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रहस्मय टापू - 26 in Hindi

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AuthorAditya Bajpai
प्रस्तुत उपन्यास "रहस्यमय टापू" अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक रॉबर्ट लुईस स्टीवेंसन के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी उपन्यास "ट्रेजर आइलैंड" का हिंदी रूपांतरण है। उपन्यास का नायक जिम जिस प्रकार समुद्र के बीच खजाने की खोज में निकलता है वो इसे और रोमांचक बना देता है। कहानी में जिम एक निर्जन टापू पर खूंखार डाकुओं का सामना करता है और कदम कदम पर कई कठिनाइयों का सामना भी करता है। इस बालक के कारनामों को सुन कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। सुनें रमेश नैयर द्वारा रूपांतरित ये पुस्तक हिंदी में आपके अपने Kuku FM पर। सुनें जो मन चाहे।
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मैंने एक मिनट का समय होना भी उचित नहीं समझा । रस्सी पकडकर मैं तत्काल जांच के ट्रैक पर पहुँच गया । हाँ कोई नजर नहीं आ रहा था । एक और एक खादी और टूटी हुई बोतल बडी हुई थी । समुद्र के हिचकोलों से बोतल इधर उधर लुढक रही थी । एक का एक राजहंस तेज हवा के चपेट में आ गया । हवा के झोंके उसे पूरी तरह से जब छोडने लगे थे । मेरी नजर जहाज पर एक और पडे दो चौकीदारों पर बडी उनमें से एक पीठ के बंद पडा हुआ था और उसकी दोनों बाहें फैली हुई थी । उसका मुंह खुला हुआ था जिसमें से उसके दम बाहर की ओर जाग रहे थे । साफ लग रहा था कि वह मर चुका है । दूसरा व्यक्ति स्ट्राइक था । वहीं इसराइल जो का जब का तो अच्छा था । वह एक बैनर पर चुका हुआ था । उसकी दाडी उसकी छाती पर टिकी हुई थी । उसका चेहरा सफेद पड गया था और गहरी पीडा के कारण उसने तियां भीच रखी थी । उन दोनों के आसपास लकडी के फर्श पर खून के छींटे थे । ऐसा लग रहा था कि दोनों में जमकर झगडा हुआ है । उनमें से एक तो निश्चित ही मर चुका था और दूसरा भी मरणासन्न मालूम हो रहा था तो मैं ध्यान से उस ओर देख रहा था और सोच रहा था कि शराब के नशे में धुत उन लोगों में किस बात को लेकर झगडा हुआ होगा । एक का एक स्ट्राइक के शरीर में थोडी हलचल दिखाई दी हूँ और उसके कराने की आवाज सुनाई पडी पीडा में भी हुई । उस कहाँ से मेरा मन पसीज गया परंतु उसी समय मुझे जहाज पर उस रात की वह घटना याद आई जब सेल निकालते समय मैंने चुपके से स्ट्राइक वो चांदीराम की बातचीत सुन लेती हूँ और चांदीराम ने साथ ही इसराइल ने भी हम सब लोगों को मौत के घाट उतार देने का षड्यंत्र रचा था हूँ । किसी भी उसके प्रति जो करूणा मेरे मन में उपजी थी वो तुरंत गायब हो गई । इस साइड में गर्दन मोडी मुझ पर नजर पडती । वो बुदबुदाया ग्रांडी मैं चुप चाप सीढियां उतरते हुए कैबिन में चला गया । वहाँ से शराब के सारे बैरल गायब हो चुके थे । बहुत सारी बोतलें भी गायब थी । सारा सामान देखना पडा था । लगता था वहाँ लोगों में जमकर संघर्ष हुआ है । दर्जनों खाली बोतलें फर्श पर पडी थी और जहाज के हिचकोलों के साथ आपस में टकरा रही थी । डॉक्टर की मेडिकल पुस्तकों में से एक टेबल पर खुली पडी थी । उसके आधे से अधिक पृष्ठ फट गए थे । शायद उन का उपयोग सिगरेट या पाइप्स उठाने के लिए किया गया था । उन सब के बीच अभी तक ऍम चल रहा था । उससे धुलाई हुई । रोशनी किमती मार रही थी । मैं कैबिन के एक और बने छोटे से स्टोर की ओर गया । कुछ देर खोजबीन करने के बाद मुझे बोतल मिली, जिसमें थोडी सी ब्रांडी थी । वहाँ कुछ बिस्कुट भी थे । मैंने अपने लिए बिस्कुट, पानी की बोतल, पानी का एक टुकडा और इस्राइल के लिए ब्रैंडी की बोतल उठा ली । उन्हें लेकर मैं देख कर आ गया । मैंने थोडे से बिस्कुट है और जी भरकर पानी दिया । उसके बाद मैंने ब्राॅन स्टाइल को थमा दी । वाॅयस में बहुत सारी ब्रांडी पी गया । अब उसकी जान में जाना नहीं थी और प्रसन्नता के साथ ठीक है । मैं क्या बातें? बिजली की कसम में स्वस्थ ब्रांडी की बहुत जरूरत थी । मैं तत्काल वहाँ से पीछे किसका ताकि उसकी पकडा से बाहर हो जाऊँ । मैं एक कोने में बैठकर बिस्कुट और पनीर खाने लगा । मैंने उससे पूछा काफी चोट