिए भी हो क्योंकि हमने उनको एक तेजधारा में बेहती नदी में डूबने से बचाया था । अगर उस दिन हम उन्हें ना बचाते तो भगवान जाने मेरा जाते हैं । स्वर्ग हमने उन्हें बचाया । उसके बाद उन्होंने हमें अपनी जानकारी दी । पर दुर्भाग्य वर्ष हम उसे खो चुके थे । अब ये खोजना हमारा काम था । नीलीबत्ती वाला था । जेम्स बीच में बोल पडा टाउन से पूछने लगा श्री ने ऐसे क्यों नहीं मदद मांगते हो? आखिर उसके पापा भी तो पुलिस अफसर हैं जिन्होंने नील की उस पाप झगडे से निकलने में मदद की थी । मैं इस बात को कहने में थोडा असहज था । फिर भी चीन से बात कह दी तो हम उनका होने वाला जवाब है ज्यादा उसके नजरिया से भी सोचे, वह क्या सोचेंगे? मुझे पता है भाई मैंने उनसे बात की है पर कभी मिला नहीं हूँ । चलो फिर मुझे लगता है मिस्टर विद्यानाथ से मिलना बेहतर विकल्प है । मुश्किल से सात मिनट के अन्दर चेंज ने मिस्टर वी के बारे में सब कुछ पता कर लिया । उसने मुझे बताया कि मिस्टर भी भारत सरकार के साथ काम कर रहे हैं । उन्होंने प्रधान सेक्रेटरी के तौर पर काम किया है । पुलिस डिपार्टमेंट में उनका बहुत प्रभुत्व हैं । टॉम जेम्स और मैंने यह निर्णय लिया कि एप्वाइंटमेंट फिक्स करने के बाद हमें मिस्टर भी से मिलना चाहिए और हमें उनका एप्वाइंटमेंट मिल गया । मिस्टर जी को हम सभी के चेहरे याद है । उनके ऑफिस का स्टाफ इतना विनम्र था । उसने हमें अंदर जाने की अनुमति दे दी । हमें उनसे अगले दिन मिलने की अनुमति प्राप्त हुई । पूरा दिन अपने दोस्तों को जेल की कहानी सुनाते हुए बीता । मैंने इन से कुछ नहीं छुपाया । बहुत बुरा वक्त था । शाम के वक्त गौरी नेट ऑन तो बनाया था । रहने का आग्रह चाहती थी । में घर से गलती से उठा ले आया था । काम नहीं रह संदेश मुझे सुना दिया । मैंने उसके हालचाल लिए तो हमने बताया कि मैं शांत हो और मैंने और मकैनिकल हो गई है । इससे पहले भी टॉम से कई बार मिल चुकी थी तो हमने उसे मनाने की भी काफी कोशिश की । पर्व अपनी भाजपा अटल थी । गौरी घर में अपने अंतिम सुनवाई से बस कुछ ही महीने दूर थे । उसके बाद हम दोनों को तलाक की अनुमति दे दी जाएगी । अभी दोनों तरफ के माता पिता ने बीच बचाव नहीं किए थे । पर मुझे विश्वास था एक वक्त बात कुछ आता होगा । मेरे माता पिता ने पहले मुझे खलनायक मान लिया था, पर मैं उनका पुत्र था । इसीलिए उन्होंने माफ कर दिया था । अगले दिन सुबह नौ बजे इससे पहले गौरी क्लीनिंग जाती है । अपने कागजात लेने आ गई । मैंने उससे फैसलों की सोची और जो भी उसकी जरूरत के कागज हूँ ले जाने के लिए कहा है । मान गई सच कहूँ तो मैं फिर से शुरुआत करना चाहता था । मेरे लिए अजनबी लग रही थी पर हमारे बीच का संबंध बहुत पुराना था जो मुझ से जुडी हुई थी । मैं इस बात को अपनी रग रग में महसूस कर सकता था । मैं उसके दिमाग को पढना चाहता था । आखिर