लगी है । उसने जोरदार हुंकार भरी । फिर कुछ देर दम लेने के बाद कहने लगा, यदि वह डॉक्टर यहाँ होता तो कुछ ही घंटों में बिल्कुल ठीक कर देता हूँ । लेकिन मेरी किस्मत ही खराब है तो भी देखो मेरी क्या हालत हो गई है । फिर गर्दन मेरी और घुमाते हुए पूछने लगा तुम यहाँ कैसे आए? अच्छा मैंने गर्व से सीना फुलाते हुए कहा हूँ, मैं यहाँ इस जहाँ पर कब्जा करने आया हूँ । अब मैं इस जहाज का कप्तान हूँ । उसने मुझे आंखे तरेर कर देखा और मुझ से कुछ नहीं कहा । मैंने जहाँ पर फहराते हुए डाकू के काले झंडे को उतारकर समुद्र में फेंक दिया । फिर में लौटकर अपने स्थान पर बैठकर बिस्कुट खाने लगा हूँ । वो बडे ध्यान से मेरी ओर देख रहा था । उसने मुझसे दोस्ती बढाने के लिए कहना शुरू किया । कप्तान जिम ईश्वर आपकी रक्षा करें । मैं समझता हूँ कि आप भी चाहते होंगे की जहाज किनारे पर लगे और आप आप ऊपर पहुंच जाए । बेशक में चाहता हूँ । जितना जल्दी संभव हो हम किनारे पर पहुंच जाएगा । इसराइल का स्वर्ण और भी विनम्र हो गया । वह कहने लगा, पांचवी अच्छा हूँ कि हम एक दूसरे की सहायता करें । आप मुझे कुछ खाने पीने का सामान और गांव पर बनने के लिए कपडा लाकर दे दो । मैं आपको बताऊंगा कि जहाँ आपको किस प्रकार चलाया जाता है । मैंने सहमती में हांक कर दी और साथ ही उसे बता दिया । एक बात स्पष्ट हो जानी चाहिए हम खजाने के पास वाले क्षेत्र में जाकर अपना जहाज खडा नहीं करेंगे । मैं चाहता हूँ कि उत्तर की ओर किसी शांत स्थान पर ले जाकर जहाज का लंगर डाला जाए और वहाँ हम लोग कुछ देर रहे । ऍम कप्तान जीव आप जैसा कहेंगे वैसा ही करने तो मैं विवश हूँ । यदि आप चाहे तो मैं जहाँ को घर की ओर वापस ले जाने में भी आपका सहायक हो सकता हूँ । बिजली की कसम आपको कहीं से कोई भी दिक्कत नहीं आएगी । मैं इसराइल के जख्मों पर बांधने के लिए कपडे की तलाश में कैबिन में उतर गया । मैंने वहाँ की अपनी संदूकची से रेशम का वो बडा सा रुमाल निकाला जो मेरी माँ ने मुझे यात्रा पर रवाना होने से पहले दिया था । लौटकर में नहीं साइड की जान में लगेंगे रहेगा हूँ को माल से बांध दिया । उसके बाद कुछ खाने और ब्रांडी के कुछ शूट करने से उतारने के बाद वह सीधा तनकर बैठ गया हूँ और उसकी आवाज तेज और दमदार हो गई थी । वो एकदम बदला हुआ आदमी नजर आ रहा था । वो हवा पूरी तरह से हमारा साथ दे रही थी । जहाज मछली की तरह तैरता हुआ तेजी से आगे बढ रहा था । हम चार और पहले छोटे छोटे द्वीपों के बीच से निकलते हुए पहाडियों से घिरे टापू के उत्तरी भाग की ओर बढ रहे थे । मैं जहाज की नहीं नहीं कप्तानी से बहुत पसंद था । मौसम उछला योजना और खुला हुआ था । मेरे पास पानी और भोजन भी काफी मात्रा में था इसलिए मैं निश्चिंत था तो मुझे इस बात का दुख अवश्य की । मैं अपने मित्रों को छोडकर आ गया हूँ । पर तो इसे लेकर अब मुझे कोई चिंता नहीं बल्कि इस बात का संतोष था कि उनके लिए मैं राजहंस लेकर जा रहा था । फिर भी रह रहे कर मेरे मन में संशय उतर रहा था । इसराइल क्या लगातार मुझ पर जमी हुई थी? मैं जिधर भी जाता हूँ मेरा पीछा करते हुए मालूम होती है । उसके चेहरे पर एक विचित्र मुस्कान फैली हुई थी । उसकी आंखों और उसके चेहरे से दृष्टता झांक रही थी । हूँ तो जब भी मेरी और देखता हूँ मुझे लगता मन ही मन कोई षड्यंत्र चढा है ।

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प्रस्तुत उपन्यास "रहस्यमय टापू" अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक रॉबर्ट लुईस स्टीवेंसन के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी उपन्यास "ट्रेजर आइलैंड" का हिंदी रूपांतरण है। उपन्यास का नायक जिम जिस प्रकार समुद्र के बीच खजाने की खोज में निकलता है वो इसे और रोमांचक बना देता है। कहानी में जिम एक निर्जन टापू पर खूंखार डाकुओं का सामना करता है और कदम कदम पर कई कठिनाइयों का सामना भी करता है। इस बालक के कारनामों को सुन कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। सुनें रमेश नैयर द्वारा रूपांतरित ये पुस्तक हिंदी में आपके अपने Kuku FM पर। सुनें जो मन चाहे।
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