में कहाँ सफल हो रहा था कहाँ पर वह मुझ से दूर होकर अजनबी बन गई । शायद मैं बिंदु पकडा नहीं पाया । तोड जा चुकी थी । हाँ तो टाइम ने मुझे फटकार लगाई कि मुझे उसे रोकना चाहिए था । शायद यहीं पर समस्या बनी हुई थी । मुझे उसे तब रोकना चाहिए था । कुछ बनाना चाहिए था और मेरा असफल होना जारी था । मैं खुद को बेगुनाह साबित करना चाहता था और उसके बाद कौरी पर निर्णय छोड देना चाहता था । टाउन ने मेरा आत्मविश्वास जगाया । उसने मुझे कहा इससे फर्क नहीं पडता है । पहले कैसी थी अब तुम्हें उसका नजरिया समझना चाहिए । आखिर में क्या गलत सैनी पाले हुए हैं । मुझे अपनी तरफ से भरसक प्रयास करनी चाहिए । गाडी कोई विश्वास था कि मैं खुद को बेगुनाह नहीं साबित कर पाऊंगा । इसलिए ये मेरे लिए सत्य और असत्य की लडाई जैसी थी । मुझे पता था पर जब टॉम ने मेरा आत्मविश्वास बढाया तो मैं कुछ बेहतर महसूस करने लगा । अब हम नेस्टर विद्यानाथ से मिलने चलती है । हम उनके ऑफिस समय से पहले पहुंच गए । मैं उनसे मिलने के लिए प्रसन्न और उत्साहित था । आपसे निष्कपट व्यक्ति थे । उन्होंने बताया कि वह मुझे टॉम की खोज कर रहे थे । वे हमें हमारे साहस के लिए सम्मान देना चाहते थे । इस बात में हमें प्रोत्साहित कर दिया और हम तुरंत अपनी बात पर पहुंच गए । हमें उन की मदद की जरूरत थी । हमने उन्हें बताया कि मीडिया और पुलिस वाले मेरे पीछे थे । उन्होंने पूरी जानकारी उसके बाद उन्होंने पूछा कि मैं ही वो शख्स हूँ जो उस पब के इसका हिस्सा था । जब मैंने सुनिश्चित कर दिया तो मैं हसने लगे । तब उन्होंने चाय मंगाई और हमें सहज क्या? तब उन्होंने बताया की उन्होंने ही तो मुझे जेल से निकलवाने में मदद की थी । यह सोन हम खामोश हो गए हो गया । सच कहूँ तो मेरे सिर में थोडा दर्द होने लगा । हमें ऐसी जानकारी मिली थी जो कई टैराबाइट की थी जो बस को शहरों में एक इंसानी दिमाग से होकर गुजरनी थी । जिस वजह से बहुत गंभीर सर दर्द भी हो सकता था और कुछ लोगों का मानना है बाद में यह गंभीर बीमारी का रोल भी ले सकती हैं । पर मैं उन भाग्यशाली लोगों में से था जो बच गए । मिस्टर विद्यानाथ ही सेनिया के पिता जी थे और हमें इसकी जानकारी ही नहीं थी । हमें ये बात अभी पता चली नहीं । ऍम की तरफ देखा और खाना तो उसी की तेरे ससुर ऍम किसी तरह अपनी हंसी रोक रहा था । मिस्टर ली ने शाम को गोल कोर्ट में उनके साथ खेलने के लिए बुलाया । हमने उनकी भाजपा नहीं । उसके बाद उन्होंने हमसे कुछ प्रश्न पूछे जिनका हमने खुशी खुशी जवाब दे दिया । सारी बातें बहुत ही सहज रूप से होती नहीं है । मिस्टर ने हम से ज्यादा क्या? अगर मेरी कोई गलती नहीं होगी और मैं गलत तरीके से फंसाया जा रहा होगा तो मुझे पक्के तौर पर न्याय मिलेगा । ये हो सकता है । इसमें काफी वक्त और मेहनत लग जाए । फॅमिली रहेगा
Producer
Sound Engineer